सुरक्षित सेक्स किया है फिर मुझे यौनसंचारित रोग क्यों लगा

सुरक्षित सेक्स किया है फिर मुझे यौनसंचारित रोग क्यों लगा

मैंने हमेशा सुरक्षित सेक्स किया है फिर भी मुझे यौनसंचारित रोग लग गया है! यह कैसे संभव है?

सुरक्षित संभोग करने का आशय, प्रायः सेक्स के दौरान कंडोम पहनने से और यह सुनिश्चित करने से है कि आपके मुंह में वीर्य या मासिक धर्म का खून न चला जाए। तब आप एड्स फैलाने वाले एचआईवी विषाणु तथा क्लेमाइडिया और गोनोरिया जैसे संक्रमणों से सुरक्षित रहते हैं।

फिर भी यौनसंचारित रोगों के विषाणु और जीवाणु दूसरे तरीकों से भी आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर एक-दूसरे का हस्तमैथुन करने से अथवा सेक्स किए बिना केवल जननांगों को छूने से। यहां तक कि जब आप हमेशा कंडोम को प्रयोग करते हैं तो भी यौनसंचारित रोग लगने की कुछ न कुछ संभावना बनी ही रहती है।

 

सेफ सेक्स कैसे करें – Safe sex kaise karein in hindi

 

इन बातों का ध्यान रखें। यह आपको सुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाने में मदद करेंगी –

  1. सेक्सुअल सम्बन्ध बनाते समय केवल पानी या सिलिकॉन से बने लुब्रिकेंट लगायें। वेसलीन, तेल या जेली का प्रयोग न करें।
  2. गर्भनिरोधक गोलियों, हार्मोनल इंजेक्शन, गर्भनिरोधक पैच, कॉपर टी आदि के उपयोग द्वारा प्रेगनेंसी से बचा जा सकता है लेकिन इन उपायों से यौन संचारित रोगों से बचाव नहीं होता है।
  3. ओरल सेक्स के द्वारा भी एसटीडी हो सकती है इसलिए सावधान रहें। ऐसा करना हो तो भी प्रोटेक्शन के साथ करें। दाद (Herpes) जैसे संक्रमण ओरल सेक्स के द्वारा भी हो जाते हैं। ध्यान रखें, ओरल सेक्स के दौरान पेनिस पर किसी प्रकार की चोट न लगे।
  4. यदि सेक्स के दौरान प्रोटेक्शन का प्रयोग नहीं हुआ है तो तुरंत ही इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोली जैसे आई-पिल (I-pill) लें। गोली लेने में देरी न करें। क्योंकि जितना देर से आप गोली लेंगी उतना ही गर्भ ठहरने की सम्भावना अधिक होगी।
  5. बार-बार इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोली का सेवन न करें। नियमित गर्भनिरोधक उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त करें और जो सूट करे वे उपाय अपनाएं।
  6. ओरल सेक्स से पहले गुप्तांगों को अच्छे से साबुन से साफ़ करें।
  7. गुदा (Anus) को छूकर कभी योनि न छुएं और गन्दी उँगलियाँ कभी भी योनि में न डालें।
  8. सेक्स के बाद पानी से प्राइवेट पार्ट्स धो लें।
  9. योनि अथवा पेनिस में यदि किसी भी प्रकार का संक्रमण हैं तो अपने पार्टनर को बताएं।
  10. सेक्स के दौरान प्राइवेट पार्ट्स पर किसी भी प्रकार असामान्य लक्षण हो तो सेक्स न करें।
  11. गुप्तांगों पर छाले, फोड़े, मस्से, घाव, स्राव आदि हो तो सेक्स न करें। यह सब किसी प्रकार के एसटीआई के लक्षण हो सकते हैं। सेक्स के दौरान यह संक्रमण इन्फेक्टेड पार्टनर से आप तक पहुँच सकते हैं। यौन संक्रमणों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें और उनके लक्षणों को समझें। जब तक संक्रमण न ठीक हो सेक्स न करें। संक्रमण ठीक होने के करीब 1-2 सप्ताह बाद सेक्स करें।
  12. यदि एक पार्टनर को कोई सेक्स सम्बन्धी रोग हुआ है तो दूसरा भी अपनी जांच जल्द से जल्द कराए।
  13. बहुत सारे लोगों से शारीरिक सम्बन्ध न बनाएं। ऐसा करने से आपको यौन संचारित रोगों के होने का खतरा बढ़ जाएगा।