अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़कर किरायेदार की वर्जिन बेटी को खूब जमकर चोदा था. चुदवाते चुदवाते किरायेदार की कुंवारी बेटी दर्द के मारे रोने लगी थी और जोर जोर से चिल्लाने लगी थी. आज पहली बार किरायेदार की वर्जिन बेटी ने मेरे लंबे मोटे लंड से अपनी सील पैक वर्जिन चूत को चुदवाया था इस लिए उसे काफी ज्यादा दर्द हुआ था और उसकी चूत फट गयी थी. चूत फट जाने की वजह से उसकी फटी हुई चूत से काफी ज्यादा खून भी निकला था. फिर चुदाई ख़त्म करने के बाद मैंने गर्म पानी से उसकी फटी हुई चूत की सफाई करी थी ताकि उसे तेज दर्द से राहत मिल सके. पूरी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी निचे विस्तार से पढ़ें…
दोस्तो, मेरा नाम सागर गुप्ता है और मेरी उम्र 35 वर्ष है. मैं एक कुंवारा लड़का हूँ और प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करता हूँ. मेरे परिवार में हम कुल तिन ही सदस्य हैं मैं और मेरे माता पिता. एक दादा जी हैं जो की गाँव में रहते हैं. आज इस अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी के माध्यम से आज जो घटना मैं आप लोगों के साथ शेयर करने जा रहा हूँ वो करीब 2 साल पहले की है. हमारा घर किराये पर चलता था और हमारे घर में नये किरायेदार किराये पर रहने आये थे. उस किरायेदार परिवार में पति, पत्नी और उनके दो बच्चे थे जिसमें एक बेटा था और एक बेटी थी. उस नए किरायेदार परिवार के बच्चों में बेटी बड़ी थी और बेटा छोटा था. किरायेदार पति पत्नी भी कोई ज्यादा उम्र के नहीं थे पति की उम्र 45 साल और पत्नी की करीब 40 के करीब होगी.
किरायेदार की वर्जिन बेटी को चोदा फिर गर्म पानी से फटी हुई चूत की सफाई करी XXX हिंदी सेक्स स्टोरी
किरायेदार भाभी दिखने में एक दम कड़क माल थी और उनकी बेटी भी बिलकुल अपनी माँ पर ही गयी थी. एक दिन की बात है कि मैं अपनी छत पर सबसे ऊपर वाले कमरे में अकेला बैठा हुआ था. उस दिन मेरे घरवाले किसी रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए गये हुए थे इस लिए मैं घर में बिलकुल अकेला था. मैं अन्तर्वासना की सेक्सी किताब खोलकर हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने लगा. मुझे किसी के आने का डर नहीं था इसलिए मैं बेफिक्र होकर अन्तर्वासना हिंदी सेक्स कहानी पढ़ने का आनंद ले रहा था. मैंने हस्तमैथुन करने के इरादे से अपने लंड को बाहर निकाला हुआ था. मेरा लंड बहुत ही ज्यादा तना हुआ था जो मेरे एक हाथ में था और दूसरे हाथ में किताब थी. हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ते हुए मैं अपने लंड को बड़े प्यार से सहला रहा था.
मैं अन्तर्वासना की गन्दी किताब में हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने में और अपना खड़ा लंड हिलाने में मैं इतना खो गया कि मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि छत पर कौन आ रहा है और कौन जा रहा है मैं तो बस हस्तमैथुन करके अपनी कामवासना शांत करने में लगा हुआ था. उस वक्त किरायेदार की लड़की छत पर कपड़े सुखाने के लिए आई हुई थी. मुठ मारते मारते मेरे मुंह से हल्की सिसकारियां निकल रही थीं. न जाने कब किरायेदार की वर्जिन बेटी ने मेरी सिसकारियां सुन लीं. मुझे पता ही नहीं चला और मैं मुठ मारने में व्यस्त रहा. जब मेरा वीर्य निकल गया तो तब जाकर मैं शांत हुआ. हस्तमैथुन करने के बाद जब मैंने फिर बाहर की ओर देखा तो एकदम से घबरा गया क्योंकि मैंने देखा की किरायेदार की बेटी ने मुझे अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी की गन्दी किताब पढ़कर हस्तमैथुन करते हुए देख लिया था.
किरायेदार की कामुक बेटी जिसका नाम याशिका था, वो मुझे चुपके से छुपकर मुठ मारते हुए देख रही थी और अपने स्तनों को सहला भी रही थी. जैसे ही हमारी नज़र मिली तो वो मुझे देख कर जल्दी से नीचे भाग गई. आज पहली बार मेरे मन में किरायेदार की वर्जिन बेटी के लिए गलत विचार आये. मैं मन ही मन सोचने लगा की यार मुठ मारने से तो अच्छा है किरायेदार की इस वर्जिन बेटी को चोदा चादी करने के लिए पटाया जाए और इस कामुक कुंवारी लड़की की सील पैक वर्जिन चूत और गांड को चोदा जाये और अपनी कामवासना को शांत करा जाये. मैंने आज से पहले कभी उस कुंवारी लड़की को गन्दी नजरों से नहीं देखा था मगर अब मुझे मेरी कामवासना को शांत करने के लिए वह कामुक लड़की बिलकुल सही साधन लग रही थी.
दोस्तों उस दिन के बाद से अब मैं हमारी किरायेदार की कुंवारी बेटी को हर वक्त बस वासना भरी नज़रों से देखा करता था. दोस्तों जिस दिन से किरायेदार की जवान और सेक्सी बेटी ने मुझे अन्तर्वासना की किताब से हिंदी सेक्स कहानी पढ़ते हुए और मुठ मारते हुए पकड़ा था बस उसी दिन से अब मेरी कामवासना भी बहुत ज्यादा भड़कने लगी थी. अब मैं हर हाल में किरायेदार की वर्जिन बेटी के साथ चोदा चादी करके उसकी कुंवारी चूत और गांड के छेद से अपने जंगली लंड की तड़प शांत करवाना चाहता था. अब मैं किरायेदार की कामुक बेटी को पटाकर चोदने का प्लान बनाने लगा अब मुझे इंतजार था तो बस सही मौके का. फिर मेरे मम्मी पापा कुछ दिनों के लिए गांव चले गये क्यूंकि दादा जी की तबीयत अचानक खराब हो गई थी और मेरे खाने पीने की सारी जिम्मेदारी किरायदार आंटी को देकर गए थे.
फिर रात को किरायेदार का लड़का खाना देने आया और मैं खाना खाकर सो गया. फिर सुबह जब आँख खुली तो मैं जॉब के लिए लेट हो चुका था. घर में मां होती थी तो वो उठा देती थी लेकिन उस दिन मैं उठ नहीं पाया. फिर मैंने सोचा कि अब कौन तैयार होकर जायेगा. वैसे भी लेट तो हो ही चुका हूं इसलिए आज छुट्टी ही कर लेता हूं. मैंने ऑफिस में कॉल करके बोल दिया कि तबीयत खराब है और मैं आज नहीं आ पाऊँगा. फिर मुझे भूख भी लगने लगी थी. मैंने चाय नाश्ता बनाकर खाया. उसके बाद किरायेदारों को देखा तो वो सब भी जॉब पर जा चुके थे. घर पर मैं अकेला था और वो किरायेदार का बेटा था.
मैंने किरायेदार के बेटे से पूछा तो उसने बताया कि उसके मां पापा दोनों नौकरी करते हैं और उसकी बहन खुबसूरत और सेक्सी माल याशिका कोचिंग क्लास गयी हुई है. अब मेरे मन में लड्डू फूटने लगे कि आज तो बात बन ही जाएगी. मैं याशिका का इंतजार करने लगा और ठीक 1 बजे वो घर आई. उसके भाई का उस वक्त ट्यूशन होता था. जब वो जाने लगा तो मैंने टोक कर पूछा. वो बोला कि वो दो घंटे के बाद आयेगा. खुबसूरत और सेक्सी माल याशिका को शायद पता नहीं था कि मैं आज घर पर ही हूँ. मैं चुपके से अपना लंड सहलाता सहलाता याशिका के रूम में गलत इरादे से गया मगर वो साली बहन की लौड़ी वहां पर नहीं थी. फिर मुझे ध्यान आया कि कहीं नहाने के लिए बाथरूम में तो नहीं गयी है?
हम लोगों का बाथरूम कॉमन ही था जो की ऊपर वाली मंजिल पर बना हुआ था. मैंने ऊपर जाकर देखा तो वो नहाने के लिए बाथरूम में गयी हुई थी. उस कामुक लड़की के कपड़े और ब्रा पैंटी बाथरूम के दरवाजे पर टंगे हुए थे. अब मुझे एक शरारत सूझी और फिर मैं पास पहुंचा तो जोर से पानी गिरने की आवाज हो रही थी. दरवाजा चौखट में फंसा हुआ था इसलिए दरवाजे के ऊपरी हिस्से में गैप रह जाता था. धीरे से मैंने खींचते हुए उसके कपड़े और तौलिया दरवाजे से उतार लिये और वहीं छुप गया. जब वो नहाकर कपड़े देखने लगी तो वो यहां वहां हाथ मारने लगी. उसको कपड़े नहीं मिले. फिर मैं दरवाजे के पास अनजान बनकर गया और खटखटा कर बोला- कौन है अंदर? मुझे भी नहाना है. किरायेदार की कड़क माल बेटी बोली की मैं हूं सागर.
फिर मैंने भोले स्वर में कहा- ओह याशिका तुम नहा रही हो क्या? किरायेदार की कड़क माल बेटी बोली की हां, मेरे कपड़े कहीं गिर गये हैं. देखो तो आसपास. मैं हवस का पुजारी बोला की यहां तो नहीं दिख रहे. तुम खुद आकर देख लो. किरायेदार की कड़क माल बेटी बोली की मैं नंगी हूँ इस लिए बाथरूम से बाहर नहीं आ सकती क्या तुम मुझे मेरे कपड़े लाकर दे सकते हो? मैं हवस का पुजारी बोला की मेरे पास मेरा तौलिया है यही ले लो. किरायेदार की कड़क माल बेटी बोली की ठीक है तुम्हारा तौलिया ही दे दो. मैंने कहा की पहले बाथरूम का दरवाजा तो खोलो तभी तो तौलिया दूंगा? किरायेदार की कड़क माल बेटी बोली की खोल रही हूं, रुको. वो दरवाजे को खींचने लगी लेकिन बाथरूम का दरवाजा चौखट में फंस गया.
किरायेदार की कड़क माल बेटी बोली की बाहर से थोड़ा धक्का दो. नहीं खुल रहा है. मैंने एक जोर का धक्का मारा और दरवाजा जोर से खुला. याशिका दरवाजे के धक्के के साथ पीछे गयी और दीवार से जा लगी. सामने का नजारा देखकर मेरी आंखें फटी रह गयीं. वो कुंवारी लड़की बिलकुल नंगी धडंगी थी और उसका गोरा बदन पानी से भीगा हुआ था. उसकी चूचियां एकदम अमरूद के जैसी बिल्कुल टाइट थी और किरायेदार की बेटी की टाइट चूत पर हल्के भीगे बाल थे. किरायेदार की बेटी को बिना कपड़ों के बिलकुल नंगी धडंगी देखकर मेरी तो दोनों आँखे फटी की फटी रह गयी. वो थोड़ा संभली और अपने मोटे मोटे बूब्स और चूत को हाथ से छिपाने की नाकाम कोशिक करने लगी.
फिर वो मेरे उप्पर जोर से चिल्लायी- क्या कर रहे हो? दिख नहीं रहा मैंने कपड़े नहीं पहने. जल्दी से तौलिया दो अभी कोई आ जायगा तो मेरी इज्जत तार तार हो जायगी. मैं अभी भी किरायेदार की बेटी की टाइट चूत को देखे जा रहा था. फिर वो दूसरी ओर घूम गयी और अपने चूतड़ मेरी तरफ करके अपने दोनों हाथों से उसने चूचियों को छिपा लिया. उसके चूतड़ भी भीगे थे और बहुत प्यारे लग रहे थे. मन कर रहा था अभी जोर दे दबा दूं और लंड लगा दूं इनमें. धीरे से मैंने उसके पास गया तो वो थोड़ी घबरा गयी. मैंने हाथ बढ़ाकर उसको तौलिया पकड़ा लिया. उसने झट से तौलिया लिया और अपने नंगे जिस्म पर लपेट लिया. मैं तब भी बेशर्मों की तरह खड़ा रहा तो किरायेदार की कड़क माल बेटी बोली की बाहर जाओ अब. तो मैं हवस का पुजारी बोला की मुझे नहाना है.
किरायेदार की वर्जिन बेटी को चोदा और चुदाई करने के बाद गर्म पानी से उसकी फटी चूत की सफाई करी :- अब मेरे अंदर हवस भर चुकी थी. मैं अब कुछ भी कर गुजरने को तैयार था. उसकी नंगी जवानी ने मेरी सोचने और समझने की शक्ति खत्म कर दी थी. किरायेदार की कड़क माल बेटी बोली की जाओ प्लीज. मैं हवस का पुजारी बोला की तुम जाओ. मुझे तो नहाना है. फिर मैं उसके पास गया और पीछे से उससे चिपट गया. याशिका घुस्से से बोली क्या कर रहे हो, तुम पागल हो गये हो क्या? अभी किसी ने देख लिया तो बहुत बदनामी हो जायेगी? छोड़ो मुझे. मैंने कहा- हां जान, पागल तो उसी दिन हो गया था जिस दिन तुमने मुझे मेरा लंड हिलाते हुए देख लिया था. किरायेदार की कड़क माल बेटी बोली की गलती से हो गया था. अब जाने दो मुझे. मैंने उसकी गर्दन को चूमते हुए कहा- नहीं, वो गलती दोबारा कर दो ना यार … बहुत मन कर रहा है.
किरायेदार की कड़क माल बेटी बोली की नहीं, जाने दो मुझे. मैंने आगे हाथ ले जाकर तौलिया के ऊपर से उसकी चूचियों को पकड़ लिया और दबाते हुए उसकी गांड पर लंड लगाने लगा. वो छुड़ाने लगी तो मैंने उसकी गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया. उसको मैंने कसकर अपनी बांहों में जकड़ लिया ताकि वो छूट न पाये. किरायेदार की कड़क माल बेटी बोली की छोड़ो सागर, कोई देख लेगा. मैंने दरवाजा एक हाथ से ढालते हुए कहा- कोई नहीं देखेगा. बस अब तो मैंने तुम्हें देखना चाहता हूं. मैंने उसको अपनी ओर घुमा लिया. उसकी नजर नीचे झुक गयी लेकिन नीचे मेरे अंडरवियर में मेरा सांप फनफना रहा था. उसने मेरे खड़े लंड को देख लिया और फिर से नजर ऊपर कर ली.
अब मैंने उस कामुक कुंवारी लड़की के लाल लाल शरबती होंठों को चूमना व चुसना शुरू कर दिया. मैंने उसे गले लगा लिया. पहले तो वो विरोध करने लगी फिर शायद हम दोनों का नंगा बदन एक दूसरे को अच्छा लगने लगा तो उसने विरोध त्याग दिया और वो भी कामुकता से भर उठी. दो मिनट के बाद वो कामुकता से भरी लड़की भी मुझसे कसकर चिपक गई और मैं उसे वहीं किस करने लगा और वो गर्म होने लगी. फिर मैंने उसे उठाया और अपने कमरे में ले गया और बेड पर लेटा दिया. अब वो ज़्यादा शर्मा रही थी और मैं उसे किस करने में लगा रहा. उसका गीला बदन मैं ऊपर से नीचे तक चूमने लगा और अब वो सिसकारने लगी- आह्ह … सागर .. नहीं … आह्ह … अम्म … कोई आ गया तो … तुम अभी रहने दो ना प्लीज!
अब मुझे और भी ज्यादा सेक्स चढ़ने आने लगा क्यूंकि पहली बार किसी लड़की को नंगी देखा था और पहली बार उसे चूम-चाट रहा था. बड़ा ही अद्भुत अहसास हो रहा था. अब मैं उसकी टाँगों के बीच में आ गया और किरायेदार की बेटी की टाइट चूत को देखने लगा. उस सुन्दर और सेक्सी लड़की का चेहरा शर्म से लाल हो गया और उसने अपने दोनों हाथों से अपनी आँखों को ढक लिया. उसकी टाइट चूत मुझे और ज़्यादा उकसाने लगी. अब मेरे मुंह में चूत चाटने के लिए पानी आने लगा. मैंने जैसे ही अपनी जीभ किरायेदार की बेटी की टाइट चूत पर लगाई तो उसकी सिसकारी निकल गयी- आह्ह … आआआह्ह … नहीं. मैं किरायेदार की बेटी की टाइट चूत में जीभ से चाटने लगा.
किरायेदार की बेटी की टाइट चूत का स्वाद बड़ा मनमोहक लग रहा था, जैसे दुनिया के सारे पकवान एक तरफ और किरायेदार की बेटी की टाइट चूत का स्वाद एक तरफ. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था; मैंने भी अपना लंड उसके मुँह के सामने कर दिया ताकि वो भी मेरा लंड चूस सके और मुझे ब्लोजॉब दे सके. मगर वो ब्लोजॉब करने से मना करने लगी तो फिर मैंने भी ज़्यादा ज़ोर नहीं दिया. अब मुझे बस उस कुंवारी लड़की की सील पैक वर्जिन चूत को चोद कर फाड़ना था ओर उसका कोमार्य भंग करना था. अब वो घबरा रही थी क्यूंकि उसने बताया कि उसकी गांड और चूत को आज तक किसी ने भी नहीं चोदा है और वो बिलकुल वर्जिन है.
दोस्तों ये बात जानकर मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गया की आज मुझे इस कुंवारी लड़की की सील पैक चूत की चुदाई करके इसकी सील तोड़ने का सौभाग्य प्राप्त होने जा रहा है. वो मेरे साथ सेक्स करने से काफी ज्यादा डर रही थी और चुदने के लिए मना कर रही थी. मैंने उसे समझाया कि मैंने भी आज तक किसी भी लड़की की गांड और चूत को नहीं चोदा है मेरा भी आज पहला सेक्स है तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारी चुदाई बड़े आराम आराम से करूँगा. तब जाकर वो मेरे साथ अवैध शारीरिक संबंध बनाने के लिए राजी हुई. फिर मैं जल्दी से सरसों का तेल लाया और अच्छी तरह से किरायेदार की बेटी की टाइट चूत पर लगाया. टाइट चूत को तेल में चिकनी करने के बाद मैंने अपने लंड को भी तेल में सराबोर कर दिया.
अब मैं फिर से बेड पर आया और उसकी दोनों टांगें अपने कंधों पर रखीं और लंड को किरायेदार की बेटी की टाइट चूत के द्वार पर सटा दिया. चूत का छेद बहुत ही ज्यादा टाइट था और मेरा लंड भी काफी ज्यादा तगड़ा था. मैंने लंड को हल्का धक्का दिया तो वो सी सी … करने लगी. मगर चूत सील पैक होने की वजह से मेरा लंड अंदर नहीं गया. अब मैं सोचने लगा कि कहीं इसकी चूत फट गयी तो लेने के देने न पड़ जायें. फिर मैंने धीरे से किरायेदार की बेटी की टाइट चूत में थूक लगाकर अपनी उंगली डाली. जैसे ही मेरी ऊँगली उस कुंवारी लड़की की सील पैक वर्जिन चूत में गयी वैसे ही वो थोड़ी उचकी और फिर अपनी दोनों आँखें बंद करके सिसकारने लगी.
मैंने आधी उंगली किरायेदार की बेटी की टाइट चूत में धीरे धीरे चलायी और ऊँगली से ही उसकी चुदाई करने लगा. कुछ देर बाद उसको भी मेरी ऊँगली से अपनी चूत की चुदाई करवाना अच्छा लगने लगा. जब वो थोड़ी चुदासी हो गयी तो मैंने दोबारा से अपने खड़े लंड पर थूक लगाकर कर उस कामुकता से भरी नंगी लड़की की की सील पैक वर्जिन चूत के छेद पर लगाया. मैंने हल्का धक्का दिया तो मेरा लंड 2 इंच तक किरायेदार की बेटी की टाइट चूत में घुस गया. याशिका दर्द से चिल्लाने लगी और मुझे हटाने लगी. मगर मैंने भी उसे अच्छे से पकड़ रखा था और वो रोने लगी. मैंने उसे समझाया कि पहली बार में दर्द तो होता ही है. फिर मैं उसे किस करने लगा और उसके बड़े बड़े स्तनों को मुंह में भरकर किसी छोटे बच्चे की तरह से चूसने लगा जिससे थोड़ी देर में वो शांत हो गई और उसका दर्द भी कम हो गया.
जैसे ही वो नॉर्मल हुई मैंने एक जोरदार झटका दिया और मेरा लंबा मोटा लंड उस कुंवारी लड़की की सील पैक चूत को फाड़ते हुए 4 इंच तक अंदर चला गया और मुझे पहली बार जीवने के वास्तविक सुख की प्राप्ति हुई आज मैंने मेरे जीवन में पहली बार जो किसी लड़की को चोदा था. अब दर्द के मारे वो जोर जोर से रोने लगी और जोर जोर से चिल्लाने लगी- उई माँ … आआ … आह्ह … ऊईई … नो हह्ह … मर गई. उसकी आंखों से आंसू आने लगे. मगर मैं रुकना नहीं चाहता था. मुझे आज उसकी अच्छे से चुदाई करनी थी, सो मैं ऐसे ही रुक कर उसे फिर से चूमने लगा और चूचियों को सहलाने लगा. वो लगातार दर्द से कराह रही थी. मैंने जब नीचे देखा तो किरायेदार की बेटी की टाइट चूत से खून निकल कर बेड शीट पर बह रहा था और मेरा लंड भी लाल हो चुका था. उस कुंवारी लड़की की फटी हुई चूत के खून से मेरा लंड भी बिलकुल लाल हो गया था.
मुझे तो पता था की जब किसी कुंवारी लड़की को पहली बार चोदते हैं और उसकी सील तोड़ते हैं तो पहली बार की चुदाई के दौरान काफी ज्यादा मात्र में खून निकलता है मगर मैंने उसको खून निकलने के बारे में नहीं बताया अगर बता देता तो वो मुझे उसकी फटी हुई चूत को चोदने नहीं देती. फिर 10 मिनट के बाद वो जब नॉर्मल हुई तो मैंने उसको आखिरी झटका पूरा दम लगाकर दिया. मैंने अपना पूरा लंड किरायेदार की बेटी की टाइट चूत में घुसा दिया. वर्जिन याशिका शायद इसके लिए अभी तैयार नहीं थी और उसकी अब तक की सबसे तेज चीख निकली. वो तो अच्छा है कि मैंने तेज आवाज में किशोर कुमार के दर्द भरे गाने चला रखे थे नहीं तो उसकी दर्द भरी चीखें सुनकर पड़ोसी आ सकते थे और हम दोनों को अवैध सेक्स संबंध बनाते हुए रंगे हाथों पकड़ भी सकते थे.
अब मैं उसके ऊपर ऐसे ही लेटा रहा और उसे प्यार करने लगा और किसी पागल प्रेमी की तरह उसे चूमने चाटने लगा. वो लगातार रोए जा रही थी शायद दर्द ज़्यादा तेज हो रहा था. 15 मिनट तक मैं उसे ऐसे ही प्यार करता रहा तब जाकर वो थोड़ा शांत हुई. अब मैं हल्के हल्के धक्के से लंड अंदर बाहर करने लगा और अब खुबसूरत और सेक्सी माल याशिका को दर्द कम हो रहा था. अब बारी थी उस कुंवारी लड़की की सील पैक वर्जिन चूत की चुदाई करके अपनी कामवासना शांत करने की. अब उसे भी मज़ा आने लगा था क्यूंकि अब वो रो नहीं रही थी. वो मुझे कसकर पकड़ रही थी और नीचे से हल्के हल्के झटके भी लगा रही थी. मैंने अब चुदाई करते करते अपने झटके तेज करने शुरू कर दिये.
किरायेदार की नंगी बेटी अब चुदते चुदते सेक्स के मज़े लेने लगी. अब उस कुंवारी लड़की की फटी हुई चूत का दर्द मादक सिसकारियों मे बदल चुका था. चोदा चादी करते करते अब तक हमें काफी वक्त हो चुका था और अब मैं अपने चरम सुख की ओर बढ़ रहा था. अब मैं तेजी से उसे चोदने लगा. हम दोनों के मुंह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं ‘आह्ह … आईई … आह्ह … आह … ओह्ह … यस … उम्म … आह्ह …’ करते हुए हम दोनों ही चुदाई का पूरा मजा ले रहे थे. फिर अगले 5 मिनट बाद मैंने अपना सारा लावा किरायेदार की बेटी की टाइट चूत में भर दिया. हम दोनों बहुत जोर से हांफ रहे थे. याशिका भी जैसे किसी तूफान से बचकर आई हो ऐसी हालत में थी. याशिका के मुँह पर भी चरम सुख के भाव थे. अवैध शारीरिक संबंध बनाने के बाद हम दोनों आधे घंटे तक ऐसे ही नंगे पड़े रहे.
जैसे ही खुबसूरत और सेक्सी माल याशिका को होश आया वो उठी. फिर जैसे ही उसकी नज़र अपनी खून से लथपथ चूत पर पड़ी और बेड शीट पर खून पड़ा दिखाई दिया तो वो रोने लगी. मेरी आँख खुल गई तो किरायेदार की कड़क माल बेटी बोली की तुमने मेरी चूत फाड़ दी और मेरी चूत का भोसड़ा बना डाला. अब मैं क्या करूँगी. कुछ हो जाएगा तो? अब मैंने उसे समझाया कि पहली बार में खून निकलता ही है. घबरा मत. फिर वो उठकर अपने रूम की ओर जाने लगी. जैसे ही वो अपने कमरे में जाने लगी तो उसकी चूत फट जाने की वजह से उससे चला भी नहीं जा रहा था. उसे बहुत दर्द हो रहा था तो मैंने उसकी मदद करी और मैंने गर्म पानी से उसकी फटी हुई चूत की सफाई करी और गर्म पानी की थैली से उस कुंवारी लड़की की फटी हुई चूत सिकाई की तब जाकर उसे थोड़ा आराम आया.
मैंने किरायेदार की बेटी को दर्द की दवाई भी खिलाई ताकि उसे दर्द से जल्द से जल्द आराम मिल सके. वो परिवार करीब दो साल तक हमरे घर में किराये से रहा और मैंने इस दौरान किरायेदार की बेटी को कामसूत्र की करीब करीब हर सेक्स पोजीशन में मैंने उस कुंवारी लड़की की चूत और गांड को अपने लंबे मोटे लंड से खूब जमकर चोदा था और उस कुंवारी लड़की की वर्जिन चूत को फाड़कर भोसड़ा बना डाला था. किरायेदार की बेटी को भी मेरे साथ अवैध शारीरिक संबंध बनाने में आनंद आने लगा था इस लिए वो भी सही मौका पाकर मेरे पास चुदवाने आ जाया करती थी. दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आप सभी को मेरी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी “किरायेदार की कुंवारी बेटी को चोदा और फिर गर्म पानी से उस बेचारी की फटी चूत की सफाई करी” बहुत पसंद आयी होगी और आप इस हिंदी सेक्स कहानी को ज्यादा से ज्यादा शेयर भी करेंगे…