जवान नर्स की वर्जिन चूत की पहली चुदाई – वर्जिन चूत चुदाई सेक्स स्टोरी
जवान नर्स की वर्जिन चूत की पहली चुदाई – वर्जिन चूत चुदाई सेक्स स्टोरी
जवान नर्स की वर्जिन चूत की पहली चुदाई – वर्जिन चूत चुदाई सेक्स स्टोरी : दोस्तों मेरा नाम सतीश हे और मैं मुंबई से हु. आज मैं आप लोगो के लिए इस साईट पर अपनी एक सेक्सी कहानी ले के आया हूँ.
मुझे रक्तदान करने की आदत हे. मेरा नम्बर बहुत लोगों के पास हे और अक्सर मुझे इमर्जन्सी में वो लोग खून देने के लिए बुलाते हे. और ऐसी ही हालत में मुझे अपनी इस सेक्स कहानी की हिरोइन मिली थी. उस दिन मैं अपनी ऑफिस में था. शाम का वक्त था और एक ब्लड बेंक से कॉल आया. उन्हें दुसरे दिन मोर्निंग में होनेवाली सर्जरी के लिए ब्लड की जरूरत थी. मैंने कहा मैं रात को 10 बजे तक आ सकता हूँ. तो सामने जो लेडी कॉल पर थी उसने कहा ठीक हे कोई बात नहीं आप 10 बजे आ जाना.
लेकिन मुझे काम में और भी लेट हो गया. 10 बजे मैंने ब्लड बैंक पर कॉल किया और उन्हें कहा की मुझे 11 बज सकते हे. मैंने खातरी करने के लिए कॉल किया था. उस वक्त नाईट शिफ्ट के स्टाफ ने कॉल उठाया और उसने कहा नो प्रॉब्लम ब्लड बैंक पूरी नाईट खुली रहती हे, आप आ जाना!
मैं अपन बाइक पर करीब 11:10 को पहुंचा. वहां पर एक 22-25 साल की लड़की थी जो नर्स थी. वो अकेली ही थी लेब के अन्दर. मैंने उस से कहा की मैं सतीश, वो हंस के बोली, आइये मैं आप ही की वेट कर रही थी. फिर उसने मुझ से रूटीन प्रश्न पूछे. फिर फॉर्म फिल-अप कर के सुई चुभा दी. खून लेते हुए वो मेरे पास ही बैठी हुई थी. मैं उसके सफ़ेद एप्रन में छिपे हुए नए नए उगे हुए बूब्स को देख रहा था. वो शायद वर्जिन थी, क्यूंकि वो बाल्स भी बिना टच हुए लगते थे. सफ़ेद एप्रन में जहाँ निपल्स का आकार बनना चाहिए वो जगह भी एकदम सपाट सी थी. मतलब अभी उसके निपल्स भी बहार को नहीं आये थे.
ब्लड देने के का काम निपटा के मैं घर चला गया. लेकिन उस लड़की के बारे में सोच के मुझे निंद नहीं आ रही थी. मैंने कॉल किया. उसने कॉल पिक किया. और उसने पूछा तो मैंने बोला की मैं सतीश. वो बोली क्या हुआ सर क्या आप को कुछ हेल्थ इश्यु हुआ हे. तो मैंने कहा नहीं बस तुम्हारे से बात करने का मन हुआ तो कॉल कर दिया. वो गुस्से तो नहीं हुई लेकिन एकदम प्रोफेशनल ढंग से उसने कहा की सर आप प्लीज़ ऐसे कॉल न करें. और उसने कॉल कट कर दिया.
फिर दुसरे दिन भी बिस्तर में पड़े पड़े मुझे उसके ही ख्याल आ रहे थे. मैंने फिर से कॉल किया. वही नाईट शिफ्ट में थी. उसने मुझे कहा आप क्यूँ मुझे ऐसे बार बार कॉल करते हो? प्लीज़ डोंट कॉल में सतीश.
मुझे पूरा एक हफ्ता लगा निधि (उसका नाम) भुलाने में. फिर एक दिन मुझे ब्लड बेंक से कॉल आया की आप का ईमेल आईडी दीजिये ताकि हम आप को ब्लड रिपोर्ट भेज सकें. वो उस नर्स का ही आवाज था. मैंने कहा आप नाईट में रहोगी तो मैं खुद ही ले लूँगा रिपोर्ट आप से. वो हंस के बोली ठीक हे आप आ जाना. मैं समझ गया की मैं चुदाई के करीब अपने कदम बढ़ा रहा था
मैं जानबूझ के 11 बजे के बाद ही गया. और इस नर्स के लिए एक बड़ा चोकलेट भी अपने साथ ले के गया. वो मुझे रिपर्ट दे के भगाने वाली ही थी. पर मैंने कहा अरे थोडा बैठ लेने दो न. वो हंस पड़ी और उसकी स्माइल में मुझे अपने लिए ग्रीन सिग्नल दिखा. मैंने उसके पास बैठते ही उसके बदन से एक मस्त महक महसूस की. वो बोली आप मेरे से क्या चैट करना चाहते थे?
मैंने थोडा बहुत पोजिटिव बोला उसके लिए और कहा की मैं आप को पसंद करता हूँ. वो बोली आप पागल हो.
फिर मैंने चोकलेट निकाल के उसे दे दिया. वो खाने लगी. मैंने कहा ये सफ़ेद कोट उतार दो ना. वो हंस के खड़ी हुई और उसने अपना एप्रन निकाल दिया.
उसका ड्रेस बदन से चिपका हुआ था और बूब्स सपाट से थे. उसका टमी एकदम अन्दर को था. पतली कमर और बदन से लेडीज़ परफ्यूम की खुसबू आ रही थी. उस रात कुछ खास नहीं हुआ. हालांकि मैंने पहल की थी. लेकिन जैसे ही उसकी जांघ पर हाथ लगाया वो भडक गई और उसने मुझे लेब से भगा दिया!
मैं मन ही मन खुद को कोस रहा था की बड़ी जल्दी कर दी. लेकिन रस्ते में जाते ही उसका कॉल आ गया तो दिल को तसल्ली हुई. वो रेग्युलर चेट करने लगी मेरे साथ. दिन हफ्ते निकलते गए और अब मैं उसके नाम की मुठ भी मारने लगा था. तलाश थी की एक सही मौका मिले और इस वर्जिन नर्स का बुर भोग लू! उसकी चेट सीधी होती थी, शायद उसे सेक्स का नोलेज नहीं था अभी.
और मुझे मौका मिला! जी हाँ मुंबई में उन दिनों बड़ी बारिश हुई थी. और आधे से ज्यादा शहर में पानी भर गया था. मैं भी अपनी ऑफिस में फंस गया था. उसका कॉल आया. मैंने बताया तो वो बोली की मेरा घर तुम्हारे ऑफिस से करीब ही हे, अगर चाहो तो मेरे घर आ जाओ. मैंने मन ही मन खुद से कहा की नेकी और पूछ पूछ! जब मैं उसके घर गया तो मैंने देखा की निधि एक रेंट पर लिया हुआ 1bhk था. वो अपने एक दोस्त के साथ रहती थी. और वो दोस्त भी कही बरसात में फंसी हुई थी!
वो एक नाईट ड्रेस में थी. मुझे निधि के घर जाने में 3 घंटे लगे जब की रस्ता सिर्फ 30 मिनिट का हे. जब मैं घर गया तो हमारे लिए खाना ही बना रही थी. बिजली नहीं थी और मैंने घर कॉल कर के बोल दिया की मैं किसी के वहां रुका हुआ हूँ. मैं चेयर में बैठे हुए उसको थेंक्स कह रहा था. फिर एकदम उसके करीब जा के मैंने कहा की मैं कुछ मदद कर दूँ?
उसने ख़ुशी ख़ुशी मुझे कुछ काम बताया जिसे हम दोनों ने मिल के खत्म किया. फिर खाने के बाद हम लोग बिस्तर में थे तो मैंने मजाक चालु कर दी. उसने तकिया उठा के मुझे मारा. मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया. वो छूटने के लिए छटपटा रही थी पर मैंने नहीं छोड़ा. वो मुझे पाँव से मार रही थी.
निधि थोड़ी देर छटपटाइ पर मैंने उसे नहीं छोड़ा. मैंने महसूस किया की वो गर्म हो रही थी. उसकी साँसे फूलने लगी थी और पेट का मूवमेंट भी बढ़ गया था. वो निचे देख रही थी और शांत सी हो गई थी. मैंने अपने होंठो को आगे बढ़ा के उसके गालों पर चुम्मा दे दिया. वो कुछ नहीं बोली और मेरी हिम्मत और बढ़ गई. अब की मैंने एक और चुम्मा दिया और उसके होंठो पर भी हलके से किस कर ली. वो कुछ नहीं बोली और अपनेआप को जैसे समर्पित कर दिया मुझे. मैंने हिम्मत से उसके कंधे को और गले के ऊपर भी किस करना चालू कर दिया. जब भी मैं उसे किस करता था उसकी सांस बढ़ जाती थी. फिर मैंने उसके कान की लोब को भी अपने होंठो से चूम लिया.
वो मेरी बाहों में घूम रही थी और मैं उसे चूत नहीं दे रहा था. अब मैंने थोड़ी हिम्मत दिखाई और अपने हाथ से उसके बूब्स को टच कर लिए. उसके निपल्स सिर्फ थोड़े बहार आये थे जिसका अहसास मुझे हथेली पर हुआ. जैसे ही हाथ उसके निपल्स को लगा उसके बदन में जैसे करंट सा दौड़ गया. निधि सिहर उठी और मैंने उसके होंठो को अपने होंठो से लगा के जोर से लिप किस किया. तब मेरा लंड खड़ा हो के उसकी जांघ को चिभ्ने लगा था. वो भी अब मेरा फुल सपोर्ट दे रही थी. बहार बरसात चालु थी और अन्दर हम दोनों के बदन एकदम गर्म हो गए थे.
मैंने अब उसके हाथ में मेरा लंड पकड़ा दिया. वो शायद पहली बार ही लंड को टच कर रही थी. किसी बच्चे के हाथ में नया खिलौना आ गया हो वैसे वो उसे टटोल रही थी. मैंने अपनी ज़िप खोल के पेनिस बहार निकाल के उसे दे दिया. वो लंड को हिलाने लगी. मैंने उसके टॉप को खोल के चुंचे बहार निकाले. उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी. वो शर्म से लाल हो रही थी. पर मैंने उसे ज्यादा देखा नहीं और अपने काम में लगा रहा. मैंने निधि के निपल्स को टच किया और उन्हें बहार लाने का ट्राय किया. जैसे ही निपल्स थोड़े बहार आये मैंने उन्हें अपने मुहं में भर लिए और उन्हें चूसने लगा. ये जवान नर्स पागल हो रही थी और मेरे लंड को उसने जोर से मुठ्ठी में दबा लिया और उसे नोंचने लगी.
मैं कुत्ते के जैसे उसके दोनों निपल्स को जोर जोर से चूसने लगा था. और फिर मैंने अपने एक हाथ को निचे उसकी पुसी पर रख दिया. उसकी चूत एकदम गर्म थी और उसके अन्दर से पानी निकल के उसकी फांको पर आ गया था. मैंने चूत की फांको को पर उंगलिया फेरी और वो मदहोश हो गई. मैंने चुतको थोडा घिसा और फिर धीरे से एक ऊँगली को अन्दर घुसा के क्लाइटोरिस को छेड़ना चालू कर दिया.
वो एकदम मदहोश हो गई थी. मेरा बड़ा मन था की वो मेरा लंड चुस्ती और मैं उसकी चूत को उसी वक्त चूस लेता. लेकिन मैं उसे पहले सेक्स में ज्यादा भडकाना नहीं चाहता था. इसलिए लंड चूसाने की बात उसे नहीं की.
अब मैंने उसके सब कपडे खोल दिए. वो शर्म से पानी पानी हो गई थी. मैंने उसकी जांघो को पकड के उसकी चूत को देखा. वो एक टाईट दरार सी थी. शायद किसी ने अन्दर अभी तक अपना लंड नहीं दिया था. मैंने उसकी टांगो को खोला और उसके ऊपर अपने होंठो को लगा दिया. वो मदहोश हो गई और आह्ह अह्ह्ह ऊऊ अह्ह्ह्ह कर बैठी. मैंने चूत के जी-स्पॉट को जीभ से ढूंढ के उसे चाटना चालू कर दिया. जब दो दांतों के बिच में उसकी क्लाइटोरिस को दबाई तो निधि पागल हो के जोर जोर से चिल्लाने लगी. मैंने उसकी गांड दोनों हाथ से पकड़ के खिंची और चूत के छेद में डीप तक अपनी जबान को घुसेड दी.
वो तडप उठी और बोली, अब मेरे से रहा नहीं जा रहा हे.
और वो जब ये कह ही रही थी तो मेरे मुहं में झड़ भी गई. मैं उसकी चूत के पानी को चाट के खड़ा हुआ. मेरा लंड एकदम मोटा हो गया था.
इस सेक्सी नर्स निधि ने अब लंड को पकड़ के सीधे अपने बुर के छेद पर लगा दिया. मैंने उसके कंधो को पकड लिया ताकि वो इधर उधर न हो सके. मैंने उसके चुन्चो को चाटा और निधि मदहोश थी तभी लंड का एक धक्का लगा दिया. वो जोर से चीख पड़ी क्यूंकि लंड का गर्म मजा उसे पहली बार जो मिला था. वो बोली, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह सतीश बहुत दर्द हो रहा हे प्लीज़ इसे निकाल लो ना. मैंने उसके होंठो को चूमने से पहले कहा डार्लिंग अभी एक मिनिट में बड़ा एजोय करोगी तुम.
मैंने उसे लिप किस दिया और उसके कंधे को जकड़े हुए ही शोल्डर्स और गालों पर किस कर लिया. एक मिनिट तक लंड को ऐसे ही रहने दिया मैंने. और फिर जब वो दर्द कम होने के सिग्नल देने लगी तो धीरे धीरे से लंड को धक्के देने चालू कर दिए.
निधि का दर्द कम हुआ और उसे मजा आने लगा था. वो भी अपनी गांड हिला के चुदवा रही थी. मेरा लंड उसकी टाईट चूत में फिट बैठ गया था. और उसकी चूत की फांको की पकड़ उसके ऊपर मस्त बनी हुई थी.
मैंने अब उसके कंधे को छोड़ दिए और उसके बूब्स को अपने हाथ में पकड़ लिए. निधि आह आह कर के अपने कुल्हे हिला रही थी.
मैंने उस जवान नर्स की वर्जिन चूत को बुरी तरह दबा कर के चोदा और फिर अपने कामरस को उसके बुर में ही छोड़ दिया. उसकी चूत इतनी टाईट थी की मेरे लंड में चुदाई के बाद दर्द होने लगा!