खेल खेल में बहनचोद भाई ने अपने काले मोटे लंड पर कोहिनूर कंडोम लगाकर चार कुंवारी चचेरी बहनों की वर्जिन चुत की बहुत ही शानदार चुदाई करी XXX हिंदी नॉनवेज सेक्स स्टोरी : कोहिनूर कंडोम लगाकर अपनी चार चचेरी बहनों की सील पैक वर्जिन चुत चोदने और सील तोड़ने की जो गन्दी नॉनवेज सेक्स स्टोरी मैं आप लोगों को सुनाने जा रहा हूँ वो कहानी मेरे गांव की है. आजकल तो दिल्ली में रहता हु. मैं उस समय छोटा बच्चा था पर उतना भी ज्यादा छोटा बच्चा नहीं की चुदाई के बारे में कुछ ज्ञान ना हो. मेरी चार चचेरी बहनों में मैं इकलौता भाई था .
मेरी चारो बाहने दिखने में बहुत ही ज्यादा सुन्दर और सुशिल थीं और मुझे उन सभी के साथ सेक्स करने का दिल करता था मगर मैं उन सभी को यह बात बताने से बहुत डरता था. वैसे ये चुत चुदाई का आईडिया मेरी उन चुदाई की भूखी कुंवारी बहनों का ही था मैं तो सिर्फ वर्जिन चुत को चोदने वाली कठपुतली मात्र था. एक भाई जो अपनी ही बहनों की चुडिया करे और बहनचोद बने ऐसा नसीब हर किसी का नहीं होता है. बहुत तेज ठण्ड का समय था और शाम हो चुकी थी. हमारे घर वाले एक शादी समारोह में गए थे.
भाई ने कंडोम लगाकर चार चचेरी बहनों की चुत चुदाई XXX हिंदी नॉनवेज सेक्स स्टोरी

हम पांचो भाई बहन घर पर अकेले थे. शाम को हम भाई बहन मिलकर छूपन छुपाई का खेल खेल रहे थे. तभी प्लान किया गया की राजू सबको ढूंढेगा और जो मिल जाएगी उस बहन की वो पांच मिनट तक चुत की चुदाई करेगा. घर के पीछे धान की फसल की कटाई हुई थी और बड़ा बड़ा पुआल का ढेर घर में लगा था तो छुपने के लिए बहुत जगह थी. यहाँ भी देखें: मुझे मेरे सगे भाई नें चोदकर प्रेगनेंट करा अपने बच्चे की माँ बनाया हम भाई और बहनों की छूपन छुपाई का खेल शुरू हो गया. पहले हम भाई बहनों नें मिलकर खेल के नियम बनाय और खेल के नियम थे की पहली बार में चुत की चुदाई नहीं करनी है सिर्फ चूचियां ही दबानी है और दूसरी बार में चुत की चुदाई करनी हैं..
मैंने पीछे मुड़कर एक से दस तक गिनती गिनी और पलटकर देखा तो मेरी चारों बहनें छुप चुकी थी कोई भी नहीं दिखाई दि. अपनी बहनों की चुदाई करके बहनचोद बनने की चाहत में मेरे लंड में बहुत ही ज्यादा गुदगुदी हो रही थी. मैं मेरी बहनों को तलाशने लगा और इसी बिच मुझे मेरी बहन प्रतीक्षा की आवाज आई और मैं प्रतीक्षा की तरफ भाग कर गया. वो पुआल के पीछे छुपी थी मैंने प्रतीक्षा को छूआ और फिर खेल के हिसाब से चूचियां दबाने लगा वो चुपचाप बैठी रही.
दो मिनट में फिर उसको छोड़ा और फिर दूसरी बहन को ढूंढने निकल गया और अब की बार मुझे रश्मि दीदी मिल गयी अब मैं बहुत ही ज्यादा जोर जोर से उनकी भी चूचियां दबाने लगा. मुझसे अपने बूब्स दबवाने में वो थोड़ी कसमसा रही थी और कह रही थी किसी को बोलना मत की तुमने मेरे मम्मे दबाए हैं. इसके बाद मैंने पूजा दीदी के ढूंढ निकाला उस साली की चूचियां बहुत ही ज्यादा बड़ी बड़ी थी. वो अपनी चूची को बड़े मजे से दबावा रही थी.
अब बबली दीदी के बूब्स दबाने की बारी थी, वो जवान थी मजा आ गया वो तो मुझे पकड़ कर खुद ही चूमने लगी और अपनी चूचियां मेरे मुँह में रगड़ने लगी और वो मेरे ऊपर चढ़ गई. इसके बाद ज्यादा अन्धेरा हो गया था. इसके बाद गंदे खेल का सेकंड लेवल था. सभी बहनों को फिर से छुपना था. सेकंड लेवल के खेल में था की जो जो मिल जाएगी वो अपनी वर्जिन चुत में मेरा लौड़ा लेगी. गन्दा खेल शुरू होता है और अब मुझे बबली दीदी मिलती है. वो पहले से अपनी सलवार का नाडा खोल कर चुदवाने को तैयार थी.
मैंने उसकी वर्जिन चुत को सहलाया और फिर अपना लौड़ा निकाल कर और उस पर कोहिनूर कंडोम लगाकर जैसे तैसे बहन की वर्जिन चुत में घुसाने की कोशिश करने लगा. मेरा लंड मेरी कुंवारी बहन की वर्जिन चुत में थोड़ा ही अंदर गया था की उस साली को बहुत तेज दर्द होने लगा था और वो जोर जोर से चिल्लाने लगी थी पर तब भी मैंने मेरी चचेरी बहन की वर्जिन चुत में मेरा लंड घुसाने लगा और बहुत कोशिश करने के बाद आखिर कामयाब भी हो गया. फिर चूचिया दबाई और होठ भी चूमे.

इसके बाद वो एक झटके से उठी और बोली मैं जा रही हु. वो चली गई. फिर प्रतीक्षा दीदी की मेरे लम्बे और मोटे लंड से चुदने की बारी थी तो मैंने उस साली की पेंट निचे करी और फिर बहुत ही खतरनाक तरीके से चुदाई करने लगा उसकी चुत काफी टाइट थी लंड अंदर जा ही नहीं रहा था. पर बहुत कोशिश करी और थोड़ा ही लंड उनकी चुस्त चूत के अंदर डाल पाया, फिर रश्मि को चोदा उसके चुत में एक बार में ही लौड़ा घुसा दिया, फिर चौथी की बारी उसको आराम से सारे कपडे उतार दिए तब तक वो तीनो चली गई थी. मैंने अपना लंड उसकी वर्जिन चुत में डालने लगा वो भी खूब मजे ले रही थी क्यों की अब हम भाई बहन दोनों अकेले ही थे बाकि सभी चुदवाकर जा चुके थे.
मैं उसकी चूचियां दबाने लगा वो भी मुझे चूमने लगी और फिर अपना लौड़ा उसके क्लीन चुत पर रख पर जोर जोर से पेलने लगा. लंड पर कोहिनूर कंडोम लगाकर बहन की वर्जिन चुत को चोदने में बहुत मजा आ रहा था. इसके बाद मेरे लौड़े में जोर से दर्द होने लगा मैंने अपने लौड़े को बहन की चुत से बाहर निकाला और तुरंत ही वाशरूम में गया और अपना लौड़ा चेक किया.
पता नहीं मेरी चचेरी बहनों की चुत से खून निकल रहा हो या नहीं पर मेरे लौड़े से खून जरूर निकल रहा था. क्यों की मेरे लंड की टोपी पूरी की पूरी खुल गई थी. आज भी वो दिन याद करता हु तो मजा आ जाता है. उस दिन के बाद तो मेरी चारो चचेरी बहनें आगे से चलकर मेरे लंड से चुदवाने लगी थी उन्हें मेरे साथ सेक्स करने में बड़ा आनंद आता था, पर हां मैं मेरी चचेरी बहनों को हमेशा मेरे काले मोटे लंड पर कोहिनूर कंडोम लगाकर ही चोदता था क्योंकी मुझे मेरी चचेरी बहनों के बच्चे का बाप बनने का कोई शौक नहीं था.