नर तन में नारी, नहीं कोई बीमारी!
मेरा एक गुलाम है। बड़ी अच्छी सेवा करता है। उसे लड़कियों की तरह सज कर रहने का शौक है।
आज दोपहर मैं भी फुरसत में थी और वह भी कुछ बताने के मूड में था।
खूब विस्तार से उससे मेरी काफी बातें हुयी। धीरे-धीरे बताउंगी!
-गुड मॉर्निंग, मैडम! अपने दास को कोई आदेश देंगी क्या?
-चलो, चूत को चाटना शुरू करो!
-आपने सु-सु कर लिया क्या? मुझे आपका सु-सु पीने का मन कर रहा है।
-तुम घुटनों के बल बैठ जाओ! मैं खड़ी होकर सीधे तुम्हारे मुंह में ही करूंगी। बिस्तर खराब नहीं होगा!
-ओह,मालकिन! कितनी शानदार तकदीर है मेरी! मैं सब पी जाऊंगा!
-यह लो, मैं आयी! आह कितना पेशाब निकलता है, मेरा!
-आआह्ह्ह! मजा आ गया।
-अब मेरी चूत चाट करके साफ कर दो!
-मैडम, मुझे लड़कियों के कपड़े पहनने का शौक है। मेरी तमन्ना है कि मैं एक बार ‘गैंग-बैंग’ सेक्स करूँ!
-लेकिन, तुम्हें लड़कियों की पोषाक में देखकर वहां सब तुम्हारी ही गांड मारना चाहेंगे!
-वही तो मैं चाहता हूँ, मैडम! मैं सबसे मरवा लूंगा।
-पार्टी में कौन-कौन होने चाहिए? कितने लड़के, कितनी लड़कियां?
-10 से 12 लड़के। लड़कियों की कोई जरूरत नहीं। सबको मैं अकेले झेल लूंगा!
-अरे नहीं! फट जाएगी तुम्हारी गांड! कभी झेला है?
-हाँ, दो लड़के थे, एक साथ! उन्होंने बारी-बारी से पेला था मुझे। कई-कई बार!
आपका ब्लॉग पढ़ने के बाद अब मुझे सिर्फ गांड मरवाना है। लंड टेस्ट करते रहना है।
-मालकिन, मस्ती के मारे मैं पागल हुआ जा रहा हूँ!
-होता है जी, होता है।
-मालकिन गांड में लंड लेने की कितनी बेचैनी हो रही है! कल तक मैं खुद को मर्द समझता था और आज सिर्फ लंड पे उछल उछल के मरवाने के लिए मैं कुछ भी करूँगा।
-आआह्ह्ह! मजा आ गया।
-अब मेरी चूत चाट करके साफ कर दो!
-मैडम, मुझे लड़कियों के कपड़े पहनने का शौक है। मेरी तमन्ना है कि मैं एक बार ‘गैंग-बैंग’ सेक्स करूँ!
-लेकिन, तुम्हें लड़कियों की पोषाक में देखकर वहां सब तुम्हारी ही गांड मारना चाहेंगे!
-वही तो मैं चाहता हूँ, मैडम! मैं सबसे मरवा लूंगा।
-पार्टी में कौन-कौन होने चाहिए? कितने लड़के, कितनी लड़कियां?
-10 से 12 लड़के। लड़कियों की कोई जरूरत नहीं। सबको मैं अकेले झेल लूंगा!
-अरे नहीं! फट जाएगी तुम्हारी गांड! कभी झेला है?
-हाँ, दो लड़के थे, एक साथ! उन्होंने बारी-बारी से पेला था मुझे। कई-कई बार!
आपका ब्लॉग पढ़ने के बाद अब मुझे सिर्फ गांड मरवाना है। लंड टेस्ट करते रहना है।
-मालकिन, मस्ती के मारे मैं पागल हुआ जा रहा हूँ!
-होता है जी, होता है।
-मालकिन गांड में लंड लेने की कितनी बेचैनी हो रही है! कल तक मैं खुद को मर्द समझता था और आज सिर्फ लंड पे उछल उछल के मरवाने के लिए मैं कुछ भी करूँगा।