शादी के दौरान धर्मशाला में खुद आगे से चूत चुदवाने की पहल करी मामा ससुर की शादी शुदा बेटी ने. मैंने उसके शरीर से साड़ी को उतारा और ब्लाउज के ऊपर से ही उसके मम्मों को बड़ी बेरहमी के साथ मसलने लगा तो वो कसमसाने लगी जीजा और साली के अवैध शारीरिक सम्बन्ध की नयी हिंदी 18+ XXX सेक्स स्टोरी फ्री में पढ़ें और अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ भी शेयर करें…

दोस्तो, आज मैं अपनी मेरे और मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी के बिच बने अवैध शारीरिक सम्बन्ध का किस्सा आप सभी को बताने जा रहा हूँ उम्मीद करना हूँ की हमारी यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप सभी को बहुत पसंद आयगी. दोस्तो मेरी पत्नी ने मुझे उसकी दूर की बहन के बारे में बताया था जिसकी अभी कुछ समय पहले शादी हुई थी और अब उसकी और उसके पति की बिलकुल भी नहीं बन रही है. वो मेरे मामा ससुर की लड़की है और उसका नाम रचना सक्सेना है.

धर्मशाला में खुद चूत चुदवाने की पहल करी मामा ससुर की शादी शुदा बेटी ने नयी हिंदी सेक्स स्टोरी

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उस शादी शुदा महिला की शादी को अभी पूरा एक साल भी नहीं हुआ कि उसका और उसके पति का रिश्ता बिगड़ गया और कोर्ट में तलाक का केस चल रहा है. वो अपने पति से अलग पिछले 6 महीने से अपने मायके में ही रहती है. मैंने मेरी पत्नी को कहा- यार जो हुआ वो बहुत बुरा हुआ. तुम्हारी बहन के ऊपर क्या बीती होगी वो ही जानती है. हालाँकि मैंने कभी उसको देखा नहीं था. फिर मैं और मेरी पत्नी महीने भर पहले अपनी बुआ सास के बच्चों की शादी में गये थे और वहाँ पर सभी महमानों को एक धर्मशाला में रुकवाया गया था. वहाँ मेरी सेक्सी पत्नी की शादी शुदा बहन रचना भी आई हुई थी, जिसका हम दोनों को पता नहीं था कि शादी में वो भी आएगी.

मेरे फूफा ससुर जी ने मेहमानों के रुकने के लिए अच्छी व्यवस्था की हुई थी, उन्होंने एक पूरी धर्मशाला किराये पर की हुई थी, जिसमें करीब बीस कमरे थे, हम दोनों को भी एक अलग कमरा दिया. मैं सफ़र से थका हुआ था तो धर्मशाला में जाकर फ्रेश होने के बाद वापस शादी समारोह स्थल पहुच गया और कुर्सी लगाकर बैठ गया और अपना मोबाइल निकाल कर गेम खेलने लग गया. करीब आधे घंटे बाद एक लड़की मेरे पास आई और मुझसे बोली, मेरे प्यारे जीजू… मैंने उसे देखा तो तो मैं तो उसे देखता ही रह गया वो दिखने में बहुत सुन्दर और सेक्सी माल थी.

खैर, फिर मैंने अपने आप को कण्ट्रोल करते हुए उससे उसका परिचय पूछा तो मुझे देखते हुए मुस्कुरा रही थी. मैंने उससे पूछा- क्या हुआ? तो वो बोली कुछ नहीं और वो हंसने लगी. शायद वो मेरे मन की स्थिति जान चुकी थी, वो बोली- मेरा नाम रचना है और मैं आपके मामा ससुर की लड़की हूँ और आपकी साली हूँ जीजा जी. फिर मैं बोला- ओह तो आप है मेरी पत्नी की बहन रचना, हाँ आपकी बहन ने बताया था आपके बारे में. मैंने मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी से पूछा- मैंने तो आपको पहले कभी देखा नहीं तो अपने मुझे कैसे पहचाना?

मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी बोली जीजा जी इससे पहले जब आप दिनेश (छोटे मामा ससुर का लड़का) की शादी में आये थे तो मैंने आपको वहाँ देखा था लेकिन हम मिल नहीं पाए थे. मैं मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी से बोला- कोई बात नहीं, अब मिल लिए न. मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी बोली मेरे प्यारे जीजू बहुत तारीफ सुनी आपकी. मैं बोला- वो क्या? मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी ने कहा जीजा जी आप किस तरह मेरी बहन का पूरा पूरा ख्याल रखते हो, उनकी हर तम्मना पूरी करते हो, उन्हें किसी तरह की कोई कमी महसूस होने देते. वो बहुत खुश है आपके साथ.

परिवार में सब आपकी तारीफ करते नहीं थकते. मेरी बहुत इच्छा थी आपसे मिलने की. मैं मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी से बोला- साली साहिबा जी, वो तो हर पति का कर्तव्य है अपनी पत्नी को खुश रखना और वैसे भी पत्नी की सेवा नहीं करेंगे तो मेवा कैसे मिलेगा. मेरे इस जवाब से वो थोड़ी शरमा गई. मैं बोला- चलो आपको शरमाना भी आता है. वो बोली- मेरे प्यारे जीजू, सचमुच मेरी बहन बहुत भाग्यशाली है जो आप जैसा जीवन साथी उसे मिला है. इतने में मेरी सेक्सी पत्नी वहाँ आ गई और बोली- मिल लिए अपनी साली साहिबा से? मैंने मेरी धर्म पत्नी से कहा की मैं तो इन्हें जानता तक नहीं था, इसी ने पहचाना मुझे.

मैं भी मन ही मन बड़ा खुश हो रहा था. फिर हम शाम को निकासी में मिलने को कह कर अपने अपने कमरे में चले गये. शाम को निकासी में जाने के लिए सब तैयार होकर नीचे धर्मशाला के चौक में इकट्ठे हो रहे थे लेकिन मेरी नज़र तो सिर्फ रचना को खोज रही थी. काफी देर के बाद वो भी आई, क्या क़यामत लग रही थी दोस्तो, वो नीले रंग की साड़ी में और ब्लाउज तो काफी खुला था जिस कारण उसके मम्मों की गहराई बिल्कुल साफ दिखाई दे रही थी. अपनी शादी शुदा साली रचना के मोटे मोटे मम्मों को देखकर तो मुझे पता नहीं क्या हुआ जो मैं उन्हें ही ललचाई नजरों से देख रहा था और मेरी नजरें उनपर से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी.

मेरी पत्नी की शादी शुदा बहन रचना मुस्कुराते हुए बोली- मेरे प्यारे जीजू, क्या हुआ? मैं एकदम से मैं घबराते हुए मेरी साली से बोला की ककक… कुछ नहीं… वो हंसते हुए अपने मोटे मोटे बूब्स उछालते हुए भाग गई और मैं उसे देखता रह गया.फिर हम काफी देर तक वहाँ बैठकर बातें करते रहे लेकिन मेरा पूरा ध्यान रचना पर था. मैं बार बार उसे और उसके वक्ष उभारों को देख रहा था. वो भी समझ चुकी थी कि उसके रंडी बाज जीजू की गन्दी नज़र कहाँ है और वो बहन की लौड़ी भी मुझे हल्की हल्की मुस्कान दे रही थी.

थोड़ी देर के बाद निकासी धर्मशाला से लड़की वाले के घर के लिए रवाना हुई, चूँकि लड़की भी वहीं की थी. सब नाच रहे थे, मैं भी नाच रहा था लेकिन मेरा पूरा ध्यान रचना पर था. मैं नाचते हुए मेरी पत्नी की सेक्सी शादी शुदा बहन की गांड और बूब्स घुर घुर कर गन्दी नजरों से देख रहा था और वो मेरी पत्नी के साथ नाचने में मगन थी. फिर तो मैं अपनी मस्ती में नाचने में मशगूल हो गया. आधे घंटे के बाद मेरी पत्नी मेरे पास आई और साइड में ले गई जहाँ रचना उल्टियाँ कर रही थी.

मैंने भी पूछा- क्या हुआ? वो बोली- घबराहट के कारण ऐसा हुआ. रचना ने कहा जीजू मुझे तो आप धर्मशाला में छोड़ आओ, मेरी तबियत बिगड़ रही है मैं थोडा आराम कर लुंगी. मेरी पत्नी ने कहा- आप इसे हॉस्पिटल दिखा कर इसे धर्मशाला में छोड़ आओ. मैंने मेरी सेक्सी पत्नी से कहा- ठीक है. उसके जाने के बाद रचना ने कहा- जीजा जी, मुझे हॉस्पिटल नहीं जाना, आप मुझे धर्मशाला में छोड़ दो. मैंने कहा- ठीक है, चलो. फिर भी नजदीक के मेडिकल से एक दवा ली और पैदल ही धर्मशाला पहुँच गये.

वहाँ वेटर को एक बढ़िया सी नीबू वाली काली चाय की बोलकर रचना को लेकर उसके रूम में पहुँचा. उसको टेबलेट खिलाई और थोड़ी देर के बाद वेटर आया और नीबू वाली काली चाय देकर चला गया. मैं उठा और दरवाजा अंदर से बंद करके वापस अपनी सेक्सी साली साहिबा के पास आकर बैठा गया. फिर मैंने मेरी साली साहिबा से उसके हाल चाल पूछे की अब कैसा लग रहा है? मेरी साली बोली की जीजू अब मैं ठीक हूँ. मैंने मेरी साली साहिबा से पूछा- क्या हुआ था जो तुम इतनी उलटियाँ कर रही थी कहीं तुम प्रेग्नेंट तो नहीं हो गयी हो साली साहिबा…?

प्रेग्नेंट होने की बात पर मेरी साली साहिबा जोर जोर से हंसते हुए बोली- नहीं मेरे प्यारे जीजू, ऐसी कोई बात नहीं है, और मेरे नसीब में प्रेग्नेंट होने का सुख ही नहीं है. मैंने उससे उसके पति के बारे में पूछा तो वो रोने लगी और कहने लगी- वो पति तो सिर्फ नाम के हैं, वो तो ज्यादा टाइम अपनी भाभी के साथ बिताते हैं. मेरे पास तो सिर्फ सोने के लिए आते हैं और हर दिन बच्चा नहीं होने वाली गर्भ निरोधक दबा खिला देते हैं ताकि मैं उनके बच्चे की माँ नहीं बन सकूँ. फिर एक दिन रात में मैंने उन दोनों को सेक्स करते हुए देख लिया और मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने अपने मम्मी पापा को सब कुछ बता दिया. तब से मैं अपने मायके में रह रही हूँ और पापा ने मेरी ससुराल वालों पे केस दायर कर दिया.

ऐसा कह कर वो बेचारी रोने लगी. मैंने खेद जताते हुए उसे चुप कराया और उसके करीब जाकर बैठ गया. हिम्मत करके मैंने उसके गोर गोर हाथ को अपने हाथों में लिया और उसे सहलाते हुए उसे समझाने लगा कि जो हुआ उसे वो भूल जाये और एक नए सिरे से अपनी जिन्दगी की शुरुआत करे और इसमें मैं तुम्हारी हर प्रकार से सहयोग करूँगा. ऐसा कहते हुए मैं सिर्फ उसके जवान और सेक्सी जिस्म को गन्दी नजरों से निहार रहा था, तभी वो रोते हुए मेरे गले से लग गई और धन्यवाद देते हुए बोली- मेरे प्यारे जीजू भगवान करे कि अबकी बार भगवान् मुझे आप जैसा जीवन साथी दे. मैंने उससे कहा कि वो चिंता न करे, अबकी बार उसके लिए लड़का मैं देखूँगा.

वो बेचारी थैंक्स कहते हुए मुझसे लिपट गई. उसके ऐसा करने से मेरा लंड खड़ा हो गया जब उस सेक्सी की प्यासी शादी शुदा रांड की छाती मेरे सीने से चिपक के दब गयी और उसके मोटे मोटे बूब्स मेरे सिने में किसी खंजर के जैसे घुप गए. मैंने भी उसे दबाते हुए अपनी बाँहों में भर लिया. अलग होते हुए वो मुझसे बोली- जीजा जी, आपसे कुछ मांगूं तो आप मुझे देंगे? मैंने उसे वादा देते हुए हामी भरी तो रचना बोली- मेरे प्यारे जीजू क्या आप मुझे मेरी बहन के हिस्से में से थोड़ा प्यार मुझे देंगे…? और बड़ी मासूमियत के साथ मुझे देखने लगी. मैंने भी थोड़ा सोचा और फिर उसे गले से लगा लिया. दोस्तों चुदवाने की पहल मेरी साली ने ही आगे से करी थी तो मुझे इन सब से कोई ऐतराज नहीं था.

मेरे मामा ससुर की बेचारी शादी शुदा बेटी की आँखों में देखते हुए मैंने अपने होंठों को उसके लरजते हुए होंठों से मिला दिया और उसके होंठों का रसपान करने लगा. हम दोनों बड़ी तल्लीनता के साथ एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे. उसके लबों को चूसते हुए मेरा एक हाथ रेंगते हुए उसके एक स्तन को मसलने लगा. करीब 8-10 मिनट के बाद हम अलग हुए और एक दूसरे को देखने लगे. मैंने उसके शरीर से साड़ी को उतारा और ब्लाउज के ऊपर से ही उसके मम्मों को बड़ी बेरहमी के साथ मसलने लगा तो वो कसमसाने लगी और कहने लगी- सी..सी… ओह… मेरे प्यारे जीजू मसलो मेरे इन मोटे मोटे बूब्स को खूब बेरहमी से दबाओ इन्हें…

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फिर मैंने उस बेचारी के ब्लाउज को भी उतार दिया. ब्लाउज खुलते ही मेरे सामने ब्रा में दो मोटे मोटे बूब्स लटक रहे थे. मेरी साली साहिबा ने अपने खरबूजों जैसे मोटे मोटे बूब्स पर काले रंग की ब्रा पहन रखी थी. उसके गोरे तन पर काली ब्रा उसके चूचों को ढके हुए थी. मैंने उसके शरीर से उसे भी उतार दिया. रचना के मोटे मोटे नंगे बूब्स को देखते ही मैं पागल सा हो गया. दोस्तों मैं पागलों की तरह उसके मोटे मोटे बूब्स पर टूट पड़ा और उन्हें जोर जोर से मसलने लगा. फिर मैं मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी की एक निप्पल को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा और दूसरे को बड़े प्यार से दबाने लगा.

बेचारी शादी शुदा रचना भी मस्ती में आते हुए अपने मुँह से ‘सी..सी.. आह..आह्ह… उह्ह…उह्ह..’ की आवाज़ें करने लगी और अपने होंठों को दांतों से दबाते हुए मचलने लगी. इसी दौरान मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोलकर उसके पेटीकोट को भी उतार दिया. अब उसके शरीर पर सिर्फ अंडरवियर थी जो मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी की गुलाबी चूत को ढके हुए थी. मैं बारी बारी से उसके चूचों को चूस रहा था और दबा दबा के मसल रहा था. रचना अपनी मस्ती में पागल होते हुए ‘ओह मेरे प्यारे जीजू… ओह मेरे प्यारे जीजू’ कह रही थी.

फिर मैं अपने हाथ को मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी की प्यासी चूत पर ले गया तो मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी की कच्छी पूरी तरह से भीगी हुई थी. मैंने उसे ऊपर से ही बड़ी जोर से मसल दिया तो रचना के मुख से ‘आह आह आह’ निकलने लगी. मैं उसके सेक्सी बदन को बड़े प्यार से चूम रहा था तो वो और भी कामुक हुए जा रही थी. ऐसा करते हुए हमें करीब 15 मिनट हो गये थे. फिर चुदवाने की भूखी रचना ने मुझे धक्का दिया और वो मेरे ऊपर आ गई.

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धर्मशाला में खुद लंड चूसने ब्लोजॉब देने की पहल करी मामा ससुर की शादी शुदा बेटी ने

उसने बड़ी फुर्ती से मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे कड़क लिंग को गप्प से अपने मुँह में लेकर किसी रांड की तरह चूसने लगी और मुझे ब्लोजॉब देने लगी. वो बहन की लौड़ी तो मेरे कड़क लिंग को इस तरह चूस रही थी जेसे कई सालों से लंड खाने की भूखी हो. वो मेरे कड़क लिंग की चमड़ी को खींचती और मेरे लंड के टोपे को अपनी जुबान से चाटती, जैसे तो वो किसी नंगे मर्द का लंड नहीं बल्कि लॉलीपॉप चूस रही हो. वो बहन की लौड़ी मेरा पूरा लंड अपने गले तक उतारती और मेरे लौड़े का पानी अपने मुँह में लेते हुए उसे चूसती. दोस्तों ब्लोजॉब के दौरान मैं बड़े प्यार से उसके घने काले बालों में अपनी अंगुलियाँ फेर रहा था.

जब ब्लोजॉब के दौरान मैं चरम सुख पर पहुँचा तो उसके सर को पकड़ कर उसके मुँह में अपना लंड जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लग गया और उसके मुँह में ही मेरा वीर्य निकल गया. रचना भी बड़े प्यार से मेरे लंड से निकले अमृत रूपी वीर्य को गटक गई और किसी कुतिया की तरह मेरे लंड को चाट चाट कर बिलकुल साफ कर दिया. अब मेरी बारी थी. मैंने भी देर न करते हुए मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी की पेंटी को उतारा और उसकी सेक्सी बुर के प्रथम दर्शन करे.

जैसे ही मैंने अपनी जुबान से मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी की सेक्सी चूत के गुलाबी गुलाबी होठों को छुआ तो वो उसने एक अपने एक हाथ से मेरा सर अपनी भोसड़ी पर बड़ी जोर से दबा दिया और ‘सी..सी.. सी.. आह..आह..’ करते हुए तिलमिला उठी और मुझसे बोली की मेरे प्यारे जीजू चाटो मेरी इस प्यारी बुर को, खूब चाटो, खा जाओ इस हरामजादी को, बहुत आग लगा रखी है इस प्यारी बुर ने मेरे जिस्म के अन्दर. आज इस आग को ठंडा कर दो… और फिर मैं लग गया मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी की फुद्दी को चाटने.

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मैं अपने होंठों से मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी की चूत की पलकों को दबाता, काटता और फिर चूसता, और इस कारण वो जोर जोर से अपनी चूत अपनी कमर उचकाते हुए मेरे मुँह पर रगड़ने लगी. मैं भी बड़े प्यार से चाटते हुए मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी की प्यासी चूत को अपनी जुबान से चोदने लगा. थोड़ी देर के बाद मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी की सेक्सी चूत अब पानी छोड़ने लगी थी. उसका नमकीन नमकीन टेस्ट मुझे और भी नशा दे रहा था. वो बोली- मेरे प्यारे जीजू अब और मत तड़पाओ, अपना खड़ा लंड मेरी चूत में डाल दो… और जोर जोर से अपनी कमर उचकाते हुए अपनी चूत को मेरे मुँह पर रगड़ने लगी, लेकिन मैं अपनी जुबान से उसे चोदता रहा.

फिर मैंने भी मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी की लाचारी को समझते हुए अपना खड़ा लंड मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी की चूत के मुँह पर ले जाकर रगड़ने लगा. वो और भी मचल गई और लंड को डालने के लिए कहने लगी. मैंने मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी की टांगों को चौड़ा किया और लंड को चूत के मुँह पर ले जा कर एक जोर से धक्का दिया और कच्च की आवाज़ के साथ चूत के अन्दर घुस गया. चूँकि रचना बहुत दिनों के बाद अपनी बुर चुदवा रही थी तो दर्द के कारण उसके मुहँ से आह… आह… उई माँ… आई आह… आह.. की आवाज़ निकल रही थी.

दोस्तों वो तो शुक्र है कि जिस वक्त हम जीजा और साली नंगे होकर धर्मशाला में सेक्स कर रहे थे उस वक्त वहाँ धर्मशाला में कोई रिश्तेदार नहीं था. फिर थोड़ी देर मैं उसके बोबों को सहलाता रहा और उसे चूमता रहा. जब मेरी शादी शुदा साली की बुर का दर्द कम हुआ तो फिर दूसरे धक्के में मैंने अपना खड़ा लंड पूरा का पूरा उसकी चूत में बच्चेदानी तक उतार दिया, लेकिन अबकी बार उसने चुदवाते चुदवाते अपना मुंह भींच लिया. फिर मैं अपने लंड को अन्दर-बाहर अन्दर-बाहर करने लगा. थोड़ी देर के बाद रचना भी अपनी कमर उचकाते हुए लंड को पूरी तरह अपनी चूत में लेने लगी.

फिर मैं बड़े आराम से मेरे मामा ससुर की सेक्सी शादी शुदा बेटी की प्यासी चूत की बहुत खतरनाक चुदाई कर रहा था और वो साली बहन की लौड़ी भी पूरी मस्ती में मेरे लम्बे मोटे लंड से अपनी चूत चुदवाने में मगन थी और फिर वो चुदवाते हुए अपने मुँह से ‘उह्ह… उह्ह… उई माँ आह… हाय… हाय… ऐसा कहते हुए वो एक बार और झड़ गई. उस वजह से सेक्स के दौरान उसकी चूत में से पिच्च ….पिच्च …फच्च ….फच्च…. की आवाज़ें हो रही थी. मेरा झड़ना अभी बाकि था तो मैं उसे लगातार चोदे जा रहा था.

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वो भी बड़े मज़े के साथ मस्त होकर बराबर अपनी कमर को उचका कर लंड के धक्के का जवाब अपनी कमर उचका के अपनी चूत से दे रही थी. दोस्तों अब मैंने सेक्स पोजीशन बदलने की सोची और फिर एकदम से मैंने अपने लंड को उसकी गीली बुर से बाहर निकाला ओर उसे कुतिया बनने को बोला. मेरे बोलते ही वो लपक कर कुतिया बन गयी और फिर मैं मेरी साली को कुतिया बनाकर चोदने लगा.

आगे से मैं उसके दोनों बोबो को मसल रहा था और नीचे से मेरा लंड मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी की चूत चोद रहा था. धर्मशाला में खुद चूत चुदवाने की पहल करी थी मेरे मामा ससुर की शादी शुदा बेटी ने तो मैं उसकी चुदाई करने से कैसे मना कर सकता था. रचना मज़े में चुदते हुए ‘उह्ह.. उह्ह.. उह्ह… हाय… माँ उई माँ… आह… और चोदो… और.. और… आई माँ… आह… आह… आह…’ और पता नहीं जाने क्या क्या बक रही थी वो शादी शुदा रांड चुदवाते चुदवाते …

अब मैं लास्ट स्टेज पर पहुँच गया था, मैं बोला मेरी प्यारी साली साहिबा मेरे कड़क लिंग से वीर्य निकलने वाला है बताओ तुम्हारी बुर के अन्दर छोड़ूँ या फिर बाहर निकाल दूँ..? मेरी नंगी साली साहिबा चुदवाते हुए बोली की जीजा जी मुझे आपके लंड का पानी और पीना है. फिर सेक्स करते करते मैं और जोर जोर से मेरी नंगी साली साहिबा की बुर में जोर से शॉट मारने लगा. लगभग 2 मिनट के बाद मेरे कड़क लिंग ने पानी छोड़ दिया तो रचना गप्प से मुँह में लेकर लंड को चूसने लगी और आखरी बूंद तक चूसती रही.

सेक्स करने के थोड़ी देर बाद जब हम जीजा साली नार्मल हुए तो हमने हमारे नंगे शरीर पर हमारे कपड़े पहने. फिर मेरी सेक्सी शादी शुदा साली साहिबा ने मुझे किस करते हुए थैंक्स बोला और कहा- यह मेरी लाइफ का सबसे यादगार लम्हा रहेगा मेरे प्यारे जीजू. मैं इसे कभी नहीं भूलूँगी और इतना कहते हुए मेरी साली ने मुझे अपने गले से लगा लिया. दोस्तों उस दिन के बाद से हम दोनों आये दिन होटल में जाकर सेक्स करते रहते है मेरी पत्नी को इस बारे में कुछ भी पता नहीं है…