HomeAntarvasna Hindi Sex Storiesलंड गुसते ही मेरी वर्जिन चूत से खून की धार निकलने लगी हिन्दी सेक्स स्टोरी

लंड गुसते ही मेरी वर्जिन चूत से खून की धार निकलने लगी हिन्दी सेक्स स्टोरी

लंड गुसते ही मेरी वर्जिन चूत से खून की धार निकलने लगी हिन्दी सेक्स स्टोरी : मेरा नाम सुष्मिता है और में अपनी जवानी में बहक गई और बिन शंदी करे अपनी चूत की सील खुलवा बैठी दोस्तों जब मैंने मेरे जीवन का पहला सेक्स करा था तब मेरी मेरी वर्जिन चूत से खून की धार निकल पड़ी थी बस आज वही वाली हिन्दी सेक्स स्टोरी में रंडी लड़की आप सभी के सामने पेश करने जा रही हूँ यदि आप को मेरी यह खुनम खान वर्जिन चूत की हिन्दी सेक्स स्टोरी पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के सहत व्हाटसप और ट्विटर पर जरुर जरुर शेयर करना दोस्तों ये दोनों सोशल साईट एडल्ट कंटेंट को सपोर्ट करती है इस लिये आप इन दोनों सोशल मीडिया के माध्यम से हमारी हिन्दी सेक्स स्टोरी अपने चाहने वालो के साथ शेयर कर सकते है.

दोस्तों मैं अपने जीवन में कुछ करना चाहती थी लेकिन मेरे मादरचोद पिताजी हमेशा मुझे कहते कि तुम एक लड़की हो और तुम कभी कुछ नहींकर पाओगी। वह मुझे हमेशा ही कम आंका करते थे और कहते कि तुम पढ़ने में भी ठीक नहीं हो लेकिन उसके बावजूद भी मैं अपनी पढ़ाई पूरे ध्यान से किया करती थी। समय बीतता चला गया और मेरा कॉलेज भी पूरा हो गया मैं अब घर पर ही थी लेकिन मुझे कुछ करना था मुझे कुछ समझ नहीं आया कि मुझे क्या करना चाहिए।

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मैं सोचती की मुझे किसी कंपनी में जॉब करनी चाहिए या कुछ और करना चाहिए फिर मेरी एक रंडी सहेली ने मेरी मदद करी और कहा तुम किसी बड़ी कंपनी में जॉब के लिए ट्राई करो। उसके बाद मेरी जॉब लग गई हालांकि मुझे अपने मादर चोद पिताजी के साथ इस बात को लेकर काफी झगड़ा करना पड़ा उसके बाद ही उन्होंने मुझे जॉब करने के लिए कहा। मेरे मादर चोद पिताजी का मानना था की जो लडकियाँ जॉब करती है वो बिगड़ जाती है और शादी से पहले गैर मर्दों के साथ जिस्मानी रिश्ते बना बैठती है.

पहले वह मुझे मना कर रहे थे लेकिन मैंने जब उन्हें समझाया तो वह मान गए परंतु उसके बावजूद भी वह मेरी जॉब से खुश नहीं थे और हमेशा ही कहते रहते कि तुम जॉब मत करो लेकिन फिर भी मैंने जॉब करने के बारे में सोचा। पिताजी भी अब बीमार रहने लगे थे अब मेरे दोनों बहनचोद भाइयों के कंधों पर ही घर की सारी जिम्मेदारी थी और वह दोनों भी बिल्कुल मेरे मादरचोद पिताजी की तरह ही एक नुम्बर के रंडी बाज हैं । “लंड गुसते ही मेरी वर्जिन चूत से खून की धार निकलने लगी हिन्दी सेक्स स्टोरी”

वह दोनों मुझे कहने लगे कि तुम जॉब छोड़ दो नहीं तो बिगड़ जाओगी और गलत काम में पड़ जाओगी लेकिन उसके बावजूद भी मैंने जॉब नहीं छोड़ी मैं अपनी जॉब करती रही उसी दौरान मेरी मुलाकात रंडी चोद चन्दन से हुई। जब मेरी मुलाकात पहली बार रंडी चोद चन्दन से ऑफिस में हुई तो उसे पहली नजर में देखते ही मुझे ऐसा लगा कि जैसे मैं कई वर्षों से उसे जानती हूं. दोस्तों मुझे उससे प्यार हो गया था और रंडी चोद चन्दन भी कहीं ना कहीं मेरे सेक्सी जिस्म की तरफ आकर्षित होने लगा था हम दोनों ही जवानी में बहकने लगे थे।

ऑफिस में वह मुझसे बात किया करता था हम दोनों ने अपने दिल की बात किसी से नहीं कही लेकिन उसी दौरान मेरी सगाई मेरे मादरचोद पिताजी ने किसी और बहन के लौड़े के साथ तय कर दी। वह कहने लगे यदि तुम्हें अपनी जॉब करनी है तो तुम्हें हमारी बात माननी पड़ेगी मैं उन्हें शादी के लिए मना करती रही लेकिन वह मेरी बात नहीं माने। वह कहने लगे कि तुम्हें मेरे बचपन के दोस्त के लड़के बहन के लौड़े शशांक के साथ शादी करनी पड़ेगी, बहन के लौड़े शशांक मुझे पहले से ही पसंद नहीं था मुझे नहीं मालूम कि वह मुझे अच्छा क्यो नही लगता।

जब भी मैं बहन के लौड़े शशांक से बात करती तो मुझे उससे बात करना बिल्कुल भी अच्छा नही लगता था लेकिन मेरे मादरचोद पिताजी की जिद के आगे मैं मजबूर थी। मैंने मेरी रंडी माँ से कहा कि मैं उस बहन के लौड़े शशांक के साथ सगाई नहीं कर सकती मेरी रंडी माँ कहने लगी बेटा हम तुम्हारे पिताजी के आगे क्या कह सकते हैं।

सारे घर की जिम्मेदारी उन्होंने उठाई है और इतने वर्षों तक उन्होंने मेहनत की है यदि हम लोग इस बारे में उनसे कुछ कहेंगे तो उन्हें बुरा लगेगा इसलिए तुम उनकी बात मान जाओ। मैंने जब यह बात रंडी चोद चन्दन को बताई तो वह कहने लगा सुष्मिता तुम्हारी अपनी भी कुछ इच्छाएं है तुम्हें अपने हिसाब से भी चलना चाहिए। तुम अपने मादरचोद पिताजी की बात मान जाओगी तो तुम अपनी जिंदगी नही जी पाओगी तुम यदि अभी कुछ समय चाहती हो तो तुम्हें उनसे कहना चाहिए।

मैंने रंडी चोद चन्दन से कहा वह मेरी बात नहीं मानेंगे और कभी भी वह इस बात को स्वीकार नहीं करेंगे कि मैं कुछ और समय लूं क्योंकि पिताजी ने अब मेरी सगाई बहन के लौड़े शशांक के साथ करने के बारे में सोच लिया है वह बिल्कुल भी मेरी बात नहीं मानने वाले। मुझे बहन के लौड़े शशांक बिल्कुल भी पसंद नहीं है उसकी हरकतें और उसका बात करने का तरीका मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता। रंडी चोद चन्दन ने मुझे काफी समझाया लेकिन मैं रंडी चोद चन्दन से अपने दिल की बात ना कह सकी और ना ही रंडी चोद चन्दन ने मुझे कभी इस बारे में कुछ कहा था।

मेरे पास भी अब कोई रास्ता नहीं था इसलिए मुझे बहन के लौड़े शशांक के साथ सगाई करनी ही पड़ी और फिर हम दोनों की सगाई हो गई मेरे मादरचोद पिताजी इस बात से बहुत खुश थे कि मैंने उनकी बात मान ली। उस रात उन्होंने मुझे कहा की बेटा चलो छत पर बैठते हैं आज मौसम काफी अच्छा है हम दोनों छत पर चले गए मेरे मादरचोद पिताजी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा देखो सुष्मिता बेटा हमने तुम्हें बचपन से कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं होने दी। वह कहने लगे तुम्हें मालूम है ना कि मैंने जीवन में कितना संघर्ष किया है उसके बावजूद भी मैंने तुम लोगों के ऊपर कभी भी आंच नहीं आने दी और तुम्हें किसी भी चीज की कमी होने नहीं दी।

मैं तुम्हें हर बार काम करने के लिए मना करता रहा लेकिन उसके बावजूद भी तुम जॉब करने लगी मैंने पिता जी से कहा पिता जी आप ठीक कह रहे हैं लेकिन मेरे भी कुछ सपने हैं मैं उन्हें पूरा करना चाहती हूं। पापा कहने लगे कि बेटा मुझे मालूम है तुम्हारे भी कुछ सपने हैं लेकिन मैंने भी कभी तुम्हें किसी चीज के लिए रोका नहीं है हालांकि मैं तुम्हारे पर थोड़ा सख्ती जरूर दिखाता हूं लेकिन उसका यह मतलब नहीं है कि मैं तुम्हारे बारे में कभी नहीं सोचता, तुम बहन के लौड़े शशांक के साथ शादी करके खुश रहोगी।

मैं भी अपने पिताजी को उस वक्त कुछ कह नहीं पाई और मेरी सगाई कुछ दिनों बाद ही बहन के लौड़े शशांक से होने वाली थी लेकिन मेरे दिल में तो रंडी चोद चन्दन के लिए जगह थी। और मैंने रंडी चोद चन्दन को कुछ नहीं कहा था और जब मेरी सगाई हो गई तो उसके बाद भी रंडी चोद चन्दन को मैं अपने दिल से नहीं निकाल पाई मैं रंडी चोद चन्दन के बारे में ही सोचा करती। मैं भी अपने ऑफिस जाया करती थी और बहन के लौड़े शशांक और मेरे बीच में फोन पर बात होती रहती थी बहन के लौड़े शशांक भी कोशिश कर रहा था कि हम दोनों के रिश्ते सुधर जाएं। बहन के लौड़े शशांक को यह बात अच्छे से मालूम थी कि मैं उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं करती लेकिन वह तो मेरे मादरचोद पिताजी की जिद के आगे मुझे उससे शादी के लिए हां कहना पड़ा।

मैं बहन के लौड़े शशांक के साथ खुश नहीं रहने वाली थी इस बात का मुझे पहले से ही मालूम था समय बीता जा रहा था और मेरी शादी का समय नजदीक आने लगा। एक दिन मैं बहन के लौड़े शशांक से फोन पर बात कर रही थी उस वक्त मैं ऑफिस में ही थी मैंने उसे कहा मैं तुम्हें लंच टाइम में फोन करूंगी मैंने फोन रख दिया। मैंने लंच टाइम में जब बहन के लौड़े शशांक को फोन किया तो बहन के लौड़े शशांक कहने लगा तुम मुझसे बात ही नहीं कर रही हो मैंने उसे कहा ऐसा कुछ भी नहीं है मैं उस वक्त ऑफिस में बिजी थी इसलिए तुमसे बात नहीं कर पाई। बहन के लौड़े शशांक मुझे कहने लगा शायद तुम मुझसे शादी नहीं करना चाहती हो, उसके बाद हम दोनों के बीच काफी झगड़े शुरू हुए। रंडी चोद चन्दन भी शायद मेरे पीछे ही खड़ा था रंडी चोद चन्दन ने सब सुन लिया था।

उसने पीछे से मेरे कंधे पर हाथ रखा और वह मुझे समझाने लगा कि अभी तुम फोन रख दो बाद में बहन के लौड़े शशांक के साथ बात करना। मैंने फोन रख दिया मैंने रंडी चोद चन्दन से कहा तुम्हें अब मैं क्या बताऊं बस मैं बहन के लौड़े शशांक से परेशान हो चुकी हूं और उससे मैं बिल्कुल भी शादी नहीं करना चाहती लेकिन मेरी मजबूरियां मेरे आड़े आ जाती है मुझे कुछ समझ नहीं आता कि मुझे क्या करना चाहिए।

तब मुझे रंडी चोद चन्दन कहने लगा तुम फिलहाल खुश रहने की कोशिश किया करो और इन सब चीजों के बारे में ना ही सोचो तो ठीक रहेगा। मैंने उससे कहा तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो मुझे इन सब चीजों के बारे में सोचना नहीं चाहिए और मुझे अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। उस वक्त मैं अपने काम पर भी अच्छे से ध्यान नहीं दे पा रही थी और मेरा ध्यान पता नहीं कहां रहता था।

मैं रंडी चोद चन्दन के साथ अपने सुनहरे पलों को बताना चाहती थी मैंने सोच लिया था कि मैं रंडी चोद चन्दन से अकेले में मिलूंगी। मैं और रंडी चोद चन्दन जब अकेले में मिले तो वह मुझे समझा रहा था मैं उसकी तरफ बड़े ध्यान से देख रहा था मैंने जैसे ही रंडी चोद चन्दन से कहा मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है तो वह मेरे चेहरे की तरफ देखने लगे और कहने लगा तुम्हारा दिमाग तो सही है तुम यह कैसी बात कर रही हो मैंने कभी तुम्हारे बारे में ऐसा नहीं सोचा। “लंड गुसते ही मेरी वर्जिन चूत से खून की धार निकलने लगी हिन्दी सेक्स स्टोरी”

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उस दिन मैं अपने आप पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पाई मैंने उसके सामने अपने कपड़े उतार दिए और नंगी हो गई. मैंने जब उसके सामने अपने कपड़े उतारे तो वह मेरी तरफ देखने लगा और मुझे कहने लगा देखो सुष्मिता मैंने तुम्हारे बारे में कभी ऐसा नहीं सोचा। मैंने उसे कहा तुम मेरी फीलिंग को समझो मैंने जब उसके होठों पर किस किया तो वह भी पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगा उसने मेरे बदन को महसूस करना शुरू कर दिया।

उसने मुझे नंगी लेटाकर मेरे मोटे मोटे स्तनों के निप्पलो से काफी देर तक रसपान किया और मेरे मोटे मोटे स्तनों से खून निकाल कर रख दिया। मुझे बड़ा मजा आ रहा था जैसे ही रंडी चोद चन्दन ने मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटना और चोदना शुरू किया मुझे आनंद आने लगा और में गर्म होने लगी।

मेरी चूत से लगातार पानी बाहर निकल रहा था जैसे ही रंडी चोद चन्दन ने अपन लंड को मेरी चूत के अंदर प्रवेश करवाया तो मैं मचलने लगी और मुझे बड़ा मजा आने लगा। उसका लंड गुसते ही मेरी वर्जिन चूत से खून की धार निकलने लगी। जिस प्रकार से वह मुझे धक्के देता तो मेरे मुंह से दर्द के कारण चीख निकल रही थी और मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो रही थी। उसने मेरे दोनों पैरों को कसकर पकडा हुआ था और बड़ी तेज गति से मुझे धक्के दिए जा रहा था।

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कछ देर बाद उसने मेरे दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा और उसके बाद उसने इतनी तेज गति से मुझे धक्के दिए कि मेरा पूरा शरीर डर के मारे कांपने लगा। मैंने उसे कहा मुझे बहुत दर्द हो रहा है तुम ने मेरी चूत फाड़ डाली है तो वह कहने लगा डार्लिंग मुझे बड़ा मजा आ रहा है तुम्हारी टाइट फटी हुई खुनम खान चूत को चोदने में डार्लिंग में बहुत किस्मत वाला हूँ की मुझे आज तुम जैसे वर्जिन हॉट लड़की की चूत को फाड़ने का सोभाग्य प्राप्त हुआ.

अभी इसके बाद तुम्हारी गांड भी मरूँगा। मैंने उसे कहा मैं झडने वाली हूं वह कहने लगा कोई बात नहीं मेरा तो अभी बाकि है फिर वह मुझे बड़ी तेज गति से धक्के दे देकर पेलने लगा. थोड़ी देर बाद मेरी गर्मी शांत हो गई. जब मैं झड़ गई तो मैंने उसे अपने पैरों के बीच में दबोच लिया।

वह मुझ लंड की भूखी रंडी की खून से संदी चूत में बहुत ही ज्यादा जोर जोर से धक्के मारे जा रहा था मुझे मीठे मीठे दर्द के साथ साथ आनंद भी मिल रहा था दोस्तोंआब मेरी चूत से खून के साथ साथ कुछ चिपचिपा पदार्थ भी बह रहा था वो शायद मेरा वीर्य था. करीब आधे घंटे की शानदार चुदाई के बाद रंडी चोद चन्दन का गरमा गर्म वीर्य मेरी वर्जिन फटी हुई चूत में गिरने वाला था आज में अपनी वर्जिन चूत को फडवाकर बहुत खुश थी.

थोड़ी देर बाद जब उसका वीर्य निकला तो उसने मेरी फटी हुई चूत के अंदर ही अपने वीर्य को प्रवेश करवा दिया। मैंने कभी सोचा नहीं था कि वह मेरी चूत के अंदर अपने वीर्य को प्रवेश करवा देगा लेकिन मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ उसके बाद मेरी शादी बहन के लौड़े शशांक के साथ हो गई लेकिन अब भी रंडी चोद चन्दन और मैं मौका पाकर होटल में जाकर चुदाई का भरपूर आनंद लेते हैं। दोस्तों यदि आप सभी लोगो को मेरी यह वर्जिन चूत चुदवाने की इंडियन हिन्दी सेक्स स्टोरी “लंड गुसते ही मेरी वर्जिन चूत से खून की धार निकलने लगी हिन्दी सेक्स स्टोरी” पसंद आई हो तो निचे लाइक बटन पर जरुर क्लिक करना.

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