दोस्तों ने अपनी अपनी बहनों को ग्रुप चुदाई के लिये परोसा Hindi Sex Story : हेल्लो बहन के लौड़ो तुम सब को मस्तराम का प्रणाम. आज जो नई हिंदी सेक्स स्टोरी मै तुम बहन के लौड़ो को सुनाने जा रहा हूँ तो दो दोस्तों जय और वीरू की आपस में अपनी अपनी बहन की अदला बदली और ग्रुप में चुदाई की है. जय और वीरू दोनों स्कूल के समय से दोस्त हैं. तब दोनों के एक गन्दा चस्का लग गया था, दोनों स्कूल से बंक मार कर अक्सर शहर के बाहर जंगल में जाकर सेक्सी किताबें पढने के बाद एक दूसरे की मुठ मारा करते थे और एक दुसरे की गांड भी मारा करते थे.
वो दोनों दोस्त अक्सर अपनी क्लास की अध्यापिकाओं के बारे में सोच कर हस्तमैथुन करा करते थे तो कभी पड़ोस की भाभी और आंटी के सेक्सी जिस्म के बारे में गन्दी गन्दी बातें किया करते थे. वो चोरी छिप्पे उनको बाथरूम में नंगी होकर नहाते देखने के लिए दिन-दिन भर छत पर रहा करते थे. एक दिन वीरू बोला- यार जय, आखिर ऐसे कब तक हम हस्तमैथुन करते रहेंगे… ? अब तो इन गन्दी किताबों से भी सेक्स नहीं चढ़ता. कोई गन्दी चुदाई वाली पोर्न फिल्म देखने का जुगाड़ करते हैं.
दोस्तों ने अपनी अपनी बहनों को ग्रुप चुदाई के लिये परोसा Hindi Sex Story

जय ने कहा- तेरी बात तो सही है वीरू… कल मेरे मम्मी पापा शहर से बाहर जा रहे हैं, घर पर सिर्फ मेरी छोटी बहन बसंती रहेगी. हम दोनों दोस्त कल मेरे कमरे में गन्दी चुदाई वाली पोर्न फिल्म (ब्लू फिल्म) देखते हैं. वीरू बोला- ठीक है दोस्त, कल मैं कोई नई ब्लू फिल्म की सीडी लाता हूँ, तू तैयार रहना. लेकिन घर में तेरी बहन बसंती होगी..? वीरू ने शंका से पूछा. तू फ़िक्र मत कर वीरू मेरी बहन बसंती कमरे में नहीं आएगी. चल अब घर चलते हैं.
अगले दिन वीरू जय के घर एक गन्दी चुदाई वाली पोर्न फिल्म (ब्लू फिल्म) की सीडी लेकर पहुँच गया. बसंती ने दरवाज़ा खोला- अरे वीरू भाई जान…? कैसे हो? जय भाई जान तो मम्मी पापा को स्टेशन तक छोड़ने गए हैं, जय भाई जान आते ही होंगे, आप अन्दर आ जाओ. चलो, तब तक हम लूडो खेलते हैं. वीरू अन्दर चला गया.
बसंती उसके लिए पानी लेकर आई. जब वह पानी दे रही थी तब वीरू की नज़र अपने दोस्त की बहन के कुरते से झांकते छोटे छोटे उभारों पर थी. वह वीरू को जय की तरह ही भाई मानती थी लेकिन आज वीरू की अचानक से अपने दोस्त की 18 साल की जवान और सेक्सी बहन पर गन्दी नजर पड़ गई थी.
वीरू ने अपने दोस्त की बहन के जिस्म को ऊपर से नीचे तक देखा आज वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी वीरू ने उससे कहा- बसंती, आज भाई जान की गोदी में नहीं बैठोगी? क्यों नहीं भाई जान अभी लो. कहते हुए वह वीरू की गोदी में बैठ गई. अब बोलो, आइसक्रीम खिलाओगे? खिलाऊंगा. लेकिन एक वादा कर कि किसी को बोलेगी नहीं? क्या भाई जान?? बसंती की उम्र मात्र 18 साल की थी, उस पर अभी जवानी धीरे धीरे आ रही थी उसके बोबे भी उगने शुरू हो चुके थे उसके सीने पर हल्का हल्का उभार आने लगा था, उसके बोबे अभी थोड़े छोटे पर बहुत नुकीले थे.
वीरू ने अपने दोस्त की बहन को गोद में लेकर उसके बोबो की गोलाइयों को अपने हाथों से नापना शुरू कर दिया. ही ही ही.. यह क्या कर रहे हो भाई जान गुदगुदी होती है. वीरू का हाथ उसकी फ्राक के अन्दर उसकी चड्डी में था, वह अपने दोस्त की बहन की छोटी सी नर्म चुत को सहला रहा था- कैसा लग रहा है बसंती…? वीरू ने उसके गालों को चूमते हुए पूछा.
अच्छा लग रहा है भईया मासूम वर्जिन बसंती ने अपने बड़े भैया के दोस्त को जवाब दीया. वीरू अपने दोस्त की मासूम बहन का बलात्कार करने की कोशिश में था वो उसे समझाने लगा की यह एक खेल है बसंती, लेकिन सिर्फ हम दोनों ही खेलेंगे, चुपके चुपके, किसी और को मत बताना. ठीक है वीरू भईया. अन्दर चलो, बेड पर लेट जाओ तुम. वीरू ने उसको गोद में उठा लिया था, वह उसके सीने से चिपकी थी, वीरू के हाथ उसके फुद्दीड़ों पर थे, वीरू ने बसंती को बेड पर लिटा दिया और उसकी छोटी से गुलाबी चड्डी खींच कर निकाल दी.

उसकी चुत छोटी सी थी अन्दर से देखने पर एकदम सुर्ख लाल बिलकुल गुलाब की पंखड़ियों जैसे उसकी चुत के होंठ थे. वीरू ने उस पर जीभ लगा दी. ..उईए ईई यह क्या करते हो भाई जान…? बसंती मचल पड़ी जब वीरू ने उसकी चुत चूसना चाही. कुछ नहीं होगा तुझको. बस तू चुपचाप लेटी रह, तुझे अच्छा लगेगा. कह कर वीरू ने उसकी टांगें फैला दी और उसकी चुत पर मुँह लगा दिया. बसंती लेटी हुई थी. तभी दरवाज़े की घंटी बजी, वीरू ने झट से बसंती की फ्राक नीचे की और उसको उठाया और कमरे से बाहर ले गया.
बसंती ने दरवाज़ा खोला. क्या कर रही थी? सुनाई नहीं देती तुझको घण्टी? जय अपनी छोटी बहन बसंती पर चिल्ला कर बोला. बसंती सहम गई. अरे जाने दे न जय, नहीं सुना होगा. …मैं भी रूम में था वरना… वीरू ने बात संभालनी चाही. बच्ची नहीं है… घोड़ी हो गई है, पढ़ती-लिखती कुछ नहीं है, दिन भर लूडो और टीवी. दसवीं में फेल हो चुकी है. कहते हुए जय ने उसको एक चपत लगाई. वीरू ने देखा कि पीछे से बसंती की फ्राक की चैन खुली थी, देखते ही उसकी गांड फट गई. लेकिन फिलहाल जय ने उस पर ध्यान नहीं दिया था.
जय ने अपनी बहन बसंती को बोला कि अन्दर नहीं आना है हम कुछ जरुरी काम कर रहे हैं. दोनों दोस्त गन्दी फिल्म देखने कमरे में चले गए, जय ने पोर्न फिल्म की सीडी लगाई पोर्न फिल्म में एक अँगरेज़ एक इंडियन लड़की की चुदाई कर रहा था. कुछ ही देर मैं एक अँगरेज़ और एक लड़की और आ गई, वे दोनों भी शुरू हो गए थे, बारी-बारी से दोनों लड़कियों की चुदाई कर रहे थे उनको घोड़ी बना कर.

वीरू और जय दोनों को इतनी शानदार पोर्न फिल्म देखकर पसीना आ रहा था, तभी जय ने पलंग पर पड़ा कपड़ा उठा कर अपना मुँह पोँछा. लेकिन उसमें से उसको अजीब सी महक लगी, उसने कपड़ा खोल कर देखा तो यह उसकी छोटी बहन बसंती की चड्डी थी जिससे जय ने मुँह पोंछा था.
अपनी बहन की चड्डी उसके कमरे में देख वह सोचने लगा कि उसकी बहन बसंती की चड्डी यहाँ क्या कर रही है? वीरू का दिल धड़क रहा था उसे पकडे जाने का दर लग रहा था, वह अपने दोस्त जय से नज़रें चुराने लगा, उसने रिमोट से पोर्न मूवी को बन्द कर दिया और अपनी बहन बसंती को आवाज़ दी. बसंती कमरे में आई, अभी जय के हाथ में उसकी चड्डी थी, लग रहा था कि वह उससे पूछेगा कि यह यहाँ कैसे? जय- यह ले, तेरे कपड़े हैं और दोबारा मेरे कमरे में नहीं आने चाहिए. बसंती सहम गई अपनी चड्डी लेकर वह शरमाते हुए अपने कमरे से चली गई.
वीरू ने पोर्न फिल्म को दोबारा शुरु करा और अपने लंड को सहलाने लगा. जय- उसको छोड़ साले, यह बता तू मेरी ही घर में मेरी छोटी बहन बसंती के साथ क्या कर रहा था? वीरू की अब बुरी तरह गांड फट रही थी वो डरते डरते बोला- अरे… कुछ तो नहीं यार.. जय- झूट मत बोल, मुझे चुतिया समझ रहा है क्या बहन के लौड़े तूने…? मैंने देखा कि मेरी बहन की फ्राक पीछे से पूरी खुली थी, उसकी चड्डी यहाँ क्या कर रही थी.?? और दरवाज़ा खोलने में इतनी देर क्यों हुई…?? सच बता कि तूने बसंती के साथ क्या किया था? वीरू- बताता हूँ लेकिन तुझको दोस्ती की कसम. तू गुस्सा नहीं होगा. जय- पहले तू बता हरामी…?? वरना तुझे भी मारूँगा और बसंती को भी मारूँगा.
वीरू- पहले तू कसम खा की तू गुस्सा नहीं होगा. जय- ठीक है. …बता…? वीरू- बसंती अब बड़ी हो गई है, उसके स्कूल में लड़के भी पढ़ते हैं और आज कल का मोर्डेन ज़माना है, हर लड़की का आजकल बॉयफ्रेंड है, कल बसंती का भी होगा. जय- मारूँगा पकड़ के उस माँ के लौड़े को. वीरू- तू पहले मेरी बात सुन. हर वक़्त तो तू बसंती के साथ रह नहीं सकता, और न ही उसको घर में बंद करके रख सकता है… जय- तू कहना क्या चाहता है? वीरू- अबे, तू मेरी बात सुन तो सही मेरे दोस्त. तू बसंती के हर समय साथ तो नहीं घूम सकता है, कल को उसका कोई यार भी होगा तो उसकी लेगा भी.
जय- वीरू, तू बकवास बंद कर. यार, तू मेरी बात को ठन्डे दिमाग से समझ..पहले बता बॉयफ़्रेन्ड होगा तो लेगा या नहीं उसकी? जय- हाँ लेगा ही.|| समस्या यह नहीं है कि कोई बॉयफ़्रेन्ड उसकी लेगा, परेशानी यह है कि आजकल लड़के लड़कियों को ब्लैकमेल करने के लिए उनका पोर्न वीडियो बना लेते हैं.. और फिर अपने दोस्तों को दिखाते हैं और उसको नेट पर डाल देते हैं. तू चाहेगा कि कोई बसंती के साथ ऐसे करे? या उसको ग्रुप सेक्स करने के लिए मजबूर करे…?? जय- हरगिज़ नहीं… वीरू- लेकिन हर लड़की आजकल बॉयफ़्रेन्ड चाहती है…आखिर तेरी बहन बसंती अब जवान हो रही है… मैं उसको अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहता हूँ जय.
वीरू ने अपने दोस्त जय का लंड सहलाते हुए कहा. जय- साले भईया बोलती है वह तुझे और तेरी मेरी गहन पर गन्दी नजर है… मैं ऐसा कैसे मान लूँ? वीरू- जय, बात को समझ कल को कोई उसको बेहरहमी से चोदे, उसकी चुदाई की वीडियो, पोर्न MMS बनाये, हम उसके चुदाई के नंगे नंगे फोटोग्राफ्स नेट पर देखें, तुझे अच्छा लगेगा? ..यार मैं उससे प्यार करता हूँ, मेरे साथ रहेगी तो सुरक्षित रहेगी… कोई और चोदे इससे तो बेहतर है तेरा ये जिगरी यार उसकी चुदाई करे बाकी तू जो मांगेगा, वह मैं दूंगा. कह कर वीरू जय के सामने कुत्ते की तरह अपनी गांड मरवाने को खड़ा हो गया.
जय- नहीं वीरू, मैंने तेरी गांड तो बहुत मारी है. मैं तुझे बसंती का बॉयफ्रेंड तो बन जाने दूंगा लेकिन मेरी एक शर्त है. वीरू- क्या…?? बोल…?? दोस्त के लिए तो जान भी हाज़िर है यार…| जय- मैं तेरी बहन कंचन की चुदाई करूँगा. वीरू- यह क्या कह रहा है…?? मेरी बहन कंचन तेरे से उम्र में बड़ी हैं, और थोड़ीमोटी भी है वह. वीरू ने यह नहीं सोचा था कि जय इस हरामी पांति पर उतर आएगा.
जय- देख वीरू, मैं तेरे फायदे की बात कर रहा हूँ. बसंती छोटी भी है और उसका किसी से कोई चक्कर भी नहीं है, जबकि तेरी बड़ी बहन कंचन ने कोई लड़का छोड़ा है इस गली का?..जिसके साथ उसने सेक्स ना करा हो ..? 4 दिन घर से गायब रही थी, मुझे मालूम है गोवा में आरिफ और अनुज के साथ रंडी दीदी कर रही थी, फोटो देखे हैं मैंने तेरी बहन के चड्डी में और नंगे भी, गोवा के बीच पर.. और तेरी मम्मी कहती रही कि खाला के घर गई है. सोच ले फ़ायदा तेरा ही है.
वीरू- बस कर यार मुझे भी सब मालूम है…लेकिन यार कंचन वीरू नहीं मानेगी तेरे साथ सेक्स करने के लिये… तू उसकी फ़िक्र मत कर वह मुझ पर छोड़ दे. तेरी दीदी (बड़ी बहन) है इसीलिए अब तक कुछ नहीं किया था ठीक है तू कंचन दीदी को पटा, मैं बसंती के साथ कुछ करता हूँ.
जय- तेरी दीदी को मैं अभी लाया 10 मिनट में. वीरू- नहीं उसको पटाना इतना आसान भी नहीं है, नहीं ला सकता तू उसको 10-15 मिनट में. जय- शर्त लगाता है? अगर ले आया तो उसकी तेरे सामने तेरी बहन को नंगी करके रंडी की तरह पटक पटक कर चोदुंगा. वीरू- चल शर्त लगी. ठीक है. और नहीं ला पाया तो मैं तेरी छोटी बहन बसंती को तेरे सामने पूरी नंगी करके रंडी की तरह पटक पटक कर चोदुंगा …?? ठीक है, अभी आया 10 मिनट में तेरी चुदक्कड़ बहन कंचन को लेकर. कह कर जय चला गया.
इधर वीरू ने बसंती को बुला कर उसको गन्दी चुदाई वाली पोर्न फिल्म (ब्लू फिल्म) दिखाना शुरू कर दी, उसे मालूम था कि जय शर्त हार जाएगा और वह उसकी छोटी बहन बसंती के हुस्न के साथ मजे करेगा. वीरू ने अपने दोस्त की छोटी बहन बसंती को नंगी करके अपनी गोद में बिठा रखा था, उसका हाथ उसकी मासूम छोटी सी वर्जिन चुत को सहला रहा था और वह आः आआह्ह्ह कर रही थी. वीरू ने उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी वर्जिन चुत में मुँह लगा दिया था- आह… उई… उम्म… वीरू भाई जान… छोड़ दो ही….ही….ही… बहुत गुदगुदी हो रही है…..
फिर जब बसंती पूरी तरह से जोश में आ गई तो वीरू ने उसको घोड़ी बनाया और उसके पीछे से उसकी वर्जिन चुत पर लंड रख दिया. अभी लंड का टोपा ही अन्दर गया था कि तभी दरवाजे की घण्टी बज गई. वीरू ने देखा कि अभी मात्र 15 मिनट हुए थे और शायद जय आ गया था. तय शर्त के मुताबिक वीरू कमरे से बाहर निकल कर छुप गया, जय कंचन दीदी के साथ था. दीदी ने पीला कुरता और सफ़ेद सलवार पहन रखी थी. उसने कंचन को कमरे में किया और मेरे पास आया, बोला- देखा वीरू, मानता है मुझे. अब शर्त के अनुसार तू खिड़की में से अपनी दीदी की चुदाई का कार्यक्रम देख.
वीरू- छोड़ न यार, मैं तो मजाक कर रहा था. मैं नहीं देखूंगा.. तू जाने दे उसको. जय वीरू से बोला की तुझे अपनी बहन की चुदाई तो देखनी पड़ेगी आखिर शर्त लगाई है तूने मुझसे. यह ले स्टूल और खड़ा हो जा खिड़की पर. वीरू ने खिड़की से झांक कर देखा कंचन दीदी मज़े से गन्दी चुदाई वाली पोर्न फिल्म (ब्लू फिल्म) देख रही थी. जय कमरे में चला गया, उसने कंचन दीदी के पहले कंधों पर हाथ रखा और फिर कुछ कुछ सेकंड में उसका सफ़ेद दुपट्टा गले से अलग कर दिया. जय ने दीदी को अपने सीने से लगा लिया. वीरू ने सोचा नहीं था कि एक दिन अपनी बड़ी बहन को इस तरह से अपने ही दोस्त से चुदते देखूंगा.

कंचन की पीठ अपने छोटे भाई वीरू तरफ थी, जय ने वीरू को आँख़ मारते हुए अंगूठे से उसकी तरफ इशारा किया, उसने अपने दोस्त वीरू की सेक्सी दीदी के कुर्ते की चेन खोलना शुरू की और उसका दूसरा हाथ मोटी मोटी गोल गोल बोबो पर था. वीरू को अपनी बहन की चुदाई देखते हुए बड़ा अजीब सा लग रहा था, अपनी बहन को अपने सामने नंगा होते हुए देख रहा था. कंचन की पीठ पर उसके दोस्त का हाथ था और कंचन दीदी उसके दोस्त के होंठो से होंठ लगाए हुए थीं. तभी जय थोड़ा सा अलग हुआ और उसने दीदी की सलवार का कमरबंद (नाड़ा) खोल दिया.
वीरू की बहन की सफ़ेद पटियाला सलवार सरकती हुई फर्श पर जा गिरी, तभी वीरू एक आईडिया सूझा, वीरू ने बसंती को अपने पास बुला लिया और उसको गोदी में लेकर खिड़की से अन्दर का नज़ारा दिखाया. वह खिलखिला कर हँस पड़ी, वीरू ने उसको चुप रहने का इशारा किया. कंचन दीदी और जय भाई जान भी यह सब खेलते हैं? बसंती ने मासूमियत से पूछा. हाँ, वे दोनों दोस्त हैं. वीरू ने खिड़की से झांककर देखा- कंचन दीदी जय का लंड चूस रही थी और जय खड़ा था.

कंचन दीदी को नंगी देख कर अब वीरू के अन्दर का बहशी जानवर जागने लगा था उसे अब अपनी बड़ी बहन एक जवान खूबसूरत लड़की लग रही थी. जय ने अपने दोस्त की बहन कंचन को बेड पर पटक दिया था और उसकी काली चड्डी निकाल कर अलग कर दी और उसकी टांगे फैला कर उसकी चुत को चूस रहा था. कंचन दीदी सिसकारियाँ भर रही थी, मैंने झट से बसंती को पकड़ा और उसकी चड्डी निकाल दी और उसकी चुत पर मुँह लगा दिया.
उसकी छोटी सी वर्जिन चुत पर हल्का सुनहरा रोंया था और वह पूरी तरह गुलाबी थी. बसंती आह हाह अह करने लगी थी. फिर वीरू का शानदार लंड बसंती के मुह के सामने था- आह. गोरा सा, तना हुआ सुपारा जोश से लाल सुर्ख हो रहा था. हाय क्या चीज़ बनाई है ऊपर वाले ने. वीरू ने अपना लंड बसंती को चूसने को लिए उसके मुँह में दे दिया, दूसरे ही पल उसका लाल सुपारा बसंती के नाजुक होंठों के बीच दब गया.
बसंती मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रही थी. वीरू ने खिड़की से झांक कर देखा जय ने कंचन दीदी को घोड़ी बनाया हुआ था और वह दीदी की पीछे से चुदाई कर रहा था, दीदी जोर जोर से सिसकारियाँ निकाल रही थी. दीदी की चोटी इधर-उधर डोल रही थी और चूड़ियाँ खन-खन कर रही थी. दीदी का कुर्ता जय ने एकदम ऊपर खिसकाया हुआ था. जय वीरू की नंगी बहन को घोड़ी बनाकर ज़बरदस्त चुदाई कर रहा था और उसकी बहन मुह से दर्द के मारे आह… आह… उई… आह …. आह कर रही थी.

बड़ी बहन छोटे भाई के सामने चुद रही थी और वीरू चुपचाप देख रहा था. वीरू ने झट से बसंती को भी घोड़ी बना दिया और उसके पीछे से अपने लंड को करने लगा. लेकिन दीदी और बसंती में बहुत फर्क था, बसंती मात्र 18 साल की थी जबकि दीदी की उम्र २३ साल की थी. वीरू की बहुत कोशिश करने के बाद भी लंड बसंती की चुत में नहीं गया और ज़बरदस्ती वीरू करना नहीं चाहता था. उधर जय दीदी को अपनी गोद में लेकर अपने लंड को अन्दर-बाहर कर रहा था.
मेरी साली रंडी दीदी चुदवाते हुए जोर जोर से आह… उमह… उई… आह… अआह… कर रही थी, कंचन दीदी पूरी तरह से सेक्स की आदी थी, कॉलेज का बहाना कर के वह अनुज और आरिफ के साथ 4 दिन तक गोवा में रही थी और जब वापस आने के लिए पैसे ख़त्म हो गए थे तो उन्होंने कंचन दीदी को कई अंग्रेजों से चुदवा कर पैसे भी कमाए थे. सोच कर ही अजीब लगता है कि किस तरह से दीदी ने दो-दो अंग्रेजों का लिया होगा.
देखने में तो एकदम भोली भाली और मासूम दिखती थी. अगर दो चोटी बांध दो तो किसी स्कूल की बच्ची लगती हैं. लेकिन सच यह था कि मेरी दीदी पूरी तरह से किसी रांड से कम न थी. जय ने उसको घोड़ी बनाया हुआ था और उसके पीछे से उसकी फुद्दी को मार रहा था और ..दीदी आ आह्ह्ह …आह… ह… ह… कर रही थी. हाय चूस… ओह… आह्ह… मेरी जान… ले… मेरा… लंड ले ले .. मस्त चूसती है रे तू. जय उसकी लंड चुसाई से मस्त हो रहा था. अपना मस्त लंड चुसा कर फिर उसने कंचन दीदी को खड़ा कर के एक झटके में नंगी कर गोदी में उठा लिया. दस सेकण्ड बाद ही दीदी बिस्तर पर थी. उसने दीदी की दोनों टांगें चौड़ी कर दी और फुद्दी को मस्ती से चाटने लगा.

अब दीदी अन्ट-सन्ट गन्दी गन्दी गलियाँ बकने लगी थी- ओह माई डियर… लूट ले अपने दोस्त की इस चुदक्कड बहन की इज्जत … आह चूस ले साले… डाल दे अपना लौड़ा मेरी फुद्दी में. अब वो दीदी के ऊपर छा गया. उसने अपना सात इन्ची लंड मेरी दीदी की फुद्दी से टकरा दिया. फुद्दी को पूरी गीली हो कर लसलसी सी चिकनी हो गई थी. वीरू का शरीर सनसना उठा, फ़चाक से पूरा ही लंड मेरी दीदी की फुद्दी में उतर गया. आह … स्स्स्सीऽऽऽ कैसे भाई हो… तुम मेरे जय? दीदी मस्ती में चहकी. चुप साली, मैं तेरा भाई नहीं हूँ. जय ने कहा. सगा ना सही, पर दूर के तो हो ना, कहीं का नहीं छोड़ा मुझे, आह्ह, चोद के ही छोड़ा ना मुझे. कंचन ने उसे उकसाया.
इधर जय की बहन बसंती अपने भैया के दोस्त वीरू का लंड अपने मुह में लेकर लौलीपॉप की तरह चूस रही थी और वो खिड़की से अन्दर का नज़ारा देख रहा था. फिर जय ने दीदी के होंठों पर अपने होंठ दबा दिये और उसे कचकचा कर चूसा और काट लिया. फुद्दी में मोटा लौड़ा लेकर अपने होंठ चुसवाने का मजा कुछ ओर ही होता है, यह तो वो ही जानती है जो इस तरह से कभी चुदी हो. आह्ह कंचन की फुद्दी भी तभी फ़चफ़चा कर झड़ गई. शायद इसी मजे के लिये पैसे वालों की लड़कियाँ भी रांड बन जाती हैं.
थोड़ी देर के बाद उसने अपना लंड निकाल लिया, वीरू ने उसे प्रश्नवाचक दृष्टि से देखा. उसने अपना लम्बा लंड दीदी की दोनों चूचियों के बीच में रख दिया…| दीदी भी अब बेड पर गिर पड़ी थी, दोनों पूरी तरह से एकदम प्राकृतिक अवस्था मैं नंगे थे. वीरू ने बसंती को अपने लंड से अलग किया और दबे पाँव उनके कमरे में गया.
चुदक्कड़ कंचन अपने छोटे भाई वीरू को देख कर एकदम घबरा गई, उसने अपना दुपट्टा खींचते हुए पूछा- वीरू तुम यहाँ…?? मैंने आप को सबकुछ करते हुए देखा है दीदी. मैं तो आप को बहुत सीधी सादी समझता था. लेकिन आप तो एक नंबर की रांड निकली. अब छुपाने से क्या फ़ायदा. आपकी यह मस्त लीला मैंने और बसंती दोनों ने देखी है. वीरू बोला. जय- बसंती…?? वह कहाँ थी..?? जय बसंती का नाम आते ही उछल पड़ा- क्या मेरी बहन भी यहाँ थी और हम दोनों की चुदाई देख रही थे….?
फिर वीरू ने जय की छोटी बहन बसंती को अपने पीछे से आने को कहा. बसंती उन दोनों के सामने थी, उसने छोटा सा फ्राक पहन रखा था जिसमें उसके बोबे और छोटी सी नर्म गुलाबी फुद्दी साफ़ दिख रही थी. बसंती- भाई जान, मैंने सब देखा है, मम्मी को बोलूंगी, आपकी और कंचन दीदी की शिकायत करूंगी. जय- नहीं मेरी प्यारी गुड़िया रानी, मम्मी को मत बोलना. मैं तुझे आइसक्रीम लाकर दूंगा. कंचन- हाँ बसंती, मैं तुझे आइसक्रीम लाकर दूंगी.. वीरू पूरी तरह से बसंती को सिखा-पढ़ा कर लाया था कि क्या बोलना है. बसंती- मुझे नहीं चाहिए आइसक्रीम. मुझे आप लोगों के साथ खेलना है… बसंती ने जिद करते हुए कहा.
एकदम सही कह रही है बसंती. अब हम लोग भी साथ में खेलेंगे. कहते हुए वीरू ने बसंती को अपनी गोद में उठा कर चूमते हुए उसको बिस्तर पर लिटा दिया. लेकिन बसंती मेरी छोटी बहन है यार… मैं उसके साथ कैसे सेक्स कर सकता हूँ? जय ने किलसते हुए कहा. अच्छा तुम्हारी बहन – बहन है और मेरी बहन क्या रंडी है? तो क्या हुआ कंचन दीदी भी तो मेरी बड़ी बहन है जिसको तुमने रंडी की तरह चोदा है?
वीरू बोला. जय- यार तू समझा कर वीरू. चल ठीक है, तू अपनी बहन कंचन की चुदाई कर ले और गांड मार ले लेकिन मैं मेरी छोटी बहन बसंती के साथ सेक्स नहीं करूंगा. कंचन बोली.. तुम पागल हो गए हो क्या जय.? वीरू मेरा सगा भाई है, मैं उसके साथ सेक्स नहीं कर सकती. कंचन दीदी ने नाराज़ होते हुए कहा. उनकी नज़र वीरू की निक्कर पर थी जिसमें से उसका गीला लंड साफ़ चमक रहा था.

कंचन दीदी अपने भाई से बोली की… वीरू, प्लीज मम्मी को कहना नहीं की मैंने तुम्हारे दोस्त के साथ सेक्स करा था…. कंचन दीदी की डर के मारे गांड फटी जा रही थी तो वो अपने छोटे भाई वीरू के चेहरे पर हाथ रख कर उसे समझाने लगी की मेरे प्यारे छोटे भाई सेक्स सबकी जरुरत होती है तुम किसी को कुछ नहीं बताना मैं भी कुछ नहीं बताऊँगी. फिर जय अपनी छोटी बहन बसंती को समझाने लगा की बसंती तू तो मेरी बहन है ना.. मुझे माफ़ कर दे… ना जाने ये सब कैसे हो गया… बसंती बोली नहीं बताएँगे कुछ भी मम्मी पापा को हम लोग सब साथ में खेलेंगे ये गेम…
वीरू बोला की अपनी ही बहन को चोदना ये तो गलत है भाई बहन का रिश्ता एक पवित्र बंधन होता है लेकिन जब उसकी नजर अपनी बहन के दूध से भरे मोटे मोटे संतरों पर पड़ी तो वो सभी रिश्तो की मरियादा भुत गया और अपने दोनों हाथ अपनी बहन कंचन के सनसनाते हुए उरोजों के उभारों पर रख दीया और फिर वो पागलो की तरह अपनी ही सगी बहन के बोबो पर टूट पड़ा और उन्हें जोर जोर से दबाने लगा.

अपने ही सगे भाई से अपने संतरे जैसे बोबे दबवाते हुए कंचन सिसक उठी, उसकी काम ज्वाला भड़क उठी. इधर वीरू का लंड लोहे की रौड के जैसे कठोर होकर अपनी ही बड़ी बहन कंचन की कमर में घुसने लगा था. कंचन अपने सगे छोटे भाई से चुदासी सी होते हुए बोली.. भाई जान, कुछ करने को मन कर रहा है. उसकी कमर कुछ कुछ कुत्ते की तरह चलने लगी थी. इधर बसंती ने अपने भाई जय की गोद में बैठते हुए कहा. भाई ऐसे मत कर, मैं तो तुम्हारी बहन हूँ ना, ऐसे मत सीना दबाओ. उधर कंचन वीरू की हरकतों से पूरी तरह से जोश में आ गई थी.
सेक्सी माल बसंती भी अपने बड़े भाई जय की गोद में जोश में आकर नागिन की तरह लहराने लग गई थी. उसका मन अब चुदने को होने लगा था. छोटे से मासूम तन में बिजली की चटखन होने लगी थी. बहुत अच्छा लग रहा है बहना. बसंती बोली भैया मुझे भी बहुत मजा आ रहा है थोड़ा सा और करो. आह्ह्ह, मेरी प्यारी दीदी, घर की बात है बस चुपके चुपके लंड ले लेना, बस एक बार अपनी फुद्दी में मेरा लंड ले लो.

उधर जय अपनी छोटी वर्जिन बहन की जवानी का रस चक रहा था इधर वीरू अपनी बहन से बोला मोहल्ले के हर लड़के का तो ले चुकी हो आप दीदी. अब अपने छोटे भाई जान का भी ले लो एक बार. वीरू के हाथ कंचन जिस्म पर कसने लगे. उसने कंचन को कमर पकड़ कर उठा लिया और बिस्तर पर लेटा दिया. कंचन कामुक हो कर अपने भाई से चिपकती जा रही थी. अब वो वीरू ऊपर चढ़ गई थी और बेतहाशा चूमने लगी थी, उसकी फुद्दी गीली हो गई थी. अभी अभी जैसा उसने फ़िल्म में देखा था, बसंती ने कहा- भाई जान, अपना लंड तो चूसने दो, मजा आयेगा. उसने जल्दी से खुद की फ्राक उतार दी.
अब तक जय को भी सेक्स चढ़ चूका था और वो भी जोश में आ चुका था. वह अपनी छोटी बहन बसंती की वर्जिन चुत को चोदने के लिये तैयार था. वीरू ने भी अपने कपड़े उतार दिये और नंगा हो गया. आह. बसंती की छोटी सी गुलाबी फ़ुद्दी पानी पानी हो रही थी. जय का गोरा लंड कैसा मस्त हो कर लहरा रहा था. उसने उल्टा सुल्टा पोज बना कर लंड को बसंती के मुह की ओर कर दिया और खुद का मुह बसंती की फ़ुद्दी की तरफ़ कर दिया.

कंचन अपने बहनचोद भाई से बोली वीरू भैया आप चाटो ना मेरी फ़ुद्दी. अपनी बहन की इच्छा पूरी करने के लिये वो उसकी चुत चाटने लगा. तभी कंचन की फुद्दी को एक ठण्डा सा मीठा सा अहसास हुआ. भाई की जीभ कंचन की फुद्दी में घुसने की कोशिश कर रही थी. वीरू ने अपनी दीदी की फुद्दी चाटनी आरम्भ कर दी थी, कंचन उसका लंड गन्दी पोर्न फ़िल्म की भांति मस्ती से अपने मुह में लेकर गपागप चाट रही थी.
नंगा भाई वीरू बेकाबू सा होने लगा था, सेक्सी माल कंचन को लगा कि उसके भाई का लंड अपनी दीदी को चोदने के लिये तड़प रहा था. तभी जय ने पलट कर बसंती को दबा लिया- बस बहना बस. अब नहीं रहा जाता है. उसका स्वर काम आवेग से थरथरा रहा था. भाई जान, मुझसे भी नहीं रहा जा रहा है. बसंती भी चुदाने को आतुर आवेश से कांप रही थी.
जय ने बसंती को लिपटा लिया और उसके होंठ चूसने लगा. तभी उसका सख्त लंड की ठसक बसंती की फुद्दी में महसूस होने लगी. उधर वीरू का लंड कंचन दीदी की फुद्दी में घुसता जा रहा था. बसंती बेसुध होने लगी थी, काम में अंधी होकर भाई से ही चुदवाना चाह रही थी. शरीर आग का गोला बन गया था. जैसे ही जय ने एक झटका मारा, बसंती की चीख पूरे कमरे में गूंज उठी, दर्द के मारे वो अपनी सुध-बुध खो चुकी थी.

वीरू अपनी दीदी की चूचियों को नोच खसोट कर उसे जन्नत की सैर करा रहा था, दीदी फुद्दी उछाल उछाल कर भरपूर जवाब दे रही थी, कस कर चुदाई हो रही थी, कमरे में भीगी फुद्दी की फ़च फ़च आवाजें गूंजने लगी. जब कंचन झड़ गई तो भी वीरू शॉट पर शॉट मार रहा था. कंचन लस्त सी नीचे फुद्दी की पिटाई सह रही थी.
कंचन ने वीरू को धीरे धीरे करने को कहा. उधर बसंती की फुद्दी गीली थी और जय का लंड हर धक्के के साथ अंदर समाता जा रहा था, थोड़ी ही देर में पूरा लंड अंदर समा गया. फिर वो थोड़ी देर उनसे लिपट कर यों ही पड़ा रहा और उनकी चूचियों से खेलता रहा.

अब तक दर्द के साथ कुछ मजा आने लगा था, उसकी सिसकारियाँ शुरु हो गई थी- आआ ह्ह ओह्ह ओफ्फ्फ्फ उम्म्म अह्ह्ह्ह अह. बसंती ने अपने भाई को कस कर पकड़ रखा था, फिर जय ने अपनी छोटी बहन को धीरे धीरे चोदना शुरु किया उसने अपनी छोटी बहन की दोनों टाँगों को पकड़ा और अपनी चोदने की स्पीड तेज़ की. कंचन ने अपने छोटे भाई वीरू को कहा- अब बस कर. अब और नहीं सहा जा रहा. इस पर वीरू ने अपने दोस्त जय को कहा- चल अब अपनी अपनी बहने अदला बदली करके चोदते हैं… तू मेरी दीदी की चुत चुदाई कर मै तेरी छोटी बहन बसंती की चुत चुदाई करता हूँ.
बसंती सातवें आसमान में थी और पूरे जोश में भी. और लगातार उसकी सिसकारियाँ बढ़ रही थी. वीरू जय को हटा कर उसकी बहन बसंती पर चढ़ गया और उसे चोदने लगा. धीरे धीरे वीरू की चुत चोदने की गति तेज़ होती जा रही थी और बसंती की सिसकारियाँ भी. अब दीदी ने जय के लंड को अपने मुँह में ले लिया और कुछ ही समय में जय कंचन के मुह में झड़ गया और उनके ऊपर ही लेट गया.

उस दिन वीरू ने अपनी बड़ी दीदी कंचन और अपने दोस्त की छोटी बहन बसंती दोनों को ग्रुप में रंडी की तरह खूब मजे से चोदा और वीरू का बहनचोद दोस्त जय कभी कंचन दीदी को चोदता तो कभी बसंती को. उस सभी को ग्रुप में चुदाई का बहुत आनंद मिल रहा था.
उस दिन के बाद तो जैसे ओं सभी को चुदाई का चस्का सा लग चूका था जब भी मौका मिलता कभी अपनी खुद की बहनों को चोदा करते तो कभी अपनी बहने अदला बदली करके चुदाई करा करते थे पर अधिकतर वो दोनों दोस्त अपनी बहनों के साथ मिलकर एक साथ ग्रुप में चुदाई करने का प्लान बनाया करते थे. दोस्तों आप सभी को ये भाई बहनों की हिंदी ग्रुप सेक्स स्टोरी “दोस्तों ने अपनी अपनी बहनों को ग्रुप चुदाई के लिये परोसा Hindi Sex Story” यदि पसंद आई हो तो निचे लाइक बटन पर जरुर क्लिक करना और इस हिंदी ग्रुप सेक्स स्टोरी को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना मत भूलना…