मैने माँ की गांड चोदी – माँ की गंड चुदाई Hindi Sex Stories
मैने माँ की गांड चोदी – माँ की गंड चुदाई Hindi Sex Stories
मैने माँ की गांड चोदी – माँ की गंड चुदाई Hindi Sex Stories : मैं लंड पकडे रुममे मां का बेसबरी से इंतजार कर रहा था. उसकी चुत चोदने का अनुभव मुंझे पगला कर रहा था. अब तो वो अपनी गांड भी मुझे चोदने देनेवाली थी. उसका नंगा बदन, चिकनी और फुली हुई चुत और अंदर लौडा घुसाने के बाद मिला एक्साईटमेंट बेतहाशा याद आ रहा था. उसकी गांड भी उतनी ही शानदार रहेगी, यकीन था मुझे.
लगभग १५-२० मिनट के बाद मां अंदर आई. हाथ में तेल की शिशी थी. वो मुस्करा रही थी. “अरे पडोसन आई थी…कटाया मैने उसको जैसे तैसे. ” वो बोली.
“ये तेल क्यों लाई मां?”
“अरे गांद से स्त्रव नही होता है जैसे चुत से होता है. ये तेल लगाकर उसे ल्युब्रिकेट करना पडॆगा. नही तो तेरी मां के गांड में दर्द नहीं होगा क्या?”
मै हंसा. उससे लिपट कर उसके बुब्ज पर हात फेरा…जोर से दबाया और कहा…
“मां, हर लडके को तेरी जैसी गांडमारु मां मिले….”
वो हसी और मुझे चुमने लगी. मैने उसको फिर से नंगी धड़ंग कर दिया. उसकी चुत और चुतडोंपरसे हाथ फिराने लगा. बहोत ही मुलायम थी उसकी गांड. मै उसकी गांड का छेद देखने के लिये बेताब था. मां बहोत ही गरम हो चुकी थी. उसने पहले मेंरा लंड उसके मुंह में भरा और चुसने लगी. “मुंझे तो गांदमारु बेटा मिला है…कितना बडा है लंड तेरा…गांड फट जायेगी मेंरी. धीरे से करोगे ना?”
“हा मां…बिल्कूल धीरे से चोदुंगा तेरी गांड को…मेरी प्यारी चुदखोर मां…”
उसने थोडी देर मेरा लंड चखा और बोली, अब मेरी गांड के छेद में तेल डाल…मै तेरे लंड पर भी तेल चुप्डती हुं…” ऐसा कह उसेने तेल की शिशी खोली और मेंरे लंड वो तेल लगाकर चिपचिपा कर दिया.
उसे प्यार से सहलाते बोली…
“मेंरी गांड को लगा अब…” और वो बिस्तरपर घोडी कि तरह घुटनों के बल हो गै. वाह, क्या नजारा था उसकी गांड का. मुंझे अपनी बहन की गांड से ये गांड प्यारे लगने लगी. मैने उसके नितंबों को चुम लिया, हाथों में दोनो पुट्ठे लेकर दबाया, फिर उसकी गांड को चौडा कर गुलाबे छेद भी देख लिया. मेंरा लंड फनफना रहा था. उस गुलाबी छेद में घुसने के लिये बेताब था. मैने वापिस उसके गांड को चुमा और तेल लगाने लगा. उंगली अंदर घुसेडकर जैसे तेल लगाने लगा मुंझे लगा जैसे उसका बदन वासना से बहोत ही गर्म है. उसकी गांड टाइट थी. कुंवारी थी शायद वहा. जो भे हो, आज मेरा लंड उसमे घुसने वाला था.
मैने शिशी बजु रख दी. बोला, “मां, तैय्यार हो गांड मरवाने को?”
“हां बेटे, घुसेड दे अपना लंड मेरी गांड मे. बेताबी से उसे अंदर लेने का इंतजार कर रहे हुं.”
मैने सुपाडे को उसकी गांड के छेद पर रख दिया. धीरे धीरे अंदर घुसाने कि कोशिश में जुट गया. इतना आसान नहीं था. फिर मैने ऐसा धक्का मारा कि आधा लम्ड मां की गांड मे घुस गया. वह कराही, बोली, “धीरे चोद ना राजा…”
“हा मां…धीरे तो घुसा रहा हुं मेरी प्यारी मां…”
“अब तो मै तेरी रंडी बन गई रे…चोद ले तेरी रंडी को…जितना जी चाहे…जैसे तेरा मन करे…”
मैने लंड को थोडा बाहर निकाल कर फिरसे जोरदार धक्का दिया. मेआ पुरा लंड अब उसकी गांड मे था. मैने उसके कमर जकडी और तेजी से लंड अंदर बाहर करने लगा. मां की गांड को मै वाकई चोद रहा था. वो भी मजे ले रही थी. क्या सेक्सी है मेंरी मां और कितनी प्यारी…अपने बेटे को खूश कर रही है.
“बेटे, तू चोदना बडी अच्छी तरह से जानता है….हर औरत को तू खूष कर सकता है…आज रात को मैं तेरी बहन तेरे नीचे सुलाउंगी…मजा आयेगा भाई अपनी बहन को कैसे चोदता है…”
“हां मां. फिर मै तुझे भी चोदुंगा…” मैने फुली हुई सांसोंके बीच कहा…
२०-२५ मिनट तक मै उसकी गांड चुदाई करते रहा. बहन की गांड मेरी आखों के सामने आते ही मै र्क्साइट हो गया. दो चुते और दो गांडे…कितना लकी हुं मै…घर में ही मिली थी मुंझे.
मेरा इस खयाल से ही उसकी गांड के अंदर फव्वारा छूट गया.
“मेरा आया मां…”
“जानती हुं राजा…धीरे से निकालो उसे…”
मैने लंड बाहर निकालतेही फुच्च आवाज आई. प्यारी लगी. मेरा वीर्य उसके गांड से बाहर आकर उसकी चुत तक पहुंच गया था.
मैने उसे बाहों मे भर लिया.
कहा,
“थ्यांक्स मां..,.तू तो बहोत कमाल कि निकली. तेरी गांड, चुत और मुंह, तिनों को चोदा. काश तुझे और कोई होल होता तो वह भी चोद देता…”
उसने मुंझे चुमा. कुछ देर कामुकता से मुंझे देखती रही. फिर बोली,
“मेरे लाल, तेरे लौडे मे भी जादू है. अब तू मेरा स्वामी और मै तेरी रंडी हुं.”
“हां मेरी मां…माफ करो…रंडी…साली रंडी अब तू मुझ से दिन रात चुदती रहेगी. मगर आज मेरी बहन को भी पटा. उसे भी रंडी बना डालुंगा…”
“मै पटाउंगी उसे मेरे चोदनेवाले. उसकी चुत का सील आज फाड ही दे…”
“हां मां…पहले उसकी गांड मारुंगा फिर तेरी चुत…”
और मै उसे सहलाते हुए उसकी बाहों मे सो गया….
(क्रमश:)