मम्मी को पापा से चुदवाते देख भाई को अपनी वर्जिन चूत दे डाली हिंदी सेक्स स्टोरी : हेल्लो दोस्तो आज मै आप को मेरी पहली चुदाई की दास्ताँ इस हिंदी सेक्स स्टोरी के माध्यम से सुनाने जा रही हूँ. मै उम्मीद करती हु की आप सभी को मेरी चूत की झिल्ली फटवाने वाली ये हिंदी सेक्स स्टोरी आप सभी को बहुत पसंद आयगी. पहले मै आप सभी को मेरे बारे में बता देती हूँ. दोस्तों मेरा नाम निहारिका है और मेरा जिस्म गोरा और और बहुत आकर्षित है जो कोई मुझे एक बार देख ले मेरे नाम की मुठ मारे बिना नहीं रह पाए. मेरा एक भाई भी है और वो मुझसे 4 साल बड़ा है और उसका नाम चिराग है और वो हॉस्टल में रहता है और अभी कुछ दिनों के लिये घर आया हुआ था. यहाँ भी देंखे मम्मी पापा इतनी रात में करते क्या हैं-पापा किसी छोटे बच्चे की तरह मम्मी के चूचों को चूस रहे थे जिससे चुस्स चुस्स की आवाज लगातार आ रही थी। मम्मी के हाथ पुनः पापा की पीठ पर चल रहे थे Hindi Sex Stories
जब भाई छूट्टीयो मे घर आया तो वो मुझसे आते ही गुस्सा हो गया क्यूंकी उसके जाने के बाद मैने उसका बैडरूम ले लिया था. पर पापा बोले, ‘चिराग जब तक तू यहा है तब तक निहारिका हमारे बैडरूम मे सो जाएगी.’ वो और मैं दोनो मान गये. जब उसे रात मैं पापा-मम्मी के बैडरूम मे सो रही थी तब रात को मुझे मेरी मम्मी की कसमसाहट की आवाज सुनाई दी और मैं जाग गयी पर सिर्फ़ थोडिसी आखें खोलके देखने लगी और जो नजारा था उसे देख मेरी नींद उड़न छु हो गयी. मेरे पापा और मम्मी दोनो ज़मीन पे बिल्कुल नंगे एक दुसरे से चिपक कर लेटे हुए थे.
मम्मी को पापा से चुदवाते देख भाई को अपनी वर्जिन चूत दे डाली हिंदी सेक्स स्टोरी
यहाँ क्लिक करे >> श्रीदेवी भी चुद गई श्रीदेवी की चुदाई Sridevi fucking images
मेरे पापा मम्मी के दोनो दूध से भरे मोटे मोटे बूब्स को बरी बरी से अपने मुह में लेकर चूस रहे थे. मैं ये देख के दंग हो गयी, फिर मम्मी ने पापा का लंड अपने हांथो में लिया और उनकी मुठ मरने लगी थोड़ी देर में ही मेरे पापा का लंड तन कर 12 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा हो गया दोस्तों अपने पापा का इतना बड़ा और मोटा लंड देख मैं तो घबरा गयी. मै कल्पना करने लगी यदि मेरे पापा का लंड मेरी चूत में गुस गया तो मेरी चूत के तो परखछे उड़ जायंगे.
दोस्तों मुझे मम्मी को पापा से चुदवाने देख बहुत जोश चढ़ गया था तो मै अपनी चड्डी के अंदर अपना हाथ डाल कर पानी चूत में ऊँगली करने लगी. फिर पापा ने अपने 12 इंच लम्बे और 4 इंच मोटे लंड को मेरी मम्मी की चूत पर रख के ज़ोर का झटका दिया और मा कसमसा उठी, तब मैने भी मेरे वर्जिन चूत के अंदर गीला पन महसूस किया और मुझे कुछ अजीबसा लगने लगा. सुबह जब बातरूम जाके मैने मेरी चड्डी उतरी और उसे हाथ मे पकड़ा तो मुझे चिपचिपा लगा और उसे नाक से सूंघने पर एक वासना भारी अंगड़ाई आई. मेरी मम्मी को पापा से चुदवाने देख मैं तो जैसे बावरी हो गयी. उसे दिन पहली बार मैने खुद को पूरे कपड़े उतार के नंगा देखा और खुदके छोटे छोटे बूब्स को सबारा. हे क्या बतऊ मेरी हालत. उसके बाद मैने चार दिन मा और पापा का वो खेल रोज रात को चुपके से देखा.
अब मैं 16 की होगई थी और पूरी जवान लगने लगी थी. पर मुझे किसी लड़के ने अभी तक छुआ नही था. मेरा भाई भी अब 20 का हुआ था और स.य.ब्कॉम कर रहा था. मैने भी 10त पास कर लिया था और पापा ने मुझे भी भाई के साथ दिल्ली के उसीके कॉलेज मे 1२वी के लिए भेज दिया. भाई और मैं जब मुंबई पह्ोचे तब जोरो की बारिश चल रही थी और हम दोनो भीग गये थे. भाई तब एक चल मे रहता था जिसमे एक छोटसा बैडरूम किराए पे लिया था. यहाँ भी देंखे भाई की अपनी वर्जिन बहन के जिस्म को भोगने की लालसा हिन्दी सेक्स स्टोरी बैडरूम मे ही टॉयलेट और बाथरूम था पर बातरूम को दरवाजा नही था. भाई अकेला होने के वजह से उसे तकलीफ़ नही हुए पर अब मुझे वाहा नहाने को परेशानी होगी ये मैने कहा तो उसने कहा, ‘ जब तुम नहाने जाओगी तब मैं बैडरूम क बाहर चला जौंगा और तुम अंदर नहा लेना, फिर दरवाजा खोलना.’ मैं इस बात पे मान गयी.
दूसरे दिन हम कॉलेज पहुचे उसने मेरा दाखिला करा दिया और हम रोज़ साथ मे ही घर से कॉलेज जाते और साथ ही घर आते. आते आते कभी हम समान बाजार से ले आते और मैं घर मे ही खाना पकाती और भाई भी मुझे हेल्प करता था. इस दौरान ही मुझपे जवानी चढ़ने लगी थी. कॉलेज मे हमे बहुत लोग बाय्फ्रेंड-गर्लफ्रेंड ही समझते थे. मुझे भी वो अछा लगता था. जब कभी भाई मुझे खाना बनाने मे हेल्प करता तो उसका हाथ कभी कभी मेरे स्तानो को छू जाता और मेरे जिस्म मे एक ही सिरसिरी भर जाती, पर ये वो जानभुज के करता या अंजाने हो जाता ये उसे ही पता. ऐसे ही दो महीने बीत गये.
हमारे घर के पास ही एक मेला लगा, मैने भाई को कहा चलो मेला घूम आते है, भाई भी तैयार हुआ और हम शाम को मेला देखने चले गये. घूमते घूमते हम भाई के एक टीचर मिल गये, उन्हे लगा मैं भाई की पत्नी हू, और वो कुछ सुनने के पहेले ही कह गये, ‘जोड़ा खूब जज्ता है, कुश खबर जल्दीही देना.’ और्र मैं और भाई शरम के मारे पानी पानी हो गये. आयेज हम दोनो आकाश झूले मे बैठे, जैसे झूला उपर जाता मैं भाई को कस क पकड़ लेती थी क्यूंकी मुझे बहोट दर्र लगता है. तब मेरे स्तन भाई के खांडे को चिपक जाते, और जाँघ से जाँघ च्पक गई थी. मेरी आखे बंद थी और मेरे सलवार के उपर से मेरे स्तन दिख रहे थे, भाई उन्हे आखे फाड़ के देख रहा था (ये उसने मुझ बाद मे बताया) जब हम झूले से नीचे उतरे तो भाई मेरी तरफ अलग ही नज़र से देख रहा था.
घर जाते जाते बारिश ने हमे घेर लिया और मैं और भाई पूरी तरह भीग गये. मेरे सलवार सफेद थी और भीगने के कारण मेरी ब्रा क्लियर नज़र आ रही थी जिसे भाई घूर रहा था. जैसे तैसे हम रूम पहुचे और दरवाजा बंद कर लिया. भाई ने कहा, “निहारिका तुम कपड़े बदल लो मैं बाहर खड़ा रहता हू.’ तो मैने कहा,’भाय्या रहएने दो आप पीठ कर के खड़े हो जाओ, मैं झट से कपड़े बदलती हू.’ वो मान गया. मैं कपड़े बदल रही थी, जैसे ही मैने मेरा सलवार उतरा मुझे चिराग की हल्की सिसकी सुनाई दी, मैं समझ गयी की वो मुझे देख रहा है.
यहाँ भी देंखे पापा कमाने मे और मम्मी चुदवाने मे व्यस्त इंडियन हिंदी सेक्स स्टोरी बॉलीवुड स्टार आलिया भट्ट की मेरे भी जिस्म मे एक लेहायर आ गयी और मानो एक सेकेंड मे मेले की बाते और मा-पापा का सेक्स मेरे आखो के सामने आ गया और मुझे नीचे गीला लगने लगा. बाद मे मैने उसके तरफ देखा और कपड़े बदले पर उसने नही देखा. थोड़ी देर बाद उसने उसके कपड़े बदले तब मैं चोरी से उसकी अंडर पंत को देखा तू वो एक तुंबो जैसे लग रही थी. मैं समाज गयी के भाई का लंड खड़ा हो गया है.
उस रात मैं रोज़ की तरह नीचे ज़मीन पे सो रही थी और भाई पलंग पे. वो पलंग पे पेट के बाल सॉयके सोने का नाटक कर रहा था और मेरे उभरो को देखे जेया रहा था. मैने भी उसे उतेज़ित करने के लिए पल्लू निकल दिया था, ताकि उसे मेरे स्तानो क बीच की खाई दिखे. उस रात मैं बहोट देर तक सोचती रही की ये सही है या ग़लत, वो मेरे मेरी वर्जिन चूत की खुजली भाई को सोच सोच और ही बढ़ रही थी. वैसे भी वो मेरा सौतेला भाई था और उसके तरफ भी आग लगी थी, पर उसकी हिम्मत नही थी कुछ करने की. फिर मैने ही एक प्लान बनाया.वो ऐसा,
दूसरे दिन सुभह जब मैं नहाने निकली तो भाई बाहर जाने लगा, मैने कहा, ‘चिराग भाय्या, आप यही रूको, जब आप बाहर जाते हो तो बाजू के लोग, बाड़मे मुझे घूरते है.’ तो भाई रुक गया और पलंग पे पीठ कर के बैठ गया. मैने पल्लू का परदा किया और नहाने लगी. नहाते वक़्त मैं गाना गाने लगी, “सजना है मुझे, सजना के लिए…” तो भाई ने देखे और झट से फिर मूड गया. मैने जानबूजके टवल पलंग पे ही रखा था.
नहाना होने के बाद मैने भाई को कहा की मुझे टावल देना, तब मैं स्टूल पे बैठ के दोनो पैर के बीच स्तन छुपाके बैठी थी. और मेरा कुर्ता गीला होने के वजह से मेरी पनटी और गीली भारी हुई जंघे दिख रही थी. मैने परदा हल्के से खिछा और टवल लेने के लिए थोड़ी उठी. उठाते ही मेरा लेफ्ट स्तन पूरा भाई को दिखा और उसके मूह से सिसकारी निकले. यहाँ भी देंखे रक्षाबंधन के दिन बहन को चोद कर प्रेग्नेंट करा और उसका घर बसाया हिन्दी सेक्स स्टोरी मैने ऐसा बर्ताओ किया की ये अंजाने मे हुआ और बैठ गयी, बैठते ही उसे मेरी पनटी दिखी. और उसके पंत मे मुझे हलचल दिखी. मैं जान गयी की तीर निशाने पे लगा है.
उस दिन मैं सोचती रही के अब आगे क्या करना है और उस रात खाना खाने क बाद, मैने भाई से कहा “ तुम सो जाओ मैने सहेली से नोट्स लाए है जो मुझे कंप्लीट करने है.” तो वो सोने की तायारी करने लगा और मैं नीचे बैठ क नोट्स कंप्लीट करने लगी. वो फिरसे पलंग पे पेट क बाल लेट क सो रहा था. मैं नोट्स लिखते वक़्त थोड़ी झुक क लिख रही थी जिससे मेरी स्तानो क बीच की खाई उसे थोड़ी थोड़ी दिख रही थी. मैने सोचा क भाई को गरम करने का ये चान्स छोड़ना नही छाईए इसलिए मैने गर्मी हो रही है ये दिखा क पल्लू निकल दिया और तोड़ा और झुक क लिखने लगी. उसकी थोड़ी सिसकी से मुझे पता चल गया की चिंगारी ने आग पकड़ ली है.
भाई भी सोने का नाटक कर रहा था और मुझे देख रहा था. ऐसे ही 20-25 मिनिट बीट गये. मैने तोड़ा सोचा और एक बार भाई क तरफ देखा तो झट से उसने आखे बंद की और जताया क वो सो रहा है. मैं झट से उठी और मेरा कुर्ता उतार दिया. ये भाई ने कभी सोचा ही नही था क मैं ऐसा कुछ करूँगी. उसे तो जैसे 440वॉल्ट का करेंट ही लग गया. उसने उसकी उक्सुकता थोड़ी कम की और सोने का नाटक चालू रखा. पर यह मेरे मेरी वर्जिन चूत से पानी बहना शुरू हो गया था. वो मेरे दोनो द्तानो को घूर रहा था, मैं भी उसका मज़ा ले रही थी. और 10-15 मीं तक मैने कभी मेरे स्तानो पे का पसीना कभी कुर्ते से तो कभी टवल से पोछा जिसे भाई और उत्तेजित हो. मेरा तो बुरा हाल था, उत्तेजना के कारण मेरे दोनो स्तन कड़क हो गये थे और सीधे हो गये थे.
फिर मै उठकर मुतने के लिए बातरूम गयी, और दरवाजा भी नही लगाया ताकि मेरे भाई को मेरे हुस्न का दीदार हो जाए और उसके अंदर का जानवर जग उठे. फिर मै मेरी चड्डी निचे उतार नीचे बैठ कर मूतने लगी ताकि मेरी गांड का घेरा और छेड़ भाई को सॉफ साफ दिखाई दे. मेरे जिस्म के दर्शन पते ही मेरा भाई तो जैसे सातवे आसमान पर था. मैं ज़ोर देके मूतने लगी ताकि मेरे शूशु…………. की आवाज़ हो. उस रात के सन्नाटे मे वो आवाज़ कुछ असर कर गयी.
मैं सोने के लिए गयी तो बारिश शुरू हो गयी और जहा मैं सोती थी वही से पानी टपकने लगा. और मेरी रज़ाई और चादर भीग गये. पानी की आवाज़ से भाई भी नींद से उठने का नाटक किया और बोला “ कोई बात नही निहारिका यहा आजओ उपर.कल छत ठीक कर लेंगे.” मूज़े जैसा चाहिए था वैसा ही हुआ और मैं झट से पलंग पे लेट गयी. यहाँ भी देंखे इंडियन हिंदी सेक्स स्टोरी – पापा का बिग ब्लैक कोक और मेरी मम्मी की मासूम चुत भाई से तोड़ा अंतर ले क सोने लगी(वैसे अब हम दोनो सोने का नाटक कर रहे थे) मैने थोड़े देर बाद नींद मे हू ऐसा दिखाते भाई क पेट पर हाथ रख दिया और तोड़ा तोड़ा हाट उपर नीचे करने लगी. जिस से उसका लंड उत्तेजित हो गया और उसके पाजामे मे तंबू बनाने लगा.
मेरे बहन छोड़ भाई ने भी उसका हाथ मेरे छाती पर रख दिया और मेरे मोटे मोटे स्तानो पे फेरने लगा. अब आग पूरी लग गयी थी और बस मंज़िल थोड़ी ही दूर थी. तभी वो उठा और अपनी पाजामा और चड्डी निकल दी और पूरा नंगा हो गया. तब मेरा हाथ मेरे बहन चोद भाई की जाँघ को सहला रहा था. फिर मेरा भाई मेरी तरफ मुड़ा और मुड़ते ही उसका लंड मेरी हथेली मे आ गया. मैने भी उसे थोडा जोर से दबाया और अपने भाई के लंड को मुट्ठी में दबाकर मुठ मारने लगी और एक बार बही को झडा डाला और उनका सारा का सारा वीर्य अपने मुह के अंदर डाल कर गटक गई और तभी मेरे भाई ने झट से मेरे एक स्तन को ज़ोर से दबाया. बस अब हम दोनो क बीच की सब दीवारे टूट गयी और हम एक दूसरे को लिपट गये.
भाई ने मेरे गुलाबी गुलाबी होंठो को चूमा. फिर भाई ने धीरे धीरे मेरे स्तन दबाए, मैने भी उसके लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करना शुरू किया. भाई ने मेरा कुर्ता और सलवार उतार दिया अब मैं सिर्फ़ चड्डी मे थी . मैने भी भाई के कपडे उतार डाले और उसकी बालो वाली छाती चूमने लगी. भाई मेरे स्तानो को मूह मे लेके चूसने लगा, कभी एक कभी दूसरा. मेरे मुहसे सिसीकिया निकालने लगी, “हे… अफ… आ…और ज़ोर्से…” ये सुनके भाई और ज़ोर्से चूसने लगा. मैं भी उसका लंड हाथ से ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी, जिसके वजह से भाई भी सिसकिया निकालने लगा…
यहाँ भी देंखे ऑडियो सेक्स स्टोरी भाई के लम्बे और मोटे लंड से चुद गई Hindi Audio Sex Story अब मैने उल्टा होकर उसका लंड मूह मे ले लिया और वो मेरी गोरी गोरी वर्जिन चूत चाटने लगा… हम 69 के पोज़िशन मे थे और मुखमैथून का आनंद ले रहे थे, मेरी गोरी गोरी वर्जिन चूत झड़ने लगी और भाई ने सारा पानी पी लिया. मैने भी उसका पानी झड़ने के बाद पी लिया… वा क्या स्वाद था उसका… हम दोनो का पानी चाड़ने के वजह से हम थोड़े सुस्त होगआय और एकदुसरे के बहो मे लिपट के लेते रहे.
थोड़ी देर बाद भाई का लंड फिरसे खड़ा होने लगा, जब उसने मुझे दिखाया तो मैं खुश हो गयी और उसे मूह मे लेकर धीरे धीरे चूसने लगी वो मेरे स्तानो को दबाने लगा. भाई का लंड अब पूरे जोश मे आगेया था, और इस बार मैं उसे मुझमे समाने के लिए बेताब थी. मैं झट से बिस्तर पे लेट गयी और भाई को चढ़ने को कहा. भाई ने भी पोज़िशन ली, और मेरे उपर आ गया, पर उसे मेरे मेरी वर्जिन चूत का छेड़ मे डालते ही नही आ रहा था.
तो मैने मेरे कुल्हो के नीचे तकिया रखा और टांगे फैला दी, जिससे मेरा छेड़ तोड़ा खुल के दिखने लगा. भाई उस पे आया और एक ज़ोर से धक्का लगाया, जिस से उसके लंड का सूपड़ा मेरी गोरी गोरी वर्जिन चूत चीरता हुआ अंडर चला गया. मैं ज़ोर से चीलाई पर उतने मे भाई ने मेरे होंटो मे उसके होंटो को डालके चूमा. मुझे बहोट दर्द होने लगा और मैं रोने लगी, तो उसने उसका लंड बाहर निकल लिया. जब मैने अपनी वर्जिन चूत को देखा तो उससे खून निकालने लगा था, और ऐसा दर्द हो रहा था जैसे किसीने उसे फाड़ दिया हो…
यहाँ भी देंखे मौसेरी बहन की वर्जिन चूत से खून निकलने लगा चुदाई के दौरान हिन्दी सेक्स स्टोरी भाई ने मुझे समझाया मेरी प्यारी बहन आज तुम्हारी चूत की झिल्ली फट गई है और आज तुम्हारा कोमार्ये भंग हुआ है… “निहारिका, ऐसा तो होता ही है. आज तू काली से फूल बन गयी है.” भाई के समझने से मुझमे तोड़ा जोश आया और मैं उसे बोली, “चिराग मुझे बहो मे लेलो.” उसने झट से मुझको लिपट लिया. अब भाई ने मुझे फिरसे लेता दिया और अपनी हाथ के उंगली को मेरी गोरी गोरी वर्जिन चूत मे डाला और आयेज पीछे हिलाने लगे.
इससे मुझे फिर से उत्तेजना होने लगी और मैं तयार होने लगी, थोड़ी देर ऐसे करने के वजह से मेरे मेरी वर्जिन चूत से पानी आने लगा और भाई ने उसे पी लिया और मेरी गोरी गोरी वर्जिन चूत ज़बान से चटकार सॉफ करने लगा. अब मुझेसे रहा नही जा रहा था. सो मैं ने भाई को मेरे उपर आने का आमंत्रण दिया. वो झट से उपर आया पर इस बार धीरे धीरे उसका लंड मेरी वर्जिन चूत मे डालने लगा. दो-तीन झटको मे ही उसका आधा लंड मेरी गोरी गोरी वर्जिन चूत मे चला गया. अब मेरा बहन चोद भाई आगे पीछे हिलने लगा और अपने एक हाथ से मेरा स्तन बहुत जोर जोर से दबाने लगा.
यहाँ भी देंखे इंडियन सेक्स स्टोरी हिंदी में – पापा मम्मी के साथ पीछे से सू सू घुसा कर कुछ कर रहे थे – मेरी प्यारी बेटी तेरे पापा के सू सू का नाम लण्ड है और तेरी सू सू को.. भाई से चुदवा कर अब मुझे बहुत अच्छा लगने लगा और मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी, “ भैया आज फाड़ डालो अपनी बहन की वर्जिन चूत की झिल्ली को… इस साली मेरी वर्जिन चूत को और जोर जोर से चोदो ये बहुत भूखी है लंड खाने की… भैया… अपनी छोटी बहन को आज चुदाई का सारा सुख दे दो… और जोर से डालो अपना लान अपनी बहन की चूत में… और… इश्स… अफ…” मेरे ऐसे कहेने से भाई भी जोश मे आगेया और ज़ोर्से झटके मरने लगा… 5मीं बाद मुझे लगा के मैं झड़ने वाली हूँ, मैं चिराग से बोली “भाई मैं झड़ने वाली हू… तुम भी साथ मे ही झड़ो और मुझमे ही झड़ो, मैं तुम्हारा पूरा रस अपने मे समलेना चाहती हू…” मेरे बहन चोद भाई ने वैसा ही किया और हम साथ ही झडे और झड़ने के साथ ही मेरा भाई निढाल होकर नंगा ही मेरे बगल मे लेट गया. और हम दोनो को नींद आ गयी और हम नंगे ही सो गए.
सुबह जब मैं उठने लगी तो मुझसे उठे नही जा रहा था. बहोट कोशिश करने के बाद मैं खड़ी हुई पर जैसे बातरूम जाने के लिए पैर बढ़ाया तो दर्द के मारे लड़खड़ा गयी और नीचे बैठ गयी. मेरी पहेली चुदाई के कारण मेरी वर्जिन चूत की झिल्ली फट चुकी थी और मेरी वर्जिन चूत के अंदर बहुत तेज दर्द हो रहा था और इसके वजह से मैं चल नही सकती थी. मैं वही पलंग पे बैठ गयी. मेरे बहन चोद भाई ने कहा “निहारिका, तुम कुछ दिन घर मे ही आराम करो जब ठीक हो जाओ तब ही कॉलेज जाना.” ये कहा और मेरे पास आ के मुझे एक चूमा दे के अपने क्लास के लिए चला गया. दोस्तों आप सभी को मेरी हिंदी सेक्स स्टोरी “मम्मी को पापा से चुदवाते देख भाई को अपनी वर्जिन चूत दे डाली हिंदी सेक्स स्टोरी” कैसी लगी हमें ईमेल करके जरुर बताना…