COVID-19 लॉकडाउन में पैसे देकर चुदाई करी बेचारी गरीब महिला की अन्तर्वासना नई हिंदी XXX सेक्स स्टोरी फ्री : साड़ी ब्लाउज खोलकर वो नंगी आंटी डॉगी सेक्स पोजीशन में चुदने के लिए मेरे आगे कुतिया गईं और मैंने पीछे से लंड बुर में पेल कर उस नंगी रांड की बुर पर ताबड़तोड़ प्रहार करने प्रारंभ करे. चुदाई करवाने के बाद उस सेक्सी माल गरीब आंटी ने कहा- आप बहुत अच्छे हो बेटा, मुझे आपसे अपनी बुर की चुदाई करवा कर बहुत अच्छा लगा…

Poor Woman Fucked By Paying Money During COVID-19 Lockdown Antarvasna Hindi Sex Story : दोस्तों आप सभी को पता ही है कि देश में कोरोना महामारी के चलते COVID-19 लॉकडाउन लग गया था और सारा काम धंदा ठप हो गया था. मैं भी सभी लोगों की तरह अपने घर पर ही था. स्कूल, कॉलेज, दुकाने सभी कुछ बंद था. धीरे धीरे दिन बढ़ते जा रहे थे. हमें जो काम करना भी अच्छे लगते थे, उन्हें कर करके बोर हो चुके थे. लॉक डाउन के दौरान दो दिन के लिए बाजार खुलने का आदेश आया तो सभी को घर की जरूरतों का सामान लेने की लालसा जा गई. मेरे पिता जी ने भी मुझसे कहा- आगे का कोई भरोसा नहीं कि कब तक COVID-19 लॉकडाउन लगा रहे. तुम कल जल्दी उठ जाना और सब्जी मंडी से सब्जी लेने चलना है.

COVID-19 लॉकडाउन में पैसे देकर चुदाई करी बेचारी गरीब महिला की अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी

Hindi Sex Story मजबूर गरीब भिखारन को घर लाकर रंडी की तरह चोदा

मैंने ऐसा ही किया और अगली सुबह मैं बड़ी भोर 3 बजे ही उठ गया. ब्रश वगैरह करके मैं तैयार हो गया. पिता जी को उठाया मैंने … और हम दोनों कार से मंडी के लिए निकल गए. मैंने कुछ ज्यादा ही पैसे जेब में रख लिए थे. जब हम वहां पहुंचे, तो उधर का नजारा देख कर ही मेरा दिमाग़ घूम गया. ऐसा लग रहा था कि पूरा शहर उठ कर आ गया हो. ये नजारा देख कर मुझे इतना तो समझ आ गया था कि इधर 2 घंटे से कम नहीं लगेंगे. पिता जी ने कहा- तू यहां बैठ, मैं अन्दर से सब्जी वगैरह लेकर आता हूँ. मंडी के अन्दर पैर रखने की जगह नहीं थी, तो पिता जी पीछे की तरफ से अन्दर चले गए.

पिता जी के जाने के बाद मैं वहीं अपनी गाड़ी में बैठ कर फ़ोन में गेम खेलने लगा. तभी मैंने देखा कि वहां मंडी के बाहर एक 35-36 साल की औरत झुक कर कुछ कर रही थी. दरअसल मंडी के बाहर रोड पर जो गंदा पानी पड़ा था, उसमें कुछ खराब सब्जियां पड़ी हुई थीं. वो महिला उनको उठा-उठा कर एक झोले में डाल रही थी. मैं ये सब देख कर थोड़ा हैरान हुआ. मैंने अपना फ़ोन चलाना बंद किया और अपनी गाड़ी से उतर कर उस औरत के पास आ गया. उससे मुझ चूत के पुजारी ने बोला की अरे आंटी ये आप क्या कर रही हो. ये तो काफी गंदी सब्जियां हैं. इनसे तो आप और ज्यादा बीमार हो जाओगी.

वैसे भी कोरोना चल रहा है और आपकी ये लापरवाही ठीक नहीं है. सेक्सी माल गरीब आंटी ने मेरी तरफ देखा, तो मैं उन्हें देखता ही रह गया. वो काफी सुन्दर थीं. उन्होंने काले कलर की साड़ी पहन रखी थी और हरे रंग का ब्लाउज पहना था. उनका वो ब्लाउज उनके कंधे से थोड़ा फटा सा था और वो सेक्सी माल महिला निचे झुकी हुयी थीं, तो साड़ी का पल्लू भी सही नहीं था. जैसे ही वो मेरे टोकने पर उठीं, तो मैंने देखा कि उनके ब्लाउज में एक हुक नहीं है. इस वजह से वो खुला सा था. बेचारी गरीब महिला का फटा हुआ ब्लाउज देख कर मैं सब भूल गया कि मैं उनसे क्या बोलने वाला था.

वो मेरी तरफ देख कर बोलीं- साहब, भूखे मरने से अच्छा है कि खा कर मरो. मेरे तीन छोटे छोटे बच्चे हैं. उनके लिए खाने के लिए कहां से लाऊं? इस बीमारी चक्कर में मजदूरी का काम भी बंद हो गया है. मेरे पास पैसे भी बिल्कुल नहीं हैं. अपने बच्चों को क्या खिलाऊं. आज मंडी खुली है, तो सड़कों पर सब्जी मिल भी गई … वरना ये भी नहीं मिलती. आप अन्दर जाकर देखो, सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं. मुझे आंटी के मुँह से ये सब सुनकर बड़ा अजीब सा लगा. मुझ चूत के पुजारी ने बोला की ये COVID-19 लॉकडाउन तो अभी काफी दिन तक चलेगा. दो दिन बाद तो मंडी भी बंद हो जाएगी, फिर आप अपना गुजारा कैसे करेंगी? वो रोते हुए बोलीं- जब तक ज़िंदा हैं, तब तक किसी तरह से जी लेंगे.

मेरी तो समझ में ही नहीं आ रहा है कि क्या करूं? मैंने पूछा- आपके पति या भाई वगैरह नहीं है क्या? वो सेक्सी माल गरीब आंटी बोली की हां पति तो हैं, मगर वो दिल्ली में फंस गए हैं और वापस आने का कोई साधन ही नहीं है. ये कह कर वो और तेज़ रोने लगीं और रोते हुए ही बोलीं- साहब, मुझे कैसा भी काम नहीं मिल रहा है. कोई बर्तन झाड़ू के लिए भी कोई घर नहीं बुला रहा है. मुझ चूत के पुजारी ने बोला की अरे आप परेशान ना हों … प्लीज़ रो मत. मेरी बात सुनकर वो चुप हुईं और मंडी के उलटे हाथ वाली गली में जाने लगी. मैंने उन्हें रोका और कहा- आप कहां जा रही हैं? सेक्सी माल गरीब आंटी बोली की अपने घर! मुझ चूत के पुजारी ने बोला की चलो, मैं आपको छोड़ देता हूँ.

तो वो सेक्सी माल गरीब आंटी बोली की ना ना साहब, ये सामने जो झोपड़ी बनी है न … ये ही मेरा घर है. दूसरी वाली झोपड़ी में मेरे बच्चे सो रहे हैं. मैं उनके साथ ही चल पड़ा. वो दूसरी वाली झोपड़ी में घुस गई. मुझे समझ नहीं आया कि मैं क्या करूं. एक मिनट तक सोचने के बाद मैं भी उसी झोपड़ी में घुस गया. वो मुझे अन्दर आता देख कर बोलीं- अरे क्या हुआ साहब … इस गरीब की कुटिया में आप? मुझ चूत के पुजारी ने बोला की पानी मिलेगा? वो आंटी हंस कर बोलीं- जरूर साहब इसी से तो पेट भर रहे हैं अब तक! वो पानी लेने को पलटीं … तो मैं वहीं बैठ गया. आंटी एक गिलास में पानी लेकर आईं और उन्होंने मुझे पानी दिया.

मैंने देखा कि उनकी चारों उंगलियां उसी गिलास में डूबी थीं, तो ये देख कर ही मेरी प्यास बुझ गई. मुझ चूत के पुजारी ने बोला की आप बैठो, आप ऐसी ख़राब सब्जी अपने बच्चों का ना खिलाया करें वरना उनकी तबियत काफी बिगड़ सकती है … और हॉस्पिटल में इलाज होना भी मुश्किल हो जाएगा. वो सेक्सी माल गरीब आंटी बोली की साहब कल से घर में खाने को कुछ नहीं है … मैंने भी कुछ नहीं खाया है. घर में तेल आटा कुछ नहीं है. उठते ही बच्चे खाना मांगेंगे, तो उन्हें क्या खिला सकूंगी. मुझ चूत के पुजारी ने बोला की रुको. मैंने अपनी जेब से उन्हें 5000 रुपए दिए. तो वो लेने से मना करने लगी.

मुझ चूत के पुजारी ने बोला की रख लो काम आएंगे. वो सेक्सी माल गरीब आंटी बोली की अरे साहब ये काफी ज्यादा हैं, इतना तो मैं एक महीने में कमा पाऊंगी. मुझ चूत के पुजारी ने बोला की रख लो. वो झुक कर मेरे पैर छूने लगीं, तो उनका पल्लू नीचे गिर गया. मैंने आंटी के हाथ पकड़ कर ऊपर उठाया, तो उनका पल्लू नीचे रह गया. वो जब उठ कर खड़ी हुईं, तो उनके ब्लाउज के बीच से जहां हुक नहीं था … वहां से उनका थोड़ा सा बूब दिख रहा था. मैंने उनके दूध को देखते हुए कहा- आप रुको, मैं कुछ लेकर आता हूँ. आप यहीं रहो. मैं उस झोपड़ी से बाहर निकला, तो मेरे मन में अलग ही ख्याल आने लगे.

मैंने थोड़ा सोचा और दोबारा उस झोपड़ी में घुस गया. मुझ चूत के पुजारी ने बोला की अगर आपको किसी और चीज की जरूरत हो, तो इस नंबर पर फ़ोन लगा लेना. बाकी अभी कुछ देर बाद आपको कुछ सब्जी वगैरह तो दिलवा ही दूंगा. वो सेक्सी माल गरीब आंटी बोली की साहब, हमारे पास फ़ोन नहीं है. आपने इतना तो कर दिया है … और क्या जरूरत पड़ेगी. आप तो भगवान का रूप बन कर आए हैं. मैंने अपनी जेब से 2000 रुपए और निकाल कर उन्हें दिए. तो वो लेने से मना करने लगीं. सेक्सी माल गरीब आंटी बोली की साहब अब इतना अहसान नहीं चाहिए … आप पहले ही काफी कर चुके हैं.

मुझ चूत के पुजारी ने बोला की अहसान वाली बात नहीं है. वो सेक्सी माल गरीब आंटी बोली की आपका जो भी काम होगा, मैं ख़ुशी ख़ुशी कर दूंगी. मुझ चूत के पुजारी ने बोला की अरे ऐसी जरूरत नहीं है. आप इन पैसों को रख लो और अपने लिए कुछ कपड़े भी खरीद लेना. वो मेरा धन्यवाद करने लगीं और बोलीं- हम आपका ये अहसान कैसे चुका पाएंगे बेटा. मुझ चूत के पुजारी ने बोला की अरे इसमें कोई अहसान की बात नहीं है बस आप साफ तरीके से रहा करो … और नहा कर ही खाना बनाया करो. वो सेक्सी माल गरीब आंटी बोली की ठीक है … अब से मैं ऐसा ही करूंगी साहब.

मुझ चूत के पुजारी ने बोला की अभी मेरे पिता जी सब्जी लेकर आने वाले हैं, मैं आपको उनसे कुछ सब्जी दिलवा दूंगा. तब तक आप नहा लो, जिससे साफ सुथरे होकर ही सब्जी लेना. अभी आप गंदे पानी में घूम रही थीं. आंटी बोलीं- आप यहां बैठिए. मैं नहा कर आती हूँ. मुझ चूत के पुजारी ने बोला की कहां जा रही हो आप? उन्होंने कहा- हम सभी बाहर इस झोंपड़ी के पीछे नहाते हैं. मुझ चूत के पुजारी ने बोला की ठीक है. वो नहाने चली गईं. मैं 5 मिनट तक बैठे बैठे उस बेचारी गरीब महिला की मस्त जवानी को ही सोचने लगा. मेरे मन में बड़े हवस भरे ख्याल आ रहे थे. मेरी आंखों के सामने बार बार उनके मोटे मोटे मम्मे ही आ रहे थे.

मुझसे रहा नहीं गया और मैं उठ कर झोपड़ी के पीछे चला गया. वहां चुपके से उन आंटी को देखने लगा. वो पेटीकोट पहन कर बैठ कर नहा रही थीं, उनके पेटीकोट से दबे हुए चूचे बहुत ही अच्छे और ऐसे दिख रहे थे, जैसे एकदम गोल गोल संतरे हों. मुझे ऐसा लग रहा था कि इन्हें चूस लूं. वो अपने ऊपर पानी डाल रही थीं और हाथ से ही अपने बदन को रगड़ रही थीं. कुछ पल बाद शायद उनका नहाना कम्पलीट हो चुका था. उन्होंने अपना पेटीकोट उतारा और अपनी गीली चड्डी पहने हुए ही साड़ी लपेट ली फिर अपने नीचे से चड्डी को उतार कर निकाल दिया. अब सेक्सी माल गरीब आंटी ने बैठ कर ब्लाउज और पेटीकोट, चड्डी को धोया और जैसे ही वो झोपड़ी की तरफ मुड़ीं, मैं वापिस झोपड़ी में आ गया.

वो जैसे ही झोपड़ी में आईं, तो मैं आंटी को देखता ही रह गया. आंटी बला की खूबसूरत थीं. मैं उन्हें देख रहा था कि उनकी झीनी सी साड़ी से उनके दूध साफ़ दिख रहे थे. ये सीन देख कर मुझ पर कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. तभी वो न जाने कैसे गिरने को हुईं, तो मैंने उन्हें पकड़ कर अपनी बांहों का सहारा देते हुए सम्भाला. मगर उनकी सोच कुछ और ही थी. उन्होंने अपना पूरा वजन मेरी बांहों में डाल दिया और लगभग मेरे सीने से अपनी चूचियों को रगड़ दिया. मुझे कुछ समझ ही नहीं आया कि ये क्या हुआ … मगर उसी समय उनको पकड़ने के चक्कर में बेचारी गरीब महिला का एक दूध मेरे हाथ में आ गया और वो इसी सम्भालने के चक्कर में जोर से मसल गया. बेचारी गरीब महिला की एक आह निकल गई.

माँ के बोबे दबाए माँ के दूध से भरे बूब्स को खूब कस कसके दबा रहा था

मुझे भी उस रंडी के मोटे मोटे बूब्स दबाने में मजा आ गया तो मैंने भी अपने हाथ से उनकी चूची को पकड़े ही रखा. सेक्सी माल गरीब आंटी ने मेरी आंखों में देखा और उनके चेहरे की वासना मुझे अन्दर तक आंदोलित कर गई. उनका चेहरा मेरे चेहरे के काफी नजदीक था और वो अब भी मेरी बांहों में थीं. उन्होंने खुद ही अपने आपको अलग करने की कोशिश नहीं की. न जाने क्या हुआ कि मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें चूमने लगा. अब आंटी मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थीं. मगर मैंने अपने हाथ से उन्हें ताकत से अपनी और दबाए रखा और उनकी साड़ी उतार दी. मेरे सामने आंटी एकदम नंगी हो गई थीं. मैंने पांच मिनट तक आंटी को चूमा और उनके दूध को मसला तो बेचारी गरीब महिला गरमा गई थीं.

वो मुझसे अलग होकर बोलीं- ये क्या कर रहे आप … कोई आ जाएगा. आप ये सब मत करो … ये गलत है. मैंने भी उनकी नंगी जवानी को वासना से देखा और कहा- अरे आप घबराओ मत, ये सब मुझसे धोखे से हो गया. आप इतनी सुन्दर हैं कि मुझसे रहा ही नहीं गया. आंटी सर झुका कर बोलीं- हां मैं भी बहक गई थी. मैंने उनके चेहरे को ऊपर उठाते हुए कहा- मैं ये सब करना तो नहीं चाहता था लेकिन मैं आपको 5000 रूपये और दे रहा हूँ. इसे आप अहसान मत समझना. बस आपको ठीक लगे तो मेरी एक इच्छा पूरी कर देना. सेक्सी माल गरीब आंटी ने मेरी तरफ देखा और सवालिया नजरों से मुझे देखने लगीं.

उनको अभी भी अपने नंगे जिस्म की मानो कोई चिंता ही नहीं थी. मुझ चूत के पुजारी ने बोला की आप मेरा एक छोटा सा काम कर दो? वो सेक्सी माल गरीब आंटी बोली की क्या? मैंने उनका हाथ अपने लंड पर रखवाते हुए कहा- बस आप मेरा लंड चूस दो. वो हाथ हटाते हुए बोलीं- नहीं … मैं ये नहीं कर सकती. मुझ चूत के पुजारी ने बोला की अपने लिए नहीं, अपने बच्चों के लिए ही कर दो. अगर आप चाहो तो करना … तो बाकी कोई परेशानी ही नहीं है. इस पर वो मुझसे कहने लगीं- आपने मेरे लिए इतना कुछ किया है. ठीक है, मैं आपकी इच्छा पूरी कर देती हूँ.

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मैंने जल्दी से अपनी पैंट और चड्डी उतार डाली और आंटी के सामने नंगा होकर लंड लटका कर खड़ा हो गया. मेरा लंड तना हुआ था तो नंगी आंटी ब्लोजॉब करने के लिए मेरे सामने घुटनों के बल बैठ गईं. उन्होंने मेरे लंड को पकड़ा और हिलाने लगीं. कुछ देर लंड हिलाने के बाद उन्होंने लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगीं. मुझे जन्नत का मजा मिलने लगा. मैं आंटी के सर पर हाथ रखे हुए उनसे लंड चुसवाने का आनन्द ले रहा था. थोड़ी देर लंड चूसने के बाद उन्होंने लंड को मुँह से बाहर निकला और मेरे लंड को चाटने लगीं. फिर धीरे धीरे वो रंडी आंटी अपनी जीभ को मेरे लंड के निचे लटके आंड पर फिराने लगीं.

पहले सेक्सी माल गरीब आंटी ने मेरा एक टट्टा मुँह में भर लिया, फिर दूसरा भी चूसने लगीं. मुझे वो सेक्सी माल आंटी किसी रांड की तरह बहुत मज़ा दे रही थीं. आज तक मैंने ऐसा मजा महसूस ही नहीं किया था. इससे पहले मेरे टट्टे किसी लड़की या भाभी ने अपने मुँह में नहीं लिए थे. मैंने उनसे कहा- आंटी अगर आप मुझसे अपनी चूत की चुदाई करवाओगी तो मैं आपका ये अहसान अपनी पूरी जिन्दगी याद रखूँगा. इस पर आंटी बोलीं- अहसान तो आपने किया है बेटा मुझ गरीब अबला नारी पर. मुझ चूत के पुजारी ने बोला की और जो आप मेरे लिए कर रही हो, वो मेरे अहसान से भी बड़ा अहसान है.

आंटी बोलीं- ठीक है बेटा आप मेरी चूत को चोद लो. वैसे भी 3 महीने से मैंने चुदाई नहीं की है. मुझमें भी अब आग लग गई है. एकदम से आंटी में इतना बदलाव देख कर मैं सोचने लगा कि ये क्या हुआ … एकदम से आंटी चुदने के लिए हामी भरने लगीं. मगर अगले ही पल मैंने सोचा कि मुझे क्या, मेरा तो काम हो रहा था. फिर मैंने आंटी को वहीं फर्श पर लेटाया और उनकी बुर की चुदाई करने के लिए उनके ऊपर चढ़ गया. उनकी चूत पर काफी घने झांट के बाल थे. मैंने पहले आंटी को चूमा और उनके बूब्स को चूसने लगा. मैंने पहले दाएं तरफ वाला दूध चूसा, फिर कुछ देर बाद बाईं ओर वाला चूसा.

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बेचारी गरीब महिला मजे में अपने हाथ से पकड़ पकड़ कर मुझे दूध चुसवा रही थीं. चूंकि बेचारी गरीब महिला का सबसे छोटा बच्चा अभी डेढ़ साल का ही था, तो उनके बूब्स में से दूध आ रहा था. मैं उनके दूध को चूसता चला गया. फिर धीरे धीरे मैं नीचे की तरफ आया. चूंकि मेरे पास ज्यादा समय नहीं था, पिता जी आने वाले थे. मैं बेचारी गरीब महिला की चूत पर आ गया और उसपर थूककर उसे चाटने लगा. मुझे उस बेचारी गरीब महिला की झांट भरी चूत को चाटने में काफी मज़ा आ रहा था. बेचारी गरीब महिला की चूत को चूसने में कुछ अलग ही स्वाद आ रहा था. मैंने काफी चूतें चूसी और चाटी हैं, पर इस गरीब महिला की बुर का अलग ही स्वाद था. जब मैं चूत चाट रहा था तब वो नंगी रांड बहुत गर्म गर्म सांसें ले रही थीं.

सेक्सी माल गरीब आंटी बोली की मुझसे अब नहीं रुका जाता, आप चोद दो मुझे … आह जल्दी से चोद दो मुझे. मुझे खुद जल्दी पड़ी थी. मैंने बेचारी गरीब महिला की दोनों नंगी टांगें ऊपर करके अपना लंड उनकी चूत पर सैट कर दिया. बेचारी गरीब महिला की बुर खुद मेरे लम्बे और मोटे लंड को पूरा का पूरा लीलने के लिए उछाल मार रही थी. मैंने उस रांड की बुर की फांकों में लंड के टोपे को थूक लगाकर पेल दिया और एक ऐसा धक्का मारा कि एक बार में मेरा पूरा लंड बेचारी गरीब महिला की चूत में घुसता चला गया. आह … मुझे ऐसा लग रहा था … जैसे मेरा लंड किसी गर्म भट्टी में घुस गया हो.

मेरा लम्बा मोटा लंड उस नंगी आंटी की बुर के अन्दर पेलने के बाद ही ये अहसास हो गया था कि सेक्सी माल गरीब आंटी ने बहुतों के लंड लिए हैं और अपनी चूत का चबूतरा बनवा लिया है. फिर मैंने सोचा मां चुदाए, इससे मुझे क्या … मुझे तो बुर चोदने मिल गई है. बस मैंने बेचारी गरीब महिला की बुर में धकापेल मचा दी. काफी देर तक मैंने उन्हें फुल स्पीड से से चोदा. आंटी चुदते चुदते झड़ गईं और मुझे रुकने का कहने लगीं. मैंने लंड बुर से खींचा और उन्हें कुतिया बनने के लिए कहा. वो डॉगी सेक्स पोजीशन में चुदने के लिए मेरे आगे कुतिया गईं और मैंने पीछे से लंड बुर में पेल कर उस नंगी रांड की बुर पर ताबड़तोड़ प्रहार करने प्रारंभ करे. कुछ देर बाद मैं बेचारी गरीब महिला की बुर झड़ने के साथ ही झड़ गया.

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चुदाई करने के बाद मैंने अपना रस उनकी चूत में ही डाल दिया था. बाद में मैं बेचारी गरीब महिला की चूत को चूसने लगा और उन्होंने चूसते समय एक बार फिर उनकी बुर ने मलाई छोड़ी दी. उनकी बुर से निकली सारी मलाई मेरे मुँह पर लग चुकी थी. मुझ चूत के पुजारी ने उस नंगी आंटी से बोला की इस चूत की मलाई को मेरे मुँह से साफ कर दो. सेक्सी माल गरीब आंटी ने मेरे चेहरे को चाट कर साली मलाई साफ करी डाली. फिर सेक्सी माल गरीब आंटी ने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और पूरा लंड भी चाट कर साफ कर दिया. कपड़े उठाते हुए मुझ चूत के पुजारी ने बोला की मैं आपका ये अहसान कभी नहीं भूल पाऊंगा.

मैंने अपने कपड़े पहने और उस साली बहन की लौड़ी को मेरी रंडी बनकर चुदवाने के बदले दो हजार रूपए दिए. चुदाई करवाने के बाद उस सेक्सी माल गरीब आंटी ने कहा- आप बहुत अच्छे हो बेटा, मुझे आपसे अपनी बुर की चुदाई करवा कर बहुत अच्छा लगा. आज तक इतने पैसे वाले आदमी से मैंने कभी मेरी गांड और चूत की चुदाई नहीं करवाई. मैंने आंटी को पैसे दिए और कहा- कपड़े पहन कर मंडी के गेट पर आ जाना. ये कह कर मैं निकल गया. मैं वहां पहुंचा, तो पिता जी कार के पास पहले से ही खड़े थे. उन्होंने मुझे देखा तो पूछने लगे कि किधर चले गए थे साहब जादे…?

मुझ चूत के पुजारी ने बोला की वो मुझे टट्टी लगी थी तो लेट्रिंग करने गया था. तभी वो बेचारी गरीब महिला करीब आ गईं. मैंने उन्हें पिता जी से सब्जी दिलवाई. पिता जी भी ये देख कर बहुत खुश हुए. यहां पिता जी भी खुश … और वहां वो भी. फिर हम घर के लिए निकल आए. ये कभी कभी ही होता है कि आपको ऐसी जुगाड़ मिल जाती है कि आप उसके साथ चुदाई कर लेते हो, पर आपको चुदाई करने के बाद भी उसका नाम नहीं पता होता है. मेरे साथ ये सब ऐसा ही कुछ हुआ था. मुझे बेचारी गरीब महिला का नाम भी नहीं पता लग सका था. लेकिन मुझे यह COVID-19 लॉकडाउन मेरी पूरी जिन्दगी याद रहेगा.