Indian Mother And Son Sex Story सगी विधवा माँ की चूत को जमकर चोदा New XXX Hindi Sex Story : हेल्लो दोस्तों मैं भावेश शर्मा आप सभी का हम माँ बेटे की चुदाई की इस हिन्दी सेक्स स्टोरी में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। आज मैं आपको अपनी ही सगी माँ को चोदने वाली एक सच्ची सेक्स स्टोरी सूना रहा हूँ। में उम्मीद करता हूँ कि हम माँ बेटे की चुदाई की यह हिन्दी सेक्स स्टोरी आप सभी लोगों को बहुत पसंद आएगी। मैं एक छोटे से गाँव का रहने वाला हूँ। मेरे पापा एक शराबी थे और उन्हें रंडियों को चोदने का भी बहुत शौक था इस कारण उन्होंने अपनी सारी दौलत शराब पीने में और रंडी बाजी करने में लुटा दी और वो जवानी में ही स्वर्ग सिधार गए।
इस समय मेरी माँ की उम्र 40 साल थी और मैं 21 साल का जवान लड़का हो चुका था। मेरी माँ की मै इकलौती संतान थी इस लिये वो मुझसे बहुत प्यार करती थी। पापा के जाने के बाद मेरी माँ अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिये वो कभी कभार हस्तमैथुन कर लिया करती थी. मेरी माँ कभी केले से तो कभी भुट्टा से अपनी चूत को चोदा करती थी और जब घर में केले या भुट्टा नहीं होती थी तो वो अपनी ऊँगली से ही अपनी प्यासी चूत की प्यास भुजाया करती थी. मेरी विधवा माँ अभी जवान थी और चोदने लायक माल भी थी।
Indian Mother And Son Sex Story सगी विधवा माँ की चूत को जमकर चोदा New XXX Hindi Sex Story

एक दिन जब सुबह सुबह मेरी मम्मी बाथरूम में नहा रही थी थी तो मेरे अंदर माँ को नंगी नहाते हुए देखने की सनक चडी फिर में दरवाजे की संद में से अंदर बाथरूम में देखने लगा . अंदर का नजारा देखते ही मेरा लंड तक कर खड़ा हो गया. अंदर मेरी विधवा माँ नहा रही थी और वो पूरी तरह से नंगी पुंगी थी। दोस्तों, दिल में यही आ रहा था की अभी अपनी विधवा माँ का अपवित्रीकरण कर डालू उन्हें पकड़ लूँ और विधवा माँ की चूत की जमकर चोदा चादी कर डालूं। मेरे पापा ने कभी मेरी माँ के खुबसूरत शरीर पर ध्यान ही नहीं दिया वो तो बस शराब पिने और रंडी औरतों को चोदते चोदते स्वर्ग सिधार गए. मेरी सगी माँ का जिस्म आज भी भरा हुआ और सुडौल था।
मेरी विधवा माँ के दूध से भरे मम्मे काफी कसे हुए और गोल गोल मस्त थे। कहीं से भी मेरी माँ के सेक्सी बदन पर चर्बी नही थी और बड़ा सुडौल बदन था उनका। वो साबुन को अपने मोटे मोटे बोबों पर जल्दी जल्दी मल रही थी, फिर हाथ पैर और चेहरे पर साबुन लगाने लगी, फिर अंत में टांगो पर साबुन मलने लगी। फिर जांघ पर साबुन लगाते हुए माँ अपनी चूत पर पहुच गयी और साबुन चूत पर मलने लगी। इसी बीच मेरी माँ का गरम हो उठी और उनका चुदने का दिल करने लगा और वो अपनी चूत में ऊँगली करने लगी। ““आआआआअह्हह्हह…. ईईईईईईई… ओह्ह्ह्हह्ह… अई..अई..अई….अई….” करके मेरी चुदासी माँ आवाज निकाल रही थी। “काश…..कोई मुझे चोद डाले…..कसके मुझे चोद दे…. सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….” मेरी माँ बार बार चिल्ला रही थी।
आज मैं जान गया की मेरी माँ पापा के मरने के बाद से ही चुदवाने के लिये तरस रही है पर शर्म के मारे मुझसे अपने दिल की बात नहीं करती पर आज भी उनका उनका मन अपनी चूत चुदवाने का और मोटा लौड़ा अपनी चूत में लेने का बड़ा दिल करता है। मेरी प्यासी माँ बड़ी देर तक नहाते नहाते अपनी रसीली चूत में ऊँगली करती रही। अपनी झांटे साफ करने के बाद अपनी प्यासी चूत पर साबुन मलती रही। फिर उन्होंने बाल्टी भर भर कर जी भरकर नहाया और अपने जिस्म को साफ़ कर लिया। अपनी चूत में माँ से कई बार पानी जग से भरकर डाला। फिर तौलिया लेकर मेरी माँ ने अपने सारे बदन को पोछा, अपने सुडौल मम्मे और चूचियों को भी माँ ने अच्छे से पोछा और फिर अंत में अपनी चूत को तौलिया से अच्छे से पोछा।
अब विधवा माँ की चूत बड़ी सुंदर, साफ़ और गुलाबी लग रही थी। जब माँ बाथरूम के बाहर आने लगी तो मैं वहां से हट गया। अपनी नंगी जवान माँ को मैं देख ही चूका था और विधवा माँ की बुर चोदने का बड़ा मन था मेरा। मैंने कई बार माँ के रूप रंग को देख देखकर मुठ मारी। एक रात मुझे नींद नही आ रही थी। माँ को चोदने का बड़ा दिल था मेरा। मैं मेरी सगी माँ के बैडरूम में चला गया। माँ सो रही थी। रात के ११ बजे हुए थे। मैं माँ के बगल लेट गया और मेरी सगी माँ के गाल पर किस करने लगा। वो नही जान पायी। माँ ने साड़ी ब्लाउस पहन रखा था, उसके ब्लाउस से मेरी सगी माँ के सुडौल और बहुत ही आकर्षक दूध मुझे दिख रहे थे।
मैं हवस की आग में जल रहा था और खुद को मादरचोद बन्ने से रोक ना सका और मैंने अपनी माँ के दूध से भरे मोटे मोटे बोबों पर हाथ रख दिया और कस कसकर दबाने लगा। कुछ ही देर में माँ की आँखे खुल गयी। मेरे हाथ उसके दूध पर थे। “भावेश…..ये क्या कर रहा है??? तू सोया नही?….और तू मेरे बैडरूम में क्या कर रहा है??” माँ हडबडा कर उठ गयी और बैठ गयी और मुझसे पूछने लगी ये क्या कर रहा है बेशर्म में तेरी पत्नी या कोई रंडी नहीं हूँ बल्कि तेरी माँ हूँ. मै डरते डरते बोला “माँ……मैं आपको चोदना चाहता हूँ!!”
फिर मेरी माँ गुस्से से बोली “क्या …????? तेरा दिमाग तो ख़राब नही हो गया है???” वो चौंक गयी थी मेरी बात सुनकर. मैंने मेरी माँ से बोला “हाँ माँ…..मैं आप की प्यासी चूत को कसकर चोदना चाहता हूँ…..आपकी रसीली बुर में अपना मोटा लंड डालना चाहता हूँ आप एक बार मुझसे आप की चूत चोदने दो आप की कसम आप को कभी भी पापा की कमी महसूस नहीं होने दूंगा!!”
मेरी बात सुन मेरी माँ ने मेरे गाल पर 2 कसकर तमाचे मारे और इसके साथ थी मेरा तना हुआ लंड ढीला पद गया और मेरा दिमाग झनझना गया। मेरी माँ बोली “बेशर्म……बेहया…नालायक……यही संस्कार दिए है मैंने तुझे…..यही सिखाया है मैंने तुझे की अपनी ही सगी माँ के साथ सेक्स करने के सपने देखे…??? यही सब स्कूल में पढ़ने जाता है… तेरा बाप भी साला रंडी बाज था पर तो तो मदरचोद निकला….????” करीब 10 मिनट बाद वो शांत हुई। मैं अपना मुह लटकाए वंही अपनी सगी माँ के पास बैठा रहा। मेरी माँ मुझे पुचकारते हुए बोली की मुझे माफ़ कर दे बेटा जो मैंने तुझे थप्पड़ मारा …
फिर वो मुझसे पूछने लगी की “तुझे ये चुदाई वाली बात कैसे पता चल गयी?? भावेश क्या तू किसी लड़की की चूत चोद चुका है?? क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड है???” मैंने पूरी बात बताई की किस तरह मैंने कुछ दिन पहले उनको बाथरूम में नंगी होकर अपनी प्यासी चूत में ऊँगली करते हुए और हस्तमैथुन करते हुए देख लिया था। माँ बार बार कह रही थी की काश कोई विधवा माँ की प्यासी चूत को कसकर चोद डाले।
मैंने पूरी बात बताई तो वो शांत हो गयी। मैंने जल्दी से अपनी पेंट खोल दी और नीचे सरका दी। मैं नही चाहता था की माँ मुझसे शर्म करे या अपना विचार बदले। मैं तो बस यही चाहता था की माँ बस आज रात मुझे अपनी प्यासी बुर चोदने के लिए दे दे. आज यदि में मेरे लंड का डेमो मेरी माँ को दे देता हूँ तो उसके बाद तो वो आगे से चलकर मेरे पास चुदने आया करेगी।

अपनी पेंट नीचे सरकाने के बाद मैंने जल्दी से अपना अंडरविअर भी नीचे सरका दिया और मेरा 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लंड साफ साफ मेरी प्यासी माँ को दिखने लगा। मेरे तगड़े लंड को देख कर मेरी माँ की चुदाई करवाने की प्यास और बढ़ गयी और अब वो मेरे काले मोटे लंड से अपनी चूत की चुदाई करवाने के बारे में सोचने लगी। ये कहना गलत नही होगा की बार बार माँ किसी न किसी बहाने से मेरे काले मोटे लंड को देख रही थी। माँ परेशान होकर बोली “नही बेटा भावेश….ये सब गलत होगा…..मैं तुम्हारी माँ हूँ….तुम कैसे मुझको चोद सकते हो और में कैसे अपने ही बेटे के साथ सेक्स कर सकती हूँ….??”
मैंने मेरी माँ को समझाते हुए बोला की “माँ घर की बात घर में ही रहेगी…..तुम जवान हो और मै भी जवान हूँ। बाकी चीजो से क्या फर्क पड़ता है जानवर भी तो बिना रिश्ता देखे एक दुसरे को चोद लेते हैं। वैसे ही हम अपने घर में चुदाई करेंगे…कौन किसी को पता लगने वाला है!!” फिर मै मेरी सेक्सी माँ के बगल ही उसके बिस्तर पर बैठ गया और अपना लंड सहलाने लगा। फिर मेरी माँ शरमाते हुए बोली “नही बेटा….नही बेटा…” फिर मैंने उनका हाथ पकड़ा और चूमने लगा। मेरी माँ अभी भी मुझसे चुदने को राजी नही हो रही थी. मेरी माँ चुदने के लिये गरम तो हो चुकी थी पर वो मेरे साथ सेक्स करने से शरमा रही थी पर मैं आज ये हसींन मौका मेरे हाथो से जाने देने वाला नहीं था।

फिर मैं धीरे धीरे मेरी जवान माँ को अपनी बाहों में जकड़ने लगा और फिर उनके गाल और गले पर किसी पागल आशिक की तरह चूमा चाटी करने लगा, धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो गया और मेरी माँ ने मेरी भूख के आगे अपने शरीर का समर्पण कर दिया। हम दोनों माँ बेटे बिस्तर पर बैठे थे और एक दूसरे को बाहों में ले चुके थे। मैं मेरी सेक्सी माँ के होठ के अपने मुह में लेकर चूसने लगा और उनके होंठो का रस पीने लगा। ओह्ह्ह्ह….आज भी मेरी सगी माँ के होठ काफी अच्छे और रसीले थे। मैंने माँ को बिस्तर पर लिटा दिया और मेरी सगी माँ के उपर लेट गया। उसके बाद तो हम दोनों लिपलॉक होकर किस करने लगे।
अब सेक्स करने की आग दोनों तरफ लग चुकी थी हम दोनों माँ और बेटे के रिश्ते वाली शर्म हया भूल गए और धीरे धीरे हम दोनों गर्म होने लगे। मेरा एक हाथ मेरी सगी माँ के सीधे दूध पर चला गया और मैं जोर जोर से अपनी सगी माँ के मम्मे दबाने लगा। हम अभी भी बहुत जोश में थे और एक दूसरे के होठ पी रहे थे। माँ की जीभ मेरे मुंह में, तो मेरी जीभ मेरी सगी माँ के मुंह में घुस गयी थी। गर्मागर्म चुम्बन के बाद मेरी माँ चुदवाने को तैयार हो गयी थी। मैं तेज तेज विधवा माँ की बड़ी बड़ी गेंद दबाने लगा। वो “सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ..” करने लगी।

मेरी माँ के दूध से भरे मोटे मोटे चुचे इतने बड़े थे की बड़ी मुश्किल से मेरे हाथों में समा रहे थे। उफ्फ्फ्फ़…क्या बताऊं दोस्तों की कितना मजा आ रहा था। लग रहा था की जैसे किसी स्पंज के गोले है। फिर मैं दूसरा चुच्चा कसकर दबाने लगा और मजा लेने लगा। १५ मिनट बाद हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो गये थे। मेरी सगी माँ अपनी चूत को दोनों हाथों से छिपाए हुई थी। कितनी अजीब बात थी की वो मुझसे चुदवाना भी चाहती थी और चूत को छिपाए हुए भी थी। मैं तुरंत माँ के नग्न दूध को मुंह में भर लिया और पीने लगा। उफ्फ्फ्फ़. कितना मजा मिला मुझे।
मैं पूरी तरह से अपनी माँ पर आसक्त हो गया था और उनको कसकर चोदना चाहता था। “उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी.. हा हा हा.. ओ हो हो….” माँ तेज तेज गर्म गर्म आवाजे मुंह से निकाल रही थी। मैं साफ़ साफ़ देख सकता था की उनको बहुत मजा, सुख और आनंद की प्राप्ति हो गयी थी। मेरे बाप को मजे १० साल से जादा हो चुके थे। १० सालों से मेरी जवान महकते बदन वाली माँ नही चूदी थी, पर आज वो १० साल का सूखा खत्म होने वाला था। मेरी माँ का बेटा अब जवान हो चुका था और आज उनको कसकर चोदना चाहता था।
मैं अपनी नंगी माँ को पूरी तरह से अपनी बाहों में लिए हुए था और मेरी सगी माँ के दूध मुंह में भरकर पी रहा था। उफ्फ्फ्फ़…कितनी नशीली और खूबसूरत थी मेरी माँ की छातियाँ। कितनी गोल, कितनी रसीली, जूसी और बड़ी बड़ी कमनीय किसी गेंद की तरह। मैंने आधे घंटे तक अपनी सगी माँ की दोनों चुचियों को मुंह में लेकर खूब जी भर के चूसा और दिल लगाकर पिया। मेरी सगी माँ के मखमली और गोरे पेट को चूमते हुए मैं मैं उसकी नाभि पर आ गया और उसमे जीभ डालने लगा। माँ तडप उठी और “उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ. हमममम अहह्ह्ह्हह.. अई…अई….अई……बेटा….!!” करके सिसकारी लेने लगी थी और अपनी कमर उठा रही थी।

कुछ देर बाद मैंने विधवा माँ की दोनों जांघे खोल दी, और मुझे उनकी प्यासी चूत साफ़ दिख रही थी। मेरी जवान और सेक्सी माँ की चूत देख कर मैं ललचा गया। आज भी मेरी माँ की चूत काफी कसी हुई और एक दम टाइट थी। मेरी माँ की चूत कहीं से भी ढीली नही थी ऐसा लग रहा था की मानो वो चूत किसी 16 साल की जवान लड़की की वर्जिन चूत हो। मेरे शराबी पापा मेरी माँ को जादा चोद नही पाए थे क्यों की उन्हें रोज नई नई रंडियों को चोदने का शौक जो था.
मेरी विधवा माँ ने अपनी झांटे तो उसी दिन साफ कर ली थी जब मैं उन्हें नंगी होकर नहाते हुए देख रहा था, चूत पर एक भी बाल नहीं होने के कारण मेरी जवान और सेक्सी माँ की चूत बिलकुल चिकनी और साफ़ दिख रही थी। कुछ देर तक माँ के भोसड़े का मैं दीदार करता रहा, फिर मुंह लगाकर मैं अपनी सगी माँ की चूत पीने लगा। ““..उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ….बेटा भावेश अच्छे से चूत पी मेरी!!” माँ ने हुक्म दिया। मैं किसी कुत्ते की तरह आवाज कर करके अपनी माँ की चूत पीने लगा। बहुत मजा आ रहा था दोस्तों। बड़ी देर तक अपनी सगी माँ की चिकनी बुर पीने के बाद मैं माँ की चूत में ऊँगली करने लगा और जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा।

मेरी माँ अपने चुतड़ उठाने लगी। माँ बोली “….अई…अई….अई……अई,…..इसस्स्स्स्स्स्स्स्….. उहह्ह्ह्ह….. ओह्ह्ह्हह्ह….. चोदोदोदो…..मुझे और कसकर चोद दो बेटा भावेश!!” तो मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं तेज तेज अपनी माँ को अपनी ऊँगली से चोदने लगा। फिर कुछ देर में मैंने अपना ८” मोटा लंड माँ के भोसड़े में डाल दिया और उनको चोदने लगा। नर्म मोटे गद्देदार आरामदायक बिस्तर में अपनी को चोद रहा था। इतना मजा मिल रहा था की मैं आपको क्या बताऊँ दोस्तों। माँ बहुत जादा गर्म हो चुकी थी और “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी…. ऊँ..ऊँ…ऊँ…करके वो चीख रही थी और मजे से चुदवा रही थी। ये एक बहुत मस्त और कमाल का अनुभव था।
मैं अपने काले मोटे लंड से अपनी सगी माँ की प्यासी चूत को चोद चोदकर भरता बना रहा था। मेरे हाथ अब भी मेरी सगी माँ के नंगे दूध पर थे और तेज तेज उसकी रसीली चूत में लंड की सपलाई कर रहा था। वो बार बार उ उ…आ आ …की आवाज निकाल रही थी। मेरी माँ को चोदते चोदते मेरा मोटा लंड और भी ज्यादा फूल गया और सूज कर मोटा हो गया। “अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ…. अअअअअ… .आहा …. हा हा हा… तुम मस्त चुदाई कर रहे हो बेटा…. करते रहो…रुकना मत…. अहहह्ह्ह्हह..” माँ बोली। ये जानकर बड़ी खुसी हुई की माँ मेरी ठुकाई से पूरी तरह से संतुस्ट थी और मजे से मेरा मोटा ८” लम्बा लौड़ा खा रही थी।
मेरी सेक्सी माँ के काले घने बाल खुले हुए थे और वो इतनी मस्त माल लग रही थी की मैं आपको क्या बताऊँ। मेरी सगी माँ के काले बाल मेरी सगी माँ के सफ़ेद, चिकने और गोरे कंधे पर बिखरे हुए थे और जैसे पानी में आग लगा रहे थे। अगर इस समय कोई चुदासा आदमी मेरी माँ को देख लेता तो पक्का उनको चोदकर मानता। जाने नही देता। इसी बीच माँ की चूत में चुदते चुदते खलबली होने लगी और वो अपना पेट हवा में उपर उठाने लगी। वो बड़ी बेचैन दिख रही थी, क्यूंकि मेरा मोटा लंड उनको एक पल का आराम नही करने दे रहा था।

मेरी माँ बोल रही थी की बेटा तुम तो तुम्हारे पापा से भी अच्छा चोदते हो. मैं इंडियन क्रिकेटर विराट कोहली की तरह अपनी सगी माँ की चूत रूपी पिच पर अपने लंड रूपी बैट से शानदार चौके छक्के लगा रहा था । माँ तो बिलकुल पगलाई जा रही थी।“….आआआआअह्हह्हह… अई…अई…….ईईईईईईई मर गयी….मर गयी…. मर गयी……मैं तो आजजजजज!!..तेरा लौड़ा बहुत मोटा और लम्बा है बेटा.. उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ…” माँ बार बार चिल्लाने लगी और हाफ्ने लगी। अपनी तारीफ़ सुनकर मैं बहुत खुश हुआ और तेज तेज फिर से माँ की प्यासी चूत पर चौके छक्के मारने लगा।
मेरी सेक्सी माँ के हॉट जिस्म में बुरी तरह से आग लग चुकी थी। पर मैं अभी रुकने वालो में से नही था और गच गच अपनी सगी माँ को चोद रहा था। विधवा माँ की कराहने और चीखने की आवाजे मुझे पागल कर रही थी। उफ़…..अपनी माँ को चोदना कितना सुखद और मजेदार होता है। आधे घंटे तक माँ को नॉन स्टॉप ठोकने के बाद मैं अपना माल उसकी चूत में ही छोड़ दिया। फिर हम दोनों एक दूसरे के बगल में लेट गये। आज मैंने मेरी जवना विधवा माँ की बड़ी मस्त ठुकाई की थी शायद ही कभी उन्हें मेरे शराबी पापा ने पहले कभी ऐसे चोदा होगा।
दोस्तों अभी भी मेरी साँस फुल रहा था और वो अभी भी “आई… आह… आह… उई माँ…. ऊह…. उह…. आआआ… आअह्हह्हह…. ईईईईईईई… ओह्ह्ह्हह्ह… अई..अई..अई….अई..मम्मी…..” करके हांफ रही थी। उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मैं फिर से मेरी माँ के बोबे के निप्पल को मेरे मुह में लेकर मेरी माँ का दूध पीने लगा। मेरी माँ बार बार मेरे माथे को चूम रही थी।
मेरी माँ आज बहुत दिनों के बाद इतनी खुश नजर आ रही थी वो मुझसे बोली की “बेटा…आज तूने मुझ विधवा की चुदाई करके मेरी कई दिनों की प्यास भुजा दी आज तुमने मुझे चोदकर बड़ा मजा दिया आज तुम्हारे पापा जिन्दा होते तो मुझे ये हसीन लम्हे नसीब नहीं हो पाते अच्छा हुआ जो तुम्हारा शराबी बाप मर गया….” नंगे लेटे लेटे हम माँ बेटे दोनों एक दुसरे से चिपक कर सो गये। सुबह ४ बजे मेरी आँख खुली। मेरी विधवा माँ नंगी थी और ऑंखें बंद करके सो रही थी।

मुझे एक बार फिर मेरी माँ की चूत मारने की तलब लग चुकी थी। मैंने मेरी नंगी माँ के उपर से चादर खीच दी। मेरी सगी माँ के पैर खोल दिए और चूत पर मुंह लगाकर मेरी जीभ उनकी चूत के अंदर गुसाने लगा और उनकी बुर पीने लगा। मेरी माँ को उनकी चूत में कुछ गुदगुदी सी होने लगी तो उस वजह से उनकी आँख खुल गयी। मेरी माँ मुझसे मुस्कुराते हुए बोली “भावेश बेटे जग गया तू!!” मैंने अपना लंड खुजाते हुए मेरी माँ से बोला “माँ …..तुमहे एक बार और चोदने का बड़ा दिल है” मेरी माँ थोडा शरमाते हुए बोली की “ चोद ले बेटा….चोद ले तेरी ही माँ की चूत है तू नहीं चोदेगा तो क्या तेरा मरा हुआ बाप आकार चोदेगा इसे…..” उसके बाद हम माँ बेटे फिर से सेक्स करने लग गए.
मैं करीब 10 मिनट तक मेरी विधवा माँ की चूत किसी कुत्ते की तरह चाटता रहा। उसके बाद मैंने मेरा लंड मेरी विधवा माँ के मुह में डाल दिया और उनसे अपना लंड बड़ी देर तक चुस्वाया वो मुझसे बहुत अच्छे से ब्लोजॉब दे रही थी वो अपने ही सगे बेटे का मोटा रसीला लंड बड़े मजे से किसी रंडी की तरहचूसती रही। फिर मैंने मेरी सगी विधवा माँ की चूत को जमकर चोदा और उनकी चूत चोदने के बाद उन्हें कुतिया बनाकर पीछे से उनकी गांड भी मारी.
मेरी माँ की गांड मारने की शेष हिन्दी सेक्स स्टोरी अगले भाग में बताऊंगा. हम माँ बेटे ने आज अपनी हवस के चलते पवित्र रिश्ते को दागदार कर दिया था पर ये एक राज था जो घर में ही दबा रहने वालाथा. दोस्तों आप सभी को हम सगे माँ बेटे की चुदाई की ये गन्दी हिंदी सेक्स स्टोरी “Indian Mother And Son Sex Story सगी विधवा माँ की चूत को जमकर चोदा New XXX Hindi Sex Story” पसंद आई हो तो इस सेक्स स्टोरी को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करना और हाँ निचे लाइक बटन पर क्लिक जरुर करना.