Father In Law Fucked Daughter In Law Hindi Sex Story ठरकी ससुर ने बहु की दबाकर चुदाई करी पीरियड के दौरान Hindi Sex Story : हेल्लो दोस्तों में एक शादी शुदा महिला हूँ और में मेरे पति के साथ रहती हूँ। हमारे परिवार में मेरा एक चार साल का बच्चा है और मेरे ठरकी ससुरजी और हम पति पत्नी है। आज जो हिन्दी सेक्स कहानी में आप को बताने जा रही हूँ वो सेक्स कहानी हम हम ससुर और बहु के बिच बने अवैध शारीरिकस संबंध की है. की कैसे मुझे पीरियड के दौरान अपने पिता सामान ससुर से चुदवाना पड़ा और कैसे उन्होंने मुझे कई दिनों तक कपडे नहीं पहनने दिये और मुझे नंगी धडंगी रखकर मेरी गांड और चूत की दबाकर चुदाई करी उस दौरान मेरे पीरियड भी आ गए थे पर उन्होंने मुझे मेरी चूत पर पेड तक नहीं लगाने दिया.
दस साल पहले जब में शादी करके मेरे माता पिता के घर से ससुराल आई तो में बहुत खुश थी और मेरे पति भी मुझे हमेशा बहुत खुश रखते थे और मेरे सास, ससुर भी मेरा बहुत ध्यान रखते थे, वो मुझे हमेशा अपनी बेटी की तरह रखते थे, लेकिन यह बात तब बिगड़ी जब मेरी सास का देहांत हो गया और दो साल पहले से मेरे ठरकी ससुरजी की नज़र मुझ पर बिगड़ी। वो पूरा दिन घर पर ही रहते थे और अब वो बार बार मेरे जवान और सेक्सी जिस्म को अपनी वासना की नज़र से देखते रहते है। कई बार छत पर सुखाने रखे कपड़ो में से वो मेरी ब्रा और चड्डी से खेलते है और वो मुझे नहाते हुए और लेट्रिंग करते हुए चोरी छिपे देखते है।
Father In Law Fucked Daughter In Law Hindi Sex Story ठरकी ससुर ने बहु की दबाकर चुदाई करी पीरियड के दौरान Hindi Sex Story
मैंने कई बार सोचा कि अपने पति को उनके ठरकी बाप की अशलील हरकतों के बारे में बता बता दूँ कि मेरे पिता सामान ससुर उनकी बेटी समान बहु के साथ क्या कर रहे है? लेकिन ऐसा करने से मेरा मन नहीं माना, क्योंकि इससे बाप बेटे के बिच झगड़ा हो जाता और वो हमें अपनी सम्पति से वंचित कर देते इसलिए में चुप ही रही। समय गुजरता गया और मेरे ससुर जी की हिम्मत और बढती चली गई. अब वो मुझे चाय बनाने के लिए कहते और जब में रसोई में चाय बना रही होती तब वो मेरी मदद करने के बहाने से आ जाते और वो मुझे कोई ना कोई बहाना बनाकर छूने लगते।
दोस्तों मुझे उनकी इन हरकतों पर बड़ा गुस्सा आता था की में उनकी बहु हूँ और वो मेरे साथ ये सब गन्दी हरकते करते है, लेकिन उन्होंने तो एक बार बिल्कुल ही हद कर दी और मेरे साथ वो सब किया जिसकी मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी। एक दिन की बात है मेरे पति सुबह अपनी नौकरी पर चले गये और वो मेरे लड़के को भी अपने साथ उसके स्कूल छोड़ने के लिए लेकर चले गये। सुबह के सात बजे थे और में नहाने के लिए बाथरूम में जा ही रही थी। मैंने मेरी ब्रा,चड्डी और टावल को बाथरूम में खूंटी पर लगा दिए थे ।
अब में अंदर जाकर अपने एक एक करके कपड़ो को उतारने लगी और में पूरी नंगी होकर बस नीचे बैठने ही वाली थी कि तब मेरे ठरकी ससुर ने मुझे एक ज़ोर से आवाज़ लगाई “बहु ओ बहु………बहु जल्दी आओ” उनकी ज़ोर की आवाज़ से में डर गयी और डर के मारे हड़बड़ाती हुई फटाफट अंदर रखी हुई मेरी मेक्सी पहनी और बाहर आई। मैंने उस समय सिर्फ़ मेक्सी पहनी हुई थी और मैंने अंदर ब्रा या चड्डी नहीं पहनी थी। मेरे पूरे बदन पर सिर्फ़ एक मेक्सी थी और वो भी बहुत पतली थी कि उसके आरपार बड़ी आसानी से देख जाए। अब मैंने बाथरूम से बाहर निकलकर देखा तो वो मुझे कहीं नजर नहीं आए। फिर मैंने बाहर जाकर देखा कि वो गार्डन में गिरे पड़े थे।
में उनके पास दौड़ती चली गयी और अब में उनको उठाने की कोशिश करने लगी थी कि तभी मैंने महसूस किया कि वो मेरी मेक्सी से दिखाई देने वाले मेरे बूब्स और निप्पल को देख रहे थे और में उस वजह से बहुत शरमा गयी। फिर जैसे तैसे मैंने उनको जल्दी से उठाया और उठते समय उन्होंने अपना एक हाथ मेरी गांड पर रख दिया और तब उनको छूकर महसूस हो गया था कि मैंने अंदर ट्रांसपेरेंट चड्डी भी नहीं पहनी है। अब मैंने उनसे पूछा कि बाबूजी क्या हुआ, आप कैसे नीचे गिर गये? तब वो बोले कि बहू मेरा अचानक से पैर फिसल गया और में नीचे गिर गया, माफ़ करना बहू मुझे तुम्हे इस हालत में यहाँ नहीं बुलाना चाहिए था।
फिर मैंने उनसे कहा कि पिताजी कोई बात नहीं है, अब आप आराम कीजिए में अभी नहाकर आती हूँ, वो मुझसे कहने लगे कि बहू में पूरा कीचड़ में हो गया हूँ इसलिए तुम बाद में नहा लेना पहले तुम मुझे स्नान कर लेने दो। दोस्तों उनकी वो बात सुनकर में पहले तो बड़ी सोच में पड़ गयी, लेकिन फिर मुझे लगा कि वो मेरे पिताजी जैसे ही है इसलिए मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है पिताजी आप पहले जाकर स्नान कर लो और उनके बाथरूम में घुसने के बाद थोड़ी ही देर में वो नहा धोकर बाहर निकल गये।
अब उनके बाहर निकलने के बाद में मेरी सेक्सी मेक्सी में अपने गुप्तांग जो बहुत छुपाने की कोशिश करने के बाद भी छुप नहीं पा रहे थे, में ससुर जी से उनको छुपाने की नाकाम कोशिश करते हुए नहाने के लिए अंदर बाथरूम में चली गयी और फिर में अपनी धुन में और सोच में ही नहाने में लगी और जब नहाने के बाद मैंने टावल को लेने के लिए अपना हाथ बढ़ाया तो मुझे ज़ोर का झटका लगा, क्योंकि वहां पर रखा हुआ टावल नहीं था।
तभी मेरे मन में शक हुआ कि यह जरुर मेरे ठरकी ससुरजी की कोई नयी चाल है। फिर मैंने सोचा कि नहीं ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि वो तो जल्दी में नहाने आए थे तो हो सकता है कि ग़लती से वो मेरा टावल अपने साथ ले गए होंगे। फिर मैंने जैसे तैसे करके अपने बदन को साफ किया और फिर में अपनी ट्रांसपेरेंट चड्डी को हाथ में लेकर पहनने ही जा रही थी कि मुझे कुछ गीला सा लगा। मैंने वापस ट्रांसपेरेंट चड्डी को उतारकर देखा तो अंदर ट्रांसपेरेंट चड्डी के भाग पर कुछ चिपचिपा सा लगा हुआ था। में तुरंत समझ गयी कि मेरे ठरकी ससुरजी ने मेरी ट्रांसपेरेंट चड्डी पर मुठ मारकर अपना वीर्य निकाल दिया है और वो मेरी फुद्दी पर भी थोड़ा थोड़ा सा लग गया था।
अब मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने उस ट्रांसपेरेंट चड्डी को उतारकर कचरे के डब्बे में फेंक दिया और अब मैंने अपनी ब्रा को देखा तो उन्होंने उसमे भी अपने वीर्य का पानी छोड़ हुआ था और अब मुझे इतना गुस्सा आ रहा था कि मेरा मन कर रहा था कि में उनका खून कर डालूं इसलिए मैंने गुस्से में आकर अपनी ब्रा को भी कचरे के डब्बे में फेंक दिया था और अब मैंने वापस उनके वीर्य वाली मेरी फुद्दी को साफ किया और मैंने दूसरी बार नहाना शुरू किया।
उसके बाद अब में सोच रही थी कि में बाहर जाऊँ तो कैसे…??? मुझे ससुर जी से शरम आ रही थी क्योंकि ना तो अब मेरे पास टावल था और ना ही ब्रा, ट्रांसपेरेंट चड्डी मुझे इस बात पर बड़ा गुस्सा आ रहा था और अब थोड़ा सा पछतावा भी हो रहा था कि मैंने क्यों जल्दबाज़ी में अपनी ब्रा और ट्रांसपेरेंट चड्डी को उतारकर कचरे में फेंक दिया? तभी मुझे ना चाहते हुए भी अपने ससुरजी को आवाज़ लगानी पड़ी। मैंने कहा कि पिताजी आप मेरा टावल ग़लती से लेकर चले गये है, ज़रा आप मुझे दे दीजिए, लेकिन उन्होंने अपनी तरफ से मुझे कोई भी जवाब नहीं दिया और वो कुछ मिनट के बाद बोले हाँ बहू तुम मुझे माफ़ करना में जल्दबाज़ी में अपना टावल ले जाना भूल गया था, इसलिए में तुम्हारा टावल ले आया, ठहरो में तुम्हे दूसरा टावल दे रहा हूँ।
अब मुझे उनके ऊपर इतना गुस्सा आ रहा था, लेकिन में भला कर भी क्या सकती थी? उन्होंने मुझे आवाज़ लगाकर कहा कि यह लो बहू। अब मैंने बाथरूम का दरवाज़ा थोड़ा सा खोलकर हाथ बाहर निकाल दिया और उन्होंने मेरे हाथ को छूते हुए मुझे टावल दे दिया। अब मैंने वो टावल देखा तो मुझे और भी ज़्यादा गुस्सा आया, क्योंकि उन्होंने जो टावल दिया था वो एकदम छोटे आकार का था और उसमें दो जगह छोटे छोटे छेद भी थे। तो में तुरंत समझ गयी कि आज यह बूढ़ा मुझे छोड़ने वाला नहीं है। फिर मैंने उस टावल से अपना शरीर साफ किया और अपने बूब्स से उस टावल को लपेट लिया।
अब मैंने देखा कि वो टावल छोटा होने की वजह से वो मेरी फुद्दी को ठीक तरह से नहीं ढक पा रहा था और इसलिए मैंने ना चाहते हुए भी उस टावल को थोड़ा ऊपर से नीचे किया, जिसकी वजह से अब टावल मेरे निप्पल से मतलब कि मेरे आधे बूब्स दिख रहे थे और वो दो छोटे छोटे छेद मेरे कूल्हों पर थे जिसकी वजह से मेरी गांड का गोरा रंग साफ दिख रहा था। में जल्दी से बाहर आई और अपने कमरे में चली गयी और मैंने दरवाज़ा बंद कर लिया। दोस्तों मेरे बाथरूम से बाहर निकलने और रूम में जाने के बीच तक मेरे ठरकी ससुर ने मेरे गोरे जिस्म के भरपूर दर्शन कर लिए थे और तब मेरी नजर उसके पाजामे पर गई। मैंने देखा कि उसका लंड तन गया था जो उसके पाजामे से साफ नजर आ रहा था।
फिर रात को जब मेरे पति घर आए तो उस समय मैंने उन्हे वो सभी बातें बताने के बारे में बहुत बार सोचा, लेकिन में उनको वो कह नहीं सकी और मुझे रोना आ गया। फिर मेरे पति ने मुझसे पूछा कि क्या हुआ? मैंने उनको तब भी कुछ नहीं बताया और सुबह हम जब उठे तब मैंने देखा कि मेरे पति तैयार हो रहे थे और मैंने उनसे पूछा कि आप कहाँ जा रहे हो? तब वो बोले कि ऑफिस के काम से में तीन दिनों के लिए दिल्ली जा रहा हूँ और उनके मुहं से यह बात सुनकर मेरे ऊपर जैसे आसमान गिर गया और मैंने बड़े गुस्से से कहा कि आप मुझे अभी बता रहे हो? तो उन्होंने मुझसे कहा कि डार्लिंग तुम कल रात को रोने लगी थी और मुझे इसलिए तुम्हे ज्यादा परेशान नहीं करना था इसलिए मैंने तुम्हे कल रात को नहीं बताया।
अब में उनसे जिद करने लगी कि मुझे भी आपके साथ आना है आप मुझे भी अपने साथ ले चलो। तो वो मेरे ऊपर गुस्सा हो गये और बोले कि क्या बच्चो जैसे कर रही हो? और उन्होंने मुझे सुबह सुबह एक बार अपनी बाहों में ले लिया और मुझे नंगा करके किस करने लगे, लेकिन मेरा नसीब ही फूटा हुआ था। जैसे ही उन्होंने मेरी ट्रांसपेरेंट चड्डी निकाली तो वो मुझसे बोले कि तुम अपनी झांटों को थो साफ रखा करो, तुम्हे पता है कि मुझे बालों वाली फुद्दी को चोदना अच्छा नहीं लगता। फिर मैंने उनसे कहा कि आज आप कर लो में अगली बार से साफ रखूँगी, उन्होंने अपना काला भुसंड लौड़ा मेरे मुहं में दे दिया और वो मेरे मुहं को धक्के देकर चोदने लगे।
फिर कुछ देर बाद उनका सारा गरम गरम वीर्य मेरे मुहं में भर गया। फिर मैंने फटाफट अपने कपड़े पहन लिए और उन्हे छोड़ने के लिए में बस स्टेंड तक उनके साथ चली गयी, दोस्तों मेरे पति को छोड़कर में कुछ देर बाद वापस घर आ गई और अब में और मेरे ससुर जी घर में एकदम अकेले थे। मुझे उनसे बहुत डर लग रहा था क्यों की मुझे कुछ अनहोनी की आशंका पहले से ही लग रही थी। फिर में वापस नहाने चली गयी और मैंने पहले से ही देख लिया था कि मेरी ब्रा, ट्रांसपेरेंट चड्डी और टावल सब बराबर है या नहीं है और नहाने के बाद मैंने खाना पकाया और उसके बाद दोपहर के समय मैंने मेरे ठरकी ससुरजी ने साथ में खाना खाया।
फिर मैंने उनको कहा कि पिताजी में अब सोने जा रही हूँ तो उन्होंने कहा कि हाँ ठीक है बहू। दोस्तों रात को ज़्यादा रोने की वजह से मुझे नींद ठीक तरह से नहीं आई थी इसलिए दोपहर को कुछ देर लेटते ही मेरी आँख लग गई और मेरा लड़का स्कूल से आकार बाहर खेलने चला गया था। तभी थोड़ी देर के बाद मुझे मेरे रूम के दरवाज़े पर किसी के खटखटाने की आवाज़ आई जिसको सुनकर में उठी और मैंने अपने आपको देखा तो गहरी नींद में मेरी साड़ी कमर तक आ गई थी और मेरी ट्रांसपेरेंट चड्डी दिख रही थी मेरी साड़ी का पल्लू नीचे फिसल गया था। मैंने जल्दी से अपने कपड़े ठीक किए और अपने कमरे का दरवाज़ा खोला तो देखा कि बाहर दरवाजे पर ससुरजी खड़े हुए थे और मैंने कहा कि आप तो उन्होंने मुझे चाय देते हुए कहा कि बहू तुम आज कुछ ज़्यादा ही देर सोई हुई थी।
फिर मैंने सोचा कि आज में ही अपने आप चाय बना लूँ तो मैंने चाय बनाकर में पी चुका हूँ और यह तुम्हारे लिए है और मैंने चिंटू को भी दूध पिला दिया है। अब में मन ही मन में सोचने लगी कि क्या यह वही मेरे ठरकी ससुर है जो पिछले दिन अपने लंड का पानी मेरी ट्रांसपेरेंट चड्डी पर डाल गये थे और आज मेरे लिए चाय बनाकर लाए है और मैंने सोचा कि आदमी कितना जल्दी रंग बदल लेता है? अब मैंने वो चाय पीकर खत्म कि और में अपने काम में लग गयी, लेकिन अचानक से करीब शाम के सात बजे चाय पीने के एक घंटे के बाद मुझे बैचेनी सी होने लगी थी मेरे पूरे शरीर में हल्का सा दर्द होने लगा था शरीर टूटने लगा था और मुझे नींद सी आने लगी तो मुझे मेरे ससुर जी पर शक होने लगा.
मैंने सोचा कि मेरे ठरकी ससुर ने ज़रूर उस चाय में कुछ मिला दिया होगा और अब में अपने आपे से बाहर होने लगी जिसकी वजह से में किचन में ही गिर गयी, पिताजी आए और वो मेरी तरफ देखकर हंसने लगे थे में थोड़ी बेहोशी की हालत में थी मुझसे उठा भी नहीं जा रहा था और मेरे हाथ पैर भी नहीं हिल रहे थे, लेकिन में फिर भी अपनी तरफ से उठने के लिए कोशिश कर रही थी वो मुझे देखकर ज़ोर से हंसने लगे और बोले कि तुम अब कुछ भी कर लो कुछ समय तक तुम अपने आपको नहीं संभाल सकती उस चाय में मैंने ड्रग मिला दिया था।
अब में उन्हे देखती ही रही बाद में वो मुझे उठाकर खुदके बैडरूम में ले गये और बिस्तर पर पटक दिया में सब कुछ देख समझ सकती थी, लेकिन कोई हरकत नहीं कर पा रही थी सिर्फ़ महसूस कर पा रही थी। अब ससुरजी मेरे पास आकर मुझे चूमने लगे वो मेरे गले पर किस करने लगे। फिर मेरे 70 साल के बुड्ढे ससुर जी ने मेरे होंठो पर किस किया और काटने लगे थे, मुझे बहुत घिन आ रही थी। अब उन्होंने मेरी साड़ी को उतार दिया था, जिसकी वजह से अब में सिर्फ़ उनके सामने पेटीकोट और ब्लाउज में थी और में साड़ी को नाभि के नीचे से पहनती हूँ तो अब मेरी नाभि उनके सामने नंगी थी वो मुझे किस करने लगे में अपना मुहं हिलाकर और मुहं से आवाज़ निकालने लगी थी, लेकिन मानो मेरे हाथ पैर पर लकवा पड़ गया हो वो वैसा हो गए थे।
अब ससुर जी मुझसे बोलने लगे कि आज में तुझे जी भरकर चोदूंगा में दो साल से भूखा हूँ। मैंने कहा कि पिताजी आप यह क्या कर रहे हो, यह सब ग़लत है? वो बोले कि कुछ भी ग़लत नहीं है, मैंने कहा कि में मेरे पति को यह सब बता दूँगी। तो उन्होंने कहा कि में तुझे उस लायक रहने ही नहीं दूँगा और यह बात कहते ही उन्होंने मेरे ब्लाउज के हुक को खोलना शुरू कर दिया और अब उन्होंने मेरे पेटीकोट को भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब उनके सामने सिर्फ़ ब्रा, ट्रांसपेरेंट चड्डी में थी। उन्होंने मेरी रोती हुई आँख पर थोड़ी सी भी दया नहीं की और अब उन्होंने मेरे शरीर से मेरी ब्रा और ट्रांसपेरेंट चड्डी को भी निकाल दिया था, जिसकी वजह से अब में बिल्कुल नंगी उनके सामने बिस्तर पर पड़ी हुई थी। मुझे बहुत रोना आ रहा था, लेकिन उन्होंने मुझ पर कोई दया नहीं दिखाई।
अब वो मेरी झांटो वाली फुद्दी को देखकर बोले कि साली रंडी तुझे मेरे बेटे ने कितनी बार कहा है कि फुद्दी पर से बाल साफ करके रख तू लेकिन तू साली समझती ही नहीं है चल ठीक है रांड आज में तेरी फुद्दी के बालों को साफ करता हूँ इतना कहने के बाद वो मर्दो वाली रेजर और क्रीम लेकर आ गए। दोस्तों आज तक कभी भी मैंने उसको काम में नहीं लिया था, क्योंकि में हमेशा बाल साफ करने की क्रीम को काम में लिया करती थी और इसलिए मुझे उस रेजर को देखकर डर लगने लगा था।
तभी वो मेरी फुद्दी पर क्रीम लगाने लगे और मेरी फुद्दी पर क्रीम को लगाते समय उन्होंने बहुत बार अपनी एक उंगली को मेरी फुद्दी में डाला था, वो मेरी फुद्दी को अपनी ऊँगली से चुदाई के मज़े दे रहे थे जिसकी वजह से ऐसा करते करते ना चाहते हुए भी में गरम होने लगी थी और तभी कुछ देर बाद मेरी फुद्दी ने पानी छोड़ दिया, जिसको देखकर वो हंसने लगे थे और उन्होंने कहा कि साली नखरे कर रही है। फिर उनको ना जाने क्या सूझा और उन्होंने अब मेरी फुद्दी पर लगी वो क्रीम पूरा साफ कर दी और उन्होंने मुझसे कहा कि तेरे बाल आज में बिना क्रीम के साफ करता हूँ। साली तूने मुझे बहुत तड़पाया है इसलिए आज में तुझे तड़पाऊँगा और यह बात कहकर उन्होंने खाली रेजर को ही मेरी फुद्दी पर घुमाना शुरू किया।
अब मुझे अपनी फुद्दी की चमड़ी छिलने का बहुत डर था कि कहीं मेरे कोई कट ना लग जाए और मुझे बहुत दर्द भी हो रहा था। थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरी फुद्दी से सभी बाल साफ कर दिए, जिसकी वजह से मेरी फुद्दी एकदम चिकनी साफ नजर आने लगी थी। फिर उसके बाद वो रूम से बाहर चले गये वो मुझे ऐसे ही नंगी छोड़कर चले गये और कुछ देर बाद मेरे ठरकी ससुरजी वापस आए। फिर जब वो वापस आए तो मैंने देखा कि वो सिर्फ़ अंडरवियर में आए थे 70 साल की उम्र में भी उनका शरीर बड़ा चुस्त था वो सिर्फ़ 45 साल के लग रहे थे और मेरे सामने आकार वापस हंसने लगे थे और उन्होंने एक कैमरा निकाला और मेरी तस्वीर खींचने लगे।
उन्होंने मेरी फुद्दी का एक फोटो लिया और मेरे बोबों के फोटो भी लिए और मेरी पूरी नंगी तस्वीर खींचने लगे थे। उसके बाद वो मुझसे बोले कि… बहु अगर तूने किसी को कुछ बताया तो में तेरी इज़्ज़त के चीथड़े उड़ा डालूँगा और तुहे मेरी सम्पति से भी वंचित कर दूंगा। उसके बाद वो तेल लेकर आए और मेरे पूरे बदन पर मसलने लगे। तेल की वजह से में मेरा जिस्म बहुत चिकना हो गया था और मेरे बोबों को भी वो बुरी तरह से मसलने और दबाने लगे थे। फिर ना चाहते हुए भी क्योंकि में एक जवान औरत हूँ और इसलिए मेरा शरीर गरम होने लगा था और मेरे बूब्स के भूरे भूरे निप्पल टाइट होने लगे। फिर मेरे ससुर जी मेरी हालत देखकर समझ गये थे कि में अब गरम हो रही हूँ और उन्होंने अपना काला भुसंड लौड़ा निकालकर वो अब मेरी फुद्दी के ऊपर उसको घिसने लगे थे वो मुझे सिर्फ़ ललचा रहे थे और उनकी उंगली को मेरी फुद्दी में अंदर बाहर भी कर रहे थे.
अब जवानी के जोश में मचलते हुए मेरा पूरा शरीर भी उस बुद्दे ठरकी मर्द का साथ देने लगा था। मेरे मुहं से उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह की आवाज़ निकलने लगी थी और मेरी फुद्दी ने वापस एक बार फिर से पानी छोड़ दिया था, जिसको देखकर वो हंसने लगे और में शरम की वजह से मरी जा रही थी। दोस्तों मेरे ससुर जी का लौड़ा अभी भी ठीक तरह से तना नहीं था फिर भी 70 साल के बुड्ढे ससुर जी के लंड का आकार करीब पांच इंच से ज्यादा ही होगा.
उन्होंने मुझसे कहा कि बहु मुहं में ले ले और चूसले तू बहुत किस्मत वाली है जो तुझे हम बाप बेटे दोनों का लौड़ा नसीब हो रहा है. फिर मैंने लंड मुह में लेकर चूसने के लिये मन करते हुए अपना मुहं दूसरी तरफ फेर लिया, तो वो बोले कि क्यों सुबह तो तू बड़े जोश से मेरे बेटे का लंड अपने मुहं में ले रही थी और ब्लोजॉब कर रही थी, अभी क्या हुआ… मेरे लौड़े पर कांटे लगे हुए है क्या रंडी… ? इतना कहते हुए वो ज़ोर से मेरा मुहं खोलने की कोशिश करने लगे थे, लेकिन मैंने अपना मुहं नहीं खोला।
फिर मेरे 70 साल के बुड्ढे ससुर जी ने एक हाथ से ज़ोर से मेरे मुह को दबा दिया जिसकी वजह से में साँस भी नहीं ले पा रही थी और मेरा दम घुटने लगा था, इसलिए मुझे मजबूरन मेरा मुहं खोलना पड़ा और जैसे मैंने साँस लेने के लिए अपना मुहं खोला तो उन्होंने अपना बड़ा लंड मेरे मुहं में पूरा डाल दिया और उनका मोटा लंड मेरे हलक में जा रहा था और ऊपर से मेरी नाक भी बंद थी। फिर मुझे घुटन भी हो रही थी, लेकिन फिर भी वो मुझे अनदेखा करके मेरे मुहं को चोदने में मस्त थे और तभी मैंने सोचा कि क्यों ना उनके लंड को अपने नुकीले दांतों से काट लिया जाए? इसलिए मैंने ज़ोर से उनके लंड को काट लिया और वो दर्द से चिल्ला उठे और उनके लंड से थोड़ा सा खून भी निकलने लगा था।
अब उन्हे मेरे ऊपर बड़ा गुस्सा आने लगा और वो ज़ोर से मुझे थप्पड़ मारने लगे थे और वो कहने लगे रुक साली रंडी तू मुझे काटती है कुतिया, साली देख में तुझे दिखाता हूँ और अब वो बाहर चले गये, तो में बहुत डर गयी थी कि ना जाने अब वो क्या करेंगे? वो वापस आए और उनका हाथ देखकर में डर गयी थी, क्योंकि उनके हाथ में एक बड़ा सा डंडा था जो 15 इंच जितना बड़ा और 3 इंच जितना मोटा भी था। फिर मेरे 70 साल के बुड्ढे ससुर जी ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड पर तेल लगाने लगे में डर गयी की कही ये अब मेरी गांड मारना शुरू ना करदे. डर के मारे में ज़ोर ज़ोर से रोने लगी थी, लेकिन वो उस समय बहुत गुस्से में थे और उन्होंने मेरी गांड के छेद में भी तेल डाला और ज़ोर से उस लकड़ी के डंडे को मेरी गांड के छेद पर रखकर एक धक्का दे दिया.
मेरी गांड में उठे जोरदार दर्द के कारण मेरे मुहं से बहुत जोर की चीख निकल गयी, लेकिन वो गुस्से से बोले कि अभी तुझे पता चलेगा कि दर्द क्या होता है और उन्होंने ज़ोर से दूसरा धक्का लगा दिया और उसकी वजह से मेरी जान निकली जा रही थी। फिर शायद मेरे ससुर जी ने मेरी गांड फाड़ डाली थी। दोस्तों उस दर्द की वजह से बिस्तर पर ही मेरा पेशाब निकल गया और मेरे पेशाब से पूरा बेड गीला हो गया. फिर मेरे 70 साल के बुड्ढे ससुर जी ने मेरी गांड से वो डंडा बाहर निकाला और तब मैंने देखा कि उस पर बहुत सारा खून लगा हुआ था। फिर मेरे ससुरजी ने कहा कि देख बहु मेरे लंड पर काटने का नतीजा आज में एरी गांड और चूत दोनों को इतना चौड़ा कर दूंगा की दस हाथी भी एक साथ तुझे चोद सके.
मुझे बहुत डर लग रहा था फिर वो मुझसे बोले की बहु अभी पहले में तेरी चूत चुदाई करूंगा और उसके बाद तेरी फुद्दी को भी इस डंडे से चोदकर भोसड़ा बनाऊंगा। फिर मुझसे इतना कहने के बाद में उन्होंने वापस अपना काला भुसंड लौड़ा मेरे मुहं में दे दिया और अब डर के मारे मैंने उनके सामने हार मान ली थी। में उनके लंड को को किसी रंडी की तरह चूस रही थी। फिर थोड़ी देर चूसने के बाद उन्होंने अपने वीर्य की पिचकारी मेरे मुहं पर मार दी, जिसकी वजह से मेरे ससुर जी का लौड़ा ढीला पड़ गया और मेरे बोबों पर भी उनके वीर्य की कुछ बूँद थी और वापस उन्होंने मुझसे कहा कि चल अब तू इसको चूस चूसकर वापस खड़ा कर दे।
फिर मैंने भी ठीक वैसा ही किया जैसा उन्होंने मुझसे कहा और थोड़ी देर उनके लंड को चूसने के बाद वो वापस तनकर खड़ा हो गया। मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं आ रहा था कि इतने बुड्ढे आदमी का लंड इतना जल्दी वापस तनकर खड़ा हो जाएगा। वो लंड बड़ा ही दमदार जोश से भरा हुआ था और इस बार उन्होंने मेरे ऊपर आकर मेरी फुद्दी के ऊपर मेरे ससुर जी का लौड़ा रखा और वो दोनों हाथों से मेरे बोबों को दबाने लगे और मेरे बूब्स के भूरे भूरे निप्पल को मसलने लगे थे और फिर मेरे 70 साल के बुड्ढे ससुर जी ने एक धक्का दिया, जिसकी वजह से मेरे मुहं से आह्ह्हह्ह ऊउईईईईई की आवाज निकल गयी, क्योंकि मेरे ससुर जी का मोटा तगड़ा लौड़ा किसी मोटे डंडे की तरह मेरी कामुक फुद्दी पर प्रहार कर रहा था.
मुझे 70 साल के बुड्ढे ससुर जी एक रंडी वैश्य की तरह चोदे जा रहे थे. मुझे चोदते चोदते उन्होंने जोश में आकर अपना पूरा लंड मेरी फुद्दी के अंदर डाल दिया था और वो अपनी तरफ से तेज धक्के लगाते रहे, जिसकी वजह से में भी वापस गरम होने लगी थी। सच कहूँ तो मुझे उन धक्को से बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था, लेकिन मेरी गांड में बड़ा तेज दर्द भी हो रहा था और खून अभी भी रुकने का नाम नहीं ले रहा था।
अब ससुर जी के तेज दमदार और करारे धक्को के साथ अब मेरी फुद्दी भी उनका साथ देने लगी थी, वो लंड मेरी फुद्दी से रगड़ता हुआ मेरी चूत के पूरा आखरी हिस्से तक जाता और उसके बाद वो बाहर आने लगता, जिसकी वजह से मेरी फुद्दी जोश से भर जाती और वो बड़ा ही अजीब सा दर्द का अहसास था, जिसको में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकती कि में उस समय क्या महसूस कर रही थी? और वैसे में शरम की वजह से मरी जा रही थी, क्योंकि वो चुदाई मेरे ठरकी ससुरजी के लंड से हो रही थी।
दोस्तों में लेकिन उस मज़े के सामने अपनी सारी लाज शरम को धीरे धीरे अब भूलती जा रही थी और इसलिए मेरी फुद्दी ने उस पूरी चुदाई के टाइम तीन बार पानी छोड़ा था। में उस बूढ़े का इतनी देर तक टिककर चुदाई करना देखकर बड़ी हैरान हो गयी थी और थोड़ी देर के धक्को के बाद उसके लंड ने मेरी फुद्दी में अपना वीर्य छोड़ दिया उन्होंने अपना काला भुसंड लौड़ा मेरी फुद्दी से बाहर निकाला, तो उनके लंड पर खून लगा हुआ था।
में उसको देखकर बड़ी हेरान हो गयी कि फुद्दी में तो दर्द नहीं हुआ तो फुद्दी से खून कैसे निकल गया। तभी मुझे ध्यान आ गया कि मेरी महावारी शुरू हो गयी हूँ और उसके बाद भी मेरे ठरकी ससुर ने मुझे मेरे नंगे शरीर पर एक भी कपड़े नहीं पहनने दिए ऐसे ही मुझे पूरी नंगी धडंगी रखा और लगातार मेरी फुद्दी से पीरियड का खून निकले जा रहा था, मुझे दर्द हो रहा था और पूरा बिस्तर भी गंदा हो गया था, लेकिन फिर भी वो बूढ़ा लगातार दूसरे दिन दोपहर तक मुझे ज़ोर ज़ोर से अलग अलग स्टाइल में चोदता रहा। अब में भी उसका चुदाई में पूरा साथ देने लगी थी और फिर जब उसने एक कांच में मुझे अपनी गांड का छेद दिखाया तो में देखकर बड़ी हैरान हो गयी कि मेरी गांड का छेद मानो किसी फटी हुई फुद्दी के जैसा हो गया था। वो कई जगह से फट गया था।
अब मेरे शरीर में थोड़ी जान आने लगी थी पर में उठ नहीं पा रही थी, लेकिन अभी भी मेरे 70 साल के बुड्ढे ससुर जी का मेरी चूत चुदाई से मन नहीं भरा था और इसलिए मेरा ठरकी ससुर मुझे पूरी रात और दिन पेलने के बाद भी कामसूत्र की किताब पढ़ पढ़कर रोज कुछ नया नया करता ही रहा और में भी किसी रंडी की तरह चुपचाप अपने ठरकी ससुर से रोज कामसूत्र की अलग अलग पोजीशन में चुदवाने के मजे लेती रही. दोस्तों आप सभी को हम बहु और ठरकी ससुर की ये हिन्दी सेक्स स्टोरी “ Father In Law Fucked Daughter In Law Hindi Sex Story ठरकी ससुर ने बहु की दबाकर चुदाई करी पीरियड के दौरान Hindi Sex Story ” पसंद आई हो तो निचे लाइक बटन पर जरुर क्लिक करना और इस सेक्स कहानी को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करना.