Bhabhi Devar Hindi Sex Story – प्यासी भाभी खुद आगे से चलकर चूत चुदवाने आई Hindi XXX Story : सभी पाठकों को मेरा नमस्कार. मेरा नाम संजय कुमार है और मेरा लौड़ा 7 इंच लम्बा और करीब 4 इंच मोटा है जो किसी भी महिला या लड़की की चूत का बजा बजाने ले लिये काफी है. मैं आशा करता हूँ कि मेरी और मेरे ताऊ जी के लड़के की पत्नी की चुदाई की यह Hindi XXX Story पढ़कर आप सभी को बहुत आनंद आयगा. आज जो Indian Hindi XXX Story में आप सभी को बताने जा रहा हूँ वह मेरे जीवन की एक सच्ची घटना पर आधारित है की कैसे मैंने मेरे चचेरे भाई की लुगाई की फुद्दी को मेरे लौड़े से चोदा था.
हमारी एक जॉइंट फैमली है हम चाचा ताऊ का परिवार एक ही घर में मिल जुलकर रहता है. जब मैंने मेरे ताऊ की नई बहु को पहली बार चोदा था उस वक्त मैं 12वीं कक्षा में था. भाभी के साथ सेक्स करने की ये घटना आज से करीब 5 साल पुरानी है पर यादों में आज भी बिलकुल ताजी है ऐसा लगता है मानो कल की ही बात हो, उस वक्त मेरे ताऊ जी के लड़के की शादी हुई थी.
Bhabhi Devar Hindi Sex Story – प्यासी भाभी खुद आगे से चलकर चूत चुदवाने आई Hindi XXX Story

मेरी नई भाभी बहुत ही सुंदर दिखती हैं. उनका फिगर बहुत ही कमाल का है जो उन्हें एक बार देख ले तो उनके नाम की मुठ मारे बिना नहीं रह पाए. वो मस्त हरी भरी गदरायी 36-32-38 का साइज़ है. मेरी उन से बहुत बात हुआ करती थी. धीरे धीरे मैं भाभी से कुछ ज़्यादा ही बातें करने लगा. हम दोनों हम उम्र थे इस लिये बिना शरमाए एक अच्छे दोस्त की तरह हर प्रकार की बातें कर लिया करते थे. धीरे धीरे हम भाभी देवर एक दुसरे से बहुत अच्छी तरह से घुल मिल गए. धीरे धीरे मुझे उनके हॉट और सेक्सी जिस्म की और खिंचाव होने लगा और मेरा दिल उन्हें चोदने का करने लगा.
मुझे मेरे ताऊ जी की नई बहु के बड़े और गोल मटोल मस्त मोटे मोटे बोबे ब्लाउज के अंदर से ही बहुत ही अच्छे लगते थे. मेरी भाभी जब भी खाना बनातीं तो मैं उनके पास जाकर खड़ा हो जाया करता और आगे आगे उनकी हर काम में मदद करता रहता था और इस बहाने में मौका पाकर कई बार उनके ब्लाउज के अंदर तक अपनी नजरें घुसा देता था. जब भी मेरी नई नवेली प्यासी भाभी की ब्रा की स्ट्रिप दिखती तो मैं उसको पकड़ कर खींच कर छोड़ देता और उन्हें इससे ज़ोर से लग जाती. भाभी देवर के बीच मस्ती होना आम बात थी इस लिये वो इसका विरोध नहीं करती थीं, इससे मेरे में और हिम्मत आती गई. मेरे ताऊ जी की नई बहु की मस्त गांड थी. वो जब चलती थीं, तो कयामत लगती थीं.

मेरे चचेरे भाई की सेक्सी धर्म पत्नी जब भी मेरे पास आतीं तो मैं उनके नितंबों में खींच कर हाथ मार दिया करता था और वो भी मुस्कुरा कर मेरे कूल्हों पर एक जोर का थप्पड़ जड़ दीया करती थीं. एक दिन की बात है, उस दिन रात में 10 बजे मैं मेरे ताऊ जी की नई बहु के कमरे में गया. वहां भाभी के अलावा कोई नहीं था. मैं पार्टी से आया हुआ था तो थका हुआ था. उस रात मेरे ताऊ जी का लड़का घर में नहीं था, वो अधिकतर रात में काम से बाहर ही रहता था. मैं वहीं भाभी के पास आकर बैठ गया और उनसे बातें करने लगा. मैं बहुत ही थका हुआ था, जिससे मुझे नींद आ रही थी.
मेरी सेक्सी प्यासी भाभी ने मुझसे कहा- जब तक तुम्हारे भैया नहीं आते, तुम यहीं लेट जाओ. तो मैं वहीं बिस्तर में जहां भाभी लेटी थीं, वहीं लेट गया. मुझे हल्की हल्की नींद आने लगी थी तो भाभी ने मुझसे बोला- एक जादू दिखाऊं देवर जी… ? तो मैं बोला- दिखाओ भाभी जी. वो मेरे कान के पास आकर मेरे कान में हवा फूँकने लगीं, मुझे गुदगुदी होने लगी थी. वो धीरे-धीरे मेरे कान से होते हुए गाल पर आकर मुझे किस करने लगीं. मैंने उनसे कुछ भी नहीं बोला, मैं भी उनका साथ देने लगा और हम दोनों गरम होकर चुम्मा चाटी करने लगे.

करीब 15 मिनट तक मैंने मेरे ताऊ जी की नई बहु के साथ चुम्मा चाटी करी. अब तो मैं किस के साथ धीरे-धीरे भाभी की जाँघों को भी सहलाने लगा था. जब मेरे ताऊ जी की नई बहु और मैं सेक्स करने के लिये गर्म हो गए तो मैंने अपने हाथों से उनकी छाती पर लटके दोनों बोबों को जकड़ लिया और बहुत जोर जोर से दबाने लगा. मेरी सेक्सी प्यासी भाभी कामुक सिसकियाँ लेने लगीं तो में समझ गया कि अब मेरे ताऊ जी की नई बहु की चूत चोदने की लाइन क्लियर है. मेरी भाभी साड़ी ब्लाउज और निचे पेटीकोट पहना करती है तो फिर बस मैंने मेरे ताऊ जी की नई बहु के साड़ी के पल्लू को उनके ब्लाउज पर से एक तरफ हटाया और उनके ब्लाउज के सारे बटनों को खोल दिया और उनके एक बोबे के निप्पल पर मुह लगाकर उनका ताजा गरमा गरम दूध पीने लगा.
मेरी प्यासी भाभी भी मेरा सर पकड़ कर अपने मोटे मोटे बूब्स पर दबा रही थीं, लग रहा था कि जैसे वो मुझे इनको आज़ाद करने को बोल रही हों. कुछ देर बाद किसी ने दरवाजा खटखटाया तो हम दोनों ने झटपट कपड़े ठीक किए और मैं वहीं सोने का बहाना करके लेटा रहा. भाभी ने दरवाजा खोला तो देखा मेरे ताऊ जी का लड़का था . वो अन्दर आए और उन्होंने कुछ नहीं बोला क्यों की जब तक भैया नहीं आ जाते थे मैं अक्सर भैया भाभी के बैडरूम में रात तक लेटा रहता था… आज तो मैंने भाभी के गुलाबी गुलाबी होंठों को चूस चूस कर सुजा दिया था, तो भैया ने भाभी से पूछा- होंठों को क्या हुआ? तो उन्होंने बोला- देवर जी ने मजाक मजाक में गलती से टीवी का रिमोट मार दिया था. हिंदी सेक्स कहानियाँ XXX Hindi Sex Stories Free Adult Sex Story
भाभी ने मुझे जगाने का नाटक करा और मैं उठ कर अपने बैडरूम की तरफ चल दिया. मैं उस दिन से अपने ताऊ की जवान और सेक्सी बहु को चोदने के सपने देखने लगा. ताऊ की बहु को तो मैंने उसी दिन चोद दीया होता यदि भैया नहीं आये होते तो. मैं उनसे जब भी मिलता तो उन्हें कहीं भी पकड़ कर किस कर लिया करता और उनकी गांड में हाथ फेर देता या कभी उनके बोबे दबा दीया करता था. अक्सर मैं उनके बैडरूम में दिन के 2 बजे के करीब जाया करता था, जब वो बिस्तर में अकेले बैठे रहती थीं. इस समय भाभी अधिकतर अपनी साड़ी ब्लाउज खोलकर गाउन पहन लिया करती थीं. मैं उन्हें होंठों पर किस करता और उनके साथ लेटा रहता था.
मैं लेटे रह कर भाभी के बोबों को दबाता और उन्हें सहलाता रहता. कभी उनके मोटे मोटे बोबों को कभी उनकी जाँघों को मसल देता. मेरे ताऊ की बहु मुझसे फुल सेट हो गई थी और अब वो मुझे सारी बातें खुल कर बताने लगीं कि वो कैसे नहाती हैं.. झांटों के बाल कब कब साफ करती हैं.. मतलब अपनी गोपनीय वे सारी बातें मुझसे कहने लगीं जो एक पत्नी अपने पति को या फिर अपने बॉयफ्रेंड को ही बता सकती है. मैं मेरे ताऊ की बहु की जवानी पर और भी अत्यधिक आकर्षित हुआ जा रहा था. अब तो बस भाभी के साथ सेक्स करना ही मेरे जीवन का अंतिम लक्ष्य था. भाभी के साथ चोदा चादी करने का मौका न मिल पाने के कारण अब में अक्सर बाथरूम में जाकर उनके नाम की मुठ मारने लगा था.
इसी तरह मेरे ताऊ की बहु के नाम की हस्तमैथुन करते करते एक साल निकल गया साला कोई मौक़ा ही हाथ नहीं आ रहा था. एक रात की बात है जब मेरे भैया रात में नहीं थे तो मैं भैया भाभी के बैडरूम में गया. वहां देखा कि मेरे चाचा की लड़की की वहां सो रही थी. मैं भी भाभी के बगल से जाकर रज़ाई में घुस गया और उनकी जाँघों को और बोबों को दबाने लगा. मैंने देखा मेरी बहन सो गई और फिर मैंने रज़ाई को अपने सर तक खींच लिया और भाभी को किस करने लगा. धीरे से मैंने सेक्सी भाभी की जाँघों को सहलाते हुए पैंटी के अन्दर हाथ डाल दिया.
भाभी की चड्डी में हाथ घुसाते ही मुझे ऐसा लग रहा था मानो जैसे किसी भट्टी में आग लगी हो और मैंने उसमें हाथ डाल दिया हो. फिर मैंने धीरे से भाभी की चूत में उंगली करनी शुरू कर दी. मुझे तो बहुत ही आनन्द आ रहा था. भाभी की चूत में उंगली करने के साथ मैं उनके मोटे मोटे बोबों को भी चूस रहा था. भाभी ने अपनी टांगें खोल दी थीं और मेरा सर पकड़ कर मुझसे अपने बोबे चुसवाने लगी. आज बड़ा सॉलिड मौक़ा था अपने ताऊ की बहु को चोदने का. मैं भाभी को चोद सकता था लेकिन मेरी बहन के चलते मैं उस रात कुछ कर नहीं पाया.
इस घटना के बाद हुआ यूं कि मुझे आगे की पढ़ाई के लिए भोपाल जाना था तो मैं अगले दिन जाने की तैयारी में लग गया. मेरी और भाभी की लव स्टोरी इसी तरह चलती रही और हम भाभी देवर की चुदाई की प्यास बढती चली गई. हम दोनों फोन सेक्स से अपनी कामाग्नि बुझाने के नाकाम कोशिश करते रहते थे पर उससे हमारे अंदर की प्यास और बढ़ने लगी थी. फिर कुछ महीनों बाद मेरी भाभी भैया के साथ भोपाल आईं, भैया को कुछ ज़रूरी काम था तो भैया भाभी को मेरे कमरे पर छोड़ कर चले गए. भैया जाते वक्त मुझसे बोले- मुझे कुछ दिनों का काम है तेरी भाभी को कुछ दिन घुमाने के बाद घर जाने के लिए स्टेशन तक छोड़ आना, ये अभी कुछ दिन तुम्हारे पास यहीं रुकेगी.
भैया की बात सुन मेरी बांछें खिल गईं, मैं समझ गया कि घूमना तो बहाना है, प्यासी भाभी खुद आगे से चलकर चूत चुदवाने आई हैं. मैंने किसी तरह अपने जज्बात पर काबू पाते हुए भैया को वादा किया- आप चिंता न करें मैं भाभी को सब कुछ दिखा दूँगा. भाभी एक हफ्ते के लिए मेरे पास रुकी हुई थीं, उस दिन भैया रुके फिर अगले दिन चले गए. अगले दिन हमने साथ में खूब मस्ती की, फिर शाम को घूमने निकल गए. मैंने भाभी के लिए नई साड़ी और ब्लाउज खरीद कर उन्हें गिफ्ट करी. फिर रात को हम भाभी देवर खाना खाने के बाद सोने की तैयारी करने लगे.

रात के करीब दस बज रहे थे हम भाभी देवर दोनों बिस्तर में लेटे हुए थे. हम दोनों को सेक्स करने की उत्तेजना इतनी अधिक थी कि हम दोनों एक दूसरे से बात ही नहीं कर पा रहे थे, बस हम दोनों ही हवस की नज़रों से एक दूसरे को देख रहे थे. फिर चुदाई की प्यासी भाभी ने मेरा हाथ पकड़ा, अभी मैंने कोई और प्रतिक्रिया नहीं की थी, सिर्फ़ हाथ ही पकड़ा था. मैं उनके करीब आया और उन्हें किस करने लगा. वो प्यासी भाभी शेरनी सी मुझ पर टूट पड़ीं और मेरा साथ देने लगीं. भाभी को चूमते हुए मैं धीरे धीरे उनके मोटे मोटे बोबों को साड़ी और ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा और बोबों पर किस भी करता जा रहा था. फिर मैंने प्यासी भाभी के बोबों पर से उनकी साड़ी का पल्लू हटाया और ब्लाउज को खोला और उनके जिस्म से अलग कर दीया.
आब मेरी सेक्सी भाभी के मोटे मोटे बोबे ब्रा के अंदर झूल रहे रहे. मैंने भाभी की ब्रा के ऊपर से ही उनके मोटे मोटे बोबों को भरपूर दबाने लगा. बोबों के साथ ही मैं एक हाथ से उनकी जाँघों को सहला रहा था. फिर मैंने भाभी की साड़ी और पेटीकोट को भी उतार दिया. अब मेरी प्यासी भाभी मेरे सामने सिर्फ़ पैंटी और ब्रा में नंगी पड़ी थीं. मुझसे सब्र ही नहीं हो रहा था तो मैंने झपट्टा मार कर भाभी की ब्रा को खींच कर उतार दिया और उनके मस्त बोबों पर अपने प्यासे होंठों को लगा दिया. मैं भाभी के रसीले बोबों को चूसे जा रहा था.

मेरी कामुक भाभी का एक हाथ मेरे लोवर की तरफ़ गया और उन्होंने मेरा लौड़ा दबोच लिया. शुरू में भाभी मेरे 7 इंच लम्बे और 4 इंच मोटे लौड़े को लोवर के ऊपर से ही सहला रही थीं, फिर उन्होंने मेरे कपड़े उतार कर फेंक दिए और मुझे भी नंगा कर दीया. अब मैं भाभी के सामने पूरा नंगा था. मैंने धीरे से उनकी गांड थोड़ी उप्पर उठाई और एक बार में भाभी की पैंटी उनकी गांड से अलग कर दी. अब भाभी की गुलाबी चूत बिलकुल मेरे सामने खुली पड़ी थी. दोस्तों मैं बता नहीं सकता कि भाभी की फुद्दी कितनी मस्त.. गुलाबी रंगत लिए हुए थी. भाभी की चूत देख कर मुझे यूं लग रहा था जैसे भाभी मुझसे ही चुदने के लिए चूत को तैयार करके आई हों. मैं उनकी चूत को सहला रहा था.
फिर हम भाभी देवर दोनों कामसूत्र की 69 की अवस्था में आ गए, मैं मेरी कामुक भाभी की चूत को चूस रहा था और भाभी के मुंह में मेरा मोटा लंड था. मेरी चुदासी भाभी मेरा मोटा लंड लौलिपोप की तरह चूस रही थीं. इस वक्त मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मुझे ज़न्नत नसीब हो गई हो. मैं तो 5 मिनट में ही भाभी के मुँह में झड़ गया और साथ में वो भी झड़ गईं. उसके बाद मैं उनके मोटे मोटे बोबों से खेलता रहा और वो मेरे 7 इंच लम्बे और 4 इंच मोटे लौड़े से खेलती रहीं. कुछ ही पलों में मेरे 7 इंच लम्बे और 4 इंच मोटे लौड़े में फिर से उफान आने लगा. ज़्यादा इंतज़ार ना करते हुए मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया.

मेरे 7 इंच लम्बे और 4 इंच मोटे लौड़े का टोपा कुछ ज़्यादा ही मोटा था, जिससे वो भाभी की फुद्दी में अन्दर नहीं जा रहा था. भाभी की फुद्दी बिल्कुल गीली हो चुकी थी; मैंने थोड़ा सा नंगी भाभी के पैरों को ऊपर उठाते हुए फैलाया और चूत के होंठो पर लंड का टोपा लगा दिया. अभी भाभी कुछ सम्भलती कि मैंने सीधे एक बार में अपना पूरा लंड घुसेड़ दिया. उनके मुँह से बहुत तेज ‘आह आहह.. मर गई..’ की आवाजें आने लगीं. वो चूत में तेज दर्द के कारण कराह रही थीं, भाभी मेरे भैया से चुदवाया करती थी पर भाभी की तड़प देख कर में समझ बाया था की मेरे भैया का लौड़ा जरुर बहुत छोटा और पतला होगा तभी भाभी अपनी चुदाई की प्यास भुजवाने के लिये खुद आगे से चलकर मेरे पास अपनी चूत चुदवाने आई है.
फिर मैं ऐसे ही ज़ोरदार धक्के लगाता रहा और करीब 15 मिनट तक ऐसे ही अपनी प्यासी भाभी को अपनी रांड बनाकर चोदता रहा. मेरे कमरे में सिर्फ़ भाभी की आह… उम… आह… आह … उई माँ… आह… आह.. की कामुक आवाज़ आ रही थी. कुछ ही पलों बाद भाभी की चूत ने माल छोड़ दिया था जिस वजह से चुदाई के दौरान भाभी की चूत में से ‘फ़च्छ फ़च्छ..’ की आवाजें आने लगी थीं. मेरी सेक्सी भाभी दुबारा से झड़ने वाली थीं और उनका शरीर फिर से अकड़ने लगा था. उन्होंने बोला- और ज़ोर से चोद मेरे प्यारे देवर.. फाड़ दे अपनी भाभी की प्यासी चूत को अपने तगड़े लौड़े से.. चुदाई की प्यासी भाभी की बातों को सुन कर मुझे भी जोश आ गया.

मैं भी पूरी ताकत से भाभी की चूत में लंड ठोके जा रहा था और भाभी आह … आह उई माँ आह… आह … करते हुए चुदवाये जा रही थी. करीब आधे घंटे की शानदार चूत चुदाई के बाद मैंने भाभी की चूत के अन्दर ही अपना वीर्य छोड़ दिया. उन्होंने भी कुछ नहीं बोला क्यों की डरने की कोई बात तो थी नहीं आज नहीं तो कल वैसे भी उन्हें माँ बनना ही है अब चाहे वो मेरे से चुदवाकर प्रेगनेंट हो या मेरे चचेरे भाई से चुदवाकर क्या फर्क पड़ता है. फिर भाभी ने मेरा लौड़ा में लगे वीर्य को मुँह में लेकर साफ किया. उसके बाद मैं ऐसे ही कुछ देर तक ऐसे ही रहा.. लेकिन मेरे 7 इंच लम्बे और 4 इंच मोटे लौड़े में फिर से जोश आ गया.
अब मैंने अपनी भाभी को कुतिया बनाकर चोदा और फिर घोड़ी बनाकर पीछे से उनकी गांड में अपना लंड घुसाकर उनकी गांड भी मारी. उन्होंने कभी अपनी गांड नहीं मरवाई थी. उस दिन मैंने अपनी प्यासी भाभी को 4 बार चोदा और इसी तरह 7 दिन तक लगातार नॉन स्टॉप चुदाई चली. इसके भाभी अपनी प्यास भुजवाकर वापस अपने ससुराल चली गईं. उस दिन के बाद हम भाभी देवर को जब भी सेक्स करने का मौका मिलता है, हम दोनों चुदाई कर लेते हैं. दोस्तों हम भाभी देवर की यह हिन्दी सेक्स स्टोरी “Bhabhi Devar Hindi Sex Story – प्यासी भाभी खुद आगे से चलकर चूत चुदवाने आई Hindi XXX Story” यदि आप सभी को पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करना और निचे लाइक बटन दबाना मत भूलना.