सारा वीर्य बिस्तर की चादर पर गिर गया सुप्रिया की गांड मारते वक्त हिंदी सेक्स स्टोरी : आज मैं भी आपके साथ एक अनुभव शेयर करने जा रहा हूँ और यह एकदम सच्ची कहानी है।सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूँ। मेरा नाम अंकित है, मैं 24 साल का हूँ। मैं बहुत क्यूट और शरीफ हूँ और मैं हमेशा सज-धज कर रहता हूँ, तो लड़कियाँ मुझे बहुत पसंद करती हैं। यह बात पाँच साल पुरानी है। हमारे घर मेरे चाचा की लड़की रहने आई, जिसका नाम सुप्रिया है। तब वो डबवाली(सिरसा) में गाँव में रहते थे। सुप्रिया ने 12वीं पास की थी और वो आगे की पढ़ाई करने के लिए हमारे पास हिसार आई थी।मेरी चाची नहीं हैं। गाँव में मेरे चाचा और सुप्रिया रहते थे। जब सुप्रिया हमारे पास आई थी तो एक कच्ची कली लगती थी। गोरा रंग, लम्बे बाल, छोटे-छोटे होंठ, एक गदराई कमर और छोटे चीकू जैसे दो उभार बिलकुल गोलाई में और बिलकुल मासूम।
मेरे मम्मी ने उसे एक प्राइवेट स्कूल में दाखिला दिला दिया। दिन बीतते चले गए। वो शहर के माहौल में आकर और भी सुंदर हो गई थी। लेकिन मासूमियत वैसी की वैसी।वो जब से आई थी, मेरा उस पर दिल आ गया था। उसका गोरा रंग और भरा हुआ शरीर देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था। मैं कैसे भी उसके शरीर को छूना चाहता था।मैं आपको बता दूँ कि हमारे परिवार में मैं, मेरी बड़ी बहन और मेरे मम्मी-पापा हैं, हमारे घर में दो ही कमरे हैं, मैं, मेरी बहन, सुप्रिया टीवी वाले कमरे में सोते थे और मम्मी-पापा दूसरे कमरे में। हम बैड पर ऐसे सोते थे- मैं कॉर्नर में, सुप्रिया बीच में और मेरी बहन सबसे आगे। (सारा वीर्य बिस्तर की चादर पर गिर गया सुप्रिया की गांड मारते वक्त हिंदी सेक्स स्टोरी)
दिन बीतते गए, नवम्बर का महीना आया। तेरह नवम्बर की बात है, हम तीनो सो रहे थे। मैं पानी पीने के लिए रात को करीब दो बजे उठा तो मैंने देखा दोनों गहरी नींद में थीं।सुप्रिया की एक कमी थी या मेरी किस्मत कि सुप्रिया बहुत ही गहरी नींद में सोती थी, चाहे दिन हो या रात। मैं पानी पीकर अपनी जगह पर जाकर सो गया।मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं उठ कर बैठ गया और सुप्रिया को देखने लगा। वो बहुत सुंदर लग रही थी। उसने उस रात नाईट सूट पहना था, रेडीमेड टी-शर्ट और लोअर काले रंग का।उसे गौर से देखते-देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया था। उसे देखकर मैं अपने लंड को रगड़ने लगा। उसके बाद मैंने अपना तकिया उसके नजदीक किया और उसकी तरफ मुँह करके लेट गया।
सारा वीर्य बिस्तर की चादर पर गिर गया सुप्रिया की गांड मारते वक्त हिंदी सेक्स स्टोरी
मेरी बहन हमारी तरफ पीठ करके सोई थी। तो उसका मुझे डर नहीं था। मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसके एक मोम्मे पर रख दिया। थोड़ी देर रखने के बाद उसकी तरफ से कुछ नहीं हुआ तो मैं समझ गया कि वो गहरी नींद में है।उसके बाद मैं उसके बूब्स को सहलाता रहा फिर मैंने उसके बूब्स दबाना शुरू किया, उसके चूचुक को छूना शुरू किया। उसके बाद मैं कभी उसके एक मोमे को दबाता तो कभी दूसरे को। फिर मैं थोड़ी नीचे हुआ और उसके एक मोमे को दबाने लगा और एक म़ोमा मुँह में लेने लगा।‘वाह ! क्या पल था वो, मैं एक कुंवारी लड़की की चूची पी रहा था !’
ऐसा करीब आधे घंटे तक करता रहा। मेरा लंड भी पूरी तरह गीला हो रहा था। अब मेरे लंड से रहा नहीं जा रहा था। मैंने अपना लंड उसकी जांघ से लगा दिया और अपना हाथ उसके पेट पर रख दिया। फिर धीरे-धीरे मैं उसे कस कर पकड़ने लगा।अब मैं अपने लंड से उसकी जांघ को चोदने लगा, मैं आगे-पीछे होकर झटके मारने लगा। उधर मेरे हाथ कभी उसकी मोमे को तो कभी उसकी कमर को मसल रहे थे। मैं उसकी टीशर्ट के अन्दर हाथ डालकर उसके गोरे बदन को छूना चाहता था, पर मुझे डर था कि वो स्पर्श से जग न जाए इसलिए मैं सब कुछ ऊपर से ही कर रहा था। इतने में ही उसने करवट बदली, मैं जल्दी से उससे दूर हट गया।
अब वो मेरी तरफ गांड करके सो रही थी। मैंने आधे घंटे तक कुछ नहीं किया फिर थोड़ी हिम्मत करके उसके ऊपर हाथ रख दिया। उसने कुछ प्रतिक्रिया नहीं की, फिर मैं उसके करीब जाकर उससे सिमट गया। थोड़ी देर बाद मेरा लंड हरकत करने लगा और अब बहुत देर भी हो चुकी थी। अब मैं अपने लंड की प्यास बुझाना चाहता था।मैंने अपना पायजामा और अंडरवियर नीचे किया और अपने हाथ से पकड़ कर अपना लंड उसके चूतड़ों की दरार पर रख दिया। फिर मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और लंड को उसकी गांड पर दबाने लगा। मैं बताना चाहता हूँ कि मेरा लंड उस वक़्त काफी सख्त हो गया था। फिर मैंने उसे ढीला छोड़ा और अपने लंड को पकड़कर उसकी गांड के छेद पर उसके लोअर के ऊपर से ही रगड़ने लगा। कुछ देर तक रगड़ता रहा।
फिर मैंने उसकी गांड पर हाथ रखकर उसके कूल्हों को कुछ देर तक मसला, दबाया, उसकी गांड के छेद पर अपनी उंगली फिराई, फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर (लोवर के ऊपर से ही) लगाया और धक्का देने लगा और उसे कसकर पकड़ लिया। फिर मैंने धीरे-धीरे आगे-पीछे हिलना शुरू किया करीब 15 मिनट बाद मेरा मुठ छूट गया और सारा वीर्य बिस्तर की चादर पर गिर गया और उसके लोअर पर भी। मैंने पहले भी कई बार मुठ मारी थी पर इतना वीर्य कभी नहीं निकला। फिर मैं उठा और एक कपड़ा लेकर सारा वीर्य साफ़ किया। उसके लोअर का वीर्य साफ़ करने के लिए कई देर तक कपड़े से उसके गांड वाले हिस्से को आराम से साफ़ करता रहा।
सब कुछ सेट होने के बाद मैं टोयलेट में गया और उन सब दृश्यों को याद करके मुठ मारी और फिर कमरे में आकर सुप्रिया के गाल पर एक चुम्मी ली, वो बहुत सुंदर लग रही थी। उसके बाद मैं सो गया और सुबह उठा तो उसका व्यवहार सामान्य था, शायद उसे रात को जो हुआ कुछ पता नहीं चला। तो दोस्तो, यह था मेरा सुप्रिया के साथ पहला अनुभव उसके बाद और भी कई अनुभव हुए सुप्रिया के साथ और आज तक हो रहे हैं। आगे के अनुभव अगली कहानी में लिखूँगा, फिलहाल आपको मेरा यह अनुभव कैसा लगा मुझे मेल करके बताइए ! – सारा वीर्य बिस्तर की चादर पर गिर गया सुप्रिया की गांड मारते वक्त हिंदी सेक्स स्टोरी