रंडी बाज पिता की गैरमौजूदगी में चुदक्कड़ सौतेली माँ की टाइट चूत को चोदने का प्लान बनाया सौतेले बेटे ने और ब्लाउज व ब्रा खोलकर चुदाई करी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी फ्री में ऑनलाइन पढ़ें और अपने दोस्तों व परिवार के लोगों के साथ शेयर करें : मेरे रंडी बाज पिता ने अपनी 45 साल की उम्र में कभी एकक साथ एक लाख रूपये नहीं देखे थे,, लेकिन जब पिछले महीने गाँव के बहार रोड वाली जमीन का सौदा हुआ तो उसने उससे सो गुनी रकम यानी की एक करोड़ भी देख लिए. जमीन का सौदा कुछ 6 करोड़ में हुआ था जिसमे मेरा बाप, मेरे छोटे पापा और मजले पापा का हिस्सा था.
मेरे रंडी बाज पिता को करोड़पति बनता देख मुझे भी बहुत ख़ुशी हुई क्यूंकि आखिर तो वो उन पैसों से हमें भी खुश करने वाला था. मेरी रंडी बाज पिता ने मेरे लिए एक गाड़ी खरीदी और खुद भी बड़ी अय्याशी से जीने लगा. उसे अय्याशी की ऐसी लत लगी की मेरी मरी हुई माँ की भी शर्म नहीं आई और वो अपने अय्याश दोस्तों के बहकावे में आकर दूसरी शादी करने की जिद करने लगा. उस दिन हम बाप और बेटे के बिच बहुत उनकी दूसरी शादी को लेकर बहुत झगड़ा हुआ. मेरे रंडी बाज पिता के पैसे के चलते उसे एक मात्र 28 साल की विधवा लड़की शादी करने के लिए मिल भी गई जो उस आधे बुड्ढे से शादी के लिए बिलकुल तैयार थी.
सौतेली माँ को चोदने का प्लान बनाया पिता की गैरमौजूदगी में अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी
मेरे विरोध की दूसरी वजह यह भी थी के मुझे मेरे दोस्तों ने बताया था की यह औरत तो बड़ी चुदक्कड़ रांड थी और इस चुदक्कड़ रांड के कई सारे मर्दों के साथ अवैध सेक्स संबंध हैं. मेरी सौतेली माँ के हमारे घर मे आते ही बहुत सारे बदलाव होने लगे. खाना, पीना और बहुत सारी चीजो में मुझे एडजस्टमेंट करना पड़ रहा था जिस वजह से मेरे अंदर बहुत ग़ुस्सा भरा था. मुझे पता था की यह लालची औरत मेरे रंडी बाज पिता के पैसे को खा के उसे अंदर से खोखला कर देगी. इसीलिए मैं ना चाहते हुए भी वहाँ रुका हुआ था. इस चुदक्कड़ औरत का नाम माधुरी था और उसने अपने हुस्न के जलवे मेरे ऊपर भी डालने की कोशिशे चालू कर दी थी.
मेरे पापा की दूसरी औरत रोज किसी ना किसी बहाने से मुझ सौतेले बेटे को अपने मोटे मोटे बूब्स दिखा देती थी. उसके बूब्स होंगे कुछ 36D और वो झुक झुक कर मुझे उसके दीदार करा देती थी. मेरा लंड खड़ा हो जाता था और शायद माधुरी को पता नहीं था की मैंने ऐसे बहुत सारे बूब्स को चोदा था उनके बिच में लंड दे के. माधुरी टीवी देखने के समय भी मेरे से सट के सोफे पे बैठ जाती थी और उसकी जांघे मेरी जांघो से लगा देती थी. मेरा बाप तो पहले से ही खेती बाड़ी वगेरह में ज्यादा बीजी रहेता था इसलिए उसे यह सब देखने का समय ही नहीं मिलता था. मैंने मनोमन सोचा की क्यूँ ना इस नई मम्मी माधुरी को चोद के उसे अपने लंड की गुलाम बना लूँ, माधुरी को चोदा होगा इसलिए वोह मेरी बात मानेगी और मेरा बाप उसकी.
मैंने भी अब माधुरी के बूब्स दिखाने के समय उसके साथ आई कोंटेक करना चालू कर दिया और मेरी सौतेली माँ मनोमन हंस देती थी मेरे देखते ही. एक दिन शाम को जब मेरे पिता जी किसी काम से पड़ोस के गाँव गए हुए थे तब मेरे रंडी बाज पिता की गैरमौजूदगी में मैंने मेरी चुदक्कड़ सौतेली माँ की टाइट चूत को चोदने का प्लान बनाया. मैं बिस्तर पर लेट गया और मैंने कहा की मेरे सर में बहुत दर्द हैं. माधुरी आई और उसने मुझे कहा की क्या में सर दबा दूँ. मैंने कहा हां लेकिन यहाँ नहीं मेरे बेडरूम में ताकि मुझे नींद भी आ जाए (उस शादी शुदा रांड को क्या पता की उस को चोदा जाएगा इसी बैडरूम में कुछ देर के बाद).
मेरी दूसरी माँ माधुरी के साथ में अपने बेडरूम की तरफ गया और पलंग के ऊपर लेट गया. मेरी चुदक्कड़ सौतेली माँ मेरे कंधे के पास बैठी थी और मेरे सर में हाथ दे के उसे दबा रही थी. तभी मैंने कहा की पंखा फुल कर दो मुझे गर्मी हो रही हैं. इतना कहते ही मैंने अपनी टी-शर्ट भी उतार दी. मेरे छाती के ऊपर मस्त बाल थे. माधुरी ने पंखा फुल किया और वोह मेरी छाती के ऊपर नजरे गड़ाएं हुए मेरे सर को दबाने लगी. मेरा लंड इधर कब का खड़ा हो चूका था. एक हल्का इशारा ही काफी था लंड के लिए. मेरी सेक्सी माल सौतेली माँ मस्त ढीले ढाले ब्लाउज में थी और उस शादी शुदा रांड के ढीले ब्लाउज से उसके मोटे मोटे स्तन मुक्झे आधे बिलकुल साफ़ दिखाई दे रहे थे.
तभी मेरी चुदक्कड़ सौतेली माँ मिचे झुकी रोज की तरह और उसने मुझे अपने आधे से ज्यादा स्तन दिखा दिए. मैंने उसकी तरफ देखा और वो हंस रही थी अपने होंठो के अंदर ही. यह तो सवाल था मेरी मर्दानगी का, मैंने फट से उसे गले से ले दबोचा और उसके होंठो से अपने होंठ लगा दिए. एक जोररररर का चुम्मा जिस में मैंने उसके होंठो को जैसे की खा ही लिया. मेरी चुदक्कड़ सौतेली माँ माधुरी भी मेरे किस का ऐसे ही जोर से जवाब दे रही थी. हम दोनों की साँसे एक दुसरे से टकरा रही थी और वो मुझे जोर से अपनी तरफ खिंच रही थी. उसके होंठ मेरे होंठो पर हावी होने लगे थे. उसकी जबान का बेस्वादा स्वाद मेरी जबान से लग रहा था.
सच में मैंने बहुत लड़कियों को नंगी करके चोदा था लेकिन मेरी सौतेली माँ माधुरी में अलग ही मजा था. मुझे सरदर्द तो था ही नहीं लेकीन अगर होता तो भी इस स्थिति में गायब हो जाता. मेरी सौतेली माँ माधुरी मेरे होंठो को छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी. मैंने उसके होंठो से होंठ लगाये रखे और धीरे से उसके ब्लाउज के बटन खोलना चालू कर दिया. उसके मुलायम रसीले स्तन छूते ही मेरा लंड और भी जोर से धडक उठा. मैंने उसके बटन खोल दिए और एकबार फिर उसके माथे को पकड़ के जोर जोर से उसके होंठो को खिंच खिंच के चुम्मा देने लगा. माधुरी ने उसका हाथ मेरे लंड के ऊपर रख दिया और वो मेरे लंड को अंदर दबाने लगी.
मेरा कुंवारा लंड कब से तैयार था उस शादी शुदा रांड की चूत में जाने के लिए और उसकी टाइट चूत का काम लगाने के लिए. मेरी चुदक्कड़ सौतेली माँ माधुरी ने आखिर मेरे होंठो को छोड़ा और उसे देख के लगता था की वो भूखी शेरनी हैं जो आज खूब लंड का शिकार करेगी. मैंने उसके ब्लाउज को पूरा दूर कर दिया और अंदर की काली ब्रा के हुक खोल उतार दिया. बड़े बड़े झूलते हुए स्तन मुझे अपनी तरफ खींचने लगे. मैंने दोनों मोटे मोटे बूब्स के निपल्स को उँगलियों से दबाये और फिर मुहं में ले लिए. आह आह ओह…माधुरी सिसकियाँ ले रही थी और मैं उसे चूस रहा था. मैंने माधुरी के स्तन को जोर जोर से दबाये.
तभी मेरे दिल में ख्याल आया की क्यूँ ना यह स्तनों को चोदा जाएँ. मैंने तुरंत अपनी पेंट खोली और माधुरी को निचे सूला दिया. मैं पूरा नंगा हो के उसकी छाती के उप्पर उस रंडी के बूब्स की चुदाई करने के लिए अपनी गांड टेक कर बैठ गया. मैंने स्तन के बिच वाली जगह पर थूंक लगाया और धीरे से दोनों स्तन को दोनो तरफ से दबाया. स्तन के बिच वाली सख्त जगह पे लंड रखते ही मुझे असीम आनंद आ रहा था और अब मैंने मेरे कड़क लंड से मेरी चुदक्कड़ सौतेली माँ के बूब्स चोदने लगा. मेरी चुदक्कड़ सौतेली माँ माधुरी ने मेरे हाथ स्तन से हटाये और उसने खुद स्तन को दबाये. मैंने उसके कंधे को पकड़ा और मैं जोर जोर से स्तनों को चोदने लगा. मेरी नंगी माँ माधुरी ने अपनी आँखे मेरी आँखों में गड़ाई थी और बड़े मजे से मेरे लंड से अपने बूब्स चुदवा रही थी.
मैंन भी जोर जोर से मस्त 5 मिनिट तक इन सेक्सी स्तनों को चोदा और फिर मैं उठ खड़ा हुआ. मेरी चुदक्कड़ सौतेली माँ माधुरी ने एक बार और मुझे किस किया और वोह अब अपनी टांगो को फैला के निचे लेट गई. मैंने अपने लंड के सुपाड़े को जैसे उस नंगी रांड की चिकनी चूत के ऊपर रखा वो आह आह आह करने लगी, साली नाटक कर रही थी मुझे उत्तेजित करने के लिए. मैंने मेरी चुदक्कड़ माँ माधुरी को उसकी पतली कमर से पकड़ा और एक झटके में पुरे लंड को उस रांड की टाइट चूत में पेल डाला. अब चुदवाते चुदवाते वो रांड उई माँ… आह… आई… आह… उई करने लगी. मैं जोर जोर से माधुरी को ठोक रहा था.
मेरी दूसरी माँ की टाइट चूत के अंदर जबरदस्त चिकनाहट थी जिसके चलते मेरे लंड के सुपाड़े से लेके उसके तल तक चिकनाहट महसूस हो रही थी. मेरे दोनों हाथ मेरी नंगी सौतेली माँ माधुरी के गांड की साइड में उसकी कमर पर थे जिसे आगे पीछे कर के मैं माधुरी को आगे पीछे कर रहा था और मैं खुद भी आगे पीछे हो के चुदाई के मस्त झटके ले दे रहा था. माधुरी भी आ हां आह आआअह्हह्हह करते हुए अपनी गांड हिला हिला के अपनी टाइट चूत को मस्ती से चुदवा रही थी.
मैंने आगे जाके उसके दोनों स्तनों को दबाया और उस को जोर जोर से चोदना चालू कर दिया. मेरी नंगी सौतेली माँ माधुरी अपनी चूत सिकोड़ कर मेरे लंड को अपने अंदर सख्ती से भर रही थी. मेरे लंड की हालत बहुत ख़राब हो रही थी. मैंने अब और भी जोर जोर से धक्के लगाने चालू कर दिए, और करीब एक घंटे की खतरनाक चुदाई के बाद मेरी चुदक्कड़ सौतेली माँ माधुरी की टाइट चूत के अंदर मेरा सारा वीर्य खाली होने लगा. माधुरी ने तभी चूत को जोर से कस लिया ताकि सारा वीर्य चूत के अंदर समा जाए.
मैंने भी लंड को चूत के तल तक ही रहने दिया सारा वीर्य खाली होने तक. तभी माधुरी के शरीर ने भी झटके देने चालू किये और करीब दो मिनट की चुदाई के बाद वो नंगी रांड भी झड़ गई. हम दोनों नंगे माँ बेटे ने अपने अपने कपडे पहने और फिर मेरी माँ मेरे लिए चाय बनाने के लिए रसोई में चली गई और मैं भी उनके पीछे पीछे रसोई में चला गया और फिर मैंने रसोई में उन्हें घोड़ी बनाकर चोदा खैर वो वाली हिंदी सेक्स कहानी अगले भाग में शेयर करूँगा…