अंकल का साँप और मेरा बिल Hindi Sex Stories सेक्स कहानियाँ

अंकल का साँप और मेरा बिल Hindi Sex Stories सेक्स कहानियाँ

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अंकल का साँप और मेरा बिल Hindi Sex Stories सेक्स कहानियाँ : हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पूजा है और मेरी उम्र 24 साल है और पंजाब की रहने वाली हूँ antarvasna Kamukta hindi sex stories indian sex chudai Kahania मेरे घर में पापा, मम्मी और मेरी एक छोटी बहन जिसका नाम अन्नू है और उसकी उम्र 22 साल है। मेरा एक छोटा भाई भी है जिसका नाम विक्की और उसकी उम्र 20 साल है। में मेरे घर में सबसे बड़ी हूँ और कुछ सालों पहले अपनी पढ़ाई भी पूरी कर चुकी हूँ। दोस्तों मेरा रंग बहुत गोरा एकदम दूध जैसा सफेद और मेरे फिगर का आकार 36-26-34 है। में दिखने में बहुत सुंदर हूँ और जब में अपने कॉलेज में थी तब मुझे मेरे साथ के बहुत सारे लड़के लाईन मारा करते थे, लेकिन में कभी भी उनके झांसे में नहीं आती थी और वैसे मेरे वहां पर बहुत सारे पक्के दोस्त भी और उनकी नजरे हमेशा मुझ पर ही टिकी रहती थी, वो हमेशा मेरे गदराए बदन को घूर घूरकर देखा करते थे और दोस्तों मैंने यहीं के एक बहुत अच्छे कॉलेज से अपनी इंजिनियरिंग तक की पढ़ाई पूरी की है और में अपनी पढ़ाई में भी बहुत अच्छी थी। ( अंकल का साँप और मेरा बिल Hindi Sex Stories सेक्स कहानियाँ ) दोस्तों में अब आप सभी लोगों का ज्यादा समय खराब ना करते हुए सीधे अपनी आज की सच्ची कहानी पर आती हूँ और आप सभी कामुकता डॉट कॉम के चाहने वालों को पूरी विस्तार से अपनी वो घटना सुनाती हूँ जिसने मेरा पूरा जीवन ही बदल दिया, वो मेरा पहला सेक्स अनुभव यादगार बन गया। दोस्तों यह घटना पिछले साल की है जब मैंने एक साल दिल्ली में रहकर ट्रैनिंग की थी, तब यह घटना मेरे साथ घटित हुई जिसको में आज भी नहीं भुला सकी, वो समय मुझे आज भी बहुत अच्छी तरह से याद है और मैंने उसका पूरा पूरा मज़ा लिया आज में उसको आप लोगों को बताने जा रही हूँ और मुझे पूरी उम्मीद है कि यह आप सभी लोगों को वो मज़ा जरुर देगी।

दोस्तों मैंने दिल्ली में किराए पर एक रूम ले लिया था और में उस समय फरीदाबाद में रहती थी। में पहले दिन अपनी ट्रैनिंग पर चली गई और मुझे वहां पर जाने के बाद पता चला कि मुझे अमित नाम के एक अंकल से मिलकर उन्हें अपनी पूरी रिपोर्ट देने के लिए बोला गया है इसलिए में उनके पास चली गई। ( अंकल का साँप और मेरा बिल Hindi Sex Stories सेक्स कहानियाँ ) दोस्तों मैंने उस समय सफेद रंग का टॉप, जींस पहनी हुई थी में उन कपड़ो में बहुत हॉट सेक्सी दिख रही थी और फिर में जैसे ही उनके केबिन के दरवाजे पर पहुंची तो मैंने थोड़ा सा दरवाजा खोलकर अंदर झांककर उनसे आवाज देकर पूछा कि सर क्या में अंदर आ सकती हूँ? तो उन्होंने मेरी तरफ अपनी नजर उठाकर बोला कि हाँ आप अंदर आ जाए और फिर में उनके कहते ही तुरंत अंदर चली गयी और अब उन्होंने मुझे करीब पांच मिनट तक ऊपर से नीचे तक लगातार घूरकर देखा वो मुझे ऊपर से नीचे तक लगातार अपनी खा जाने वाली नजर से देखते रहे और उनका ऐसे देखने का तरीका मुझे बहुत अजीब सा लगा। मैंने अपनी नजर शरम से थोड़ी नीचे झुका ली थी और फिर कुछ देर बाद वो मुझे देखकर मेरी तरफ मुस्कुराने लगे और अब उन्होंने मुझसे पूछा।

अंकल : हाँ बताओ आपको मुझसे क्या काम है?

में : सर में यहाँ पर ट्रैनिंग के लिए आई हूँ और मुझे बताया गया है कि में सबसे पहले आप ही से मिल लूँ।

अंकल : ओह तुम्हारा यह बहुत अच्छा विचार है, ठीक है चलो अब तुम बैठ जाओ तुम मेरे साथ रहोगी तो मुझे भी मेरे काम में बहुत मदद हो जाएगी।

में : हाँ सर, आप जो भी काम मुझसे बोलोगे में वो सब करूँगी। आपको कभी किसी काम के लिए मना नहीं करूंगी।

अंकल : शरारती हंसी हंसते हुए बोले क्या तुम कुछ भी करने के लिए तैयार हो?

में : ( दोस्तों मुझे उनका मुझसे यह बात पूछने का तरीका और उनके चेहरे की वो हंसी बहुत अजीब सी लगी और शायद मैंने भी उनसे ना समझते हुए उनको ऐसा जवाब दे दिया, जिसका मतलब उन्होंने गलत निकाल लिया था और उसी बात को सोचकर वो मुझसे यह सब बोलने लगे थे। ) हाँ आप यह जो भी काम मुझसे बोलोगे वो सब।

अंकल : हाँ हाँ ठीक है, अब तुम मुझे यह बताओ कि तुम्हारा नाम क्या है?

में : जी सर, मेरा नाम पूजा है।

अंकल : ठीक है तो मेडम पूजा जी अब आप मुझे बताए कि आपकी क्या क्या रूचि है?

में : सर जी मुझे घूमना फिरना और गेम खेलना बहुत अच्छा लगता है वैसे मुझे और भी काम अच्छे लगते है, लेकिन मेरी उनमे ज्यादा रूचि नहीं है।

अंकल : चलो अब यह बताओ कि क्यों तुम कौन कौन से खेल खेलती हो और तुम्हे कौन सा खेल ज्यादा पसंद है?

में : जी में सबसे वीडियो गेम्स बहुत खेलती हूँ और वो सभी गेम मुझे बहुत अच्छे लगते है।

अंकल : ठीक है चलो आप यहाँ पर खेल खेलने आई हो या काम करने।

में : जी अंकल मुझे यहाँ पर काम सीखना है, गेम तो में अपने घर पर भी खेल सकती हूँ।

दोस्तों सच पूछो तो में मन ही मन बहुत खुश थी, लेकिन मुझे उसके आगे की सच्चाई के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं था। मुझे क्या मालूम था कि इसके आगे मेरे साथ क्या सब कुछ होने वाला था? वो मुझसे दो मतलब की बातें करते, लेकिन में नादान ना समझ उनकी बातों का साफ साफ मतलब ना समझ सकी और में धीरे धीरे उनके जाल में फंसती चली गई।

अंकल : चलो फिर हम हमारा काम करते है और तुम मेरे साथ रहोगी तो में तुमको सभी कामों में एकदम अनुभवी बना दूँगा, लेकिन जब तुम मेरा कहना मानोगी, मेरे कहने पर चलोगी, मेरे साथ हर काम करोगी, किसी भी काम के लिए मना नहीं करोगी तब जाकर तुम्हे कुछ सीखने को मिलेगा और तुम एक अनुभवी बनोगी। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

दोस्तों उसके बाद अंकल ने मुझे काम के बारे में बताया, लेकिन वो हर बार मुझे ही देखे जा रहे थे। फिर कुछ देर बाद मैंने भी उनकी इस हरकत पर ज्यादा ध्यान देना बंद कर दिया में अपने काम पर ध्यान देने लगी और कुछ घंटे वहां पर बिताने के बाद में मन ही मन बहुत खुश होकर अपने रूम पर आ गई और मेरे उनके साथ करीब 10-15 दिन तो ऐसे ही निकल गये, जिनका मुझे पता ही ना चला, लेकिन में अपने उस काम को लेकर मन ही मन बहुत खुश भी थी क्योंकि मुझे अब वो काम थोड़ा सा समझने में भी आने लगा था और में कुछ सीख गई थी जिसकी वजह से मुझे वहां पर बहुत अच्छा लगने लगा था। फिर एक दिन मेरी छुट्टी थी इसलिए में एक मॉल में चली गई, क्योंकि मुझे कुछ सामान लेना था और उस दिन मैंने लाल कलर का बिल्कुल टाइट टॉप और छोटी स्कर्ट पहनी हुई थी, जिसकी वजह से मेरे एकदम गोल बूब्स और भी ज्यादा तनकर बाहर की तरफ उभर रहे थे और मेरी उस छोटी स्कर्ट से मेरे गोरे चिकने पैर और भी सुंदर आकर्षक दिख रहे थे, ( अंकल का साँप और मेरा बिल Hindi Sex Stories सेक्स कहानियाँ ) जिनको देखकर हर कोई मेरी तरफ आकर्षित हो जाए और वहां पर सभी की नजर मुझ पर ही टिकी हुई थी और मेरा सेक्सी बदन उस समय बहुत अच्छा दिख रहा था और जिसकी वजह से हर कोई मुझे पलट पलटकर देख रहा था। तभी अचानक से मुझे वहां पर वो भी अंकल मिल गये। मेरा उन पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं था में अपने काम में लगी हुई थी, लेकिन उन्होंने मुझे देख लिया और फिर उन्होंने मुझे देखकर आवाज़ लगाई पूजा।

में : अरे अंकल आप यहाँ नमस्ते।

तब मैंने गौर किया कि अंकल ने मुझे बहुत ही सेक्सी अंदाज से देखा और वो बार बार मेरे गोरे, चिकने, मुलायम पैर मेरी उभरी हुई गोरी छाती को घूर घूरकर देख रहे थे और ना जाने उनके मन में मेरे लिए पहले दिन से ही ऐसा क्या चल रहा था? जिसकी वजह से वो हमेशा मुझे ऐसे ही देखते थे।

अंकल : हाँ में यहाँ, लेकिन यह सवाल तो मुझे तुमसे पूछना चाहिए था, वाह क्या बात है? पूजा तुम तो आज बहुत ही सुंदर लग रही हो।

पूजा : सर जी मेरी इतनी तारीफ करने के आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

अंकल : लेकिन तुम अकेली यहाँ पर क्या कर रही हो?

पूजा : सर वो मुझे कुछ सामान लेना था इसलिए में यहाँ पर चली आई और अब मैंने वो सब ले लिया है इसलिए अब में अपने रूम पर जा रही हूँ, ठीक है सर अब में चलती हूँ।

अंकल : हाँ ठीक है, लेकिन तुम्हारा रूम कहाँ है, तुम रहती कहाँ हो?

पूजा : जी मेरा रूम फरीदाबाद में है और में वहां पर किराए से एक कमरा लेकर रहती हूँ।

अंकल : अरे वाह में भी वहीं पर रहता हूँ, चलो में तुमको तुम्हारे कमरे तक छोड़ दूँगा, तुम चलो मेरे साथ।

पूजा : ओह सर आपका बहुत बहुत धन्यवाद आप मेरे बारे में कितना सब सोचते है।

फिर हम दोनों वहां से अंकल की कार में बैठकर निकल गये और कुछ देर बाद मैंने देखा कि अंकल की आखें अब भी मेरे नंगे गोरे पैरों पर ही थी और वो किसी बहाने से मेरे हाथ को छू रहे थे और मेरे एकदम गोल बड़े आकार के बूब्स को खा जाने वाली नजर से घूर रहे थे। उनका ध्यान गाड़ी चलाने पर कम, लेकिन मुझे घूर घूरकर देखने में ज्यादा था इसलिए उनके ऐसे देखने की वजह से मुझे बहुत शरम आ रही थी, क्योंकि यह सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था, वो बहुत शरारती हंसी हंस रहे थे। ( अंकल का साँप और मेरा बिल Hindi Sex Stories सेक्स कहानियाँ ) तभी कुछ देर बाद अंकल मुझसे बोले कि पूजा क्या में तुमसे एक बात कहूँ, तुम्हे मेरी बात का बुरा तो नहीं लगेगा? तब मैंने कहा कि हाँ बोलिए ना और तब अंकल ने मुझसे कहा कि तुम्हारे यह पैर बहुत ही गोरे, सुंदर आकर्षक है। फिर मैंने उनसे बोला कि सर मेरी इतनी तारीफ करने के लिए आपका बहुत धन्यवाद और फिर हम दोनों बातें करते करते मेरे रूम पर पहुंच गये, लेकिन उनका मुझे देखना अब भी बंद नहीं हुआ।

पूजा : सर जी आप मेरे साथ चलिए ना चाय पीकर चले जाना और में आपका ज्यादा समय खराब नहीं करूंगी।

अंकल : हाँ चलो ठीक है पूछने के लिए धन्यवाद।

दोस्तों मेरा रूम तीसरी मंजिल पर है इसलिए हमने लिफ्ट ली और जैसे ही हम दूसरी मंजिल पर पहुंचे तो अचानक से लाइट चली गयी और में बहुत डर गई।

पूजा : ओह भगवान लाइट चली गयी, अब क्या होगा?

अंकल : डरने की कोई बात नहीं है, अभी आ जाएगी और तुम इतना क्यों डर रही हो, में हूँ ना तुम्हारे साथ।

पूजा : हाँ सर ठीक है।

दोस्तों तभी थोड़ी देर बाद मुझे मेरी गांड पर कुछ चुभने लगा और में उसकी गर्मी और आकार से तुरंत समझ गई कि यह अंकल का लंड है, वो अब लाइट चले जाने का फायदा उठाकर मेरे पीछे आकर खड़े हो गए थे और अब उन्होंने मेरे साथ यह सब गंदी हरकते करना शुरू कर दिया था, जिसकी वजह से मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था, लेकिन में उनसे क्या कह सकती थी? क्योंकि में बहुत मजबूर थी और इसलिए में अब थोड़ा सा आगे की तरफ सरक गई, जिसकी वजह से हम दोनों के बीच में थोड़ी दूरी बन गई थी, लेकिन थोड़ी ही देर बाद मुझे एक बार फिर से उनका लंड दोबारा चुभने लगा और इस बार वो और ज्यादा करीब महसूस हुआ, लेकिन इस बार मुझे भी लंड का वो स्पर्श थोड़ा सा अच्छा लगने लगा था। ( अंकल का साँप और मेरा बिल Hindi Sex Stories सेक्स कहानियाँ ) फिर अंकल ने मेरे विरोध ना करने की वजह से और ज़ोर से लंड को मेरी गांड पर रगड़ा और अब अंकल मेरी स्कर्ट को ऊपर करके मेरी पेंटी के ऊपर से लंड को रगड़ते रहे। उनका लंड मेरी गोरे मुलायम चूतड़ पर अपनी गरमी का अहसास दे रहा था और अब में भी उनके साथ साथ मज़ा लेने लगी। फिर करीब पांच मिनट यह सब होने के बाद लाइट आ गयी और अंकल ने अपने लंड को तुरंत अपनी पेंट के अंदर किया और जल्दी से मेरी स्कर्ट को भी छोड़ दिया।

पूजा : ओह भगवान का शुक्र है कि लाइट आ गई।

अंकल : हाँ जो भी हुआ ठीक ही हुआ।

पूजा : अंकल अभी मुझे कुछ चुभ रहा था, पता नहीं वो ऐसा क्या था, लेकिन बहुत अजीब था।

अंकल : सांप होगा।

पूजा : हाँ ठीक वैसा ही था हाहाहा।

फिर हम रूम के अंदर पहुंचे, लेकिन तभी अंकल का फोन बजने लगा और अंकल ने बात करना शुरू किया और फिर उनकी बात खत्म होने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे अब जाना होगा, कुछ जरूरी काम है और वो मेरे साथ कुछ मिनट ही रुककर वापस चले गये। फिर उसके अगले दिन में अपने ऑफिस चली गई और आज मैंने सफेद कलर का टॉप जिसका गहरा गला और लंबी स्कर्ट पहनी हुई थी, वो भी बिना पेंटी के क्योंकि आज में भी बहुत गरम हो रही थी और जब में अंकल के केबिन में पहुंची तो अंकल ने मुझे देखा और वो मेरे बूब्स को लगातार देखते ही रह गये। मैंने उनसे बोला कि अंकल आप मुझे ऐसे घूर घूरकर क्या देख रहे हो, क्या खा ही जाओगे?

अंकल : कुछ नहीं दो सफेद कबूतर आज़ाद होना चाहते है, में उनको ही देख रहा था, ना जाने कब वो आजाद होंगे।

पूजा : अच्छा कभी ना कभी तो आज़ाद होंगे ही।

अंकल : मुझे उसका बहुत इंतजार है में चाहता हूँ कि वो दिन बहुत जल्दी आए।

फिर में अपने काम में लग गई और में बहुत मन लगाकर अपना काम कर रही थी, लेकिन मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था, इसलिए मैंने अंकल से कहा कि प्लीज आप मुझे बता दो यह मुझे समझ में नहीं आ रहा और उस समय में कंप्यूटर पर पूरी झुककर खड़ी हो गयी थी, जिसकी वजह से मेरे बूब्स उनके सामने पूरे बाहर झूल रहे थे, वो नजारा ठीक उनके सामने था। अब अंकल ठीक मेरे सामने खड़े थे और उन्होंने पहले तो कुछ देर मेरे गोरे गोरे बूब्स देखे और फिर वो मेरे पीछे आकर मुझे समझाने लगे और अब मैंने महसूस किया कि उनका लंड पूरा खड़ा हो गया था और वो मेरी गांड पर अपना लंड धीरे धीरे मुझे समझाने के बहाने से रगड़ने लगे, लेकिन अब में भी उनके साथ साथ मज़े ले रही थी इसलिए मैंने उनसे कुछ भी ना कहा।

पूजा : अंकल लगता है कि कल वाला सांप आज फिर से आ गया है।

अंकल : हाँ वो अंदर जाने के लिए कोई बिल खोज कर रहा है।

तभी इतने में किसी के आने की आवाज़ आई और हम अलग हो गये और फिर काम करने लगे। फिर शाम को अंकल ने मुझसे कहा कि मेरी कल की चाय तुम्हारे ऊपर बाकी है, क्यों आज मिलेगी या नहीं?

पूजा : हाँ सर क्यों नहीं? आप मेरे साथ जरुर चलिए।

फिर हम दोनों उनकी कार से मेरे रूम के लिए चल दिए और कुछ देर बाद हम रूम पर पहुंचे और मैंने उनके लिए चाय बनाकर अंकल को दे दी और कहा कि आप बैठकर चाय पी लीजिए में अभी अपने कपड़े बदलकर आती हूँ। फिर मैंने दूसरे कमरे में जाकर जल्दी से एक सफेद रंग का टॉप बिना ब्रा और छोटी स्कर्ट पहन ली और में अंकल के पास चली गयी, तब तक अंकल ने अपनी चाय खत्म कर ली थी और में जब उनके सामने गई तो वो मुझे देखते ही रह गये, वो कभी मेरे भूरे रंग के निप्पल जो उस सफेद रंग के टॉप से साफ साफ नजर आ रहे थे उनको देखते और कभी मेरे गोरे पैरों को, वो मुझे एकदम चकित होकर खा जाने वाली नजरो से देख रहे थे। ( अंकल का साँप और मेरा बिल Hindi Sex Stories सेक्स कहानियाँ ) फिर मैंने उनसे कहा कि चलो हम बालकनी में चलकर बातें करते है, वहां पर हमें बाहर की खुली हवा भी मिलेगी और फिर अंकल मेरे पीछे पीछे आ गये। मैंने अपनी चोर नजर से पीछे की तरफ देखा कि अंकल मेरी मटकती हुई बड़ी सेक्सी गांड को देख रहे है। फिर में बालकनी में आ गयी और अंकल मेरे पीछे खड़े हुए थे और वो अब भी लगातार मेरी गांड और पैरों को देख रहे थे। उनका लंड अब तक तनकर पूरी तरह से खड़ा हो चुका था और तभी अचानक से अंकल थोड़ा आगे आए और पीछे की तरफ से मुझसे थोड़ा सा चिपक गये, जिसकी वजह से अब उनका फनफनाता हुआ लंड मेरी गांड पर छूने लगा था, वो बहुत जोश में था क्योंकि वो थोड़ी थोड़ी देर में मुझे हल्के हल्के झटके दे रहा था और में उसका आकार गरमी को बहुत अच्छी तरह से महसूस कर रही थी और उसके मज़े भी ले रही थी।

अंकल : यार पूजा सच कहूँ तो तुम बहुत सुंदर हो।

पूजा : मेरी तारीफ करने के लिए धन्यवाद अंकल।

दोस्तों अब अंकल इतना कहकर सही मौका देखकर थोड़ा और आगे आ गये थे, क्योंकि में भी इतना सब होने के बाद उनकी किसी भी हरकत का बुरा नहीं मान रही थी और ना ही मैंने अब तक उनसे कुछ कहा। मेरी तरफ से विरोध ना होने की वजह से इस बात का उन्होंने पूरा पूरा फायदा उठाना चाहा और मैंने मुस्कुराते हुए उनसे कहा।

पूजा : अंकल यह सांप बहुत बेशराम लगता है, कभी भी आ जाता है।

अंकल : हाँ मुझे भी ऐसा ही लगता है, लेकिन वो इसलिए आ रहा है, क्योंकि इसको इसका बिल नहीं मिल रहा है।

पूजा : और अगर इसको इसका बिल मिल जाए तो यह क्या करेगा?

अंकल : कुछ नहीं बस बिल के अंदर जाकर ख़ुशी से नाचेगा, गायेगा और ख़ुशी से झूम उठेगा।

दोस्तों मेरे मुहं से यह जवाब सुनकर अब अंकल मेरी गांड पर अपना एक हाथ घुमाने लगे थे और लंड को रगड़ने लगे थे, जिसकी वजह से में भी अब धीरे धीरे गरम हो गई थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर अंकल ने अपना लंड पेंट से बाहर निकाल लिया और वो एक बार फिर से मेरी गांड पर रगड़ने लगे थे, लेकिन इस बार मुझे उनका लंड अपनी गांड के छेद पर महसूस हुआ।

अंकल : पूजा आज तो यह सांप एकदम पागल हो गया है।

पूजा : आह्ह्ह हाँ मुझे लगता है कि आज यह बिल में ज़रूर घुसकर रहेगा।

फिर अंकल ने मेरे पैरों को नीचे से छूते हुए मेरी स्कर्ट को तुरंत मेरी गांड से ऊपर कर दिया और तब उन्होंने देखा कि मैंने उसके अंदर पेंटी नहीं पहनी है तो वो मेरी गोरी नंगी गांड को देखकर बिल्कुल पागल हो गए।

अंकल : वाह पूजा यह बिल तो एकदम साफ है, लगता है कि यह पहले से ही तैयार है।

पूजा : नहीं अंकल यह बिल तो हमेशा ही साफ रहता है।

दोस्तों उनके स्पर्श और उनकी ऐसी बातें सुन सुनकर अब में भी पूरी मस्ती में झुकती जा रही थी और डॉगी की तरह अब अंकल ने अपना लंड मेरी गांड के छेद से मेरी चूत के छेद तक रगड़ने लगे, जिसकी वजह से मेरे मुहं से बस आहह आह्ह्ह निकल रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

पूजा : अंकल थोड़ा ध्यान से यह सांप कहीं बिल में ना घुस जाए।

अंकल : तुम इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो पूजा, यह नहीं घुसेगा।

फिर अंकल ने मुझे अपनी बातों में लगाते हुए अपना लंड मेरी चूत के छेद पर रखा और हल्का सा धक्का दे मारा।

पूजा : अह्ह्ह्हह आईईई अंकल देखो ना यह सांप तो अब अंदर ही घुसा जा रहा है, आप इसे रोकते क्यों नहीं?

दोस्तों अब अंकल के लंड का टोपा मेरी चूत में पूरा अंदर घुस गया था और मुझे बहुत अजीब सा दर्द और उसके साथ साथ वैसा ही मज़ा भी आ रहा था, जिसको में किसी भी शब्दों में नहीं बता सकती।

अंकल : यार पूजा में क्या करूं इतना प्यारा बिल देखकर तो कोई भी सांप इसके अंदर घुस जाएगा, इसमे इस सांप की क्या गलती और अब में भी इसे अंदर जाने से नहीं रोक सकता।

फिर अंकल ने एक बहुत ज़ोर का धक्का मारा, जिसकी वजह से उनका आधा लंड मेरी चूत के अंदर रगड़ता हुआ अपनी जगह बनाता हुआ चला गया और उस वजह से मेरे मुहं से बहुत ज़ोर की आईईई माँ मार डाला उफ्फ्फ्फ़ प्लीज इसे बाहर करो आह्ह्हह्ह में मर गई चीख निकल गयी।

पूजा : आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ प्लीज अंकल अब इसको रोको यह तो मान ही नहीं रहा है, इसने तो मेरे अंदर जाकर ना जाने कैसा दर्द पैदा कर दिया है जिसको अब सह पाना मेरे लिए बहुत मुश्किल है आह्ह्ह्ह प्लीज कुछ तो करो।

फिर अंकल ने एक और ज़ोर का धक्का मार दिया जिसकी वजह से उनका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर पहुंच गया।

अंकल : पूजा अब यह नहीं रुकेगा, अब तो यह इस बिल को फाड़कर ही मानेगा।

पूजा : अंकल लगता है कि यह सांप तो आज बहुत ही जोश में है, हाँ आज तो यह ज़रूर बिल को फड़ेगा।

अब अंकल ने मेरी चूत में अपने लंड को लगातार धक्के मारने शुरू कर दिए थे और वो ज़ोर ज़ोर से लगातार ताबड़तोड़ धक्के मारने लगे थे। मुझे भी अब बहुत मज़ा आ रहा था और में उनके मोटे लंबे लंड को अपनी चूत में अंदर बाहर जाते हुए महसूस कर रही थी। उस बालकनी में बाहर की खुली ठंडी हवा में मेरी चुदाई हो रही थी और वो अहसास अच्छा था और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था

पूजा : अंकल अब आप इस सांप को बोलो कि थोड़ा और स्पीड से अपना काम करे और आज पूरी तरह से फाड़ दे इस बिल को मुझे बहुत अच्छा लगने लगा है उफफ्फ्फ्फ़ आईईईई वाह यह तो बहुत अच्छा काम कर रहा है, इसने मेरी सारी खुजली मिटा दी है उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ वह्ह्ह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।

दोस्तों करीब 30 मिनट तक लगातार धक्के देकर मेरी चूत मारने के बाद अंकल अब झड़ गये और इस बीच में करीब पांच बार झड़ चुकी थी और अंकल ने मेरी चूत में ही अपना पूरा माल डाल दिया था और उसकी गर्मी मैंने बहुत अच्छी तरह से महसूस की थी।

अंकल : क्यों पूजा मुझे लगता है कि इस बिल में बहुत सारे सांपो ने पहले भी डांस किया है?

पूजा : हाँ अंकल यह बिल इससे पहले भी इसके जैसे बहुत सारे सांप खा चुका है।

अब हम रूम में आकर आराम करने लगे और उसके कुछ देर बाद एक साथ ही हम दोनों बाथरूम में जाकर नहाए और वहां पर भी अंकल ने मुझे करीब 20 मिनट तक चोदा और मेरी चुदाई के मज़े लिए।अंकल : पूजा मेरी जानेमन वाह मज़ा आ गया आज तुम्हारी को चूत मारकर।

पूजा : हाँ अंकल मुझे भी बहुत मज़ा आया।

दोस्तों फिर अंकल और मैंने बहुत सेक्स किया और उन्होंने मुझे चोद चोदकर मस्त कर दिया। उसके बाद तो हमारी हर रात बहुत रंगीन होती थी ।।

धन्यवाद …

अंकल का साँप और मेरा बिल Hindi Sex Stories सेक्स कहानियाँ