भाग गए भूत जब चोदी भाभियों की चूत sex story
भाग गए भूत जब चोदी भाभियों की चूत sex story : मेरा नाम जसमेर है, मैं एक कम्पनी में मैनेजर हूँ। कुछ दिन पहले अपने ऑफिस के गार्ड मुकेश से मेरी दोस्ती हो गई। धीरे धीर हम दोनों बातचीत में काफी खुल गए। मैं अभी कुंवारा हूँ लेकिन 100 से ज्यादा रंडियां चोद चुका हूँ। मेरा लण्ड 6 इंच लम्बा और काफी मोटा है। मुकेश शादीशुदा है। अक्सर हम लड़कियों की चूत चोदने और गांड मारने की बातें करते थे। मैं और मुकेश अब साथ साथ रंडियां चोदने भी जाने लगे थे। मुकेश ने कुछ दिन बाद मुझे बताया कि वो अपने गाँव की 5 – 6 भाभियाँ चोद चुका है। मुकेश ने कहा कि अगर मैं उसके साथ गाँव चलूं तो 3 – 4 भाभियाँ तो मुझसे भी चुदने को आराम से तैयार हो जाएँगी।
एक दिन बात-बात में उसने बताया कि गाँव में सोना नाम की एक औरत है जो उसकी बीबी सीमा की दोस्त है। देखने में सुंदर है लेकिन उसको पटा कर चोदने के उसके सारे प्रयास असफल रहे हैं। मैंने और मुकेश ने मिल कर सोना को चोदने की एक योजना बनाई। हम लोगों ने 15 तारीख को गाँव जाने का फैसला कर लिया। 15 तारीख को 12 बजे हम मुकेश के गाँव पहुँच गए। गाँव में मुकेश की बीबी और 2 बच्चे थे। मुकेश की बीबी घूंघट डाले हुए थी। मुकेश मेरा परिचय कराते हुए बोला- सीमा ! यह जसमेर भाईसाहब हैं। यह हमारे दोस्त और साहब दोनों हैं। इनसे घूंघट करने की जरूरत नहीं है।
सीमा भाभी ने घूंघट हटा दिया और मुस्कराते हुए बोली- भाईसाहब नमस्ते !
मैंने उसकी बीबी सीमा की तरफ देखा वो थोड़ी काली थी लेकिन उसकी चूचियां बहुत बड़ी बड़ी और तनी हुई थीं। ब्लाउज़ के नीचे सीमा कुछ नहीं पहने हुए थी, संतरे बाहर निकलने को बेताब हो रहे थे, चुचूक के उभार बिलकुल साफ़ दिख रहे थे। चूचियों का कुछ हिस्सा ब्लाउज़ से बाहर झाँक रहा था। सीमा का बदन पूरा माल था और चोदने में मज़ा देने वाला था। नमस्ते करके सीमा चाय बनाने चली गई। थोड़ी देर में सीमा हम लोगों के लिए चाय बना कर ले आई।
सीमा ने जब झुक कर मुझे चाय दी तो उसकी चूचियां पूरी बाहर निकलने लगी। झुकने पर ब्लाउज़ के झरोखों से उसकी चूचियां पूरी नंगी दिख रही थीं। नंगी चूचियां देख कर मेरा लण्ड टनक कर खड़ा हो गया था। सीमा ने देखा कि मैं उसके बूब्स में झांक रहा हूँ तो उसने एक प्यारी सी मुस्कराहट दी। मुझे उसकी मुस्कराहट से लगा कि इसकी चूत चोदी जा सकती है। मैंने मन ही मन सीमा भाभी की चूत चोदने की ठान ली।
मैं, सीमा और मुकेश चाय पीते हुए आपस में बातचीत करने लगे। सीमा बहुत बातूनी थी, मुझे वो कुछ चालू सी भी लगी। मुकेश ने बातों बातों में सीमा को बताया कि मुझे भूत-प्रेत भगाने में महारत हासिल है। हम लोग चाय पी रहे थे तभी वहां गाँव की एक औरत आई, सीमा बोली- आओ रीमा आओ ! मुकेश आये हुए हैं और यह इनके मित्र जसमेर हैं। हम सब लोग बातें करने लगे। कुछ देर बाद सीमा उठकर अंदर किसी काम से चली गई। मुकेश ने मौका देखकर रीमा की चूचियां मेरे सामने ही मसल दी और बोला- रीमा, तेरे को चोदने का मन कर रहा है ! रीमा मुस्करा के बोली- चल खेत में घूमकर आते हैं, गन्ने बहुत बड़े बड़े हो रहे हैं, वहां चुदवाने में बहुत मज़ा आएगा और तेरा केला खाए हुए भी बहुत दिन हो गए हैं।
मुकेश मुस्करा दिया और बोला- जसमेर भाईसाहब का केला बहुत बड़ा है इनका भी खाए, तो चलें !
रीमा मुस्करा दी और आँख मार कर बोली- दोनों आना ! दोनों के केले खा लूंगी ! और मुस्कराती हुई अंदर चली गई।
रीमा देखने में बुरी नहीं थी लेकिन सीमा भाभी के आगे बेकार थी। मैंने मुकेश से कहा- तू 2 महीने बाद आया है जा कर जरा भाभी के पास लेट !
मुकेश खी-खी कर हँसा और बोला- भाई ! बीबी की तो रात में भी ले लेंगे ! अभी तो चल कर रीमा की चूत बजाते है, साली बड़ी मस्त होकर चुदवाती है और लोड़ा भी लपालप पीती है। घड़ी में एक बज रहा था। मुकेश बोला- दो बजे खेत में चल कर रीमा को चोदते है ! उसके बाद 5 बजे सोना आएगी तब फिर उसे फंसाते हैं। हम लोगों ने खाना खाया और मैं आराम करने लगा।
दो बजे मुकेश बोला- चल ! रीमा को चोद कर आते हैं !
मेरे मन में सीमा भाभी को चोदने का प्लान चल रहा था। मैंने उससे कहा- यार ! तू जा मुझे बहुत थकान हो रही है ! थोड़ा आराम कर लूं, फिर तुझे तेरी सोना भाभी की भी चूत दिलवानी है, अगर ज्यादा थक गया तो सोना को चोदने का प्लान ख़राब न हो जाए।
मुकेश बोला- ठीक है, तू आराम कर ! मैं रीमा को चोद कर आता हूँ।
मुकेश बाहर चला गया। मुकेश के दोनों बच्चे बाहर खेल रहे थे। सीमा भाभी और मैं अकेले थे। मुकेश की बीबी सीमा मेरे कमरे में आई और बोली- भाई साहब ! मुझे एक दिक्कत है अगर आप किसी को नहीं बताएँगे तो मैं आप को बताऊँ !
मैंने कहा- ठीक है, आप बताइए !
सीमा बोली- मुझे रात को नींद नहीं आती है, ऐसा लगता है जैसे कोई मेरी साड़ी उठा रहा हो, एक दो बार यह सोचकर नंगी भी सोई की भूत अब साड़ी कैसे उठाएगा लेकिन तब मुझे ऐसा लगता है जैसे कोई मेरे टांगें चौड़ी कर रहा है और मेरी चूत चोदना चाहता है। मुझे लगता है कोई भूत मुझे तंग कर रहा है, आप मुझे चेक कर के बता दो कि कोई भूत तो मुझ पर नहीं चढ़ा हुआ है।
मेरा लण्ड सीमा की बातें सुनकर उछाल मारने लगा था। मैंने कहा- भाभी भूत चेक तो कर देता हूँ लेकिन आपको जगह-जगह से छूना पड़ेगा, आपको बुरा तो नहीं लगेगा?
सीमा बोली- कैसी बात करते हैं भाईसाहब ! एक तो आप मेरा इलाज करेंगे, ऊपर से मैं बुरा मानूं ! मैं इतनी ख़राब लगती हूँ क्या आपको?
मैं सीमा को देखकर कुछ देर तक सोचने लगा।
सीमा बोली- भाईसाहब आप कुछ कहना चाहते हैं तो कह दीजिए ! और उसने एक कामुक सी अंगड़ाई ली।
मैं समझ गया कि अब लाइन साफ़ है।
मैं बोला- आप साड़ी उतार देंगी तो थोड़ा ठीक से चेक कर लूँगा।
सीमा बोली- बस इतनी सी बात !
और उसने एक झटके में साड़ी उतार दी। अब वो एक लो कट ब्लाउज़ और पेटीकोट मैं मेरे सामने खड़ी थी। मेरा लण्ड पूरा तना हुआ था और चोदने को बेकाबू हो रहा था।
मैं बोला- भाभी जरा मेरी आँखों में आँखे डालो !
उसने मेरी आँखों में आँखे डाल दी। उसकी आँखे बड़ी बड़ी थीं। उसके बाद मैंने सीमा के दोनों गालों पर हाथ फिराया और गाल सहलाने लगा। कुछ देर बाद गाल सहलाते हुआ मेरे हाथ उसकी चूचियों के ऊपर आ गये। ब्लाउज़ के ऊपर से कस-कस कर दो बार मैंने उसकी मोटी मोटी गदराई हुई चूचियां दबा दीं। अपने को थोड़ा कंट्रोल में रखते हुआ मैं अपना हाथ उसके पेट पर फिराते हुऐ पेटीकोट के उपर ले गया और उसकी चूत अपने हाथ से दो तीन बार रगड़ दी। आप यह कहानी मेराहिंदी सेक्स.कॉम पर पढ़ रहे है।
सीमा गरम हो गई थी, उसने दो-तीन बार उह उह आह की आवाज़ की। थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ हटा लिया। सीमा उतेजित थी उसके मुँह से निकल ही गया- भाईसाहब, भूत भगाइए ना ! बहुत मज़ा आ रहा है।
मैंने भाभी से कहा- भाभी आपके बदन में भूत चिपटा हुआ है, उसे भगाने के लिए आपको नंगा करना पड़ेगा।
सीमा भाभी की चूत गरम हो गई थी, वो बोली- मैं तैयार हूँ !
उन्होंने कहा- हम दोनों बाथरूम में चलते हैं ! सीमा भाभी ने मुझे बताया कि उनके बाथरूम का दरवाज़ा दो कमरों में खुलता है, एक दरवाज़ा जिस कमरे में मैं था उसमें खुलता था दूसरा दरवाज़ा भाभी के बेडरूम में खुलता था। मेरा लण्ड सीमा को चोदने के लिए बेकरार हो रहा था।
सीमा साड़ी उठाकर अपने कमरे की तरफ चली गई। मैं सोच ही रहा था कि बाथरूम से खट खट की आवाज़ आई। सीमा अपने कमरे की तरफ से बाथरूम में आ गई थी। सीमा भाभी बाथरूम से झाँककर बोलीं- आओ, जल्दी अंदर आओ ना !
मैं अब बाथरूम में चला गया। बाथरूम में मैं और सीमा अकेले थे। सीमा बोली- मेरा भूत भगाओ ना !
मैं कुछ घबरा रहा था। मैंने अपने को सँभालते हुए कहा- आप अपने कपड़े तो उतारो !
सीमा इतराते हुए बोली- आप नंगा कर दो न मुझे ! खुद नंगा होने में शर्म आ रही है !
मैंने आगे बढ़कर सीमा को अपने बाँहों में भर लिया। अब मेरे होंठ उसके होंठों से चिपक रहे थे। मैं बोला- आज आपके सारे भूत भगा दूंगा !
और हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे। कुछ देर बाद मैं अलग हुआ और उसके ब्लाउज़ के बटन मैंने खोल दिए। सीमा के दोनों संतरे फड़फड़ा कर बाहर निकल आये। उसकी चूचियां काफी बड़ी बड़ी और तनी हुई थीं, मेरे हाथों में पूरी नहीं आ रही थी। मैंने उन्हें अपने दोनों हाथों से हार्न की तरह बजाना शुरू कर दिया बीच बीच में निप्प्ल भी उमेठ रहा था। मेरा लण्ड थोड़ा गीला हो गया था। सीमा मस्ती में आह ऊह आह ! बड़ा मज़ा आ रहा है ! करके चिल्ला सी रही थी। चुदने को वो बेकरार हो रही थी।
मैंने बाथरूम का नल खोल दिया था ताकि आवाज़ बाहर न जा सके। सीमा पूरी गरम थी, वो मुझसे कहने लगी- भाईसाहब ! थोड़ा चूत पे भी हाथ फेरो ना ! साले भूत को आज मार के ही छोड़ना !
मैं उसके पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगा। सीमा बोली- भाईसाहब, आप अपने कपड़े भी उतार लो, वरना बाथरूम में ख़राब हो जायेंगे।
मुझे सीमा की बात सही लगी मैंने पहले अपने कपड़े उतार दिए। अब मैं सिर्फ चड्डी में था, मेरा 8 इंच लम्बा लण्ड पूरा तना हुआ चड्डी में से साफ़ दिख रहा था। सीमा भाभी मुस्कराई और बोली- आप का औजार तो बहुत अच्छा दिख रहा है, यह तो गाँव की सभी औरतों की चूत का भूत भगा देगा।
सीमा अब भी पेटीकोट पहने थी। मैंने आगे बढ़ कर उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। पेटीकोट एक झटके से नीचे गिर गया और उसकी चमचमाती हुई चूत अब मेरी आँखों के सामने थी। चूत पूरी चिकनी थी और गीली हो रही थी। मैंने चूत पर हाथ फेर दिया और बोला- सीमा रानी, माल तो तुम्हारा भी बहुत बढ़िया है।
सीमा बोली- साली को भूत रोज रोज़ तंग करता है, आज इसकी शेव बनाई थी कि मुकेश से भूत को पिटवाउँगी लेकिन मुझे क्या पता था कि आज इसका इतना अच्छा दिन है कि आप जैसे भूत भगाने वाले से इसका दीदार होगा।
मैं सीमा से पूरा चिपक गया था, मैं बोला- दिन आपका नहीं मेरा अच्छा है कि मुझे आपकी चूत का भूत भगाने का काम मिला है।
अब हम एक दूसरे से बुरी तरह से चिपके हुए थे। मैं उसके नरम नरम चूतड़ सहला रहा था। सीमा भी आह ऊह कर रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया, मेरा 8 इंच लम्बा लण्ड अब सीमा के आगे था। सीमा मेरा लण्ड अपने हाथ में मसल कर बोली- वाह वाह ! कितना अच्छा लण्ड है आपका ! इससे चुदने में तो मज़ा आ जायेगा ! साला आज तो मेरी चूत से चिपके भूत की इससे ऐसी पिटाई होगी कि भूत जिन्दगी भर याद रखेगा !
मैंने सीमा को अपने से चिपका लिया। अब मेरा लण्ड उसकी चूत के मुँह पर टकरा रहा था।
मैंने सीमा को फर्श पर लिटा दिया उसने अपनी टाँगे फैला दी थीं उसकी सुंदर थोड़ी सी फटी हुई चूत मुझे चोदने के लिए उकसा रही थी। मेरा लण्ड लोहे की रॉड की तरह तना हुआ था। सीमा सिसकारी लेते हुआ बोली- मेरे राजा ! अब अपना लण्ड इस कमीनी चूत में डालो ना ! इसको फाड़ो और चोदो ! अब इसे और मत तड़फाओ।
मैंने सीमा की जाँघों के बीच घुटने के बल बैठकर अपने हाथों से उसकी दोनों चूचियां कस कस के पकड़ ली और उन्हें तेजी से दबाने लगा। मेरा लण्ड का सुपाड़ा सीमा की चूत से टकरा रहा था। मैं चोदने का माहिर था और बहुत औरतों की चूत चोद चुका था इसलिए मैं सीमा को चोदने से पहले थोड़ा और गरम करना चाहता था। मैं सीमा के दोनों स्तनों को मुँह में बारी बारी से चूस रहा था और अपने लण्ड को हिला हिला कर उसकी चूत के मुँह पर फिरा रहा था।
सीमा की आहऽऽ ऊहऽऽ आहऽ आहाऽअ आह बहुत मज़ा आ रहा है ! की आवाजें बाथरूम में गूँज रही थीं। सीमा अब बहुत गरम थी, वो चिल्ला रही थी- राजा थोड़ा अंदर डालो ! मेरे राजा आज बहुत दिन बाद इतना बढ़िया लण्ड मिला है, चोदो न ! देर मत करो !
उसकी चूचियां मैं कस कस कर मसल रहा था। उई आह की आवाज़ से बाथरूम गूँज रहा था। सीमा जो गाँव की शर्मीली भाभी लगती थी, इस समय पूरी गरम थी और अपनी गांड बार बार लण्ड अंदर डलवाने के लिए उचका रही थी। मैंने एक तेज झटका उसकी चूत के मुँह पर मारा, मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में उतर गया।
सीमा ने कस कर मुझे भींच लिया और उसकी आह उह्ह की आवाजें तेज हो गईं। अगले झटके में मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में था। सीमा तेजी से चिल्ला उठी- ऊई ऊई मर गई !
अब मुझे उसकी चूत चोदनी थी।
सीमा की जांघें पकड़ कर मैंने ऊपर उठा दीं। मेरा लण्ड सीमा की चूत में घुसा हुआ था। मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में लण्ड आगे पीछे करना शुरू किया। सीमा की बुर बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी। मैंने अपनी चोदने की स्पीड बढ़ा दी। सीमा की चूचियां आगे पीछे जोर जोर से हिल रही थी। उसके मुँह से ऊई आह आह आह मर गई ! की आवाजें निकल रही थीं। बीच बीच में वो गालियाँ भी बक रही थी। सीमा चिल्ला रही थी- मादरचोद ! चोद कुत्ते ! मार मेरी चूत को ! इसको फाड़ ! बहुत मज़ा आ रहा है तुझसे चुदने में !
मैं बोला- आज तेरी चूत के भूत को फाड़ कर ही छोड़ूंगा !
सीमा बोली- मेरी चूत के राजा ! आज मेरा बजा दे बाजा!
इस वक्त मैं उसे बहुत तेजी से चोद रहा था। थोड़ा झुककर मैंने उसकी चूचियां दबानी शुरू कर दी और चोदने की स्पीड कम कर दी। सीमा का चुदना जारी था। मैं और सीमा इस समय चुदने का पूरा मज़ा ले रहे थे। सबसे ज्यादा मजा मुझे घरेलू औरतों की चूत पेलने में आता है जो आज मैं पूरा पूरा ले रहा था। सीमा की चूत मेरे कण्ट्रोल में थी और मैं उसमें कभी धीरे धीरे और कभी तेज तेज धक्के मारते हुए चोद रहा था। सीमा को चोदते हुए मैं उसकी चूचियां भी दबाने लगा। सीमा आह उह आह उह्ह आह आह की आवाज करती हुई चुदने का मज़ा ले रही थी।सीमा की चुचियों की घुन्डियाँ मसलते हुए मैंने कहा- क्यों चूत के भूत की पिटाई का मज़ा ले रही हो?
सीमा बोली- सच राजा ! आज बहुत मज़ा आ रहा है ! तुम मुझे ऐसे ही चोदो और मसलो ! आज मेरी सबसे अच्छी चुदाई का दिन है !
थोड़ी देर बाद मैंने सीमा की चूत में से लण्ड बाहर निकल लिया, सीमा बोली- भाईसाहब और चोदो न ! मुकेश अभी नहीं आएगा ! मेरे राजा और चोदो ना ! मैंने कहा- तुम्हारी चूत में जो भूत है उसने मेरे लण्ड को गरम कर दिया है, इसे मुँह में लेकर थोड़ा सा प्यार करो, उसके बाद साले भूत के प्राण निकाल दूंगा।
थोड़ी देर में सीमा भाभी के मुँह में मेरा मोटा लण्ड था। सीमा उसे प्यार से घोड़ी बनकर चूस रही थी। मेरे हाथ भाभी के चूतड़ों को कस कस कर पीट रहे थे। लौड़ा चूसने से बुरी तरह तन गया। अब मैं और भाभी 69 आसन में थे। उनका चूत रस बहुत तेजी से बह रहा था जिसे मैं लपालप पीने लगा। भाभी मेरा लण्ड फुल मस्त होकर चाट और चूस रही थीं। मैंने सीमा भाभी को घोड़ी बना दिया और पीछे से उनकी चूत में अपना लौड़ा घुसा दिया और झुककर उनके संतरों को मसलने लगा। सीमा मस्ती में नहा रही थी, पूरा लण्ड उसकी चूत में कस कर घुसा हुआ था। वो बार बार चिल्ला रही थी- भाईसाहब चोदो ! इस कुते को आराम क्यों करा रहे हो !
मैं बोला- तेरे भूत को दबाए हुए है यह !
और मैंने उसकी चुचियों को कस कस कर नोचना जारी रखा। 3 – 4 मिनट बाद मैंने बहुत तेजी से उसकी चूत चोदना शुरू कर दी। अब वो बहुत तेजी से उई आह उई उई उई ! मर गई ! रोको रोको ! मेरी फट गई ! उई मर गई मर गई ! चिल्ला रही थी। इस तरह वो चिल्लाती रही। 5 मिनट बाद मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया। उसकी भी चूत से काफी चूत-रस निकला था। इसके साथ ही हम जमीन पर एक दूसरे के ऊपर गिर गए और गहरी गहरी साँसे लेने लगे। सीमा ने मुझे बाँहों में भर लिया और बोली- मेरे प्यारे जसमेर ! आज तुमने मुझे बहुत मज़ा दिया !
थोड़ी देर बाद हम सीधे हुए और एक दूसरे को बाँहों में भरकर हमने होंठों में होंठ डालकर एक लम्बा चुम्बन लिया। इसके बाद मैं और सीमा कपड़े पहन कर बाहर आ गए।
सीमा दो कप चाय ले आई, हम एक दूसरे की तरफ मुस्कराते हुए चाय पी रहे थे। सीमा बोली- भाई साहब ! कब जाओगे?
मैं बोला- मैं और मुकेश कल सुबह जाएंगे !
सीमा बोली- मेरी चूत का भूत तो आपने भगा दिया लेकिन वायदा करो कि आप रात को एक बार और मुझे चोदेंगे ! जब मुकेश सो जायेगा तो मैं बाथरूम में आकर आप से चुदवा लूंगी !
मैं मुस्करा रहा था, सीमा बोले जा रही थी। सीमा बोली- रात में आप मेरी गांड भी एक बार मारना ! मुझे गांड मरवाने में बहुत मज़ा आता है।
सीमा की बात सुन कर मैं हैरान था, मैंने कहा- मुकेश तो मुझसे कहता है कि उसने आज तक गांड नहीं मारी !
सीमा ने बताया- मुकेश के पीछे रीमा के पति सोहन से चूत और गांड दोनों मरवाती हूँ, लेकिन उसका लण्ड 5 इंच है, वो उसकी चूत उतनी अच्छी नहीं मारता जितनी अच्छी मुकेश मारता है। लेकिन सोहन गांड बहुत अच्छी मारता है।
रात को तीन बजे हम दोनों ने सेक्स करने की योजना बना ली और मैंने वायदा किया कि मैं उसकी गांड जरूर मारूंगा। आप यह कहानी मेराहिंदी सेक्स.कॉम पर पढ़ रहे है।
सीमा बहुत खुल गई थी, बातों बातों में मैंने सोना के बारे में पूछ लिया। सीमा ने बताया कि सोना बहुत सुंदर है। साली को अपनी सुन्दरता पर घमंड बहुत है। सोना और मेरे चुदाई के इस खेल को आप अगली कहानी में पढ़ सकते है। इसके लिए आप पोस्ट के निचे Newer Post बटन पर क्लिक करे।