HomeAntarvasna Hindi Sex Storiesचुदते चुदते चिल्लाने लगी कुंवारी साली पहली चुदाई के दौरान

चुदते चुदते चिल्लाने लगी कुंवारी साली पहली चुदाई के दौरान

चूत चाटने के बाद पेनिस साली की वर्जिन चूत में पेल दिया मेरी बेचारी कुंवारी साली पहली चुदाई के दौरान चुदते चुदते चिल्लाने लगी. चोदते चोदते मैंने महसूस किया कि पेनिस पर खून का फव्वारा छुट गया और वह चुदते चुदते दर्द के मारे तड़पने लगी और अपने दोनों हाथ पैर मारने लगी मगर मैंने उस जवान और सेक्सी लड़की पर बिलकुल भी रहम नहीं खाया और अपने हाथों से उसके स्तनों को सहलाते हुए और होंठों से अब गाल, कान, गरदन वगैरह चूम कर उसे दिलासा देने लगा और धीरे धीरे पेनिस को अंदर बाहर करने लगा। चुदते चुदते उस कुंवारी लड़की का प्रतिरोध अब कम होता नजर आया और अब शायद उसे भी अब चुदवाने में दर्द कम और आनंद ज्यादा आने लगा इसलिये गांड उठा उठा कर सेक्स करने में मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी फ्री में अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ें …

मेरी वाइफ घर के काम काज के मामले में बहुत ही ज्यादा ढ़ीली और आलसी है, कभी कभी मुझे उस पर बहुत जयादा गुस्सा भी आता है मगर मैं उसे कुछ नहीं बोलता क्या मतलब बेकार में घर के अंदर कलह हो जाए. मेरी धर्म पत्नी के मायके में शादी थी तो मुझे भी वहां जाना था. वहां पर बहुत से रिश्तेदार आये थे, वहां मेरी वाइफ ने अपनी एक रिश्तेदार से मिलाते हुए कहा- इसका नाम रेखा हैं और हम इसको परीक्षा के बाद अपने पास ही रखेंगे. जब मुझ चुदाई करने के भूखे जीजा ने उस जवान और सेक्सी लड़की के कातिल जिस्म को देखा तो सच में देखता रह गया. उसके बूब्स और गांड को देखता का देखता रह गया. अचानक मेरी वाइफ की आवाज ने मुझे झकझोर दिया कि कहां खो गये.

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मुझ हवस के पुजारी ने मेरी कुंवारी साली रेखा से बोला की कहीं नहीं. मेरी वाइफ ने मुझे धीरे से कहा- अगर तुम नहीं चाहते उसको अपने यहां पढ़ाना ! तो मैं मना कर देती हूँ. मेरे मन में तो लड्‌डू फ़ूट रहे थे, मैं कब मना करने वाला था, मैंने कहा -नहीं-नहीं मुझे कोई एतराज नहीं. जब तक मैं ससुराल में रहा तब तक मैं मजाक ही मजाक में उसके स्तन दबा देता, या नाजुक अंगों से छेड़छाड़ कर देता तो वह हंसकर भाग जाती. जब मैं वापस अपने शहर आया तो मुझे उसकी याद आने लगी, मगर मैं अपने मुंह से कुछ नहीं कहना चाहता था क्योंकि वाइफ को शक होने का डर था. पर ऊपर वाला शायद एक बार फिर मुझ पर मेहरबान था. मेरी वाइफ ने ही आगे होकर उसके शहर जाकर उसे लाने के लिये कहा. मेरा मन तो गार्डन-गार्डन हो गया. मैं व मेरी वाइफ उसके शहर गये और उसे ले आये. अब तो बस मौके की तलाश थी.

वाह रे मेरी किस्मत मेरी काम चोर वाइफ को फिर अपने ससुराल २-४ दिन के लिये जाना था. पहले तो मेरी वाइफ ने कहा- मैं रेखा को भी साथ ले जाती हूँ. फिर उसने खुद ही विचार बदल दिया कि वह बेकार परेशान होगी, २-४ दिन की ही तो बात है. मैं और रेखा मेरी वाइफ को छोड़ने सुबह ६ बजे ही रेलवे स्टेशन गये और उसे छोड़ कर वापस आये. रेखा ने आते ही कहा- जीजा जी आप चाय पीकर ही जाना ! मुझ चुदाई करने के भूखे जीजा ने उसका हाथ पकड़ कर बिस्तर पर खींच लिया और मस्ती करने लगा. यह सब ऊपर की मस्ती मजाक तो मेरी वाइफ के सामने भी करता था, मगर आज तो बस उसे कुतिया बनाकर डॉगी सेक्स पोजीशन में चोदने का मन बना हुआ था. मुझ हवस के पुजारी ने मेरी कुंवारी साली रेखा से बोला की रेखा, चाय-वाय बाद में बनाना, आओ थोड़ी देर बैठो तो.

उस वर्जिन लड़की ने बोला की जीजू, क्या बात है, विचार तो नेक हैं, आपके? मुझ हवस के पुजारी ने मेरी कुंवारी साली रेखा से बोला की विचार तो आपके जीजू के हरदम ही नेक होते हैं, बस आप ही नहीं समझती. और मैं अपने हाथों को उसके शरीर के नाजुक अंगों पर फिराने की कोशिश करने लगा. मुझ चुदाई करने के भूखे जीजा ने उसके वक्ष को पीछे से हल्के से दबाया तो वह कुनमुना गई और छुटने की नाकामयाब कोशिश करने लगी. आज मुझे लग रहा था की मेरी जवान और सेक्सी साली साहिबा रेखा भी मुझसे चुदवाने को बेताब है. मैंने जब उसकी तरफ से मौन इशारा समझा तो अपने हाथों को धीरे-धीरे उसके नाभि-मण्डल पर ले गया और मेरे होंठों ने भी अपना काम चालू कर दिया था.

मेरी तरफ उसकी पीठ होने के कारण मुझ चुदाई करने के भूखे जीजा ने उसकी गरदन को अपनी तरफ घुमाकर उसके होंठों का रसस्वादन करने लगा. अब मेरा हौंसला भी बुलन्द होने लगा. मुझ चुदाई करने के भूखे जीजा ने उस बेचारी के कुर्ते को थोड़ा ऊपर किया तो उसने कहा- नहीं जीजू आप मेरी बहन के पति हो और मैं आपकी साली हूँ और इस रिश्ते में ये सब गलत काम करना बिलकुल भी सही नहीं है अगर किसी को मालूम हो गया तो? मुझ हवस के पुजारी ने मेरी कुंवारी साली रेखा को समझाते हुए कहा- देखो जान ! इस घर में मेरे व तुम्हारे अलावा कोई नहीं है, तो किस को मालूम होगा और कौन बतायेगा कि हमने क्या किया. रेखा मेरा मतलब समझ गई और चुप हो गई. अब मैं भी बिन्दास हो गया और रेखा की कुर्ती के अन्दर हाथ डालकर बूब्स को दबाने व सहलाने लगा. रेखा का पहला चुदाई कार्यक्रम था तो उसमें डर और मजा दोनों का समावेश था.

उस कुंवारी रांड के मुँह से रह रहकर बहुत ज्यदा मादक और सेक्सी सिसकारियाँ निकल रही थी- आ…. जीजू… मुझ हवस के पुजारी ने मेरी कुंवारी साली रेखा की कुर्ती को एक झटके में शरीर से अलग कर उसकी ब्रा को खोल दिया और बूब्स को मुँह में लेकर चूसने लगा. रेखा मदहोशी में आंखे बंद किये ही कहने लगी- जीजू ! ऐसे क्या करते हो ! तो मुझ हवस के पुजारी ने मेरी कुंवारी साली रेखा से बोला की रेखा अभी तो बाकी है ऐसे-वैसे सब करेंगे, तुम बस महसूस करो और मजा लो. बूब्स को चूसते हुए उसके नाभि-स्थल तक होंठों को फिराता हुआ लाया, नाभि से नीचे जाना चाह रहा था, मगर रेखा का नाइट पायजामा और पेंटी दीवार बन कर खड़े थे. इधर रेखा मेरी पीठ को सहला रही थी.

मैंने रेखा की पैंटी और पायजामा एक बार में ही खोल दिया और सील पैक वर्जिन चूत को चाटने और खाने के लिए मैं अपना मुँह रेखा की गुलाबी कुंवारी चूत पर ले गया,मेरी वर्जिन साली रेखा की गुलाबी कुंवारी चूत पर नाम मात्र के मुलायम बाल थे जो उसकी गुलाबी कुंवारी चूत की पहरेदारी कर रहे थे. मैंने अंगूठे से उसके पहरेदारों को एक तरफ किया और उसकी गुलाबी कुंवारी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा. उसकी सिसकारियाँ लगातार जारी थी- जी……जू……….ये क्या……….कर रहे……. हो……….आ.हहहहहह जी…..जू………मजजजजजा आाा ररररहा हैं औररररर जोर सेससस चाटटो नाा…. कुंवारी चूत से रिस रिस कर नमकीन पानी निकल रहा था, उसे चाटने में मुझे भी मजा आ रहा था और शायद अब रेखा को भी मजा आने लगा था.

रेखा अपनी गांड उठा उठा कर मुखचोदन करा रही थी. आधे घण्टे तक मेरी कुंवारी साली की सील पैक वर्जिन चूत चाटने के बाद मेरा पेनिस भी कड़क हो गया और अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को व्याकुल होने लगा. मैंने मेरी कुंवारी साली की सील पैक वर्जिन चूत को चोदने के लिए अपने सारे के सारे कपड़े उतारे और अपना खड़ा पेनिस निकाल कर मेरी कुंवारी साली रेखा के हाथ में दे दिया और उसे मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने के लिए बोला. वह मेरा लम्बा और मोटा लंड देखते ही बहुत ज्यादा जोर से चिल्ला उठी- ये क्या है छी… ?

मुझ हवस के पुजारी ने मेरी कुंवारी साली रेखा से बोला की पेनिस अर्थात लंड. मेरी वर्जिन साली साहिबा बोली जीजा जी इतना बड़ा और मोटा लंड ? मैं चुदते चुदते मर जाऊंगी जीजू ! नहीं मुझे छोड़ दो मुझे नहीं चुदवाना आपके इस लम्बे और मोटे लंड से! मुझ चुदाई करने के भूखे जीजा ने उस वर्जिन लड़की को समझाया- जानू, तुम्हारी जीजी भी तो इसे लेती हैं, वो तो नहीं मरी. इसे मुँह में लो ! तुम्हें मजा आयेगा ! वह बेचारी वर्जिन लड़की ना ना करती हुई मेरे पेनिस को अपने मुँह में लेने लगी. धीरे धीरे आधा पेनिस मुँह में लेने के बाद मुझ चुदाई करने के भूखे जीजा ने उसके मुंह को चोदना चालू कर दिया. पेनिस चूसने में अब रेखा को भी मजा आ रहा था.

वो अब पेनिस को लॉलीपाप की तरह चूसने लगी. मैं सेक्स पॉजीशन बदलते हुए ६९ की पॉजीशन में आ गया और अब वो मेरा पेनिस और मैं उसकी कुंवारी चूत चाटने लगा. करीब २०-२५ मिनट में रेखा दो बार स्खलित हो गई और मैं अब होने वाला था. और मैं……….. ये ……..गया वो गया……… और अपना सारा माल उसके मुँह में उड़ेल दिया और फिर आपस में चिपक कर हांफने लगे. थोड़ी देर बाद अचानक अपने लंड पर किसी के स्पर्श से मैंने आंखे खोली तो देखा की मेरी जवान और सेक्सी साली साहिबा रेखा मेरे लम्बे और मोटे लंड के साथ खेल रही है और उसे खड़ा करने की कोशिश कर रही है. मेरे आंख खोलते ही मुझे अर्थपूर्ण दृष्टि से देखा. मैं समझ गया कि अब मेरी साली को अपने इस प्यारे जीजा जी से क्या चाहिये.

मेरा पेनिस कब पीछे रहने वाला नहीं था, उस चूत के पुजारी ने तुरन्त सलामी ठोक दी और सारी दीवारें तोड़ता हुआ रेखा की वर्जिन चूत में धीरे-धीरे प्रवेश करने लगा क्योंकि मुझे मालूम था कि मेरी कुंवारी साली पहली बार चुदने वाली हैं. जैसे ही पेनिस ने संकरे रास्ते में प्रवेश किया, रेखा ने रोक दिया- नहीं जीजू ! दर्द हो रहा है ! और दर्द के मारे चुदते चुदते जोर जोर से चिल्लाने लगी. मैंने सोचा अगर रेखा की बातों में आ गया तो सारा किया धरा रह जायेगा और मैंने तुरन्त मेरी बेचारी साली रेखा के लाल लाल होंठों पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया और मेरे लम्बे मोटे पेनिस की तेज ठोकर लगाई और उसकी दर्द से भरी चीखों को अपने होंठों से दबा दिया.

चोदते चोदते मैंने महसूस किया कि मेरी साली की चूत फट चुकी है और उसकी फटी हुई चूत में से खून का झरना चलने लग गया है. चूत फट जाने पर चुदवाने में बहुत ज्यादा दर्द होता है और इसी दर्द के कारण वह कुंवारी रांड चुदते चुदते दर्द के मारे तड़पने लगी और अपने दोनों हाथ पैर मारने लगी मगर मुझ चुदाई करने के भूखे जीजा ने उस जवान और सेक्सी लड़की पर बिलकुल भी रहम नहीं खाया और अपने हाथों से उस कुंवारी रांड के स्तनों को सहलाते हुए उसे दिलासा देने लगा और धीरे धीरे पेनिस को अंदर बाहर करने लगा. चुदते चुदते उस कुंवारी लड़की का प्रतिरोध अब कम होता नजर आया और अब शायद उसे भी अब चुदवाने में दर्द कम और आनंद ज्यादा आने लगा इसलिये गांड उठा उठा कर सेक्स करने में मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी. पेनिस और कुंवारी चूत की लड़ाई चालू हो गई थी.

क्योंकि पेनिस जैसे ही अन्दर जाता तो तबले पर पड़ने वाली थाप की आवाज आती और मेरी बेचारी कुंवारी साली रेखा के मुँह से दर्द भरी सिसकारियाँ निकलती. १५-२० मिनट बाद मैंने कुंवारी चूत में पेनिस डाले डाले ही मेरी नंगी साली को कुतिया बनाया और फिर चालू हो गया. इस दरम्यान वो २-३ बार झड़ चुकी थी मगर मेरा अभी ठिकाना नजर नहीं आ रहा था. मगर डॉगी सेक्स पोजीशन में आते ही मुझे लगने लगा कि अब ज्यादा देर नहीं टिक सकूंगा और मैं भी १५-२० धक्कों के बाद उस पर ढेर हो गया और अपना सारा माल उसकी कोमल कुंवारी चूत में बहा दिया. देर बाद जब हम उठे तो उसकी नजर बिस्तर पर गई जहां खून ही खून और वीर्य उसका और मेरा दोनों का पड़ा था, जिसे देख कर वह डर गई और रोने लगी- जीजू ! यह क्या हुआ ? इतना ज्यादा खून निकल गया कहीं मैं मर ना जाऊँ…

मैंने मेरी साली को समझाने लगा की साली साहिबा डरने की कोई बात नहीं है पहली बार चुदाई करवाने के दौरान तो ये सब होता ही है. मुझ चुदाई करने के भूखे जीजा ने उस दिन ऑफिस फोन कर छुट्‌टी ले ली और उस दिन और उसके बाद जब तक मेरी वाइफ नहीं आई तब तक मैं रेखा को लगातार चोदता रहा कुल मिलाकर मेरी जवान और सेक्सी कुंवारी साली रेखा के साथ बिताये वो हर हसीन लमहें आज भी मेरी आंखों के सामने आते हैं तो बस एक बार फिर उस बेचारी कुंवारी लड़की को चोदने की इच्छा जागृत हो जाती है और मुझे उसे याद करके मुठ मारनी पड़ जाती है.

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