क्लासरूम में टीचर मम्मी की चूत फट गई – टीचर मम्मी की चुदाई

क्लासरूम में टीचर मम्मी की चूत फट गई – टीचर मम्मी की चुदाई

Bubblecum In The Classroom Free Full HD Porn & Video With Xander Corvus XXX Nude Fucking Pic00010

क्लासरूम में टीचर मम्मी की चूत फट गई – टीचर मम्मी की चुदाई : मम्मी की चूत चुदाई की कहानियाँ,माँ की सामूहिक चुदाई,अन्तर्वासना की हिंदी ग्रुप सेक्स कहानी,मम्मी की चूत फट गई,Mummy ki chudai xxx hindi group sex kahani,Samuhik chudai ki story,Indian xxx hardcore group sex Hindi Adult Story,

मेरी मम्मी का नाम मोनिका है. मैं अपनी मम्मी के साथ अकेला रहता हु. मेरे पापा एक ऍमएनसी में जॉब करते है और यूऍसऐ में रहते है. साल में १-२ बार ही घर आते है. यह भी देखे >> हनीप्रीत रंडी के बोबे दबा दबा कर फुला डाले फोटो में देखे – सेक्स के लिये हनी प्रीत …मम्मी एक गवर्नमेंट टीचर है और मैं मम्मी के साथ स्कूल कि टीचर कॉलोनी में रहता हु.देखने में मम्मी बहुत सुंदर और सेक्सी है. मम्मी कि ऐज ३७ है, पर वो २७ कि लगती है. उनकी जवानी अभी भी भरी पड़ी थी. मम्मी का शरीर पूरा मांस से भरा हुआ है. मम्मी का रंग बहुत ही फेयर है और बाल भी बहुत लम्बे है. मम्मी की कमर बहुत पतली है और हिप्स बहुत वाइड और मोटी है, फुटबॉल कि तरह और पीछे कि तरफ निकले हुए है. मम्मी के बूब्स बहुत टाइट और बड़े नुकीले आम कि तरह है. मम्मी सलवार सूट ही पहनती है और उनके मम्मे इतने बड़े है, कि कमीज़ बहुत टाइट हो जाती है और मुम्मे बाहर की तरफ निकले रहते है.

मम्मी का पेट थोड़ा सा बाहर और चुतड बहुत पीछे को निकले हुए है. एकदम बेले डांसर की तरह. और मम्मी की सलवार पीछे से थोड़ी घोड़ी कि तरह पीछे को निकली रहती है, जो बहुत ही सेक्सी लगती है.मम्मी स्कूल कि सबसे सेक्सी टीचर है और बायोलॉजी पढ़ाती है. स्कूल की बाकी मैडम मम्मी से जलती है और स्कूल के बाकी टीचर मम्मी के साथ बहुत हंसी-मजाक और डबल मीनिंग में बातें करते है. पर मम्मी भी उनके मजाक को मजाक ही समझती और खुद भी थोड़े मज़े ले लेती है. कुछ मास्टर तो मम्मी को ये भी कह देते थे कि “मैडम, हमें भी रिप्रोडक्शन सिखा दो, बच्चो को तो पढ़ाती हो ही”. कई शरारती स्टूडेंट तो क्लास में ये जानबूझकर पूछ लेते. “कि मैडम ये विजिना क्या होती है? थोड़ा क्लियर कर दो.” मम्मी इन सब बातों से नाराज़ नहीं होती थी, उल्टा खुश होती थी.मम्मी शाम को घर पर स्टूडेंट को टूशन भी पढ़ाती थी और ४ लड़के आते थे. वो मम्मी के मम्मो को घूरते रहते थे और कभी- कभी तो टच भी कर लेते थे. पर मम्मी कुछ भी नहीं बोलती थी, क्युकि मम्मी को भी इसमें मज़ा आता था. मम्मी तो खुद भी अपनी प्यास बुझवाना चाहती थी. कई बार तो वो लड़के चलते- चलते मम्मी के चुतड से हाथ टच कर देते थे. पर मम्मी कुछ नहीं कहती थी. मम्मी चाहती थी, ये कहानी आप नीऊ चुदाई की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।कि कोई उसे ताबड़तोड़ चोदे. उसे चुद्वाए हुए बहुत टाइम हो गया था. पर टूशन के लड़के बस टच ही करते थे. उससे आगे नहीं बड़ते थे. मेरा रूम मम्मी के रूम के साथ ही था और मैं वेंटिलेटर से सब देखता रहता था. टूशन पर मम्मी जानबूझकर सेक्सी और टाइट कपड़े पहनती थी. सलवार हमेशा चूतडो के बीच फसी होती थी और मम्मे कमीज़ से बाहर निकले होते थे और वो जानबूझकर ब्रा भी नहीं पहनती थी. मम्मी हमेशा लडको को सिड्यूज़ करने कि कोशिश करती रहती थी और वो भी बहुत मज़े लेते थे. पर इससे आगे वो कभी नहीं बढे.

एकदिन कि बात है, जब मम्मी उन्हें ह्यूमन रिप्रोडक्शन का चेप्टर पढ़ा रही थी. तो मम्मी ने उन्हें वेजिना और पेनिस का डायग्राम बनाने को कहा. वो भी मुस्कुराते हुए बनाने लगे. फिर अचानक मम्मी ने उनसे पूछा, कि तुम्हे पता है कि विजिना और पेनिस कहाँ होते है? और उससे इंटरकोर्स कैसे होता है? लड़के हरामी थे, पर बोले – “नहीं मैडम, हमें नहीं मालूम. ये कहानी आप नीऊ चुदाई की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।आप प्लीज बता दो”.मम्मी कि आँखों में चमक आ गयी और मम्मी ने कहा – ठीक है. पर प्रॉमिस करो, कि ये बात किसी और को नहीं बताओगे. लडको ने हँसते हुए प्रोमिस किया. मम्मी ने सबसे पहले तो उठकर रूम का दरवाजा लॉक किया. फिर मम्मी अपनी चेयर पर आ कर बैठ गयी. मम्मी ने एक लड़के को अपने पास बुलाया और कहा – अपने कपड़े उतारो. वो लड़का घबरा गया और बोला – क्यों? मम्मी ने कहा – डरो मत. बस एक डेमो दूंगी. पर वो नहीं माना पर बोला – मुझे शर्म आती है. तो मम्मी ने बाकी ३ लडको को भी कहा – अपने सारे कपड़ो को उतार दो. तो सब मान गये. सबने अपने कपड़े उतार दिए और नंगे हो गये. सब लडको के पेनिस ढीले थे. फिर भी सब ५ इंच से बड़े थे. मम्मी अपनी चेयर से उठी और एक लम्बी साँस लेकर बोली – मैं आज तुम्हे ह्यूमन रिप्रोडक्शन के बारे में सिख दूंगी. मम्मी के बूब्स टाइट हो गये थे और निप्पल हार्ड होने लगे थे. वो सब नज़ारा कमीज़ से बाहर दिखने लगा था.मम्मी ने चारो लडको को एक घेरे में खड़ा किया और खुद सेण्टर में आ गयी. मम्मी ने एक लड़के का ढीला लंड हाथ में पकड़ा और सहलाने लगी. “इसे कहते है पेनिस..”. उस लड़के को बहुत मज़ा आ रहा था और वो मुस्कुराते हुए बोला – अच्छा, हम तो इसे लंड और लौड़ा बोलते है.

मम्मी – पागल, इंलिश में इसे पेनिस ही बोलते है.

अब तक मम्मी के कोमल हाथो के सहलाने से उसका लंड खड़ा हो चूका था. दुसरे लड़के ने पूछा.

लड़का २ – मैडम, ये टाइट क्यों हो गया?

मम्मी – ये बहुत सेंसटिव होता है और सेक्सुअलिटी एक्साइट होने पर इसमें ब्लड का फ्लो बहुत तेज हो जाता है. जिससे ये इरेक्ट हो जाता है और इरेक्ट पेनिस ही इंटरकोर्स कर सकता है, ढीला नहीं.

लड़का ३ – वो क्यों?

मम्मी – क्योंकि, विजिना बहुत टाइट होती है. लूज पेनिस उसके अन्दर घुस नहीं पाता.

लड़का ३ – मैडम, विजिना कैसी होती है?

मम्मी मुस्कुराते हुए बोली – वो भी बताउंगी.

मम्मी ने अपनी रेड कमीज़ उतारी और साइड में रख दी. मम्मी के मम्मे एकदम आजाद हो गये थे. मम्मी ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी और उनके दूध जैसे गोरे चुचे बहुत मोटे और सेक्सी थे. फिर मम्मी ने अपनी ब्लू सलवार का नाडा खीचा, तो सलवार नीचे गिर गयी. मम्मी ने उतार कर साइड में रख दी. मम्मी कि मोटी थाई और हिप बहुत सेक्सी लग रहे थे. सभी लडको के लौड़े खड़े हो चुके थे. वो सब के सब लगभग ७ इंच लम्बे थे. फिर मम्मी ने अपने बूब्स दबाये और बोली – इन्हें ब्रैस्ट कहते है. इनमे मम्मरी ग्लांड्स होते है. जिसमे से दूध निकलता है और छोटे बच्चो को दूध पिलाया जाता है. ये सब देखकर लडको का मुह खुला रह गया.फिर मम्मी ने अपनी ब्लैक पेंटी भी निकाल दी और साइड में रख दी. मम्मी अब बिलकुल नंगी थी. मम्मी की चूत सबके सामने थी. उसके ऊपर एक भी बाल नहीं था और अन्दर से गुलाबी रंग था. मम्मी ने अपनी चूत को फैलाते हुए बोला –

मम्मी – ये है विजिना.

लड़का १ – मैडम, हिंदी में क्या कहते है?

मम्मी (थोड़ा शरमाते हुए) – चूत या…. भोसड़ी या…. बुर या… योनी.

सब लड़के मुस्कुरा रहे थे.

मम्मी टेबल के ऊपर लेट गयी और अपनी गुलाबी चूत के ऊपर का मांस पकड़ कर फैला लिया और ऊपर के दाने को टच करके बोली – इसे क्लिटोर्स कहते है. ये बहुत सेंसटिव होता है.फिर, मम्मी ने अपनी चूत फैलाई और पेशाब वाले छेद के ऊपर ऊँगली रखकर बोली – ये “यूरेथ्रल ओपनिंग” है. इससे औरते पेशाब करती है.

लड़का – मैडम, क्या इसी में पेनिस को इन्सर्ट करते है?

मम्मी – नहीं… पागल. इसमें नहीं. नीचे करते है.

फिर, मम्मी ने चूत के छेद में ऊँगली डाली और बोली ये वेजिनल ओपनिंग है और इंटरकोर्स के दौरान इसमें लंड… सॉरी… आई मीन पेनिस डालते है.सब लडको के लन्ड़ो में से बूंद- बूंद चिपचिपा लिक्विड सा निकल रहा था.एक लड़के ने पूछा- मैडम, ये हमारे पेनिस से क्या निकल रहा है?

मम्मी – ये स्पर्म है.. जब ये स्पर्म चूत… आई मीन विजिना… में जाता है तो उसे कोपुलेशन यानी सेक्सुअल इंटरकोर्स कहते है और उसे से बच्चे पैदा होते है.

लड़का ४ – मैडम, एक बाद इंटरकोर्स करके बता दो.

मम्मी – पागल.. इंटरकोर्स अकेले नहीं होता. उसके लिए आदमी की जरूरत होती है.

लड़का – यहाँ तो ४-४ है.

मम्मी हंसने लगी और बोली – ठीक है. तुम इधर आओ और अपना पेनिस मेरी वेजिना में डालो और जोर से धक्का मारना.

लड़का – धक्का क्यों?

मम्मी – धक्का मारने से स्पर्म डिस्चार्ज हो जाता है और ….

लड़का – और क्या?

मम्मी – और मज़ा आता है… तभी तो लोग चुदाई .. आई मीन सेक्स करते है.

मम्मी पूरी गरम हो चुकी थी और अपने होठो से अपनी लिप्स काट रही थी और मोअन कर रही थी. मैं वेंटिलेटर से छुपकर सब देख रहा था. ये कहानी आप नीऊ चुदाई की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।लड़का मम्मी के पास गया और खड़ा हो गया.मम्मी बोली – “बुद्दू, चूत के ऊपर अपना लंड रखो”. लड़के ने अपना लंड चूत के ऊपर रखा और धक्का मारने लगा. पर उसका लंड अन्दर नहीं जा रहा था और बार- बार स्लिप हो कर बाहर आ रहा था.मम्मी – लगता है. तुम्हारा पेनिस लुब्रिकेट करना पड़ेगा. फिर मम्मी ने ढेर सारा थूक उसके लौड़े पे डाला और एकदम से लौड़ा मुह में डाल लिया. लड़के को बहुत मज़ा आया और वो आँखे बंद करके मज़ा ले रहा था. मम्मी उसका लंड ऐसे चूस रही थी, जैसे कि आइसक्रीम हो. सब लड़के ये देखकर मुठ मारने लगे. ५ मिनट तक मम्मी ने उसका लौड़ा चूसा और मुह से बाहर निकाल दिया. उसका लौड़ा बाहर निकला, तो वो मम्मी के थूक से चमक रहा था और काफी बड़ा हो गया था.अब मम्मी ने उसका लंड अपने हाथ में पकड़ा और अपनी चूत के ऊपर रख दिया और बोली अब धक्का मारो जोर से.. लड़के ने पूरा जोर लगाकर धक्का लगाया और उसका लंड मम्मी की चूत के अन्दर चले गया. मम्मी चिल्ला उठी..मम्मी – अहहहहहाहा… ऊऊउईईईइ.. माँआआआअह्हह्हह्ह…. मर गयीईईईइ…

लड़का – क्यों, दर्द हो रहा है क्या?

मम्मी – नहीं… नहीं. तुम्हारा बहुत बड़ा है. बड़ी मुश्किल से फिट आ रहा है. इतना बड़ा कभी मेरी चूत में गया नहीं… पर मज़ा आ रहा है… तुम रुको मत… और जोर से धक्के मारो.. और जितना अन्दर घुसा सकते हो … उतना अन्दर डालो. जिससे तुम्हारा स्पर्म मेरे एग तक पहुच जाए और उसे फेर्तिलिज़ कर पायेगा.. और तब जाकर मैं प्रेग्नेंट हो पाऊँगी और बच्चा पैदा होगा.थोड़ी देर धक्के मारने पर मम्मी पूरी मस्त हो गयी थी और गंदी बाते करने लगी थी. मम्मी – चोदो मुझे… येह्ह्हह्ह्ह्ह .. फक मी हार्डर… फक मी…. फाड़ दो ये चूत… अहहः अहहहः हम्म्म्म थप.. थो …थप..थप थप थप … प्रेग्नेंट कर दो मुझे… येह्ह्ह्हह्ह… आज इस रांड की प्यास बुझा दो… कुतिया कि तरह चोदो…ये चूत बहुत दिनों से प्यासी है… अपने वीर्य से इसकी पयस बुझा दो..येह्ह्ह्हह्ह.. ऊऊउह्ह्ह..ह्ह्ह्हह्ह आहाह्ह्ह्हह्ह…. साले चूतिये.. और जोर से मार ना…

लड़के जोश में आ गये थे और बड़ी तेजी से मम्मी की चूत मारने लगे. मम्मी को बहुत मज़ा आ रहा था और वो उसके धक्को के साथ मोअन कर रही थी.. अहहहः अहहहः हहहः उफुफुफुफुफुफ़.. येह्ह्हह्ह. ६ मिनट बाद उसका माल निकल गया और उसने अपना सारा स्पर्म मम्मी की चूत में डाल दिया. उसे बहुत मज़ा आया. फिर उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया. मम्मी ने एक हेन्की से अपनी चूत साफ़ कि और बोली – चलो, सब बारी- बारी से मेरे साथ प्रैक्टिकल करो. ये कहानी आप नीऊ चुदाई की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।आज हम पूरा दिन प्रैक्टिकल करेंगे.फिर, बाकी लडको ने भी बारी- बारी से मम्मी को इसी तरह से चोदा और अपना स्पर्म अन्दर ही डाल दिया. उन सब के चोदने से मम्मी बहुत थक गयी थी. एंड में मम्मी ने अपनी चूत साफ़ की और लडको को बोली – अब तुम चारो जाओ. बाकी कि क्लास कल. वो दिन तो बस शुरुवात थी. उसके बाद तो मम्मी रोज इसी तरह मज़े लेती. कुछ दिनों बाद, मम्मी ने लडको को गांड मारना सिखाया और अपनी गांड भी मरवाई. उस दिन, लडको ने मम्मी कि गांड से खून निकाल दिया, क्योंकि, उनकी गांड का छेद बहुत टाइट था.धीरे- धीरे मम्मी की क्लास बहुत पोपुलर होने लगी और लड़के भी बढ़ने लगे. अब तो बड़े-बड़े लड़के आने लगे. अब तो टूशन क्लास रंडी खाना बन गया था. ४ बैच में लड़के आते थे और हर बैच में ४-५ लड़के होते.

सबसे मम्मी अपनी चूत फटवातीऔर लौड़ा चूसती. कभी- कभी तो सारे लड़के एक साथ मम्मी को बेरहमी से चोदते. एकदिन तो मम्मी की चूत में लडको ने २ लंड डाल दिए. उस दिन मम्मी की चूत फट गयी और खून भी निकला और चुदाई चलती रही. इसी तरह अक्सर मम्मी कि गांड में लड़के २ लंड डाल देते. जब ऐसा उन्होंने पहली बार किया, तो गांड फट गयी थी और खून भी निकला और कुछ देर के लिए मम्मी बेहोश भी हो गयी थी. बाद में, सब नार्मल हो गया. मम्मी की चूत अब अभूत खुल चुकी थी और सूज गयी थी. लडको ने मम्मी के मम्मे चूस- चूस कर बहुत ही बड़े और चुतड मार- मार कर बहुत बड़े कर दिए और पीछे को निकाल दिए थे. ज्यादातर वो मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदते थे, इसलिए सब लडको ने मम्मी के मोटे चुतड के कारण उनका निक नेम घोड़ी ही रख दिया था.

अब तो लड़के जब भी घर आते है. सो सीधा मुझसे पूछते है, कि घोड़ी कहाँ है हमारी? मैं कहता हु – नहा रही है. तो वो सीधा ही बाथरूम में घुस जाते है और घोड़ी बनाकर बहुत रफ़ली चोदते है. अगर, मैं कहू तो किचन में है, तो वो वहीँ जाकर पीछे से सलवार उतार कर चोद देते है. मम्मी ने मुझसे भी बहुत बार चुदवाया है.. ये कहकर कि अपने पापा को मत बताना ये सब. स्कूल में भी अक्सर कई टीचर और स्टूडेंट मम्मी के केबिन में जाकर मम्मी को फक करते रहते है. एक दिन तो चपरासी भी मम्मी को केबिन में घोड़ी बनाकर चूत मार रहा था. इस तरह मेरी मम्मी एक रंडी बनी और चुद्वाती है.कैसी लगी हम डॉनो मां की सेक्स स्टोरी , रिप्लाइ जररूर करना

क्लासरूम में टीचर मम्मी की चूत फट गई – टीचर मम्मी की चुदाई