यह मेरी पहली कहानी है जो मैं आप सबके साथ बाँट रहा हूँ।
यह मेरी शादी की कहानी है। यूँ तो मैंने एक दो लड़कियों की जवानी को रौंदा है परन्तु खुद की बीवी के कपड़ों को रात भर तार तार कर के मजे लेना, वो भी सबकी रजामंदी से, यह तो एक शादीशुदा ही जानता है।
मेरा नाम समय मिश्रा है। मैं आईटी प्रोफेशनल हूँ और मेरी शादी मेरे घरवालों ने ही तय की थी। शादी की सारी रस्म होने के बाद आया…. जिसका मैं बेसब्री से इन्तज़ार कर रहा था….बंद कमरे में चुदाई समारोह का …. सुहागरात का …
मेरी बीवी 24 साल की कट्टो माल है…. उस समय उसकी ब्रा साइज़ हुआ करती थी – 30बी और आज दबा दबा के 32सी तक प्रगति हो गई है….
मेहरून रंग की साड़ी में वो क्या पटाखा लग रही थी… समझ नहीं आ रहा था… मेरी सास अपने ज़माने में क्या आइटम रही होंगी…
मेरी भाभियों ने मुझे और मेरी बीवी को एक कमरे में बंद कर दिया और बाहर से सिटकनी लगा दी…
अब मैं बंद कमरे में छुटा सांड बन गया। मैं पलंग पर बैठ गया, वो जमीन में मेरे घुटनों पर सर रख कर बैठ गई। मुझे उसकी मासूमियत देख कर लगा कि दोस्त आज छोड़ो …. यह कार्यक्रम कभी और रखते हैं। मैंने उसको आश्वासन दिया कि वो बेफिक्र रहे…. हम आज नहीं करेंगे… जब उसकी इच्छा होगी तभी शारीरिक सम्बन्ध बनाएँगे।
उसका डर धीरे धीरे जाने लगा। वैसे हमने फ़ोन से ढेर सारी बातें की हुई थी शादी से पहले। मैं उन दिनों जापान में था।
उस रात हम दोनों ने सिर्फ बातें करने का प्रोग्राम बनाया।
बातों से पता चला कि चुदाई के नाम पर सिर्फ उसको घरवालों ने (दीदी और माँ) ने सिर्फ यही बताया है कि पति जो बोले, वो कर लेना और चिल्लाना मत …. डरना मत …. और एक साफ़ चादर अपने साथ ले जाना ….. और सोने से पहले वो बिस्तर पर बिछा लेना।
मुझे दुख भी हुआ और अच्छा भी लगा ….. दुख हुआ क्यूंकि मेरी कट्टो बीवी की अँधेरे में रखा उसके अपने घरवालों ने… और अच्छा भी लगा कि अभी तक चुदी नहीं है…. और यह सील खोलने का काम मुझे ही करना है….
हमने एक दूसरे को खूब चुटकले सुनाए रात भर…. कुछ थोड़े नॉन-वेज जोक्स भी थे …. वो भी हंस रही थी… उसकी हंसी पे तो आज भी मेरा दिल मचल जाता है।
फिर करीब हमने रात के तीन बजे सोने का इन्तजाम किया… हम दोनों अगल बगल सो गए……. धीरे धीरे मैंने चिपकना शुरू किया… लंड तो टन टनाया हुआ था…. मैंने उसकी कमर में हाथ डाला…. उसको घबराहट हो रही थी पहले… पर धीरे धीरे शांत हो गई …. धीरे से कमर पकड़ के अपने पास खींचा उसको …. उसकी गांड पे हाथ रखा तो लगा कि उसने गांड को डर के मारे टाइट किया हुआ है।
मैंने उसको कहा- मुझे प्यास लगी है…..
उसने बोला कि आप ग्लास में रखा हुआ दूध पी सकते हैं….
मेरे जवाब ने उसको साफ़ बता दिया कि मुझे क्या चाहिए… मैंने कहा मुझे गाय का नहीं …बीवी का दूध पीना है।
अब तक उसको लगा कि शायद आज इतना ही होना है सो कोइह र्ज़ नहीं पिलाने में… और उसकी माँ ने तो पहले ही बोला था कि पति जो बोले कर देना।
सो उसने ब्लाऊज़ खोला और मैंने जैसे दबोच लिया दोनों मम्मों को !
क्या मज़ा मिला दोस्तो ! थोड़ा पीने पर लगा कि उसको नीचे कुछ कुछ होने लगा है… वो टाँगें हिला रही थी…. मैंने झट से साड़ी ऊपर कर के पैंटी में हाथ डाल दिया। यह इतना जल्दी हुआ सब कुछ की वो कुछ नहीं कर पाई। उसकी दीदी ने उसको एक शेविंग रेज़र भी लाकर दिया था ताकि मुझे चिकनी चिकनी चूत मिले…
मैंने ऊँगली से उसके चूत में क्लिटोरिस को छेड़ना शुरू किया…. वो एक दम उत्तेजित हो चुकी थी…. पाँच मिनट में उसका बदन अकड़ गया और वो हिलने लगी…
उसके साथ यह पहली बार हुआ था….. उसने आज तक हस्त मैथुन नहीं किया था। अच्छा एक और अच्छी बात हुई…… जब वो हिल रही थी तो उसकी चूत से एक चिप चिपी धार भी निकली…… मैं समझ गया कि …. इसने तो भैया …. पानी छोड़ दिया….. उसके चेहरे पर एक मुस्कान थी….
मुझे अच्छा लगा कि मैं उसको धीरे धीरे अपने मकसद की तरफ ला पा रहा हूँ। मैंने उसको अब नंगा कर दिया….और खुद के कपड़े भी निकाल दिए….. मैंने लाइट जला दी। मेरा लौड़ा देख कर वो हंसने लगी… उसने छोटे बच्चों का लौड़ा लटका हुआ देखा था… पर खड़ा हुआ… इतना बड़ा और मोटा नहीं देखा था…. और उसके लिए अपना छेद ही नोर्मल था… उसको लगता था कि हम लड़के लौड़े को दो टांगों के बीच में कैसे एडजस्ट करते हैं…. ऐसे कई और सवाल के साथ डर भी तो था उसके दिल में…… कि आज रानी रूपमती की इस कमरे में इज्ज़त लुट रही है…. और खुद उसकी मैया और बापू ही उसको चुदाने के लिए छोड़ गए हैं यहाँ।
उसकी चूत गीली थी… अच्छा मैं भूल गया कि मैंने लाइट जला दी थी अपने कपड़े उतारने से पहले। मैं एक रात पहले दवाइयों की दुकान से एक के वाई जेल्ली ले आया था….. वो उसको चूत में और थोड़ा गांड की छेद में लगाया…. लौड़े को चूत के मुँह में रखा…. मेरी कट्टो बीवी की साँस अटकी हुई थी…. मैंने उसको बताया कि अभी, जानू, तेरा छेद मस्ताया हुआ है… इसको अभी चोदना सही है…… उसकी हामी हुई तो लौड़ा अन्दर घुसा….. जेल्ली की वजह से आराम से सुपारा अन्दर घुस गया… एक और शाट और पूरा लौड़ा समा गया…. बीवी की तो जैसे दुनिया लूट गई …. मुंह को कपड़े से दबाया हुआ था … फिर भी एक हलकी चीख के साथ बोली ….. मैं मर गई … प्लीज़ निकालो इसको …. नीचे दर्द हो रहा है…..
मैंने निकाला तो देखा कि मेरा लौड़ा लाल है खून से ….. उसकी झिल्ली मैंने तोड़ दी थी …. एक जीत का एहसास लिए मैं फिर उसके दोनों हाथ दबाये तो फिर एक शाट … फिर तो एक ट्रैक्टर जैसे खेत जोतने लगता है … मैं भी चूत पर अपना ट्रैक्टर चला रहा था …. अब धीरे धीरे उसका दर्द भी शांत हो चुका था …. सट सट कर के लौड़ा अन्दर बाहर हो रहा था….. फिर मेरी बारी थी झड़ने की….. मैंने अंदर ही वीर्य निकाल दिया …. अन्दर से ऐसा लग रहा था कि मैं ज़माने को यह बताना चाहता हूँ कि यह मेरा वीर्य एक हस्ताक्षर की तरह है…उसकी चूत पर …मेरा हस्ताक्षर !
अब बारी थी उसकी गांड की…. लेकिन खिड़की पर नज़र गई तो देखा एक कोने से मेरा भाई देख रहा है…….
आगे की कहानी बाद मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी कट्टो की गांड मारी और मेरे भाई और मैंने कैसे मेरी ही बीवी से प्यार किया एक साथ। वैसे उसकी लव मैरिज़ हुई थी… और मेरे से पहले हुई थी उसकी शादी…. मैंने भी उसकी बीवी की जो बजाई थी तो उसकी तो आदत ही है अब रात में पहले भाई से फिर मेरे से चुदाने की….
घर की बात घर में….