45 साल की सेक्सी मकान मालकिन की गांड और गरम चूत की खुजली किरायेदार ने मिटाई Hindi Sex Kahani : हेल्लो दोस्तों मैं एक शादी शुदा महिला हूँ और मेरी उम्र करीब 45 वर्ष है मेरे पति का लंड बहुत पतला और छोटा है जिस कारण मुझे उनके साथ सेक्स करने में बिलकुल भी आनंद नहीं आता वो रात को बिस्तर में कुछ अच्छा परफॉर्म नहीं कर पते थे इस कारण मैं अक्सर अपने पति के साथ सेक्स करने के बाद भी प्यासी रह जायगा करती थी इस वजह से मेरी गांड और चूत की खुजली बढ़ती ही जा रही थी.
मै बहुत ज्यादा चुदासी होती जा रही थी अब मुझसे और सब्र नहीं होता था दिल तो करता था की किसी कॉलबॉय को बुलाकर उसके लम्बे मोटे लंड से अपनी गांड और चूत की खुजली मिटवा लूँ पर मैं एक घरेलु महिला थी उप्पर से घर में एक जवान किरायेदार लड़का और रहता था सो राज खुलने की ज्यादा सम्भावना थी. मेरे घर में उप्पर वाले फ्लोर पर हम पति पत्नी और निचे के फ्लोर पर दो किरायेदार लड़के रहते हैं वो कॉलेज की पढाई करने आए हुए हैं.
सेक्सी मकान मालकिन की गांड और गरम चूत की खुजली किरायेदार ने मिटाई Hindi Sex Kahani
मेरी शादी हुए पंद्रह साल हो चुके है पर मुझे आभी तक कोई संतान नहीं हुई है होयगी भी कैसे मेरे पति का लंड पतला और छोटा जो है. हमारे घर में जो किरायेदार लड़के रहते हैं वो दोनों ही अपनी कॉलेज की पढ़ाई करने आये थे. दोनों किरायेदार लड़के बहुत पढ़ाकू थे वो पूरा दिन अपनी किताबों में ही घुसे रहते थे. एक किरायेदार का नाम नरेंद्र था और दुसरे लड़के का नाम शान था. मेरे नामर्द पति मुझे हर दो दिन में एक बार चोदा करते हैं पर उसमे भी लंड छोटा होने के कारण चुदवाना नहीं चुदवाना एक बराबर है.
मेरे पति मे एक और कमजोरी थी की वो एक बार में सिर्फ एक ही बार चोद सकते हैं. एक बार चोदने के बाद उनकी चोदने की शक्ति ख़तम हो जाती है. मुझे एक बार चुदवाने में कोई संतुष्टी नहीं मिल है. मेरा हमेशा मन करता है कि चूत की चुदाई और गांड की ठुकाई अगर एक बार में ना हो तो चुदने का मज़ा ही नही आता. लेकिन इधर मेरे पति का लंड मेरी गरम चूत मारने में ही पस्त हो जाता है. अगर कभी गांड मारते हैं तो चूत की चुदाई नहीं कर पाते. अब मै या तो गांड मरवा सकती थी या सिर्फ अपनी चूत चुदवा सकती थी.
इसलिए गांड की चुदाई के लिए मोमबत्ती, केले और खीरे का सहारा लेना पड़ता था. उस दिन मेरे पति जब अपने ऑफिस गए हुए थे तो मै किसी काम से नीचे वाले फ्लोर पर गयी जहाँ मेरे किरायेदार लड़के रहा करते थे. दोपहर के २ बज रहे थे. बाहर कड़ी धुप व गरमी थी. जब मै वापस ऊपर की और जाने लगी तो देखा कि नीचे वाले रूम का दरवाजा खुला हुआ था . मुझे लगा कि कहीं इन दोनों लकड़ों ने अपने रूम का दरवाजा खुला छोड़ कर कहीं चले तो नहीं गए. मै उनके रूम की तरफ गयी . वहां जाकर देखा मेरा किरायेदार नरेंद्र सिर्फ चड्डी पहने बैठा हुआ है. ज्यों ही मै वहां पहूची मै उसे इस हालत में देख हडबडा गयी. क्यों कि उसने भी मुझे देख लिया था.
उसने मुझे देखते ही कहा- क्या हुआ आंटी जी? मैंने उसकी चड्डी पर से नजर हटाते हुए पूछा- ये रूम का दरवाजा खुला था तो मुझे लगा कि शायद तुम लोग गलती से इसे खुला छोड़ कर कहीं चले गए हो. हमारे किरायेदार लड़के नरेंद्र ने कहा- आंटी जी वो रूम का दरवाजा इसलिए खुला छोड़ा है क्यों कि रूम का दरवाजा खुला रहने से रूम में हवा अच्छी आती थी. मैंने कहा- शान नहीं दिखाई दे रहा है. हमारे किरायेदार लड़के नरेंद्र ने कहा- वो ट्यूशन गया है. मैंने फिर नरेंद्र की चड्डी पर नजर डालते हुए पुछा- इस तरह क्यों पड़े हो? कम से कम पेंट पहन कर रहना चाहिए ना. कोई देखेगा तो क्या सोचेगा? नरेंद्र ने कुछ शर्माते हुए कहा- वो आंटीजी, बहुत गरमी है न इसलिए थोड़ी हवा ले रहा था. मुझे क्या पता की कोई महिला इस रूम में आ जायेगी?
मैंने जल्दबाज़ी में उसकी चड्डी पर एक गहरी नजर डाली और वापस मुड गयी. मुझे उसकी चड्डी के अन्दर उसके तगड़े मोटे लंड का अंदाजा हो गया था. जब मै अपने फ्लोर पर आयी तो मेरी नजर के सामने अभी मेरे किरायेदार नरेंद्र का लम्बा मोटा लंड घूम रहा था. रात को जब मैं अपनी गांड में मोमबत्ती डाल कर गांड की खुजली शांत कर रही थी तो मुझे फिर से दोपहर वाली घटना याद आ गयी और मुझे लगा की अगर नरेंद्र का तगड़ा लंड इस मोमबत्ती की जगह होता तो गांड की खुजली मिटाने में कितना आनंद आता.
अगले दिन जब मेरे पति ऑफिस जा रहे थे तो बोले – आज मीटिंग है हो सकता है की रात के 9 बजे से पहले ना आ पाऊँ . मै भी अपने घर के कामो में व्यस्त हो गयी. दिन के 1 बजे तक घर का सारा काम काज निपटा कर आराम करने अपने बेडरूम में चली गयी. आज भी अच्छी खासी गरमी थी. मैंने अपने सारे कपडे उतारे और पूरी नंगी होकर बेडरूम में अपने पलंग पर लेट गयी गयी. मेरा एक हाथ मेरी चूची पर था और दुसरे हाथ से मैं अपनी चूत के बाल को खींच रही थी.
अचानक मुझे मेरी गांड में खुजली महसूस होने लगी. मुझे मेरे किरायेदार नरेंद्र के तगड़े लंड के बारे में ख़याल आ गया. मुझे लगा कि यदि किसी तरह से मेरा किरायेदार लड़के नरेंद्र के मोटे लम्बे लंड से अपनी गांड मरवा लूं तो मज़ा आ जाए एक बार गांड मरवाने में ही मेरी प्यासी गांड की खुजली हमेशा के लिए शांत हो जायगी. सोचते सोचते मुझे गर्मी चढ़ गयी और बेड पर ही अपनी चूत में उंगली डाल कर मुठ मार ली. लेकिन गांड की खुजली अभी समाप्त नही हुई थी. मैंने रिस्क लेने की ठान ली और सोचा पहले देखूंगी की नरेंद्र राजी होता है कि नही . सोच कर मैंने २ बजे कपडे पहने और नीचे वाले फ्लोर पर गयी. मुझे पता था कि शान ट्यूशन पढने गया होगा .
आज नीचे किरायेदार के रूम का दरवाज़ा लगा हुआ था . मैंने डरते डरते दरवाजा खटखटाया . अन्दर से नरेंद्र निकला और पूछने लगा की क्या हुआ आंटी जी कुछ काम था क्या…??? मैंने कहा – नरेंद्र बेटा, जरा ऊपर आ कर देखो ना, टीवी नहीं चल रहा है. नरेंद्र टीवी चेक करने मेरे साथ ऊपर आ गया . ऊपर जैसे ही आया मैंने अपने घर का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया . नरेंद्र ने टीवी शुरू किया तो टीवी चलने लगा. वो बोला – आंटी जी आपका टीवी तो चल रहा है. मै बोली – अरे हाँ ये तो चलने लगा. लेकिन पता नहीं क्यों अभी थोड़ी देर पहले ये नहीं चल रहा था. खैर तुम थोड़ी देर यहीं बैठो और देखना कि ये फिर से बंद हो जाता है कि नहीं .
नरेंद्र ने झट से रिमोट हाथ में लिया और क्रिकेट लगा कर देखने लगा. इधर मै अपने पति को फोन लगाया और पुछा कि शाम में आते समय सब्जी लायेंगे कि नहीं ? मेरे नामर्द पति ने जवाब दिया – आज शाम को नहीं आ पाऊंगा . कम से कम 9 बजे बाद ही घर आऊंगा . पति की बात सुनकर मै निश्चिंत हो गई और फिर मैंने फोन कट कर दिया . मैंने नरेंद्र से कहा – बेटा तुम जाना नहीं , मै तुम्हारे लिए कोल्ड ड्रिंक लाती हूँ । मैंने २ कोल्ड ड्रिंक बनाया . और उसके बगल में जा कर बैठ गयी. और कहा – कोल्ड ड्रिंक पियो ना बेटा. उसने कोल्ड ड्रिंक उठाया और धीरे धीरे पीने लगा. मै उसके लम्बे मोटे लंड के बारे में सोच कर उत्तेजित हो गयी और जोरों की अंगडाई ली जिससे मेरी मोटी मोटी चूची बाहर की और निकल गई.
नरेंद्र ने हिम्मत करते हुए एक तिरछी नजर मेरी मोटी मोटी चुचियों की तरफ डाली फिर घबरा कर टीवी पर क्रिकेट देखने लगा. मैंने सोचा कि इस जवान लड़के के साथ अपनी चूत चुदवाने की शुरुआत कैसे करूँ ? मैंने किरायेदार लड़के से कहा- नरेंद्र बेटा तुम्हारी उम्र कितनी है? नरेंद्र – २२ साल है आंटी जी. मैंने कहा- एकदम जवान हो. लेकिन मै तो तुम्हे बच्चा समझ रही थी. नरेंद्र सिर्फ थोडा मुस्कुराया. मैंने फिर कहा- अब तो तुम्हे शादी कर लेनी चाहिए बेटा. नरेंद्र बोला- बड़ा हो गया हूँ लेकिन शादी के लायक बड़ा नहीं हुआ हूँ आंटी जी. मैंने कहा- क्यों ? मैंने तो कल देखा था तुम्हारा ? अच्छा खासा बड़ा लग रहा था.
नरेंद्र ने मेरी तरफ आश्चर्य की भाव से देखा और कहा- क्या देखा था आपने आंटी जी..? मैंने कहा- वाही जो हर लड़के और मर्द की चड्डी में रहता है. फिर मैंने उसे बताया की कल मैंने ऊपर से ही देख कर तुम्हारे लिंग के साइज़ का अंदाज़ लगा लिया था तुम्हारा लिंग बहुत तगड़ा है. नरेंद्र का चेहरा शर्म से लाल हो गया. वो जल्दी जल्दी कोल्ड ड्रिंक पीने लगा. मैंने उसका हाथ थाम लिए और कहा- हडबडाते क्यों हो ? आराम से पियो बेटा. वो बोला- आंटी जी, आप बहुत ही बोल्ड हैं.
मैंने कहा- नरेंद्र बेटा एक काम करो ना प्लीज. जरा मेरे बेडरूम में आओ ना मेरे साथ. जरा मेरी हेल्प कर दो ना. नरेंद्र बोला – चलिए आंटी जी… मै उसे लेकर अपने बेडरूम में आ गयी और बेडरूम के दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया. फिर उसे अपने साथ अपने बेड पर बिठाया और धीरे से उसके लम्बे मोटे लंड पर हाथ रखा और कहा- बेटा मुझे एक जगह बहुत तेज खुजली हो रही है और मुझे तुम्हारी जरूरत है. क्या तुम मेरी खुजली मिटा दोगे? नरेंद्र कोई बच्चा नहीं था.
वो भी समझ गया था कि मै क्या कहना चाहती हूँ. फिर भी बोला- कहाँ खुजली हो रही है आंटी जी बताओ मैं अभी आपकी खुजली मिटा देता हूँ? मैंने उसकी आँखों में वासना की आग को देखा और झट चुदवाने के लिए अपनी साड़ी उतार दी. साड़ी खोलने के बाद मैंने अपना पेटीकोट और ब्लाउज भी खोल दिया. अब मैं एक जवान लड़के के सामने ब्रा और पेंटी में आधी नंगी खड़ी थी. मै मेरे किरायेदार लड़के का हाल देखना चाहती थी की मेरा नंगा जिस्म देखकर उसके अंदर क्या हरकत होती है. वो एकटक मेरी मोटी मोटी चूची को घुर रहा था. अब मैंने और देर नहीं की और अपनी ब्रा भी उतार दी.
अब मेरी मोटी मोटी चुचीयां बाहर खुली हवा में आज़ाद झूल रही थी. मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपनी मोटी मोटी चूची पर रख दिया. और कहा – इसे दबाओ ना बेटा. मेरा किरायेदार मेरी मोटी मोटी चूची को जोर जोर से दबाने लगा. मुझे मज़ा आने लगा. मैंने एक हाथ उसकी पैंट के उप्पर रखा. पेट के अन्दर उसका तगड़ा लंड फनफना रहा था. मैंने मेरे किरायेदार लड़के से कहा- अपने कपडे खोलो ना बेटा. उसने अपनी शर्ट , पैंट और चड्डी उतार दी. उसका लंड ७ इंच से कम का नही था. मैंने उसके लम्बे मोटे लंड को हाथ में लिया और बड़े प्यार से सहलाने लगी .
उसने भी मेरी पेंटी में हाथ डाला और मेरी गरम चूत को सहलाने लगा. फिर मेरी पेंटी को मेरी गरम चूत से नीची खिसका दिया. अब मेरी गरम चूत वो साफ़ साफ़ देख सकता था. मेरी गरम चूत देखते ही उसके लम्बे मोटे लंड में तूफ़ान मचने लगा. उसने मुझे पलंग पर लिटा दिया और लगा मेरी चिकनी चूत को चूसने. आजकल के लड़के हाई स्कूल से ही सेक्स के बारे में इतना जानने लगते हैं कि उनके पापा लोग भी ना जान पायें. उसने मेरी गरम चूत में अपनी जीभ घुसा दी और मेरे चूत का नमकीन स्वाद लेने लगा. मेरी आँख बंद थी. कहाँ मै ३८ साल की और कहाँ मुझसे १६ साल छोटा सिर्फ २२ साल का था. लेकिन ऐसा लग रहा था कि मानो वही ३८ साल का हो और मैं २२ साल की कुंवारी लकड़ी.
थोड़ी देर में मेरे चूत में से पानी निकलने लगा. मै सिसकारी भरने लगी. वो मेरी गरम चूत के पानी को चाट रहा था. अब वो मेरे ऊपर आया और मेरी तरबूज जैसी मोटी मोटी चुचियों को किसी भूखे बच्चे की तरह चूसने लगा. मुझे याद आ गया जब मेरे पति जवान थे तब शादी के बाद वो भी इसी प्रकार किसी छोटे बच्चे की तरह मेरी तरबूज जैसी मोटी मोटी चुचियों चूसा करते थे. चूची चूसते चूसते वो मेरे शरीर के और ऊपर चढ़ा और मेरी गुलाबी रसीले होठों को चूसने लगा. उधर चुम्मा चाटी करते वक्त नीचे उसका काला मोटा लंड मेरी गरम चूत की खाल से रगड़ खा रहा था.
मैं अपनी नंगी टांगो को दोनों तरफ फैला कर अपनी चूत का मुह खोलते हुए नरेंद्र को चूत चोदने का निमंत्रण देते हुए कहा- नरेंद्र बेटा, देर मत करो, और मेरी गरम चूत में अपना काला मोटा लंड डालो और मेरी चुदाई करना शुरू करो. नरेंद्र ने अपने काले मोटे लंड को पकडा और मेरी गरम चूत के मुह में घुसाने की कोशिश करने लगा. लेकिन वो नोसीखिया खिलाडी यहीं मात खा गया. उसे पता ही नहीं चल रहा था कि चुदाई करने वाला असली छेद किधर है. मैंने उसकी प्रोब्लम को समझा और उसके लम्बे मोटे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के चुदवाने वाले सही छेद के मुह पर रख दिया.
मेरे किरायेदार लड़के ने एक जोरदार धक्के के साथ सडाक से अपने लंड को मेरे चूत में घुसेड दिया. मेरा चूत तो टाईट नहीं थी लेकिन उसका लंड बहुत ज्यादा तगड़ा था जिस वजह से मेरी चूत का छेद संकरा हो गया था. उसने पूरा लंड मेरी गरम चूत में अन्दर तक डाल दिया. पहले तो वो चुदाई रोककर अपने लंड से मेरे चूत के अन्दर की गर्मी का अहसास लेने लगा. फिर २ मिनट तक रुकने के बाद उसने मेरी प्यासी चूत की चुदाई करनी प्रारम्भ की. उफ्फफ्फ्फ़ क्या चुदाई करी मेरे किरायेदार लड़के ने मेरी माँ कसम मजा आ गया. अपने लम्बे मोटे लंड से चोद चोदकर उसने मेरी गरम चूत की तो हालत बहुत ज्यादा ख़राब कर दी.
दोस्तों आश्चर्य की बात तो ये थी कि 5 मिनट तक लगातार खतरनाक चूत चुदाई के बाद भी उसके लम्बे मोटे लंड से पानी नही निकल रहा था. जबकि मेरी गरम चूत ने दूसरी बार पानी छोड़ना चालु कर दिया. 5 मिनट और चुदाई करने के बाद उसके धक्के तेज़ होने लगे. अब वो झड़ने वाला था. मैंने कहा- चूत में माल मत गिरा देना. लेकिन उत्तेजना में उसने कुछ नहीं सुना और कस कर अपना लंड मेरे चूत में दाबाया और अपना गरम गरम माल मेरे चूत में ही गिराने लगा. मैंने कोशिश की कि उसके लम्बे मोटे लंड को किसी तरह से अपने चूत से निकाल दूँ लेकिन उसने इतनी कस के मेरी गरम चूत में लंड डाल रखा था कि मै कुछ ना कर सकी. और चुपचाप उसका माल को अपनी चूत में गिरने दिया.
करीब 1 मिनट के बाद उसने मेरी सेक्सी चूत से अपना तगड़ा लंड बाहर निकाला तो मैंने देखा कि उसके लंड का माल मेरी चूत में से निकल कर मेरी गांड की दरार से बहते हुए बिस्तर पर गिरा है. फिर देखा अभी भी उसका लंड उसी तरह खड़ा है. मैंने भी अभी थकी नहीं थी. मैंने उसके लम्बे मोटे लंड को पकड़ कर कहा- शाबाश नरेंद्र, तुम कमाल के खिलाड़ी हो. मज़ा आ गया. मेरा एक और काम करो न. वो बोला – क्या काम है आंटी जी बताओ अभी कर देता हूँ…? मैंने कहा- मेरी गांड की खुजली मिटा दो ना बेटा.
वो बोला – ठीक है आंटी जी, किस स्टाइल में गांड मरवायेंगीं आप? मेरे लंड के ऊपर बैठ कर या खड़े खड़े या कुतिया स्टाइल में? मै ज्यादा आश्चर्यचकित नही थी कि उसे इतना सब कैसे पता. सिर्फ मैंने इतना कहा की बेटा तुम्हे सबसे अच्छा किस स्टाइल में मारना आता है? वो बोला- आज तक तो मैंने कभी किसी लड़की या महिला की गांड मारी नहीं लेकिन इन्टरनेट पर देख कर जानता हूँ. मैंने कहा – मुझे सबसे अच्छा कुतिया बनकर गांड मरवाना लगता है. क्यों कि इसमें दर्द भी होता है और दर्द का मज़ा भी आता है. उसने कहा- ठीक है तो आज कुतिया बनाकर ही आपकी की गांड मारता हूँ.
उसने मुझे खड़े खड़े ही आगे पलंग पर झुक जाने को कहा. मैं जमीं पर खड़े हो कर अपने टांगो को सीधा रखते हुए आगे बेड पर झुक गयी. इस से मेरी गांड का छेद मेरे किरायेदार लड़के को साफ़ साफ़ दिखने लगा. उसने मेरी गांड के छेद में ऊँगली लगाईं . उसके उंगली लगाते ही मेरी गांड, और चूत से ले कर चूची तक सिरहन दौड़ उठी. उसने मेरी गांड पर बहुत सारा थूका और फिर धीरे से मेरी गांड के छेद में उंगली डाली और चारों तरफ घुमाया और मेरी गांड के छेद को चिकना करा. इस से मेरे गांड का छेद कुछ खुल गया. अब उसने दोनों हाथों का अंगूठा मेरे गांड के छेद में डाला और उसे फैला दिया. मुझे उसकी इस हरक़त से बहुत मज़ा आया.
जब कोई आपके हरेक अंग से प्यार करे तो सेक्स का आनन्द डबल हो जाता है. अब उसने दोनों अंगूठों से मेरी गांड के छेद को फैला कर अपने लंड को उसकी मुह पर लेते आया. लेकिन अभी भी उसे संशय हो रहा था क्यों कि मेरे गांड का छेद उसके लम्बे मोटे लंड के मोटाई के अनुपात में बहुत ज्यादा सकडा था. उसने कहा- आंटी जी मेरा लंड बहुत ज्यादा मोटा है यह आप की गांड में नहीं जा पायेगा और जबरदस्ती आपकी गांड मारने की कोशिश करने पर आपकी गांड को नुकसान पहुँच सकता है मेरा कहने का मतलब है की यदि मैं आप की गांड के साथ जबरदस्ती करिऊंगा तो आपकी गांड फट भी सकती है.
मैंने पीछे देखते हुए कहा- बेटा मेरी गांड में बहुत तेज खुजली हो रही है, तुम मेरी गांड की चिंता मत करो. तुम लंड पेलो मेरी गांड में आगे होगा जो देखा जायगा… मेरे किरायेदार ने मेरी सहमती के बाद ऐसा ही किया. उसने जोर लगा कर अपना लंड मेरी गांड के साकडे से छेद में डाल दिया. उसका लंड मेरे पति के लंड से बहुत ज्यादा लम्व और मोटा था लेकिन मेरी गांड भी कोई कमजोर नही थी. अपनी गांड की खुजली मिटवाने के खातिर मै दांत पर दांत रखकर हर दर्द सह गयी. उसने अपने पूरे लंड को मेरे गांड में एक बार में ही डाल दिया.
अब उसने मेरी कमर पर अपने हाथ की पकड़ मज़बूत बनाई और मेरी गांड मारना चालु कर दी. जवान लड़के का काला मोटा लंड अपनी गांड में घुसवाकर मुझे तो जैसे जन्नत नसीब हो गई थी. गांड मरवाते वक्त मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरे गांड की वर्षों की खुजली नरेंद्र आज ही मिटा देगा. २ मिनट की गांड चुदाई के बाद ही मेरी गांड का छेद चौड़ा हो गया. गांड मरवाने में मुझे इतना आनद तो कभी अपने पति से भी प्राप्त नही हुआ. नरेंद्र ने मेरी कमर पर से हाथ हटा कर मेरी तरबूज जैसी मोटी मोटी चुचियों को थाम लिया.
एक तरफ वो मुझे कुतिया बनाकर मेरी गांड मार रहा था दूसरी तरफ वो मेरी तरबूज जैसी मोटी मोटी चुचियों को भी बहुत जोर जोर से दबा रहा था. 20 मिनट तक वो डौगी सेक्स स्टाइल में वो मेरी गांड मारता रहा और फिर कुछ समय बाद उसके लंड से माल निकलना शुरू हुआ. जब उसके लंड से वीर्य निकलने लगा तो उसने अपना पूरा लंड मेरी गांड में घुसेड दिया और अपना पूरा वीर्य मेरी गांड में भर दिया. जब सारा माल निकल गया तो उसने मेरी गांड से अपना लंड निकाला. गांड मरवाने के बाद मै धीरे धीरे अपनी गांड के छेद को छूती हुई उठ खड़ी हुई. मेरा गांड का छेद अभी भी पूरी तरह से खुला हुआ था. मेरी गांड से नरेंद्र का गरमा गर्म वीर्य निकल कर मेरी जाँघों से होता हुआ जमीन पर गिर रहा था.
मैंने नरेंद्र के लंड को हाथ में लिया और उसे सहलाते हुए कहा- थैंक्स नरेंद्र बेटा. फिर मैंने कपडे से अपनी गांड और बुर से निकल रहे वीर्य को पोछा. नरेंद्र नंगा ही मेरे बेड पर चित्त हो कर लेट गया . मैंने कपड़े से अपनी गांड पोछने के बाद उसके लम्बे मोटे लंड को भी साफ़ किया फिर कपडे को एक तरफ फ़ेंक कर उसके सीने पर अपनी मोटी मोटी चूची दबाते हुए उसके ऊपर लेट गयी और अपनी चूत को उसके लम्बे मोटे लंड में घसते हुए बोली- नरेंद्र बेटा, आज तो चुदने में मज़ा आ गया. तुम्हे मुझे चोदकर कैसा लगा? नरेंद्र बोला- मुझे भी अच्छा लगा आंटी जी आप के साथ सेक्स करके.
फिर वो बोला की आंटी जी आपका जिस्म बहुत कमाल का है आपकी चूत की चुदाई करने में बहुत मजे आए पर सबसे ज्यादा मजे आप को कुतिया बनाकर गांड मारने में आए. मैंने कहा – कल फिर आओगे ना बेटा अपनी इस सेक्सी आंटी की खुजली शांत करने..? वो बोला – हाँ आंटी जी यदि आप बुलाओगी तो मैं आपकी गांड मारने और चूत चोदने कल फिर से आजाऊंगा. दीवार पर तंगी घडी पर नजर डाली तो साढ़े तीन बजने वाले थे. हमारे किरायेदार लड़के नरेंद्र ने कहा- अब मुझे चलना चाहिए. 4 बजे शान वापस आ जाता है.
मैंने किरायेदार लड़के से कहा- ऐसे कैसे जा सकते हो? पहले अपनी आंटी के हाथ की बनी कॉफ़ी पियो . मैने अपने रूम का दरवाजा खोला और नंगे ही किचन में कॉफी बनाने चली गयी क्यों कि मैंने घर के सारे खिड़की और दरवाज़े पहले ही बंद कर रखे थे. नरेंद्र और अपने लिए झट से काफी बनाई और नाश्ता ले कर अपने बेडरूम में वापस आई. नरेंद्र अभी भी नंगा ही बेड पर लेटा हुआ था. मैंने उसे उठने को कहा. तो उठ कर सोफे पर बैठ गया. मै नंगी ही उसके गोद में उसके लम्बे मोटे लंड पर बैठ गयी और बोली – तुम दुसरा काम करो मै तुम्हे खिलाती हूँ. मै उसे मिठाई व नमकीन खिला रही थी और वो मेरी चूची और चूत को सहला रहा था.
काफी और नाश्ता ख़तम करते करते १५ मिनट बीत गए. इन १५ मिनट में मेरे किरायेदार लड़के नरेंद्र का काला मोटा लंड फिर से तन तना गया. मैंने उसके लम्बे मोटे लंड को पकड़ कर उसकी आँखों में देखा. उसने मुझे सोफे के नीचे जमीन पर लिटाया और मेरे चूची में अपना सर डाला और मेरी गरम चूत में अपना लंड. इस बार वो बहुत ही ज्यादा घातक स्पीड में मेरी गरम चूत की चुदाई कर रहा था मुझे चुदते चुदते ऐसा लग रहा था की मानो आज मेरा किरायेदार मेरी गरम चूत के परकच्छे उड़ा डालेगा. 5 मिनट की शानदार चुदाई में ही उसने कम से कम 500 बार अपने लंड को मेरी गरम चूत में घुसाया और निकाला होगा. मै तो दुसरे मिनट ही झड गयी थी.
उसकी घातक चुदाई ने मेरे होश फाख्ता कर डाले थे. 5 मिनट बीतते बीतते उसका वीर्य निकलने को हुआ. उसने फिर से कस के लंड को मेरी गरम चूत में डाला और माल गिराने लगा. इस बार माल गिरते ही वो तुरंत खड़ा हुआ और बाथरूम जा कर अपना लंड साफ़ किया. तब तक मै यूँ ही बेसुध जमीन पर पड़ी रही. मेरे सामने उसने अपने कपडे पहने . मै यूँ ही नंगी लेटी हुई उसे देख रही थी. जब उसने अपने शर्ट का आखिरी बटन लगाया तो मै हिम्मत करके दर्द सहन करते हुए किसी तरह खडी हुई. मेरे चूत, चूची और गांड तीनो में दर्द का अहसास हो रहा था. और बदन भी टूट रहा था. लेकिन ये दर्द भी उतना ही मजा दे रहा था जितना किसी शराबी को एक बोतल शराब का नशा मज़ा देता है.
मै उठ कर आलमारी के पास आयी और आलमारी से 1000 रूपये के चार नोट निकाले और नरेंद्र की जेब में रखने लगी. नरेंद्र बोला- नहीं नहीं, ये किसलिए आंटी जी ? मुझे आप की चुदाई करने के बदले पैसे नहीं चाहिए मैं कोई कॉल बॉय थोड़ी हूँ…. मै उससे लिपटते हुए बोली- ये मेरे प्रेम का उपहार है मेरे नरेंद्र आज तुमने मुझे चोदकर बहुत खुश कर दिया है आज कई बरसों बाद किसी मर्द ने मेरी प्यासी गांड और चूत की खुजली मिटाई है.
मैंने उससे बोला की बेटा प्लीज इनकार मत करो. ये तो वही पैसे हैं जो तुम मेरे मकान में रहने का किराया देते हो. अब जब तुम मेरे दिल में बस गए हो तो मकान में रहने का किराया मै तुमसे कैसे ले सकती हूँ? पहले तो मेरा किरायेदार लड़का चुदाई के बदले पैसे लेने के लिए मना करता रहा. लेकिन जब मैने उसे अपने नंगे जिस्म की गिरफ्त से छोड़ने को राजी नही हुई तो उसने फिर कुछ नही बोला. मैंने उसकी जेब में वो नोट रखे और उसे अपने नंगे जिस्म की गिरफ्त से आज़ाद कर दिया. 3.55 हो चुके थे. नरेंद्र झट से मेरे रूम से बाहर निकल गया और मै उसके पीछे पीछे उसी हालत में ड्राइंग रूम तक आई और घर का दरवाज़ा अन्दर से बंद किया.
अब मैं बाथरूम में जा कर बाथ टब में लेटी और बीते हुए आनंददायक पलों को याद करने लगी की कैसे आज मेरे मेरे किरायेदार लड़के ने मेरी चुदाई करी और गांड की खुजली शांत करी. ये सुनहरे पलों को याद करते करते कब शाम हो गयी कुछ पता ही नहीं चला . इस उम्र में मुझे एक जवान लौड़े से चुदवाने का सोभाग्य प्राप्त होगा मैंने कभी सोचा भी नहीं था. आज कई सालो के बाद मेरी तड़पति गांड और चूत की खुजली मेरे किरायेदार लड़के ने अपने काले मोटे लंड से मिटा डाली थी.
अभी भी वो अक्सर मेरी बुलाने पर मेरे साथ सेक्स करने आ जाता है और आकर मेरी गांड मारता है और चूत की खुजली भी अपने काले मोटे लंड से मिटाता रहता है. दोस्तों क्या आप में से कोई मेरी चुदाई करना चाहता है या मेरी गांड मारना चाहता है यदि हाँ तो निचे लाइक बटन पर क्लिक करें. दोस्तों आप सभी के मेरी यह हिंदी सेक्स कहानी “45 साल की सेक्सी मकान मालकिन की गांड और गरम चूत की खुजली किरायेदार ने मिटाई Hindi Sex Kahani” पसंद आई हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें.