अन्तर्वासना नई हिंदी XXX सेक्स स्टोरी का सारांश :- मेरे चाचा की बेटी का नाम याशिका है. मैंने उस जवान और सेक्सी लड़की को इससे पहले जब देखा था तब वो एक छोटी बच्ची थी मगर अब वो एक मस्त माल बन चुकी थी और अब उसके उप्पर मेरी गन्दी नजर थी. दोस्तों मेरी पत्नी की चूत फटकार भोसड़ा बन चुकी थी और अब मैं टाइट चूत में मेरा लंड पेलना चाहता था और वो मुझे मेरी चचेरी बहन ही दे सकती थी. आखिर मैंने उसके साथ अवैध शारीरिक सम्बन्ध बना ही लिए. मेरी कुंवारी चचेरी बहन की वर्जिन चूत की सील तोड़ कर मेरा मन खिल उठा था. बहुत दिनों के बाद किसी कुंवारी लड़की की वर्जिन चूत चोदने को मिली थी. दोस्तों उसकी पहली चुदाई थी जिस कारण उस बिचारी बच्ची की बुर फट चुकी थी और उसमे से खून निकल रहा था. सेक्स खत्म करने के बाद मैंने मेरे चाचा की बेटी की फटी हुई बुर पर डिटोल लगायी और उसे चूत का दर्द कम करने के लिए दर्द की गोली लाकर दी…
मेरे प्यारे बहनों और भाइयों उम्मीद करता हूँ की आप सभी मजे में होंगे और नियमित रूप से मेरी गन्दी गन्दी हिंदी सेक्स स्टोरी को पढ़ते होंगे आज मैं मेरी और मेरे चाचा की बेटी की सेक्स कहानी लेकर आया हूँ. दोस्तों मेरा नाम हेमंत है और मेरी उम्र करीब 32 साल है. मैं एक शर्मीले किस्म का शादी शुदा मर्द हूँ और वियापारी हूँ. मैं अपने परिवार के साथ ही रहता हूँ. दोस्तों यह हिंदी सेक्स स्टोरी उस वक्त की है जब मेरी शादी को हुए करीब दो साल हो गये थे और मैं मेरी धर्म पत्नी की बुर चोदकर एक बेटे का बाप भी बन चुका था. एक दिन मैं मेरे व्यापार के काम से बाहर गया हुआ था. वापस लौटते वक्त मैं अपने दूर के चाचा जी के घर चला गया.
चचेरी बहन की वर्जिन चूत की सील तोड़ कर मेरा मन खिल उठा अन्तर्वासना नई हिंदी XXX सेक्स स्टोरी

मेरे चाचा जी के घर पर मैं पानी पीकर थोड़ी देर बैठा तो मेरे चाचा की जवान और सेक्सी लड़की आयी. मेरी चचेरी बहन का नाम याशिका है. मैंने उस जवान और सेक्सी लड़की को इससे पहले जब देखा था तब वो एक छोटी बच्ची थी और स्कूल में पढाई कर रही थी उसके बाद मेरा इनके घर कभी आना जाना ही नहीं हुआ और अब उन बातों को 8 साल बीत गये थे. चाचा की जवान और सेक्सी बेटी को देखा तो मैं देखता ही रह गया उसके सेक्सी जिस्म को देखकर मेरे तो होश ही उड़ गए. वो छोटी बच्ची जो कल तक कली थी अब खिलकर फुल बन चुकी थी. कल तक जो छोटी बच्ची थी वो अब 19 साल की हो चुकी थी और एक बहुत सुन्दर और सेक्सी जिस्म की मालकिन बन चुकी थी.
आप तो जानते ही हैं कि जब किसी लड़की के जिस्म पर 18 साल के बाद की जवानी उभर कर आती है तो वो किसी भी मर्द को मदहोश कर देती है. रंग केसर की तरह सुनहरा जो हल्की लाली लिये हुए था. पतले पतले सुर्ख लाल होंठ और गजब के तीखे नैन नक्श. मेरे चाचा जी की जवान बेटी बहुत ही ज्यादा सुंदर हो गयी थी. लग रहा था कि जैसे किसी फिल्म की हिरोईन हो. उसकी नीली आंखें, काले, घने और लंबे बाल, उसका फिगर … सब कुछ बहुत कमाल का था. उसको देखते ही मुझे उससे प्यार हो गया. फिर वहां से मैं घर पर वापस चला आया. मगर मेरी चचेरी बहन याशिका का चेहरा मेरे सपनों में आने लगा. मैंने मन बना लिया कि इसको मैं अपने दिल की बात बता कर ही रहूंगा.
दोस्तों मेरी पत्नी की चूत फटकार भोसड़ा बन चुकी थी और अब मैं टाइट चूत में मेरा लंड पेलना चाहता था और वो मुझे मेरी चचेरी बहन ही दे सकती थी. मैं मेरी चचेरी बहन के साथ अवैध शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिए एक अच्छे मौके की तलाश में था और वो मौका जल्दी ही मुझे मिल गया. मुझे फिर से काम से जाना पड़ा या यूं कहें कि वो बस एक बहाना था चाचा के घर जाने का और उनकी जवान और सेक्सी बेटी के साथ अवैध शारीरिक सम्बन्ध बनाने का मौका पाने का. मैं फिर से उनके घर गया और अबकी बार मैं दो दिन उनके यहां रुका. इन दो दिनों में मैंने मेरी चचेरी बहन याशिका से दोस्ती कर ली. मेरे चाचा जी की जवान बेटी अब मुझसे गन्दी गन्दी डबल मीनिंग वाली मजाक भी करने लगी थी और मैं भी उसे 18+ वाले एडल्ट जोक्स सुनाने लगा था.
मैं बस तरस रहा था उसकी जवानी के लिए. किसी तरह उसको अपने दिल की बात कहना चाहता था. वहां दो दिन रुकने के बाद मैं घर वापस आ गया. आते समय मैं चुपके से उसको अपना नम्बर दे आया था. मुझे यकीन था कि मेरी चचेरी बहन याशिका भी मुझे जरूर कॉल करेगी. घर आने के बाद मैं उसके कॉल का इंतजार करता रहा. दो दिन बाद दोपहर को उसकी कॉल आयी. फिर हमने काफी देर तक बातें कीं. वो भी बहुत खुश हुई बात करके. उसकी आवाज सुनकर ही मेरे लंड से पानी रिसने लगा. मैं उससे बातें करते हुए लंड को सहलाने लगा. लग रहा था कि मेरे चाचा जी की जवान बेटी मेरे सामने ही बैठी है और उसकी गुड़ जैसी मीठी बातें मैं सामने से सुन रहा हूं. फिर उस दिन के बाद से हमारी रात में भी बात होने लगी.
हम भाई बहनों की रात को फोन पर बात कम और सोशल मीडिया चैट ज्यादा होती थी. धीरे धीरे हम चैट पर थोड़े खुलने लगे. मैं उससे उसकी पसंद नापसंद भी पूछने लगा. वो मुझसे मेरी पसंद के बारे में पूछा करती थी. मैं अपनी बेग़म से नजर बचाकर उससे चैट किया करता था. बेग़म की चुदाई का तो अब मुझे ख्याल ही नहीं रहा था. जब मेरी चचेरी बहन याशिका से बात करके मेरा खड़ा लौड़ा उफान पर हो आता तो मैं अपनी मेरी धर्म पत्नी की चुदाई जोर से करता. मगर मेरी धर्म पत्नी की चूत खुल कर भोसड़ा बन चुकी थी इसलिए मेरी चचेरी बहन याशिका की कुंवारी चूत वाला मजा कल्पना में भी नहीं मिल पा रहा था.
धीरे धीरे फिर मैं उसको सेक्स की गन्दी गन्दी बातों पर ले आया. एक दिन मैंने उसको बातों ही बातों में चुदवाने के लिए बहुत ज्यादा गर्म कर दिया और उसी वक्त मैंने उसको दिल की बात बताने की ठान ली. मैंने मेरे चाचा की बेटी से अपने प्यार का इजहार कर दिया. उसने पहले तो मुझे कुछ जवाब नहीं दिया मगर फिर मेरे दोबारा पूछने पर उसने मेरे प्यार को कुबूल कर लिया. उसके बाद तो जैसे मुझे जन्नत मिल गयी क्योंकि मेरी पत्नी की चूत तो फट कर भोसड़ा बन चुकी थी और अब मुझे बहुत जल्द मेरे चाचा की कुंवारी बेटी की वर्जिन चूत जो चोदने को मिलने वाली थी. उस दिन के बाद से मेरी बेचैनी बढ़ने लगी. मैं दिन रात उसी के बारे में ही सोचता रहा.
अब हम थोड़ी सेक्सी चैट भी करने लगे थे. मैं अपने लेटे हुए की फोटो जानबूझकर उसको भेजता था. उस वक्त मेरा खड़ा लौड़ा पैंट में तना होता था और मैं जानबूझकर वो फोटो भेजा करता था ताकि उसको भी लंड देखने और उसको पकड़ने का मन करे. मैंने कई बार उसको उसकी फोटो भेजने को कहा लेकिन मेरे चाचा जी की जवान बेटी हर बार मना कर देती थी. इस तरह से कुछ दिन तक मैं चैट के द्वारा ही मुठ मारकर काम चलाता रहा. फिर मैंने उसके साथ खुली सेक्स चैट करना शुरू कर दिया. सेक्स चैट में वो काफी गर्म हो जाती थी. एक दिन मेरे चाचा जी की जवान बेटी ने अपनी नाइटी के ऊपर से अपनी आधी चूचियों की फोटो मुझे भेज दी.
उस दिन तो मेरा बुरा हाल हो गया. मेरे चाचा की कुंवारी लड़की की फोटो देखकर मैंने दो बार हस्तमैथुन करा. फिर तीन चार दिन के बाद मेरी धर्म पत्नी अपनी माँ के घर चली गयी. मैं अब रात भर मेरी चचेरी बहन याशिका के साथ चैट पर लगा रहता और उससे बातें करते करते हस्तमैथुन करता रहता. अब तो मैंने अंडरवियर में भी उसको अपनी फोटो भेज दी. मेरे चाचा जी की जवान बेटी मेरे उठे हुए अंडरवियर को देखकर शर्मा जाती थी. मैं उसकी चुदाई के लिए अब बुरी तरह से तड़प गया था. एक दिन मेरी किस्मत खुल गयी. मेरी चचेरी बहन याशिका ने रात के 12 बजे बताया कि कल उसके पापा घर में नहीं रहेंगे. मैं ये सुनकर खुशी से झूम उठा. अगले ही दिन मैं उसके घर पहुंच गया.

रास्ते में मैंने मेडिकल स्टोर से गर्भनिरोधक चिकनाई संरक्षण खुशी कंडोम का एक पैकेट और आई-पिल गर्भनिरोधक गोली खरीद ली थी. मेरी बहन अभी कुंवारी थी और यह उसकी पहली चुदाई थी इसलिए सावधानी जरूरी थी. मैंने जाकर बेल बजाई तो उसी ने दरवाजा खोला. उस वक्त उसके घर में कोई नहीं था. मेरी चचेरी बहन याशिका के उस रूप को देखकर मैं तो जैसे खो ही गया. मेरे चाचा की कुंवारी लड़की उस दिन बहुत ही सेक्सी लग रही थी. उसके टॉप में उसके चूचे एकदम से उठे हुए थे. उसकी टाइट जीन्स में उसकी गांड बिल्कुल कसी हुई थी. मेरा तो लंड वहीं पर खड़ा होने लगा. फिर हम लोग अंदर चले गये और एक साथ बैठकर बातें करने लगे.
मेरे चाचा की कुंवारी लड़की मुझे देखकर शर्मा भी रही थी और हंस हंसकर बातें भी कर रही थी. मेरी चचेरी बहन के वक्ष (Breasts) भी काफी मोटे मोटे थे, पतली कमर और फूली हुई गांड देख कर मुझसे तो कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था. मेरा लिंग टाईट हो चुका था और दर्द करने लगा था. मैं लंड को अपनी पैंट से आजाद करना चाह रहा था. अब मैंने उसके कंधे पर हाथ रख दिया और उसने नजर नीचे कर ली. मुझे उस पर बहुत प्यार आ रहा था. फिर हम दोनों बहन भाई एक तरफ बैठ गए और मैंने अपना सिर उसकी गोद में रख दिया. मेरे चाचा की कुंवारी लड़की मेरे बालों को अपने हाथों से सहलाने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
फिर मैं उठा और उसको अपनी बांहों में भर लिया. उसके वक्ष मेरे सीने से आ सटे. मैंने वक्ष को हल्के हाथों से दबा दिया. जैसे ही उसने अपने बूब्स पर मेरे हाथों का स्पर्श महसूस करा तो वो कुंवारी लड़की सिसकार उठी. अब दोनों भाई बहन वासना से भरते जा रहे थे. मैं उस जवान और सेक्सी लड़की के गोर गोर गालों और गर्दन पर हाथ फिराने लगा. मेरे चाचा की कुंवारी लड़की भी मेरी जांघ और पीठ को बड़े ही प्यार से सहलाने लगी. अब मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर रख दिया. हम दोनों बहन भाई चुम्मा चाटी करने लगे. मेरे चाचा की कुंवारी लड़की शर्मा रही थी. उसको तो पहली बार ही ये अनुभव मिल रहा था.
मैं तो मेरी धर्म पत्नी की चुदाई करके सेक्स का पूरा अनुभव ले चुका था और चुदाई के खेल का एक माहिर खिलाड़ी भी बन चूका था. मगर किसी दूसरी लड़की के साथ मेरा भी ये पहला सेक्स था इसलिए थोड़ी हिचकिचाहट तो मेरे अंदर भी थी. दोस्तो, उसके लब बहुत ही रसीले थे. उसके होंठों को छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था. मैं चाह रहा था कि दिन भर इसके होंठों को ही चूसता रहूं. उसके होंठ चूमते चूमते 10 मिनट निकल गये; मेरे चाचा की कुंवारी लड़की अब गर्म हो गई थी. मेरे चाचा की कुंवारी लड़की एकदम से मुझसे लिपट गयी. हम दोनों बहन भाई एक दूसरे को बांहों में कसने लगे. फिर मैं उसके कपड़े उतारने लगा. पहले उसके टॉप को उतारा. उसने नीचे से ब्रा पहनी हुई थी जो काले रंग की थी.

उस जवान और सेक्सी लड़की की काली ब्रा में कैद उसकी कसी हुई चूचियां बहुत ही मस्त लग रही थीं. मैं उसको घूरने लगा तो मेरे चाचा की कुंवारी लड़की शर्मा गयी. मेरे चाचा की कुंवारी लड़की मुझसे लिपट गयी और मैंने उसको फिर से पीछे किया. अब मैंने उसको घुमाया और उसकी पीठ को अपनी ओर करके उसकी ब्रा को खोलने लगा. ब्रा खोलकर मैंने पीछे से उसकी नर्म नर्म चूची पकड़ लीं और फिर उनको हल्के हल्के दबाने लगा. मेरे चाचा की कुंवारी लड़की कसमसाने लगी. फिर मैंने उसकी पैंट का बटन खोला और नीचे सरका दी. उसने काले रंग की ही पैंटी पहनी थी.
उसके चूतड़ों पर मैंने पीछे किस कर दिया और नीचे बैठते हुए उसकी पैंट को उसकी टांगों से निकलवा दिया. अब मैंने उसको अपनी ओर घुमाया और उसने नजर नीचे कर ली. मैं उसकी चूचियों को पीने लगा. मेरे चाचा की कुंवारी लड़की मेरी पीठ पर हाथ से फिराने लगी. फिर मेरे बालों को सहलाने लगी. उसकी चूची बहुत नर्म थीं एकदम रूई के जैसी. फिर मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहला दिया. फिर उसकी पैंटी में हाथ देकर उसकी चूत को छेड़ने लगा.
उसकी छोटी सी चूत से कामरस निकल रहा था. उसके बाद मैं उसकी चूत के सामने घुटनों पर बैठ गया. उसकी पैंटी को धीरे से उतारने लगा तो उसने मेरे हाथों को पकड़ लिया. मेरे चाचा की कुंवारी लड़की मेरी तरफ देख भी नहीं रही थी. मैंने उसकी झांटों वाली बुर के उप्पर एक प्यार भरी पप्पी कर दी तो मेरे चाचा की कुंवारी लड़की सिसकार उठी. फिर मैं उसकी नाभि को चूमने लगा. मेरे चाचा की कुंवारी लड़की मदहोश सी होने लगी. मेरे सिर को पकड़ कर सहलाने लगी.
अब मेरे पास मौका था और मैंने एकदम से उसकी पैंटी खींच दी. उसने अपनी चूत के सामने हाथों को लगा दिया. फिर मैं उठा और उसकी गर्दन को चूमते हुए बोला- दिखा दो जान … क्यों तरसा रही हो? मेरे कहने पर उसने अपनी चूत से हाथ हटा दिये. मैंने पहली बार मेरे चाचा की बेटी की सील पैक वर्जिन चूत को देखा. फिर मैं उसकी चूत पर जीभ से चाटने लगा तो उसकी आह्ह … निकल गयी. मैंने मेरी बहन के साथ सेक्स करने के लिए जल्दी से अपने कपड़े भी उतार फेंके. अब मैं ज्यादा नहीं रुक सकता था.

मैं भी पूरा नंगा हो गया और उस कुंवारी वर्जिन लड़की को चोदने के लिए पलंग पर ले गया. मैंने उसे बेड पर लिटाया और पलंग पर रखा गुलाब का फुल उसकी चूत पर रगड़ने लगा उसके बाद मैं उस कुंवारी लड़की की सील पैक वर्जिन चूत को किसी कुत्ते की तरह अपनी जीभ से चाटने लगा. अपनी चूत चटवाते चटवाते मेरे चाचा की बेटी मदहोश होने लगी थी मेरे चाचा की नंगी बेटी हालत बहुत खराब हो गयी थी वो चुदने के लिए बहुत ज्यादा बैचेन हो चुकी थी. जब उससे रहा नहीं गया तो वो मुझसे बोली- जल्दी करो भाई मुझे कुछ हो रहा है. कुछ करो प्लीज … रुका नहीं जा रहा. मुझे शांत करो… मैं मेरी चचेरी बहन याशिका के ऊपर चढ़ गया और उसके ऊपर लेटते हुए उसको किस करने लगा और मेरे लिंग को मेरे चाचा की नंगी बेटी चूत पर ठहरा दिया. अब मेरे लंड का टोपा उसकी सील पैक वर्जिन चूत के मुँह पर लग रहा था.
मेरे चाचा की कुंवारी लड़की भी चूत को जानबूझकर मेरे लंड पर रगड़वा रही थी. अब मुझसे रुकना मुश्कल हो गया और मैंने मेरे चाचा की नंगी बेटी चूत में एक धक्का मार दिया और मेरे लंड का सुपारा उसकी चूत में फंस गया. उसको इस हमले की आशंका न थी और मेरे चाचा की कुंवारी लड़की जोर से चिल्ला उठी- आह्ह … मर गयी …. हेमंत … ये क्या किया तुमने … ईई … ऊऊऊ … अम्मी … ओह्ह … मर गयी. मैं बोला- बस जान … एक बार दर्द होगा और फिर ऐसा मजा आयेगा कि तुम खुद लेने को बोलोगी. मेरे चाचा की कुंवारी लड़की कराहते हुए बोली- अगर कुछ हो गया तो?
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा. अगर तुम्हें भरोसा नहीं है तो मैं मेरे लंड पर गर्भनिरोधक चिकनाई संरक्षण खुशी कंडोम लगा लेता हूं. तुम चिंता मत करो यदि तुम्हारी बुर के अंदर मेरा वीर्य भी चला जायगा तो मैं तुम्हे आई-पिल गर्भनिरोधक गोली दे दूंगा मैं वो भी मेडिकल स्टोर से खरीदकर साथ लाया हूँ… मेरी चचेरी बहन याशिका की चूत से मैंने लंड बाहर निकाला और गर्भनिरोधक चिकनाई संरक्षण खुशी कंडोम खोलकर अपने खड़े लंड पर चढ़ा दिया और फिर मैंने मेरी चचेरी बहन याशिका की चूत को चोदने के लिए एक बार फिर अपना लिंग लगा दिया और चूत में धक्का मारा तो 3 इंच लंड उसकी बुर के अंदर घुस गया.

मेरे चाचा की कुंवारी लड़की चुदते चुदते दर्द के मारे एक बार फिर से चिल्लाई. मैं उसके ऊपर लेट गया और मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा लिया. मेरे चाचा की कुंवारी लड़की दर्द से छटपटा रही थी. तब मैंने धीरे से लंड बाहर निकाला और पूरा जोर से धक्का देकर उसकी चूत में डाल दिया. अबकी बार मैंने उसके होंठों पर हाथ रख लिया. मेरे चाचा की नंगी बेटी आँखें जैसे बाहर आने को हो गयी. मेरे चाचा की कुंवारी लड़की हूं … हूं … करके रोने लगी. मैं मेरे चाचा की नंगी बेटी हालत नहीं देख पा रहा था लेकिन हवस ऐसी थी कि बस चोद देने का मन कर रहा था.
फिर मैं उसके ऊपर लेटा ही रहा. दस मिनट तक लेटा रहा और जब मेरे चाचा की कुंवारी लड़की शान्त हो गयी तो मैंने उसको प्यार से चूमा और धीरे धीरे लंड को चलाने लगा. कुछ देर बाद उसको थोड़ा थोड़ा अच्छा लगने लगा. फिर मैं चूत में लिंग अन्दर बाहर करते करते उसके वक्ष को भी दबाने लगा. अब उसको चुदाई का सही मजा आने लगा और मेरे चाचा की कुंवारी लड़की मेरा साथ देने लगी. मगर लंड मैं पूरा नहीं ठोक रहा था. थोड़ी देर चुदाई होने के बाद मैंने पूरा लंड जोर लगाकर धकेल दिया और मेरे चाचा की नंगी बेटी की चूत ने मेरा पूरा लंड ले लिया. अब मेरे चाचा की कुंवारी लड़की मुझसे लिपट गयी और अपनी चूत को मेरे लंड की ओर फेंकने लगी.
मैं उस साली कुतिया को जोर जोर से चोदने लगा और वो आह… आह… उई माँ… आह… आह करते करते चुदवाने लगी. मात्र दो मिनट की चुदाई के बाद ही मेरे चाचा की बेटी कुंवारी चूत ने पानी छोड़ दिया. मेरा खड़ा लौड़ा मेरे चाचा की नंगी बेटी की कुंवारी चूत को पूरी अंदर तक खोद रहा था और चोदते चोदते उसकी बच्चेदानी तक प्रहार कर रहा था. उसको चुदाई झेलने के लायक बना रहा था. उसके बाद अब मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगा और साथ में वक्ष को भी दोनों हाथों से पकड़ कर मसलने लगा. पांच मिनट तक चोदने के बाद मेरे चाचा की नंगी बेटी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया.
अब अपनी बहन की चुदाई करते करते मेरा भी वीर्य निकलने को था. मैं धक्के लगाता हुआ उसके ऊपर ही निढाल हो गया. दोस्तों मेरा वीर्य भी निकल चुका था. हम नंगे भाई बहन कुछ देर एक दूसरे से लिपटे रहे. फिर मैंने लंड को उसकी फटी हुई बुर से बाहर निकाल लिया और कॉन्डम निकाल कर फेंक दिया. मेरे चाचा की बेटी की यह पहली चुदाई थी जिस कारण उसकी चूत फट चुकी थी और उसकी चूत से खून निकल आया था. मेरे चाचा की कुंवारी लड़की डर गयी और फिर मैंने उसको अच्छे तरीके से पहली चुदाई का अनुभव समझाया. मेरी कुंवारी चचेरी बहन याशिका की वर्जिन चूत की सील तोड़ कर मेरा मन खिल उठा था.
मुझ शादी शुदा मर्द को बहुत दिनों के बाद किसी कुंवारी लड़की की वर्जिन चूत चोदने को मिली थी और मेरे चाचा की कुंवारी लड़की वर्जिन चूत और किसी की नहीं बल्कि मेरी चचेरी बहन की थी और आज मैं अपनी चचेरी बहन की वर्जिन बुर को चोदकर बहनचोद बन चूका था. फिर मैंने मेरी नंगी चचेरी बहन के जिस्म को साफ किया और अपने लंड को भी साफ किया. फिर मैंने मेरी कुंवारी बहन को चूत दर्द की दवाई लाकर दी और पुरे दिन उसके पास ही रहा. शाम को जब उसे थोड़ा आराम हो गया तो मैं वहां से वापस अपने घर आ गया …