दूसरी शादी की पहली रात पर दारू के नशे में बुर की खतरनाक चुदाई करने के बाद गांड चोदने के लिए नई नवेली दुल्हन को नंगी करके घोड़ी बना दिया और गांड मारी XXX फ्री हिंदी सेक्स स्टोरी Newly Married Indian Couple Anal Sex in Doggy Sex Position Hindi Sex Story : मेरी पहली बीवी से मेरा डाइवोर्स हो गया हैं, तो मेरे घर वाले मुझे समझाने लगे के अभी तुम्हारी उम्र भी ज़्यादा नहीं है तो तुम किसी अच्छी सी लड़की को पसंद करके उससे दूसरी शादी कर लो. चाहता तो मैं भी अंदर से यही था, मगर यूं ही बेवजह घर वालों को, रिशतेदारों और दोस्तों को टालता रहा.
मगर फिर एक दिन मैं उनके सामने ऐसे एक्टिंग करी जैसे मैं उनकी दलीलों से हार मान गया हूँ. तो मेरी अम्मा ने तो पहले से ही दो तीन लड़कियां तो नहीं कह सकते हाँ दो तीन औरतें ढूंढ रखी थी. एक तलाक़शुदा थी और दो विधवा थी. मुझे मेरी दूसरी शादी के लिए इन तीनों लड़कियों की तस्वीरें दिखाई गई और जो लड़की मुझे सबसे ज्यादा गरम माल लगी मैंने उसके लिए हाँ कर दी. उस गरम माल लड़की का नाम चाँदनी था !
दूसरी शादी की पहली रात गांड चोदने के लिए नई नवेली दुल्हन को नंगी करके घोड़ी बना दिया हिंदी सेक्स स्टोरी
आज की तारीख में वो गरम माल लड़की मेरी दूसरी धर्म पत्नी है और मैं उस साली चुदास से भरी रंडी लड़की का पति हूँ. तो शादी की हाँ कहने के बाद घर वालों ने बात आगे बढ़ाई और करीब 15 दिन बाद मैं अपने माँ बाप के साथ फिर से लड़की (चुदास से भरी रंडी औरत) देखने गया. उस चुदास से भरी रंडी औरत की उम्र थी 32 साल, गोरा रंग, भरा हुआ बदन. विधवा थी, मगर फिर भी मुझे पहली नज़र में ही वो भा गई.
शायद मैं भी उस चुदास से भरी औरत को पसंद आ गया, तो एक छोटी सी मंगनी की रसम के बाद हमारी शादी का दिन भी आ गया और हम दोनों की शादी हो गई और हम पति पत्नी के पवित्र बंधन में बंध गए. बहुत ही छोटा सा फंक्शन था, सिर्फ घर के कुछ लोग, मेरे दो दोस्त. हमने कोर्ट में शादी की थी. बाद दोपहर हम लोग अपने घर आ गए, घर आने के बाद घर में ही छोटी सी पार्टी थी, दारू मीट तो सब चला. हमारे घर में सभी खाते पीते हैं. उसके बाद शाम तक सभी यार दोस्त, रिश्तेदार खा पी कर अपने अपने घर चले गए.
मेरे दोस्तों ने मेरी दूसरी शादी की पहली रात के लिए ऊपर वाला कमरा सजा कर सेक्स करने के लिए तैयार कर दिया था. रात का खाना खाकर करीब 10 बजे मेरे दोनों दोस्त मुझे मेरे कमरे तक छोड़ने गए. अंदर उन दोनों की बीवियाँ मेरे नई दुल्हन के पास बैठी थी. हमें आते देख वो उठ खड़ी हुई. उसके बाद मेरे दोस्त मुझे और मेरी बीवी को नई ज़िंदगी की मुबारकबाद देकर चले गए. अब कमरे में हम दोनों अकेले रह गए. मैंने कमरे के दरवाजे की कुंडी लगाई. चाँदनी बिस्तर पर बैठी थी मगर उसने कोई फिल्मी स्टाइल में घूँघट नहीं निकाला था.
मेरी दूसरी नई नवेली कामुक दुल्हन बड़े आराम से बेड की पुश्त से पीठ टिका कर बैठी थी. मैंने मन में सोचा, चल बढ़िया हुआ यार तुम्हें भी बुर मिल गई, अब जम कर पेलना इसे! मगर अब वो मेरी बीवी थी, को बाजारू औरत तो थी नहीं. यहाँ भी देखें:- माँ बहन के साथ सुहागरात मनाई प्रेग्नेंट किया पिताजी की मृत्यु के बाद मैंने बड़े आराम से उस से पहले बातों बातों में खुलने का फैसला किया. चुदाई के लिए तो सारी ज़िंदगी पड़ी थी. तो मैंने सोचा पहले बातें करते हैं, दिल मिलाते हैं, जिस्म तो कभी भी मिला लेंगे. मैंने उसके पास जा कर कहा- हैलो चाँदनी!
मेरी दूसरी दुल्हन उठ कर खड़ी हुई और झुक कर मेरे पाँव छुए. जब वो झुकी तो मैंने उसके सुर्ख ब्लाउज़ में झूलते उसके गोरे गोरे मम्में देखे, मैंने मन में सोचा ‘मम्में तो मस्त हैं साली के!’ मैंने उसके कंधे पकड़ कर उसे ऊपर उठाया- अरे इस तकल्लुफ की क्या ज़रूरत है, तुम तो मेरे बराबर की हो, आज के बाद गले मिला करो, पाँव मत छुआ करो. वो बोली- आप मेरे पति हैं, दिन त्योहार पर तो पाँव छूने कर चलन है, वो तो अपना फर्ज़ मैं निभाऊँगी.
मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- हाँ वो ठीक है, मगर तुम मेरे दिल की रानी हो. कह कर मैंने उसे अपने सीने से लगाया. तो उसके दोनों मस्त गोल मम्में मेरे सीने से लगे, बड़ी मस्त फीलिंग आई. मैंने उसे बेड पर गांड टिका कर बिठाया और अपनी शेरवानी उतार कर साइड पर रख दी, जूते उतारे और उसके साथ ही बेड पर बैठ गया. फिर मैंने अपनी जेब से एक छोटी सी डिबिया निकाली और उसे दी- ये तुम्हारे लिए! उसने डिबिया खोली- अरे, डाइमंड रिंग!
उस साली के सुन्दर से चेहरे की मुस्कान ने मेरे अंगूठी पर खर्चे पैसे वसूल करवा दिये. मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- हाँ, आज तुम्हारे साथ ज़िंदगी की नई शुरुआत है, तो सोचा एक छोटे से गिफ्ट से करते हैं. वो बोली- आप तो बहुत स्मार्ट है, जानते हैं कि लेडीज को क्या पसंद है. मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- अरे यार अब 16 की शादी शुदी ज़िंदगी बिताई है तो इतना तो इंसान औरतों के बारे में जान ही जाता है. वो मेरी आँखों में देख कर मुसकुरा दी.
एक बार सोचा कि इस से पूछ ही लूँ कि तुम्हें भी तो पता ही होगा कि मर्द किस चीज़ से खुश होते हैं, पर मुझे ये पूछना जल्दबाज़ी लगी. तो मैंने इस सवाल को फिर बाद में पूछने के लिए छोड़ दिया. मगर वो बोली- मगर मैं तो आपके लिए को गिफ्ट लेकर नहीं आई, मैं तो सोचती थी कि शायद मैं ही आपके लिए गिफ्ट हूँ. एक तरीके से उसने मेरे सवाल का जवाब दे दिया.
मैंने उस छिनाल रांड से कहा- हाँ ये तो सच है कि तुम ही मेरे लिए एक गिफ्ट हो, तुम्हारा प्रेम, तुम्हारा समर्पण और आने वाले जीवन में तुम्हारा मेरे साथ इस संबंध को निभाना ही सबसे बड़ा गिफ्ट होगा मेरी लाइफ का. मैं उसके साथ सट कर बेड की पुश्त से अपने पीठ टिका कर बैठ गया. तो उसने अपना सर मेरे कंधे पर रख दिया. मैंने भी अपनी बाजू उसके पीछे से घुमाकर उसके कंधे पर हाथ रख लिया. वो बोली- मैं आपसे कुछ कहना चाहती हूँ.
पहले तो मुझे एक बार डर सा लगा के कहीं अपने किसी बॉयफ्रेंड के बारे में या अपने किसी गलत रिश्ते के बारे में न बोल दे. मगर जो भी था, सुनना तो था ही, मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- हाँ हाँ निसंकोच बोलो. वो बोली- मैं सिर्फ ये चाहती हूँ कि जिस तरह आप अपने बेटे को प्यार करते हैं, वैसे ही मेरी बेटी को भी अपनी बच्ची समझ कर प्यार करना, बहुत प्यारी है वो.
मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- अरे इसमें कहने की क्या बात है, अब जब तुम मेरी दूसरी सेक्सी माल धर्म पत्नी हो तो वो भी मेरी बेटी है. एक पिता का हर फर्ज़ मैं अपने दोनों बच्चों के लिए निभाऊंगा. और इसी बात की अपेक्षा तुमसे भी रखूँगा. वो बोली- इस बात की आप चिंता मत करें. अपने हर रिश्ते को मैं बहुत ही प्रेम और विश्वास से निभाती हूँ. मुझे उसकी बात बड़ी अच्छी लगी. मैंने उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ा और जो अंगूठी मैं लेकर आया था, उसकी उंगली में पहना दी.
तो वो पहले मेरे कंधे पर सर रखे थी, अब मेरी तरफ करवट लेकर मुझ से चिपक गई. अब उसके दोनों बूब्स की नर्मी को मैं अपनी बगल में महसूस कर रहा था. सेक्सी ब्रा पहने होने की वजह से उसके मम्में थोड़े कड़क से लगे. मैंने उसके अंगूठी वाले हाथ को पकड़ा और अपने होंठों के पास लेजा कर पूछा- चूम सकता हूँ? वो मुस्कुरा कर बोली- ज़रूर … अब आपको पूछने की कोई ज़रूरत नहीं, सब कुछ आपका ही है.
मैंने उसके हाथ पर चूमा ऐसे लगा, जैसे उसे करंट सा लगा हो. मैंने पूछा- क्या हुआ? वो बोली- बड़ा झटका सा लगा. मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- झटका क्यों लगा, तुम तो पहले से शादी शुदा हो, बाल बच्चेदार हो, एक पुरुष का स्पर्श तुम्हें अजीब तो नहीं लगना चाहिए. वो कुतिया बोली- सही कहा आपने! मगर 3 साल बाद एकदम से इस तरह से एक प्यार से भरा हुआ चुम्मा, इसने तो मुझ अभागन के रोंगटे खड़े कर दिये. मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- कहाँ रोंगटे खड़े कर दिये, मुझे तो नहीं दिखे? कहते हुए मैंने उसकी बाजू पर हाथ फेरा.
वो बहन की लौड़ी बोली- वो तो वेक्सिंग कारवाई है, इसलिए कोई बाल नहीं है. मैं भी थोड़ा नीचे को खिसका और उसकी और करवट लेकर लेट गया. अब हम दोनों एक दूसरे के सामने आ गए. उसके दोनों मम्में मेरे सीने से चिपक गए थे, आंचल थोड़ा सा हट गया, था तो उसकी खूबसूरत मखमली वक्षरेखा नज़र आई. गोरे बूब्स के बीच में मेरा पहनाया हुआ मंगल सूत्र! मैंने नीचे को देखकर कहा- ये मंगल सूत्र भी बड़ा किस्मत वाला है. वो बोली- नहीं, ये नहीं … आप किस्मत वाले हो.
मैंने उसके सर पर हाथ फेरा और उसके माथे को चूम लिया तो उसने अपना चेहरा मेरे सीने में छुपा लिया और मैंने भी कस कर उसे अपनी आगोश में ले लिया. बहुत दिनों बाद किसी औरत को अपनी बांहों में भरा था. वैसे तो अपनी बीवी के जाने के बाद मैंने बहुत सी औरतों से संबंध बनाए थे, कुछ दोस्त थी, कुछ बाजारू! मगर किसी के साथ इस तरह की फीलिंग नहीं आई थी क्योंकि सब की सब टाइम पास थी. मगर यहाँ मुझे अपनेपन की फीलिंग आई तो मैंने अपनी टांग भी उसके ऊपर रख ली.
अब सब्र सा नहीं हो रहा था तो मैंने उसकी ठोड़ी पकड़ कर ऊपर को उठाई और उसके सेक्सी लाल लाल होंठों पर एक चुम्बन कर दिया. बेशक मेरी दूसरी दुल्हन ने चुम्बन में मेरा साथ दिया, मगर एक कंपकंपी एक हरारत सी मैंने महसूस की. मैंने पूछा- क्या हुआ आशी? वो बोली- बड़ा अजीब सा लग रहा है. मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- क्यों, इस दौरान कोई दोस्त नहीं बनाया? वो बोली- नहीं. मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- तुम खूबसूरत हो जवान हो, बहुत से लोगों ने तुम पर ट्राई किया होगा.
मेरी सेक्सी और खूबसूरत दुल्हन बोली- हाँ किया था, मगर मुझे हमेशा इस बात का डर लगा रहा कि अगर मैंने एक बार गलती कर ली तो हो सकता है, कल वही गलती मेरी बेटी के भविष्य में उसको नुकसान न पहुंचाए. मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- अरे वाह, बड़ी दूर की सोची, और अगर मुझ से शादी ही न होती तो? वो बोली- सोचना पड़ता है, मर्द और औरत की सोच में बहुत फर्क पड़ता है, आपके पास एक बेटा है, आप अगर कोई गलती कर भी लेते तो कोई खास फर्क नहीं पड़ता, इस समाज में मर्द के लिए सब गुनाह माफ है, मगर मेरे किसी एक गुनाह की सज़ा मेरी बेटी भी भुगते, ये मुझे मंजूर नहीं था.
मुझे इस बात की बड़ी तसल्ली हुई कि चलो बेशक कुँवारी तो नहीं मिली, मगर इधर उधर मुंह मारने वाली भी नहीं मिली. मैंने प्यार में आ कर फिर उसके होंठों को चूमा, मगर इस बार थोड़ा ज़्यादा देर! और होंठ चूमते वक्त अपनी जीभ से उसके नीचे के होंठ को चाटा भी! उसने भी अपनी जीभ से मेरी जीभ को हल्के सी छूआ. मैंने पूछा- अगर तुम्हें ऐतराज न हो तो कुछ और बातें करें? वो बोली- आपसे कोई बात करने में मुझे कैसा ऐतराज?
मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- नहीं, घर परिवार की नहीं, अपने बारे में, सिर्फ मेरे और तुम्हारे बारे में ताकि कल को हमें एक दूसरे की भावनाओं को समझने में कोई दिक्कत नहीं आए. वो बोली- ओ के … आप मुझसे कुछ भी पूछ सकते हैं, मैं भी ये समझती हूँ कि ये हम दोनों की दूसरी शादी है, तो आपके मन में भी बहुत से सवाल हो सकते हैं. जो आप मुझसे पूछना चाहेंगे, मैं आपके हर सवाल का जवाब दूँगी.
मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- मैं ये जानना चाहता हूँ कि सेक्स में तुम्हें क्या पसंद है, अब देखो हमारी शादी हो चुकी है, आज हमारी शादी की पहली रात है, तो नेचुरली हम सेक्स तो कर ही सकते हैं. तो इससे पहले कि हम उस राह पर आगे बढ़ें, मैं चाहता हूँ कि हम एक दूसरे के विचारों, भावनाओं और जरूरतों को अच्छे से समझ लें! वो बोली- बिल्कुल सही कहा आपने!
मैंने मेरी दूसरी दुल्हन से पूछा- देखो, अब हमारी वो जवान उम्र तो नहीं रही कि रोज रोज चोदा चादी कर सके. तो तुम कितने दिन सेक्स करना पसंद करोगी? वो बोली- ऐसा है कि ये आप पर ही निर्भर है, जब आपका दिल करे, आप बता देना, मैं आपको इंकार नहीं करूंगी, सिर्फ वो 4-5 दिन छोड़ कर! मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- तो क्या तुम रोज़ सेक्स कर सकती हो? वो बोली- ये तो आप पर है, जब आपका दिल करे, रोज़, एक दो दिन छोड़ कर, हफ्ते बाद, महीने बाद!
मैं हंस पड़ा- अरे नहीं, महीने बाद नहीं, हाँ एक दो दिन छोड़ कर तो कर ही सकते हैं. मेरी सेक्सी दुल्हन बोली- जैसे आपकी मर्ज़ी. अब मैं थोड़ा ज़्यादा फ्री महसूस कर रहा था, तो मैंने उसके आँचल को हटा कर बड़े अच्छे से उसकी वक्षरेखा को देखा और उसको छूकर कहा- ये मेरी सबसे पसंदीदा चीज़ है. मुझे औरतों के बड़े और गोल मम्में बहुत पसंद है और बड़ा क्लीवेज तो मेरी कमजोरी है. मैं चाहता हूँ कि तुम अपने इस सेक्सी जिस्म पर जो भी कपड़े पहनो, उसका गला थोड़ा बड़ा हो ताकि मुझे तुम्हारे इस खूबसूरत चेहरे के साथ हमेशा तुम्हारा क्लीवेज भी दिखे.
वो साली रांड बोली- आप मेरे मालिक हो आपका तो मुझ पर और मेरे इस कामुक बदन को पूरा हक़ है मगर मैं इस बात से थोड़ा परहेज रखती हूँ कि मुझे मेरे पति के अलावा और कोई दूसरा मर्द भी देखे. आप तो जानते हैं कि सब मर्द खूबसूरत औरतों के सेक्सी जिस्म पर गन्दी नजरों से कहाँ कहाँ देखते हैं. आप भी देखते होंगे. तो बड़े गले तो मैंने कभी भी नहीं पहने. आप कहेंगे तो मैं आपको देखने से मना नहीं करूंगी. पर मैं हर किसी को नहीं दिखा सकती.
मैंने मेरी सेक्सी दुल्हन के आँचल को हटा कर बड़े अच्छे से उसकी वक्षरेखा को देखा और उसको छूकर कहा- ये मेरी सबसे पसंदीदा चीज़ है. मुझे औरतों के बड़े और गोल मम्में बहुत पसंद है और बड़ा क्लीवेज तो मेरी कमजोरी है. मैंने चाहता हूँ कि तुम जो भी कपड़े पहनो, उसका गला थोड़ा बड़ा हो ताकि मुझे तुम्हारे इस खूबसूरत चेहरे के साथ हमेशा तुम्हारा क्लीवेज भी दिखे.
वो साली बहन की लौड़ी बोली- आप मेरे मालिक हो आपको तो मुझपर पूरा हक़ है. मगर मैं इस बात से थोड़ा परहेज रखती हूँ कि मुझे कोई भी और देखे. आप तो जानते हैं कि सब मर्द खूबसूरत औरतों के कहाँ कहाँ देखते हैं. आप भी देखते होंगे. तो बड़े गले तो मैंने कभी भी नहीं पहने. आप कहेंगे तो मैं आपको देखने से मना नहीं करूंगी पर मैं हर किसी को नहीं दिखा सकती. मैंने खुश होकर उसके क्लीवेज को ही चूम लिया और उसके ब्लाउज़ के हुक खोलने लगा. उस साली रांड ने बिल्कुल भी मना नहीं किया.
सेक्सी ब्लाउज के सभी 8 हुक खोल कर मैंने उस सेक्सी माल का ब्लाउज़ खोला तो अंदर सुर्ख लाल ब्रा में कैद उसके दो गोल और दूध से सफ़ेद मम्में मेरा मन ललचा गए. मैंने एक को पकड़ कर दबाया- अरे यार, क्या मस्त चूची है तुम्हारी! वो कुछ नहीं बोली, बस मुस्कुरा दी. मैंने दोनों मम्में बारी बारी से दबा कर देखे. फिर उसका आँचल उसके बदन से हटा दिया और सारी साड़ी खोल दी.
अब मेरी दूसरी दुल्हन चाँदनी मेरे सामने सिर्फ पेटीकोट और खुले ब्लाउज़ में बैठी थी. मैंने भी अपना कुर्ता और पाजामा दोनों उतार दिये. मैंने अपने शरीर पर बनियान तो पहले से ही पहनी नहीं थी, तो मैं अब सिर्फ एक छोटी सी चड्डी में था. मेरी चुदास से भरी सेक्सी माल दुल्हन ने मेरी चड्डी को देखा, मतलब वो देख रही थी कि चड्डी के अंदर कितना समान होगा. अब लंड तो मेरा पहले ही खड़ा हो चुका था, तो अब मेरी चड्डी काफी फूली हुई लग रही थी. बेड पर बैठकर मैंने उसका ब्लाउज़ खोल कर उतार दिया और पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया.
मैंने मेरी नई नवेली दुल्हन पत्नी रांड से पूछा- तुम्हें कुछ अजीब तो नहीं लग रहा है? वो बोली- नहीं, इसमें अजीब लगने वाली क्या बात है, अब शादी की है तो ये सब भी तो होगा. मैंने मेरी नई नवेली दुल्हन पत्नी रांड से पूछा- नहीं, मैंने इस लिए पूछा कि कहीं तुम्हें अपने पहले पति की याद तो नहीं आ रही? वो बोली- अब जिसके साथ अपनी ज़िंदगी के इतने साल गुजारें हों तो उसे भूलना एकदम से तो पोसिबल नहीं, हाँ मगर अब आपके साथ नई ज़िंदगी शुरू कर रही हूँ, तो कोशिश करूंगी के आपके साथ नई यादें बनाऊँ.
चाँदनी ने फिर पूछा- क्या आपको अपनी पहली पत्नी याद आ रही है? मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- हाँ, आई थी, क्योंकि हमारी सुहागरात पर उसने भी ऐसा ही सुर्ख लाल ब्रा पहना था और … वो बोली- और क्या? मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- सिर्फ एक फर्क था, उसके मम्में छोटे छोटे, इतने भरपूर नहीं थे. वो बोली- हाँ, तब तो वो चढ़ती जवानी की उम्र में होगी, और मैं अब ढलने लगी हूँ.
मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- अरे नहीं मैं तुम्हारे ढलने की बात नहीं कर रहा, मुझे तो वैसे भी मम्में बड़े ही पसंद हैं. तुम बताओ, तुम अपने पार्टनर में क्या देखती हो, क्या चाहती हो? वो बोली- मैं चाहती हूँ कि वो मुझे खूब प्यार करें मेरी इज्ज़त करे, मुझ पर विश्वास करे. मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- वो बात नहीं सेक्स में कैसा हो? वो बोली- सेक्स में अच्छा हो, खूब मेहनत करे बाकी जैसा आप चाहोगे मैं भी आपको वैसा ही सहयोग दूँगी.
मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- यार एक बात कहूँ, मुझे औरतों से लुच्ची बातें करना बहुत अच्छा लगता है, क्या तुम गंद बक सकती हो? वो मेरी तरफ मुस्कुरा कर बोली- आपको पत्नी चाहिए या कोई बाजारू औरत? मैंने उस छिनाल कुतिया रांड से कहा- बिस्तर में तो रंडी ही चाहिए. वो बोली- ठीक है, तो ये बताओ, बातें ही करोगे या चोदोगे भी मुझे? मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- चोदूँगा ज़रूर चोदूँगा, मगर तुम्हें चोदने से पहले तुमसे बहुत से बातें भी करूंगा.
वो साली बहन की लौड़ी मुझसे लिपट कर बोली- बातें और सेक्स दोनों साथ भी तो हो सकते हैं. मैंने उस छिनाल कुतिया से कहा- क्यों बुर में बहुत खुजली हो रही है. वो साली कुतिया बहन की लौड़ी बोली- तीन साल बाद आज कोई लंड मेरे हाथ में आया है. कहते हुये उसने मेरे केले रूपी विशाल लौड़े को अपने हाथ में पकड़ लिया- अब इसलिए सब्र का पैमाना छलकने को है. मैंने चड्डी के ऊपर से ही उसकी बुर को सहलाया तो उसने हल्की सी सिसकी भरी- सी … आह… मैंने पूछा- क्या हुआ? वो बोली- बड़ी मुद्दत के बाद किसी लंड को अपने हाथ में पकड़ा है, बहुत तड़पती थी मैं!
मैंने उस सेक्सी माल से कहा- तो फिर कोई दोस्त बना लेती! वो बोली- अरे नहीं, दोस्त वाली बात छुपती नहीं है, कल को मेरी बदनामी होती, आगे चल कर मेरी बेटी के भविष्य पर उंगली उठाई जाती, दोस्त नहीं. मैंने पूछा- तो जब दिल मचलता था, तो कैसे समझाती थी अपने दिल को? वो बोली- अरे उसके लिए तो रसोई में बहुत कुछ मिल जाता है. कह कर वो हंस दी.
मैं समझ गया कि खीरा बैंगन गाजर ने इसके सुख दुख में साथ दिया है. मैंने अपनी चड्डी उतार दी और उस चुदास से भरी रंडी औरत से बोला- लो मिलो अपने पति से … प्यार करो इसे! मेरी नई नवेली दुल्हन पत्नी रांड उठ कर बैठ गई, और मेरी जांघ पर सर रख दिया, फिर मेरे काले लंड की चमड़ी पीछे को हटा कर मेरे लंड का टोपा बाहर निकाला और मेरे सुर्ख लाल टोपे को अपने लाल लाल होठों से चूमा और फिर उसे मुंह में लेकर किसी रंडी की तरह पूरी मस्ती और जोश के साथ चूसने लगी और मुझे ब्लोजॉब देने लगी.
मैं मन ही मन बड़ा खुश हुआ, क्योंकि पहली सुहागरात में मेरे साथ 22 साल की एक कुंवारी लड़की थी जिसे चुदाई के बारे में ज्यादा कुछ खास नहीं पता था. मगर अब मेरी इस दूसरी शादी की पहली रात में मेरी नई नवेली दुल्हन पत्नी के रूप में मेरे साथ एक भरपूर चुदास से भरी रंडी औरत थी, जो चोदा चादी करने का बहुत ही ज्यादा तजुरबा रखती थी. और उसे कुछ कहने या सिखाने की ज़रूरत नहीं थी, उसे पता था, कैसे क्या करना है. पति को क्या पसंद होता है, इसी लिए उसने बिना कहे ही मेरा केला चूसना शुरू कर दिया.
मैंने मेरी नई नवेली कामुक दुल्हन रांड से पूछा- लंड चूसना अच्छा लगता है? वो बोली- अरे बहुत, इसे चूसे बिना तो सेक्स का मज़ा ही नहीं आता. आप को पसंद है चुसवाना और चाटना? मैंने उस कुतिया रांड से कहा- हाँ, मुझे तो स्खलित होने तक मुखमैथुन का आनंद लेने का शौक है. वो बोली- तो फिर आप भी दिखाइए अपनी जीभ का कमाल और उस छिनाल दुल्हन ने घोड़ी बन कर अपनी भरी हुई गाँड मेरी तरफ घुमा दी.
मैंने मेरी छिनाल दुल्हन की चड्डी उतारी उसकी दोनों टाँगों के बीच में अपना सर सेट किया. तो उसने अपना आगे वाला प्राइवेट पार्ट मेरे मुंह पर रख दिया. मैंने पहले मेरी दूसरी दुल्हन की बुर की दरार को चूमा और फिर अपनी जीभ की नोक से उसकी बुर की दरार के अंदर डाल कर फेरा. तो उसने अपनी कमर थोड़ी ऊपर को उठाई.
प्यासी बुर तो उस साली रांड खूब पानी छोड़ रही थी. एकदम से गीली चिकनी बुर, हल्का नमकीन खट्टा सा पानी का स्वाद मुंह में आया, तो मैंने उसकी सारी बुर को अपने मुंह में भर लिया, और फिर अपनी पूरी जीभ से उसकी बुर के अंदर और उसके बुर के छोले को चाटने लगा. मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- आज पहली बार हुआ है कि किसी औरत ने मेरा केला बिना कहे चूसा हो. वो बोली- मेरे साथ भी ये पहली बार हुआ है.
मेरे पहले पति अक्सर बहुत मिन्नत करते थे, तब कहीं जाकर मैं उनका चूसती थी. मगर आज तो मैं इसे देख कर खुद पर काबू ही नहीं रख सकी. मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- तुम्हें लंड चूसना पसंद नहीं? वो बोली- पहले नहीं था. मगर आज तो मैं इतनी बेताब हो गई कि मुझे नहीं लगता आगे से मैं इसे बिना चूसे रह पाऊँगी और फिर वो मेरा केला चूसने लगी और मैं उसकी बुर चाटने लगा.
क्योंकि मुझे लड़कियों के आगे वाले प्राइवेट पार्ट को मेरी जीभ से चाटना और दातों से काटना बहुत ही पसंद है. मैं तो जिन गश्तियों के पास भी जाता था, मैं तो उनकी बुर भी चाट लेता था. खैर मुझे तो बुर चाटना पसंद था, और जो मैं मज़े ले ले कर उसकी बुर चाट रहा था कि अचानक वो तड़प उठी, और अकड़ गई. उसने मेरे सर को अपनी जांघों में भींच लिया और मेरे केले रूपी विशाल लौड़े को अपने दाँतों से काट दिया. उसके मुंह से सिर्फ ‘उम्म … उम …’ की आवाज़ें ही निकली क्योंकि उसके मुंह में तो मेरा केला घुसा था.
मैं समझ गया कि ये साली रंडी तो बुर चटाई से ही स्खलित हो गई. मगर मैं फिर भी उसकी बुर में अपनी जीभ घुमाता रहा. उसका बहुत सारा पानी मेरे मुंह पे लगा गया, बहुत सारा मैंने निगल लिया. उसके बाद जब उसने अपनी जांघों की पकड़ ढीली करी तो एकदम से उठ कर मेरे ऊपर चढ़ गई. “मार डाला ज़ालिम तुमने तो! यार, बस अब एक बार इससे भी स्खलित कर दो मुझे! फिर चाहे जान से मार दो!” मैं कुछ कहता या करता, उससे पहले ही उसने खुद ही मेरा केला अपने आगे वाले प्राइवेट पार्ट पर सेट किया और ऊपर बैठ गई.
गीली बुर में मेरा केला फिसलता हुआ अंदर तक घुस गया. पूरा लंड अपने अंदर ले कर वो मेरी कमर पर ही बैठ गई. एक भरा हुआ दूध सा गोरा, नंगा बदन मेरा केला लेकर मेरी कमर पर बैठा था. मैंने कोई हरकत नहीं करी. एक बार उसने जैसे अपनी पूरी सतुष्टि करी हो कि हाँ एक मजबूत लंड उस सेक्सी माल लड़के के आगे वाले प्राइवेट पार्ट में पूरा अंदर तक घुस चुका है. उसके बाद उसने आँखें खोली और मेरी तरफ देखा.
मैंने पूछा- क्या? तो मेरी नई नवेली कामुक दुल्हन बोली- आपको मेरी ये बेताबी बुरी तो नहीं लगी? कहीं आप सोचें कि कितनी कामुकता भरी है इसमें? मैंने उस नई नवेली दुल्हन से कहा- नहीं, बल्कि मुझे जैसी पत्नी चाहिए थी, तुम बिल्कुल वैसी हो. बल्कि मेरी सोच से भी बढ़कर. अब अगर ऊपर चढ़ी हो तो रुको मत, चोद डालो मुझे. मैं हमेशा से चाहता था कि एक भरी पूरी तगड़ी औरत मुझे हराकर मेरे ऊपर चढ़ कर खुद सेक्स करे, मैं उसे नहीं बल्कि वो मुझे चोदे और देखो तुम मुझे मिल गई.
मैंने मेरी नई नवेली दुल्हन पत्नी से बोला की डार्लिंग अब शुरू हो जाओ और अपने दिल में छुपी उस प्यासी रांड को बाहर निकालो, और मुझे एक ज़बरदस्त चुदाई का मज़ा दो. वो बोली- जो हुकुम मेरे सरकार! और उसके बाद उसने धीरे धीरे अपनी कमर हिलानी शुरू करी. पहले सीधी बैठ कर फिर, आगे झुक कर फिर मेरे ऊपर लेट कर, मगर उसने अपनी कमर नहीं रोकी, और मेरा केला बार बार उसकी बुर में अंदर बाहर जाता रहा. पहली उसकी गीली बुर चुसी और उसके बाद धीरे फिर से वो पानी छोड़ने लगी.
उसकी पतली कमर चलती रही, उसको सांस चढ़ने लगी. मैंने पूछा- मैं ऊपर आऊँ”? वो चुदास से भरी रंडी औरत बोली- नहीं, अब तो मर कर ही नीचे उतरूँगी. वो साली कुतिया रांड मुझे बहुत बुरी तरह से पेलती रही. धीरे धीरे उसके बदन पसीने से भीगने लगा, मगर वो एक शानदार औरत ही नहीं थी, एक जानदार औरत भी थी. उसके बड़े बड़े मम्में मेरे चेहरे पर झूल रहे थे जिन्हें मैंने खूब चूसा, और बहुत बार ज़ोर ज़ोर से काटा. इतनी ज़ोर से कि चाँदनी की चीख निकाल दी. मगर वो साली कामुकता के सैलाब में बहती चली गई, एक बार भी नहीं कहा लो मत काटो दर्द होता है.
मेरी नई नवेली दुल्हन पत्नी के दूध से भरे मोटे मोटे बूब्स पर मेरे दांतों के बहुत से निशान बन गए. वो चुदास से भरी मेरी दूसरी धर्म पत्नी अपनी चुत से मेरे लौड़े को चोदती रही, चोदती रही, जब तक के मेरे केले रूपी विशाल लौड़े ने उसकी बुर में गर्मा गर्म वीर्य की उल्टी नहीं कर डाली. जब मेरा माल गिरा तो वो बोली- अरे ये क्या किया, अंदर ही गिरा दिया? मैंने पूछा- क्यों, क्या हुआ, प्रेग्नंट हो जाओगी. वो बोली- अरे नहीं, वो बात नहीं, मेरे जिस्म पर गिराते, मेरे स्तनों पर, मेरे मुंह में … मुझे अच्छा लगता है मर्दाना वीर्य में भीगना, उसे पीना…
मैंने मेरी नई नवेली कामुक दुल्हन की बुर से लंड निकाला, जो अभी भी मेरे वीर्य से भीगा हुआ था, और मैंने अपने लंड को उसके मुंह में डाल दिया. वो बड़े शौक से मेरे लंड को चाट गई. जितना भी वीर्य मेरे केले रूपी विशाल लौड़े पर लगा था, सब सारा का सारा चाट गई. उसके बाद हम दोनों दूल्हा और दुल्हन वैसे ही कुछ देर नंगे पुंगे लेटे रहे. हम कुछ कुछ गन्दी गन्दी बातें करते रहे.
फिर चुदाई का पहला राउंड ख़त्म करने के करीब दो घंटे बाद मैंने एक बार फिर मेरी नई नवेली दुल्हन पत्नी रांड को कुतिया बनाकर चोदा और इस बार के सेक्स में सारी कमांड मैंने संभाली, उसको एक औरत की तरह नीचे लेटाकर, एक मर्द की ताकत उसको दिखाई और जब मेरा माल गिरा तो इस बार मैंने उसे अपना सारा माल पिलाया. वो बिना किसी हिचक के पी गई. सुबह करीब 10 बजे हम पति पत्नी जागे, जब मैं उठा तो मेरा केला तो पहले से ही अकड़ा पड़ा था.
तो मैंने उसे सोते हुये ही चोदना शुरू कर दिया. जब वो जागती तब तक मेरा केला उसकी सूखी बुर में घुस चुका था. मगर उस चुदास से भरी रंडी औरत ने भी अपनी टाँगें पूरी खोल कर मेरे केले रूपी विशाल लौड़े का स्वागत किया. और हम करीब आधा घंटा ऐसे ही प्यार से एक दूसरे के जिस्म में डूबते उभरते रहे. वो करीब 8-10 मिनट की चुदाई में स्खलित हो जाती है. मैं करीब 20 एक मिनट लेता हूँ, तो मेरी एक चुदाई में वो दो बार स्खलित हो जाती है.
उसके बाद नहा धोकर हम दोनों बाज़ार घूमने गए. दोस्तों मेरा दिल अब मेरी दूसरी पत्नी को घोड़ी बनाकर उसकी गांड मारने का कर रहा था तो मैंने रास्ते में उससे पूछा की डार्लिंग आज रात का क्या प्रोग्राम है? वो बोली- अरे नहीं, तीन बार कर लिया है सेक्स, अब बहुत है बस! मगर रात को जब हमने दो दो पेग लगाए, और उसके बाद सिगरेट फूंकी, तो मैं कुछ कहता इस से पहले ही वो बोली- बिना शवाब के शराब किस काम की? और मेरे सामने ही उसने अपनी साड़ी ब्लाउज़ पेटीकोट सब खोल दिये.
फिर मेरी दूसरी सेक्सी माल धर्म पत्नी ने मेरी पैन्ट की चैन खोल कर मेरा केला बाहर निकाला और बोली- इस मादरचोद को क्यों छुपा रखा है मेरे प्यारे पति देव आप ने….? मेरी जान है ये आप का लंड तो … इस लंड को तो मैं जितना भी चूसूँ, दिल नहीं भरता और वो किसी धंधा करने वाली रांड की तरह मेरा केला चूसने लगी.
बस लंड खड़ा हुआ और मैंने फिर से गांड मारने के लिए उस साली नंगी कुतिया को घोड़ी बना दिया और खूब तबियत से उसकी गांड मारी. आज हमारी शादी को चार साल हो चुके हैं, मगर आज तक हमारी सुहागरात चल रही है, हनीमून चल रहा है. मेरी पहली बीवी तो हमेशा नखरे ही करती रहती थी, कभी कुछ दुख रहा है, कभी कोई काम है, आर एक ये है, मेरी प्यारी धर्म पत्नी चाँदनी… इसे तो सेक्स करने के लिए कहने की भी ज़रूरत ही नहीं पड़ती वो तो हमेशा चुदने के लिए तैयार बैठी रहती है…