बहन की चुदाई का नशा रंडी की चूत में ढूंढा – मुझे बहन की चुदाई करनी थी, कर नहीं पाया तो रंडी से एक्टिंग करवा ली
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम विनीत हैं और मैं बेलगाम का रहने वाला हूँ. वैसे हम लोग बनारस से हैं लेकिन मेरे डेड के साड़ी के काम के चलते हम लोग यहाँ पे सेटल हुए हैं. मेरी एक छोटी बहन हैं जिसकी शादी हो चुकी हैं. मैं भी शादीसुदा हूँ और मुझे एक बेटा भी हैं. मुझे बचपन से ही अपनी बहन की चुदाई की फेंटसी थी और मैं चाहता था की बहन k चुदाई मेरे नसीब में एक बार हो. लेकिन मेरी बहन रिंकू बहुत ही शर्मीली और सुलझी हुई लड़की थी इसलिए मैं उसे कभी इसके लिए पूछ नहीं पाया.
मुझे बहन की चुदाई करनी हैं
ऐसा नहीं हैं की मैंने इसके लिए ट्राय नहीं किया. उसे चोदने के लिए मैंने कई बहन की चुदाई की कहानियां पढ़ी और वीडियो भी देखें. लेकिन मैं वो हिम्मत नहीं कर पाया. रिंकू के बदन के बदलाव मेरे लंड को हैरान करते थे और मैं बाथरूम के अंदर अपनी भावनाओ को बहाता रहेता था. रिंकू कोलेज में आई तब एक बार रात को मैंने उसकी गांड पे अपना लंड घिसा था. लेकिन जैसे ही वो थोड़ी हिली मैं फट से भाग खड़ा हुआ था. शादी के बाद मैं अपनी बीवी के चहरे में अपनी बहन को ढूँढता था लेकिन फिर भी कुछ मजा नहीं आ रहा था. मैं सुनना चाहता था की भैया और जोर से चोदो मुझे, अपनी बहन की चुदाई मस्त तरीके से कर दो. दिन बीते और मेरी ही तरह रिंकू की भी शादी हो गई. अब वो अपने ससुराल में हैं. शादी के बाद तो उसकी गांड और भी बड़ी हो गई हैं और मुझे उसके ऊपर हाथ फेरने के डेड्रीम्स आते रहते हैं. फिर एक दिन मैंने एक आइडिया लगाया और मनोमन अपनेआप को कोसा की यह आइडिया पहले क्यूँ नहीं आया.
दरअसल मैंने उस दिन अखबार में एक न्यूज़ पढ़ी नाटक के बारे में. और मैंने सोचा की साला यह आइडिया पहले क्यूँ नहीं आया. मैंने सोचा की क्यूँ ना एक कम उम्र वाली रंडी को ही बहन की तरह चोद दिया जाएँ और उस से अपनी बहन की एक्टिंग करवा ली जाएँ. वैसे आइडिया इतना धांसू नहीं था लेकिन फिर भी प्रेक्टिकल था. अब बेलगाम में यह करना खतरे से खाली नहीं था क्यूंकि यहाँ पे जल्दी पकडे जाने का खतरा था. इसलिए मैंने सोचा की बिजनेश के बहाने से गोवा की खेप लगायी जाएँ.बीवी को मैंने कह दिया की साडी के काम से मैं 3 दिन के लिए कारवार जा रहा हूँ. उसी शाम की स्लीपर बस पकड के मैं सीधा गोवा जा पहुंचा. घूमना तो था नहीं लेकिन मुझे दलाल को ढूँढना था जो मुझे 18 से 20 साल के उम्र के बिच की लड़की ला के दे सकें. कलंगुट बिच पे आधी दोपहर तक ऐसे दलाल को ढूंढता रहा. दलाल तो बहुत थे लेकिन कोई कहता था की लड़की 21 से उपर की हैं तो कोई कहता था की उसके पास सिर्फ भाभियाँ हैं. कोई सिर्फ अंग्रेज लड़कियों की सप्लाय करता था.
आधी दोपहर होने के बाद मैं कलंगुट बिच के पास एक बार में बैठ सिगरेट फूंक रहा था. तभी मैंने एक बूढ़े से दलाल को देखा जो बहार कार पार्क में लोंडो को पटा रहा था. मैंने सोचा की चलो इसे ही पूछ लूँ. मैंने सिगरेट को एश ट्रे में बूझाया और मैं उठ के उसके पास आया. मुझे देख के वो भी शायद मेरी नजर को पढ़ गया. मेरे पास आके वो धीरे से बोला, “साहब मस्त गोरी लड़की हैं मेरे पास. आप कहो उस कंट्री की लाके दे सकता हूँ.”
मैं उसे धीरे से कहा, “मुझे इंडियन ही चाहियें लेकिन उसकी उम्र 18-19 से ज्यादा नहीं होनी चाहियें…!”
मेरी बात सुन के वो दलाल हंस पड़ा और बोला, “साहब यहाँ सब को होलीवुड की हिरोइन्स चाहियें और आप ही हैं सही जोहरी…!”
उसने एक सांस लंबे से ली और बोला, “एक नया पिस हैं एकदम कडक अभी मुश्किल से 18 या साढ़े 18 की होंगी. हैदराबाद की हैं लेकिन उसका रेट 2500 हैं पर शॉट का.”
मैंने दलाल की उलझन थोड़ी बढ़ाते हुए कहा, “मेरी एक डिमांड हैं साथ में. मुझे सेक्स तो करना ही हैं लेकिन साथ में इस लड़की को मेरे लिए थोड़ी एक्टिंग करनी पड़ेंगी और कुछ डायलोग बोलने पड़ेंगे.”
“अरे साहब छुपे केमरे से ब्लू फिल्म बनाओंगे क्या लड़की की?” उसके आवाज में डाउट था.
मैंने उसे कहा, “नहीं बस एक फेंटसी हैं जिसे पूरी करने के लिए मैं बेलगाम से यहाँ आया हूँ.”’
दलाल ने मुझ से ऊँगली के इशारे से दो मिनिट मांगे. वो साइड में गया और मोबाइल से बाते करने लगा. मैं समझ गया था की वो उस रंडी से ही बात कर रहा होंगा. वो बात ख़त्म कर के आया और बोला, “साब इसके लिए 3500 लगेंगे और होटल हम कहेंगे.”
जरुर उस लड़की को भी यही डाउट होंगा की कही मैं अपने कमरे में बुला के उसकी रेकोर्ड ना बना लूँ. लेकिन मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था इसलिए मैंने उसकी बात मान ली. मुझे अब बहन की चुदाई की एक्टिंग कम से कम सच होती लग रही थी. दलाल ने मुझे वही रुकने के लिए कहा. मैं वापस बार में गया और अपने बिल का भुगतान कर आया. वापस आके मैं वही कार पार्किंग में खड़ा था उस दलाल के पास. कुछ 20 मिनिट के बाद एक टेक्सी आई जिसकी पिछली सिट पे एक भोली सी सूरत वाली हॉट लड़की बैठी हुई थी. दलाल ने मुझे कहा, “आप की आइटम आ गई हैं साब. आप मुझे 2000 रूपये दें. मुझे होटल में एडवांस देना पड़ेंगा, और होटल का किराया आप के जिम्मे होंगा.”
मैंने फट से उसे पैसे निकाल के थमा दिए. वो मुझे ले के गाडी में बैठा और गाडी पणजी के रोड पे दौड़ने लगी. रास्ते में एक सस्ती लोज जैसी जगह पे गाडी रुकी. दलाल ने आगे जाके कुछ बात की और फिर रंडी को इशारा किया. उस लड़की ने मुझे कहा, “चलो साहब…!”
वो मेरे आगे आगे चलते हुए रिसेप्शन के सामने वाले कमरे में ही घुसी. दलाल ने मुझे कहा की होटल के पैसे मैं दे दिए हैं, आप लड़की को 1500 दे देना जो बाकी हैं. मैं समज गया की वो 1500 ही लड़की का रेट था. लेकीन मैं अभी पैसे बचाने के मुड में नहीं था. जैसे ही मैं कमरे में घुसा मैंने देखा वो लड़की बिस्तर पे अपना पर्स फेंक के खड़ी थी. मैं दरवाजे का स्टोपर लगाया और उसने मेरी और देखां. उसने पूछा, “साहब क्या एक्टिंग करनी होंगी मुझे.”
मेरी जबान सुख रही थी लेकिन मैं हिम्मत से कहा, “तुम्हे मेरी छोटी बहन रिंकू बनना होंगा कच देर के लिए. जब मैं तुम्हे चोदुं तो तुम मुझे भैया कह के बुलाना.”
रंडी के मुहं के भाव देखनेलायक थे उस वक्त. वो मुझे देख के हंसने लगी और बोली, “साहब बड़े बेन्चोद किस्म के इंसान हो तुम तो.”
मैंने आगे बढ़ के उसके बूब्स पकड लिए और कहा, “मेरी बहन का नाम रिंकू हैं और मेरा एक अरमान था की मैं अपनी बहन की चुदाई कर सकूँ. लेकिन वो हो नहीं सका लेकीन आज मैं जब तुम्हे चोदुं तो प्लीज़ तुम रिंकू बन जान कुछ देर के लिए. मैं तुम्हें और भी पैसे दूंगा अगर तुम्हे ये किया तो…!”
और यह रंडी तो बड़ी चालू निकली, उसने मेरे लंड को पकड के कहा, “चलिए भैया मुझे चोद दीजिए ना, आप की बहन की चूत कब से भैया वाले लंड की तलाश में मैं.” मैंने उसके मुहं को अपने हाथो से दबाया और उसे जोर से किस कर ली. रंडी भी पूरी प्रोफेशनल थी और उसे पता था की रंडी के पेशे में रोमांस की कोई जगह नहीं हैं. उसने फट से निचे बैठ के मेरी ज़िप खोली और लौड़े को बहार निकाला. उसने अपने पर्स से एक कंडोम निकाली और मेरे लंड को पहना दिया. फिर तो खड़ी हुई और उसने अपने कपडे एक मिनिट के अंदर ही उतार डाले. अब वो नंगी बिस्तर में लेट गई और बोली, “मैं अपने दुपट्टे से आप की आँखे बंध कर देती हूँ. आप मुझे चोदना और मैं आप की बहन बन जाउंगी. इस तरह आप को बहन की चुदाई का सुख मिलेंगा…!”
रंडी चुदी बहन की एक्टिंग करते करते
और उसने अपने दुपट्टे को मेरी आँखों पे बाँध दिया. वो निचे लेट गई और उसने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया. उसने सीधे ही मेरे लौड़े को अपनी चूत के होंठो पे रगडा और उसकी भीनी हुई चूत का अहसास मुझे होने लगा. मैं निचे झुक के उसकी चुंची को चूसने लगौर बोला, “रिंकू मेरा लंड ले लो अपनी चूत के अंदर.”
“क्यूँ नहीं भैया…मैं आज आप से चुदना चाहती हूँ, चोदेंगे ना अपनी बहन को…?” उसने फट से मेरे लंड की चूत के छेद पे रख दिया और मैंने एक झटका उसमे लगा दिया. मेरा लंड चूत में जाते ही व जोर से चिल्लाई, “भैया धीरे से डालियें मेरी चूत में दर्द होता हैं.” उसके भैया वाले रोने से जैसे मुझे नशा चढ़ रहा था. मैंने अपने लंड को इस रंडी की चूत में जोर जोर से डालना चालू कर दिया. मेरे होंठ कभी उसके होंठो पे जाते थे तो कभी उसकी चुंची को चूसते थे. रंडी भी आह आह भैया आह आह भैया का रोना रो रही थी और मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी. मैं उसके कूल्हों को पकड के अपने लंड को उसकी चूत की गहराई तक मार रहा था. वो भैया जोर से और जोर से, आज अपनी बहन की चुदाई कर ही दो, वैसे बोलती जा रही थी.
और सच कहूँ तो उसका ऐसे उत्तेजित करना मेरे लिए घातक सिध्ध हुआ. नॉर्मली मैं 20 मिनिट तक चुदाई करता हूँ, लेकिन आज मैं सिर्फ 7-8 मिनिट में ढेर हो गया. कंडोम की टोटी में मेरे लंड ने अपना पानी निकाल डाला. रंडी ने धीरे से मेरे लंड को पकड के बहार निकाल दिया. मैंने कंडोम को अनरोल किया और उसे निकाल फेंका. रंडी ने खड़े होकर कपडे पहन लिए. मैंने वादे के मुताबिक उसे पैसे दे दिए. मैंने उसे साथ में यह भी कहा की मैं गोवा में तिन दिन और हूँ और अगर वो चाहें तो बहन की चुदाई वाला यह नाटक मैं कुछ दिन और करना चाहूँगा. उसने एक कार्ड निकाल के मुझे दिया और कहा की जब जी चाहें बुला लेना. मैं आज बहुत दिनों के बाद इतना संतुष्ठ हुआ था……!