गे चाचा के लौड़े से गांड मरवाने में आनंद आ गया गे सेक्स स्टोरी – चाचा भतीजा सेक्स कहानी हिंदी सेक्स कहानियाँ XXX Story Hindi Sex Stories : हेल्लों मेरे प्यारे दोस्तों कैसे हो आप सभी उम्मीद करता हूँ आप सभी आनंद मंगल होंगे? दोस्तों आपने लड़के और लड़की की चूत चुदाई की और गांड मारने व मरवाने की बहुत सी हिन्दी सेक्स कहानी पढ़ रखी होगी आज मै आप सभी के लिए कुछ नया मसालेदार लेकर आया हूँ उम्मीद करता हूँ की ये नया मसाला आप सभी को बहुत पसंद आयगा. मेरी हिन्दी सेक्स स्टोरी शुरू करने से पहले मै आप सभी को मेरा परिचय दे देता हूँ. दोस्तों मेरा नाम देव है। मैं बी.ए फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट हूं।
मेरी उम्र 20 साल है और अब मेरे लंड में बहुत तेजी से विकास हो रहा है और उसमे कड़क पन भी बढता जा रहा है. शुरू से ही मेरी रूचि लड़कियों की जगह लड़कों में ज्यादा रही है जिससे यह प्रतीत होता है की मै भविष्य में गे ही बनूँगा. मै अक्सर छुपते छुपाते पोर्न फिल्मे देखा करता था और मुझे पोर्न फिल्म भी गे वाली ही पसंद आती थी. इस तरह से वक्त के साथ मुझे पता चला कि मैं तो गे ही हूं. फिर गे पोर्न फिल्मे देख देखकर मेरा मन भी करने लगा कि मैं भी अपनी गांड में किसी मर्द का लौड़ा लेकर देखूं. वक्त के साथ साथ धीरे धीरे मेरी किसी मर्द के लौड़े से अपनी गांड मरवाने की तलब बढ़ती ही जा रही थी. फिर ऐसे ही मेरा ध्यान मेरे चाचा पर जाने लगा.
चाचा भतीजा सेक्स कहानी – चाचा के लौड़े से गांड मरवाने में आनंद आ गया गे सेक्स स्टोरी
मेरे चाचा बचपन से ही हमारे साथ रहते थे. उनका नाम धीरज है और उनकी उम्र करीब 26 साल हैं. मेरे चाचा जॉब करते थे और घर-बाहर के काम भी देखा करते थे. चाचा का गठीला बदन अब मेरा ध्यान खींचने लगा था. रोज सुबह वो वर्कआउट करने जाया करते थे. जब मेरे चाचा वापस घर आते थे तो उनके डोले और छाती फूली होती थी जिसको देखकर मेरी गांड में चाचा के लौड़े से चुदवाने की कुलबुलाहट सी होने लगती थी. चाचा की बनियान पूरी पसीने में भीगी रहती थी और मैं उनके आसपास घूमता रहता था ताकि उनके बदन को ताड़ सकूं. मेरे चाचा का तगड़ा लौड़ा उनकी जीन्स में साफ साफ उभार बनाये रहता था और मेरी नजर वहीं उनके लौड़े पर टिकी रहती थी.
बहुत बार मैं छुप छुपकर उनको बाथरूम में नंगा होकर नहाते हुए देखा करता था. बॉडी एकदम मस्त बनाई हुई थी. नहाते हुए जब उनका अंडरवियर गीला रहता था तो लंड का साइज भी पता लग जाता था. गे चाचा जी का सख्त लौड़ा सोया हुआ ही 4 इंच के करीब लगता था. इन सब बातों के शुरू होने के बाद उनकी जॉब बदल गयी और वो दिल्ली रहने चले गये. वहां पर वो अपने कुछ रूममेट के साथ रहने लगे. अभी कुछ दिन पहले जब वो हमसे मिलने हमारे घर आये तो 10-12 दिन की छुट्टी लेकर आये थे.
अबकी बार मैंने ठान लिया था की अबकी बार किसी भी तरह से चाचा के लौड़े से गांड मरवाने का सतूना करना है. मैंने संकल्प कर लिया था की मैं अबकी बार अपनी गांड को चाचा से मरवा कर ही दम लूँगा. वैसे तो उनके और मेरे बीच में बहुत बातें होती थीं. हंसी मजाक भी बहुत था लेकिन लाज और शरम के मारे मै कभी गांड मरवाने की इच्छा को जाहिर ही नहीं कर पाया. उनको आये हुए दो तीन दिन बीत चुके थे और मेरे हाथ कुछ नहीं लगा था. मैं बस उनको अपने बदन के इशारों में बताने की कोशिश करता कि मेरी गांड चोद लो लेकिन वो इस तरफ ध्यान ही नहीं दे रहे थे.
हमारा एक कमरा छत पर बना हुआ था जिसको हम स्टोर रूम की तरह इस्तेमाल करते थे. फिर मैं भी उसी कमरे में रहने लगा था क्योंकि मुझे अपनी प्राइवेसी चाहिए थी. उस रात को वो मेरे रूम में ही थे. हम दोनों लैपटॉप में फिल्म देख रहे थे. बातों बातों में मैंने उनसे पूछा- चाचा, कोई लड़की वड़की पटाई या बस यूं ही काम चला रहे हो? मेरे गे चाचा जी बोले- हां, अंजलि नाम की एक लड़की है. वो मेरी सेटिंग है. मगर वो ज्यादा कुछ करने नहीं देती मुझे उसके सेक्सी जिस्म के साथ भतीजे इसलिए मैं इतना मजा नहीं ले पाता उसके साथ.
मैं बोला तो फिर कोई और देख लो. चाचा- नहीं यार, इतना टाइम नहीं मिलता. उसी से काम चल जाता है. फिर वो मूवी देखने लगे. थोड़ी देर में मूवी खत्म हो गयी और हम सोने लगे. रात के 10 बजे का टाइम हुआ होगा. फिर मुझे नींद आ गयी. चाचा भी पहले ही सो चुके थे. फिर अचानक 2-3 घंटे बाद मेरी नींद कुछ चीखती आवाजों ने खोल दी. मैंने उठकर देखा तो नजर उनके फोन की स्क्रीन पर गयी. चाचा फोन में पोर्न फिल्में देख रहे थे. चाचा ने मुझे देखा तो वो सहम से गये. पर मैं मुस्करा दिया तो वो भी मुस्करा दिये. मैं फिर वापस से करवट लेकर सो गया.
जब सुबह उठा तो वो कहने लगे- साले रात को ऐसे क्या देख रहा था? मुझे पता है कि तू भी देखता होगा पोर्न फ़िल्में. बच्चा थोड़ी है अब तू अब तो तेरे हथियार में भी हलचल होती होगी..! तेरे लैपटॉप में हैं पोर्न फ़िल्में? मैं बोला- हां देखता तो हूं लेकिन मैं ऑनलाइन इंडियन सेक्स बाज़ार की देसी पोर्न वेबसाइट पर देखता हूँ. मेरे पास लैपटॉप में पोर्न फ़िल्में नहीं है. मेरे गे चाचा जी बोले- कोई नहीं, तू ऑनलाइन ही दिखा दे. फिर मैंने लैपटॉप पर एक पोर्न साइट खोली और उस पर गे वाली कैटेगरी पर क्लिक कर दिया. गे चुदाई की फिल्म चलने लगी. चाचा बोले- ये देखता है तू? मैं- मैं तो सब देखता हूं. जिस ऑप्शन पर क्लिक हो गया वही देखने लगता हूं.
वो फिर चुपचाप नंगे लड़के की दुसरे लड़के के लंड से गांड मरवाने की फिल्म देखते रहे. मेरी लुल्ली तो खड़ी हो गयी थी. साथ में मेरे छबीले चाचा बैठे थे और सामने लड़के की गांड चोदी जा रही थी. मैंने पूछा- आपने कभी किया है क्या किसी लड़के के साथ? मेरे गे चाचा जी ने न में गर्दन हिलायी और चुपचाप देखते रहे. फिर मैंने उनकी जांघ पर हाथ रख लिया. मेरे चाचा जी ने एक बार मेरी ओर देखा और फिर दोबारा से स्क्रीन पर देखने लगे. शायद उनको मेरी बात से कुछ पता चलने लगा था. धीरे धीरे मेरा हाथ सरक कर उनके तने हुए लंड की ओर जा रहा था.
मेरे अंदर हवस बढ़ती जा रही थी और फिर देखते देखते मैंने चाचा के तगड़े लौड़े को छू लिया और मेरे हाथों का स्पर्श पाकर उनका लौड़ा खड़ा होने लगा. अब मैंने उनके लंड पर पूरा हाथ रख लिया और उसको सहलाने लगा और फिर जोर जोर से दबाने लगा. अब मेरे गे चाचा ने भी मेरी जांघ को सहलाना शुरू कर दिया. मैंने उनके तगड़े लौड़े को हाथ में भर लिया और उनका लौड़ा पूरा तन गया. अब मेरे गे चाचा का हाथ भी मेरी लुल्ली पर आ चुका था. हम दोनों एक दूसरे के लंडों को सहला रहे थे. वो मेरी गांड को दबाते हुए बोले- तुझे लंड पकड़ना पसंद है क्या भतीजे..? मैंने हां में गर्दन हिला दी.
मेरे हाथ में चाचा का मूसल लंड था और मेरी हालत खराब हो रही थी क्योंकि अपने जीवन में पहली बार मैंने किसी और का लंड पकड़ा था. फिर मैंने उनकी लोअर में हाथ डालकर उनके अंडरवियर के अंदर हाथ ले जाकर उनके तगड़े लौड़े को पूरा हाथ में भर लिया. बहुत गर्म और सख्त लंड था धीरज चाचा का. मेरे चाचा बोले भतीजे अगर तू पहले बता देता की तू भी गे है तो मैं पहले ही तुझे लंड दे देता. मेरे प्यारे भतीजे मैं तो खुद तेरी गांड मारना चाह रहा था बहुत दिन से तेरी गांड बहुत मस्त है. मौहल्ले वाले राहुल से भी मस्त.
मैंने हैरानी से पूछा- तो क्या चाचा जी वो साला राहुल भी अपनी गांड मरवाने आप के पास ही आता है? मेरे गे चाचा जी बोले- हां वो भी गांड मरवाने मेरे पास ही आता है वो साला भी तो गे है, मैंने कई बार उसकी गांड मारी हुई है. एक बार तो उसने भी मेरी मारी हुई है. मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरे सगे चाचा भी मेरी तरह गे हैं और वो भी कई लड़की की गांड मार चुके हैं. मेरी तो लॉटरी लग गयी थी ये बात जानने के बाद. अब मुझे समझ में आया कि राहुल और धीरज चाचा इतने अच्छे दोस्त कैसे बने हुए थे. उनके बीच में तो आये दिन गे सेक्स होता था. मैंने अब मेरे गे चाचा के लंड की मुठ मारनी शुरू कर दी.
मै उनको हस्तमैथुन का आनंद दे रहा था और फिर हस्तमैथुन का आनंद लेते लेते मेरे सामने अपनी बनियान उतारने लगे. गे चाचा जी का सख्त लौड़ा लोअर को पूरा तंबू बनाये हुए था. मैं तो उनके तगड़े लौड़े को देखने के लिए बेताब सा हो उठा था. फिर मेरे गे चाचा जी ने लोअर को निकाल दिया. अब अंडरवियर जब नीचे खींचा तो मेरी आँखें हैरानी से फैल गयीं. सांवले से रंग का मूसल लंड उनकी टांगों के बीच में झूल रहा था. मेरे पास आकर वो मेरे चेहरे को अपनी तरफ करके मेरे होंठों को चूसने लगे. मैं भी जैसे उनके होंठों में खो गया.
फिर वो मेरे कपड़े उतारने लगे और मुझे पूरा नंगा धडंगा कर दिया. अब मेरा बदन चाचा के सामने पूरा नंगा था आज हम चाचा भतीजे मिलकर पहली बार गे सेक्स करने वाले थे मै बहुत बैचेन और उतावला हुए जा रहा था. उनके लंड में झटके लग रहे थे. फिर वो मुझे नीचे लिटा कर मेरे बूब्स को चूसने लगे. मैं मदहोश सा होने लगा. ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं किसी स्वर्ग में हूं. उनकी गर्म सांसें मेरी उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ा रही थीं. मेरी छोटी छोटी गोल चूचियों को चूसते और दांतों से काटते हुए वो नीचे की ओर बढ़ रहे थे.
मेरे पेट पर चूमने के बाद मेरे गे चाचा जी ने मुझे दूसरी तरफ पलटा दिया. अब मेरी गांड चाचा के सामने ऊपर की ओर थी. मेरे गे चाचा जी ने मेरे चूतड़ों पर अपने गर्म होंठों से चूमा तो मेरे लंड में सरसरी दौड़ गयी. बहुत अच्छा लगा मुझे! मेरा मन किया कि गांड को चाचा के गर्म होंठों पर लगा दूं और वो मेरे छेद को जोर जोर चाटें और चूमें. वो मेरे चूतड़ों को बार बार दबाते और फिर चूम लेते. तीन चार मिनट तक मेरे गे चाचा जी ने मेरे चूतड़ों से खेला. मेरी गांड का छल्ला अब खुद ही ढीला सा पड़ने लगा. जैसे कि वो लंड के इंतजार में खुद को तैयार कर रहा है. अब मेरे गे चाचा मेरे बगल में आ लेटे और फिर मेरे गे चाचा जी ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया.
मैं चाचा के जिस्म का दीवाना था और मैंने अपनी हर चाहत पूरी करने की ठान ली. मैंने उनके होंठों को चूसना शुरू किया. वो भी मेरा सिर पकड़ कर मेरी लार पीने लगे. फिर मैं नीचे गर्दन को चूसने लगा. उनकी गर्दन चूसने में मुझे और ज्यादा उत्तेजना होने लगी. वो भी मुझे कसकर भींचने लगे. फिर मैंने छाती के निप्पल मुंह में भर लिये. उनके निप्पल बहुत रसीले थे. मन कर रहा था कि चूसता ही रहूं. मगर मेरी हालत ऐसी थी कि किसी भूखे के सामने ढेर सारा खाना डाल दिया गया हो और वो हर एक चीज को चखना चाह रहा हो. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं अपने चाचा के गठीले कसरती बदन को कहां कहां से चूमूं और चाटूं. हर हिस्से को चूसना चाह रहा था मैं! बेसब्री से उनकी छाती और पेट को चूमते हुए मैं नीचे जाने लगा.
जैसे ही उनके झांटों के एरिया पर किस किया तो मेरे गे चाचा जी ने मेरे सिर को नीचे दबाते हुए खुद ही मेरे होंठों को अपने लंड के टोपे पर लगवा दिया. उनके लौड़े से निकली कामरस की बूंद को मैंने जीभ की नोक से चाट लिया. फिर उनकी आँखों में देखते हुए अपना मुंह खोलकर उनके मोटे सुपारे को अपने मुंह में भर लिया और आंख बंद करके चूसने लगा. हाय … इतना रसील लंड था उनका. मेरे मुंह में लार की धार बह निकली. दो मिनट में ही तगड़े लौड़े को मैंने थूक में सान दिया. चाचा के मुंह से निकलती सिसकारियां बता रही थीं कि वो कितने आनंद में हैं.
उनका एक हाथ मेरे सिर पर था जो मेरे सिर को बार बार उनके लंड पर दबा रहा था. दूसरे हाथ से वो अपने पेट और छाती को सहला रहे थे. उनका ये कामुक रूप देखकर मेरा तो मन जैसे खिल उठा. इतना रसीला मर्द आज मुझे चूसने के लिए मिल गया है. उस टाइम मुझे एसा लग रहा था जैसे मैं सातवें आसमान पर हूँ। क्या टेस्ट था उनके लंड का! वो मेरे बाल पकड़ कर मेरे मुंह को अपने लन्ड पर आगे पीछे कर रहे थे। चाचा मुह चोदने में भी पूरे खिलाड़ी थे. मुझे लंड चूसते हुए 8-10 मिनट हो गये लेकिन वो झड़े नहीं.
अब मेरे गे चाचा जी ने मुझे उठने के लिए कहा. मैं समझ गया कि मेरी वर्जिन गांड की पहली चुदाई करवाने का शुभ मुहूर्त हो गया है. मेरी वर्जिन गांड अब चाचा जी के लौड़े से चुदने वाली थी. पहली बार मेरी गांड को लंड का आनंद भोगना था. मेरी गांड मारने के लिए मेरे गे चाचा ने मुझे अपनी वर्जिन गांड की चुदाई करवाने के लिए घोड़ी बनने के लिए कहा. मुझे चाचा का सख्त लौड़ा देखकर ही डर लग रहा था.
मैंने पूछा- पहली बार गांड मरवाने में ज्यादा दर्द तो नहीं होगा? मेरे गे चाचा जी बोले- यार … अरे भतीजे तू भी क्या लड़कियों की तरह डरता है गांड चुदाई (Anal Sex) करवाने में? चल जल्दी से घोड़ी बन जा पहली बार गांड मरवाने में मामूली दर्द होगा और वो भी थोड़ी देर बाद आनंद में बदल जायगा! मन ही मन मैं तो खुश हो रहा था कि आज मेरी वर्जिन गांड मरवाने की मनोकामना पूरी हो जाएगी। पहली बार अपनी वर्जिन गांड मरवाने का आनंद प्राप्त करने के लिए मैं अपनी गांड उप्पर करके गांड चुदाई करवाने के लिए झट से घोड़ी बन गया.
फिर चाचा जी अपने मुह से थूक हथेली में लेकर मेरी वर्जिन गांड के छेद पर मलने लगे ताकि पहली गांड चुदाई (Anal Sex) में मुझे दर्द कम हो और मेरी गांड फटे नहीं. उनकी उंगलियां जब मेरी वर्जिन गांड के छेद को सहला रही थीं तो मेरी वर्जिन गांड का छेद फैलने लगा. मेरी आंखें आनंद में बंद होने लगीं. फिर मेरे गे चाचा जी ने लंड पर थूक मला और मेरे छेद पर सुपारा टिका दिया. एक दो बार मेरे छेद को लंड के टोपे से सहलाया. मेरी आह्ह … निकल गयी. फिर मेरे गे चाचा जी ने शॉट मारा तो लंड एकदम से फिसल गया. मेरी गांड वर्जिन थी इस लिये बहुत टाइट थी.
मेरे गे चाचा जी ने थोड़ा और थूक अपने लौड़े के लाला लाल टोपे पर लगाया. लंड डालने से पहले अपनी उंगली पर थूक लिया और मेरी गांड में दे दी. इससे मुझे दर्द हुआ लेकिन फिर वर्जिन गांड खुलने लगी. वो उंगली को अंदर बाहर करने लगे. मुझे उनकी खुरदरी उँगली गांड में लेकर बहुत मजा आ रहा था. उंगली करने के बाद मेरे गे चाचा जी ने फिर से तगड़े लौड़े को छेद पर टिकाया. अबकी बार बहुत जोर से शॉट मारा और उनका सुपाड़ा मेरी सील पैक गांड के दरवाजे को तोड़ता हुआ अंदर जा फंसा. मेरी तो हालत ख़राब हो गई. जिन्दगी में पहली बार इतना दर्द महसूस किया था.
किसी तरह मैंने अपने मुंह पर हाथ रखकर अपनी चीख दबाई लेकिन फटी हुई गांड का दर्द मेरी जान निकाल रहा था. चाचा मेरे ऊपर आ लेटे और मैं बोला- छोड़ दो चाचा, नहीं लिया जा रहा. मेरे गे चाचा जी बोले- लिया जायेगा. तू तो पूरा ले लेगा मेरी जान … बस थोड़ी देर रुक जा. वो मेरी चूचियों को भींचते हुए मुझे प्यार करने लगे. मुझे अच्छा लगा और फिर कुछ देर में पहले झटके का दर्द कम होने लगा. अब मेरे गे चाचा जी ने धीरे धीरे तगड़े लौड़े को और अंदर सरकाना शुरू किया. बड़ी मुश्किल से लंड फंसता हुआ अंदर जा रहा था.
धीरे धीरे करके मेरे गे चाचा जी ने मेरी गांड में पूरा लंड उतार दिया. ऐसा लगा कि जैसे कुछ मोटी चीज मेरे पिछवाड़े में ठूंस दी गयी हो. धीरे धीरे मेरे गे चाचा जी ने धक्के लगाने चालू किये. अब मेरी गांड को तगड़े लौड़े को रास्ता देना ही था. उसके पास कोई और मार्ग नहीं था. गांड चौड़ी होने लगी और लंड ने अपनी गति बढ़ानी शुरू कर दी. चाचा के धक्के तेज होने लगे और लौड़े से चुदने का मुझे पहला मजा मिलने लगा. कुछ ही देर में मेरी गांड अब खुद ही तगड़े लौड़े को और अंदर तक रास्ता देने लगी. मेरा मन करने लगा कि चाचा पूरा जड़ तक लंड घुसा दें.
मेरी आह्ह … आह्ह … निकल रही थी और चाचा की ओह्ह … मेरी जान … ओह्ह मेरी रानी … ओह्ह मेरे चिकने करके सीत्कार से फूट रहे थे. इस तरह हम दोनों चाचा-भतीजे गे सेक्स में डूब गये. अब लग रहा था कि मैं कुतिया हूं और चाचा एक ठरकी कुत्ते का रूप ले चुके हैं जो अपनी कुतिया को बुरी तरह चोद देना चाहते हैं. मेरा अंग अंग दर्द करने लगा. उनके धक्के झेलते झेलते मेरा चेहरा लाल हो उठा.
वो फिर मेरे छोटे छोटे बूब्स दबाते हुए और जोर से तगड़े लौड़े को मेरी गांड की आंतो तक पेलने लगे उनका पूरा लंड मेरी गांड से निकल रहे खून और टट्टी से संद चूका था. मैं अब बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था. मेरी गांड के चिथड़े खुल रहे थे. धक्के मारते हुए वो बड़बड़ा रहे थे- जोर से ले … हम्म … हम्म … और ले … आह्ह … ले भोसड़ी के … मेरा पूरा लंड ले ले तू! जब उनका झड़ने को हो गया तो बोले- बता भतीजे, गांड में ही छोड़ दूं या मुंह में पीयेगा लंड से निकलने वाला गरमा गरम माल? मैंने आज तक कभी किसी का माल नहीं पिया था, मैं बोला- मुंह में चाचा.
मेरे गे चाचा जी ने मेरी गांड के छेद से अपना लंड निकाला और मुंह में दे दिया. फिर वे मेरे मुंह को चोदने लगे और एक मिनट के बाद उनका वीर्य मेरे मुंह में जाने लगा जिसका मीठा-खट्टा और नमकीन सा स्वाद मुझे मिलने लगा. पहली बार वीर्य का स्वाद मिला था. मुझे बहुत अच्छा लगा. गर्म गर्म माल अमृत के जैसा लग रहा था.
फिर जब सारा माल मेरे गले में अंदर जा चुका तो मेरे गे चाचा जी ने तगड़े लौड़े को बाहर निकाल लिया. मैंने चाटकर चाचा जी का सख्त लौड़ा साफ किया. फिर रात को चाचा ने एक बार फिर मेरी गांड मारी. आज मैंने पहली बार अपनी वर्जिन गांड की चुदाई करवाई थी इस कारण मेरी गांड सूज कर लाल हो गयी थी और उसमे बहुत तेज जलन भी हो रह थी जिस करण मुझे टट्टी करने से भी डर लग रहा था.
अगले दिन तो चलने में भी बहुत दिक्कत हुई आखिर वर्जिन गांड की पहली चुदाई जो हुई थी सख्त लौड़े से. चाचा अभी कई दिन रुकने वाले थे और मेरी कहानी भी अभी खत्म नहीं हुई है. उसके बाद चाचा ने मेरे साथ क्या क्या किया वो सब भी मैं आपको इस हिन्दी सेक्स कहानी के अगले भाग में बताऊंगा. आपको मेरी अपने सगे चाचा से गांड मरवाने की यह हिन्दी सेक्स कहानी “चाचा भतीजा सेक्स कहानी – चाचा के लौड़े से गांड मरवाने में आनंद आ गया गे सेक्स स्टोरी” पसंद आई हो तो निचे लाइक बटन जरुर दबाना और हाँ इस हिन्दी सेक्स स्टोरी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करना.