चुदाई की प्यासी मकान मालकिन आंटी की चूत चोदने के बाद गांड भी मारी XXX Story 40 साल की औरत के साथ अवैध शारीरिक संबंध बनाने की इंडियन हिन्दी सेक्स स्टोरी : दोस्तों मेरी यह Hindi XXX Sex Story उस दिन की है जब एक रात मुझे मेरे माकन मालिक के घर सोना पड़ा. उस रात को मेरे और माकन मालिक की सेक्सी धर्म पत्नी के बिच कुछ ऐसा हुआ कि मैं तो वो हसीन रात कभी नहीं भूल पाया चलिए आगे सेक्स कहानी में पूरी घटना विस्तार से सुनाता हूँ आप लोग इस Indian Hindi XXX Sex Story को पढने के बाद मुठ जरुर मार लेना नहीं तो रात में सोते वक्त स्वपन दोष हो सकता है जिससे आप के बिस्तर और कपड़े वीर्य में संदने की पूरी पूरी सम्भावना है.
मेरा नाम नरेंद्र है और मैं दिल्ली में जॉब करता हूँ. में अकेला एक किराये के मकान में रहता हूं. मैं बहुत ही सीधा सादा लड़का हूं. मेरे मकान मालिक मुझ पर बहुत भरोसा करते थे. जब मैं यहां रहने आया था तो 6 महीने के अंदर ही मैं उनके परिवार के सदस्य जैसा हो गया था. मेरे मकान मालिक बहुत ठरकी किस्म के इन्सान थे. उनका बहुत सी औरतों के साथ चक्कर चल रहा था. उनके बारे में उनकी धर्म पत्नी को भी सब पता था. मगर वो कुछ बोलती नहीं थी क्योंकि वो प्यासी औरत अपनी ही दुनिया में मस्त रहती थी. एक बार की बात है मेरे मकान मालिक अंकल को बाहर जाना था. वो पांच दिन के बाद आने वाले थे.
चुदाई की प्यासी मकान मालकिन आंटी की चूत चोदने के बाद गांड भी मारी XXX Story

जब मैं शाम को ऑफिस से घर लौटा तो मुझे उनके जाने के बारे में पता चला. उस वक्त घर में मकान मालिक, मकान मालकिन आंटी और उनकी बेटी ही थी. उनकी बेटी को मैं पढ़ने में मदद किया करता था. अब अंकल के जाने के बाद वो मकान मालकिन आंटी घर में बेटी के साथ रह गयी. आगे बढ़ने से पहले मैं आपको आंटी के बारे में बता देता हूं. मेरे ठरकी मकान मालिक की धर्म पत्नी देखने में बहुत सेक्सी है उसकी उम्र 40 साल की थी लेकिन वो 40 साल की खुबसूरत औरत देखने में 5-7 साल छोटी लगती थी क्योंकि उसने खुद की जवानी को बहुत अच्छी तरह संभाल कर रखा हुआ था. मेरी मकान मालकिन आंटी की गांड बहुत मोटी थी जो चलते हुए ऐसी लगती थी जैसे पूरी दुनिया ही हिल रही हो.
रात को मैं खाना खाकर टहलने के लिए गया तो आंटी और उनकी बेटी के लिए आते हुए आइसक्रीम ले आया. जब मैं अपने बैडरूम में जाने लगा तो आंटी कहने लगी- यहीं पर सो जाओ. हम दोनों यहां पर अकेली ही हैं तुम्हारे अंकल तो कुछ दिनों के लिए बाहर गए हुए हैं. मैं मना करने लगा लेकिन वो रोकने लगी. फिर मैं मान गया. फिर हमने काफी देर तक बातें कीं. उसके बाद मकान मालकिन आंटी की बेटी सोने के लिए अपने बैडरूम में चली गयी. मकान मालकिन वहीं मेरे पास बैठी रही और टीवी देखती रही. ऐसे ही देखते देखते वो लेट गयी और फिर उसको पता नहीं कब नींद आ गयी. मैं भी वहीं उसी सोफे पर बैठा हुआ था. वो मेरी ओर पैर करके लेटी हुई थी.
फिर मेरा टीवी देखकर मन भर गया और मैंने टीवी बंद कर दी. उसके बाद मैंने अपना मोबाइल निकाला और फोन में हिन्दी एडल्ट वेबसीरीज देखने लगा. उस इंडियन हिन्दी एडल्ट वेब सीरीज में चुदाई वाले गर्म सीन थे और इसलिए मैंने हेडफोन लगा लिये. देखते देखते मेरा 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लंड खड़ा हो गया. मैं लंड को दबाने लगा और सीन का मजा लेने लगा. पता नहीं कब मेरी मकान मालकिन आंटी की नींद खुल गई और उन्होंने मुझे मेरे काले मोटे लंड को दबाते हुए देख लिया. फिर मैं उठकर चला गया और बाथरूम में जाकर हस्तमैथुन करने लगा. मैंने माल निकाल कर खुद को शांत किया.

जब मैं मुठ मारकर बाथरूम से बाहर आया तो देखा कि मेरी मकान मालकिन आंटी की साड़ी उसके घुटनों तक ऊपर उठी हुई थी और उनकी सेक्सी टांगे नंगी उघड़ी हुई थीं. मैंने मुठ तो मार ली थी लेकिन मेरी मकान मालकिन आंटी की मोटी उभरी हुई गांड देखकर मेरे मन में फिर से वासना उठ गयी. मैं उसके पास जाकर फिर से बैठ गया. मकान मालकिन आंटी की गांड को देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा. उसकी मोटी गांड और गोरे गोरे पैर देखकर मेरे काले मोटे लंड में फिर से तनाव आने लगा था. फिर मैंने देखा तो उनकी साड़ी का पल्लू भी एक तरफ गिर गया था.
मुझे शक हुआ कि शायद ये ऐसा जानबूझकर कर रही है. मैंने धीरे से उसके गोरे गोरे पैरों पर हाथ फिराना शुरू कर दिया. वो कोई हलचल नहीं कर रही थी. मेरी भी हिम्मत बढ़ने लगी. फिर मैं हाथ को उसकी गांड पर ले गया. क्या गांड थी उस 40 साल की औरत की यारो! जैसे दो बड़े बड़े पहाड़ थे. मैंने मकान मालकिन आंटी की मोटी गांड को हल्के हाथ से दबाया. उसने अब भी कोई हरकत नहीं की. फिर मैं हाथ को उसके पेट से होकर उसकी छाती तक ले गया. मैंने उसकी चूचियों को छेड़ा तो तब भी वो चुपचाप लेटी रही. उसके चेहरे से लग रहा था कि वो जाग तो रही है लेकिन सोने का नाटक कर रही है. मैंने मकान मालकिन आंटी की चूचियों को हल्के से दबाया. फिर मैंने थोड़ा जोर देकर दबाना शुरू कर दिया अब वो खुबसुरत महिला कसमसाने लगी.
फिर अगले ही पल उसने करवट ली और मेरे हाथ को अपनी दूध से भरी चूचियों पर ही दबाये हुए सीधी होकर पीठ के बल लेट गयी. अब उसकी जांघें मेरे सामने फैली थीं और उसने मेरे हाथ को अपने बूब्स पर दबा कर खुद ही अपने हाथ से प्रेस करना शुरू कर दिया था. मैं जान गया कि ये चुदना चाहती है. फिर मैंने भी आगे कदम बढ़ाया और मकान मालकिन आंटी के बोबों को जोर जोर से दबाने लगा. आंटी के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं. अब मैं आंटी के ऊपर आ लेटा और उसने अपने होंठ खोल दिये. हम दोनों एक दूसरे को बांहों में लेकर किस करने लगे.

मैंने नीचे हाथ ले जाकर मकान मालकिन आंटी की साड़ी को उनकी कमर तक चढ़ा दिया. अब उसकी जांघें पूरी नंगी थीं और मेरा हाथ उसकी पैंटी पर उसकी उभरी हुई चूत को सहला रहा था. आह्ह … दोस्तो, क्या बताऊं आपको मैं! ये बड़ी उम्र की औरतें बहुत गर्म होती हैं. उसकी चूत की गर्मी मुझे मेरी हथेली पर साफ साफ फील हो रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे उसकी चूत से भांप निकल रही हों. दोनों एक दूसरे में जैसे खोने लगे थे. हम दोनों को कुछ होश नहीं रहा कि हम क्या कर रहे हैं. बस दोनों एक दूसरे को जैसे खाने में लगे थे. काफी देर तक चूमा चाटी होने के बाद वो उठ गयी. उठकर वो सीधी अपनी बेटी के बैडरूम की ओर गयी. वहां जाकर उसने अंदर देखा कि वो सो गयी है या नहीं.
फिर वो धीरे से उसके बैडरूम के दरवाजे को बाहर से बंद करके मेरे पास अपनी अधूरी प्यास भुजाने आ गयी. फिर वो मेरे पास आई और अपनी साड़ी खोलकर एक तरफ डाल दी. अगले ही पल उसने पेटीकोट खोला और उसको निकाल कर फेंक दिया. अब मेरी मकान मालकिन आंटी मेरे सामने ऊपर से ब्लाउज में और नीचे से पैंटी में थी. मकान मालकिन आंटी का ये रूप देखकर मेरा लंड बम की तरह फटने को हो गया. मैं उसके सामने खड़ा हुआ अपने लंड को सहलाने लगा. उसने मेरे काले मोटे लंड का तनाव देखा और मेरे घुटनों में आकर बैठ गयी. मेरी पैंट की चेन खोलकर उसने अंदर हाथ डाला और मेरे काले मोटे लंड को कच्छे के ऊपर से ही पकड़कर सहलाने लगी.
दोस्तों मुझपर सेक्स चढ़ चूका था जिस कारण मुझसे सब्र नहीं हो रहा था तो मैंने अपनी पैंट ही खोल दी. उसके बाद अपनी चड्डी भी नीचे सरका दि. अब मेरा कामरस में भीगा लंड मेरी सेक्स की प्यासी मकान मालकिन के सामने लहरा रहा था. उसने उसको हाथ में लेकर नापा और उसकी गर्मी ली. फिर उसे सूंघा और एकदम से मुंह खोलकर उसके सुपारे को अंदर ले लिया. जैसे ही उसके गर्म मुंह में लंड अंदर गया तो मेरी आंखें स्वत: बंद हो गयीं. वो पूरे लंड को मुंह में लेकर मस्ती से चूसने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे उसके लिये वो कोई खाने की चीज हो. मेरे हाथ उसके सिर पर पहुंच गये. मैं गांड को आगे पीछे करके उसके मुंह को चोदने लगा और वो आराम से लंड को गले तक लेने लगी.

दोस्तो किसी लड़की या महिला से लंड चुसवाना भी जन्नत की सैर करने जैसा होता है. खासकर तब जब एक सेक्स की प्यासी औरत उसको लॉलीपोप समझकर चूस रही हो. जिन प्यासी औरतों या भाभियों को लंड चूसने का शौक होता है वो तो सच में गजब का मजा देती हैं. किसी 40 साल की प्यासी महिला से अपने लंड को चुस्वाने का मेरा ये पहला अनुभव था और मैं बता नहीं सकता कि मुझे अपना लंड चुसवाने में कितना मजा आ रहा था. लंड खाने की भूखी उस कुतिया रांड मकान मालकिन की लंड चुसाई के आगे मैं पांच मिनट से ज्यादा टिक नहीं पाया और मेरा गरम गरम माल उसके सुन्दर से मुंह में निकल गया. उस सेक्स की प्यासी मकान मालकिन ने वीर्य की एक बूंद भी बाहर नहीं आने दी और सारा काम रस पी गयी.
लौड़े से वीर्य निकलने के बाद मैं अब ढीला पड़ गया लेकिन उस सेक्स की प्यासी मकान मालकिन की चूत में तो जैसे लंड खाने की आग लगी थी. मेरी सेक्सी मकान मालकिन अपने हाथ से ही चूत को सहलाने में लगी हुई थी. मैंने सोचा कि इस सेक्स की प्यासी मकान मालकिन को भी चोदकर शांत करना होगा नहीं तो ये तड़पती रह जायगी. अब मैंने उसको फिर से सोफे पर चलने के लिये कहा. साड़ी खोलने के बाद मैंने उसका ब्लाउज और ब्रा उतरवा दी और उसकी मोटी मोटी चूचियों से तजा दूध पीने लगा.

मैंने 40 साल की आंटी के बोबों से दूध पिते हुए उनके बूब्स के निप्पलों को अपने नुकीले दातों से काटने लगा और उसकी दूध से भरी मोटी मोटी चूचियों को जोर जोर से दबाने लगा वो गरम होकर जोर जोर से कराहने लगी थी. फिर मैं नीचे की ओर चला. उसकी चूत को मैंने सूंघा तो उसकी चूत से एक मादक सी खुशबू आ रही थी. मैंने मेरी खुबसूरत मकान मालकिन की चूत पर जीभ लगाई तो वो सिसिया गयी. दोस्तों मेरी सेक्स की प्यासी मकान मालकिन की चूत से पानी निकल रहा था. अब मैंने उसकी गीली चूत में उंगली डाली और एक दो बार अंदर बाहर की.
सेक्स की प्यासी मकान मालकिन की चूत अंदर से बहुत गरम थी ऐसे लग रहा था मानो ये चूत नहीं बल्कि कोई गरम भट्टी हो जिसमे बहुत तेज आग जल रही हो. उस सेक्स की प्यासी मकान मालकिन की चूत में अब मैं लगातार अपनी उंगली अंदर बाहर चलाने लगा और अपनी उँगलियों से ही उसकी चूत की चुदाई करने लगा. जब में उसकी गरम चूत को मेरी उँगलियों से चोद रह था तो वो प्यासी औरत अपनी चूचियों को खुद ही अपने हाथों से जोर जोर से दबा रही थी और आह. उई… आह.. आह की आवाजे निकाल रही थी.

फिर मैंने आंटी की गरम चूत में जीभ डाल दी और उसने अपने पैर मेरे सिर पर लपेट दिये. मैं तेजी से उसकी चूत में जीभ को अंदर बाहर करने लगा. उसने इतनी जोर से टांगें कस दीं कि मेरी सांस ही रुक गयी लेकिन मैं किसी तरह लगा रहा. थोड़ी ही देर के बाद उसने मेरे सिर को अपने हाथों से चूत पर दबाया और उसकी चूत का झरना मेरे मुंह में छूट पड़ा. मैंने आंटी की चूत का सारा रस पी लिया. अब वो फिर से मेरे ऊपर आ चढ़ी. उसने मुझे सोफे पर पटका और मेरे पूरे बदन को चाटने लगी. धीरे धीरे वो लंड तक पहुंची और एक बार फिर से उसको मुंह में भर लिया. दो-चार मिनट में ही मेरा लौड़ा फिर से तन गया.
जब चुदाई की प्यासी मकान मालकिन आंटी ने देखा कि मेरे लंड का तनाव उनकी चूत को भेद सकता है तो उसने मेरी टांगें सीधी कीं और खुद मेरे ऊपर आकर अपनी टांगों को मेरे दोनों तरफ फैला लिया. उसने मेरी छाती पर अपनी गांड रखी और चूत को मेरे मुंह पर सटा दिया. उसकी चूत से काम रस की गंध आ रही थी जो मेरे अंदर एक अलग सा जोश भर रही थी. उसकी गीली चूत को मैं मुंह देकर चाटने लगा. फिर जीभ अंदर देकर फिराने लगा. वो अपनी चूचियों को दबाते हुए गांड को आगे पीछे करने लगी और मैं मुंह से उसकी चूत को चोदने लगा. बहुत मजा आ रहा था. मेरा लंड फिर से फटने को हो गया था. वो उठी और मेरे काले मोटे लंड के ऊपर आकर नीचे बैठने लगी.

चुदाई की प्यासी मकान मालकिन आंटी ने मेरे काले मोटे लंड को हाथ में पकड़ा और अपनी चूत के छेद पर टिका कर बैठती चली गयी. मेरे काले मोटे लंड को उसने धीरे धीरे बैठते हुए अपनी चूत में पूरा उतरवा लिया. जैसे जी मेरा लौड़ा आंटी की चूत की गहराई में उतरा मैं स्वर्ग में पहुंच गया . फिर वो मेरे काले मोटे लंड पर कूदने लगी और मेरे लौड़े की सवारी करने लगी. मैंने उसकी गांड को थाम लिया और नीचे से धक्के देने लगा. अब हम दोनों अपने अपने रिदम में आ गये. वो मेरे धक्कों के साथ अपनी गांड की ताल मिलाने लगी. मकान मालकिन की चूत में मेरा लंड फच फच की आवाज करता हुआ अंदर बाहर होने लगा. मैंने स्पीड तेज कर दी तो उसने भी कर दी.
कुछ देर तक अपनी चुदाई की प्यासी मकान मालकिन आंटी को कामसूत्र के इसी सेक्स पोज में चोदने के बाद मैंने उसको सोफे के हत्थे पर झुकाकर घोड़ी बनाया और उसकी चूत में पीछे से लंड पेल दिया. अब मैं उसके ऊपर झुककर उसकी चूचियों को दबाते हुए उसको चोदने लगा. दोस्तो, चूत चोदने में इतना मजा भी मिलता है मुझे नहीं पता था. वो आंटी बहुत ही ज्यादा गर्म थी. मैं दस मिनट तक उसको ताबड़तोड़ चोदता रहा और फिर आंटी की चूत में ही झड़ गया. ऐसा लगा जैसे पूरा बदन हल्का हो गया. आंटी की चूत मारकर मेरा पूरा बदन जैसे आनंदित हो गया था. कुछ देर तक मैं उसके ऊपर ही पड़ा रहा. फिर हम सोफे पर जाकर लेट गए. थोड़ी देर के बाद आंटी उठी और फिर बाथरूम में नहाने के लिये चली गयी क्योकि वो पूरी मेरे वीर्य में संद चुकी थी.

पांच मिनट बाद वो बाथरूम से वापस आई और फिर मैं भी खुद को साफ करके आ गया. में और आंटी कुछ देर ऐसे ही बिना कपड़ों के नंगे ही लेटे रहे. मैंने आंटी से पूछा- आंटी जी क्या आप नींद में थीं या ये सब जानबूझकर किया? वो बोली- मेरा ऐसा कुछ प्लान नहीं था. मगर मेरी नजर तुम्हारे लंड पर पड़ गयी थी जब तुम उसको फोन में देखते हुए सहला रहे थे. फिर मेरा भी मन कर गया. उसके बाद जब तुम बाथरूम में जाकर लंड को हिला रहे थे तो मैं तुम्हें छुपकर देख रही थी. मैंने पूछा- तो आपने इससे पहले किसी गैर मर्द के साथ किया है? वो बोली- नहीं, मगर मैं अपने पति से बदला लेना चाहती थी.
मैंने मेरी सेक्सी मकान मालकिन आंटी से पूछा- कैसा बदला? वो बोली- मेरा पति रोज किसी न किसी को चोदकर आता है. मुझे चोदे हुए उसको साल भर हो गया था. मैं प्यासी थी और वो रोज मौज लेकर आता था. अब मैं फिर से उसको गर्म करने लगा. उसके शरीर की हर एक जगह पर किस करने लगा. वो फिर से गर्म होने लगी. मेरा लंड भी टाईट हो चुका था. मैंने मेरी सेक्स की प्यासी मकान मालकिन को नीचे लिटाया और अपना मोटा तगड़ा लंड धीरे से उसकी प्यासी चूत में डाला और लंड को अंदर करके मैंने उसकी चूत में धक्के देना शुरू किया.
कुछ ही पलों में मैंने जोर जोर से शॉट मारने शुरू कर दिये. वो प्यासी औरत भी मेरे लंड से अपनी फुद्दी चुदवाने के मजे लेने लगी लेकिन. फिर मेरी सेक्स की प्यासी मकान मालकिन अपने पति को गालियां देते हुए मुझसे चुदने लगी वो बोलने लगी आह्ह … उस भोसड़ी वाले को अब मैं बताऊंगी … आह्ह … वो अय्याशी रंडी बाज रोज नई नई चूत मारता है … अब मैं भी ऐसे ही रोज नए नए मर्दों के साथ अवैध शारीरिक संबंध बनाया करुँगी और अय्याशी करा करुँगी. रोज अपनी भूखी गांड और चूत के खड्डे में नए-नए लंड लिया करूंगी … आह्ह … ओह्ह … और तेजी से चोद नरेंद्र मेरी प्यासी चूत को आई… आह… आह..… आह्ह … फाड़ डाल आज मेरी इस फुद्दी को.

चुदाई की प्यासी मकान मालकिन आंटी की गन्दी गन्दी गालियां सुनकर मैं भी जोश में आ गया और जोर से शॉट मारने लगा. पांच-सात मिनट के अंदर हम दोनों फिर से एक साथ झड़ गये. फिर हम शांत हो गये. रात के 3 बज रहे थे. थोड़ा टाईम हमने आराम किया और फिर वो फ्रीज से दोनों के लिए एनर्जी ड्रिंक ले आयी. मैंने पूछा- ये आप कहां से लाती हो आंटी जी? वो बोली- मेरा अय्याश पति लाता है. वो पूरा बॉक्स लाकर रख देता है. फिर हम दोनों ने ड्रिंक पीया. वो बहन की लौड़ी अब चुद चुदाकर सोने की तैयारी करने लगी. मगर मेरा दिल अब सेक्सी आंटी की गांड मारने का कर रहा था. मैंने फिर से मेरी सेक्सी मकान मालकिन को दबोच लिया. उसकी चूचियों को दबाते हुए उसे किस करने लगा.
मेरी मालकिन बोली- चोद तो लिया अब सोने दो अब … नींद आ रही है. मैं- बस थोड़ी देर और … करने दो प्लीज आंटी जी. फिर वो भी ना चाहते हुए मेरा साथ देने लगी और मैं 40 साल की सेक्सी आंटी के पूरे बदन को किस करने लगा. धीरे धीरे वो भी गर्म हो गयी और उसने अपनी चूत मेरे मुह पर लगा दी. अपनी सेक्सी मकान मालकिन की चूत चाटते हुए मैं उसकी गांड को भी छेड़ने लगा. मैंने फिर उसकी गांड में उंगली दे दी और चूत को चाटता रहा. जब वो पूरी चुदासी हो गयी तो मैंने उन्हें घोड़ी बना दिया.

पहले मैंने उसकी चूत में लंड डाला और थोड़ी देर चूत चोदने के बाद फिर उसकी गांड में लंड को रगड़ने लगा. आंटी बोली क्या कर रहे हो ये… ? मैंने कहा आंटी जी आप की गांड में लंड डालना है और आप की गांड मारनी है. मेरी सेक्सी मकान मालकिन बोली- ठीक है, जल्दी करो जो करना है. बस चोदते रहो. मुझसे रुका नहीं जा रहा. फिर मैंने लंड पर थूक लगाया और अपनी सेक्सी मकान मालकिन आंटी की मोटी गांड में लंड को पेल दिया.
गांड में लंड घुसते ही मेरी मकान मालकिन को बहुत तेज दर्द हुआ तो उसने मुंह पर हाथ रख लिया और ना चाहते हुए मेरी ख़ुशी के लिये घोड़ी बन अपनी मोटी गांड मरवाने लगी. धीरे धीरे मैंने मेरा पूरा लंड आंटी की मोटी गांड में उतार दिया और उनकी गांड मारने लगा. थोड़ी देर में आंटी की मोटी गांड का दर्द गायब हो गया और वो बहन की लौड़ी भी गांड को हिलाने लगी और मोटी गांड मरवाने का मजा लेने लगी.

अपमी मोटी गांड मरवाते मरवाते वो अब खुद ही अपनी चूत में उंगली कर रही थी. दस मिनट तक मैंने मेरी मकान मालकिन आंटी की गांड मारी और फिर उसकी गांड में ही झड़ गया वो तो पहले ही झड़ चुकी थी बस मेरी खुसी के लिये मेरे आगे घोड़ी बनी हुई थी. गांड चुदाई ख़त्म करने के बाद हम नंगे ही दोबारा से बाथरूम में गये और एक दूसरे को साफ किया. बाथरूम से नहा धोकर आने के बाद हमने वापस अपने कपड़े पहने. दोस्तों अब हमारा गन्दा खेल ख़त्म हो चूका था और डरने की कोई बात नहीं थी तो आंटी जाकर उसकी बेटी के बैडरूम का दरवाजा खोलकर आ गयी. उसके बाद मेरी सेक्सी मकान मालकिन ने मुझे गले से लगाया और किस करके अपने बैडरूम में सोने के लिए चली गयी.
दोस्तों उस दिन के बाद से हम आये दिन अवैध शारीरिक संबंध बनाने लगे इसमें हम दोनों को बहुत आनंद आता था और बहुत ख़ुशी भी होती थी. अब आये दिन हम दोनों मौका पाकर चुदाई का मजा लेते रहते हैं. मेरे और मेरी माकन मालकिन आंटी के अवैध शारीरिक संबंध पूरी तरह से गुप्त हैं इसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं है. दोस्तो उम्मीद करता हु की मेरी हिन्दी सेक्स स्टोरी “चुदाई की प्यासी मकान मालकिन आंटी की चूत चोदने के बाद गांड भी मारी XXX Story” आपको पसंद आई होगी दोस्तों इस स्टोरी को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करना और उन्हें भी हस्तमैथुन करने पर मजबूर कर देना. दोस्तों मैंने मेरी मकान मालकिन के अलावा उसकी बेटी के साथ भी अवैध शारीरिक संबंध बनाए थे यदि आप चाहते हो की में वो वाली हिन्दी सेक्स स्टोरी भी लिखूं तो आप निचे लाइक वाला बटन जरुर दबाना.