चोद चोद कर बेहोश कर दिया साली को, साली वर्जिन थी बहुत रो रही थी, दर्द का नाटक खूब.. भाई की अपनी वर्जिन बहन के जिस्म को भोगने की लालसा हिन्दी सेक्स स्टोरी : ब्रिजेश पंवार एक बहुत बड़ा रंडी चोद था वो शादी से पहले अपनी माँ को भी चोद चूका था पर अपनी माँ की मृत्यू के बाद उसकी गन्दी नजर अपनी 18 साल की छोटी बहन के जवान जिस्म पर थी. यहाँ भी देंखे सुन्दर लड़की मजबूरी में बनी रंडी एक तरफ बच्चा दूसरी तरफ ग्राहक वो बहुत दिनों से अपनी छोटी बहन राधिका के सेक्सी जिस्म को भोगने की ताक में था अभी तक उसकी छोटी बहन वर्जिन थी। ब्रिजेश पंवार 30 साल का एक जवान हट्टा कट्टा युवक था और अपनी जवान और सेक्सी पत्नी चुदक्कड़ सविता और वर्जिन छोटी बहन राधिका के साथ रहता था। उसका अब अपनी पत्नी के जिस्म से मन भर चूका था और अब वो अपनी सगी बहन के साथ अवैध शारीरिक संबंध बनाना चाहता था.
18 साल की जवान वर्जिन राधिका स्कूल में पड़ती थी और अभी जवानी की दहलीज पर थी जिस कारण उसका सेक्सी जिस्म और ज्यादा निखरता जा रहा था अभी उसकी गांड और बूब्स का जोरदार विकास हो रहा था. ब्रिजेश पंवार की छोटी बहन राधिका एक कमसिन सुंदर माल बनती जा रही थी। जवानी में कदम रखती हुई वह बला की खुबसूरत दिखने लगी थी। उसके उरोज उभरना शुरू हो गये थे और उसके टाप या कुर्ते में से उनका उभार साफ़ दिखता था। उसकी स्कूल की ड्रेस की स्कर्ट के नीचे दिखतीं गोरी गोरी चिकनी टांगें ब्रिजेश पंवार को दीवाना बना देती थी। वर्जिन राधिका थी भी बड़ी शोख और चंचल। उसकी हर अदा पर ब्रिजेश पंवार मर मिटता था.
भाई की अपनी वर्जिन बहन के जिस्म को भोगने की लालसा हिन्दी सेक्स स्टोरी
ब्रिजेश पंवार जानता था कि अपनी ही छोटी कुंवारी और वर्जिन बहन को भोगने की इच्छा करना ठीक नहीं है पर वो अपनी बहन के हॉट जिस्म के आगे विवश हो गया था। वर्जिन राधिका के सेक्सी जिस्म ने उसे दीवाना बना दिया था। वह उसकी कच्ची जवानी का रस लेने को कब से बेताब था पर ठीक मौका न मिलने से परेशान था। उसे लगने लगा था कि वह अपने आप पर ज्यादा दिन काबू नही रख पायेगा। चाहे जोर जबरदस्ती करनी पड़े, पर वर्जिन राधिका को चोदने का वह निश्चय कर चुका था. एक बात और थी।
अह अपनी बीवी चुदक्कड़ सविता से छुपा कर यह काम करना चाहता था क्योंकि वह चुदक्कड़ सविता का पूरा दीवाना था और उससे दबता था। यहाँ भी देंखे मै शादी के बाद पुरे खानदान के मर्दों के बिस्तर गर्म करने लगी हिन्दी सेक्स स्टोरी चुदक्कड़ सविता जैसी हरामी और चुदैल युवती उसने कभी नहीं देखी थी। बेडरूम में अपने रन्डियों जैसे अन्दाज से शादी के तीन माह के अन्दर ही उसने अपने पति को अपनी चूत और गांड का दीवाना बना लिया था। ब्रिजेश पंवार को डर था कि चुदक्कड़ सविता को यह बात पता चल गई तो न जाने वह गुस्से में क्या कर बैठे.
असल में उसका यह डर व्यर्थ था क्योंकि चुदक्कड़ सविता अपने पति की मनोकामना खूब अच्छे से पहचानती थी। वर्जिन राधिका को घूरते हुए ब्रिजेश पंवार के चेहरे पर झलकती प्रखर वासना उसने कब की पहचान ली थी। सच तो यह था कि वह खुद इतनी कामुक थी कि ब्रिजेश पंवार हर रात चोद कर भी उसकी वासना ठीक से तृप्त नहीं कर पाता था।
दोपहर को वह बेचैन हो जाती थी और हस्तमैथुन से अपनी आग शांत करती थी। उसने अपने स्कूल के दिनों में अपनी कुछ खास सह्लियों के साथ सम्बम्ध बना लिये थे और उसे इन लेस्बियन रतिक्रीड़ाओं में बड़ा मजा आता था। अपनी मां की उमर की स्कूल प्रिन्सिपल के साथ तो उसके बहुत गहरे काम सम्बन्ध हो गये थे.
शादी के बाद वह और किसी पुरुष से सम्बन्ध नहीं रखना चाहती थी क्योंकि ब्रिजेश पंवार की जवानी और मजबूत लंड उसके पुरुष सुख के लिये पर्याप्त था। वह भूखी थी तो स्त्री सम्बन्ध की। वैसे तो उसे अपनी सास याने ब्रिजेश पंवार की मां भी बहुत अच्छी लगी थी। वह उसके स्कूल प्रिंसीपल जैसी ही दिखती थी। पर सास के साथ कुछ करने की इच्छा उसके मन में ही दबी रह गई। मौका भी नहीं मिला क्योंकि ब्रिजेश पंवार शहर में रहता था और मां गांव में.
अब उसकी इच्छा यही थी कि कोई उसके जैसी रंडी, छोटी या बड़ी, समलिग सम्भोग के लिये मिल जाये तो मजा आ जाये। पिछले दो माह में वह वर्जिन राधिका की कच्ची जवानी की ओर बहुत आकर्षित होने लगी थी। वर्जिन राधिका उसे अपने बचपन की प्यारी सहेली अन्जू की याद दिलाती थी। अब चुदक्कड़ सविता मौका ढूंढ रही थी कि कैसे वर्जिन राधिका को अपने चन्गुल में फ़न्साया जाये। ब्रिजेश पंवार के दिल का हाल पहचानने पर उसका यह काम थोड़ा आसान हो गया.
एक दिन जब सविता भाभी ने उसने जब अपने पति ब्रिजेश पंवार को स्कूल के ड्रेस को ठीक करती वर्जिन राधिका को वासना भरी नजरों से घूरते देखा तो वर्जिन राधिका के स्कूल जाने के बाद ब्रिजेश पंवार को ताना मारते हुए बोल पड़ी “क्योंजी, मुझसे मन भर गया क्या जो अब इस कच्ची कली को घूरते रहते हो। और वह भी अपनी सगी छोटी कमसिन बहन को?” ब्रिजेश पंवार के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं कि वह आखिर पकड़ा गया। कुछ न बोल पाया।
उसे एक दो कड़वे ताने और मारकर फ़िर चुदक्कड़ सविता से न रहा गया और अपने पति का चुम्बन लेते हुए वह खिलखिलाकर हंस पड़ी। जब उसने ब्रिजेश पंवार से कहा कि वह भी इस गुड़िया की दीवानी है तो ब्रिजेश पंवार खुशी से उछल पड़ा.चुदक्कड़ सविता ने ब्रिजेश पंवार से कहा कि दोपहर को अपनी वासना शांत करने में उसे बड़ी तकलीफ़ होती है। “तुम तो काम पर चले जाते हो और इधर मैं मुठ्ठ मार मार कर परेशान हो जाती हूं। इस बुर की आग शांत ही नहीं होती। तुम ही बताओ मैं क्या करूं.” और उसने अपने बचपन की सारी लेस्बियन कथा ब्रिजेश पंवार को बता दी. (भाई की अपनी वर्जिन बहन के जिस्म को भोगने की लालसा हिन्दी सेक्स स्टोरी)
ब्रिजेश पंवार उसे चूंमते हुए बोला। “पर रानी, दो बार हर रात तुझे चोदता हूं, तेरी गांड भी मारता हूं, बुर चूसता हूं, और मैं क्या करूं.” चुदक्कड़ सविता उसे दिलासा देते हुए बोली। “तुम तो लाखों में एक जवान हो मेरे राजा। इतना मस्त लंड तो भाग्य से मिलता है। पर मैं ही ज्यादा गरम हूं, हर समय रति करना चाहती हूं। यहाँ भी देंखे नंगी दीपिका पादुकोण बदबूदार गांड बोबे और चूत की फोटो शूट करवाते हुए लगता है किसी से चुसवाऊं। तुम रात को खूब चूसते हो और मुझे बहुत मजा आता है। पर किसी स्त्री से चुसवाने की बात ही और है। और मुझे भी किसी की प्यारी रसीली बुर चाटने का मन होता है। वर्जिन राधिका पर मेरी नजर बहुत दिनों से है। क्या रसीली छोकरी है, दोपहर को मेरी यह नन्ही ननद मेरी बाहों में आ जाये तो मेरे भाग खुल जायें.”
चुदक्कड़ सविता ने ब्रिजेश पंवार से कहा को वह वर्जिन राधिका पर चढ़ने में ब्रिजेश पंवार की सहायता करेगी। पर इसी शर्त पर कि फ़िर दोपहर को वह वर्जिन राधिका के साथ जो चाहे करेगी और ब्रिजेश पंवार कुछ नहीं कहेगा। रोज वह खुद दिन में वर्जिन राधिका को जैसे चाहे भोगेगी और रात में दोनो पति – पत्नी मिलकर उस बच्ची के कमसिन शरीर का मन चाहा आनन्द लेंगे. ब्रिजेश पंवार तुरंत मान गया। चुदक्कड़ सविता और वर्जिन राधिका के आपस में सम्भोग की कल्पना से ही उसका खड़ा होने लगा। दोनों सोचने लगे कि कैसे वर्जिन राधिका को चोदा जाये। ब्रिजेश पंवार ने कहा कि धीरे धीरे प्यार से उसे फ़ुसलाया जाय। चुदक्कड़ सविता ने कहा कि उसमें यह खतरा है कि अगर नहीं मानी तो अपनी मां से सारा भाण्डा फ़ोड़ देगी। एक बार वर्जिन राधिका के चुद जाने के बाद फ़िर कुछ नहीं कर पायेगी। चाहे यह जबरदस्ती करना पड़े
चुदक्कड़ सविता ने उसे कहा कि कल वह वर्जिन राधिका को स्कूल नहीं जाने देगी। आफिस जाने के पहले वह वर्जिन राधिका को किसी बहाने से ब्रिजेश पंवार के कमरे में भेज देगी और खुद दो घन्टे को काम का बहाना करके घर के बाहर चली जायेगी। वर्जिन राधिका बेडरूम में चुदाई के चित्रों की किताब देख कर उसे जरूर पढ़ेगी। ब्रिजेश पंवार उसे पकड़ कर उसे डांटने के बहाने से उसे दबोच लेगा और फिर दे घचाघच चोद मारेगा। मन भर उस सुंदर लड़की को ठोकने के बाद वह आफिस निकल जायेगा और फ़िर चुदक्कड़ सविता आ कर रोती बिलखती वर्जिन राधिका को संम्भालने के बहाने खुद उसे दोपहर भर भोग लेगी.
रात को तो मानों चुदाई का स्वर्ग उमड़ पड़ेगा। उसके बाद तो दिन रात उस किशोरी की चुदाई होती रहेगी। सिर्फ़ सुबह स्कूल जाने के समय उसे आराम दिया जायेगा। बाकी समय दिन भर काम क्रीड़ा होगी। उसने यह भी कहा कि शुरू में भले वर्जिन राधिका रोये धोये, जल्द ही उसे भी अपने सुंदर भैया भाभी के साथ मजा आने लगेगा और फ़िर वह खुद हर समय चुदवाने को तैयार रहेगी। ब्रिजेश पंवार को भी यह प्लान पसन्द आया। रात बड़ी मुश्किल से निकली क्योंकि चुदक्कड़ सविता ने उसे उस रात चोदने नहीं दिया, उसके लंड का जोर तेज करने को जान बूझ कर उसे प्यासा रखा। वर्जिन राधिका को देख देख कर ब्रिजेश पंवार यही सोच रहा था कि कल जब यह बच्ची बाहों में होगी तब वह क्या करेगा. (भाई की अपनी वर्जिन बहन के जिस्म को भोगने की लालसा हिन्दी सेक्स स्टोरी)
सुबह ब्रिजेश पंवार ने नहा धोकर आफिस में फोन करके बताया कि वह लेट आयेगा। उधर चुदक्कड़ सविता ने वर्जिन राधिका को नीन्द से ही नहीं उठाया और उसके स्कूल का टाइम मिस होने जाने पर उसे कहा कि आज गोल मार दे। वर्जिन राधिका खुशी खुशी मान गई। ब्रिजेश पंवार ने एक अश्लील किताब अपने बेडरूम में तकिये के नीचे रख दी। फ़िर बाहर जा कर पेपर पढ़ने लगा। चुदक्कड़ सविता ने वर्जिन राधिका से कहा कि अन्दर जाकर बेडरूम जरा जमा दे क्योंकि वह खुद बाहर जा रही है और दोपहर तक वापस आयेगी.
जब वर्जिन राधिका अन्दर चली गई तो चुदक्कड़ सविता ने ब्रिजेश पंवार से कहा। “डार्लिन्ग, जाओ, मजा करो। रोये चिलाये तो परवाह नहीं करना, मैं दरवाजा लगा दून्गी। पर अपनी बहन को अभी सिर्फ़ चोदना। गांड मत मारना। उसकी गांड बड़ी कोमल और सकरी होगी। इसलिये लंड गांड में घुसते समय वह बहुत रोएगी और चीखेगी। मै भी उसकी गांड चुदने का मजा लेने के लिये और उसे संभालने के लिये वहां रहना चाहती हूं। इसलिये उसकी गांड हम दोनों मिलकर रात को मारेन्गे.”
ब्रिजेश पंवार को आंख मार कर वह दरवाजा बन्द करके चली गई। पांच मिनिट बाद ब्रिजेश पंवार ने चुपचाप जा कर देखा तो प्लान के अनुसार वर्जिन राधिका को तकिये के नीचे वह किताब मिलने पर उसे पढ़ने का लोभ वह नहीं सहन कर पाई थी और बिस्तर पर बैठ कर किताब देख रही थी। उन नग्न सम्भोग चित्रों को देख देख कर वह किशोरी अपनी गोरी गोरी टांगें आपस में रगड़ रही थी. उसका चेहरा कामवासना से गुलाबी हो गया था.
मौका देख कर ब्रिजेश पंवार बेडरूम में घुस गौर बोला. “देखू, मेरी प्यारी बहना क्या पढ़ रही है?” वर्जिन राधिका सकपका गई और किताब छुपाने लगी. ब्रिजेश पंवार ने छीन कर देखा तो फोटो में एक औरत को तीन तीन जवान पुरुष चूत, गांड और मुंह में लंड डाल कर थ्रीसम सेक्स करते दिखे. ब्रिजेश पंवार ने वर्जिन राधिका को एक तमाचा रसीद किया और चिल्लाया “तो तू आज कल ऐसी गन्दी गन्दी नंगी नंगी फोटो वाली किताबें पढ़ती है बेशर्म लड़की. तू भी ऐसे ही अपनी गांड और चूत को काले मोटे लंड से मरवाना चाहती है? तेरी हिम्मत कैसे हुई यह गन्दी किताब देखने की? देख आज तेरा क्या हाल करता हूं.”
वर्जिन राधिका रोने लगी और बोली कि उसने पहली बार ये नंगी किताब देखी है और वह भी इसलिये कि उसे वह तकिये के नीचे पड़ी मिली थी. ब्रिजेश पंवार एक न माना और जाकर दरवाजा बन्द कर के वर्जिन राधिका की ओर बढ़ा. उसकी आंखो में काम वासना की झलक देख कर वर्जिन राधिका घबरा कर कमरे में रोती हुई इधर उधर भागने लगी पर ब्रिजेश पंवार ने उसे एक मिनट में धर दबोचा और उसके कपड़े उतारना चालू कर दिये. यहाँ भी देंखे दीपिका पादुकोण की चूत को बहुत देर तक चोदा बॉलीवुड एक्ट्रेस Hindi Sex Stories पहले स्कर्ट खींच कर उतार दी और फिर ब्लाउज. फाड़ कर निकाल दिया. अब लड़की के चिकने गोरे शरीर पर सिर्फ़ एक छोटी सफ़ेद ब्रा और एक पैन्टी बची. वह अभी अभी दो माह पहले ही ब्रेसियर पहनने लगी थी.
उसके अर्धनग्न कोमल कमसिन शरीर को देखकर ब्रिजेश पंवार का लंड अब बुरी तरह तन्ना कर खड़ा हो गया था. उसने अपने कपड़े भी उतार दिये और नंगा हो गया. उसके मस्त मोटे ताजे कस कर खड़े लंड को देख कर वर्जिन राधिका के चेहरे पर दो भाव उमड़ पड़े. एक घबराहट का और एक वासना का. वह भी सहेलियों के साथ ऐसी किताबें अक्सर देखती थी. उनमें दिखते मस्त लण्डों को याद करके रात को हस्तमैथुन भी करती थी. कुछ दिनों से बार बार उसके दिमाग में आता था कि उसके हैम्डसम भैया का कैसा होगा. आज सच में उस मस्ताने लौड़े को देखकर उसे डर के साथ एक अजीब सिहरन भी हुई.
बहन चोद भाई ने अपनी बहन राधिका के कोमल रसीले होंठ अपने होंठों में दबा लिये
“चल मेरी नटखट बहना, नंगी हो जा, अपनी सजा भुगतने को आ जा” कहते हुए ब्रिजेश पंवार ने जबरदस्ती उसके अन्तर्वस्त्र भी उतार दिये. वर्जिन राधिका छूटने को हाथ पैर मारती रह गई पर ब्रिजेश पंवार की शक्ति के सामने उसकी एक न चली. वह अब पूरी नंगी थी. उसका गोरा गेहुवा चिकना कमसिन शरीर अपनी पूरी सुन्दरता के साथ ब्रिजेश पंवार के सामने था. वर्जिन राधिका को बाहों में भर कर ब्रिजेश पंवार ने अपनी ओर खीन्चा और अपने दोनो हाथों में वर्जिन राधिका के मुलायम जरा जरा से स्तन पकड़ कर सहलाने लगा. चाहता तो नहीं था पर उससे न रहा गया और उन्हें जोर से दबाने लगा. वह दर्द से कराह उठी और रोते हुए बोली “भैया, दर्द होता है, इतनी बेरहमी से मत मसलो मेरी चूचियों को”.
ब्रिजेश पंवार तो वासना से पागल था. वर्जिन राधिका का रोना उसे और उत्तेजित करने लगा. उसने अपना मुंह खोल कर अपनी बहन राधिका के कोमल रसीले होंठ अपने होंठों में दबा लिये और उन्हें चूसते हुए अपनी बहन के मीठे मुख रस का पान करने लगा. साथ ही वह उसे धकेलता हुआ पलंग तक ले गया और उसे पटक कर उसपर चढ़ बैठा. झुक कर उसने वर्जिन राधिका के गोरे स्तन के काले चूचुक को मुंह में ले लिया और चूसने लगा. उसके दोनों हाथ लगातार अपनी बहन के बदन पर घूंम रहे थे. उसका हर अन्ग उसने खूब टटोला.
मन भर कर मुलायम मीठी चूचियां पीने के बाद वह बोला. “बोल वर्जिन राधिका रानी, पहले चुदवाएगी, या सीधे गांड मरवाएगी?” आठ इम्च का तन्नाया हुआ मोटी ककड़ी जैसा लम्ड उछलता हुआ देख कर वर्जिन राधिका घबरा गई और बिलखते हुए उससे याचना करने लगी. “भैया, यह लंड मेरी नाजुक चूत फ़ाड़ डालेगा, मै मर जाऊंगी, मत चोदो मुझे प्लीऽऽऽज़ . मैं आपकी मुठ्ठ मार देती हूं”
ब्रिजेश पंवार को अपनी नाज़ुक किशोरी बहन पर आखिर तरस आ गया. इतना अब पक्का था कि वर्जिन राधिका छूट कर भागने की कोशिश अब नहीं कर रही थी और शायद चुदने को मन ही मन तैयार थी भले ही घबरा रही थी. उसे प्यार से चूमता हुआ ब्रिजेश पंवार बोला. “इतनी मस्त कच्ची कली को तो मैं नहीं छोड़ने वाला. और वह भी मेरी प्यारी नन्ही बहन की ! चोदूंगा भी और गांड भी मारून्गा. पर चल, पहले तेरी प्यारी रसीली चूत को चूस लूं मन भर कर, कब से इस रस को पीने को मै मरा जा रहा था। वर्जिन राधिका की गोरी गोरी चिकनी जान्घे अपने हाथों से ब्रिजेश पंवार ने फ़ैला दीं और झुक कर अपना मुंह बच्ची की लाल लाल कोमल गुलाब की कली सी चूत पर जमा कर चूसने लगा. अपनी जीभ से वह उस मस्त बुर की लकीर को चाटने लगा.
जवान बहन की बचकानी चूत पर बस जरा से रेशम जैसे कोमल बाल थे
उसकी जवान बहन की बचकानी चूत पर बस जरा से रेशम जैसे कोमल बाल थे. बाकी वह एकदम साफ़ थी. उसकी बुर को उंगलियों से फ़ैला कर बीच की लाल लाल म्यान को ब्रिजेश पंवार चाटने लगा. चाटने के साथ ब्रिजेश पंवार उसकी चिकनी माल बुर का चुंबन लेता जाता. धीरे धीरे वर्जिन राधिका का सिसकना बम्द हो गया. उसकी बुर पसीजने लगी और एक अत्यन्त सुख भरी मादक लहर उसके जवान तन में दौड़ गई. उसने अपने भाई का सिर पकड़ कर अपनी चूत पर दबा लिया और एक मद भरा सीत्कार छोड़कर वह चहक उठी. “चूसो भैया, मेरी चूत और जोर से चूसो. जीभ डाल दो मेरी बुर के अन्दर.”
ब्रिजेश पंवार ने देखा कि उसकी छोटी बहन की जवान बुर से मादक सुगन्ध वाला चिपचिपा पानी बह रहा है जैसे कि अमृत का झरना हो. उस शहद को वह प्यार से चाटने लगा. उसकी जीभ जब वर्जिन राधिका के कड़े लाल मणि जैसे क्लाईटोरिस पर से गुजरती तो वर्जिन राधिका मस्ती से हुमक कर अपनी जान्घे अपने भाई के सिर के दोनों ओर जकड़ कर धक्के मारने लगती. कुछ ही देर में वर्जिन राधिका एक मीठी चीख के साथ झड़ गई. उसकी बुर से शहद की मानों नदी बह उठी जिसे ब्रिजेश पंवार बड़ी बेताबी से चाटने लगा. उसे वर्जिन राधिका की बुर का पानी इतना अच्छा लगा कि अपनी छोटी बहन को झड़ने के बाद भी वह उसकी चूत चाटता रहा और जल्दी ही वर्जिन राधिका फ़िर से मस्त हो गई. (भाई की अपनी वर्जिन बहन के जिस्म को भोगने की लालसा हिन्दी सेक्स स्टोरी)
कामवासना से सिसकते हुए वह फ़िर अपने बड़े भाई के मुंह को चोदने लगी. उसे इतना मजा आ रहा था जैसा कभी हस्तमैथुन में भी नहीं आया था. ब्रिजेश पंवार अपनी जीभ उसकी गीली प्यारी चूत में डालकर चोदने लगा और कुछ ही मिनटों में वर्जिन राधिका दूसरी बार झड़ गई. ब्रिजेश पंवार उस अमृत को भूखे की तरह चाटता रहा. पूरा झड़ने के बाद एक तृप्ति की सांस लेकर वह कमसिन बच्ची सिमटकर ब्रिजेश पंवार से अलग हो गई क्योंकि अब मस्ती उतरने के बाद उसे अपनी झड़ी हुई बुर पर ब्रिजेश पंवार की जीभ का स्पर्श सहन नहीं हो रहा था.
ब्रिजेश पंवार अब वर्जिन राधिका को चोदने के लिये बेताब था. वह उठा और रसोई से मक्खन का डिब्बा ले आया.
थोड़ा सा मक्खन उसने अपने सुपाड़े पर लगया और वर्जिन राधिका को सीधा करते हुए बोला. “चल छोटी, चुदाने का समय आ गया.” वर्जिन राधिका घबरा कर उठ बैठी. उसे लगा था कि अब शायद भैया छोड़ देंगे पर ब्रिजेश पंवार को अपने बुरी तरह सूजे हुए लंड पर मक्खन लगाते देख उसका दिल डर से धड़कने लगा. वह पलंग से उतर कर भागने की कोशिश कर रही थी तभी ब्रिजेश पंवार ने उसे दबोच कर पलंग पर पटक दिया और उस पर चढ़ बैठा. उसने उस गिड़गिड़ाती रोती किशोरी की एक न सुनी और उस की टांगें फ़ैला कर उन के बीच बैठ गया. थोड़ा मक्खन वर्जिन राधिका की कोमल चूत में भी चुपड़ा.
फिर अपना टमाटर जैसा सुपाड़ा उसने अपनी बहन की कोरी चूत पर रखा और अपने लंड को एक हाथ से थाम लिया. ब्रिजेश पंवार को पता था कि चूत में इतना मोटा लंड जाने पर वर्जिन राधिका दर्द से जोर से चिल्लाएगी. इसलिये उसने अपने दूसरे हाथ से उसका मुंह बन्द कर दिया. वासना से थरथराते हुए फिर वह अपना लंड अपनी बहन की चूत में पेलने लगा. सकरी कुंवारी चूत धीरे धीरे खुलने लगी और वर्जिन राधिका ने अपने दबे मुंह में से दर्द से रोना शुरु कर दिया.
चूत में होते असहनीय दर्द को वह बेचारी सह ना कर सकी और बेहोश हो गई
कमसिन छोकरी को चोदने में इतना आनन्द आ रहा था कि ब्रिजेश पंवार से रहा ना गया और उसने कस कर एक धक्का लगाया. सुपाड़ा कोमल चूत में फच्च से घुस गया और वर्जिन राधिका छटपटाने लगी. ब्रिजेश पंवार अपनी बहन की कपकपाती बुर का मजा लेते हुए उसकी आंसू भरी आंखो में झांकता उसके मुंह को दबोचा हुआ कुछ देर वैसे ही बैठा रहा.
वर्जिन राधिका के बन्द मुंह से निकलती यातना की दबी चीख सुनकर भी उसे बहुत मजा आ रहा था. यहाँ भी देंख ऑडियो सेक्स स्टोरी भाई के लम्बे और मोटे लंड से चुद गई Hindi Audio Sex Story उसे लग रहा था कि जैसे वह एक शेर है जो हिरन के बच्चे का शिकार कर रहा है. कुछ देर बाद जब लंड बहुत मस्ती से उछलने लगा तो एक धक्का उसने और लगाया.आधा लंड उस किशोरी की चूत में समा गया और वर्जिन राधिका दर्द के मारे ऐसे उछली जैसे किसी ने लात मारी हो. चूत में होते असहनीय दर्द को वह बेचारी सह ना कर सकी और बेहोश हो गई.
ब्रिजेश पंवार ने उसकी कोई परवाह नहीं की और धक्के मार मार कर अपना मूसल जैसा लंड उस नाजुक चूत में घुसेड़ना चालू रखा. अन्त में जड़ तक लवड़ा उस कुंवारी बुर में उतारकर एक गहरी सांस लेकर वह अपनी बहन के ऊपर लेट गया. वर्जिन राधिका के कमसिन उरोज उसकी छाती से दबकर रह गये और छोटे छोटे कड़े चूचुक उसे गड़ कर मस्त करने लगे. ब्रिजेश पंवार एक स्वर्गिक आनन्द में डूबा हुआ था क्योंकि उसकी छोटी बहन की सकरी कोमल मखमल जैसी मुलायम बुर ने उसके लंड को ऐसे जकड़ा हुआ था जैसे कि किसीने अपने हाथों में उसे भींच कर पकड़ा हो.
वर्जिन राधिका के मुंह से अपना हाथ हटाकर उसके गुलाबी होंठों को चूमता हुआ ब्रिजेश पंवार धीरे धीरे उसे बेहोशी में ही चोदने लगा. बुर में चलते उस सूजे हुए लंड के दर्द से वर्जिन राधिका होश में आई. उसने दर्द से कराहते हुए अपनी आन्खे खोलीं और सिसक सिसक कर रोने लगी. “ब्रिजेश पंवार भैया, मैं मर जाऊंगी, उई मां, बहुत दर्द हो रहा है, मेरी चूत फटी जा रही है, मुझपर दया करो, आपके पैर पड़ती हूं.”
ब्रिजेश पंवार ने झुक कर देखा तो उसका मोटा ताजा लंड वर्जिन राधिका की फैली हुई चूत से पिस्टन की तरह अन्दर बाहर हो रहा था. बुर का लाल छेद बुरी तरह खिंचा हुआ था पर खून बिल्कुल नहीं निकला था.
यहाँ भी देंखे अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर के भतीजी बोली चाचू लंड डालो इंडियन सेक्स स्टोरी ब्रिजेश पंवार ने चैन की साम्स ली कि बच्ची को कुछ नहीं हुआ है, सिर्फ़ दर्द से बिलबिला रही है. वह मस्त होकर अपनी बहन को और जोर से चोदने लगा. साथ ही उसने वर्जिन राधिका के गालों पर बहते आंसू अपने होंठों से समेटन शुरू कर दिया. वर्जिन राधिका के चीखने की परवाह न करके वह जोर जोर से उस कोरी मस्त बुर में लंड पेलने लगा. “हाय क्या मस्त चिकनी और मखमल जैसी चूत है तेरी वर्जिन राधिका, सालों पहले चोद डालना था तुझे.
चल अब भी कुछ नहीं बिगड़ा है, रोज तुझे देख कैसे तड़पा तड़पा कर चोदता हूं.” टाइट बुर में लंड चलने से ‘फच फच फच’ ऐसी मस्त आवाज होने लगी. जब वर्जिन राधिका और जोर से रोने लगी तो ब्रिजेश पंवार ने वर्जिन राधिका के कोमल गुलाबी होंठ अपने मुंह मे दबा लिये और उन्हें चूसते हुए धक्के मारने लगा. जब आनन्द सहन न होने से वह झड़ने के करीब आ गया तो वर्जिन राधिका को लगा कि शायद वह झड़ने वाला है इसलिये बेचारी बड़ी आशा से अपनी बुर को फ़ाड़ते लंड के सिकुड़ने का इन्तजार करने लगी. पर ब्रिजेश पंवार बहनचोद भाई अभी अपनी 18 साल की जवान और सेक्सी छोटी बहन के नंगे जिस्म का और मजा लेना चाहता था; पूरी इच्छाशक्ति लगा कर वह रुक गया जब तक उसका उछलता लंड थोड़ा शान्त न हो गया.
सम्हलने के बाद उसने वर्जिन राधिका से कहा “मेरी प्यारी बहन, इतनी जल्दी थोड़े ही छोड़ूंगा तुझे. मेहनत से लंड घुसाया है तेरी कुंवारी चूत में तो मां-कसम, कम से कम घन्टे भर तो जरूर चोदूंगा.” और फ़िर चोदने के काम में लग गया. दस मिनिट बाद वर्जिन राधिका की चुदती बुर का दर्द भी थोड़ा कम हो गया था. वह भी आखिर एक मस्त यौन-प्यासी लड़की थी और अब चुदते चुदते उसे दर्द के साथ साथ थोड़ा मजा भी आने लगा था. ब्रिजेश पंवार जैसे खूबसूरत जवान से चुदने में उसे मन ही मन एक अजीब खुशी हो रही थी, और ऊपर से अपने बड़े भाई से चुदना उसे ज्यादा उत्तेजित कर रहा था.
जब उसने चित्र में देखी हुई चुदती औरत को याद किया तो एक सनसनाहट उसके शरीर में दौड़ गई. चूत में से पानी बहने लगा और मस्त हुई चूत चिकने चिपचिपे रस से गीली हो गई. इससे लंड और आसानी से अन्दर बाहर होने लगा और चोदने की आवाज भी तेज होकर ‘पकाक पकाक पकाक’ जैसी निकलने लगी. रोना बन्द कर के वर्जिन राधिका ने अपनी बांहे ब्रिजेश पंवार के गले में डाल दीं और अपनी छरहरी नाजुक टांगें खोलकर ब्रिजेश पंवार के शरीर को उनमें जकड़ लिया. वह ब्रिजेश पंवार को बेतहाशा चूंमने लगी और खुद भी अपने चूतड़ उछाल उछाल के चुदवाने लगी. “चोदिये मुझे भैया, जोर जोर से चोदिये. हाःय, बहुत मजा आ रहा है. मैने आपको रो रो कर बहुत तकलीफ़ दी, अब चोद चोद कर मेरी बुर फाड़ दीजिये, मैं इसी लायक हूं।”
ब्रिजेश पंवार हंस पड़ा. “रंडी है आखिर मेरी ही बहन, मेरे जैसी सेक्स की भूखी. 18 साल की जवान राधिका को अपने सगे बड़े भाई के अथ सेक्स कने में मजा तो आ रहा था पर ब्रिजेश पंवार के लंड के बार बार उसकी वर्जिन चूत के अंदर बाहर होने से उसकी चूत में भयानक दर्द हो रहा था और उसकी चूत की सील टूटने के कारण उसकी चूत से खून भी निकलने लगा था. अपने आनन्द के लिये वह किसी तरह दर्द सहन करती रही और मजा लेती हुई अपनी ही सगे बड़े भाई से अपनी फटी हुई चूत भी चुदवाती रही पर ब्रिजेश पंवार के हर वार से दर्द के मारे उसकी सिसकी निकल रही थी. काफ़ी देर यह सम्भोग चला. ब्रिजेश पंवार पूरे ताव में था और मजे ले लेकर लंड को झड़ने से बचाता हुआ अपने सेक्सी छोटी बहन के जिस्म को भोग रहा था.
18 साल की जवान राधिका कई बार झड़ी और आखिर लस्त हो कर निढाल पलंग पर पड़ गई. चुदासी उतरने पर अब वह फ़िर रोने लगी. जल्द ही दर्द से सिसक सिसक कर उसका बुरा हाल हो गया क्योंकि ब्रिजेश पंवार का मोटा लंड अभी भी बुरी तरह से उसकी बुर को चौड़ा कर रहा था. ब्रिजेश पंवार तो अब पूरे जोश से 18 साल की जवान राधिका पर चढ़ कर उसे भोग रहा था जैसे वह इन्सान नही, कोई खिलौना हो. उसके कोमल गुप्तान्ग को इतनी जोर की चुदाई सहन नहीं हुई और सात आठ जोरदार झटकों के बाद वह एक हल्की चीख के साथ 18 साल की जवान राधिका फिर बेहोश हो गई. यहाँ भी देंखे>>मैंने 18 साल की बहन की वर्जिन चुत चूसी और बहन को लंड चुसाया
ब्रिजेश पंवार उस पर चढ़ा रहा और उसे हचक हचक कर चोदता रहा. चुदाई और लम्बी खींचने की उसने भरसक कोशिश की पर आखिर उससे रहा नहीं गया और वह जोर से हुमकता हुआ झड़ गया. गरम गरम गाढ़े वीर्य का फ़ुहारा जब 18 साल की जवान राधिका की बुर में छूटा तो वह होश में आई और अपने भैया को झड़ता देख कर उसने रोना बन्द करके राहत की एक सांस ली. उसे लगा कि अब ब्रिजेश पंवार उसे छोड़ देगा पर ब्रिजेश पंवार उसे बाहों में लेकर पड़ा रहा.
18 साल की जवान राधिका रोनी आवाज में उससे बोली. “भैया, अब तो छोड़ दीजिये, मेरा पूरा शरीर दुख रहा है आप से चुद कर.” ब्रिजेश पंवार हंसकर बेदर्दी से उसे डराता हुआ बोला. “अभी क्या हुआ है 18 साल की जवान राधिका रानी. अभी तो तेरी गांड भी मारनी है.” 18 साल की जवान राधिका के होश हवास यह सुनकर उड़ गये और घबरा कर वह फिर रोने लगी. ब्रिजेश पंवार हंसने लगा और उसे चूमते हुए बोला. “रो मत, चल तेरी गांड अभी नहीं मारता पर एक बार और चोदूंगा जरूर और फिर आफिस जाऊंगा.” उसने अब प्यार से अपनी बहन के चेहरे , गाल और आंखो को चूमना शुरू कर दिया.
यहाँ भी देंखे ऑडियो सेक्स लड़की से सुने सेक्स स्टोरी भाभी को देवर ने चोदा और लंड चुसाया MP3 Audio Sex Story उसने 18 साल की जवान राधिका से उसकी जीभ बाहर निकालने को कहा और उसे मुंह में लेकर 18 साल की जवान राधिका के मुख रस का पान करता हुआ कैन्डी की तरह उस कोमल लाल लाल जीभ को चूसने लगा. थोड़ी ही देर में उसका लंड फ़िर खड़ा हो गया और उसने 18 साल की जवान राधिका की दूसरी बार चुदाई शुरू कर दी. चिपचिपे वीर्य से 18 साल की जवान राधिका की बुर अब एकदम चिकनी हो गई थी इसलिये अब उसे ज्यादा तकलीफ़ नहीं हुई. ‘पुचुक पुचुक पुचुक’ की आवाज के साथ यह चुदाई करीब आधा घन्टा चली.
18 साल की जवान राधिका बहुत देर तक चुपचाप यह चुदाई सहन करती रही पर आखिर चुद चुद कर बिल्कुल पस्त होकर वह दर्द से सिसकने लगी. आखिर ब्रिजेश पंवार ने जोर जोर से धक्के लगाने शुरू किये और पांच मिनट में झड़ गया. झड़ने के बाद कुछ देर तो ब्रिजेश पंवार मजा लेता हुआ अपनी कमसिन बहन के नंगे जिस्म पर पड़ा रहा. फिर उठ कर उसने अपनी बहन की चूत से अपना लंड बाहर निकला. वह ‘पुक्क’ की आवाज से बाहर निकला. लंड पर वीर्य और खून का मिला जुला मिश्रण लगा था.
सेक्सी और जवान राधिका बेहोश पड़ी थी उसका नंगा जिस्म खून से लथपथ था. ब्रिजेश पंवार उसे चोदने के बाद पलंग पर बेहोशी की हालत में नंगी ही छोड़ कर बाहर आया और दरवाजा लगा लिया. उसकी चुदक्कड़ पत्नी सविता वापस आ गई थी और बाहर बड़ी अधीरता से उसका इन्तजार कर रही थी. अपने बहन चोद पति की तृप्त आंखे देखकर वह समझ गई कि उसकी ननद की चुदाई मस्त हुई है और उसका पति अब अपनी जवान बहन के नंगे जिस्म से खेल कर पूर्ण संतुष्ट है. “फिर सविता भाभी अपने पति से बोली : चोद आये मेरी गुड़िया जैसी प्यारी ननद को ?” ब्रिजेश पंवार तॄप्त होकर अपनी पत्नी को चूमता हुआ बोला. “हां मेरी जान, चोद चोद कर बेहोश कर दिया साली को, साली वर्जिन थी बहुत रो रही थी, दर्द का नाटक खूब किया पर मैने उसकी एक नहीं सुनी और ना ही उस पर दया दिखाई मै उसके नंगे जिस्म को खूब नौचता और खाता रहा मैंने उसके बोबे अपने दांतों से चाभा डाले.
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