HomeAntarvasna Hindi Sex Storiesहोली पर भाभी का पेटीकोट उठाने के बाद रंग लगाकर चुदाई करी

होली पर भाभी का पेटीकोट उठाने के बाद रंग लगाकर चुदाई करी

दोस्तों मेरे अपनी भाभी के साथ अवैध सेक्स संबंध हैं और हम भाभी और देवर को जब भी चुदाई करने का मौका मिलता है हम दोनों मिलकर खूब सेक्स करते हैं. आज की इस कामुकता से भरी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी में आप पढेंगे की कैसे मैंने होली के त्योहार पर शराब और भंग के नशे में होली खेलने के बहाने अपनी जवान और सेक्सी भाभी का पेटीकोट उप्पर उठाने और पैंटी खोलने के बाद गांड और चूत पर खूब मसल मसल कर रंग लगाया और रंग लगाकर उनकी खूब जमकर चुदाई करी थी अपने लंबे और मोटे लंड से. होली के दिन मेरी भाभी को भी मेरे लंड से चुदवाकर बड़ा आनंद आया था. दोस्तों चलिए अब मैं पूरी घटना को विस्तार से बताता हूँ…

दोस्तों मेरा नाम सुरेश शर्मा है और मैं एक कुंवारा लड़का हूँ. दोस्तों मुझे ब्लू फिल्म देखने और मुठ मारने का बड़ा शौक है या यू बोल लो की हस्तमैथुन करना मेरी मजबूरी है क्योंकि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. मेरे परिवार में मेरे अलावा मेरे पापा मम्मी और भैया भाभी हैं. मेरे भाई की अभी दो महीने पहले ही शादी हुई है. मेरी भाभी दिखने में बहुत सुन्दर और सेक्सी माल है इस वजह से जब से भाभी हमारे घर में दुल्हन बनकर आयी है मैं उनके उप्पर गन्दी नजर रखता हूँ. एक बार मेरी भाभी अपने बैडरूम में गहरी नींद में सो रही थी तब मैंने मेरी भाभी का पेटीकोट उप्पर उठाने के बाद उनकी पैंटी देखी थी और फिर मुठ मरकर अपनी हवस शांत करी थी.

होली पर भाभी का पेटीकोट उप्पर उठाने और पैंटी खोलने के बाद रंग लगाकर खूब जमकर चुदाई करी

होली पर भाभी का पेटीकोट उप्पर उठाने और पैंटी खोलने के बाद रंग लगाकर खूब जमकर चुदाई करी

एक बार मैंने उन्हें पेटीकोट और ब्लाउज में देख लिया था जब वो नहाने के बाद बाथरूम से निलाकर अपने बैडरूम की तरफ जा रही थी बस उस दिन से ही मेरा दिल उनकी इज्जत लुटने का करने लगा था. मेरी सुन्दर और सेक्सी माल भाभी का नाम शकुन्तला है और वो 21 साल की है. भाभी अपने जवान और सेक्सी जिस्म पर साड़ी ब्लाउज पहनती हैं मगर रात को सोते समय वो अपनी साड़ी उतार देती है और सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में ही सोती है. मेरे भैया फौजी हैं और अधिकतर सीमा पर तैनात रहते हैं इस वजह से भाभी को अपनी ऊँगली से चूत में ऊँगली डालकर हस्तमैथुन करके अपनी कामवासना शांत करनी पड़ती है.

भैया एक फौजी थे इस वजह से उनको छुट्टी नहीं मिली थी इस लिए उनकी नयी नवेली दुल्हन को शादी शुदा होने के बावजूद किसी कुंवारी लड़की की तरह बिना सेक्स के ही रहना पड़ता था. होली के दिन मैंने मेरे दोस्तों के साथ खूब मजे किये. हमने होली के दिन खूब जमकर शराब पी और भांग का नशा भी करा. दोस्तों के साथ होली खेलने के बाद दिन में करीब तीन बजे वापस जब घर आया तो देखा मेरी सुन्दर और सेक्सी माल भाभी अंदर अपने बैडरूम में लेटी हुई थी और बहुत उदास थी. होली के इस रंग बिरंगे तियोहर पर अपनी कामुक भाभी को ऐसे उदास देखकर मुझे बिलकुल भी अच्छा नहीं लगा.

भैया भाभी की शादी के बाद यह उनकी पहली होली और उनके साथ उनके पति नहीं थे. मैं भाभी के बैडरूम में गया और फिर मैंने उनसे कहा की भाभी अब मैं आपके साथ होली खेलूँगा आप जल्दी से आँगन में आ जाओ. भाभी बोली नहीं देवर जी मुझे होली खेलना अच्छा नहीं लगता. मैंने बोला की मैं आप का इकलौता देवर हूँ और आप मेरी इकलौती भाभी हो और भाभी देवर का तो साथ होली खेलना बनता है चलो कोई बात नहीं यदि आप को मेरे साथ होली नहीं खेलनी तो यह बात बोलकर मैं थोड़ा उदास सा हो गया. भाभी ने जब मुझे उदास सा देखा तो वो मुझसे बोली ओह्ह्ह्हह गलती हो गयी मेरे प्यारे देवर जी बस यूँ ही कह दिया मजाक में आप मेरी बातों को बिलकुल भी बुरा नहीं मानना.

फिर भाभी मेरे साथ होली खेलने को तैयार हो गयी और मुझसे बोली की देवर ठीक है जी भर के रंग लगा लो जितना लगना है अपनी इकलौती भाभी को और कर लो अपनी इच्छा पूरी आज मैं आपको मेरे साथ होली खेलने से जरा भी मना नहीं करुँगी. इतना सुनते ही मैंने रंग हाथ में लिया और पानी हाथ पर मिलाकर उनके टमाटर जैसे गालों पर रंग मलने लगा. अपनी सुन्दर और सेक्सी माल भाभी के जिस्म को छुते ही मेरी नियत ख़राब हो गयी और मेरी धड़कन तेज हो गयी. मैंने फिर से सपने हाथों में बहुत सारा रंग लिया और फिर उसमें पानी डाला और मेरी सेक्सी माल भाभी की गर्दन पर लगाने लगा. अब मैं उनके मोटे मोटे बूब्स को रंगने लगा और अपने कांपते हाथों से उनके ब्लाउज के ऊपर से ही उनके मोटे मोटे बूब्स पर रंग लगाने लगा.

मेरी सेक्सी माल भाभी ने मुझसे बोला की नहीं नहीं नहीं देवर जी मेरे बूब्स पर रंग मत लगाओ मेरे इन बूब्स पर रंग लगाने का अधिकार सिर्फ आपके भैया का है. मैंने कहा फिर से कह दिया आपने भैया का है अभी आपने कहा था की जितना रंग लगाना है लगा लो अब आप मना कर रहे हैं. उन्होंने कहा चलो लगा लो पर पहले घर का मेन दरवाजा तो बंद कर दो कोई आ गया तो हमारी बहुत बदनामी हो जायगी. ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह इतना सुनते ही मैं मेन गेट की तरफ भागा और जल्दी घर का मेन गेट बंद करके आ गया. मुझे अपनी भाभी की इज्जत पर हाथ डालने का ग्रीन सिग्नल मिल गया था अब कोई घर में मेरे और भाभी के अलावा था भी नहीं. भाभी की इज्जत लुटने का इससे बढ़िया मौक़ा क्या हो सकता था मेरे लिए.

मैं तुरंत भाभी के करीब आकर रंग उनके ब्लाउज के ऊपर से लगाने लगा. उन्होंने साडी का पल्लू गिरा दिया ओह्ह्ह्हह बहुत ही ज्यादा बड़े बड़े और गोल गोल सुडौल बूब्स ब्लाउज के ऊपर से ही कातिलाना दिख रहे थे. मैंने ऊपर से थोड़ा ही लगाया की मैंने ब्लाउज का हुक खोलने लगा. हुक खुलते ही मैंने उनका ब्रा उतार दिया और बूब्स पर रंग मसलने मसलने लगा. गोरा गोरा बूब्स देखकर तो मेरा दिमाग ख़राब हो गया टाइट थी उनकी चूचियां मैंने तुरंत ही रंग लगा कर लाल कर दिया. उसके बाद मैंने मेरी कामुकता से भरी भाभी का पेटीकोट उप्पर उठाया तो वो शरमाने लगी बोली नहीं नहीं देवर जी मेरा पेटीकोट उप्पर मत करो आपो को यदि मुझे रंग लगाना हाँ तो बस उप्पर उप्पर से लगा लो.

मैंने होली खेलने के लिए देवर जी आप को मेरे स्तन दे दिए होली खेलने के लिए अब इससे ज्यादा नहीं. फिर मैंने कहा कुछ नहीं होगा होली में ये सब चलता है भाभी देवर के बीच इसमें कुछ गलत नहीं है. अब मेरी सुन्दर और सेक्सी भाभी ने मेरी इन सभी अश्लील हरकतों का विरोध करना बंद कर दिया और उन्होंने मेरी जिद के आगे आत्मसमर्पण कर दिया. उसके बाद मैंने तुरंत भाभी का पेटीकोट उप्पर उठाया और उनकी पैंटी खींच कर उनके घुटने से निचे कर दी उनकी गांड और चूत पर रंग लगाने के लिए. पेटीकोट उप्पर उठाने और पैंटी नीचे सरकाने के बाद अब मलिन मेरी कामुक भाभी की गांड और चूत पर रंग लगाने लगा.

दोस्तों जैसे ही मेरे हाथों ने मेरी भाभी के मोटे मोटे कूल्हों को छुआ वैसे ही भाभी के सुन्दर चेहरे पर बहुर ही ज्यादा सेक्सी हाव भाव आने लगे थे. जब मैं मेरी भाभी का पेटीकोट उप्पर उठाया और उनकी पैंटी को निचे सरका कर उनकी गांड और चूत पर रंग लगाने लगा तो वो अपनी दोनों आँखे बंद करके अपने दांत पीसने लगी. दोस्तों रंग लगाने के बहाने मैंने भाभी की गांड और चूत में ऊँगली डालकर अंदर बाहर करने लगा और मेरी भाभी सिसकारियाँ लेने लगी. मैं तुरंत ही भाभी के पीछे चला गया और अपना खड़ा लंड उनके मोटे मोटे कूल्हों पर रगड़ते हुए अपना हाथ आगे करके उनकी टाइट चूत में रंग लगाने लगा.

अब मेरी भाभी चुदासी सी होने लगी और फिर उन्होंने अपने दोनों पैरों को फैला दिया. अब मैं उनकी चूत को सहलाते लगा तो मुझे महसू हुआ कि उनकी चूत बहुत ज्यादा टाइट थी बिलकुल किसी कुंवारी लड़की की वर्जिन छुट के जैसे इस बात से मैंने अंदाजा लगा लिया था की भाभी ने भैया के साथ ज्यादा सेक्स नहीं करा है इस लिए उनकी चूत बिलकुल किसी वर्जिन लड़की की बुर के जैसी बिलकुल टाइट है. भाभी की चूत सहलाने की सहलाने की वजह से बहुत ज्यादा गीली हो चुकी थी और मेरी भाभी चुदवाने के लिए गर्म हो चुकी थी. अब मेरी भाभी ने भी अपनी कामवासना को शांत करने के लिए अपने मोटे मोटे कूल्हों को मेरे लंड पर रगड़ना शुरू कर दिया.

दोस्तों ये उनकी तरफ से मेरे साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने के लिए हरा सिगनल था. फिर एकदम से मेरी कामवासना से भरी कामुक भाभी मेरी तरफ घूम गयी और मेरे होठों को अपने होठों में लेकर चूसने लगी. दोस्तों आज मैंने शराब और भांग का नशा करा था इस लिए मेरा भी अपने आप पर बिलकुल काबू नहीं था इस लिए मैं भी उनके मोटे मोटे बूब्स को जोर जोर से दबाते हुए उनके नशीले होठों को चूसने लगा. मैंने उनके कपडे उतार दिया साडी फेंक दी और पेटीकोट का नाडा खोल दिया वो नंगी हो गयी. आँगन में हम दोनों एक दूसरे को चुम रहे थे और एक दूसरे के बदन को सहला कर अपनी अपनी हवस शांत कर रहे थे.

फिर मेरी कामवासना से भरी भाभी ने मुझे बरामदे में आने का इशारा किया मैंने उनको गोद ने उठाया और चुदाई करने के इरादे से उन्हें बरामदे के फर्श पर लिटा दिया. मैं मेरी कामुकता से भरी भाभी के दोनों पैरों के बीच में बैठकर उनकी लंड लेने की भूखी चूत को किसी जंगली कुत्ते की तरह चाटने और चूसने लगा. मेरी कामुकता से भरी भाभी भी मेरे बाल को पकड़ पर अपनी लंड लेने की भूखी चूत को चटवाने लगी. मेरी कामुकता से भरी भाभी की बुर के अंदर से गरम गरम लसलसा पदार्थ निकल रहा था और मैं उसे चाट चाटकर उसके नमकीन स्वाद का मजा ले रहा था.

मेरी भाभी की चूत बार बार पानी छोड़ती और मैं उनकी चूत से टपकने वाला सारा नमकीन पानी चाट जाता. दोस्तों अब मेरा दिल मेरी भाभी के बड़े बड़े स्तनों की चुदाई करने का करने लगा तो फिर मैंने तुरंत मेरी नंगी भाभी के दोनों मोटे मोटे स्तनों को एक साथ चिपकाया और फिर अपने खड़े लंड को उनके मोटे मोटे बूब्स की दरार में लगा कर उनके मोटे मोटे बूब्स की चुदाई करने लगा. ओह्ह्ह क्या बताऊँ उनकी सिसकारियां इतनी ज्यादा नशीली थी की शराब और भंग का नशा तो कुछ भी नहीं. अपने मोटे मोटे बूब्स की चुदाई करवाते करवाते मेरी नंगी भाभी उई माँ.. आउच… आह.. अअअअअ आए ओह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फ़ की नशीली आवाज निकाल रही थी.

अपने बड़े बड़े स्तनों की चुदाई करवाने के बाद उन्होंने मेरे लंबे मोटे लंड को अपने हाथों में पकड़ लिया और ब्लोजॉब करने के लिए अपने मुँह में लेकर किसी बदचलन रंडी की तरह से पुरे जोश के साथ चूसने लगी. करीब दस मिनट तक मैंने मेरी कामवासना से भरी नंगी भाभी के मुंह की चुदाई करी होगी उसके बाद मेरे लंड की पुचकारी उनके मुंह की अन्दर चल गयी और मेरे लंड ने वीर्य रूपी रंग उनके मुंह में छोड़ दिया. ब्लोजॉब के तो मजे मैंने ले लिए थे अब मुझे मेरी भाभी की चूत और गांड की चुदाई करने की चूल मचने लगी थी. मैंने कहा भाभी अब मत तड़पाओ अपने इस देवर को और मुझे अपना लंड आपकी बूर में घुसाने दो मुझे पता है की भैया के साथ आप ने बहुत कम बार सेक्स करा है और इसी वजह से आप चुदने के लिए बहुत तड़प रही हो आप बस अपने इस देवर को एक मौका दे तो मैं आप की चुदास बहुत अच्छे से शांत कर दूंगा आज.

होली पर भाभी का पेटीकोट उप्पर उठाने और पैंटी खोलने के बाद रंग लगाकर खूब जमकर चुदाई करी:- मेरी कामुकता से भरी भाभी ने कहा की देवर जी आपको मेरे जिस्म के साथ जो करना है कर सकते हो आज मैंने आपको अपना पति स्वीकार कर लिया है अब आज से मैं आप का सेक्स खिलौना हूँ घुसा दो पूरा लंड मेरी चूत में और चोद दो मुझे अपनी पत्नी समझकर वैसे भी शादी शुदा होने के बावजूद मेरी चूत को तुम्हारे भाई का लंड नहीं मिला मैं चुदने के लिए बहुत ही ज्यादा प्यासी हूँ शादी के बाद से ही मगर तुम्हारे घिया को तो देश की सीमा की पड़ी है मेरी शारीरिक जरुरत की उन्हें कोई परवाह नहीं है. फिर शरमाते हुए मुझसे मेरी भाभी बोली की देवर जी आपका लंड बहुत ज्यादा मोटा और लंबा है अब आप ही मुझे शांत करो चोद कर नहीं तो मैं पागल हो जाउंगी.

मैंने तुरंत ही अवैध सेक्स संबंध बनाने के लिए उनके दोनों गोरे गोरे पैरों को अलग अलग किया और उनकी टाइट बूर में बहुत सारा रंग लगाने के बाद अपना खड़ा लंड एक ही जोरदार धक्के के साथ अंदर घुसा दिया. जैसे ही मेरा लम्बा और मोटा लंड भाभी की टाइट चूत में घुसा वैसे ही उनके मुंह से एक जोर की चीख निकली और फिर वो अपनी ओनो आँखे बंद करके चुदाई का आनंद लेने लगी. दोस्तों मैंने मेरी भाभी के पुरे जिस्म को रंग लगा दिया था इस वजह से वो बहुत रंग बिरंगी दिख रही थी मैंने उनके जिस्म के अलग अलग भाग में अलग अलग रंग लगाया था.

अपनी कामुकता से भरी सेक्सी माल भाभी की चुदाई करने के दौरान मैं जोर जोर से धक्के देकर अपनी हवस शांत करने में लगा हुआ था. चुदाई करवाने के दौरान मेरे हर एक धक्के का भाभी की टाइट चूत मजा ले रही थी. दोस्तों ब्लू फिल्में देख देखकर मैंने कामसूत्र की सभी सेक्स पोजीशन सिख ली थी और मैंने कामसूत्र की करीब करीब सभी सेक्स पोजीसन में मेरी कामुकता से भरी नंगी भाभी की चुदाई कर ली थी मगर अभी डॉगी सेक्स पोजीशन में उस नयी नवेली दुल्हन की गांड मारनी बाकि थी. भाभी भी सेक्सी आवाज निकाल निकाल कर मेरे जिस्म को सहलाते हुए अपनी मोटी गांड घुमा घुमा कर बड़े मजे से चुदवाने लगी.

मैं करीब एक घंटे तक उनको अपनी दुल्हन बनाकर चोद्ता रहा और इस बिच भाभी चुदते चुदते करीब तीन बार झड़ चुकी थी. अंत में मेरे लंड ने भाभी को अपनी दुल्हन बनाकर चोदते चोदते उनकी चूत में वीर्य की पिचकारी दे मरी. मेरे लंड से बहुत सारा वीर्य निकला था जिस वजह से भाभी की टाइट चूत मेरे वीर्य से लबा लब भर गयी. दोस्तों भाभी को अपने बच्चे की माँ बनाने के लिए इतना वीर्य काफी था. हम दोनों शांत हो गए. एक दूसरे को सहलाते रहे और फिर दोनों उठे और एक साथ नहाने लगे. दोस्तों मैंने बाथरूम में भी मेरी भाभी की गांड, चूत और बूब्स को रंग लगाने के बहाने खूब मसला और फिर एक बार हमने बाथरूम में भी चुदाई करी.

नहा धोकर हम भाभी देवर दोनों केवल अंडरगारमेंट में ही सो गए. मेरी सुन्दर और सेक्सी माल भाभी ने अपने कामुक जिस्म पर सिर्फ ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी और मैं सिर्फ जाँघिया में था. हम भाभी देवर दोनों शाम को उठे और हमने एक बार फिर चुदाई करी इस बार मैंने उन्हें घोड़ी बनाकर चोदा. दोस्तों हम भाभी देवर चुदाई ख़त्म करके हटे ही थे की तभी मेरे मोबाइल फोन पर मेरे मम्मी पापा का फ़ोन आया और वो मुझसे बोले की हम दोनों आज नहीं आयंगे तो घर का और भाभी का ध्यान रखना. ये बात सुनकर हम भाभी और देवर दोनों ही बड़े खुश हुए और फिर हम दोनों ने पूरी रात शराब और भांग का नशा करके खूब चुदाई करी. दोस्तों मैंने मेरी भाभी की चूत की इतनी खतरनाक चुदाई करी थी की उनकी चूत सूजकर नीली पड़ चुकी थी.

दोस्तों रात को मैंने मेरी भाभी से उनकी गांड मारने की इच्छा जाहिर करी. जैसे ही उन्हें पता चला की मैं उनकी गांड मारना चाहता हूँ तो वो बीना समय बर्बाद करे अपनी गांड मरवाने के लिए मेरे सामने घोड़ी बन गई. फिर मैंने मेरी नंगी भाभी के घोड़ी बनते ही उनकी मोटी गांड पर बहुत सारा रंग लगाया और फिर नंगी भाभी की गांड के साथ होली खेलने के बाद मैंने डॉगी सेक्स पोजीशन में उनकी गांड मारी. उनकी गांड मारने के बाद मेरे लंड ने उनकी गांड के अंदर ही वीर्य की पिचकारी चला दी. दोस्तों मेरे लंबे और मोटे लंड से अपनी मोटी गांड मरवाने के बाद मुझे मेरी भाभी ने बताया की आज पहली बार उन्होंने किसी मर्द के लंड से अपनी गांड मरवाई है इस वजह से उन्हें थोडा दर्द जरुर हुआ गांड मरवाने में मगर मजा भी बहुत आया.

दोस्तों आज भी जब कभी हम भाभी और देवर को अवैध सेक्स संबंध बनाने का मौका मिलता है हम खूब सेक्स करते हैं. जब से मैंने पहली बार मेरी भाभी को घोड़ी बनाकर चोदा है बीएस उस दिन से डॉगी सेक्स पोजीशन उनकी पसंदीदा सेक्स पोजीशन बन चुकी है. मेरे भैया तो वैसे भी सीमा पर देश की रक्षा करने में व्यस्त रहते हैं उनके पास अपनी पत्नी की चुदास शांत करने के लिए वक्त नहीं रहता इस लिए उनकी पत्नी की चुदाई करके उनकी कामवासना मैं ही शांत करता हूँ. जब घर में मेरे पापा मम्मी अपने अपने काम में लगे होते हैं तो कई बार मैं मौका पाकर मेरी भाभी की साड़ी खोले बिना ही उनक पेटीकोट उप्पर उठाने और पैंटी खोलने के बाद जल्दी से उनकी चुदाई कर लेता हूँ.

दोस्तों होली पर पहली बार मैंने मेरी सेक्सी भाभी का पेटीकोट उठाने के बाद रंग लगाकर चुदाई करी थी और उस दिन से हम दोनों लव बर्ड बन चुके हैं. अब तो मेरी भाभी ने मुझे ही अपना पति स्वीकार कर लिया है क्योंकि उनकी शादी भले ही मेरे बड़े भाई से हुई हो मगर एक पति का फर्ज तो मैं ही निभा रहा हूँ. दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आप सभी को हम भाभी और देवर के होली के पर अवैध सेक्स संबंध बनाने वाली यह अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी “होली पर भाभी का पेटीकोट उप्पर उठाने और पैंटी खोलने के बाद रंग लगाकर खूब जमकर चुदाई करी” बहुत पसंद आयी होगी और आप इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर भी करेंगे…

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