मकान मालिक की नई बहू की चुदाई करी किरायेदार ने Part – 2 Hindi Sex Story : अब तक आपने पढ़ा था कि किसी कारणवश भैया की शादी के बाद उनकी सुहागरात नहीं हो पाई थी और भाभी अपने मायके चली गई थीं. मुझे उनको लाने का कहा गया और मैं भाभी के मायके में आ गया था. इधर मेरा नसीब जाग गया और मुझे भाभी के साथ सुहागरात मनाने और उनकी चुत चुदाई करने का मौका मिल गया.
हम देवर और भाभी के बिच ये सब कैसे हुआ, आईये आगे की सेक्स स्टोरी में जानते हैं. यदि आप ने इस हिंदी सेक्स स्टोरी का पहला पार्ट नहीं पढ़ा तो सबसे पहले इस हिंदी सेक्स स्टोरी का प्रथम भाग पढ़े स्टोरी का आनंद तभी आयगा आप इस लिंक पर जाकर इस हिंदी सेक्स स्टोरी का फर्स्ट पार्ट पढ़ सकते है >> मकान मालिक की नई बहू की चुदाई करी किरायेदार ने Part – 1 Hindi Sex Story
मकान मालिक की नई बहू की चुदाई करी किरायेदार ने Part – 2 Hindi Sex Story

भाभी अर्थात मकान मालिक की नई बहू के यहां एक फायदा तो था, साला बॉथरूम जाकर आराम से मुठ मारो, पता नहीं चलेगा कि ये गया क्यों है. क्योंकि लेटबॉथ कॉमन ही था. बस क्या था, मैं गया. इस बार सपने में भाभी को पकड़ कर ऐसे पकड़ा, किस किया और फिर उनको सपने में चाटने लगा, बोलने लगा- भाभी आप ऐसी हो, वैसी हो. वहां एक 34 की ब्रा भी टंगी थी मै उस ब्रा ऐसे दबा रहा था, जैसे मकान मालिक की नई बहू के दूध से भरे मोटे बोबे दबा रहा होऊं. मुझे बड़ा मजा आ रहा था. फिर अपना लंड हाथ में लेकर मकान मालिक की नई बहू के नाम की मुठ मारी और बाहर चला आया.
उसके बाद मकान मालिक की नई बहू ने वहीं बोल दिया- क्यों देवर जी, तुम्हारा पेट बहुत खराब होता है? मैं कुछ नहीं बोला, बस स्माइल ही करके रह गया. रात के 9 बजे करीब सबने खाना खाया. भाभी के पापा ने बोला- चलो आदी, तुम हमारे साथ सो जाओ. तुम्हारी भाभी आंटी एक साथ हो जाएंगे. मैं बोला- अंकल आप सोइए, मुझे एक चादर दे दो. आप आराम से सो जाओ, मैं यहीं हॉल में सोफे में सो जाऊंगा. अंकल बोले- क्यों? मैंने कहा- मैं अभी टीवी देखूंगा, उसके बाद यहीं सो जाऊंगा. घर पर तो सोफे ही में सोता हूं. आंटी बोलीं- हां ठीक है बेटा … जैसा तुम ठीक समझो. अंकल को आंटी खींच कर ले गईं शयद आंटी का भी उंकल से अपनी चुत चुदाई करवाने का मुंड हो रहा था.
आंटी भाभी को भी बोलीं कि अब तू अपने रूम में अकेली सो जा, मैं तो अपने ही रूम ही सोऊंगी. कई दिन से नींद अच्छी नहीं आई है. मेरे हिसाब वो काफी दिनों से चुदी नहीं होंगी इसलिए अंकल भी जल्दी में उनके साथ चले गए. भाभी भी बोलीं- ठीक है मम्मी … मैं अभी यहीं मेरे देवर जी के साथ बैठी हूं, फिर चली जाऊंगी. अब मैं और भाभी हौल में अकेले बैठे टीवी देख रहे थे तभी मेरी भाभी अर्थात मकान मालिक की नई बहू बोली- क्यों मेरे प्यारे देवर जी तुम क्या करते हो? मैंने कहा- भाभी पढ़ाई … ग्रेजुएशन अभी कम्प्लीट हुआ है. अब कोचिंग क्लासेस फिर एमएससी करना है.

मकान मालिक की नई बहू ने नॉर्मल ही पूछा- वैसे कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या मेरे प्यारे देवर जी आप की ? तो मैंने कहा- भाभी है तो, पर क्यों? मकान मालिक की नई बहू बोली- अरे जब से आए हो, पर मोबाइल से नहीं लगे हो ना, इसलिए पूछा. “ऐसा कुछ नहीं, जब मिलना हो, तो मिल लेता हूँ, जब बात करना हो, तो कर लेता हूँ, ऐसे चैटिंग वगैरह कम ही करते हैं.” मकान मालिक की नई बहू बोली- हां वो सब ठीक है, वैसे तुमने बहुत ग़लत किया. मैंने बोला- भाभी क्या ग़लत किया? मकान मालिक की नई बहू बोली- चलो देवर जी बैडरूम में चलो, कुछ बताती हूं.
मैंने एकदम से सोचा कि भाभी जी मुझे बैडरूम में क्यों लेकर जा रही है? मकान मालिक की नई बहू बोली- चलो तो, डरो मत. देवर जी अपनी नई नवेली भाभी की एक बात नहीं मानोगे क्या? मैं बोला- क्या भाभी इमोशनल कर रही हो … वो भी डरा करके. मकान मालिक की नई बहू बोली- डरो मत आदी … अच्छे से चल … कुछ पूछना है, बस आ जाना और मेरा रूम भी देख लो. मैं बोला- ठीक है. मैं नई भाभी के साथ अन्दर आ गया. काफी अच्छा रूम था, तो मैंने मेरे मकान मालिक की नई बहू को कहा- नाइस रूम. मकान मालिक की नई बहू बोली- तुम्हारे भैया बोल रहे थे तुमने रिश्वत ली है … मेरे को ले जाने के लिए? मैंने बोला- क्या भाभी?
मकान मालिक की नई बहू ने तुरंत कहा- तुमने उस रात पूरा तो निचोड़ लिया था उसको … अब क्या बचा है. वैसे तू बोले तो मैं एक बार और चुदवा दूंगी, पर मेरी एक बात मान ले. मैं भाभी की चूत चुदाई जैसी गन्दी भाषा सुनकर एकदम से चौंक गया मैं तो भाभी को एक सीधी साधी लड़की समझ रहा था और वो तो गन्दी गन्दी भाषा का प्रयोग कर रही थी.
उनकी ये सब कहने पर मेरी गांड बिलकुल भी नहीं फटी क्योंकि बताना होता तो पहले ही बता देतीं. अब मैं बोला- भाभी, आप ये क्या कह रही हो? भाभी बोली- ज्यादा बन मत … तूने रेनू का नम्बर मांगा है ना और तू उसकी चुत चुदाई करना चाहता है और गांड भी मारना चाहता है क्यों….??? तेरे भैया ने बताया था कि उसको नम्बर दे दियो, वो हर काम करता है … और रेनू ने भी बताया था कि दीदी तेरी शादी में मेरी चुदाई हो गई थी तेरे देवर से उसने सब बताया.

मेरी भाभी को मेरी और रेनू की चुदाई के बारे में सब कुछ पता चल चूका था मैं हतप्रभ था और अपने मकान मालिक की नई बहू के मस्त मोटे मोटे बोबे देखे जा रहा था. मकान मालिक की नई बहू ( सेक्सी भाभी) : तो मेरा एक काम कर दे बस … फिर कुछ नहीं … और फिर उसके मजे और भी दिलवाऊंगी. मैं बोला- ऐसा है तो आप अपना काम बोलो … मैं बिना रिश्वत के कर दूंगा. मकान मालिक की नई बहू ( सेक्सी भाभी) : तू तो जानता ही है ना मेरी शादी वाले दिन स्टेज पर तेरा लंड मेरे पिछवाड़े को चूम चुका है.
शादी के दिन सपने में तू मेरी चुत चुदाई पहले ही कर चुका है ना … तो आज सुहागरात भी मना ले मेरे साथ और सच में मेरी चुदाई करके अपने लौड़े को मेरी चुत का भी स्वाद चखा डाल … यार मैंने मेरी वर्जिन चुत की सील शादी तक बचा कर रखी थी कि तेरे भैया ही तोड़ेंगे मेरी चुत की सील, पर आज तू ही तोड़ दे, मुझसे तेरे भैया से चुदाई करवाने तक का अब और इन्तजार नहीं हो रहा! मकान मालिक की नई बहू की यह बात सुन कर मैं बौखला गया था.
मकान मालिक की नई बहू ( सेक्सी भाभी) : मैंने आज तक किसी से भी अपनी चुत की चुदाई नहीं करवाई है मै आज तक बिलकुल वर्जिन हूँ. तेरे भैया से चुदाई करवाने के लिए आज तक कोरी बनी रही, पर यार अभी भी उनसे अपनी वर्जिन चुत की चुदाई करवाने के लिए एक दिन का और वेट करना पड़ेगा अब मुझसे और इंतजार नहीं करा जा रहा है. अपने मकान मालिक की नई बहू की बात सुन मै मन ही मन बहुत खुश होने लगा और अपने लौड़े पर हाथ फेरने लगा. मकान मालिक की नई बहू ( सेक्सी भाभी) : यार, आज तू मुझे अपनी रखैल बना ले. मैं बोला- ऐसा था तो आप डरा क्यों रही थीं. मैं तो आपको पहले ही चोद देता. मैं जब से आया हूं, तो दिमाग में यही सब चल रहा है. मकान मालिक की नई बहू ने कहा- अच्छा बेटा.
मैंने कहा- बचो भाभी! बस मैं मेरी हवस मिटाने अपने मकान मालिक की नई बहू के जिस्म पर भूखे कुत्ते की तरह टूट पड़ा. उसका क्या शरीर था … बहुत चिकने हाथ, चिकनी साड़ी में उनका हर अंग बहुत कोमल, चिकने फर्श की तरह कड़क माल के जैसी गर्म भाभी. मैं भाभी को पकड़ कर एकदम टाईट हग करने लगा और बोला- भाभी, भैया की किस्मत अच्छी है, वरना मैं तो आपसे ही शादी करता. पर भैया की शादी में जब से देखा, आप दूसरे की हो रही थीं … पर मेरा 9 इंच लम्बा कला भुसंड लौड़ा तो आपकी चूत के लिए एकदम तैयार था. मकान मालिक की नई बहू बोली- अच्छा ऐसा है देवर जी तो आने के लिए क्यों मना कर रहे थे?
मैं बोला- भाभी पता था कि आप सुहागरात वाले दिन भैया से चुदोगी और यहां आने के बाद मेरा कुछ होगा तो है नहीं … तो बस इसलिए कर रहा था. मकान मालिक की नई बहू ने कहा- चल कुछ नहीं … अब चोद ले ना … अब तो पूरी रात तेरी हूं. मैं बोला- भाभी एक बात और पूछनी है … आप मुझसे ही क्यों? मकान मालिक की नई बहू बोली- शादी के दिन तेरा ही पहला लंड टच हुआ था. फिर रेनू ने भी बताया कि तूने उसको मस्त चोदा. उसने मुझसे कहा कि उससे मौका मिले, तो चुदवा लियो. वो तो साली आग लगा कर चली गई, पर मैं रह गई. फिर तू मिल गया और तेरे भैया तो कल ही चोदेंगे ना, तब तक मैं बिना लंड के नहीं रह सकती.

आज अभी तू है ही मेरे पास … मैं तेरे भैया से बस मिली हूं, तब से ही सोच रही हूँ कि बस ऐसा होगा. वैसा होगा … उन्होंने अब तक किया तो कुछ नहीं. वो बोलते तो मैं एक पैर से चुदवा लेती. बस तो आज तू जब से आया है, तब से बस तेरे लंड को याद कर रही हूं. तेरे भैया लेट ही हैं तो लेट ही सही, तू चोद न. मैं- ठीक है भाभी. मैं उनकी गर्दन में किस करने लगा. भाभी का नंगा शरीर सोने जैसा चमक रहा था. मकान मालिक की नई बहू ने ब्लू कलर की साड़ी पहनी हुई थी. मैं उनको चूम रहा था. कभी गले में, कभी लिप्स में चूमता रहा. जैसे बच्चे को माँ चूमती है ना … वैसे ही भाभी को चूमा. बस वो ‘उन्ह आंह..’ कर रही थीं.
भाभी जी के बोबे बहुत मोटे मोटे थे उनका एक भी बोबा मेरे हाथ में नहीं आ रहा था. मैं उनको हल्के हाथ से धीरे धीरे घुमा रहा था और बड़े प्यार से सहला रहा था. मैंने उनके लिप्स में अपने होंठों को रखा और चूसने लगा था. “भाई धीरे धीरे …” भाभी बोली. पता नहीं … बड़ा मजा आ रहा था. भाभी भी मेरा साथ दे रही थीं. भाभी की चुत में मेरा 9 इंच लम्बा कला भुसंड लौड़ा पैन्ट के ऊपर से जाने तैयार था, एकदम चिपका हुआ था. भाभी इतनी कोमल नाजुक लग रही थीं यार … बता नहीं सकता. इतनी गजब खुशबू आ रही थी उनके शरीर से … वो मुझे मदहोश करती जा रही थीं. वो भी बड़े प्यार से मेरे लब चूस रही थीं.

उनका हाथ पैन्ट के ऊपर से ही मेरे 9 इंच लम्बे काले भुसंड लौड़े को छूने की कोशिश कर रहा था. मैंने मेरे मकान मालिक की नई बहू की साड़ी खोल दी. हमको किसी का डर नहीं था, हम बेखौफ बस एक दूसरे को चूम रहे थे. उसके बाद मैंने मेरे मकान मालिक की नई बहू को बड़े आराम से मोम के पुतले की तरह पकड़ा, जो कि इस वक्त बिल्कुल ब्लाउज और पेटीकोट में थीं. मैंने मेरे मकान मालिक की नई बहू को बिस्तर में लेटा दिया और अपने कपड़े उतार दिए. फिर मैंने उनके ब्लाउज को अलग कर दिया. मैं भाभी ऊपर लेट कर किस करने लगा और चूमने लगा.
उनके गले को चाटते हुए उनके एक दूध को अपने मुँह में डाल कर चूसने लगा और दूसरे मम्मे के निप्पल के साथ खेलने लगा. भाभी की कमर बहुत ही चिकनी और पतली थी, वो भी मुझे चूम रही थीं, साथ में बड़ी गरम आवाजों में ‘आह उह..’ भी कर रही थीं मैंने इसके बाद एक हाथ अपने मकान मालिक की नई बहू के पेटीकोट पर ले जाकर उनका नाड़ा खोल दिया. फिर उनकी पैन्टी में हाथ डालकर पेटीकोट और पैंटी दोनों को एक साथ नीचे खींच दिया. नीचे से मकान मालिक की नई बहू के नंगे होते ही मैं उनकी चूत में हाथ फिराने लगा. भाभी की चुत क्लीन शेव थी. मैं उसमें उंगली घुमा रहा था.

मकान मालिक की नई बहू ने अपनी वर्जिन चुत की चुदाई करवाने के लिये अपने दोनों पैर फैला दिए थे. मैंने नीचे होकर अपने मकान मालिक की नई बहू की चूत पर मुँह रखा और उनको किस करते हुए चूत को चाटने लगा. भाभी इतनी जल्दी झड़ गईं कि बता ही नहीं सकता. मैंने मेरे मकान मालिक की नई बहू की चूत को चाट कर एकदम साफ कर दिया. मकान मालिक की नई बहू ने गरमाते हुए मुझे अपने ऊपर आने को कहा, तो मैं उनके ऊपर चढ़ गया. उनसे लिपट गया. मकान मालिक की नई बहू ने मेरे 9 इंच लम्बे काले भुसंड लौड़े को हाथ में पकड़ा और धीरे धीरे अपनी चूत पर टिका कर उसे चूत पर रगड़ते हुए हिलने लगीं.
वे मेरे लिप्स को किस भी कर रही थीं. फिर मेरे मकान मालिक की नई बहू ने उठ कर मेरे 9 इंच लम्बे काले भुसंड लौड़े को अपने मुँह में ले लिया और बड़े प्यार से लंड चूसने लगीं. लंड को भाभी के मुँह की गर्मी का अहसास होते ही मुझे बड़ा मजा आने लगा था. मैं तो मानो जन्नत में था. मैं बता नहीं सकता कि मुझे कितना मजा आ रहा था. मेरे मकान मालिक की नई बहू लॉलीपॉप की तरह मेरे लौड़े को अपने मुह में भरकर चूस रही थीं. मैं बस उनके सर पर हाथ रखकर उनका सर अपने लंड के आगे पीछे करे जा रहा था और बस उन्हें मेरा लंड चुसाए जा रहा था.

अब मैं झड़ने ही वाला था. मैंने लंड खींचने की कोशिश की, उनको इशारा भी किया, पर उन्होंने लंड को नहीं छोड़ा. मैं भाभी के मुँह में ही झड़ गया और मेरे मकान मालिक की नई बहू के मुहे में मेरा गरमा गर्म वीर्य भर गया. मैं एकदम से उनके मुँह में झड़ कर निढाल हो गया. अभी तो सिर्फ उनके मुँह में झड़ने से ही मैं निढाल हुआ था. जब कि अभी मेरे मकान मालिक की नई बहू की पूरी चुदाई बाकी थी. उधर भाभी मेरा पूरा माल अन्दर ही गटक गईं, उन्होंने एक भी बूंद खराब नहीं जाने दी. अब मेरी बारी थी. मैंने बड़े प्यार से उठाया और उनके किस करते हुए उनको बेड पर चित लेटा दिया.
मैं अपनी वर्जिन भाभी के एक बोबे को अपने मुँह में डाल कर चुसक रहा था और एक हाथ उनकी चूत पर फेर रहा था. मैं उनकी चूत को छू रहा था, उनकी चूत बहुत गीली थी. हल्का हल्का चिकना पानी सा निकल रहा था. भाभी मेरी पीठ पर हाथ फिरा रही थीं. एक पल बाद मैं उल्टा हो गया और मैंने फिर से भाभी को अपना लंड मुँह में दे दिया. इधर मैं भाभी की चूत में किस करने लगा. भाभी अभी भी मेरे 9 इंच लम्बे काले भुसंड लौड़े को चाव से चाट रही थीं, चूस रही थीं. मैं भी उनकी चूत को बड़े प्यार से चाट रहा था. ये प्यार मैंने अपनी होने वाली धर्मपत्नी के लिए बचाया था वो अपनी वर्जिन भाभी पर लुटा रहा था.
हम दोनों भाभी देवर अब फिर झड़ रहे थे. मैं फिर से भाभी के मुँह में झड़ गया. एक बार भाभी की चूत से भी ढेर सारा पानी निकला. मैं भी उनकी चूत को फिर पूरा चाट कर साफ़ कर गया. अब भाभी कह रही थीं- आदी तुमने बिना लंड डाले ही इतना मजा दे दिया है, तो अभी तो मेरी चूत में लंड जाने पर क्या न कर दोगे. मैंने बोला- भाभी आप मेरी सपनों की रानी हो, मुझसे जितना बन सकेगा आपको खुश करने में मैं पूरी कोशिश करूंगा. मैं भाभी को लिप किस करने लगा और अब मैं अपने लौड़े को भाभी की चूत में घिस रहा था, रगड़ रहा था. हम दोनों फिर से तैयार थे.

मैं भाभी को पकड़ कर चूम रहा था, चाट रहा था, मेरा 9 इंच लम्बा कला भुसंड लौड़ा भाभी की चुत चाट रहा था. मुझे बड़ा आनन्द आ रहा था. अब मैंने मेरे मकान मालिक की नई बहू को बोला कि भाभी आप पलंग के चादर को मुँह में डाल लो, आपका पहली बार है तो दर्द होगा. भाभी कुछ नहीं बोलीं और हंसते हुए चादर मुँह में डाल ली. मैंने मेरे मकान मालिक की नई बहू को पलंग में थोड़ा बाहर तरफ खींचा और उनकी दोनों टांगों के बीच में खड़ा हो गया. मैंने खड़े होकर अपना लंड भाभी की चूत में सैट किया और तो धीरे से धक्का मारा, तो लंड अन्दर नहीं गया. मैंने फिर से थोड़ा सैट करके एक जोरदार धक्का मारा, तो भाभी के मुँह से उनकी घुटी हुई आवाज निकली.
मैं उनके मुँह से चादर निकाल कर उनको किस करने लगा … और उनकी कमर में हाथ चलाने लगा. मैंने थोड़ा रुक कर दर्द कम होने का इंतजार किया. फिर थोड़ी देर में भाभी के हाथ मेरी पीठ में चलने लगे. अब मैंने बोला- भाभी तैयार हो जाओ. अब मैंने उनके मुँह में फिर चादर डाला और उन्हें एक और झटका दिया और लंड एकदम से अन्दर घुस गया, पर भाभी दर्द से रोने लगीं. मैं जल्दबाजी न करते हुए रुकते हुए भाभी के ऊपर लेटा रहा. उनके मुँह से चादर निकाल कर बड़े प्यार से उनके होंठों को किस कर रहा था. मैं उनके आंसू पौंछ रहा था.

फिर मैं थोड़ी देर में भाभी की चूत में लंड ऊपर नीचे करने लगा और किस करते हुए ठोकर देने लगा. भाभी की चूत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया था, जिससे ऐसा लग रहा था कि मेरे 9 इंच लम्बे काले भुसंड लौड़े में अब चिकनापन आने लगा हो. मैं धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा. अब भाभी भी अपनी चूत उठा कर मेरा साथ दे रही थीं. मैं उन्हें धकापेल चोदे जा रहा था.
कुछ पल बाद मकान मालिक की नई बहू बोली- देवर जी अब मुझे तुम्हारे लंड की सवारी करनी है बहुत देर हो गयी ऐसे चुदवाते चुदवाते अब मुझे तुम्हारे ऊपर होकर चुदवाना है. मैं तुरंत भाभी के नीचे हो गया. मेरा 9 इंच लम्बा कला भुसंड लौड़ा भाभी की कुंवारी चूत की सील टूटने से निकले खून से लाल हो गया था … बिस्तर में भी थोड़ा लाल सा खून लगा हुआ था. मैंने उनको कुछ नहीं बताया. भाभी मेरे 9 इंच लम्बे काले भुसंड लौड़े पर सवार हो गईं.

मकान मालिक की नई बहू ऊपर नीचे करते हुए हंस हंस कर मुझसे अपनी चुदाई करवा रही थीं. मैं उनकी कमर को पकड़ ऊपर नीचे कर रहा था. कुछ देर बाद मैंने मेरे मकान मालिक की नई बहू को बोला- अब आप नीचे हो जाओ, जिससे दोनों को चुदाई करने के बाद स्खलन की संतुष्टि हो जाए.
सेक्सी भाभी तुरन्त मेरे नीचे आईं और मैंने मेरे मकान मालिक की नई बहू की चूत में अपना लंड लगा कर उनके होंठों में अपने होंठ रख कर धक्के मारने लगा. दस बीस धक्के के बाद भाभी भी अकड़न के साथ झड़ गईं और मैं भी 8-10 धक्कों में भाभी की चूत में झड़ गया. ये हमारा तीसरी बार का झड़ना हुआ था. हम दोनों भाभी देवर वैसे ही थके हुए लेटे रहे.

हम एक दूसरे को चूम रहे थे. इस वक्त 2 बज गए थे. हम दोनों भाभी देवर चुदाई के बाद बहुत थक चुके थे और फिर हमें यूं ही नंगे लिपटे हुए कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला. फिर मेरे मोबाइल ने 5 बजे के अलार्म ने मुझे जगा दिया, जो मेरे मोबाइल में सैट था. मैं कोचिंग जाता हूं ना, इसलिए हर दिन का अलार्म सैट था. मैंने मेरे मकान मालिक की नई बहू को उठाया. अब मेरी भाभी और मैं एक दुसरे के आजू बाजू बिलकुल नंगे धडंगे पड़े थे. मैंने भाभी से कहा भाभी जी आज तो आप की सुहागरात अपने देवर के साथ ही बन गयी अब आप कपड़े पहन लो और आप अपनी जगह पर जाकर लेटो और मैं बाहर जाता हूं.
मैं अपनी जगह मतलब बाहर होल में सोफे पर आ गया ताकि किसी को हम भाभी देवर के बिच हुई चुदाई की खबर ना लगे क्यों की हम भाभी और देवर के बिच बने अवैध शारीरिक सम्बन्ध से हम दोनों की इज्जत को खतरा था. मै बहुत किस्मत वाला था की मुझे अपनी भाभी की सुहागरात से पहले उनके जिस्म का स्वाद चखने का मौका मिला और उनके साथ अवैध शारीरिक सम्बन्ध बनाने का सुख प्राप्त हुआ.
दोस्तों मेरे से पहले हम भाभी और देवर के बिच अवैध शारीरिक सम्बन्ध बन चुके थे और इस चुदाई ने हम दोनों को संतुष्टि प्रदान कर दी थी. मुझे भी मेरी वर्जिन भाभी की चुदाई करके बहुत आनंद आया था. अब भी हम भाभी देवर को जब भी चुदाई करने का मौका मिलता है हम अवैध शारीरिक सम्बन्ध बना लेते है. दोस्तों आप सभी को मेरी हिंदी सेक्स स्टोरी “” पसंद आई हो तो इसे लाइक और शेयर दोनों करना.