दोस्त के साथ मिलकर ऑफिस में आए नए समलैंगिक बॉस के साथ गे सेक्स किया उनके खंजर जैसे लंड से अपनी गांड मरवाई और फिर घोड़ी बनाकर अपने लंड से उनकी भी गांड मारी नई XXX हिंदी सेक्स स्टोरी फ्री :- दोस्तों मैं गंड मरा और मेरा एक जिगरी दोस्त भारत रेलवे में नौकरी करते थे. भारत रेलवे का एनलाइनमेंट का कार्यक्रम चल रहा था. इस दौरान कुछ अधिरियों और कर्मचारियों की एक टीम आगरा से नाप जोप करते चले आ रही थी.
दुनिया भर का तामझाम उन लोगों के साथ चल रहा था. भारत रेलवे फील्ड की पूरी लम्बी चौड़ी टीम थी. उसी टीम में मेरा गे दोस्त मिश्री लाल भी था. वह टेक्निकल एक्सपर्ट था. कुछ थर्ड क्लास लेबर वाले लोग साथ थे. एक दो और सहयोगी थे. हां जो इन्चार्ज थे, वो साहब एक बिल्कुल नौजवान समलैंगिक मर्द थे और उन बॉस का नाम अमर सिंह जी था.
नए समलैंगिक बॉस के साथ गे सेक्स किया गांड मरवाई गांड मारी नई XXX हिंदी सेक्स स्टोरी

मेरा दोस्त मिश्री लाल मुझे ऑफिस में आए उन नए समलैंगिक बॉस से मिलाने के लिए ले गया. वे उम्र में मेरे दोस्त मिश्री लाल से भी छोटे थे, यही कोई बीस इक्कीस साल के रहे होंगे. मुझ समलैंगिक लड़के ने उन्हें बिठाया, चाय मंगवाई. फिर मुझ समलैंगिक लड़के ने पूछा- आपने कब ज्वाइन किया सर…? ऑफिस में आए उन नए समलैंगिक बॉस ने जवाब दिया की मैं गंड मरा अभी छह माह पहले ही आया हूँ और अभी एप्रेन्टिस ऑफिसर हूँ. इस बात पर मेरा गे दोस्त मिश्री लाल न जाने क्यों हंस पड़ा, फिर एकदम से बोला- ये अभी सक्त लौंडे अफसर हैं. मैं बॉस के डर के कारण चुप रहा. मगर मिश्री लाल बोला- सब चलता है, अमर सिंह जी जी अब मेरे दोस्त बन गए हैं हमारी खूब जमती है ये भी मेरे टाइप के ही हैं.
उनकी बातें सुनकर मैं समझ गया कि ऑफिस में आए उन नए समलैंगिक बॉस की मेरे गे दोस्त मिश्री लाल के साथ दोस्ताना हो गया है. मुझ समलैंगिक लड़के ने बोला- आप बहुत हैंडसम और स्मार्ट हैं. इस पर नए समलैंगिक बॉस अमर सिंह जी जी खुद ही बोले – अरे यार मुझे नमकीन कहिये, नमकीन लौंडा … यही तो आप अपने दोस्त मिश्री लाल को कहते हैं न. मैं गंड मरा भी आपके दोस्त की तरह किसी भी तरह से कम नहीं हूँ. सारी बात खुल गई तो मैं गंड मरा झेंप गया- ऑफिस में आए उन नए समलैंगिक बॉस से बोला की अरे सर वह तो मेरा पुराना दोस्त है.
ऑफिस में आए उन नए समलैंगिक बॉस बोले तो आज से मुझे भी अपना दोस्त समझें, सीरयिसनेस से जंगल में जिंदगी कटती ही नहीं है. मैं -जैसी आपकी मर्जी. आपकी कम्पनी अच्छी रहेगी, कोई सहयोग मेरी तरफ से चाहिए हो, तो जरूर कहें. यहाँ भी देखें :- चाची के बोलने पर भतीजी की चूत को मरहम लगाकर चोदा चाचा ने अब अमर सिंह जी जी जब तब झांसी जाते तो थे, पर रोज नहीं जा पाते थे. वो कभी बहुत थक जाते … कभी देर हो जाती. जिस वजह से जाने का मतलब ही नहीं रहता था. उनकी इस विवशता को देख कर मुझ समलैंगिक लड़के ने अपना निवास का एक कमरा उन्हें दे दिया.
मिश्री लाल भी कभी झांसी जाते तो कभी यहीं रूक जाते थे. मुझ समलैंगिक लड़के ने एक दिन उससे पूछा- दुल्हन कैसी है? उस गे मर्द ने बताया- हमारे पास पैसा नहीं था. माँ मेरी प्यारी बहन की शादी किसी सरकारी नौकरी पेशा लड़के से करना चाहती थी. मेरी बहन दिखने में बहुत सुन्दर थी, इन्टर पास भी थी. शादी में तो दहेज चाहिए नहीं था. अतः एक लड़के से शादी कर दी. तो आटा साटा करने के लिए उसकी भाभी की छोटी बहन से मुझे शादी करनी पड़ी. यह एक समझौते वाली शादी है. इसमें लड़के की पसंद का कोई मतलब नहीं होता है. ठीक है … सब चलता है. लड़की एवरेज है, कोई खास नहीं है.
मैं बोला की अरे यार … मेरे हीरो को ऐसा जोड़ा? मिश्री लाल- तभी तो सर … उस दिन पिता जी सकपका गए थे. लड़की औसत से भी कम है … देखने में भी खास नहीं हैं और ज्यादा पढ़ी लिखी भी नहीं हैं. उस साली रंडी ने शादी के लिए नकली सर्टीफिकेट और डिग्री बनवा राखी थी. बाद में सब कलई खुल गई. वो गांव की है, कल्चर्ड भी नहीं है. ससुराल वालों की स्थिति ये है कि अब वो मुझ पर उल्टे चढ़े रहते है. उसके मुँह से ऐसी बातें सुन कर मेरा भी दिमाग़ खराब हो गया.
एक दिन मैं गंड मरा वहीं क्वार्टर में लंच टाईम पर बैठा था. गाड़ियां निकल गई थीं. मेरे साथी ड्यूटी पर थे. अमर सिंह जी जी उस दिन यहीं सोए थे. मैं उनसे बोला- आईए, मेरे साथ लंच करें. वे बोले- आाप मेरे लिए कितना करते हैं, कुछ रिर्टन भी नहीं लेते. मुझ समलैंगिक लड़के ने खुलते हुए बोला- तुम कहो तो एक क़िश्त अभी वसूल लूं. मेरी बात से वे हतप्रभ हो गए- अभी कितना? मैं- बस थोड़ी सी, जो मिश्री लाल देता है … तुम भी दे दो. वे मुस्कुरा कर बोले- ठीक है. मैं अभी दे देता हूं. वे अपने पैंट की जेब से पर्स निकालने लगे. मैं- अभी उसे वहीं रखा रहने दो. मैं खुद लिए लेता हूं.
मुझ समलैंगिक लड़के ने उनके गले में हाथ डाला, तब वे थोड़ा समझे … फिर मुझ समलैंगिक लड़के ने उनका जोरदार चुम्बन ले डाला. वे जोर से हंसे और अपने हाथ के उल्टे पंजे से होंठ पौंछने लगे. मुझ समलैंगिक लड़के ने बोला- चलो छोटी वाली किश्त निपट गई … अब खाना खाएं! वे बैठ कर लंच लेने लगे. एक दो दिन वे शांत रहे. फिर एक दिन मुझ समलैंगिक लड़के ने उनसे बोला- क़िश्त? वे हंस दिए, तो इस बार मुझ समलैंगिक लड़के ने उनका लम्बा चुम्बन ले लिया. वे बोले- एक और क़िश्त. मुझ समलैंगिक लड़के ने एक और चुम्बन ले लिया.
फिर दो दिन बाद मैं ड्यूटी से आकर क्वार्टर पर पहुंचा. मैं गंड मरा टिफिन लाया था उसे रखा. और कहा कि टिफिन रखे जा रहा हूं, लंच टाईम पर आऊंगा. अमर सिंह जी अभी सो कर उठे थे. मैं गंड मरा पलंग पर बैठ गया. वे लेट्रिन से निकले थे, रूपा अंडरवियर में थे … हाथ धोकर आए थे. मेरे सामने पीठ करके तौलिया से हाथ पौंछ रहे थे. मेरे चेहरे के सामने उनके चूतड़ थे. मैं गंड मरा उन्हें सहलाने लगा. मुझ समलैंगिक लड़के ने बोला- आपका चेहरा ही नमकीन नहीं है, चूतड़ भी मस्त नमकीन हैं. मिश्री लाल पर तो जवानी फूट पड़ी है … पर आप भी कम नहीं हैं.
मैं नंगे अमर सिंह जी के मोटे मोटे कूल्हे बड़े प्यार से सहला और दबा रहा था. वे बोले- ढंग से कूल्हे सहला और दबा यार ऐसे डर डर के क्यों कर रहे हो, अच्छी तरह से मजे लो. अब मैं गंड मरा खुलकर उनकी मोटी गांड मसलने और जोर जोर से दबाने लगा. अब वे मुस्करा दिए और मुझसे बोले की आप तो वाकई रंगीन शौक रखते हैं! मुझ समलैंगिक लड़के ने उनसे उत्साह मिलने पर अपना मुँह उनके चूतड़ों से लगा दिया. और दोनों चूतड़ बारी बारी से चूम लिए. वे हंसे बोले- अरे मोटी गांड का चुम्मा तो कड़क लंड से लिया जाता है, ऐसे तो अनाड़ी लोग लेते हैं.
अब मुझ समलैंगिक लड़के ने अपनी बांह उनकी कमर के चारों ओर लपेट कर उन्हें अपनी गोदी में खींच लिया और होंठों के दो तीन चूमा ले लिए. फिर मैं उनकी गांड मारने के लिए खड़ा हो गया और उनको पलंग पर झुका कर गांड चुदवाने के लिए घोड़ी बना दिया. वे बोले- मैं मजाक कर रहा था. पर इतनी देर में तो मुझ समलैंगिक लड़के ने उनका रूपा अंडरवियर नीचे खिसका दिया. वे ‘न … न ..’ तो कर रहे थे, पर घोड़ी बनकर अपनी मोटी गांड चुदवाने के लिए झुक गए. अब मुझ समलैंगिक लड़के ने लंड में थूक लगा कर मोटी गांड पर टिका दिया और उनकी कमर पकड़ कर कसके धक्का दे दिया अब मेरे लंड का टोपा उनकी गांड के सुराख के अन्दर घुस गया था.
मेरे खंजर जैसे लंड का लाल लाल टोपा गांड के सुराख में घुसते ही वो दर्द के मारे और जोर से कराहने लगे. मुझ समलैंगिक लड़के ने बोला- टांगें चौड़ी करो और मोटी गांड थोड़ी ढीली करो. उन्होंने अपनी गांड थोड़ी ढीली की और मुझ समलैंगिक लड़के ने पूरा लंड अन्दर डाल दिया. वे ‘आ आ ..’ करने लगे, फिर चुप हो गए. मैं धीरे धीरे धक्के देने लगा. फिर धक्कों की रफ्तार बढ़ा कर पूछा- यार लग तो नहीं रही! वे चुप रहे … फिर मोटी गांड चलाने लगे. मैं गंड मरा समझ गया कि साब पुराने खिलाड़ी हैं.
अब उनकी मोटी गांड ढीली पड़ गई थी. हरकत बंद हो गई थी. वे पीछे मुड़ कर बोले- अभी झड़े नहीं? मुझ समलैंगिक लड़के ने बोला- मिश्री लाल जितना जोर तो नहीं है, पर मजा आया कि नहीं! वह- नहीं यार, गे मिश्री लाल से ज्यादा मजा आया … आपका हथियार भी मस्त है. मैं- बस थोड़ा और … अभी मोटी गांड सिकोड़ना मत … थोड़ी देर ढीली रखें और गांड चुदवाने में कॉपरेट करें … हल्की हल्की जलन हो रही होगी गांड के अंदर. बस अब जोर के धक्के नहीं दूंगा. वे मस्ती में थे, सो बोले- ऐसी कोई बात नहीं … आप अच्छी तरह मेरी गांड मार कर निपट लें. मैं गंड मरा थोड़ा और दर्द सह लूंगा … मजा भी तो ले रहा हूं.
मैं उनके साथ चुम्मा चाटी करने लगा. तो बो भी मेरे काले काले होंठ चूसने लगे. फिर गांड चुदाई के दौरान हमने करवट बदली तो सामने मिश्री लाल खड़ा था. उसे देख कर हम दोनों अलग हो गए. मुझ समलैंगिक लड़के ने उससे पूछा- तुम कब आए? वह गंड मरा बोला- आप गांड मरवाते वक्त किवाड़ लगाना भूल गए थे … यह तो अच्छा हुआ कि मैं गंड मरा आ गया. कोई और होता, तो बवाल हो जाता … आपके गे सेक्स का सारा मजा बिगड़ गया सॉरी.
फिर वो मेरे से बोला- अब थोड़ा आप बाहर घूम आएं जब तक मैं भी गे सेक्स के मजे ले लेता हूँ. ये कह कर उस गे मर्द ने अमर सिंह जी का पहना हुआ रूपा अंडरवियर फिर से नीचे करके उतार दिया. उन्हें पलंग पर लिटाया और बोला- ठीक से पलंग पर लेट जाओ. अमर सिंह जी औंधा लेट गया. वो तेल की शीशी किचिन से लाया, अपने लंड पर तेल लपेटा और अमर सिंह जी की खुली मोटी गांड में खंजर जैसे लंड पेल दिया. वो मेरे से बोला- भाई साहब केवल चुदाई न देखते रहें … बाहर भी नजर रखें.
मैं कमरे से बाहर खड़ा हो गया और किवाड़ लगा दिए. इधर से उसकी चुदाई का काम साफ़ दिख रहा था. मैं गंड मरा बाहर आस-पास भी देख लेता था. मिश्री लाल अपना मस्त लंड अमर सिंह जी की मोटी गांड में पेले जा रहा था. दे दनादन दे दनादन मचाए था. वह इतने जोर से जोश में धक्के लगा रहा था कि जैसे बिचारी गांड को आज फाड़ ही डालेगा. जब वह लंड खींचता, तो केवल सुपारा ही अन्दर मोटी गांड में रहता बाकी पूरा लंड गांड के छेद से बाहर दिखता. एक दो बार तो पूरा बाहर आ गया, उसे दुबारा गांड के छेद में डालना पड़ा.
फटा फट लम्बा मोटा खंजर जैसा पैना लंड अन्दर बाहर अन्दर बाहर कर रहा था. ये देख कर मेरा लंड तो दुबारा से खड़ा हो गया. तभी उधर एक बंदा आता दिखा. तो मुझ समलैंगिक लड़के ने जोर से आवाज लगा कर पूछा- भैया कैसे? मैं उसके पास चला गया और बात करके उसे वहीं से लौटा दिया. जब वो दोनों निपट गए, तब दरवाजे खोले. ऑफिस में आए उन नए समलैंगिक बॉस बोले किसी की मोटी गांड मारने में जितना आनन्द आता है, उतना ही किसी को मोटी गांड मारते देखने में आता है. आपने इन्हें देखने नहीं दिया.
मिश्री लाल हंसने लगा और मुझसे बोला- कभी जब अमर सिंह जी मेरी मारें … तब देख लेना. मैं- अच्छा ऐसा भी है क्या? मिश्री लाल- हां हम अटा-सटा करते रहते हैं. वे बाथरूम से निपट गए, अमर सिंह जी बाथरूम में घुस गया. तभी उनका खाना बनाने वाला आ गया. ‘साहब पोहे और चाय नाश्ता ले आऊं?’ ‘हां ले आओ.’ फिर अमर सिंह जी नहा कर निकले, तैयार हुए. मैं गंड मरा ड्यूटी पर जा बैठा. ऐसे ही दो-तीन बार मुझे अमर सिंह जी की मारने को मिली.
एक बार मिश्री लाल ने शिकायत की- वाह अब अमर सिंह जी ही अमर सिंह जी … मैं गंड मरा कहीं नहीं? मुझ समलैंगिक लड़के ने बोला- यार, तुम तो बीवी से निपट कर आते हो … फिर अमर सिंह जी जैसे मर्द पर भी हाथ साफ करते हो … मेरी भी तो समझो! मिश्री लाल- अच्छा आप भी केवल अमर सिंह जी के साथ गे सेक्स … ये नहीं चलेगा, मैं गंड मरा भी तो हूं. आज मेरी गांड मारें अपने खंजर जैसे नुकीले लंड से. मुझ समलैंगिक लड़के ने बोला- यार अब तुम बड़े हो गए हो, अब मर्दों की गांड मारने लगे हो.
वह गंड मरा बोला- बातें नहीं, मेरी भी गांड खुजला रही है. फिर तो हम लोग चले जाएंगे, आज हो ही जाए समलैंगिक गांड चुदाई. मुझे उस गे मर्द की समलैंगिक सेक्स करने वाली बात माननी पड़ी. समलैंगिक गांड चुदाई का आनंद लेने के लिए हम दोनों उसी कमरे में पहुंचे. वो कपड़े उतार कर खड़ा हुआ, तो देखा उसका शरीर मस्त हो गया था. अब वो दुबला नहीं था. मस्त गबरू जवान था. क्या उसकी बांहें, चौड़े कंधे, मजबूत जांघें. फिर जब वो घूमा, तो बड़े बड़े मस्त चूतड़. मुझे तो उसे देख कर ही तरन्नुम आ गई. वो केवल अहसान उतारने के लिए मुझसे अपनी मोटी गांड मराना चाहता था.
हमारी जिगरी दोस्ती की खतिर वो मेरा मन रखना चाहता था. वह फिर लेटा और औंधा हो गया. मुझ समलैंगिक लड़के ने एक तकिया उसकी कमर के नीचे रखा, तो वो बोला- यह तकिया क्यों लगा रहे हो? मुझ समलैंगिक लड़के ने बोला- अब तेरे चूतड़ बड़े हो गए हैं और काफी मस्त हो गए हैं तो वो गे मर्द हंस दिया. मुझ समलैंगिक लड़के ने जोश में उसके चूतड़ मसल डाले, वह आ आ कर तड़प उठा. फिर मुझ समलैंगिक लड़के ने उसके दोनों चूतड़ों का चुम्बन ले लिया. मोटी गांड के छेद पर पर थूका … और उंगली से मोटी गांड को ढीली किया. वो गंडमरा भी मोटी गांड खोल कर खंजर जैसे लम्बे नुकीले लंड का इंतजार करने लगा.
मुझ नंगे लड़के ने लंड टिका दिया, मेरा दोस्त एकदम तैयार था. सच में उसकी मोटी गांड बड़ी कुलबुला रही थी. उस गे मर्द ने मेरा पूरा लंड बिना हल्ला मचाए अन्दर डलवा लिया. अब मैं गंड मरा मजे से लंड गांड के सुराख के अन्दर बाहर करने लगा. गांड मारते मारते मैंने तेज तेज धक्के देना शुरू कर दिए. मुझ समलैंगिक लड़के ने पूरे जोश में उस गे मर्द की गांड चुदाई करनी प्रारंभ करी. वह भी मजे से आ… आह… आह… उई माँ… आह… आह.. करते हुए कहने लगा- वाह … वाह … आज तो समा बांध दिया गे सेक्स करने में चरम सुख की प्राप्ति हो गयी. मैं रूका नहीं अपने पुरे जोश के साथ गांड मारने में लगा रहा हम दोनों को गे सेक्स करने में बहुत आनंद आ रहा था.
मैं गंड मरा गांड मारते मारते जोर जोर से किसी कुत्ते की तरह हांफ रहा था मगर फिर भी उस गे मर्द की गांड मारने में लगा रहा. अब तो उस गे मर्द ने खुद ही अपनी मोटी गांड चौड़ी कर ली और चूतड़ फैला लिए. वह मेरा पुराना दोस्त था, उसे समझाना ही नहीं पड़ा … वो खुद अपने आप अपनी मोटी गांड को लंड के मुताबिक़ करता जा रहा था. जब मैं गंड मरा थक कर रूका, तो मुझ समलैंगिक लड़के ने चाहा कि लंड बाहर निकाल लूं, पर मैं गंड मरा उसकी ख़ुशी के लिए लंड अन्दर डाले रहा.
अब गांड चुदाई के दौरान वो अपनी कमर हिला कर मोटी गांड आगे पीछे चलाने लगा. वो मस्ती से चूतड़ उचका उचका कर लंड ले रहा था. कुछ ही देर में हम दोनों गांड चुदाई करते करते थक गए थे. मैं गंड मरा झड़ भी गया था, इसलिए मैं गंड मरा उसके बगल में लेट गया. वह उठा और वो पेशाब करके अपनी मोटी गांड कर धो आ गया. आकर मेरे बगल में पलंग पर खड़ा होकर बोला- आज तो समा बांध दिया … मुझ समलैंगिक लड़के ने आपको बुरी तरह से हरा डाला. हांफ गए यार मजा आ गया, थैंक्यू … आज आप पूरे जोश में थे.
वो बोले की तुमने तो मेरी मोटी गांड की ऐसी-तैसी कर दी. मुझ गे लड़के ने बोला- दोस्त … तुम भी तो ऐसा ही चाहते थे, तो ऐसा ही सही. सही में गांड चुदाई के इस गंदे खेल में बहुत मजा आ गया. तुम ऐसे ही करते हो न! मुझ समलैंगिक लड़के ने अपनी सेक्सी गांड हिलाकर उसकी नकल निकाली. वह मुझे गांड हिलाते हुए देख कर जोर जोर से हंसने लगा- वाह … गुरू को चेले की नकल करते देख कर मजा आ गया. वैसे आप मुझे चूतिया बना रहे हो. आपके पास पहले से ही सब तरकीबें हैं. मुझे आपकी गांड ने आज बहुत संतुष्ट किया. अब आप आराम करें, मैं थोड़ी देर में आऊंगा. ये कहकर वो कपड़े पहन कर बाहर चला गया.
दोस्तों आज मैंने पहली बार अपने नए समलैंगिक बॉस के साथ गे सेक्स किया था मुझे उनके लंड से अपनी गांड की चुदाई करवाने में बड़ा आनंद आया मगर चरम सुख तो मुझे उनकी गांड में अपना लंड पेलकर प्राप्त हुआ. हमने एक दुसरे से अपनी अपनी गांड मरवाई थी और एक दुसरे की गांड भी मारी थी. दोस्तों इस घटना का पूरा सेक्स विडियो भी हमने हमारे मोबाइल फोने में रिकॉर्ड करा हैं वो गे सेक्स विडियो कल इसी वेबसाइट पर प्रकाशित करूँगा उस जरुर देखें…