प्रेग्नेंसी में 3 बार से ज्यादा उल्टी आए, तो तुरंत करें डॉक्टर से बात
प्रेग्नेंसी में 3 बार से ज्यादा उल्टी आए, तो तुरंत करें डॉक्टर से बात
- गर्भावस्था के दौरान पहले तीन माह में उल्टी होना या बार-बार जी मचलाना आम बात है। लेकिन उल्टी 2-3 बार से ज्यादा यानी दिन में 10-15 बार हो तो यह अवस्था गंभीर हो सकती है।हाइपरइमेसिस ग्रेविडेरम समस्या क्या है?
- गर्भावस्था के दौरान पहले तीन माह में उल्टी होना या बार-बार जी मचलाना आम बात है। लेकिन उल्टी 2-3 बार से ज्यादा यानी दिन में 10-15 बार हो तो यह अवस्था गंभीर हो सकती है। इस वजह से गर्भवती के शरीर में पानी की कमी, लवण का असंतुलन और वजन घटने जैसी समस्या होने लगती है।
किन कारणों से होती है दिक्कत?
- इसके होने का सही कारण अज्ञात है लेकिन गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ली जाने वाली दवाएं और साइकोलॉजी (गर्भवती की मानसिक अवस्था) का इससे संबंध है।
कई मामलों में महिला का डायबिटिक होना या गर्भ में जुड़वा बच्चों की आशंका हो तो भी अत्यधिक उल्टी आती है।
गर्भस्थ शिशु पर इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है?
- सामान्यत: इसका गर्भस्थ शिशु पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन समय पर इलाज न होने पर समय पूर्व प्रसव और गर्भस्थ शिशु कम वजन का पैदा होता है। बार-बार उल्टी से गर्भवती का वजन कम होने पर गर्भस्थ शिशु का विकास भी रुक सकता है। कुछ मामलों में जन्म के समय शिशु में स्नायुतंत्र से जुड़ी विकृति पाई जाती है।
क्या गर्भवती में इससे जटिलता बढ़ सकती है?
- समय पर इलाज न होने या उपचार में देर होने पर जटिलताएं बढ़ जाती हैं। जिसमें किडनी और लिवर में विकार होना मुख्य है। साथ ही महिला में मानसिक परेशानियों की आशंका बढ़ जाती है।
इसका इलाज क्या है?
- शरीर में पानी व लवण की कमी को दूर करते हैं। शुरू में डॉक्टर कुछ भी खाने के लिए मना करते हैं और धीरे-धीरे तरल पदार्थ, कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में देते हैं। काउंसलिंग कर गर्भवती को बताते हैं कि गर्भावस्था कोई बीमारी नहीं, एक प्राकृतिक अवस्था है। धीरे-धीरे सब सामान्य हो जाएगा। डॉक्टरी सलाह से उल्टी न आने की दवा भी ले सकती हैं।