गांडू दोस्त की माल बहन को ना जाने कितनी बार चोदा हिंदी सेक्स स्टोरी

गांडू दोस्त की माल बहन को ना जाने कितनी बार चोदा हिंदी सेक्स स्टोरी : दोस्तों मेरी इस दोस्त की माल बहन को रंडी की तरह चोदने की इस हिंदी सेक्स स्टोरी में आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है. मेरा नाम राहुल शर्मा है और मैं कॉलेज में पड़ता हूं अभी में थर्ड ईयर में हूँ. कॉलेज में मेरा एक दोस्त है वो बड़ा गांडू टाइप का इन्सान है उसका नाम दीपक है, वह मेरा बहुत अच्छा गांडू दोस्त है। हम लोग कॉलेज में ही मिले थे और मैं पिछले दो ढाई वर्षों से गांडू दीपक को जानता हूं। वह बहुत ही अच्छा लड़का है और हम दोनों ज्यादा समय साथ में ही रहते हैं। मुझे जब भी कोई जरूरत पड़ती है तो मैं गांडू दीपक को फोन कर देता हूं।

इसी वर्ष गांडू दीपक की माल बहन ने कॉलेज में एडमिशन लिया। वह फर्स्ट ईयर में है। उसकी माल बहन का नाम प्रक्रति है मैं जब प्रक्रति से मिला तो मुझे प्रक्रति से बात कर के अच्छा लगा। अब वह मुझे हमेशा ही कॉलेज में दिख जाती है इसलिए हम लोग साथ में ही बैठे रहते थे और हम लोग जब कैंटीन में होते तो साथ में ही बैठ कर बात किया करते थे।

प्रक्रति भी अब मुझे अच्छे से पहचाने लगी थी। उसे पता था कि मैं उसके गांडू भाई दीपक का बहुत अच्छा दोस्त हूं। एक दिन गांडू दीपक कॉलेज नहीं आया और उसकी माल बहन प्रक्रति की कॉलेज में तबीयत खराब होने लगी तो मैं प्रक्रति को घर लेकर चला गया। जब मैं प्रक्रति को घर लेकर गया तो उस वक्त गांडू दीपक घर पर नहीं था। प्रक्रति ने मुझे अपनी रंडी जैसी चिकनी मम्मी से मिलाया और कहा कि यह भैया के दोस्त हैं।

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मैं आज पहली बार उनसे मिला था और उन्हें देखते ही मेरा लंड तन गया था मन तो कर रहा था की साले की माँ को अभी नंगी कर के चोदना शुरू कर दूँ। आंटी मुझे कहने लगी कि दीपक तुम्हारी बहुत तारीफ करता है। मैंने प्रक्रति से कहा कि तुम आराम कर लो, वह अपने कमरे में चली गई और मैं ऑन्टी के साथ बात करने लगा। मैंने आंटी को बताया कि प्रक्रति की तबीयत खराब हो गई थी और वह मुझे कहने लगी आप मुझे घर छोड़ दीजिए इसीलिए मैं उसे घर छोड़ने के लिए आ गया। फिर कुछ देर बाद में अपने घर पर आगया.

जब अगले दिन मैं कॉलेज गया तो गांडू दीपक भी मुझे कॉलेज में मिला और गांडू दीपक से मैंने पूछा की अब प्रक्रति की तबीयत कैसी है, वह कहने लगा पहले से बेहतर महसूस कर रही है और वह सुबह मेरे साथ कॉलेज भी आई है। मैंने उसे कहा यह तो अच्छी बात है।

प्रक्रति और मेरे बीच में अच्छी दोस्ती हो गई थी। धीरे-धीरे हम दोनों की बात बढ़ने लगी शायद मुझे अब प्रक्रति की आदत सी हो गई थी और हम लोग हमेशा ही फोन पर बात करते हैं। मै हमेशा ही प्रक्रति से फोन पर बात करता था।

मैं एक दिन प्रक्रति के साथ फोन मे बात कर रहा था उस दिन मेरी उससे कुछ ज्यादा ही लंबी बात हुई और बात करते करते मैंने उसे अश्लील बातें करना शुरू कर दिया। वह मुझे कहने लगी कि मुझे तुमसे अपनी वर्जिन चूत मरवानी है मैंने उसे कहा कि तुम मुझे अपनी नंगी फोटो भेजो। जब उसने मुझे अपनी नंगी तस्वीर भेजी तो मेरा मूड पूरा खराब हो गया। मेरा पानी मेरे लोअर के अंदर ही गिर गया। मैं उस दिन सो भी नहीं पाया मुझे बिल्कुल भी नींद नहीं आई मैं अब प्रक्रति की चिकनी वर्जिन चूत मारना चाहता था।

अगले दिन वह हमारे घर आई तो मैंने प्रक्रति को अपने कमरे में बुला लिया और वह मेरे साथ ही बैठी हुई थी। मैंने जब उसके होठों को अपने होठों में लेकर चूसना शुरू किया तो उसे बड़ा अच्छा लगने लगा। उसके नरम और पतले होंठ जब मैं चूस रहा था तो मेरा भी मन पूरा खराब हो रहा था और मैंने भी बड़ी देर तक उसके होठों का रसपान किया। उसके बाद जब मैंने उसके नरम और मुलायम स्तनों को अपने मुंह मे लिया तो मुझे और भी अच्छा लगने लगा। मैने उसके स्तनों को बहुत देर तक चूसा और उन्हें अपने हाथ से भी दबाया तो उसके स्तन बहुत ही सुडौल और बड़े-बड़े थे। मैंने उन्हे अपने मुंह में लेकर जैसे ही चूसा तो मैंने उसके स्तनों पर अपने दांत भी मार दिए थे मैने उसके पूरे शरीर को चाटना शुरू कर दिया। मैंने उसकी वर्जिन चूत पर जैसे ही अपनी जीभ को लगाया तो मुझे बड़ा अच्छा महसूस होने लगा मैं उसकी वर्जिन चूत को बड़े अच्छे से चाटे जा रहा था उसकी वर्जिन चूत से पानी भी बाहर की तरह निकल रहा था और मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था।

मैंने प्रक्रति से कहा कि अब मैं तुम्हारी वर्जिन चूत मे अपने लंड को डाल रहा हूं मैंने उसकी वर्जिन चूत चोदने के लिये उसके दोनों पैर चौडे कर दिये और जैसे ही उसकी वर्जिन चूत पर मैंने अपने लंड को टच किया तो वह में मचलने लगी। मैंने धीरे-धीरे उसकी वर्जिन चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया जैसे ही मेरा लंड उसकी वर्जिन चूत के अंदर गया तो वह चिल्लाने लगी उसकी वर्जिन चूत से खून निकलने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मैं प्रक्रति को धक्के मार रहा था वह भी अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर रही थी और मुझे भी अच्छा लग रहा था। मैंने काफी देर तक उसे ऐसे ही चोदा जिससे कि मेरा लंड छिल चुका था और उसका भी पूरा मूड बन चुका था।

मैंने उसके दोनों पैरों को  मिला लिया और बड़ी तेजी से मे उसे चोद रहा था उसकी वर्जिन चूत लाल हो गई थी और उसे भी मजा आने लगा था। प्रक्रति मुझे कहने लगी कि मुझसे अब बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है मैं ज्यादा समय तक नहीं झेल पाऊंगी लेकिन मैं से बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था जिससे कि उसका पूरा शरीर दर्द होने लगा।

कुछ देर बाद उसने अपनी वर्जिन चूत को बहुत ज्यादा टाइट लिया और जैसे ही उसकी चूत में मेरा वीर्य पतन हुआ तो मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ उसके बाद मैंने उसकी गांड भी मारी वो हिंदी सेक्स स्टोरी फिर कभी। उसके बाद से तो प्रक्रति को मैंने ना जाने कितनी बार चोद दिया है और हम दोनों अक्सर अलग अलग स्टाइल में सेक्स करते है अब तो वो मेरे लंड की दीवानी हो गयी है मेरे लंड से अपनी चूत चुदवाये बिना उसे अब चैन नहीं आता है.