बहन के ससुराल जीजा जी और बीमार दीदी की देखभाल करने गयी थी की मैं और जीजा जी बहक गए. हम जीजा साली नंगे होकर दीदी के ससुराल में सेक्स कर रहे थे की मेरी बीमार दीदी ने मुझे अपने ही शराबी जीजू के मुसल जैसे लंड से अपनी वर्जिन चूत चुदवाते पकड़ लिया अवैध शारीरिक संबंध की XXX हिंदी सेक्स कहानी Brother In Law Fucked Virgin Sister In Law XXX Antarvasna Indian New Hindi Sex Stories.
उस हसीन रात को मैं कैसे भूला दूँ जब मेरे शराबी जीजू ने मेरे कुंवारेपन की झिल्ली अपने 9 इंच लम्बे और 3 इंच लम्बे लंड से फाड़ी थी और अपना मजबूत मुसल जैसा लंड मुझ कुंवारी लड़की की वर्जिन चूत में कील की तरह गाड़ दिया था. कभी कभी मैं नींद से जाग जाती हूँ क्यूंकि मुझे आज भी वो मुसल जैसा तगड़ा लंड याद आता है लेकिन मज़बूरी है और वो मुसल जैसा लम्बा और मोट लंड अब मुझे शायद अपनी पूरी जिन्दगी में कभी नहीं मिलेगा. आइये आप को अब उस हसीन रात और उसके पहले और बाद की पूरी घटना विस्तार से बताती हूँ.
बीमार दीदी ने जीजू के लंड से वर्जिन चूत चुदवाते पकड़ लिया XXX Stories

दोस्तों मेरी एक बड़ी बहन हैं जिनकी शादी हो चुकी हैं और वो अपने ससुराल में अपने पति के साथ मस्त हैं. मेरी बड़ी दीदी नुपुर का एक दिन मेरे मोबाइल फोने पर फोन आया, उसकी आवाज हल्की सी ढीली और जैसे कि वो बीमार हो, ऐसी लग रही थी. मैंने उसे पूछा- क्या हुआ दीदी आज कुछ बीमार बीमार सी लग रही हो? तो वो बोली- बहुत बीमार हूँ, मलेरिया हुआ है मुझे, बदन में कमजोरी के कारण घर का काम नहीं कर सक रही. मुझसे यह सुन कर रहा नहीं गया. मैं बोली की अरे नुपुर दीदी, अगर आप कहो तो मैं आ जाऊँ आपको सँभालने? वैसे भी मेरे कॉलेज में एक सप्ताह की छुट्टी हैं.
मेरी नुपुर दीदी बोली अगर तू आ सकती है तो आ जा! पर तेरे जीजू के पास काम का अभी बहुत रश है, इसलिए वो लेने नहीं आ सकेंगे! मैं बोली की कोई बात नहीं दी, मैं पापा के साथ आ जाऊँगी. नुपुर दीदी बोली ठीक है, कल ही आ जा! अगले दिन दोपहर बाद मुझे पापा ने बस में बिठा दिया. मेरी उम्र के हिसाब से मेरा कद और काठी काफी बड़ा है, मैं किसी बॉलीवुड फिल्म एक्ट्रेस से कम सुंदर नहीं हूँ, बस के अंदर हर एक मुसल जैसा लंड मुझ जैसी कुंवारी लड़की को देख रहा था पर मेरे मन में इस से गुस्सा नहीं बल्कि घमंड आ रहा था.
मेरे मन में तो अपने भावी पति को लेकर बहुत बड़े बड़े सपने थे, मुझे ऐसा पति चाहिए था जो सलमान खान के जितना स्मार्ट और पैसे वाला हो. यहाँ भी देखें>> ओयो होटल में ले जाकर चोदा ट्रेन में मिली अनजान मुसाफिर आन्टी की बुर को चंडीगढ़ पहुंचते ही मैं ऑटो लेकर नुपुर दीदी के घर चली गई. मैंने देखा कि नुपुर दीदी बहुत कमजोर हो गई है और उसे बहुत तकलीफ हो रही थी. मैंने उसे दवाई वगैरह के लिए पूछा तो उसने बताया कि दवाई चल ही रही है. मैं बोली की जीजू कहाँ हैं? नुपुर दीदी बोली अरे अभी आज कल तेरे जीजा जी के पास काम बहुत ज्यादा हैं.
मैं मेरी बड़ी बहन से बोली की ठीक है दीदी कोई बात नहीं, अब तू घबरा मत, मैं यही हूँ कुछ दिन! तेरा और मेरे जीजू का दोनों का पूरा ख्याल रखूंगी. नुपुर दीदी बोली अच्छा है तू आ गई, कल रात को तो मुझे होटल से खाना मंगवाना पड़ा. मैं बोली की चल मैं आज तेरी पसंद का खाना बनाती हूँ. मैं फ्रेश होकर रसोई में गई और मटर पनीर बनाने लगी. नुपुर को मटर पनीर पहले से बहुत पसंद हैं. हसीन रात के 8 बजे तक मैं खाना बना चुकी थी. खाना बनाने के बाद मैंने कहा- जीजू आ जाएँ रो इकट्ठे खाना खाएँगे! लेकिन नुपुर दीदी ने कहा- उनका अभी कोई ठिकाना नहीं है. इसलिए हम दोनों बहनों ने खाना खा लिया.
नुपुर दीदी को दवाई देकर मैंने सुला दिया और ड्राइंग रूम में जाकर मैं डिस्कवरी चैनल देखने लगी. टीवी देखते देखते रात के करीब दस कब बजे, पता ही नहीं चला. इतने में घर का मैंने गेट खुला और जीजू अंदर आये, उनहोने मुझे देखा नहीं और वो फोन पर किसी से गन्दी गन्दी गाली बक कर झगड़ा कर रहे थे. जीजू बोले मुसल जैसा लंड मेरा, साले तुम लोग पार्सल के रेट मन चाहे तरीके से बढ़ा देते हो! अगर ऐसा ही चला तो मुझे नहीं मंगवाना कुछ भी अब!
फिर जब जीजा जी की नजर मुझ पर पड़ी तो उन्होंने मुझे देखकर तुरंत अपना फोन काट दिया और बोले- अरे साली साहिबा आ गयी अपनी दीदी और जीजा जी की याद, कब आई…? मुझे बताया भी नहीं, मैं गाड़ी लेकर आ जाता. मैं बोली की नहीं जीजू, आप बीजी हैं! नुपुर दीदी ने बताया मुझे! जीजू बोले अरे साली साहिबा के लिए क्या बीजी क्या फ्री और वैसे भी साली आधी घर वाली होती है तो उसका भी ध्यान रखना जीजू का फर्ज बनता है! मैंने देखा कि मेरे शराबी जीजू को चलने में तकलीफ हो रही थी, मेरे नशेड़ी जीजा जी के पाँव इधर उधर होने लगे थे.
वो शायद शराब पी कर घर आए थे और इस बात की पुष्टि तब हुई जब वो मेरे पास आकर सोफे पर बैठे, मेरे शराबी जीजू शराब के नशे में फुल टलनी होकर घर पर आये थे, उसके मुँह से शराब की गन्दी बदबू आ रही थी. उनसे सही बैठे भी नहीं जा रहा था.. मैंने उनसे खाने के लिए पूछा- जीजू खाना लगा लूँ? जीजू बोले नहीं, मैं बाहर खाकर आया हूँ. फिर उन्होंने मुझसे पूछा तेरी नुपुर दीदी जाग रही है क्या…? मैं बोली की नहीं दीदी को सोये तो काफी समय हो गया है. जीजू बोले चलो ठीक है. उन्होंने अपनी टाँगें सोफे पर फ़ैलाई और आँखें बन्द करके लेट गए.
उन्होंने अपने रेड चीफ के लाल जूते, और बड़ी ब्रांड के कपड़े ऐसे ही पहने हुए थे और वो सो गए. मैंने कहा भी यह सब उतारने के लिए लेकिन वो कुछ बोले ही नहीं, वो शायद नशे में सो चुके थे. मैंने सोचा चलो मैं ही जीजू के जूते उतार देती हूँ. मैंने जीजू के पाँव अपनी गोद में लिए और जूते की डोरी खोल कर उतार फेंके. मैंने देखा कि जीजा जी की पैंट के ऊपर की बेल्ट बहुत टाईट बंधी हुई थी, मैंने सोचा कि इसे भी खोल दूँ.
मैं जीजा जी के बेल्ट को खोल रही थी, तभी मेरी नजर उसके नीचे पड़ी जहाँ एक बड़ा पर्वत जैसा आकार बना हुआ था. क्या जीजू का मुसल जैसा लंड इतना बड़ा था..!?! पता नहीं क्यूँ, पर मेरे मन में गुदगुदी होने लगी, मेरा मन कूद रहा था अंदर से ही! मैंने इससे पहले मुसल जैसा लंड सिर्फ नंगी मूवीज में ही देखा था लेकिन जीजू का मुसल जैसा लंड तो पैंट के ऊपर इतना बड़ा आकार बना कर बैठा था कि देख कर ही मुझे ख़ुशी मिल रही थी. मैंने बेल्ट को खोलने के साथ साथ मेरे नशेड़ी जीजा जी के लौड़े के ऊपर हल्के से अपने हाथ का पीछे वाला हिस्सा लगा दिया.
जीजू का मुसल जैसा लंड बहुत सख्त लग रहा था. मेरे नशेड़ी जीजा जी के लौड़े को छूने के बावजूद जीजू हिले नहीं और इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई, मैंने अब अपना हाथ पूरा रख के लौड़े को अहसास लिया. मुसल जैसा लंड काफी गरम था और मुझे उसको हाथ लगाते ही मेरी प्यासी चूत के अंदर खुजली होने लगी. मैं तब तक तो कुंवारी ही थी, मैंने केवल उंगली डाल कर हस्तमैथुन किया था बस! सच में बड़ा भारी मुसल जैसा लंड था! खोल के देख लूँ? जीजू तो नशे में थे!
मैं बहुत ही ज्यादा चुदासी हो उठी थी और मेरे मन में लुल्ली देखने के गंदे गंदे विचार आने लगे. मैंने सोचा कि जीजू तो वैसे भी नशे में हैं मैंने उनकी पैंट खोली तो उन्हें वैसे भी कुछ भी पता नहीं चलेगा. मैंने धीरे से जीजा जी के पेंट की चैन खोली और देखा कि उनका तगड़ा लंड अंदर कच्छे में छिपा बैठा था. मैंने बटन खोल कर जीजू की पैंट उतार दी. पता नहीं मुझे क्या हुआ था, मुझे अच्छे बुरे की कोई समझ नहीं रही थी, मैं अपने हाथ को लौड़े के ऊपर रख कर उसे दबाने लगी.
फिर मैंने धीरे से कच्छे को खींचा और बालों के गुच्छे के बीच में 11 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा मुसल जैसा लंड देखा. मैंने पहली बार लाईव इतना लम्बा और मोटा लंड देखा था, बिल्कुल मेरी आँखों के सामने जो आधे से भी ज्यादा तना हुआ था. यहाँ भी देखें>> जबरदस्ती नासमझ छोटी बहन की चुदाई करके सील तोड़ी हिन्दी संभोग कहानी मेरे हाथ रुके नहीं और मेरे दिल में आया कि उसे छू लूँ एक बार! जैसे ही मैंने मुसल जैसा लंड हाथ में लिया, जीजू की आँख खुल गई और वो बोले- साली साहिबा, क्या कर रही है? मैं बोली की कुछ नहीं जीजू , आप के कपड़े खोल रही थी आप नींद में थे और आपने जूते वगैरह कुछ नहीं उतारे थे.
जीजू बोले मुझे पता है कि मेरी साली आधी घर वाली मेरे साथ क्या कर रही थी. मैं सोया था लेकिन तूने हाथ लगा कर सहलाया तब मेरी नींद उड़ गई थी साली साहिबा और फिर मैं सिर्फ आँखें बंद करके लेटा हुआ था. मैं डर गई कि कहीं जीजू नुपुर दीदी को ना बता दें. लेकिन उसके बाद जीजू जो बोले, वो बहुत ही अलग और आश्चर्यजनक था. जीजू बोले इतना ही मुसल जैसा लंड लेने का शौक है तो कपड़े उतार दो साली साहिबा अभी तुम्हारी कुंवारी गांड और चूत में पेल देता हूँ बहुत मजे आयंगे.

मैं क्या बोलती, मुझे तगड़ा मोटा लंड सिर्फ देखना था लेकिन अब जीजू मेरी चुदाई करे बिना थोड़े ही मानने वाले थे. मुझे कभी ना कभी तो किसी ना किसी मर्द से चुदवाकर अपनी नथ उतरवानी थी, फिर आज क्यों नहीं, मैं कुछ नहीं बोली. लेकिन जीजू के हाथ अब मेरे चूचों के ऊपर थे और वो उन्हें जोर से दबा रहे थे. मैंने आँखें बंद कर ली. मेरे शराबी जीजू सोफे से खड़े हुए और शर्ट उतारने लगे. वो बिल्कुल नंगे हो गए और उसने मुझे कंधे से पकड़ के मेरी नाईटी उतारने के लिए हाथ ऊपर करवा दिए.
मैं अगले ही मिनट में उसके सामने नंगी हो गई. जीजू मेरे चूचों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगे. मेरे नशेड़ी जीजा जी के गरम गरम होंठ का अहसास जान निकाल देने वाला था. मुझे अजीब सी खुमारी छा रही थी. मैंने देखा कि जीजू के हाथ अब कमर के ऊपर होते हुए मेरे चूतड़ों तक पहुँचे और मुझे अपनी तरफ खींचा. जीजू का मुसल जैसा लंड मेरी चूत वाले हिस्से के बिल्कुल नजदीक आ गया और मुझे जैसे 1000 वाट का करंट लगा हो. मेरे शराबी जीजू ने अपने होंठ मेरे होंठों से लगाये और मेरे मुँह में व्हिस्की की गन्ध भर गई.
वो मुझ कुंवारी लड़की को चूसते हुए सोफे के ऊपर बैठ गये. मैं अब जीजू की दोनों टांगों के बीच में थी, उन्होंने मेरे हाथों को दोनों तरफ से पकड़ा और मेरा चेहरा लौड़े की तरफ ले गया! मैं प्रश्न के अंदाज से उन्हें देखने लगी. मेरे शराबी जीजू ने मेरा मुँह अपने सुपाड़े पर लाकर मुझे छोड़ दिया. मैंने मुसल जैसा लंड हाथ में लिया और उसकी गर्मी का अहसास लेने लगी. मेरे शराबी जीजू ने पीछे से मुँह को धकेला और मेरे मुँह खोलते ही उसका मुसल जैसा लंड आधा मेरे मुँह के अंदर चला गया. ओह माय गॉड! यह तो बिल्कुल मुँह फाड़ रहा था मेरा! उसकी तीन इंच की मोटाई मेरे मुँह के लिए बहुत ज्यादा थी.

लेकिन फिर भी मैंने आधे लौड़े को चूसना चालू कर दिया. मेरे शराबी जीजू ने लंड के झटके मुँह में देने चाहे लेकिन मैंने उनकी जांघें थामे उन्हें नाकाम कर दिया. मेरे शराबी जीजू अब सोफे से उठ खड़े हुए और मेरे मुँह को जोर जोर से चोदना चालू कर दिया. यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं. उनका मुसल जैसा लंड मेरे मुँह से ग्ग्ग्ग.. ग्ग्ग्ग.. गी.. गी.. गी.. गों.. गों.. गोग जैसी सेक्सी सेक्सी आवाजें निकाल रहा था. थोड़़ी देर में मुझे भी मेरे जीजा जी का लंड चूसने में और ब्लोजॉब करने में बहुत ही ज्यादा आनंद आने लगा, ऐसे लग रहा था कि मैं लंड नहीं बल्कि कोई चोकलेट वाली आइसक्रीम खा रही थी.
मेरे शराबी जीजू ने अब मेरे मुँह से मुसल जैसा लंड बाहर निकाला और मेरी टाँगें फैला कर मुझे सोफे में लिटा दिया, उसके होंठ मेरी चूत के होंठों से लग गए और वो मुझे सीधा स्वर्ग भेजने लगे- आह इह्ह ओह्ह ओह जीजू जी! आह.. ह्ह्ह.. इह्ह.. ..! मेरी जैसी कुंवारी लड़की के लिए यह अपने जीवन की पहली लंड चुसाई का आनन्द मार देने वाला था. मेरे शराबी जीजू ने मेरी वर्जिन चूत के अंदर अपनी एक उंगली डाली और वो चूसने के साथ साथ अपनी उंगली से ही मेरी सील पैक वर्जिन चूत को जल्दी जल्दी चोदने लगे- आह ह ह ह उई माँ… आह.. आह… ह्हीईई आअह्ह्ह्ह की मादक आवाज के साथ मैं झड़ गई.
मेरे शराबी जीजू ने अब मेरी चूत पर से अपना मुँह हटाया और अपना मुसल जैसा लंड मेरी वर्जिन चूत के मुह के ऊपर टिकाया. मेरी वर्जिन चूत काफी गीली थी और मुझे पता था कि आज तो मेरे जीजा जी मेरी वर्जिन चूत की कुंवारी झिल्ली को फाड़ कर ही दम लेंगे. मेरे शराबी जीजू ने हाथ में थूक लिया और लौड़े के आगे लगा दिया, एक झटका देकर उन्होंने आधा लंड मेरी वर्जिन चूत में अपना पूरा दम लगा कर घुसा दिया- मैं दर्द के मारे बहुत जोर से चिल्ला उठी ‘आह्ह.. ह्ह.. आऊ.. ऊऊ.. ऊउइ ..ऊई ..उईईई.. मरर गई रे!’

मेरे शराबी जीजू ने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया और एक और जोर का झटका देकर अपना पूरा का पूरा मुसल जैसा लंड मेरी कुंवारी चूत में पेल दिया. दोस्तों जीजा जी का लंड मेरी मुलायम चूत में घुसते ही मेरी चूत फट गयी और खून की पिचकारी चल पड़ी. मेरी फटी हुई चूत से इतना खून बह रहा था की रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था.
आज मेरी वर्जिन चूत की पहली चुदाई थी मुझे ऐसा लग रहा था की मानो मेरी वर्जिन चूत फट गयी हो. अपने जीजा जी के लंड से चुदवाते चुदवाते मुझे ऐसे लग रहा था कि मेरी चूत के अंदर की सारी चमड़ी जल रही हो, ऐसा लग रहा था की मानो किसी ने चूत मेंलोहे की गरम सलाख घुसा दी हो. फेरी चूत की सील तोड़ने के बाद मेरे जीजू थोड़़ी देर बिलकुल भी हिले डुले नहीं पर अब धीरे धीरे से लंड को हिलाना चालू किया.
ऐसा अहसास हो रहा था जैसे कि चमड़ी लौड़े के साथ साथ निकल रही थी चूत की! चुदवाते चुदवाते मैं रोने लगी क्यों की मुझे पहली चुदाई में बहुत दर्द हो रहा था. मेरी आँखों से आंसू निकल रहे थे. मेरी आँखों से आँसू की धार निकल कर जीजू के हाथों को लगने लगी. उन्होंने मेरे कान के पास आते हुए कहा- घबरा मत पगली ! अभी ठीक हो जाएगा सब आज तेरी पहली चुदाई हैं इस लिए थोड़ा ज्यादा दर्द हो रहा हैं अगली बार चुदवाने में दर्द कम और आनंद ज्यादा आयगा और सच में मुझे 2 मिनट की खतरनाक चुदाई के बाद मुसल जैसा लंड सुखदायी लगने लगा.
जीजू के खतरनाक झटकों के ऊपर अब मैं भी अपनी गांड हिलाने लगी और चुदवाते हुए उनकी ताल से ताल मिलाने लगी. मेरे शराबी जीजू ने हाथ मुँह से हटा कर चूचों पर रख दिया और चूत ठोकने के साथ साथ आगे से चूचे मसल रहा था. मैं सुखसागर पर सवार हो गई थी और मुसल जैसा लंड मुझे ठक ठक ठोक रहा था. जीजू के झटके दो मिनट में तो बहुत ही तीव्र हो गए और वो एकदम स्पीड से मुझे चोदने लगे. ‘आह.. आह.. ओह.. ओह.. ओह!’

मेरे जीजू किसी जंगली कुत्ते के जैसे जल्दी जल्दी झटके लगाने लगे और मुझे थोड़़ी देर बाद मेरी फटी हुई चूत के अंदर मुझे कुछ गरम गरम सा लगा जैसे की मेरी फटी हुई चूत के अंदर उन्होंने पेशाब किया हो, ऐसा लगा लेकिन वो मूत नहीं बल्कि उसका पिंघला हुआ लोहा यानि वीर्य था. उन्होंने लंड को जोर से चूत में दबाया और सारा का सारा पानी अंदर मेरी कुंवारी चूत में छोड़ दिया.
आज मेरे जीजा जी ने मेरा काम लगाकर मुझे साली से आधी घर वाली बना दिया था. चुदवाने के बाद मैं नंगी ही मेरे प्यारे जीजा जी से लिपट कर लेट गई और मेरी आँख कब लग गई पता ही नहीं चला. मैं सो गई, लेकिन जब मैंने नुपुर दीदी की चीखें सुनी तो मेरी आँख खुल गई. मैंने उठ कर देखा कि नंगे जीजा जी अपने नंगे जिस्म पर कपड़े पहन रहे थे और नुपुर नुपुर दीदी उसकी माँ बहन एक कर रही थी. हम लोग पकड़े गए थे, हसीन रात के करीब डेढ़ बजे नुपुर दीदी पानी पीने के लिए उठी और उसने हम जीजा साली को सेक्स करते पकड़ लिया.
दोस्तों काश मैंने जीजू के साथ सेक्स करने से पहले मेरी नुपुर दीदी के बेडरूम में पानी की बोतल पहले ही रख दी होती…! मेरी नुपुर दीदी जीजू से झगड़ा कर रही थी और जैसे उसने मुझे देखा उठते हुए, उसने मेरे पास आके मेरे दोनों गालों पर एक एक तमाचा लगा दिया. मुझे मेरी नुपुर दीदी ने अपने ही जीजू के मुसल जैसे लंड से अपनी वर्जिन चूत चुदवाते पकड़ लिया था इस वजह से मैं बहुत ही ज्यादा शर्मिंदा थी और कुछ बोलने की अवस्था में नहीं थी.
मेरी नुपुर दीदी बोली तू यहाँ बहन बन कर आई थी या सौतन? तेरा जीजू ठरकी बन गया तुझ जैसे सेक्सी कुँवारी लड़की की वर्जिन चूत देख कर लेकिन साली कुतिया रांड तू तो उस शराबी को तेरे साथ अवैध शारीरिक संबंध बनाने से रोक सकती थी. लेकिन नहीं! मैडम नंगी पड़ी थी अपनी सगी बहन के पति के निचे अपनी दोनों टांगे फसार कर और ले रही थी चुदाई के मजे! तू मुझे कल इस घर में नहीं दिखनी चाहिए साली कुतिया रांड!
फिर मेरी दीदी ने मेरे एक बहुत तेज का थप्पड़ और मुझे गन्दी गन्दी गाली देते हुए बोलने लगी की तू साली कुतिया रांड अभी के अभी अपना बैग उठा और मेरे घर से निकल और जिन्दगी में कभी यहाँ मत आना नहीं तो मैं भूल जाउंगी की तू मेरी सगी बहन हैं और साली तेरी गांड में डंडा कर डालूंगी! अगर तू अभी नहीं निकली तो मैं पापा को फोन करती हूँ और उन्हें खुशखबरी सुना देती हूँ की बधाई हो पापा आप की कुंवारी बेटी की चूत आब वर्जिन नहीं रही . मेरे शराबी जीजू ने नुपुर को समझाने के बहुत कोशिश की लेकिन वो साली बहन की लौड़ी नहीं मानी, वो बोली कि अगर वो कुछ बोले तो वो उनसे तलाक ले लेगी.
अपनी बड़ी बहन के ससुराल से निकल जाने के आलावा मेरे पास कोई चारा था नहीं! सुबह होते ही मैं मेरे बहन के ससुराल से अपने घर वापस चली आई. मेरी नुपुर दीदी ने सच में मुझे कभी अपने घर में नहीं आने दिया. कभी कभी हम लोग किसी फंक्शन में मिल जाएँ तो भी वो मुझसे उखड़ी उखड़ी रहती हैं. मेरे प्यारे जीजू का मुसल जैसा लंड मुझे महंगा तो पड़ा लेकिन ऐसा मुसल जैसा लंड मिलना भी एक बड़ी खुशी की बात है. अब तो बस एक ख्वाहिश है कि मेरे भावी पति का लंड भी ऐसा तगड़ा ही हो…