मोबाइल फोने में ब्लू फिल्म दिखाने के बाद चोद चोदकर गर्म चूत सुजा डाली पड़ोस में रहने वाली विधवा आंटी की अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी फ्री में पढ़ें :- मेरा नाम राजेश पारीक है और मैं एक कुंवारा लड़का हूँ. आज मैं आपको अपनी जिंदगी की एक सच्ची घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ की कैसे मैंने हमारी पड़ोसन आंटी के साथ अवैध सेक्स संबंध बनाये थे और कैसे ब्लू फिल्म ने मुझे विधवा आंटी की गरमा गर्म चूत सेक्स करने के लिए दिलवा दी. हमारे घर के पड़ोस में एक बहुत ही ज्यादा कामुक आंटी जी रहती थीं वो एक विधवा औरत थी.
उस विधवा आंटी की एक बेटी थी जिसका नाम सलोनी था और घर में बस वो माँ बेटी ही थी. वो विधवा आंटी मुझे अक्सर शाम को उनके घर पर उनकी बेटी को पढ़ाई कराने के लिए बुला लेती थी. सलोनी बाहरवीं में थी और अब काफी जवान भी हो चुकी थी. मुझ कुंवारे लड़के की गन्दी नजर हमेशा उस विधवा पड़ोसन आंटी की जवान और सेक्सी बेटी के जिस्म पर टिकी रहती थी.
ब्लू फिल्म दिखाने के बाद चोद चोदकर चूत सुजा डाली विधवा आंटी की अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी
मैं उस बिन बाप की बच्ची के साथ अवैध सेक्स संबंध बनाना कहता था और उसकी जवानी के रस को पीने वाला पहला लड़का बनना चाहता था. उस वर्जिन लड़की की गोल गोल दूध से भरे थन ऐसी कसी रहती थीं कि उनको दबाकर चोदने के लिए किसी का भी लंड खड़ हो जाये. एक दिन ऐसे ही मैं हमारी पड़ोसन आंटी के घर उनकी बेटी को पढ़ाने के लिए गया हुआ था. गलती से मेरा मोबाइल फोन उन्हीं के घर पर छूट गया और मैं अपने घर आ गया था. कुछ देर के बाद मेरी मम्मी के फोन पर आंटी का फोन आया.
आंटी मेरी मम्मी से कहने लगी कि राजेश अपना फोन यहीं पर भूल गया है. मेरी मम्मी से आंटी की कई बार बात होती रहती थी. कामुक विधवा आंटी ने मम्मी से कहा- राजेश को घर भेज दीजिये, वो आकर अपना फोन ले जायेगा. मां मुझे मेरी लापरवाही के लिए डांटने लगीं. फिर मुझे सलोनी के घर से फोन लाने के लिए कहा. जब मैं उनके घर पर अपना फोन वापस लेने के लिए पहुंचा तो सलोनी की कामुकता से भरी मम्मी अपने आप ही मुस्करा रही थी. मेरे हाथ में फोन पकड़ाते हुए आंटी बोली- राजेश, तुमने अपने फोन में फिल्म तो बहुत अच्छी रखी हुई हैं.
अब मेरी गांड फटने लगी क्योकि मेरे मोबाइल फोन में बहुत सारी ब्लू फिल्म थीं. पर उन ब्लू फिल्मों के साथ में कुछ साधारण बॉलीवुड की फिल्म भी थीं लेकिन आंटी कौन सी फिल्मों की बात कर रही थी ये मुझे पता नहीं चल रहा था. फिर इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कि कहीं कामुक विधवा आंटी ने मोबाइल में ब्लू फिल्म तो नहीं देखी, मैंने अनजान बनकर उनसे पूछा- थैंक्यू आंटी, मगर आप कौन सी फिल्म की बात कर रहे हो बेटा तुम? मेरे फोन में तो बहुत सारी फिल्म रखी हैं. वो मुस्कराकर बोली- वो वाली! हवस से भरा मैं कुंवारा लड़का बोला की आंटी, मैं समझा नहीं.
वो विधवा औरत तपाक से बोली- ब्लू फिल्मों की बात कर रही हूं बेटा मैं अब चल ज्यादा भोला मत बन. तेरी मम्मी को बताऊंगी की तेरे मोबाइल फोने में ब्लू फ़िल्में है तो सब याद आ जायेगा तुझे. जैसे ही विधवा आंटी ने ब्लू फिल्म की बात मेरी माँ को बताने की बोली तो मेरे पैरों तले से जमीन खिसक गयी. मैंने तुरंत बात को संभालने की कोशिश करते हुए कहा- नहीं आंटी, आप मम्मी को उन ब्लू फिल्मों के बारे में कुछ मत बताना मैं आज ही ये सब ब्लू फ़िल्में डिलीट कर दूंगा. कामुकता से भरी पड़ोसन आंटी बोली की डरो नहीं, कुछ नहीं कहूंगी तेरी मम्मी को, ये बताओ कि गर्लफ्रेंड है क्या तुम्हारी?
हवस से भरा मैं कुंवारा लड़का बोला की नहीं आंटी, अभी तक तो कोई नहीं है, आप मोबाइल दे दो मेरा! मोबाइल मेरे हाथ में देते हुए पड़ोस में रहने वाली विधवा पड़ोसन आंटी बोली की फोन में लॉक लगाकर रखा करो. हवस से भरा मैं कुंवारा लड़का बोला की ठीक है आंटी. फिर मैं अपना मोबाइल फोन लेकर घर आ गया. रात का खाना खाने के बाद सोने लगा तो नींद नहीं आ रही थी. मेरे दिमाग में आंटी की बातें ही घूम रही थीं. उन विधवा आंटी के लिए मेरे मन में गंदे गंद ख्याल आने लगे थे और अब मैं उनके साथ अवैध सेक्स संबंध बनाना चाहता था.
मैं मन ही मन ये सोच रहा था कि कैसे बेबाकी उसने मेरे साथ ब्लू फिल्मों की बातें कीं. क्यों ना वो पड़ोस में रहने वाली सेक्सी आंटी मेरे कुंवारे लंड से अपनी विधवा चूत भी चुदवा ले? ऐसे ही सोचते सोचते मैंने ठान लिया कि जो होगा देखा जायेगा. पहले आंटी की चुदाई ही करनी है. गर्म चूत है और जल्दी ही चुदने के लिए तैयार भी हो जायेगी. उस दिन के बाद से आंटी को मैंने गन्दी नजरों से घूरना शुरू कर दिया. कभी छत पर तो कभी गली में, कभी उसके घर बहाने से चला जाता था तो उसको छूने की कोशिश करता था वो विधवा औरत भी सब कुछ जानते हुए मुझे एक प्यारी सी स्माइल दे देती थी.
मेरी इन सभी अश्लील हरकतों की वजह से वो समझ चुकी थी कि मैं उसके साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने की फिराक में हूं. ऐसे ही एक दिन जब मैं शाम को उनके घर ट्यूशन देने गया तो मैंने पाया कि आंटी अकेली थी. मैंने पूछा- आंटी, सलोनी कहां है? कामुकता से भरी पड़ोसन आंटी बोली की वो अपने नाना के यहां चली गयी. मैंने हैरानी से पूछा- कब? कामुकता से भरी पड़ोसन आंटी बोली की आज सुबह ही तो निकली है. रात में उसके मामा आ गये थे. उसका भी मन कर गया और सुबह वो उनके साथ ही निकल गयी. मैंने कहा- ठीक है आंटी, जब वो है ही नहीं तो फिर मैं जाऊं?
पड़ोस में रहने वाली विधवा पड़ोसन आंटी बोली की आ ही गये हो तो बैठ जाओ. चाय बनाऊंगी. तुम भी पी लेना एक कप मेरे साथ? मैं हवस का पुजारी बोला की ओके। वो चाय बनाने चली गयी और मैं टीवी देखने लगा. आंटी घर में अकेली थी तो मेरे शैतानी दिमाग में आंटी के साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने के गंदे गंदे खयाल आने लगे. मैंने सोच लिया की इस विधवा औरत की चूत चोद चोदकर सुजा डालने का इससे अच्छा मौका फिर कभी नहीं मिलेगा इस लिए देर मत कर और समय रहते चौका मार दे राजेश बेटा.
फिर कामुक बिधवा आंटी हम दोनों के लिए चाय बना लायी. जब वो मुझे कप पकड़ाने लगी तो मैंने आंटी का हाथ भी पकड़ लिया. मैं बोला की बहुत मुलायम हाथ हैं आंटी जी आपके इस उम्र में भी. वो एक अदा से बोली- बस हाथ ही मुलायम हैं क्या बेटा या और कुछ भी मुलायम मुलायम है? मैं भी समझ गया कि वो विधवा आंटी भी आज मेरे कुंवारे लंड से चुदवाने के लिए पूरे मूड में है. तो मैं हवस का पुजारी बोला की बाकी चीजें तो मैंने कभी छूकर देखी ही नहीं. इस पर वो मुस्करा कर मेरे साथ बैठ गयी और मुझसे मेरे मोबाइल फोने में ब्लू फिल्म दिखाने के लिए बोलने लगी.
मैंने झट अपने मोबाइल फोने में ब्लू फिल्म चला दी और फिर हम दोनों ने साथ बैठकर उस ब्लू फिल्म के मजे लिए. ब्लू फिल्म के खत्म होने के बाद विधवा आंटी मुझसे पूछने लगी की बेटा अब क्या इरादा है तेरा? अब मैंने भी दिल की बात कह दी- आंटी, मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो. मेरी तो हिम्मत नहीं हो रही सब कुछ कहने की. उसने मेरी ओर देखा. उसकी आंखों में एक प्यास थी. फिर उसने कप को नीचे रख दिया. मैंने भी कप को नीचे रख दिया. बस फिर तो देखते देखते दोनों के होंठ मिल गये. हम दोनों चुम्मा चाटी करने लगे. वो विधवा रांड भी चुम्मा चाटी करने में मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी.
अब मैं उठकर उसकी गोद में आ बैठा और उसके चेहरे को हाथों में थामकर अच्छी तरह से किस करने लगा. कभी उसके निचले होंठ को काट रहा था तो कभी ऊपर वाले को. उसकी सांसें तेज हो गयी थीं और मेरी भी। ऐसे ही 4-5 मिनट तक किस करने के बाद मैं उनके उपर से हटा. अब मैंने उनके दूध से भरे थनों को उनके ब्लाउज़ की जकड़ से आजाद कर दिया. उनके दोनों थन खुले आसमान में आजाद पंछी की तरह झूलने लगे. अब मैंने उनकी साड़ी को हटा कर उनके पेटीकोट को भी खोल दिया और उनकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा. उफ्फ … कितनी गर्म चूत थी.
मैंने उस विधवा औरत के एक थन को अपने मुंह में लिया और दूसरे को अपने हाथ से दबाने लगा। मैं जीभ से उनके निप्पल को चाट रहा था. निप्पल के किनारों पर मेरी जीभ घूम रही थी और आंटी की सिसकारियां निकलना शुरू हो गयी थीं. आंटी मेरे सिर को सहलाती जा रही थी. दोनों को मजा आने लगा था. मुझे तो जैसे जन्नत ही मिल गयी थी. इतनी मुलायम मोटी चूची चूस कर मन कर रहा था इनको दबा दबा कर इनका दूध निचोड़ लूं. मेरे हाथों की पकड़़ बहुत ज्यादा तेज होती जा रही थी और कामुक विधवा आंटी ने अब सिसकारियों के साथ कराहना भी शुरू कर दिया था- आह्ह … राजेश … आराम से … उम्म्म … ऊईई … आह्ह … ओह्ह … सीसी … उफ्फ … आह्ह ऐसे करते हुए वो दूध से भरे थन दबवा रही थी.
उस विधवा रांड की कामुक आवाजें मुझे पागल कर रही थी. अब उनके हाथ मेरी पैंट पर पहुंच गये. मैंने चूचियों से मुंह हटा लिया और वो मेरी पैंट को खोलने लगी. मेरी पैंट में मेरा लौड़ा पूरा तना हुआ था. मेरे कुंवारे लंड पर हाथ फेरकर बोली- आह्ह … बहुत मोटा है … तुम्हारे अंकल की याद आ गयी मुझे आज! मैं हवस का पुजारी बोला की कोई बात नहीं आंटी. आपको मैं उतना ही प्यार दूंगा. ये लौड़ा अब आपका हुआ. फिर उसने मेरी पैंट को उतरवा दिया और मैं अंडरवियर में हो गया. वो मेरे कुंवारे लंड को ऊपर से ही सहलाने लगी और मैं उसकी चूची दबाने लगा.
मैंने उनका हाथ अंडरवियर में डाल दिया और वो मेरे कुंवारे लंड को आगे पीछे करते हुए हिलाने लगी और मेरी मुठ मरने लगी. मेरे हाथ उस विधवा रांड की टाइट चूत को बड़े प्यार से सहलाने लगे. जब मुझसे रहा न गया तो मैं हवस का पुजारी बोला की आंटी, इसको मुंह में भी लिया जाता है. ये बोलकर मैंने अंडरवियर निकाल दिया. मेरा फड़फड़ाता लौड़ा आंटी के सामने था. मैंने उनके सिर को झुकाया और लंड चूसने का इशारा किया. उसने मुंह खोला और लंड को लॉलीपोप की तरह चूसने लगी. मैं लंड को गले तक घुसाने लगा. उसका गला रुकने लगा. मगर मेरा जोश बहुत ज्यादा था.
मैंने लंड को पूरा दबा दिया और आंटी की सांस बंद हो गयी. फिर उसने झटके से मेरे हाथ हटाये और एकदम से लंड को बाहर निकाल दिया. वो हांफने लगी. फिर हांफते हुए बोली- सब्र कर ले ना कुत्ते, आराम से करने दे मुझे! मैं हवस का पुजारी बोला की सॉरी. आप अपने हिसाब से कर लो. फिर वो मस्ती में मेरे कुंवारे लंड को चूसने लगी. मैं तो जैसे हवा में उड़ने लगा. मस्त लौड़ा चूस रही थी आंटी. अंकल ने शायद बहुत चुसवाया होगा. काफी देर तक वो चूसती रही और मैं उनकी चूत में उंगली करता रहा.
उसके बाद मैंने उनको उठने को कहा. वो उठी और मैंने उनको सोफे पर बैठा लिया. उनकी टांगें खुलवा लीं और खुद टांगों के बीच में आकर चूत को चाटने लगा. आंटी पगला गयी. जोर जोर से अपनी चूचियों को दबाते हुए सिसकारने लगी. मैं भी चूत में जीभ देकर अंदर तक मजा देने लगा. दो-चार मिनट के बाद ही बोल पड़ी- बस … अब डाल दे … और नहीं रुका जा रहा. मैंने दो चार बार और ज्यादा जोर से जीभ से उनकी चूत चोदी और वो मेरे मुंह को जोर से चूत पर दबाने लगी. अब मैंने चुदाई का मन बना लिया क्योंकि मेरा लंड भी बहुत देर से तना हुआ था.
मैंने एक बार फिर से आंटी के मुंह में लंड डाल दिया ताकि वो थूक से पूरा चिकना हो जाये. थोड़ी देर चूसने के बाद अपने मुंह से मेरा लौड़ा निकालते हुए पड़ोस में रहने वाली विधवा पड़ोसन आंटी बोली की बस राजेश, अब जल्दी से अपने इस लौड़े को मेरी चूत में डाल दे. हवस से भरा मैं कुंवारा लड़का बोला की थोड़ा सब्र करो आंटी. कामुकता से भरी पड़ोसन आंटी बोली की जब से तेरे फोन में ब्लू सेक्स विडियो देखी है तब से सब्र ही करती आ रही थी. अब नहीं हो रहा. डाल दे तू बस.
हवस से भरा मैं कुंवारा लड़का बोला की आंटी आपने बताया क्यों नहीं पहले? कामुकता से भरी पड़ोसन आंटी बोली की मैं तो उसी दिन तुमसे चुदने के लिए तैयार थी जिस दिन मैंने तेरे मोबाइल फोने में ब्लू फिल्म देखी थी साले गंडफट्टू तू ही भाग गया. अब ज्यादा बकवास न कर, जल्दी से चोद से मेरी इस प्यासी बुर को अपने कड़क लंड से. अब मैंने आंटी को लेटा लिया. फिर अपने लौड़े का सुपारा आंटी की चूत पर रख कर रगड़ने लगा. आंटी जोर जोर से सिसकारने लगी- आह्ह … अम्म … डाल दे ना हरामी … क्यों मेरी चूत को तड़पा रहा है. इसको अंदर डाल दे जल्दी. मैंने अब अपना लौड़ा सीध में टिकाया और घुसाने की कोशिश करने लगा लेकिन चूत टाइट हो गयी थी. कई सालों से आंटी चुदी नहीं थी शायद.
फिर वो खुद ही बोली- बहुत समय हो गया है लंड लिये हुए. आसानी से नहीं जायेगा. जोर लगा. अब मैंने आंटी की कमर को थाम लिया और एक जोर का झटका मारा. मेरा सुपारा गचक करके अंदर घुस गया और आंटी के मुंह से चीख निकल गयी- आह्ह … मर गयी. मुझ जवान लड़के को मगर उस विधवा औरत की गर्म चूत में अपना लंड पेलकर बहुत मजा आ गया. दोस्तो, ये चूतें लंड के लिए ही बनी हैं. जब भी लंड चूत में घुसता है तो ऐसा लगता है कि सारे संसार का आनंद इसी छेद में है. मैं तो धन्य हो गया आंटी की चूत में लंड डालकर. एकदम से गर्म चूत थी. मुझसे रुका नहीं गया और मैं आंटी की चूत में लंड को अंदर बाहर करने लगा.
कुछ ही देर में नंगी आंटी की गर्म चूत ने मेरे लंबे मोटे लंड को अच्छी तरह जगह देना शुरू कर दिया और हम दोनों को चुदाई का मजा आने लगा. अब आंटी और मेरे मुंह से आनंद भरी सिसकारी निकल रही थी- आह्ह … आह … आह … ओह्ह … आआ … आह। धीरे धीरे मेरी स्पीड अपने आप ही बढ़ने लगी. आंटी की चूत में अब गचागच लंड अंदर बाहर होने लगा. चूत काफी पानी छोड़ रही थी और अंदर से पूरी चिकनी हो चुकी थी. मैं और तेजी से चोदने लगा और फिर दो मिनट बाद ही आंटी की चूत ने पानी छोड़ दिया. चूत का पानी पूरे लंड को गीला करता हुआ सोफे पर बाहर निकल आया. सोफा भी काफी एरिया में से गीला हो गया.
चुदाई के दौरान बहुत सारा पानी निकला आंटी की गरमा गर्म चूत में से. तभी मैं उठा और आंटी को घोड़ी बनने को बोला. आंटी सोफे से नीचे उतर कर फर्श पर दोनों हाथों को आगे झुकाकर घुटनों पर आ गई. वो अपनी गांड को मेरे लौड़े से स्पर्श करने लगी. तभी मेरे दिमाग में ख्याल आया कि क्यों न आंटी की गांड भी मारी जाए? मैं अपनी उंगलियों से आंटी की गांड के छेद को सहलाने लगा. आंटी समझ गई कि गांड चुदाई होने वाली है. पड़ोस में रहने वाली विधवा पड़ोसन आंटी बोली की आज नहीं राजेश, गांड नहीं दूंगी आज. उसने एकदम से अपनी गांड को आगे कर लिया. मैं हवस का पुजारी बोला की कोई बात नहीं, मैं आज नहीं मारूंगा गांड.
मैंने अपने दोनों हाथों से उनके चूतड़ों को अपनी ओर खींचते हुए अपने पेनिस को उनकी चूत के होठों से सटाया और लंड को फिर से उनकी गरमा गर्म चूत के अंदर घुसा दिया. फिर मैं जोर जोर से झटके मारने लगा. अब आंटी एकदम कुतिया की तरह चुद रही थी. कुछ देर चोदने के बाद अब मैं थकने लगा था किन्तु आंटी अपनी गांड को जोर जोर से आगे पीछे करके मेरा साथ देती जा रही थी. फिर दो मिनट बाद तेज तेज धक्के लगाते हुए मैं आंटी की टाइट चूत में ही झड़ गया. मैं वहीं आंटी पर निढाल हो गया. मैंने पड़ोस में रहने वाली विधवा पड़ोसन आंटी को चोद चोदकर उनकी टाइट चूत बहुत ही ज्यादा सुजा डाली थी.
फिर मैं उठा और नंगा ही सोफे पर आकर लेट गया. आंटी उठी और सब कुछ ठीक करने लगी. फिर वो साफ सफाई करने लगी. सब दुरुस्त करके जब वो कपड़़े पहनने चली तो मैंने उसको पकड़ लिया. मेरा लंड अब फिर से तनाव में आने लगा था. मेरे तने हुए लंड पर जब पड़ोस में रहने वाली विधवा पड़ोसन आंटी की नजर गयी तो वो मुझसे बोली की तूने पहले ही चोद चोदकर टाइट चूत सुजा डाली है अब मैं और चुदवाने की हालत में नहीं हूँ अब तू इसको मुठ मारकर नीचे बैठा ले और अपने घर जा वरना तेरी मम्मी मेरे मोबाइल फोने पर कॉल करती ही होगी अभी थोड़ी देर में.
मैंने मेरे मोबाइल फोन में टाइम देखा तो करीब दो घंटे गुजर चुके थे सेक्स के दौरान समय का बिलकुल भी पता नहीं चला. अब मैंने सोचा कि ज्यादा देर रुका तो ठीक नहीं होगा किसी को मेरे और विधवा आंटी के अवैध सेक्स संबंधों की भनक लग सकती है. मैंने अपने घर जाने का सोचा. मगर लंड बैठ नहीं रहा था. मैंने लंड को हाथ में लेकर आंटी को कहा कि इसका कुछ करो ये साला तो बैठने का ही नाम नहीं ले रहा है. पड़ोस में रहने वाली विधवा पड़ोसन आंटी बोली की चोद चोद कर तूने मेरी चूत तो सुजा डाली. अब क्या करूं मैं इसका? जा अब, कल आना. मैं हवस का पुजारी बोला की मुंह में लेकर ही कर दो आंटी. फिर वो जल्दी से नीचे बैठी और मेरे कुंवारे लंड को मुंह में लेकर जोर जोर से चूसने लगी.
अबकी बार वो विधवा रंडी पहले भी ज्यादा तेजी से मेरा खड़ा लंड चूस रही थी उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था की मानो कोई विधवा महिला नहीं बल्कि कोई रंडी महिला मेरा लंड चूस रही हो और मुझे ब्लोजॉब दे रही हो. आंटी की मस्त चुसाई पर मैं हवस का पुजारी बोला की आप तो एक्सपर्ट हो आंटी जी किसी कॉल गर्ल की तरह से सेक्स करने में! पड़ोस में रहने वाली विधवा पड़ोसन आंटी बोली की एक्सपर्ट तो मैं पहले से ही थी. बस बहुत दिनों से आदत छूट गयी थी मगर तेरे मोबाइल फोने में ब्लू फिल्म देखकर सब याद आ गया. फिर वो दोबारा से लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और ब्लोजॉब करने लगी. थोड़ी देर में कामुक विधवा आंटी ने चूस चूस कर मेरे कुंवारे लंड का फिर से पानी निकलवा दिया.
कामुक विधवा आंटी ने मेरे कुंवारे लंड से निकले वीर्य को शरबत की तरह पी गयी. हमारे पड़ोस में रहने वाली विधवा पड़ोसन आंटी की टाइट चूत को चोदकर मैं अपने घर आ गया. उस दिन की चुदाई के बाद तो न जाने कितनी बार मैंने आंटी को चोद चोदकर अपनी हवस शांत कर चूका हूँ. अब तो आंटी सलोनी से छुपकर भी चुदवाने लगी थी. फिर उसके बाद एक दिन सलोनी को मेरे और उसकी विधवा माँ के अवैध सेक्स संबंध के बारे में पता चल गया. उसके बाद क्या हुआ वो मैं आपको इस अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी के अगले भाग में बताऊंगा. अगर आप आगे सेक्स स्टोरी पढ़ना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट पर आते रहिये…