सलवार फाड़कर माँ और भाई बहनों की गैरमौजूदगी में जबरदस्ती गेंगबेंग सेक्स किया मेरे पापा के तीन बेवड़े दोस्तों ने मेरे साथ नई हिंदी XXX दर्दनाक ग्रुप सेक्स स्टोरी फ्री में ऑनलाइन पढ़ें Forced Gangbang Sex With My Father’s Three Drunken Friends Hindi Group Sex Story :- मेरा नाम सपना चौधरी है और मैं एक कुंवारी कॉलेज गर्ल हूँ. दोस्तों मैं कुंवारी जरुर हूँ मगर वर्जिन नहीं हूँ क्यों की मेरा एक बॉयफ्रेंड है जो मुझे आये दिन चोदता है मगर मैंने कभी भी उसे मेरी गांड मारने का मौका नहीं दिया मेरी गांड आज भी वर्जिन है. मेरे अलावा मेरे परिवार में मेरा एक भाई, एक बहन और मेरे माँ पापा जी हैं. मेरा दिखने में एक सामान्य लड़की हूँ, कद 5 फीट 3 इंच है, रंग मध्यम है.
दोस्तों मेरे पिता जी आर्मी से रिटायर्ड हैं और वो बहुत ज्यादा शराब पीते हैं और अक्सर दारु पीकर मेरी बेचारी माँ से झगड़ा करते हैं और उन्हें नंगी करके डंडे से मारते पिटते है. शाम को उनके कुछ बेवड़े दोस्त भी उनके साथ देसी दारु पीने के लिए हमारे घर आते हैं और मेरी बेचारी बेचारी माँ पापा के बोलने पर उन बेवड़े मर्दों के लिए लिए नमकीन बर्फ़ पानी सर्व किया करती थी. वो सभी मेरी बेचारी माँ को गन्दी गन्दी नजरों से देखते थे मगर मेरी माँ मजबूर थी.
जबरदस्ती गेंगबेंग सेक्स किया पापा के तीन बेवड़े दोस्तों ने मेरे साथ नई हिंदी ग्रुप सेक्स स्टोरी

मुझ कुंवारी लड़की को मेरे घर के इस माहोल पर बहुत गुस्सा आता है पर अगर मैं बीच में बोलती तो मेरे बेवड़े पिता जी मुझ कुंवारी लड़की को भी मेरी माँ की तरह नंगी करके डंडे से मारते पिटते इस लिए मैं इस पूरे मामले से दूर ही रहती हूँ. पिछले माह मेरी परीक्षा चल रही थी और मेरी बेचारी माँ मेरे भाई और बहन के साथ मेरे ननिहाल गई हुई थी. एक बजे मैं पेपर देकर लौटी और बेवड़े पिता जी के लिए खाना बनाया. खाना खाकर में अपने रूम में जाकर टीवी देखने लगी और बेवड़े पिता जी बाजार चले गये.
मेरे पिता जी शाम को 7 बजे मार्किट से लौटे वो पूरी तरह से शराब के नशे में धुत्त थे उनसे ठीक से खड़ा भी नहीं रह पा रहे थे. मैंने खाना बनाया और बेवड़े पिता जी बाहर चले गये. मैं खाना खाकर टीवी देखने लगी. रात 10 बजे बेवड़े पिता जी अपने तीन दोस्तों के साथ आये और बाहर वाले कमरे में देसी दारु पीने लगे और गंदी गंदी गालियाँ बकने लगे. मैं अपने मोबाइल में जबरदस्ती गेंगबेंग सेक्स की पोर्न फिल्म देखने लगी और उस फिल्म को देखकर मेरा मन भी कई सारे मर्दों से ग्रुप में चुदवाने का करने लगा मगर मुझसे कुछ समझ नहीं आ रहा था की मैं कैसे और किसके साथ ग्रुप सेक्स करूँ.
दोस्तों ग्रुप चुदाई करवाने की मेरी चुदास बहुत जायदा बढ़ चुकी थी फिर करीब एक घंटे तक जब ग्रुप सेक्स फिल्म देखते देखते मेरी बुर गीली हो गयी तो मैं बाथरूम में हस्तमैथुन करने के लिए जाने लगी. जब मैंने बाहर वाले कमरे में झांक क्र देखा जहाँ पर मेरे पापा अपने दोस्तों के साथ दारू पी रहे थे तो मैंने देखा की बो सभी शराबी लोग नशे में धुत्त बेहोश पड़े हुए थे . मैं भी बाथरूम में गई और हस्तमैथुन करने के बाद पेशाब किया और अपने बेडरूम में जाकर सो गई पलंग पर लेटते ही मुझे गहरी नींद आ गयी.
रात के लगभग दो बजे मुझे मेरे पांवों पर गुदगुदी सी महसूस हुई, मैं सोची की शायद मेरे पैरों पर छिपकली चढ़ गए है इस लिए मैं बुरी तरह चौंक गई. जब मेरी आँखे खुली तो मैंने देखा की मेरे ग्रुप सेक्स की तैयारी चल रही है. एक शर्मा अंकल मेरी ब्रा के ऊपर से ही उरोज चूस रहे थे, चौधरी अंकल मेरे नितम्ब सहला रहे थे और रवि राजपूत अंकल जबरदस्ती लम्बा मोटा लंड को मेरे मुंह में घुसा रहे थे. मुझ कुंवारी लड़की को लम्बा मोटा लंड चूसना बिल्कुल भी पसंद नहीं है इस लिए मैंने मुँह में लेने से साफ़ इंकार कर दिया.

इससे उनका मूड खराब हो गया और मेरी सलवार को खोलने क़ी बजाये फाड़ने लगे और उसको जांघों के जोड़ से पूरा फाड़ दिया मेरे बेडरूम का नजारा कुछ ऐसा था की मानो मेरा सामूहिक बलात्कार हो रहा हो. मुश्किल से उन्होंने मेरी चड्डी उतारी और मुझको पलंग से नीचे घसीट लाये. तीनों भूखे शेर बने हुए थे और जगह जगह मुझको काट रहे थे. एक शर्मा अंकल ने मेरे मोटे मोटे बूब्स काट काट कर लाल कर दिए थे. मुझ कुंवारी लड़की को दर्द भी हो रहा था पर मजा भी बहुत आ रहा था इसलिए मैंने खुद को ढीला छोड़ दिया.
दारू के नशे में मेरे बेवड़े पिता जी के वो तीनों रंडी बाज दोस्त मुझ कुंवारी लड़की को रंडी, छिनाल और पता नहीं क्या क्या बक रहे थे. चौधरी अंकल मेरी कुंवारी बुर के पास आये और मेरी टाँगें फैला दी. शर्मा अंकल मेरे स्तन चूस रहे थे और रवि राजपूत अंकल मेरे हाथ से अपना लगभग 8 इंच लम्बा लम्बा मोटा लंड सहलवा रहे थे. चौधरी अंकल ने मेरी कुंवारी बुर में अपनी जीभ घुसा दी और अंदर बाहर करके अपनी जीभ से ही मेरी वर्जिन चूत को चोदने लगे. मेरी मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी, कई दिनों बाद इतना आनन्द मिल रहा था.
शर्मा अंकल ने मेरे मोटे मोटे बूब्स छोड़े और मेरी टांगों के बीच मेरा काम लगाने के लिए आ गये और चौधरी अंकल जी को हटा दिया. उनसे ढंग से चला भी नहीं जा रहा था, वे अपना लगभग 5 इंच लम्बा मोटा लंड को मेरी कुंवारी बुरद्वार पर रगड़ने लगे, बाकी दोनों मेरे रसीले बूब्स चूस रहे थे और मैं झूठ मुठ का बचने का नाटक कर रही थी. थोड़ी देर घिसने के बाद उन्होंने अपना खड़ा लंड मेरी चूत के अंदर पेल डाला. मेरी चूत में उनका लंड बड़ी आसानी से चला गया और वे गन्दी गन्दी गाली देते हुए तेज तेज धक्के देकर मुझे चोदने लगे.

मुझ कुंवारी लड़की को मेरे पापा के बेवड़े दोस्तों के साथ जबरदस्ती गेंगबेंग सेक्स करने में असीम आनन्द प्राप्त हो रहा था लेकिन लगभग पांच मिनट में ही वो निढाल हो गये और किसी आवारा कुत्ते की तरह हांफने लगे. तभी रवि राजपूत अंकल आये और उन शर्मा अंकल को हटकर उनकी जगह खुदने ले ली और फिर उन्होंने मेरी चूत का बाजा बजाने के लिए अपना खड़ा लम्बा मोटा लंड मेरी कुंवारी बुर से सटा दिया. मुझ कुंवारी लड़की को उनके लम्बा मोटा लंड को देखकर डर लगा और मैंने डर के मारे अपनी दोनों आँखें बंद कर ली.
एक ही झटके में उन्होंने आधा लौड़ मेरी फ़ुद्दी के अंदर घुसा दिया, मुझ कुंवारी लड़की को भयंकर दर्द का आभास हुआ. इससे पहले कि मैं यह दर्द सह पाती, उन्होंने एक और जोर का झटका मारा और पूरा लम्बा मोटा लंड अंदर घुसा दिया. उनका लम्बा और मोटा लंड सीधे मुझ कुंवारी लड़की के गर्भाशय पर लगा और मेरी कुंवारी बुर में जलन होने लगी, मुझ कुंवारी लड़की को लगा जैसे किसी ने लोहे की रॉड घुसा दी हो. पर वो बेवड़े शर्मा अंकल कहाँ रुकने वाले थे, वो तेज तेज धक्के लगा रहे थे और जल्दी ही मेरा चुदाई का दर्द भी आनन्द में बदल गया था.
मुझे मेरी इस जबरदस्ती गेंगबेंग चुदाई के दौरान अभी भी मेरी कुंवारी बुर में थोड़ी जलन हो रही थी मुझे ऐसा लग रहा था मानो किसी ने मेरी चूत के अंदर मिर्च पाउडर डाल दिया हो. इस दौरान चौधरी अंकल ने मुझ कुंवारी लड़की को तिरछा लिटा दिया और पीछे से आकर मेरे गुदाद्वार में अपना लम्बा मोटा लंड घुसाने लगे पर उनकी पोजीशन ही नहीं बन पा रही थी और अंदर नही घुस पा रहे थे. शर्मा अंकल उन दोनों को जल्दी करने को कह रहे थे. शर्मा अंकल पूरी ताकत से अंदर बाहर कर रहे थे जिससे मेरे बूब्स बड़ी जोर जोर से हिल रहे थे और मेरे मुँह से अजीब अजीब आवाजें निकल रही थी पर चुदने में बड़ा आनंद आ रहा था.

दोस्तों इस ग्रुप सेक्स के दौरान मैं चुदते चुदते दो बार पहले ही झड़ चुकी थी और अब तीसरी बार झड़ने वाली थी. नंगे शर्मा अंकल अब दरवाजे से देख रहे थे कि कही मेरे बेवड़े पिता जी न आ जाएँ, लग रहा था कि अब उनका नशा उतर चूका है. इधर शर्मा अंकल लगातार चल रहे थे और रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे. चौधरी अंकल से गुदाद्वार में नहीं घुसा तो वह लम्बा मोटा लंड को पीछे से ही मेरे नितम्बों के मध्य और जांघों के बीच में घुसाकर धक्के लगा रहे थे.
अब मेरा तीसरी बार हो चुका था और लगभग 15 मिनट बाद शर्मा अंकल में अपना गर्म वीर्य मेरी कुंवारी बुर में भर दिया और चौधरी अंकल भी मेरी गोरी गोरी जांघों के बीच अपना वीर्य निकाल चुके थे. मुझ कुंवारी लड़की को ख़ुशी थी कि कम से कम चौधरी अंकल मेरी गांड मारने के लिए अपना लम्बा मोटा लंड मेरे गुदाद्वार में नहीं घुसा पाए, नहीं तो बहुत दर्द होता क्यूंकि मैंने इससे पहले कभी गांड मरवाने के लिए अपने बॉयफ्रेंड का लंड अपनी गांड में नहीं डलवाया था.
इसके बाद वो तीनों रात में ही वहाँ से चले गये. रात में हुई मेरी जबरदस्ती गेंगबेंग चुदाई के कारण सुबह मुझ कुंवारी लड़की को चलने में बहुत दर्द हो रहा था पर अगले दिन सब सामान्य हो गया. मेरे पापा के वो तीनों रंडी बाज दोस्त अब भी हमारे घर दारु पीने आते हैं पर मुझसे नजरें नहीं मिला पाते, शायद वो सोचते हैं कि उन्होंने मेरी मर्जी के खिलाफ मेरे साथ जबरदस्ती गेंगबेंग सेक्स किया है पर मुझ कुंवारी लड़की को वो रात हमेशा याद रहेगी क्योंकि मैंने उस दिन पहली बार ग्रुप सेक्स करा था और मुझे उन सभी से चुदवाने में बड़े मजे भी आये थे.