मां और बहन कि चूत चोदी – Hindi Sex Stories

मां और बहन कि चूत चोदी – Hindi Sex Stories

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मां ने मुंझे वचन दिया था कि रात को वो मेंरी बहन को मेरे नीचे सुलायेंगी. वो भी चुदाई मे हिस्सा लेगी. मै बेसबरीसे श्याम होने का इंतजार कर रहा था. मां मेरे बहन को कैसे पटायेगी ये समझ नहीं आ रहा था. पगर मै बेतहाशा एक्साईट था.

शाम को बहना कुल्हे मटकाती घर आई. आज मै उसे बडी गौर से देख रहा था. नजर में वासना झलक रही थी. आज ये मेंरी होनेवाली है.

मै किचन में गया. मां खाना बना रही थी.

“मां…आज बहना भी मिलेगी मुंझे?”

वोह मुस्काई. फुसफुसाते हुए बोली, “इतनी उसकी गांड कि याद आ रही है?”

“तेरे साथ साथ उसे भी एक ही बिस्तरपर चोदना है मां. कैसे जुगाड करोगी?”

“वो मेरे उपर छोड…खाना खा लेंगे फिर सब बिस्तर पर जायेंगे…”

मै हाल में आ गया. आंखों के सामने बहना कि नंगी फिगर घुम रही थी. बहना उसकी रुम में चली गई थी…शायद चेंज करती होगी.

रात हुई. हमने ऐसेही बाते करते करते खाना खाया. मां मेरे ओर कनखियों से देखकर कुछ मजाक भी छेड रही थी. बहना को उसके दोस्तों के बारे में पुंछ रही  टी शर्ट मे बहना गे गदराये बुब्ज बहोत ही सेक्सी लग रहे थे. मुंझे उसे ताकते हुए देख मं ने छेडा, “क्या रे उसकी तरफ देख रहा है? बिबी है वो तेरी?”

मै चौक गया. बहन हंसने लगी. मां बोली, “इजिप्त में एक जमाने में राजा लोग अपनी बहन से ही शादी करते थे? हैं मालूम?”

मै कुछ नहीं बोला. बहना बोली, “हां, मुंझे मालूम है. मगर अब ऐसी बातों को पाप कहते है.”

“पाप तो मन का एक खयाल है.” मां बोली. “मुझे लगता है भरत में सेक्स के बारे में खुली बात करना ही भी गलत माना जाता है और सबसे ज्यादा जबरदस्ती सेक्स यहां ही होते है. मै तो कहती हुं मा, बेटा, बेटी  इसके बारे मे खुली बात करे तो हेल्दी माहौल रहेगा…”

बहना शायद शरमा रही थी. मै तो बस उसकी बुब्ज कि ओर देख रहा था. खाना हो गया. हम हाल में आ गये. मां ने बर्तन सिंक में रख दिये और बोली, “चलो बेडरुम मे…शायद वहां हम और बाते कर पायेंगे…”

हम बेडरुम गये. मां ने बहन से पुछा, “क्या रि, ब्लु फिल्म देखी है कभी?”

बहन इस सवाल से बेतहाशा शर्मा गई. कुछ न बोली. बेड पर बैठ नीचे ताकती रही. मै हवस से गर्म होता जा रहा था. मां ऐसा क्यो खुला बोल रहे है समझ गया था. आखिर उसे मेरे नीचे सुलाने का वादा जो किया था.

“अरे , देखती भी होगी तो बुरा क्या है उसमें? उल्टे ब्ल्यु फिल्म देखने से असल म्दें सेक्स करे तो ज्यादा अच्छा. ब्यु फिल्मे देख देख कर वासना कम हो जाती है. जवान लडकी हो.” और मुंझ से पुछा, “तू बंदर, तू नही देखता ब्यु फिल्म?”

“हा मां…”

“कौन सी अच्छी लगती है तुझे?”

“मा…वो…ब्वो…इन्सेस्टवाली…”

“इन्सेस्ट…माने भाई बहन…मां बेटेवाली?”

“हां मां…”

“तो फिर दोपहर हमने किया वैसे ही?”

बहन चौंक गई ये सुनकर. वो आंखे फाड कर मां और मेरी ओर बारी बारी देखते रही. उसे कैसे विश्वास होगा? मै भी जरा शरमा गया था. मां इस तरह भंडा फोडेगी, कहा सोचा था?

“हां मां…” मैने हौले से सर न्नीचे कर कहा.

“कैसे लगा मां से चुदकर?”

“बहोत अच्छा लगा मां…”

“फिर ब्ल्यु फिल्म देखेगा?”

“अब नहीं मा…बस तुझे चोदता रहुंगा…”

“बस मुंझे?…तेरी बहना को चोदनेका इरादा छोड दिया क्या?”

“नहीं मां…अगर वो राजी हो तो…”

“सुना तुने?” उसने बहना से पुछा. बहना शर्म से शायद पानी पानी हो रही थी. वहां से भाग जाना चाह रही थे जैसे. मगर शायद वसना कि आग उसके अंदर भी भडक उठी थी. वो वैसेही बैठी रही.

“तो क्या राजी है तू?” बहना कुछ न बोली. मां ने सीधे अपना गाऊन उतार दिया. ब्रा और प्यंटी भी नोइकाल दी. अब पुरी नंगी थी वोह.

“आ बेटे, चोद अपनी मां को जी भर  के. देख ले तू…फिर तेरी भी चुत से पानी छुटने लगेगा और चुदाने को कहोगी अपने प्यारे भय्या से. देख, इसमें कोई गलत नही…कोई पाप नहीं…आ जा बेटे…हो जावो नंगे अपनी मां और बहना के सामने…”

मैने अपने कपडे उतार दिये. मां के पास गया और उसे बाहों में भर लिया. उसके बुब्ज हौले हौले दबाने लगा. मां ने अपनी टांगे चौडी कर दी. उसकी फुली हुई बिन झांटों कि चूत गजब कि दिख रही थी. उसका दाना फुला हुआ था और छेद के अंदर का रसभरा गुलाबी हिस्सा जैसे मेंरा लंड अंदर  लेने को तडप रहा था. मेंरा लंड सख्त था. मैने उसकी चूत को सहलाया. फिर दो उंगलियां अंदर घुसेड दी और बहना कि तरफ देखा. वो आंखे फाडफाड कर वो न्जारा देख रही थी जिसकी शायद उसने सपने में भी कल्पना नहीं की थी. उसकी आंखों से वासना के बादल उमडते हुये मै देख रहा थ. मैने मां के होठों का चुंबन लिया., जोरो से बुब्ज दबये और उंगली से ही उसे चोदने लगा.

“हाय मेरे बेटे…क्या लंड है तुम्हारा. मेंरी तो तुने आज गांड भी मार दी. अब इसकी भी गांड मारो…मगर हम दोनो कि चूत को पहले मजा दो,,”

“हां मां…” मैने बहना कि ओर देखा. वो उठ गई थी और अपने कपडे उतारने लगी थी. वासना का ऐसा झटका कहां? उसके नंगे बदन का नजारा देख मेंरी आंखे फैल गई. क्या चूत थी उसकी. गांड तो वल्ला वल्ला. वोह बेड पर आ गई और मेरी बाजु में लेटकर मुझे पिछे से बाहों में भर लिया. फिर मेरे लंड को पकड  लिया.

“भय्या…मै भी चुदेगी. मां को चोद फिर मुंझे…”

मां ने मुझे चुमा. उसकी चुत पानी से भर गई थी. “राजा बेटे. चोद ले मुंझे. तेरी मां बडी मस्ती में है. उसकी चूत आज उधेड दे दोपहर कि तरह…फिर मैं तुझे तेरी बहन कि चुत और गांड मारते देखना चाहती हुं,…अआह…कितना मजे देता है तू चूत में…”

बहन भे लंड सहला रह्गी थी. क्या जन्नत का नजारा होगा. मैने करवट  लेकर बहन को बाहों में लिय्या, उसके मुलायम गदराये बुब्ज दबाये…उसकी बालों वाली चुतपर जैसे ही हाथ रखा, भट्टी कि तरह जल रही थी वो. उसका बदन सिकुड गया. मैने उसे चुमा. बोला, “बहन…पहले मां की चूत मे लंड घुसाता हुं…फिर पहले मै तेरी गांड मारुंगा…बहोत पुराना सपनअ है…”

“ठीक है भय्या….” उसने धीरे से कहा. मै वापस मां कि बगल मे आ गया. उसे बेतहाशा चुमा और कहा…

“तेरे जैसी रंडी मां किसी को नही मिलेगी, साली चूत…देख तेरी चुत का भोसडा बना दुंगा…आज तुने मेरी बहन मेरे सामने नंगी कि है ना…उसे उसका प्राइझ मिलना तो होगा…” और उसकी चूत में चार उंगलिया घुसेड दी. वो कराह उठी. “धीरे बेटा…चार चार उंगलिया चुत मे घुसोडोगे तो फट जायेगी ना…”

“फटने दे कुत्ती….तेरी गांड का भी भोसड बना दुगा…” कहकर मै उसके उपर चढ गया. उसने टांगे फैलाकर मेरे कंधों पर रख दिये. मैने जोर के झटकेके के साथ उसकी भोसडी में लंड घुसा दिया. “उई मा….ओह्ह्ह उम्म्म्म ….चोद…” वोह बोली. मैने बहना कि ओर देखा. वो हमारी ओर अपलक तक रही र्थी, अपने बुब्ज दबा रही थी, चूत पर से हाथ फेर रही थी. मैने बाये हाथ से उसके भी बुब्ज दबा दिये और मां को भी चोदता रहा…

फच्च फच्च…आह मेरी फुदी….आह चोद राजा…और जोर से चोद….रंडी मां हुं मै तेरी…कुतिया हुं और तुम मेरे कुत्ते…कैसे चोदू को जना मैने…चोद रे मादरचोद…तेरी बहन कि भी चुत फाड डाल आज…उसकी गांड मे भर दे तेरा लंड…कुत्ती बना डाल साली चुतडी को. वो बेच बीच में वासना में सवार कही जा रही थी. बहन के हाल बेताब थे. वह भी कराह रही थी…उपर उठकर आई ऐसे कि मेरा हाथ उसकी चूत तक पहुंचे. मेरा क्या था…मैने जन्नत पे हाथ फेरा और उ७समें एक उंगली घुसेड दी. बहोत ही टाईट थी उसकी चुत…तो गांड कितनी टाईट होगी…

“मां, मेरी हरामी कुत्ती मां….क्या मजा दे रही हो…” वह गांड उचक उचकाकर मेरा साथ दे रही थी. उसकी चूत के मसल्स ने मेरा लंड इतना टाईट कर दिया जैसे कूंवारी चूत हो. मैने तेजी से धक्के देने शुरु किया. बहन की चूत भी गिली हो गई थी. दोनो चूत का मजा एक साथ लेने का आनंद आप क्या जानो? वह भी तब लंड मां कि चूत में और उंगली बहना कि चूत मे हो तो!

मां झड गई. मै भी. हांफता हुआ उसके बदन पर लेटा रहा. लंड अपने आप बाहर आ गया.

“कमाल हो तुम बेटे…”

“तु तो बहोत कमाल कि हो मां…” मैने कहा और उसके बदन के उपर से उतर  गया. लेटा रहा. मेरी वासना थोडी देर के लिये शांत हो गई थी. मगर बहना वासना कि आग में जल रही थी. उसने मेरे सिकोडे  हुये लंड का कब्जा ले लिया. हाथ में पकड कर सहलाती हुई. फिर नीचे आई और मेरे लंड को चुसना शुरु किया. मै फिर उत्तेजना से भर गया.

“मा कि चूत चोदी है…अब मेरी चोदो…” उसने कहा. “मै भे तेरी रंडी बनना चाहती हुं…” उसने कसमसाते हुये कहा. मै उसकी नंगी गांड को देखता रहा. गोरी, मांसल एवं बादाम के शेप मे थे उसके दोनो कुल्हे. उसके गांड के छेद मे लंड घुसाने का सपना अब कुछ ही पलों कि बात थी. मेरा लम्ड तन उठा था. वो बडी बखुबी से लंड और आंड चाट रही थी.

“आओ ब्रदर…चोदो मुंझे अब…”

“मै तेरी गांड मारुंगा…”

“बाद में. पहले मेरी चूत कि आग ठंडी करो…फिर जी चाहे उतनी गांड मारो…मां कि भी मारो…”

“ओके बहना…” मैने उसे बाहो में भर लिया. उसके बुब्ज तन गये थे. निपल्स छोटी थी..मगर वो भी कुचीली बन गई थी. मैने उसे जी भर के दबाया, चाटा. उसकी चूत मुंझे न्यौता दे रही थी. उसकी चूत को मैने बहोत प्यार से चुमा. हालांकि उसके चूत मां कि अपेक्षा छोटी थी, मगर उसका उभार बहोत अच्छा था. उसका दाना फुल गया था. च्चूत से रस बह रहा था.

मैने उसे ज्यादा इंतजार करने नहीं दिया. सीधा उसको नीचे कर उसकी उपर चढ गया. मां बाजु बैठकर ये नजारा देख रही थी. अपने बुब्ज दबा रही थी. वो कुतिया शायद गर्म हो गई थी वापस.

मैने बहना के चूत के होल का निशाना साधा और मेंरा लंड  सीधा अंदर घुसेड दिया. वो धर्द से कराह उठी. “धीरे भय्या…पहली बार चूद रही हुं…मां की तरह भोसडा नही बना है मेरी चूत का…”

सच था. मैने बडॆ प्यार से उसे चुमा. धीरे धीरे उसे धक्के देने लगा. उसने टांगे उपर कर घुटने मोड कंधों तक ले गई. मैने नीचे देखा. क्या नजारा दिख रहा था चूत का. देखते ही मै और गर्म हो गया. लंड तन गया. जोरों से धक्के देने लगा. वो मां की तरह सेक्सी बाते नहीं कर रही थी. उसे आदत नहीं थी शायद.

“साली बहना…तू तो कमसीन चूत है,….स्साली रंडी बहन…कुत्ती…चूत मे तेरे बहोत दम है….मार्ता हुं…रोज मारुंगा…”

“हां भय्या…मेरे चोदू भय्या…कुत्ती हुं मै तेरी मेरे प्यारे कुत्ते…चोद…आह…धीरे…”

चोदता रहा. उसकी चूत कामरस से बह रही थी.

फिर मेरा गाढा वीर्य उसके चूत में छूट गया.

“वाह…क्या चोदा तुने अपनी बहन को…मेरे लाल….ऐसे ही चोदू रह…” मां बोली. अब वो अपनी चूत में उंगली डाल अपनी वासना का शमन कर रही थी. मै समझ गया…उसे और चुदाई चाहिये…

मै अब दो बार लगातार चुदाई कर थक गया था. मै लेटा रहा. बहना मेरी पहलु मे आ लेट गई. मां भी. मैने दोनो के बुब्ज पर हाथ रखा और हौले से दबा रहा था.

“अब मेरी गांड मारोगे या उसकी?” मां ने धीरे से पुछा.

“मै बहना कि गांड मारुंगा…फिर तेरी…”

“नहीं…पहले मां कि मार. देखने दो मुझे गांड कैसे चोदते है. मां बडी कुतिया है…मैं छोटी…”

मै मुस्कराया.

दो कुतिया…मां और बहन नंगी मेरी बाहों में थी.

और उनको मैं पुरी रात चोदनेवाला था.

पहले गांड किसकी मारु?

मै सोचता हुआ जरा आराम कर रहा था. वो भी लेटी  मेरे लंड को सख्त बनाने कि कोशिश में जुटी थी.

(अगली किश्त)