चुदाई का चस्का पार्ट 6 – दीदी की चुदाई करने गाँव गया Hindi Threesome Sex Story : हेल्लो दोस्तो, मे राजेश फिर से आप के सामने अपनी नई हिंदी सेक्स स्टोरी लेके आया हु. यदि आप ने इस हिंदी सेक्स स्टोरी का पहला भाग नहीं देखा तो पहले उसे पढ़े लिंक निचे इस सेक्स स्टोरी के अंत में दिया हुआ है. इस हिंदी सेक्स स्टोरी के पिछले वाले भाग में आप ने पढ़ा था की मेडिकल स्टोरी वाली सविता भाभी मैंने छोड़ चढ़ कर प्रेग्नेंट कर डाला था और अब वो मेरे बच्चे की माँ बन्ने वाली थी. सविता भाभी को प्रेग्नेंट होने की वजह से डॉक्टर ने सेक्स न करने की सलहा दी.
सविता भाभी ने मुझे ये बात बतादी और कुछ तेरे लिये जुघाड करुंगी ये भी वादा किया. दो तीन दिन ऐसें ही निकल गये, अब मुझे चुदाई की आदत लग गयी थी. खाली खाली मन नही लग रहा था. तभी अपनी बहन रेखा दीदी की बात याद आगयी और मेने सोचा क्यो ना अपनी बहन की चुदाई करने के लिये गाँव चला जाये. मेने गाँव मे रेखा दीदी के डॉक्यूमेंट लाने का बहाना बताकर माँ से परमिशन ली. और गाँव जाने की तयारी की अब आगे- मे शनिवार को दोपहर की गाडी से गाँव पोहच गया. जाते जाते शाम हो गयी थी.
चुदाई का चस्का पार्ट 6 – दीदी की चुदाई करने गाँव गया Hindi Threesome Sex Story
मे घर पोहच गया. मेरी चाची ने और मेरी बुवा ने मेरा बहुत अच्छा स्वागत किया. पर मेरी नजरे रेखा दीदी को ढुंढ रही थी. रेखा दीदी किधर नजर नही आ रही थी. मे ने बुआ से पुछा,रेखा दीदी दीदी दिखाई नही दे रही है? बुवा बोली होगी यही कही किसीं सहेली के घर…तभी दौडते हुवे रेखा दीदी दरवाजे से अंदर आ गयी. रेखा दीदी मुझे देख एकदम उत्साह के साथ आकार मुझे गले लगाने ही वाली थी तभी उसने सामने बुवा को देख अपने होश संभाले.रेखा दीदी ने मुझे पुछा अरे राज तुम कब आये. मेने कहा अभी अभी ही पोहचा हु. चलो अब फ्रेश हो आओ तब तक हम खाने की तयारी करते है, रेखा दीदी ने एक प्यारी मुस्कान के साथ कहा.
मे भी फ्रेश होकर बाहर आंगन मे जाकर बेठा. रेखा दीदी ने मुझे चाय लाके दी और धीमी आवाज मे कहा इतने दिन क्यो लगे आने मैं. मेने कहा कुछ बहाना नही मिल रहा था आने के लिये. अब क्या मिला तुझे बहाना रेखा दीदी ने मेरी चुटकी काटते कहा. मेने रेखा दीदी से कहा माँ से तेरे डॉक्यूमेंट पोहचाने का बहाना बताकर तेरी चुदाई करने आया हूँ. मेरी बहन रेखा अपनी चुत मसलते हुए अंदर चली गयी. करिब 8 बजे रेखा दीदी दीदी ने मुझे खाना खाने के लिये आवाज दि. मे भी अंदर जाकर खाना खाने को बैठ गया. हम सब लोग साथ मे ही खाना खाने बैठ गये.
चाची ने मुझे पुछा, राजेश बहुत दिन बाद गाँव की कैसे याद गयी. मेने भी तुरंत जबाब दिया ,चाची वो रेखा दीदी दीदी के डॉक्यूमेंट देने थे ना इसलीये आया हु. तेरे को क्या गाँव आने को कोई बहाना ही चाहीये क्या, अब हर छुट्टी को आते जा , चाची ने बडी जोर डालकर कहा. मेने भी उनके हा मे हा मिला के रेखा दीदी की और देखा. रेखा दीदी अपनी खुशी छुपाने का नाकाम प्रयास कर रही थी. हम सब ने खाना खाकर आंगन मे जाकर गप्पे मारने बैठ गये. कुछ समय की बातचीत के बाद चाचा और चाची सोने चले गये.अब मे मेरी बुवा और रेखा दीदी ही आंगन मे गप्पे मार रहे थे. कुछ समय बाद बुवा बोली ,चलो अब सोने के लिये बहुत रात हुवी है.
तभी रेखा दीदी ने कहा राज तुम मेरे कमरे मे ही चलो सोने के लिये, बाहर हॉल मे तुम्हे निंद नही आयेगी. बुवा भी बोली हा राज तू रेखा दीदी के साथ बैडरूम मे बैड पर सोजाओ , तूम्हे आदत नही होनगी ना नीचे सोने की, मे और पिंकी बाहर हॉल मे सोजाती हु. मेने कहा नही बुआ आप सोजाओ रेखा दीदी के साथ बैडरूम मे मैं हॉल में नीचे सोजाता हु. बुवा बोली नही मेरा भाई क्या बोलेगा मुझे की ,मेरा बेटा इतने दिनो बाद गाँव आया और बुवा ने उसे नीचे बाहर सुलाया. नही नही तुम अंदर बैडरूम में ही सोना. मेरे मन मे तो रेखा दीदी दीदी के साथ बैडरूम मेंही सोने का था मगर थोडी नौटंकी तो करनी ही थी. मेने कहा ठीक है बुआ मे जाता हु अब सोने को, थक गया हु यात्रा मे.
अब मे अंदर अपनी बहन रेखा के बैडरूम में चला गया. और कपडे बदल कर बैड पर लेट गया. मे रेखा दीदी की बडी आतुरता से राह देख रहा था. कुछ समय बाद रेखा दीदी आगयी. आते ही उसने फटाक से दरवाजा बंद कर मेरे उपर तूट पडी. मुझे बेताहाशा चुंमने लगी. तभी मेने देखा की दरवाजा खुला है. मेने उसे बहुत ही धीमी आवाज मे कहा दरवाजा तो बंद करो. रेखा दीदी भी होश मे आकार दरवाजा बंद करने गइ और दरवाजा बंद कर वापस आकार मेरे उप्पर टूट पडी. रेखा दीदी को रोकते हुवे मेने कहा, कंहा है मेरा सरप्राइज दीदी….??? रेखा दीदी ने मेरे होटो को चुमते हुए कहा सब्र करो मेरे राजा भैया सब्र का फल मीठा होता है. मेने उसके होटो को काटते हुवे कहा नही मुझे मिठा फल नही चाहीये, जो भी हो वो अब चाहीये.
रेखा दीदी ने भी जबाब मे मेरे होट काटते हुवे कहा अब ये खट्टा फल खाले कल तुझे मिठा फल मिल जायेगा. मेने भी उसके रसिले होटो को चुमते हुवे कहा आज तो इस खट्टे फल को निचोड निचोड के खाउगा. मेरी बहनरेखा दीदी मेरे होटो को चुंम रही थी, चुस रही थी. माहोल एकदम रोमांच से भर गया तथा. मेने भी उसके गर्दन के पिछे हाथ डालकर उसके गर्दन को पकडे बडी रोमॅंटिक स्टाईल मे उसके होटो को किस कर रहा था. रेखा दीदी और मे अब पुरी तरह सेक्स करने के मुड मे आने लगे थे. मेने मेरा एक हाथ उसके कुर्ते के उपर से ही उसके बोबे के उपर रख दबा दिया. वेसे ही वह सिहर उठी, और मुझे दुगनी रफ्तार से किस करने लगी.
मेने भी अपनी सेक्सी बहन का स्तनमंथन जोर से शुरू किया. करिब पाच मिनिटं बाद हम दोनो ने एक दुसरे के सारे कपडे उतार दिये. हम दोनों भाई बहन पुरे नंगे एक दुसरे के सामने थे. तभी मेने मेरी बहन को बोला लाईट बंद करदो दीदी . मेरी बहन ने बैडरूम की लाईट बंद कर जिरो ब्लब जला दिया. पुरे कमरे मे धीमी लाल रोशनी छा गयी. ऊस लाल रोशनी मे रेखा दीदी दीदी का बदन और भी मादक लग रहा था. मेने उसे खिचकर बैड पर लिटा दिया. उसके पैरो की उंगली को मेरे जबान से चाटते हुवे उपर की तरफ जाने लगा. रेखा दीदी के बदन मे मानो करंट दोड गया.जेसे जैसे मे उसके पैरो को चुंम रहा था वैसे वैसे वो आहे भर रही थी.
अब में अपनी बहन की जांघो तक आ गया उसकी जांघो को चाटने के बाद मै थोडा उपर चाटने लगा. रेखा दीदी ने अब आखे बंद कर बैड शीट को अपने दोनो हाथो से दबोचे अपने होटो को दातो मे दबोचे एक प्यारी आह भरी. उसकी आवाज तेज थी.मेने उसे आवाज कम करनेका इशारा किया. अब मे उसकी चुत तक आ गया , मगर मे उसे और तडपानां चाहता था. उसकी चुत के बाजू से किस करते हुवे मे उसके पेट तक पोहोच गया और उसके नाभी मे अपनी जुबान डाल चाटने लगा. रेखा दीदी नीचे मानो चुदाई के लिये तडप रही थी.
मेने अब धिरे धिरे पेट पे किस करते हुवे बोबे के निप्पल तक पोहच अपनी जुबान निप्पल पे घुमा दी. उसने अब मेरे सर के बालोमे हाथ डालकर सेहलाना शुरू किया मेने भी अब एक हाथ उसके दुसरे बोबे पर ले जाते हुवे एक बोबे का निप्पल मु मे भर चुसने लगा और दुसरे को दबाने लगा. रेखा दीदी अब पुरी तरह से गरम होगयी थी. उसके पैरो ही हलचल सब बयान कर रही थी. दोनो बोबे की बारी बारी चुसाई के बाद मे मुडकर 69 पोजिशन मे आ गया और उसकी चुत को चुंम लिया. अपनी जुबान से उसकी चुत की पँखुडियो को बाजू कर चुत के छेद मे जुबान लगा दि. मेरी जुबान के स्पर्श से रेखा दीदी ने अपने कुल्हे उठा दिये. मेरा पुरा लंड मु मे भर चुसने लगी. मेने भी उसकी चुत चाटना शुरू किया. अब मेरी बहन की चुत से पानी रिज रहा था.
करिब पाच मिनिटं बाद रेखा दीदी ने कहा बस करो भाई अब अपनी बहन को और मत तडपाओ अब डाल दो नही तो मे बिना चुदवाये ही झड जाऊगी. अब मे उठ कर उसके दोनो पेर अपने कंधो पे लिये अपना लंड उसकी चुत पर घुमाँकर उसके छेद का मुवायना किया और एक झटके मे ही अंदर डाल दिया. चुत गिली होने की वजह से बडी आसनी से लंड अंदर चला गया. मगर झटका इतना जबरदस्त था की रेखा दीदी को तकलीब हुवी उसने कहा आराम से राज . अब मेने उसकी चुत मे लँड अंदर बाहर करना शुरू किया. रेखा दीदी भी जोश मे आ रही थी. मे अपनी बहन के पेर नीचे कर उसके दोनों पैरो के बीच आ गया. रेखा दीदी के उपर लेट कर उसकी चुत मे लंड अंदर बाहर कर उसके बोबे दबाकर ,होटो को किस करने लगा.
रेखा दीदी भी अब पुरे आगोश मे मुझे चुंम रही थी. नीचे से कमर हिलांकर मेरा साथ दे रही थी. मे तो सातवी आसमान मे था. मेरा लंड मानो फटने को आय था. तो मे थोडा रुक गया. वह फील मुझे जादा समय लेना था. रेखा दीदी मानो जोश मे थी , वह नीचे से कमर उठा के खुद ही चूदवा रही थी. 1 मिनिट रुकर मेने भी वापीस लंड अंदर बाहर करना चालू किया. लंड धीमी गती से उसकी चुत मे अंदर बाहर करने लगा. वाह क्या फील था. मे पुरा लंड बाहर निकाल अंदर डाले जा रहा था. लंड चुत मे पुरा घुसाकर दबा रहा था, चुत से निकले पानी से लंड और मेरा अंडा तक भिग गया था. रेखा दीदी बडी कामुक सिसकीया ले रही थी. अब उसका सब्र तूट गया वो अब उसकी गांड जोर जोर से उठाने लगी. मे समज गया अब रेखा दीदी अपने चरम पर आ गयी है. मेने भी अपनी बहन को ठोकने की स्पीड बढा दी और जोर जोर से चोदने लगा.
मे तेजी से धक्के लगाने लगा. रेखा दीदी के मुह से दर्द के कारण जोर – जोर से आवाजे निकली, मेने वैसे ही उसके मु पे हाथ रखा और अपने धक्को की स्पीड बढा दि. आवाज नही होनी चाहीये इस लिये चुत पे लंड दबाके अंदर बाहर कर रहा था. मगर चरम पे पोहच ने के बाद मे भी कंट्रोल न कर सका और जोर से आवाज की परवाह किये बिना ही लंड अंदर बाहर करने लगा. चप चप ढप की आवाज होने लगी एक जोर दार धक्के के साथ मे और रेखा दीदी एक साथ ही झड गये. कुछ पल के लिये जोर से आवाज हुवी थी इसलीये , मुझे डर लगा की आवाज बाहर किसींने सुनी तो नही. मेने रेखा दीदी के उपर गीर उसके कानो मे कहा. रेखा दीदी ने कहा मत टेंगशन ले इतनी आवाज बाहर नही जाती. मे भी थोडा रिलॅक्स हो कर बिना लंड बाहर निकाले रेखा दीदी के उपर ही लेट गया.
कुछ पल मे ही हम लोगो को निंद आ गयी. हम भाई बहन नंगे ही एक दुसरे से चिपके हुए सो गये. करिब 2 घंटे बाद रेखा दीदी ने मुझे उठाया. उसके बाद हम भाई बहनों ने एक बार फिर चुदाई करी और फिर से नंगे ही एक दुसरे को चिपकर सो गये. सुबह 8 बजे रेखा दीदी ने मुझे फिर से उठाया और बोला की भाई सुबह हो गयी है जल्दी से कपडे पहनो नहीं तो कोई देख लेगा. हम दोनोने कपडे पहने. मे वापस लेट गया और सोने का नाटक करने लगा. रेखा दीदी बाहर चली गयी. करिब 15 मिनिट बाद मे उठकर बाहर आया. बाथरूम जाकर नहा धोकर तैयार हो गया. रेखा दीदी भी नहा धोकर तैयार होकर मुझे नाष्टा लेकरं आई और मेरे कानो मे कहा सरप्राईज के लिये तैयार हो जाओ.
मेने भी नाष्टा किया और बाहर आंगन मे जाकर बेठ गया. करिब 10.30 बजे रेखा दीदी बाहर आई और मुझे कहा चलो राज कही घुम आते है. मे भी बैठे बैठे बोर हो रहा था तो बोला चलो. हम लोग चलते चलते गाँवसे आधा किलोमीटर दूर आ गये थे. सब तरफ खेत ही दिखाई दे रहे थे. कुछ दूर चलने के बाद मेने रेखा दीदी से पुछा,हम कहा जा रहे है. तो रेखा दीदी ने हाथो के इशारे से मुझे एक खेत मे दिख रहा घर दिखाया. मुझे लगा शायद रेखा दीदी मुझे वहा चुदवाने ले जा रही है. मे ने उससे पुछा वहा क्या है.उसने मुझे कहा तेरा सरप्राईज. मेरी भी उत्सुकता अब बढ गयी थी. करिब पाच मिनिटं चलने के बाद हम वहा पोहच गये. रेखा दीदी ने मुझे कहा तुम यंहा रुको मे आती हु.
करिब 2 मिनिट बाद रेखा दीदी ने मुझे आवाज दि भाई अंदर आ जाओ. मे अंदर गया, घर पुराना मिट्टी से बना हुवा था मगर बहुत बडा था. मे अंदर जाने के बाद रेखा दीदी को आवाज दि , तो अंदर के रुम से रेखा दीदी की आवाज आई. अरे यंहा आओ. मे अंदर गया तो रेखा दीदी नीचे बैठी थी और रेखा दीदी के सामने एक लंडकी बैठी थी. रूम मे जादा रोशनी नही थी तो मुझे वह ठीक से दिखाई नही दे रही थी. तभी मेने कहा अरे अंधेरे मे क्यो बेठो हो. लाईट जलाओ. तभी रेखा दीदी उठी और लाइट जलाई. रेखा दीदी ने लाईट जलाई वैसे ही मुझे वह लंडकी दिखी. लंडकी गोरी चिट्टी और एकदम मस्त माल थी. भरा हुवा बदन, मिडीयम साईज के मम्मे कायामत लग रही थी.
मेने उसे ठीक से देखा तो वो वही लंडकी थी जिसे मे बहुत चाहता था उसका नाम अंजली था. जब भी मे गाँव आता था तब हम लोग बहुत खेलते थे. बचपन से ही मे उसे चाहता था. अंजली मेरे उमर की याने 18 साल की थी. तभी रेखा दीदी बोली राज पेहचाना क्या. मेने भी सर हिला कर हा मे जबाब दिया. रेखा दीदी अब हमारे साथ बैठ गई. तभी रेखा दीदी ने मुझे कहा तुमने कभी माडी पी है क्या.
हमारे गाँव मे नारीयल जैसा एक पेड मगर उसके पत्ते थोडे अलग रहते है ऊस पेड से निकला रस को माडी बोलते है. गाँव मे नशा करने को उसे पिते है. कुछ मात्रा मे उसे दवाई के रूप से पिया जाता है.उसके 2 ग्लास पिने से एक बियर इतनी नशा चढती है. मेने रेखा दीदी से कहा मेने कभी नही पी. तभी रेखा दीदी ने कहा पियेगा क्या? मेने कहा , मुझे भी ट्राय करनी थी लाओ. तभी अंजली उठी और बाजू मे रखा मटका ले आ गयी और 3 ग्लास भी ले आयी.
मेने अंजली से पुछा ,तुमने कभी पी है. अंजली बोली यार हमारी तो घरकी खेती है, मे नही पिऊनगी यौ कैसा. उसने बात करते करते तीन ग्लास भरे. हमने एक एक ग्लास उठा लिया. मेने उसे पिया उसका स्वाद मुझे थोडा खट्टा मिठा लगा. मुझे बहुत पसंद आया. मेने एक ग्लास फटाक से पी लिया. रेखा दीदी बोली आराम से पहली बार पी रहा है. मे ने अंजली से कहा और एक भरो ऐसें ही हम लोगो ने 3-3ग्लास पी लिये. अब उसका असर होने लगा था, मुझे बडा मस्त लग रहा था. मेरी हिम्मत मानो दुगनी हो गयी थी.तभी मेने रेखा दीदी से पुछा ए , कहा हे मेरा सरप्राईज. रेखा दीदी बोली सरप्राईज तो तेरे सामने है. मे कुछ समजा नही.मे पुरा नशे मे आ गया था.
मेने अंजली के और देखा और कहा अंजली!!!!! मे नशे मे पुरे जोश मे अंजली को मेरी तरफ खिचा वो मेरी गोदी मे आकार गीर गयी और उसे कहा अंजली मे तूम्हे बहुत चाहता हु. तभी रेखा दीदी बोली ये महारानी भी तुझे चाहती है और तेरे से अपनी चुत चुदाई करवाना चाहती है. ये सूनते ही मे मानो खुशी से उछल गया. मेने अंजली को उठाया और उसे गले लगा लिया. उसने भी मुझे आलिंगन दि. अब मेने उसके होटो पे अपने होट रख उसे किस करने लगा. वो भी मुझे बेताहाश चुंमने लगा.उस सेक्सी लड़की ने अपने जिस्म पर गाऊन पेहन रखा था. रेखा दीदी बोलीं कैसा लगा सरप्राईज. मेने कहा. मेरे जिंदगी का सबसे बडा. अंजली को पाकर मे बेहत खुश था. मे उसके जिस्म को मानो भुके शेर की तरह चुंम रहा था.
नशे की वजह से माहोल और भी रोमांचभरा लगने लगा. अंजली भी मानो बहुत दिनो की भुखी शेरनी की तरह मुझे चुंम रही थी. तभी नीचे मेरी पॅन्ट पे कुछ हलचल महसुस हुवी. रेखा दीदी मेरी पॅन्ट की चैन खोल रही थी. मे अंजली के बोबे दबाते दबाते उसे चुंम रहा था. मेंने अंजली का टॉप उतार दिया. उसने ब्रा नही पेहनी थी . उसके मिडीयम साईज के बोबे खुले हो गये. उसपे गुलाबी छोटे निप्पल देख मे उनपर तूट पडा. जेसे ही मेने उसके बोबे के निप्पल अपने मुह में लेकर चुसना शुरू किये वैसे ही वो जोर जोर से सिसकीया लेने लगी. अहआआआआआआ राज आय लव यु…..आहाआआ आआआआआआआआ. म्म्मम्म्मम्म्मम.
नीचे रेखा दीदी ने मेरा लंड पेंट से बाहर निकाल चुसना शुरू किया 6 इंच का लंड मानो लोहे के माफिक कडक हो गया था. मेने अब रेखा दीदी को रोका और अंजली को नीचे बिठाकर उसके मु मे लंड डालदिया. वो भी बडी प्यार से लंड चुसने लगी.रेखा दीदी ने मेरे होटो पर होट रख किस किया दो मिनिट बाद रेखा दीदी अंजली के पिछे गयी. रेखा दीदी ने अपने सारे कपडे उतार दिये अंजली मेरा लँड घोडी की पोजिशन बना चुस रही थी. रेखा दीदी ने पिछे से उसकी सलवार चड्डी उतार खिंच दि और उसकी चुत पर अपना मु घुसा चाटने लगी. रेखा दीदी जैसे चाटती वैसे अंजली का जोश बढता और वो लंड जोर से चुसने लगती. मुझे बहुत ही मजा आ रहा था.
मेने अब अंजली को उठाया. उसे नीचे लिटाकर उसकी चुत की तरफ मुह घुमाया. क्या चुत थी उसने उसे शायद आज ही साफ किया था. उसकी चुत मुझे रेखा दीदी के चुत के सामने बहुत ही छोटी लग रही थी. मेने अपनी जुबान अंजली के चुत पे जैसे ही घुमाई , वैसे ही वो उछल पडी. रेखा दीदी ने अब अपना मोर्चा अंजली के बोबे की तरफ किया . वो उसके बोबे चुसने लगी. मे नीचे से उसकी चुत चाट रहा था. अंजली मानो तडप उठी उसने मेरा सर उसकी चुत पे दबा दिया और जोर जोर से आवाज करते गांड हिलाने लगी. आहाआआय आआआआम्म्मम्म्मम्म्म…राजज्जजज्जज्ज….. आह्हाआआआआ… आम्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म. और वो मेरे मु मे झड गयी. मेने अब रुक कर रेखा दीदी को उसकी चुत चाटने को कहा. अब रेखा दीदी नीचे जाकर उस सेक्सी लड़की की चुत चाटने लगी.
अब हम तीनो का थ्रीसम सेक्स शुरू हो गया था दोस्तों यह मेरे जीवन का पहला थ्रीसम सेक्स होने वाला था आज से पहले मैंने कभी दो – दो लड़कियों को एकसाथ नहीं चोदा था. मेंने भी मेरे सारे कपडे निकाल फेके और अपना लँड अंजली के मु मे दे दिया. अंजली मेरे लंड को चुसने लगी. दो मिनिट के चुसाई के बाद मे उठ गया और रेखा दीदी को बाजू कर अंजली के दोनो पैरो के बीच आ कर लंड चुत पे सेट किया. एक जोर दार झटका दिया. मगर लंड फिसल गया.
तभी अंजली ने अपने चुत पर मेरा लंड सेट कर पकडे रही. मेने जोर से झटका दिया मेरा लंड का टोपा उसकी चुत मे घुस गया. मगर अंजली बहुत जोर से चिल्लई और तडप उठी. मेने दुसरा झटका इतना करारा मारा मानो उसकी चुत को फाडतें हुए मेरा पुरा लंड उसकी चुत मे समा गया. अंजली अब बहुत जोर से चिल्लई और रोने लगी. मुझे निकालने को कहने लगी. मगर अब मुझपे चुत चोदकर फाड़ने का नशा चढ चूका था उसकी चुत से खून भी आने लगा था पर मै उस रंडी पर बिना तरस खाए उसकी चुत में अपना लौड़ा पेलता रहा.
मै निर्दयी रूप से उसे चोदने लगा मे इतने जोर से धक्के मार रहा था की आवाज बडी तेज आ रही थी. लंड बहुत तेजीसे मे अंदर बाहर कर रहा था. अब मेरा लंड आराम से अंदर बाहर होने लगा. चुत से निकला खून मुझे लंड पे दिख रहा था. कुछ समय बाद अंजली का दर्द मानो किधर गुम हो गया. वो भी अपनी चुतड उठाने लगी. वो भी अब जोश मे आ गयी दो मिनिट मे ही वो चरम पर पोहचनकर आहाआआय आआआआआआआआ म्म्मम्म्मम्म्मम्म आहहहहहह कर झड गयी.
मेरा मानो पानी गिरने का नाम नही ले रहा था. नशे का असर था शायद. अब मेने उसे घोडी बनने को कहा. और रेखा दीदी को भी उसके बाजू घोडी बनने को बोला. दोनो एक दुसरे बाजू घोडी बन के थे. वैसे ही मेने पिछे जाकर रेखा दीदी की चुत मे लंड पेल दिया. एक मिनिट बाद लंड निकाल कर अंजली की चुत मे पेला. मुझे थ्रीसम सेक्स करने में बहुत मजा आ रहा था. कभी रेखा दीदी की चूत मे कभी अंजली की चुत मे लंड डाले मे धकापेल चुदाई कर रहा था. 10 मिनिट बाद अंजली वापस चरम पर आ गयी उसने मुझे लंड बाहर निकाल ने नही दिया. मे समज गया और जोर से चोदने लगा अंजली अब जोर से सिसकारी भर झड गयी और नीचे गीर गयी.
मैने वेसे ही लँड रेखा दीदी की चुत मे घुसाया. रेखा दीदी को जोर से चोदने लगा. ठप्प ठप्प ठप्प पुरे घर मे आवाज गुंज रही थी 5 मिनिट बाद रेखा दीदी भी चरम पर आ गयी लेकींन मेरा पानी गिरने का नाम नही ले रहा था.दोन मिनिटं बाद रेखा दीदी भी झड गयी. मेने पुरा पसिने से भर गया था मगर जोश कम नही हो रहा था. मेने अंजली को कहा आ जाओ. अंजली ने मानो हार मान ली थी. उसने कहा दर्द हो रहा है मुझे बस. अब मे नीचे लेट रेखा दीदी को उपर आने को कहा . रेखा दीदी भी मेरे उपर आ कर लंड चुत मे डाल पेलने लगी.
मेरी रंडी बहन उछल उछल कर मेरा लंड अपनी चुत मे अंदर अपनी बच्चे दानी तक ले रही थी. अंजली बाजू लेटी ये नजारा देख रही थी. मे अब चरम पे आने लगा था.वेसे ही लंड बिना निकाल मेने रेखा दीदी को मेने नीचे किया और जोर जोर से लँड अंदर बाहर करने लगा रेखा दीदी भी नीचे से चुतड उठाकर मुझे साथ देने लगी. करिब दो मिनिट बाद मे और रेखा दीदी दोनो एक साथ झड गये. ऊस दिन हम तिनो ने 3 बार चुदाई की , मेरी 3 बार लेकींन हर बार दोनो 2 बार झड चुकी थी. बीच बीच मे मेने माडी पी इसलीये उसने एक व्हायग्रा का काम किया. 5 बजने को आ गये थे. तभी अंजली बोली बस अब निकलो मेरे माँ बाबा अब आने का समय हो गया है.
हम लोगो ने अब कपडे पहन लिये और मे और रेखा दीदी कल आते है फिर से थ्रीसम सेक्स करने… कह कर वहा से निकल गये. घर जाकर रात को खाना खाने के बाद मैंने फिर से अपनी बहन की चुदाई करी पर इस बार वो सुबह की थ्रीसम सेक्स जैसा मजा नहीं आया. अगले दो दिन हमारा ये सिलसिला जारी रहा. अब मुझे पुना जाने का समय आ गया था. बुधवार की सुबह ही मे पुना जाने के लिये गाँव के बस स्टॉप पे आ गया मेरे साथ रेखा दीदी भी मुझे छोडने आ गयी. हमारे पहले ही अंजली वहा पे पहले से खडी थी. ऊन दोनो ने मुझे अगले हफ्ते भी चुदाई करने के लिये आने को कहा. मेने भी आता हु कह कर लाल डिब्बे मे बैठ गया. तो दोंस्तो आगे भी बहुत कुछ हुवा है. अगली कहानी का वेट करें..
चुदाई का चस्का Hindi Sex Stories All Parts Are Here
चुदाई का चस्का पार्ट 1 – बहन ने कॉन्डोम लेने भेजा Free XXX Hindi Sex Story
चुदाई का चस्का पार्ट 2 – बहन के झाटो के जंगल की कटाई छटाई Hindi Sex Story
चुदाई का चस्का पार्ट 3 – भाभीजी में आपको चोद कर प्रेग्नेंट करूँगा Hindi Sex Story
चुदाई का चस्का पार्ट 4 – बहन की गांड के साथ खिलवाड़ Hindi Sex Tory
चुदाई का चस्का पार्ट 5 – सविता भाभी को प्रेग्नेंट करा Hindi Sex Story
चुदाई का चस्का पार्ट 6 – दीदी की चुदाई करने गाँव गया Hindi Threesome Sex Story
चुदाई का चस्का पार्ट 7 – प्रेग्नेंट सविता भाभी ने वर्जिन चुत का बंदोबस्त करा Sex Story