16 साल की जवान बहन की चुदाई – भाई बहन के सेक्स की कहाँनी हिंदी में

जवान बहन की चुदाई – भाई बहन के सेक्स की कहाँनी हिंदी में

जवान बहन की चुदाई – भाई बहन के सेक्स की कहाँनी हिंदी में : मेरा नामराकेश है. मेरी उम्र 19 साल है. मैं पहली बार आपलोगों के सामने अपनी कहानी ला रहा हूँ. मुझेअपनी इस कहानी को बताते हुए थोड़ी शर्मभी आ रही है. पर जब मैंने देखा की मेरे जैसे कईभाई और बहन आपस में सेक्स कर चुके हैंतो मेरा भी हौसला बढ़ गया और मैंनेभी सोचा की आप लोगों को सब कुछ बता दूँजो की मेरे और मेरी सगी बहन के बीच में हुआ.तो दोस्तों लीजिए मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ.मेरे घर पर मैं, मेरी बहन, मेरे मम्मी और डैडी चारलोग रहते हैं. मेरे मम्मी और डैडी दोनों सुबह कामपर चले जाते हैं और मैं और मेरी बहन कॉलेज और स्कूल. ओह ! मैं बताना भूल गया कि मैं बी एफर्स्ट ईयर में हूँ और मेरी बहन नौवीं क्लास मैंपढ़ती है.

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मेरी बहन का नाम पूजा है. वो 16 साल की है. उसकी हाईट 5 फुट 1 इंच है. वो एकदम दूधकी तरह गोरी और बहुत चिकनी है.मेरा रंग भी गोरा चिट्टा है. मेरी हाईट 5 फुट 5 इंचहै और मेरे लंड का साईज़ 6 इंच का है.जैसा की हर कहानी में होता है,मेरा भी अपनी बहन के बारे में कोई बुरा ख़यालनहीं था. पर एक दिन जैसे मेरी दुनिया ही बदलगयी. हुआ यूँ की मैं एक बार कॉलेज से जल्दी आगया. मेरे पास घर की एक एक्स्ट्रा चाबी थी. मैंताला खोल कर अंदर आ गया और देखा की घरपर कोई नहीं था. मेरे घर के पीछे एक लान था.वहां पर मैंने देखा की मेरी बहन पूजा औरउसकी सहेली रेखा हँस हँस कर खेल रही थीं.लान की दीवारें ऊँची थीं और बाहर से कोई अंदरदेख नहीं सकता था. रेखा के हाथ मैंपानी का पाईप था. वो पूजा पर पानी डालरही थी.

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मेरी बहन बचने की कोशिश कर रही थी.दोनों के बदन भीगे हुए थे और उन दोनों के मुम्मेसाफ़ नज़र आ रहे थे. ये देख कर मेरा लंडखड़ा हो गया और मैं छुप कर उन लोगों का खेलदेखने लगा. कुछ देर के बाद वो एक दूसरे को किसकरने लगीं और मुम्मे दबाने लगीं. थोड़ी देर केबाद पूजा ने रेखा के कपडे उतार दिए और उसकेऊपर चढ़ गयी. रेखा का रेशमी बदन देख करमेरी सांस जहाँ की तहाँ अटक गई. मैंने जिंदगी मेंपहली बार किसी लड़की को नंगा देखा था.उसका दूधिया बदन धूप में चमक रहा था. उसकेमुम्मे बहुत कसे हुए थे और चूत पर एक भी बालनहीं था. पूजा रेखा को लिप्स पर किस कररही थी. उसका एक हाथ उसके मुम्मों परथा और दूसरे हाथ से वो उसकी चूत को मसलरही थीअब रेखा नें मेरी बहन पूजा के कपडे उतारने शुरूकिये. मैंने सोचा कि अब मुझे औरनहीं देखना चाहिए पर वासना की आग में मैं येभूल गया की वो मेरी छोटी बहन है औरवो भी सगी.

जैसे जैसे पूजा के कपडे उतरने शुरूहुए मेरा लंड और तन्नाता गया. पहले रेखा नेउसकी स्कर्ट उतारी और फिर उसकी टी शर्ट.मेरी बहना ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी. हाय ! उसकेछोटे छोटे दूध देख कर में जैसे पागल सा हो गया.रेखा बेतहाशा उसके लिप्स को किस कररही थी *और उसके मुम्मे दबा रही थी. अबरेखा का हाथ उसकी कछी की और बढ़ा.मेरी बहन नें अपनी टाँगे सिकोड़ लीं. रेखा हँसतेहुए बोली अरे यार मुझसे क्यों शर्माती है, चलनंगी हो जा. एक साथ मजे करेंगे. फिर मेरी बहन नेंटांगें खोल दीं**च. रेखा नें पूजा की कछी उतारदी. मैं अपनी छोटी बहन को देख कर दंग रह गया.वो बला की खूबसूरत थी.

मैं रेखा को छोड़पूजा की और बड़े ध्यान से देखने लगा की आगेवो क्या करती है. अब दोनों लड़कियाँ पूरी तरहसे नंगी थीं. मैं उन्हें देख कर मदमस्त हुआजा रहा था. मेरा हाथ अपने आप मेरे लंड परचला गया और मैं अपनी बहन पूजा को देख करमुठ मारने लगा. पूजा रेखा के ऊपर चढ़ी हुईथी और उसे किस कर रही थी. दोनों एक दूसरे केमुम्मों को दबा रही थीं. मेरी बहन के चूतड़ एकदमगोल और टाईट थे. पूजा की चूत पर छोटे छोटेबाल थे. उसकी गुलाबी चूत देख कर मेरा मन हुआकी अभी जाऊँ और उसे कस के चोद डालूँ.ऐसा सोचते ही मेरे लंड का पानी निकल गया औरमैं बुरी तरह से झड़ गया.

उधर दोनों लड़कियां भी उत्तेजित हो चुकी थीं.उनकी हरकतें और सेक्सी होती चली गयीं.पूजा अपनी चूत से रेखा की चूत रगड़ रही थी.दोनों के चेहरे एकदम लाल हो चुके थे औरदोनों बुरी तरह से हाँफ रही थीं. कुछ देर के बादउन लोगों के कपडे पहने (जो की धूप होनेकी वजह से सूख गए थे) और घर की तरफ आनेलगीं. मैं तुरंत घर से बाहर चला गया औरदोनों को पता नहीं चला की मैं वहाँ पर था.थोड़ी देर के बाद मैं फिर वापस आया. रेखा औरपूजा ड्रॉईंग रूम में बैठी थीं. मैंने आतेही रेखा को हेलो किया और उसे ऊपर से नीचेतक गौर से देखा.मेरा लंड उसे देखते ही सलामी देने लगा. रेखा नेभी मेरा पेंट के ऊपर उभार महसूस किया औरवो भी बड़े गौर से मेरे लंड को देखने लगी.रेखा की गोरी गोरी टांगें दिख रही थीं.उसकी स्कर्ट थोड़ी सी ऊपर उठी हुईथी या उसने जान बूझ कर ऐसा किया था.

पूजा बोली आप लोग बैठो मैं चाय बना करलाती हूँ. पूजा के किचन में जाते ही रेखा नें एकमदमस्त अंगडाई ली. मेरा दिल बेकाबूहो गया और मैंने उसके सामने ही अपने लंडको पेंट के ऊपर से ही मसल लिया.वो मुझको भईया कह के बुलाती थी.वो मुस्कुरा पड़ी और बोली, क्या बात है भईया,बड़े बेचैन लग रहे हो?मैंने कहा आजकल बहुत मनकरता हैऔर ऐसा कहते हुए मैंने फिर से अपने लंडको मसल दिया. वो खिलखिला कर हँस पड़ी,क्या मन करता है? मैं बोला, इतनी भोली मतबनो, मैं जानता हूँ तुम लोग थोड़ी देर पहलेक्या कर रहे थे. ये सुनते ही वो सकपका गई औरकुछ बोल ही नहीं पाई.मैं फुसफुसा कर बोला, मुझे अपना राजदारबना लो वरना तुम लोगों की पोल पट्टी खोलदूंगा वो घबरा गई और बोली, नहीं प्लीज यार,ऐसा मत करना.

हम लोग तो सिर्फ मज़े कर रहेथे.फिर थोड़ी देर बाद उसने हैरानी से पुछा, तुम्हेंकैसे पता चला? मैंने कहा, मैं पहले से ही घर मैंथा जब तुम लोग लान मैं एक दूसरे के साथ मज़ेकर रहे थेये सुनकर रेखा का चेहरा शर्म से लालहो गया. मैंने मौका देख कर रेखा की चूची दबा दी.रेखा कुछ बोल पाती, तभी मेरी बहन पूजा चायलेकर आ गयी. रेखा के चेहरे का रंग उड़ा हुआ देखकर उसने हैरानी से पूछा,अरे तुझे क्या हुआ?मैंने जवाब दिया, कुछ नहीं येहमारे आपस की बात है, वो तुझे कुछनहीं बताएगीऐसा कह कर मैंने रेखा की तरफइशारा किया कि वो मेरी बहन को कुछ ना बताये.जब रेखा कुछ नहीं बोली तो पूजा ने लापरवाही सेअपने कंधे उचकाए और चाय सर्व करने लगी. मैंचाय की चुस्कियों के साथ मुस्कुराता हुआरेखा के बदन को निहारता रहा.

रेखा ने जल्दी से अपनी चाय खत्म की और चलने लगी. मैं उसेदरवाज़े तक छोड़ने आया और एक बार फिरफुसफुसाता हुआ बोला, किसी से मत कहना, औरमुझे कल शाम को इंदिरा पार्क में मिलो.रेखा बिना कुछ कहे वहाँ से भाग गई. अब मेरेपूरा ध्यान अपनी प्यारी बहन पूजा पर गया.मेरा लंड पहले से ही गरम था. जब पूजा कप औरप्लेट उठा रही थी तो उसके थोड़े से मुम्मे दिखाईदे रहे थे. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने बाथरूम मेंजाकर पूजा के नाम की मुठ मारी.अब मैंने सोच लिया की चाहे कुछ भी हो जाए मैंअपनी बहन को चोद कर रहूँगा. रात को हम लोगखाना खा कर सोने चले गए. ममी पापा एक कमरेमें सोते थे और मैं और पूजा एक कमरे में पर हमारेबेड अलग अलग थे. रात को जबपूजा सो गयी तो मैं उठा. मेरे लंडको शांती नहीं मिल रही थी. मैं चुपके से पूजा केबेड के पास गया. पूजा गाउन पहन कर बेसुधसोयी हुई थी. मैंने डरते डरते उसका गाउन उपरकी और खिसकाना शुरू किया.

उसकी चिकनी जांघें दिखाई देने लगीं. मेरे लंडका आकार और बढ़ गया और पजामे में मचलनेलगा.मैंने अपनी प्यारी बहन पूजा का गाउन पेट तकउपर कर दिया जिस से उसकी पैंटी साफ़ दिखाईदेने लगी. मैंने वासना से भर करअपनी लाडली बहना को देखा और उसे चोदने के लिए ललचाने लगा. मैंने फिर जी भर करउसकी टांगों को सहलाया और उसकी पैंटी परभी हाथ फेरा. पूजा का गाउन उपर सेकाफी खुला हुआ था. मैंने उसके गाउन के दो तीनबटन खोल दिए उफ़….उसने नीचे सेब्रा नहीं पहनी हुई थी जिसके कारणउसकी छोटी छोटी दोनों चुचियाँ दिखाई देने लगींमैंने डरते डरते पूजा की एक चूची पर हाथ रखदिया.

अह्हह्ह……मज़ा आ गया……बहुत नरमथी…..इतनी सौफ्ट कि क्या बतायूं. अब मैं धीरेधीरे उसकी दोनों चुचियाँ बारी बारी से दबानेलगा.सच में बहुत मज़ा आ रहा था. एक हाथ से मैंनेअपना लंड निकाला और पूजा का हाथ में दे करउसकी मुठी में बंद कर दिया. अब पूजा का हाथपकड कर मैं मुठ मारने लगा. इन सब के बावजूदपूजा गहरी नींद में सोयी हुई थी क्योंक उसकेहल्के हल्के खर्राटे की आवाज से कमरा गूँजरहा था. मुठ मारते हुए मैं एक हाथ सेउसकी चूची सहला रहा था.

थोड़ी देर में ही मेरा लंड अपनी प्यारी बहन के हाथ में झड़ गया. मेरा वीर्य उसके गाउन और हाथ पर गिर गया. अपनी बहन को इसी हालत मेंअधनंगी छोड़ कर मैं अपने बेड पर आ गया. दिनमें कई बार मुठ मार कर और इस बार पूजा केनाज़ुक हाथों से मुठ मरवा कर मैं बहुत थकचुका था. थोड़ी देर में मैं भी गहरी नींद में सो गया.सुबह पूजा सो कर उठी उसी वक्त मेरी नींदभी खुल गयी. पर मैं सोने का नाटककरता रहा और देखनेलगा कि पूजा की क्या रिएक्शन है. पूजा अपनेगाउन को अस्त व्यस्त देख कर हडबडा गई औरतेज़ी से अपने गाउन के बटन बंद करने लगी.वो हैरानी से अपना हाथ देख रही थी जिस परमेरा माल सूख कर चिपका हुआ था.

वो साथसाथ में मुझे भी देख रही थी कि मैं जाग रहा हूँया सोया हुआ. मैं आँख बंद करके सोने का नाटककरता रहा. गाउन बंद करके पूजा उठ कर ब्रशकरके चाय पीने चली गयी. इसके बाद मैं भी उठा.हम लोग एक साथ चाय पी रहे थे. सुबह का टाइमहडबडी वाला होता है. पापा ममी ऑफिस के लिए,पूजा स्कूल के लिए और मैं कोलेज जाने के लिएतैयार होने लगे. सुबह आठ बजे हम लोग अपनेअपने गंतव्य की और निकल पड़ते थे.क्योंकी पूजा का स्कूल रस्ते में पड़ता था, मैंबाईक पर पूजा को छोड़ कर कॉलेजचला जाता था. बाईक पर बैठने के बाद जब हमघर से निकल गए तो मैंने पूजा से पूछा,मैं: यार पूजा, एक बात सच सच बताएगी?पूजा: क्या भय्या?मैं: तेरा कोई बोयफ़्रेंड है?पूजा (घबड़ा कर): नहीं तो? आप ऐसा क्यों पूछरहे हो?मैं (हँसते हुए): कुछ नहीं यार.

बस ऐसे ही पूछरहा हूँ.पूजा: कुछ तो बात जरुर है, वरना आप अचानकआज ही क्यों पूछ रहे हो.मैं: अरे यार बस यूँ ही मन मेंआया कि मेरी बहना बड़ी हो गयी है.उसका भी मन करता होगा बोयफ़्रेंड बनाने को.पूजा: क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?मैं (मन मसोस कर): नहीं यार. कोई पटती ही नहीं.पूजा खिलखिलाकर हंस पडी और बोली: अरेभय्या आप इतने स्मार्ट और हैण्डसम हो. मैंहोती तो आप को ही अपना बोयफ़्रेंड बना लेती.मैं: तो बना ले यार.पूजा: ओके आज से आप मेरे बोयफ़्रेंड हो.तब तक स्कूल आ गया.

मैंने पूजा को छोड़तेसमय उसकी आँखों में झांककर कहा: बोयफ़्रेंडऔर गर्लफ्रेंड बहुत से ऐसे काम करते हैं जो हमभाई बहन नहीं कर सकते.पूजा: कोई बात नहीं.पूजा चली गयी. मैं उसे जाते हुए देखता रहा.उसके मस्त गोल गोल चूतड़ उपर नीचे हो रहे थे.मेरा लौड़ा पेंट में बुरी तरह तन गया.तभी पूजा पीछे मुड़ी. मैंने उसे देख कर फ्लाईंगकिस मारा. वो मुस्कुरा कर टाटा करते हुए हँसतेहुए चली गयी.मैं भी कोलेज के लिए चल दिया. शाम को मैंनेरेखा को इंदिरा पार्क में आने के लिए कहरखा था.

हमारे इलाके में इंदिरा पार्क बहुतमशहूर था. वहाँ पर लड़के लड़कयों के जोड़ेही आते थे. पार्क में घने पेड़ औरझाड़ियाँ थी जिनके पीछे छिप कर लड़केलडकियां मज़े करते थे. पार्क के केयरटेकरको सिर्फ पचास रूपए दे कर दो से तीन घंटे केलिए मज़ा लिया जा सकता था. मैं पार्क में गेट केपास रेखा का इंतज़ार करने लगा. कुछ देर बादरेखा आ गयी. उसने स्कूल की ड्रेस पहनी हुएथी और हाथ में भी स्कूल बैग था. वो बहुतघबराई हुई थी.आते ही बोली, रेखा: भय्या यहाँ परक्यों बुलाया? मैं: पहले अंदर चल. रेखा: ये जगहठीक नहीं है. मैं: अरे यार तू चिंता मत कर. ये कहके मैंने रेखा का हाथ पकड़ कर उसे पार्क में लेगया. केयरटेकर को रूपए दे करसमझा दिया कि उस पेड़ के पीछे कोई न आये. मैंरेखा को पेड़ के पीछे ले गया. रेखा वहाँ पर बैठगयी. मैं भी रेखा के साथ सट के बैठ गया.रेखा सकुचा रही थी.

मैं धीरे धीरे रेखा की पीठ सहलाने लगा. रेखा कुछ नहीं बोली. अब मैंउसकी गर्दन पर अपनी उंगलियां फेरने लगा.रेखा: भय्या प्लीज़, गुदगुदी हो रही है. मैं:तेरा तो पूरा बदन ही गुदगुदाने का मन करता है.एक पप्पी दे दे यार. रेखा: नहीं.मैंने रेखा को अपनी बाहों में खींच कर अपने होंठउसके होंठों पर सटा दिए. वो ना ना करती रही परमैंने उसकी एक ना मानी. किस करते हुए मेरे हाथउसके बूब्स पर पहुँच गए. अब मैं मस्ती से उसकेबूब्स दबाने लगा. फिर मैंने रेखा को जमीन परलिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया.रेखा लगातार विरोध कर रही थी पर मैं नहीं रुका.

मैंने उसकी स्कर्ट ऊपर तक उठा दी और पैंटी के ऊपर से उसकी चूत सहलाने लगा. मैं लगातार उसे किस कर रहा था. अब रेखा भी गरम होने लगी. मैंने देखा कि उसकी पैंटी गीली हो चुकी है.फिर मैंने रेखा की कमीज़ के बटन खोल दिए औरउसकी ब्रा ऊपर कर के उसके बूब्स नंगे करदिए. ओह माई गाड, क्या मस्त बूब्स थे. मैंमस्ती से रेखा के बूब्स चूसने लगा. मैंने पैंट सेअपना लौड़ा बाहर निकाल लिया और रेखा केहाथ में दे दिया. रेखा को कोई अनुभव नहीं था.

मैंने उसे सिखाया कि लौडे के सुपाड़े को खोलो और बंद करो. रेखा मस्ती में मेरा लंड हिलाने लगी. मैंने रेखा की पैंटी में अपना हाथ डालदिया और उसकी चूत में उंगली डाल कर अंदरबाहर करके लगा. रेखा कसमसा उठी और जोरजोर से मेरा लंड हिलाने लगी. वो सिसकियाँ लेनेलगी.कुछ देर बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ. मैंनेजेब से रुमाल निकाला और अपने लंड पर लपेट केवापस रेखा के हाथों में दे दिया. मैंने रेखा से पूछा,मैं: पहले किसी लड़के से किया है? रेखा: नहीं. मैंखुशी से झूम उठा. एक कुंवारी लड़की की चूत मेंमेरी उंगली थी और उसके नन्हे कोमल हाथमेरा लंड सहला रहे थे. मैं तो जैसे स्वर्ग में पहुँचगया.

मैं अब रेखा के बूब्स चूसने लगा. थोड़ी देरमें मैं झड़ गया. मेरा माल रुमाल में भर गया. मैंनेरुमाल से अपना लंड साफ़ किया और रेखा सेपूछा, मैं: अच्छा लगा? रेखा: हाँ. पर इस से आगेकुछ नहीं.मैं (हँसते हुए): अरे मेरी जान इसके आगेही तो मजा है. मैं तो तुझे चोद के छोडूंगा. रेखा:नहीं. मुझे डर लगता है मैं: डर मत आराम सेकरूँगा. रेखा: यहाँ? नहीं. ये जगह ठीक नहीं है. मैं(उसे बाँहों में भरते हुए): अरे मेरी जान तुझे तो मैंअपने घर में चोदुंगा. रेखा (शरारत से मेरा लंडमसलते हुए): घर में अपने बहन को चोदलेना पूजा का जिक्र आते ही मैं वासना के सागरमें डूबने लगा. पर ऊपर से बोला, मैं: नहीं यार,वो तो मेरी बहन है रेखा (मुस्कुरा कर):तो बहनचोद बन जाओ. चोद दो उसको.बेचारी वो भी तो तड़प रही है एक लंड के लिए मैं:मैं उसका सगा भाई हूँ, मैं ऐसा नहीं करसकता मैंने ऐसा बोल तो दिया पर मैं पूजा के बारेमें सोचकर बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया.

मेरा लंड जिससे रेखा अब तक खेलरही थी वो भी तन कर खड़ा हो गया. रेखा समझगयी कि मैं अपनी बहन को चोदना चाहता हूँ औरउपर उपर से मना कर रहा हूँ. रेखा: आपका लंडकुछ और बोल रहा है, और आप कुछ और मैं चुपरहा. रेखा मेरे लंड को सहलाते हुए मेरे पासआयी और बोली, हम दोनों में से किसके बूब्सआपको अच्छे लगते हैं? मैं: दोनों के रेखा:तो वादा करो कि पूजा को पहले चोदोगे, फिर मैंभी आप से चुदवाउंगी. रेखा मुझे मना लेती है. औरवादा करती है कि पूजा को भी मना लेगी.रेखा हमारे अफेयर के बारे में पूजा को बता देती हैऔर ये भी बताती है कि मैंपूजा को चोदना चाहता हूँ. पर पूजा यह बातनहीं मानती. रेखा उसे तरह तरह से मेरे साथसेक्स करने के लिए उकसाती है.इस पर पूजा एक शर्त रख देती है कि वो पहलेअपने भाई से चुदवाए.

रेखा का भाई कमल एकशरीफ लड़का है और मेरा पक्का दोस्त है. रेखा येबात मुझे बताती है. मैं और रेखा एक प्लान बनातेहैं. जब ममी पापा घर पर नहीं थे और पूजा स्कूलगयी थी तब रेखा बंक मार कर मेरे घर आजाती है. मैं उसके चेहरे पर मास्क लगा देता हूँ.फिर उसे एक कमरे में छुपा देता हूँ. उस कमरे मेंकैमरा फिट कर देता हूँ. मैं प्लान के मुताबिक़कमल को बुला कर उसे बीयर पीला देता हूँ औरइसे लड़की चोदने के लिए उत्तेजित कर देता हूँ.कमल अपने लंड को मसलने लगता है औरबोलता है यार किसी लड़की की चूत मिल जाएतो मज़ा आ जाए. फिर मैं उसे बताता हूँ कि एकलड़की है पर अपना चेहरा नहीं दिखाना चाहती.

कमल बोलता है कि यार चेहरे का क्या करना है,बस चूची दबाने को और चूत चुदाई के लिए मिलजाये तो मज़ा आ जाए. कमल को मैं उस कमरे मेंले कर आता हूँ जिस में रेखा छुपी हुई थी.रेखा पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी. कमल उसेदेखते ही उतेजित हो जाता है और उस पर टूटपड़ता है. इस तरह से वो अपनी बहन को अनजानेमें ही चोद डालता है. रेखा कैमरेकी वीडियो पूजा को दिखा देती है. रेखा हैरानहो जाती है और फिर मुझसे चुदने के लिए मानजाती है. अब मैं पूजा को चोदने का प्लान बनानेलगा.

हम दोनों मन ही मन एक दुसरे को पसंदकरते थे और एक दूसरे से प्यार करते थे, पर घरपर मौका नहीं मिल पा रहा था. मैंने नोटकिया कि आजकल पूजा घर पर कपड़ों परज्यादा ध्यान नहीं देती थी. बहुत बार वो ऐसेबैठती थी की उसकी कछी तक नज़र आजाती थी जिसे देख कर मेरा लंड फनफना करखड़ा हो जाता था. मैं उसे देख कर कई बार बाथरूम में मुठ मार लेता था. अक्सर खेल खेल में मेंउसकी चुची को छू लेता था या चूतड़दबा देता था. मेरी इच्छा उसको चोदने के लिएबढ़ती ही जा रही थी.

एक बार मेरेमम्मी डैडी मामा के घर गए हुए थे और हमदोनों घर पर अकेले थे.मैंने अपनी हरकतें फिर से शुरू कर दीं जैसेकि उसके बूब्स को हाथ लगाना और बात बातपर उसके चूतड़ सहला देना. पूजा जानबूझकरभी अनजान बनने का नाटक करती रही. उस शामको मैंने एक बहुत ही हॉट पिक्चर देखी और मैंबहुत गरम हो गया. घर आकर मैंने सारे कपड़ेउतार दिए और एक पजामा पहन लिया. मैंनेदेखा कि मेरी प्यारी बहना स्कर्ट और टॉप पहनकर सोई हुई है. क्योंकी मम्मी डैडी मामा के घरदो दिन के लिए गए हुए थे, घर पर हम दोनों केअलावा कोई नहीं था. मैंने मौकेका पूरा फायदा उठाने की सोची. मैं धीरे से उसकेपास गया और उसको पुकारा पूजा…उसने कोईजवाब नहीं दिया. वो शायद गहरी नींद में सोई हुईथी. उसके हलके खर्राटे की आवाज़ सेकमरा गूँज रहा था.

मैं चुपचाप उसके पास आ करबैठ गया और उसके शरीर को देखता रहा.उसकी स्कर्ट थोड़ा उपर की ओरहो गयी थी और उसकी गोरी गोरी टाँगें और जाँघेंचमक रही थीं. मेरा लंड बुरी तरह से खड़ा हो गया.मुझसे रहा नहीं गया. मैं धीरे धीरे उसकी टाँगेंसहलाने लगा. फिर मेरा हाथ उसकी जाँघों पररेंगने लगा. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. डरते डरतेमैंने पूजा के बूब्स भी सहला दिए.

इन सबसेबेखबर मेरी प्यारी सेक्सी बहना गहरी नींद मेंसोई हुई थी. फिर मैंने पूजा की स्कर्ट पूरी ऊपरतक उठा दी. उसने वाईट रंग की पैंटी पहनरखी थी. मैं उसकी चूत को पैंटी के ऊपर सेसहलाने लगा.मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी. उस वक्त मैंनेसिर्फ पजामा पहना हुआ था और उसके नीचेअंडर वीयर भी नहीं पहना हुआ था. मैंनेअपना पजामा उतार दिया और पूरा नंगा होकरलंड को हाथ में लेकर मसलने लगा. फिर मैंनेउसकी पैंटी के साईड से उसकी चूत मेंऊँगली करने लगा. इससे मेरी बहन जाग गयी.वो घबरा कर बोली, हाय भैया ये आप क्या कररहे हैं? आपको अपनी बहन के साथ ऐसा करतेहुए शर्म नहीं आती? मैं कुछ नहीं बोल पाया. फिरपूजा का ध्यान मेरे खड़े हुए लंड पर गया.वो हैरानी से उसे देखने लगी. मेरी घबराहट में लंडसिकुड़ गया और बहुत छोटा सा रह गया.वो बोली अरे भैया ये बड़े से इतना छोटा कैसेहो गया? मेरी बहन के मेरे लंड की तरफ देखने सेमेरा लंड फिर खड़ा हो गया.

अब तो पूजा की हैरानी की सीमा न रही. मैंने अपना तन्नाता हुआ लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया और कहा लो इससे खेलो.थोड़ा हिचकिचाने के बाद मेरी बहन ने मेरा लंड पकड़ लिया और उसको हिलाने लगी.वो काँपती आवाज़ में बोली भैय्या कोई आजाएगा तो?मैं बोला, पगली रात को कौन आएगा? चल मिलकर मज़ा करते हैं. अब वो कुछ नहीं बोली औरउसने अपना मुहं मेरी छाती में छुपा लिया. मैंउसके मुम्मे दबाने लगा. पूजा के नाज़ुकहोंठों को मैं अब चूसने लगा. अबवो सी सी सीत्कार करने लगी और हाय भय्या,जरा धीरे से……ओह मज़ा आरहा है…..जैसी कामुक आवाजें निकलने लगी. उसेखड़ा करके मैंने उसकी टी शर्ट उतार दी. उसनेनीचे से ब्रा नहीं पहनी हुई थी. हायदोस्तों क्या बताऊँ अपनी बहनकी नंगी चुची देख कर मैं जैसे पागल सा हो गया.उधर मेरी बहन शर्म से लाल हुई जा रही थी औरउसने अपनी चुचियों को दोनों हाथों से ढकरखा था. मैंने धीरे से उसकी स्कर्ट भी खोल दी.

अब वो सिर्फ वाईट रंग की पैंटी में मेरे सामनेखड़ी थी. मैंने उसे अपने साथ चिपटा लिया औरउसके लिप्स पर किस करने लगा. मैंने बड़े प्यारसे अपनी बहन के दोनों हाथ उसकी चुचियों सेहटाये और उनको देखने लगा.कमरे में लाइट नहीं जल रही थी औरथोड़ी सी रौशनी बहार के लेंपपोस्ट से आरही थी. इस हलकी रौशनी मेंपूजा का सेक्सी बदन दूध की तरह चमक रहा था.मैंने हाथ बढ़ा कर पास में लाइट का स्विच ऑनकर दिया. पूजा बुरी तरह से शर्मा कर अपनेबदन को सिकोड़ कर बेड पर बैठ गयी और बोली,प्लीज़ भय्या, लाइट बंद कर दो, मुझे बहुत शर्मआ रही है. मैं मुस्कुराता हुआ आगे बढ़ा औरबोला, प्यारी बहना शर्माओ मत आज मुझेजी भर के देखने दो. हाय तुम्हारा ये बदनसंगमरमर के जैसा है. तुमइतनी सेक्सी हो की कोई भी तुम्हें देख केदीवाना हो जाए.

मैं उसकी पीठ सहला रहा था.उसके रेशम जैसे बाल उसकी चेहरे औरछाती को ढके हुए थे. मैंने उसकी जुल्फों को चेहरेसे हटाया और उसके लिप्स पर किस करने लगा.फिर मैंने दोनों हाथ उसकी चुचियों से हटाये औरउनको दबाने लगा. पूजा के निप्प्ल तने हुए थे.मैंने एक एक करके उसके निप्पल को चूसना शुरूकर दिया. मेरी बहन मस्त हो गयी और मेरे लंडको पकड़ कर उसे आगे पीछे करने लगी. मैं बेड केकिनारे पर खड़ा हो गया औरअपना फनफनाता हुआ लंड उसके मुहं के पास लेजा कर मैंने उसके होठों को छुआया.पूजा लिपस्टिक की तरह मेरे लंड के सुपाड़ेको अपने नाज़ुक होठों पर फेरने लगी.मैंने कहा, इसे मुहं में ले लो और चूसो. मेरी बहन नेबड़े प्यार से मेरे लंड का सुपाड़ा मुहं में लेलिया और चूसने लगी. आह दोस्तों उस वक्त मैंसातवें आसमान पर पहुँच गया.

इतना मज़ा आरहा था की मैं क्या बतायूं. मेरा लंडमेरी प्यारी सेक्सी बहन के मुहं में अंदर बाहरहो रहा था. उस वक्त मैं उसके संतरे के साईज़ केमुम्मे दबा रहा था. लंड चूसते हुए मेरी सगी बहनपूजा क्या मस्त लग रही थी. बार बार उसकेचेहरे पर जुल्फें आ जाती थीं जिनको मैं पीछे करके उसके सुन्दर चेहरे को देख कर अपना लंड उससे चुसवा रहा था और जोश में आकर बोलरहा था हाय चूसो मेरी प्यारी बहना. अंदर तकलो. बड़ा मज़ा आ रहा है आ….आ….आ….आ…हमैंने फिर उसे खड़ा किया और अपने सीने सेचिपटा लिया.उसके मुम्मे मेरी छाती से दबे हुए थे. मैं उसके होंठचूस रहा था और मेरे दोनों हाथ उसकेचूतड़ों को पैंटी के अंदर हाथ डाल करदबा रहा था. मैंने धीरे से उसकी पैंटी नीचेसरका दी. पूजा वासना में बेसुध सी होकरमेरी बाहों में नंगी खड़ी थी पर पैंटी नीचे खिसकतेही जैसे वो होश में आई – नहीं भैय्या नीचे कुछमत करना.

मैंने उसकी न सुनते हुएउसकी पैंटी घुटनों तक नीचे कर दी और साथही उसके चेहरे को अपने दोनों हाथों में लेकरउसकी आँखों में आँखें डालकर पूछा – तू मुझेप्यार करती है या नहीं? इस परमेरी प्यारी बहना बोली – मैं आपकी अपनी जानसे भी ज्यादा प्यार करती हूँ. मैं उसकी चूत मेंउंगली डाल कर बोला – तो मेरी प्यारी बहन,अपनी चूत मुझे दे दे.पूजा: हाय भैय्या मुझे डर लगता है. सुना है, बहुतदर्द होता है.मैं (प्यार से उसकी चुची मसले हुए): मैंतेरा सगा भाई हूँ, तुझे कोई दर्द नहीं दूँगा.पूजा (मेरा लंड पकड़ते हुए): पर भैय्या येतो बहुत बड़ा है.मैं: चिंता मत कर, चूत में से तो बच्चा भी निकलआता है, फिर इस लंड की क्या बिसात?पूजा (हँसते हुए): तो आप आज बहनचोद बनकेही रहोगे?मैं पूजा के मुहं से पहली बार गाली सुनकर औरभी उत्तेजित हो गया और बोला:हाँ मेरी प्यारी बहना, तेरी चूत मैं मारूंगा औरजी भर के तुझे चोदुंगा.पूजा जो थोड़ी देर पहले शर्म सेमरी जा रही थी अब खुल कर गन्दी गन्दी बातेंकरने लगी. उसने मेरा लंड पकड़ा और कमरे सेबाहर की ओर जाने लगी. मेरे लंड के साथ मैंभी उसके पीछे पीछे चल पड़ा. वो एकअलमारी के पास गई और मुझेइशारा किया उसको खोलने के लिए. अंदरवोदका की बोतल थी जो मेरेपापा कभी कभी पीते थे.

मैंने पीछे से उसके चूतड़दबाए और पूछा – तो पीने का मन कर रहा है?पूजा: थोड़ा डर कम हो जाए इसलिए, वर्ना मैंनेकसम से भय्या कभी नहीं पी.मैं: तू इतना डरती क्यों है?पूजा: आपसे नहीं डरती, आपके लंड से डरती हूँ.देखो न छोटा होने का नाम ही नहीं ले रहा.पूजा की बात सही थी. रात के ग्यारह बज चुके थेऔर हमें लगभग तीन घंटे एक साथ एक दूसरे केनंगे बदन से खेल रहे थे. अब तक मेरी सगी बहनमेरे से बहुत खुल चुकी थी. हालांकि हमने चुदाईनहीं की थी, लेकिन पूजा दो बार झड़चुकी थी और मैं एक बार अपना सारा वीर्य उसेपिला चुका था. हम दोनों ने वोदका का एक एकपेग ले लिया.

पूजा अब बहुत सुंदर और सेक्सी लग रही थी. मैं उसे बहुत नज़दीक सेमहसूस कर रहा था. मैंने प्यार सेअपनी बहना को बेड पर लिटा दिया और उसकेउपर चढ़ गया. मैंने अपनी जीभ उसके मुहं में डालदी और किस करने लगा. उसके मुम्मे मेरी छाती मेंदबे हुए थे. मेरा लंड बार बार उसकी चूत सेटकरा रहा था. मैंने उसके दोनों टांगें चौड़ी करदीं और अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर टिका दिया. अआआह क्या मज़ा आरहा था दोस्तो. मैंने धीरे धीरे पूजा की चूत में अपना लंड पेलना शुरू किया. पूजा की चूत काफी गीली थी और मेरा आधा लंड उसमें घुसगया. अब मेरी बहना को थोड़ी तकलीफ होनेलगी. पर वोदका का नशा उस पे हावी था. मैंनेअपना लंड थोडा सा बाहर निकाला और एकझटके में सारा अंदर डाल दिया. पूजा के मुंह सेघुटी घुटी सी चीखें निकलने लगीं. पर मेरे लिप्सउसके लिप्स से सटे हुए थे इसलिए कोई आवाज़बाहर नहीं निकल सकी. मैं दना दनअपनी बहना की कुंवारी चूत में अपना लंड अंदरबाहर कर रहा था.

पूजा घुटी घुटी चीखें निकालरही थी. थोड़ी देर बादमेरी प्यारी बहना को भी मज़ा आने लगा औरवो भी चूतड़ उछाल उछाल कर मेरे साथ चुदाईका मज़ा लेने लगी.पूजा: आह भय्या मज़ा आ गया औरतेज……….जोर से ……….ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.मई (हाँफते हुए): हाय क्या मस्त चूत है यारतेरी…..अह्ह्ह पूजा…..मेरी बहन…..आज से तूमेरी है…..पूजा: हाँ भय्या…..आज से मैं आपकी हूँ…….मुझेरोज चोदा करोगे?मैं: ये भी कोई ना कहने वाली बात है?मेरे धक्के और तेज होते चले गए और कुछ देर मेंही हम दोनों भाई बहन झड़ गए. मैं हाँफते हुएपूजा के उपर ही लेट गया. थोड़ी देर बाद हमदोनों ने उठकर एक साथ शोवर के नीचे स्नानकिया.

पूजा की चूत से काफी खून निकला था.हमने चादर रात को ही धो दी. और उसके बाद नंगे ही एक दुसरे से लिपट कर सो गए.अगले दिन पूजा नें हमारी चुदाई की सारी बातरेखा को बता दी. मैं अब जबभी मौका मिलता तो पूजा को चोद लेता था. परहम लोगों को घर में चांस बहुत कम मिलता था.मेरी पूजा को चोदनेकी इच्छा बढ़ती जा रही थी पर घर पर सब लोगहोने की वजह से हम चुदाई नहीं कर पाते थे. फिरमैंने रेखा के भाई कमल को भी अपने ग्रुप में लेनेका प्लान बनाया. मैंने कमल से कहा कि यारआजकल चुदाई करने का बहुत मन करता है.कमल बोला, उस लड़की को बुला जिस के साथतुने मेरे साथ चुदाई करवाई थी.

मैं हंस करबहाना बना कर बोला कि वो अपने गाँवचली गयी है. कमल का भी बहुत मन कर रहा था.मैंने उससे कहा कि यार एक काम करते हैं. तूमेरी बहन से सेक्स कर ले और मैं तेरी बहन सेसेक्स कर लेता हूँ. ये सुन कर कमल भड़कगया और गुस्से से बोला, साले तेरी इतनी हिम्मतकैसे हुई मेरी बहन के बारे में ऐसा बोलने की.दोस्ती इसको कहते हैं? मादरचोद, मेरी बहन परबुरी नजर डालता है? कमल नें मुझे औरभी बुरा भला कहा. पर मैं शांती सेउसकी सुना रहा.कमल और मैं बचपन के दोस्त थे और एक दुसरेको अच्छी तरह से समझते थे. कमल मेरी बहनको सगी बहन की तरह से प्यार करता था औरहर साल उस से राखी भी बंधवाता था.उसका गुस्सा जायज़ था. मैंने कमलको समझाया, यार देख हमारी दोनों बहनें जवानहो चुकी है.

उनको भी तो चुदाईकी इच्छा होती होगी? वो बाहर कहीं मुहं मारेंतो क्या तुझे अच्छा लगेगा? कमल गुस्से मेंभन्नाया बैठा रहा. मैंने कमल को बहुतसमझाया बुझाया और दो बीयर पिलाने के बादकमल के मन में ये बात बैठा दी कि यही एकआसान सा रास्ता है जिससे हम मज़ा भी करसकते हैं और घर की बात घर में ही रहेगी. फिर मैंनेउसे पूजा के बारे में उसेबताया कि वो कितनी सेक्सी है. उसके बूब्स,चिकनी चूत और गोल गोल चूतड़……ये सब सुनकर कमल गर्म हो गया और वासना सेअपना लंड मसलने लगा. मैं बोला कि अगर मुझेमौका मिल जाए तो मैंभी पूजा को चोदना चाहता हूँ.कमल हैरानी से मुहं फाड़े मुझे देखने लगा.वो बोला, तू पागल तो नहीं हो गया? मैं हंस करबेशर्मी से बोला, साले तू नहीं समझेगा. तुनेकभी मेरी बहन पूजा के हुस्न के बारे में सोचा है?उसकी मस्त चुचियाँ, जांघें, गोरा गोरा बदन औरचिकनी चूत देखी है? एक बार उसे नंगी देखलेगा तो तेरा लौड़ा उसे सलाम करने लगेगा.मेरा तो लंड उसे देख कर रोज खड़ा हो जाता हैऔर मैं उसके नाम की रोज मुठ भी मारता हूँ.वो तो मुझे मौका नहीं मिल रहा वरना मैं कब तकउसे चोद चुका होता (मैंने जान बूझकर कमलको नहीं बताया कि… 🙂