मौसी की मस्त गांड की चुदाई घोड़ी बनाकर – Hindi sex story – chudai kahani

मौसी की मस्त गांड की चुदाई घोड़ी बनाकर – Hindi sex story – chudai kahani

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मौसी की मस्त गांड की चुदाई घोड़ी बनाकर – Hindi sex story – chudai kahani : बात उन दिनों की है, जब एक बार मौसी ने मुझे अपने यहाँ बुलाया। क्योंकि, उनके बच्चे छोटे है और उनके घर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था। मै घर की कंस्ट्रक्शन के काम पर नज़र रखता था और उनको समान लाकर देता था। गर्मियों ने दिन थे। मेरी मौसी के बच्चे अपने नाना के घर चले गये। पर काम की वजह से मै और मौसी नहीं जा पाए। एकदिन, बहुत तेज बारिश आ गयी और कंस्ट्रक्शन का काम छोड़कर मजदुर अपने- अपने घर चले गये। मै जानवरों को चारा डाला और जानवरों को अन्दर बांध दिया। मेरी मौसी का घर गाँव से बाहर खेतो में है, जहाँ कोई ज्यादा आता- जाता नहीं था। बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। बारिश की वजह से सब कुछ भीग गया था। मौसी ने आंगन में रस्सी पर सुख रहे कपड़ो को उतारा, तो उनका सूट भीग गया और उन्होंने गर्मी के कारण बहुत पतला सूट पहना था। उनके भीगे सूट से उनका पूरा जिस्म चिपक रहा था। मैने नोटिस किया, कि उन्होंने काली ब्रा पहनी थी और पेंटी नहीं पहनी हुई थी।

अचानक उनका ध्यान मेरी तरफ गया और उन्होंने एक हलकी सी स्माइल दी। शायद वो समझ गयी थी, कि मै क्या ध्यान से देख रहा हु। ख़ैर, हम अन्दर आ गये और कपड़े चेंज किये। मैने टीशर्ट और निकर पहन ली और मौसी ने दूसरा सूट। मौसी ने चाय बना दी। बारिश कुछ कम हुई पर लगातार जारी थी। कुछ देर बाद, हमारी लाइट भी चली गयी। मणि ने खाने के बारे में पूछा, तो मैने मना कर दिया कि भूख नहीं है। ख़ैर रात को बारिश रुक गयी, पर लाइट नहीं आई। तो मैने मौसी से कहा, कि मै छत पर जा रहा हुसोने के लिए। बाहर ठंडी हवा चल रही थी। तो मौसी ने कहा, कि वो भी साथ ही चल रही है। हमने नीचे का डोर लॉक किया और कुत्ते को खुल्ला छोड़ दिया और खुद छत पर चले गये। मैने अपना बिस्तर चारपाई पर लगाया और मौसी मेरे साथ ही लेट गयी। उनका फेस मेरी तरफ था। हम बातें करने लगे। सब तरफ अँधेरा था, बातो- बातो में, मौसी ने मुझसे पूछा कि तब क्या देख रहे थे। तो मैने बोला – कब? तो मौसी ने कहा, कि भोला मत बन।तुझे सब पता है। तो मैने कह दिया कि आप गीले कपड़ो में बहुत अच्छी लग रही थी और सेक्सी भी। मौसी हँसने लगी और मुझे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा। मैने कहा, कि हाँ है। तो उन्होंने पंजाबी में पूछा, कि मैने उसकी ली है कि नहीं? तो मै चौक गया। पर कह दिया – “नहीं”। तो मौसी बोली, तो फिर गर्लफ्रेंड रखने का क्या फायदा।

मैने मौसी से पूछा, की मौसा यहाँ नहीं रहते, तो आप क्या करती है। उन्होंने कहा, कि किसी को बताना मत। उसने कहा – कि वो गाजर- मुली या किसी और से काम चला लेती है। पर नहीं चुदवाती है। तो मैने पूछा – क्यों? वो बोली – उसकी एक बेटी है और अगर किसी को पता चल गया तो बड़ी बदनामी होगी। उस पर असर पड़ेगा। इन बातो से मेरा लौड़े खड़ा हो चूका था, मैने मौसी का हाथ पकड़ा तो उसने कुछ नहीं कहा। मेरी हिम्मत बढ़ गयी और मैने मौसी का हाथ अपने लौड़े पर रख दिया। मौसी ने फोरन मेरा लौड़े पकड़ा और मै उन्हें लिप किस करने लगा। ३-४ मिनट किस के बाद, मैने मौसी की कमीज़ उतार दी और सलवार का नाडा खोलकर उसे भी उतार दिया और खुद भी पूरा नंगा हो गया। मैने अपनी मौसी का पूरा शरीर चूमना स्टार्ट कर दिया। सर से लेकर पेरो तक।

फिर मैने मौसी को 69 पोजीशन में लेकर उसकी चुत चाटनी शुरू की और उसने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चुसना शुरू कर दिया। मेरी जीभ ने असर दिखाया और मौसी की चुत ने पानी छोड़ दिया। ख़ैर, मै सारा नमकीन पानी पी गया और मौसी मेरा लौड़े चूस रही थी। फिर, मैने मौसी को उठाकर चारपाई पर लिटाया और उनकी टांगो के बीच में बैठ गया। और अपना लौड़े उनकी चुत के साथ सटा दिया। फिर, मैने एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा आधा लौड़े उनकी चुत में चले गया। उनके मुँह से हलकी सी चीख निकली।

फिर मैने दो-तीन धक्के और लगाये। तो मेरा पूरा लौड़े उनकी चुत में उतर गया। मै रुक कर उनके बूब्स चूसने लगा और फिर धक्के मारने शुरू किये। अब मौसी भी मेरा साथ दे रही थी। अचानक मौसी की आवाज़ निकलने लगी और उसने अपनी दोनों टाँगे हवा में उठा ली। और अपनी गांड उठा- उठा कर 4-7 जोरदार झटके मारे और पानी छोड़ दिया। उन्हें देखकर मुझे भी जोश आ गया और मैने स्पीड बड़ा दी। २-३ मिनट बाद, मै भी उनकी चुत में ही झड़ गया। फिर, मै मौसी के ऊपर से उतर गया।

फिर मौसी ने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। देखते ही देखते, मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया। मैने मौसी को अपने बॉल अर्थात आंड पोपले चूसने को बोला तो मोसी मेरे आंड पोपले चाटने लगी और मुह में लेकर चूसने लगी तो उसने वैसे ही किया। वो बारी- बारी मेरा एक बॉल मुँह में लेकर चूसती। कुछ देर बाद, वो मेरे ऊपर आ गयी और अपनी चुत के साथ मेरा लौड़े लगा कर उसपर बैठ गयी। उनकी चुत मेरा लौड़े पूरा निगल गयी और वो मेरे लौड़े पर उठ- बैठ रही थी। वो मेरा लौड़े तक़रीबन सारा बाहर निकालती और फिर पुरे जोर से अपनी गांड नीचे लाती। मै तो जैसे स्वर्ग में था। एक बार बीच में रूककर उसने अपनी चुत को मेरे लौड़े पर टाइट किया और मेरे निप्पल मुँह में लेकर चूसने लगी, वो, तो मुझे बहुत मज़ा आया। कुछ देर बाद, वो थक गयी और मैने उन्हें नीचे उतार लिया और छत पर दिवार के सहारे लगाकर घोड़ी बनाया और लौड़े उनकी चुत में डालकर झटके मारने लगा। कुछ देर बाद, वो झड़ने वाली थी, तो उसने अपनी गांड मेरे लौड़े पर जोर से आगे- पीछे करनी शुरू कर दी और कुछ देर बाद, उसने और मैने एक साथ पानी छोड़ दिया।

फिर, छत पर हमने खड़े होकर देखा। तो हर तरफ अँधेरा था। मै उसके पीछे आ गया और खड़ा हो गया। और लौड़े को उसकी गांड पर रगड़ने लगा। वो भी अपनी गांड पीछे करके मेरे लौड़े पर दवाब डाल रही थी। फिर, वो मेरी तरफ फेस करके नीचे बैठ गयी और मेरा लौड़े पकड़ कर मुँह में लेकर चूसने लगी। जब लौड़े थोडा खड़ा हुआ, तो मैने उसकी माउथ-फकिंग शुरू कर दी। उसके हाथ मेरे चुतड पर थे और ५-६ मिनट के बाद, मैने उससे कहा – मेरा पानी निकलने वाला है। मैने लौड़े बाहर निकालने की कोशिश की, पर उसने लौड़े बाहर नहीं निकाला और जब मेरे लौड़े पानी छोड़ा। तो वो सारा पानी पी गयी और मेरा लौड़े भी चाट कर साफ़ कर दिया।

हम चारपाई पर बैठ कर बात करने लगे। मै उसके थाई को सहला रहा था। वो बोली – क्या अभी दिल नहीं भरा? मैने कहा, कि कैसे भरेगा। तुम्हारा अभी एक होल तो अनटच है, तो वो हंस पड़ी। वो बोली – उसे भी फाड़ डाल। मैने कब मना किया है। उसने मेरे लौड़े अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी। मै उसके बूब्स दबाने लगा। फिर, उसने मेरे लौड़े को मुँह में लेकर चुसना शुरू किया और देखते ही देखते, मेरा लौड़े तन गया। मैने उसे चारपाई पर पेट के बल लिटाया और उसके पेट के नीचे तकिया लगा दिया।

जिससे उसकी गांड काफी ऊपर को उठ गयी। उसने अपनी टांगो को फैला लिया। यारो क्या नज़ारा था! मै उसकी टांगो के बीच में बैठ गया और उसकी चुत के पानी से अपनी एक ऊँगली को गीला करके उसकी गांड में डाल दी। उसे दर्द हुआ, पर मै नहीं रुका और ऊँगली अन्दर- बाहर करने लगा। फिर, मैने दो उंगलिया डाल दी और फिर तीन। फिर, जब मुझे लगा कि अब उसकी गांड तैयार है, तो मै उठा और उसके मुँह के पास लौड़े लेजाकर उसके मुँह में डाल दिया। मैने उसे अपना लौड़े गीला करने को कहा। उसने अपने थूक से मेरा लौड़े पूरा गीला कर दिया। मैने वापिस उसकी गांड के पास आकर बैठा और उसकी गांड पर लौड़े रखकर झटका मारा। लौड़े सिर्फ १।५ इंच तक अन्दर गया। उसकी चीख निकल गयी।

अब मुझे भी दर्द हुआ। मै उसकी गर्दन पर किस करने लगा और फिर ३-४ धक्के और कस- कसकर मारे, तो मेरा पूरा लौड़े उसकी गांड में चला गया। उसकी चीख निकल गयी। पर उसकी चीख सुनने वाला कोई नहीं था। ख़ैर, जब वो कुछ नार्मल हुई। तो वो भी मेरा साथ देने लगी। मै झटके मार रहा था। पर इस बार मेरा पानी जल्दी नहीं निकलने वाला था। मै कुछ देर बीच में रुका, तो उसने मुझे बताया, कि मेरी दूसरी दूसरी मौसी की चुत भी चाहिए। उसका नाम सुखी था। तो मैने कहा – वो कैसे मिलेगी? वो तो बहुत शरीफ है। मौसी बोली, जितनी बड़ी गश्ती वो है, और कोई भी नहीं। उसने कहा, कि मै तुझे उसकी चुत दिलवा दूंगी। मै खुश हो गया और जोश में आकर जोर – जोर से धक्के मारने लगा। चारपाई भी अलग- अलग तरह की आवाज़े निकाल रही थी। और मौसी भी… मौसी कहने लगी पंजाबी में… “मार, मेरी गांड मार… फाड़ दे। मेरा पानी निकल गया। हाई मम्मी मर गयी मौसी की बातो से मुझे जोश आ गया और मैने अपनी स्पीड बड़ा दी और कुछ जोरदार धक्को के बाद, मौसी की गांड में मैने अपना पानी छोड़ दिया और निढाल होकर उसकी पीठ पर लेट गया।