रक्षाबन्धन की छुट्टियों में मैंने मेरे दोस्त की बड़ी कुंवारी बहन की सील पैक वर्जिन गांड की खूब जमकर खतरनाक चुदाई करी मेरा लम्बा मोटा लंड घुसते ही वह कुंवारी लड़की पहली गांड चुदाई के दर्द से बहुत जोर से चिल्ला पड़ी मैंने उसकी गांड फाड़ने के बाद शायद अब उसकी चूत को भी फाड़ डाला था इस वजह से उसे चुदवाने में बहुत ज्यदा दर्द हो रहा था नई अन्तर्वासना हिंदी XXX सेक्स स्टोरी फ्री में ऑनलाइन पढ़े और पढ़ने के बाद अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ शेयर भी करें …

हेल्लो दोस्तों आज में आप लोगों को जो हिंदी सेक्स स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ वो मेरे दोस्त की बहन के साथ बनाए गए अवैध शारीरिक सम्बन्ध की है. इस हिंदी सेक्स स्टोरी में मैं आपको विस्तार से बताऊंगा की कैसे मैंने मेरे दोस्त की वर्जिन बहन की गांड और चूत में अपना लम्बा और मोटा लंड पेला और खूब जमकर खतरनाक चुदाई करी. में एक 24 साल का कुंवारा लड़का हूँ और दिखने में बहुत स्मार्ट हूँ जिस कारण कोई भी लड़की या भाभी मेरी तरफ बहुत आसानी से आकर्षित हो जाती है.

दोस्त की कुंवारी वर्जिन बहन की गांड चुदाई करी लंड घुसते ही वह चिल्ला पड़ी अन्तर्वासना नई हिंदी सेक्स स्टोरी

बहन बोली कुछ दिन मेरी टाइट चूत मार लो फिर बाद में गाण्ड भी मार लेना नई XXX हिंदी सेक्स कहानी (2)

दोस्तों यह कहानी अभी पिछले महीने की है. में रक्षाबन्धन की छुट्टियों की वजह से घर पर अकेला था, रविवार को में अपने दोस्त के घर चला गया और उसकी एक बहन है, जिसका नाम शानू गहलोत है देखने में वो बिल्कुल गुड़िया की तरह गोरी, सुंदर, बड़ी बड़ी आखें, काले लंबे बाल, एकदम गुलाबी रसभरे होंठ, पतली कमर, थन का आकार मध्यम, लेकिन उठे हुए निप्पल, एकदम चिकने दूध जैसे गोरे हाथ पैर, जिसको देखकर मेरा तो क्या किसी का भी बुरा हाल हो जाए और उसके जिस्म में एक भी कमी नहीं थी वो बड़ी ही आकर्षक मन को भाने वाली लगती है.

दोस्तों में हर कभी अपने उस दोस्त के घर उससे मिलने चला जाता था और मेरे दोस्त की बड़ी बहन इतनी सुंदर और गोरी थी कि मैंने कुछ दिनों बाद उसके साथ सेक्स करने का विचार तो कई बार बनाया, लेकिन मुझ हवस के पुजारी को उसकी चुदाई करने का सही मौका ही नहीं मिला, जिसका में फायदा उठाकर उसकी चुदाई के मस्त मज़े लूँ इसलिए में बार बार किसी अच्छे मौके की तलाश में रहने लगा था और एक दिन भगवान ने मेरे मन की बात को सुन लिया. दोस्तों उस दिन मेरे दोस्त की मम्मी, पापा किसी काम से सूरत गये हुए थे, इसलिए मेरा दोस्त और उसकी बहन घर पर अकेले थे.

जब में वहां पर पहुंचा तो मेरे उस दोस्त से मैंने बात करके उसके उदास चेहरे के बारे में पूछा, क्योंकि मुझ हवस के पुजारी को उसका चेहरा मुरझाया हुआ नजर आया था. फिर उसने मेरे दो बार पूछने पर मुझसे कहा कि मेरे घर वाले सूरत गए हुए है और वो भी उनके साथ ही सूरत जाना चाहता था, लेकिन उसकी बहन मेरे दोस्त की जवान और सेक्सी माल बहन के पेपर की वजह से नहीं जा सका और मुझ हवस के पुजारी को भी उनके साथ जाने की बहुत इच्छा हो रही थी और में अपनी बहन की वजह से अटक गया और वो इतना कहकर कुछ देर बिल्कुल चुप हो गया और कुछ सोचने लगा.

फिर उसने मुझसे कहा कि तुम अगर कुछ दिन मेरे घर रुक जाओ तो में भी सूरत चला जाऊंगा. अब उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरे तो दिल की एक बड़ी दिनों की हसरत जैसे आज पूरी हो गयी, इसलिए वो बात में सुनकर मन ही मन बड़ा खुश हुआ, लेकिन अब उसको मेरे इरादों पर बिल्कुल भी शक ना हो इसलिए में उसके सामने जानबूझ कर थोड़ा सा हिचकिचाने लगा. मैंने उससे कहा कि में कैसे यहाँ पर रुक सकता हूँ. अगर तुम मेरे साथ रहो तो बात कुछ अलग होती है. अकेले में रहना तुम अच्छी तरह से समझ सकते हो कि मेरा क्या और किस तरफ इशारा है और में क्या तुमसे कहना चाहता हूँ?

दोस्तों वो तो मेरी इतनी बातें सुनकर भी मुझसे उसके घर में रुकने के लिए बार बार आग्रह करने लगा था और कुछ देर चले मेरी तरफ से इस नाटक के बाद में अब उसके कहने पर तैयार हो गया, जिसकी वजह से वो एकदम खुश होकर उछलने लगा और उसने मुझ हवस के पुजारी को अपने गले से लगाकर धन्यवाद कहा और उसके बाद वो अपना सामना बेग में जमाने लगा. वो हंसी ख़ुशी उसी दिन दोपहर की ट्रेन से सूरत चला गया. फिर उसको रेल्वे स्टेशन छोड़ने के बाद जब में दोबारा उसके घर पहुँचा तो मैंने मेरे दोस्त की जवान और सेक्सी माल बहन को हाफ पैंट और टी-शर्ट में पलंग पर बैठा हुआ देखा.

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वो जवान और सेक्सी लड़की हाफ पैंट और टी-शर्ट में बहुत ही ज्यदा कामुक नजर आ रही थी और इसलिए में अब उसके गोरे चिकने पैरों को ही लगातार घूरकर गन्दी नजरों से देखता रहा, लेकिन उसने इतना ध्यान नहीं दिया या वो जानबूझ कर नाटक कर रही थी. फिर में कुछ देर तक उसके साथ बैठकर इधर उधर की बातें करता रहा, क्योंकि वैसे भी में हमेशा उससे थोड़ा बहुत हंसी मजाक बातें तो किया करता ही था, लेकिन आज में कुछ ज्यादा बातें कर रहा था और वो भी मुझ हवस के पुजारी को बड़ी हंस हंसकर मेरी हर एक बात का जवाब दे रही थी, क्योंकि वो खुले विचारों के अलावा बड़े ही हंसमुख स्वभाव की लड़की है और वैसे भी उसके मन में भी मेरे प्रति थोड़ा बहुत प्यार था, लेकिन वो उस प्यार को मुझको बताने से शायद डरती थी.

अब दोस्तों उसके साथ वो पूरा दिन कैसे निकल गया मुझ हवस के पुजारी को इसका पता ही नहीं चला और हमारे बीच हंसी मजाक और भी बहुत सारी बातें होती रही. फिर साथ में बैठकर रात का खाना खाने के बाद में सोने के लिए तैयार होने लगा था, इसलिए मैंने अपनी पेंट को खोलकर टावल पहन लिया और में पलंग पर लेट गया. दोस्तों उनके घर में सिर्फ़ दो ही कमरे थे, चूंकि इस कमरे में जहाँ में लेटा हुआ था उसमे ए.सी. भी लगा हुआ था, इसलिए वो भी कुछ देर बाद उसी कमरे में आ गई और मेरे दोस्त की जवान और सेक्सी माल बहन ने सीधे कमरे में आकर दरवाजा बंद करके लाइट को बंद करके छोटे बल्ब को जलाकर वो मेरे पास में आकर लेट गयी.

उस समय उसने अपने पीठ को मेरी तरफ किया हुआ था. फिर में कुछ देर तक मन ही मन में सोचता रहा कि कैसे में अपने इस काम को पूरा करूं और कैसे आगे बढ़कर उसकी चुदाई के मज़े लूँ? जो मेरा एक सपना है और उसको पूरा करने का समय अब आ चुका है और कुछ देर के बाद मैंने अपना आखरी मन बना लिया कि अब मुझ हवस के पुजारी को इसके बारे में इतना ज्यादा सोचना नहीं और उसकी गांड चुदाई करने के लिए कुछ ना कुछ तो करना चाहिए और फिर मैंने अब अपनी कमर को उसकी कमर से सटा दिया तो उसने अपनी कमर को थोड़ा सा पीछे कर लिया और मैंने थोड़ी देर के बाद दोबारा अपनी कमर को उसकी कमर से सटा दिया, जिसकी वजह से अब वो कमरे की दीवार से एकदम सट चुकी थी.

फिर उसके पास अब आगे सरकने के लिए बिल्कुल भी जगह नहीं बची थी और मुझ हवस के पुजारी को उसके जिस्म की गरमी बड़े आराम से महसूस हो रही थी, इसलिए मैंने कुछ देर बाद जोश में आकर अपनी कमर को उसकी कमर से सटाने के बाद जैसे ही अपने एक हाथ को उसकी कमर पर रखा तो उसने मेरी इन हरकतों से बड़ा चकित होते हुए मुझसे पूछा कि आप यह क्या कर रहे हो? फिर मैंने भी हिम्मत करके उसको बोल दिया कि वही जो एक जवान लड़का एक सुंदर जवान और हसीन लड़की को अकेले में पाकर उसके साथ करता है. अब मेरे दोस्त की कुंवारी बहन बोली कि नहीं में यह सब नहीं करूँगी, दूर हटो मुझसे, मुझ हवस के पुजारी को क्या समझा है तुमने, में कोई ऐसी वैसी लड़की नहीं हूँ और फिर मैंने बड़े ही प्यार से उससे पूछा कि क्यों क्या कभी तुम्हारा मन नहीं करता यह सब करने का?

फिर बोली कि नहीं, यह सब बहुत ग़लत काम है, में इसके अलावा और कुछ भी नहीं जानती और में इसके आगे कुछ भी नहीं कहना चाहती, प्लीज अब दूर हटो मुझसे. फिर मैंने उसी समय थोड़ा ऊँची आवाज में उससे पूछा क्यों इसमें क्या ग़लत है? इसके बिना यह पूरी दुनिया अधूरी है और अगर यह नहीं होता तो हम क्या इस दुनिया में कोई भी नहीं होता और अगर वैसे भी अगर कभी मन करे तो उसकी बात को बिना कुछ सोचे समझे ऐसे कुछ काम कर ही लेने चाहिए, इसके लिए पूरी दुनिया दीवानी है और अगर आज तुम्हे देखकर में भी अपने होश खो बैठा तो इसमे मेरी क्या गलती तुम चीज ही कुछ ऐसी हो जिसको देखकर मेरी तो क्या किसी की भी नियत खराब हो सकती है और अब तुम ही ठंडे दिमाग से सोच लो कि ऐसा मौका हम दोनों को दोबारा क्या पता कभी मिलेगा भी या नहीं?

अब मैंने उसको यह बातें कहकर बड़े प्यार से समझाते हुए उसकी पेंट के एक बटन को खोल दिया. फिर उसने एक झटके के साथ मेरे हाथ को पकड़कर तुरंत ही अपनी कमर से हटा दिया, लेकिन मैंने भी तुरंत ही पीछे से उसकी पेंट को खींच दिया जो उसके आधे कूल्हों से नीचे उतर चुकी थी और वो अपनी पेंट को दोबारा खींचकर पहनने लगी और पेंट को वापस पूरा कमर तक पहुंचा दिया.

अब मैंने उसके हाथ को पेंट से दूर हटा दिया और में उससे कहने लगी कि क्यों तुम यह झूठा नाटक, दिखावा मेरे सामने कर रही हो, मुझ हवस के पुजारी को बहुत अच्छी तरह से पता है कि तुम्हारा मन भी तो इस काम के लिए तैयार है और मैंने यह बात कहते हुए उसकी पेंट को अपने दोनों हाथों से पकड़कर वापस खोल दिया, लेकिन अब उसने मुझ हवस के पुजारी को एक हल्का सा धक्का दे दिया और वो तुरंत उठकर कमरे का दरवाजा खोलकर बाहर जाने की कोशिश करने लगी थी. फिर मैंने भी उसी समय उठकर उसको पीछे से पकड़कर पलंग पर गिरा दिया और अब में पीछे से उसके ऊपर आकर उसके थन को दबाने लगा. उसके दोनों रुई जैसे मुलायम गोल गोल थन मेरी मजबूत पकड़ में थे और में लगातार उनको दबाता रहा और वो लगातार मेरा विरोध करती रही.

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दोस्तों अब मैं गांड चुदाई करने के लिए बहुत ज्यदा बैचेन हो उठा था तो अब मैंने बिना देर किए अपने एक हाथ से अपने तनकर खड़े लंड को पकड़कर दूसरे हाथ को उसकी गांड पर फेरते हुए अपने लंड को उसकी गांड के छेद के पास पहुंचा दिया और उसके बाद मैंने सही मौका देखकर अपने एक हाथ से उसके दोनों मोटे मोटे कूल्हों को फैलाकर बीच में जाने की जगह बनाते हुए थूक लगाकर अपने लंड को उस कुंवारी लड़की की सील पैक वर्जिन गांड में जाने के लिए रास्ता दिखाया और जब लंड ठीक जगह पर पहुंच गया तो मैंने अपने लंड को उसकी सील पैक वर्जिन गांड के छेद के दरवाजे पर रखा और एक ही ज़ोर का झटका मारा और वो आह्ह्ह आऔऊऊ आईईईईई उई माँ… बाप रे में तो मर गई… करके वो सिसक उठी.

गांड चुदाई के दौरान उस नंगी लड़की की चीख में बहुत दर्द था जिसे सुनकर मैं समझ गया की उस कुंवारी लड़की को बड़ा तेज दर्द हुआ है और शायद मेरे लम्बे और मोटे लंड ने उसकी गांड फाड़ डाली है. वो मुझसे छूटने के लिए लगातार छटपटा रही थी, लेकिन मेरी उस पकड़ से उसका छूटना बड़ा मुश्किल था. फिर मैंने उस जवान और सेक्सी लड़की से पूछा क्यों क्या हुआ दीदी…? वो कुछ नहीं बोली बस अपनी आंसुओ से भरी आखों से मुझ हवस के पुजारी को देखते हुए सिसकियाँ लेती रही आह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फ़. अब मैंने अपने हाथ से उसकी कमर को पकड़कर अपनी तरफ खींचकर अपने लंड को उसकी गांड में जल्दी से जल्दी पूरा अंदर डालने के लिए में ज़ोर ज़ोर के झटके मारने लगा.

गांड चुदवाते चुदवाते मेरे दोस्त की कुंवारी बहन दर्द की वजह से मेरे हर एक झटके के साथ आआहह ओह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह्ह की आवाज़ करती रही, जो मेरे मन की हिम्मत को और भी बढ़ा रही थी, इसलिए में जोश में आकर उसको तेज तेज धक्के देता रहा, कुछ देर में मैंने अपने पूरे लंड को उसकी गांड में डाल दिया और अब में अपनी कमर को आगे पीछे करके लंड को उसकी गांड से अंदर बाहर करता रहा और वो आह्ह्ह्ह ऊईईईइ माँ मर गई चीखते और चिल्लाते अपनी गांड की चुदाई करवाती रही. फिर करीब दस मिनट की गांड चुदाई के बाद मैंने मेरा पूरा वीर्य उस नंगी लड़की की गांड में निकाल दिया.

फिर जब मेरा लंड ठंडा होकर छोटा हुआ तो मैंने अपने लंड को उसकी गांड से बाहर निकाल दिया और कुछ देर तक वैसे ही लेटे रहने के बाद उठकर में बाथरूम में नहाने के लिए नंगा ही चला गया. दोस्तों सच कहूँ तो मुझ हवस के पुजारी को आज बहुत ज्यादा ख़ुशी थी, क्योंकि मुझको मेरे दोस्त की कुंवारी बहन की सील पैक गांड को सबसे पहले अपने लम्बे और मोटे लंड से चोदा था और उसकी गांड की खुजली शांत करने का पहला मौका मुझे मिला था. दोस्तों उस दिन की गांड चुदाई के बाद से हमें जब भी सेक्स करने का मौका मिलता हम खूब जमकर कामसूत्र की आलग आलग सेक्स पोजीशन में चुदाई का मजा लेते हैं. दोस्तों मैंने मेरे दोस्त की बहन की वर्जिन चूत की सील भी तोड़ी है खैर वो वाली हिंदी सेक्स कहानी कल इसी वेबसाइट पर प्रकाशित करूँगा…