साथ मुठ मारते थे तो चल साथ चूत भी चोदेंगे रंडी दुल्हन नंगी
साथ मुठ मारते थे तो चल साथ चूत भी चोदेंगे रंडी दुल्हन नंगी
साथ मुठ मारते थे तो चल साथ चूत भी चोदेंगे रंडी दुल्हन नंगी : दोस्तो, पास के ही गाँव में एक बहुत बड़े ज़मींदार थे। लोग तो उनको उस पूरे इलाके का राजा ही मानते थे। उनका एक लड़का हिमांशु और एक लड़की सेक्सी कंचन थी। ज़मीन कुछ ज़्यादा ही थी तो इस डर से कि कहीं सरकार कब्ज़ा ना कर ले, काफी ज़मीन बेटी सेक्सी कंचन के नाम पर भी कर दी थी। हुआ ये कि इतने ऐश-ओ-आराम में बच्चे थोड़े बिगड़ गए। चौधरी जी ने भी सोचा इतना पैसा है; ज़मीन-जायदाद है; बच्चे थोड़े बिगड़ भी जाएं तो क्या फर्क पड़ता है।
लेकिन चिंता की बात तो तब सामने आई जब गाँव में काना-फूसी होने लगी कि सेक्सी कंचन का अपने ही बड़े भाई हिमांशु के साथ चक्कर है और वो उससे अपनी चूत मरवाना चाहती है।
यूँ तो चौधरी साहब खुद भी बड़े ऐय्याश किस्म के रंडी चोदु मर्द थे तो उनको कोई फर्क नहीं पड़ता अगर उनके बेटे ने कोई रंडी पाल ली होती या गाँव में किसी और की बीवी से टांका भिड़ा लिया होता और उसकी चूत चोद चोद कर फाड़ डाली होती. लेकिन यह मामला तो अलग ही तरह का था। चौधरी जी ने सोचा की अफवाहों के आधार पर अपने बेटे-बेटी से इन सब के बारे में बात करना सही नहीं होगा लेकिन लोगों का मुँह भी बंद नहीं कर सकते। वैसे भी किसी की इतनी हिम्मत तो थी नहीं कि कोई उनके सामने मुँह खोल सके।
साथ मुठ मारते थे तो चल साथ चूत भी चोदेंगे रंडी दुल्हन नंगी
आखिर चौधरी जी ने सोचा कि बेटी की शादी करके विदा कर दें, तो न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी। लेकिन इतनी बदनामी के बाद किसी बड़े ज़मींदार के पास रिश्ता भेजा और उसने मना कर दिया तो यह बड़ी बेइज़्ज़ती की बात होगी इसलिए चौधरी ने यह रिश्ता रंडी चोद गिरीश के लिए भेज दिया। उन्होंने बचपन से उसे अनाज मंडी में या खाद-बीज और कीटनाशक लेते हुए देखा था। उनको हमेशा लगता था कि वो बहुत मेहनती लड़का है। उनको विश्वास था कि जो जमीन उनकी बेटी के नाम है उसका सही उपयोग करके रंडी चोद गिरीश ज़रूर उनकी बेटी को सुखी रख पाएगा।
रंडी चोद गिरीश और उसकी माँ ने भी कुछ उड़ती उड़ती बातें सुनी थीं सेक्सी कंचन के बारे में लेकिन रंडी चोद गिरीश की माँ कौन सी दूध की धुली थी। उस पर जो ज़मीन सेक्सी कंचन अपने साथ लेकर आने वाली थी वो पहले ही उनकी ज़मीन से दोगुनी थी। यह बहू सिर्फ कहने के लिए नहीं बल्कि सच में लक्ष्मी का रूप थी। अब घर आती लक्ष्मी को कौन मना करता है तो रंडी चोद गिरीश की माँ ने तुरंत हाँ कर दी।
चौधरी साहब भी जल्दी में थे तो चट मंगनी पट ब्याह हो भी गया।
बारात वापस आई और सारे पूजा पाठ ख़तम हुए तब दुल्हन रिश्तेदार महिलाओं के साथ एक कमरे में बैठी थी। सुहागरात में अभी समय था तो रंडी चोद गिरीश और प्रमोद पीछे बाड़े में अकेले बैठे गप्पें लड़ा रहे थे।
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प्रमोद- भाई, अब तेरी तो शादी हो गई। पहले अपन साथ लंड पकड़ कर मुठ मारते थे किन्तु अब मुझे तो अपने ही हाथ से लंड पकड़ कर मुठ मारनी पड़ेगी।
रंडी चोद गिरीश- अरे नहीं! ऐसा कैसे होगा? पहली बार मुठ मारी थी तब से आज तक हमने हमेशा एक दूसरे की मुठ मारी है लंड चूसा है। ऐसे थोड़े ही कोई शादी होने से दोस्ती में दरार पड़ेगी।
प्रमोद- वो तो सही है, लेकिन अब तुझे चूत मिल गई है तो तू मुठ क्यों मारेगा?
रंडी चोद गिरीश- हम्म! यार जब एक दूसरे के हाथ से लंड पकड़ कर मुठ मार सकते हैं। एक दूसरे का लंड चूस सकते हैं तो एक दूसरे की बीवी की चूत क्यों नहीं मार सकते?
प्रमोद- अरे! ऐसा थोड़े ही होता है।
रंडी चोद गिरीश- अरे तू चल आज मेरे साथ … दोनों भाई साथ में सुहागरात मनाएँगे। वैसे भी छिनाल पता नहीं क्या क्या गुल खिला के बैठी है; बड़े चर्चे थे इसके गाँव में।
प्रमोद- अरे यार तू इतना गर्म मत हो। क्या पता किसी ने जलन के मारे यूँ ही खबर उड़ा दी हो। तू अकेले ही जा और प्यार से चोदना अपनी सेक्सी भाभी की वर्जिन चूत और गांड को अगर पहले कोई गुल खिलाए होंगे तो पता चल ही जाएगा; और नहीं तो जिस दिन मेरी शादी हो जाएगी और अपन दोनों की जोरू राज़ी होंगी तो ही मिल के चोदेंगे। बीवी है यार … अपना हाथ नहीं है कि जो उसकी खुद की कोई मर्ज़ी ना हो।
रंडी चोद गिरीश- हाँ यार, बात तो ये भी तूने सही कही। लेकिन तू अपने हाथ से मुठ नहीं मारेगा। जब तक तेरी शादी नहीं हो जाती तब तक मैं अपनी बीवी और तुझे दोनों को मज़े देने लायक दम तो रखता हूँ।
ऐसे ही बातें करते करते रात हो गई और कुछ औरतें रंडी चोद गिरीश को बुलाने आ गईं। उनमें से एक कहने लगी- काय भैया? मीता संगेई सुहागरात मन ले हो, के जोरू की मूँ दिखाई बी करे हो?
इतना कह के हँसी मजाक करते हुए औरतें रंडी चोद गिरीश को सुहागरात मनाने के लिये दुल्हन वाले कमरे में धकेल आईं। अन्दर गुसते ही रंडी चोद गिरीश ने बल्ब जला दिया जिससे कमरा रोशनी से जगमगा गया। रंडी चोद गिरीश के अन्दर प्रेम और चूत चुदाई की भावना कम थी और गुस्सा ज्यादा था क्योंकि उसने काफी लोगों के ताने सुने थे कि रंडी चोद गिरीश ने ज़मीन के लालच में बदचलन रंडी लड़की से शादी कर ली। वो देखना चाहता था कि सेक्सी कंचन कितनी दुष्चरित्र है? उस ज़माने में गाँव की शादियों में दुल्हनें लम्बे घूंघट में रहतीं थीं तो अभी तक रंडी चोद गिरीश ने सेक्सी कंचन को देखा नहीं था।
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रंडी दुल्हन कंचन अपने दोनों पैर सिकोड़े सजे धजे पलंग के बीचों बीच घूंघट में छिपी अपनी गंड और चूत मरवाने को तैयार बैठी थी। रंडी चोद गिरीश सीधे गया और जा कर उसका घूंघट एक झटके के साथ हटा दिया लेकिन जैसे ही उसकी नज़र सेक्सी कंचन पर पड़ी, उसका आधा गुस्सा तो वहीं गायब हो गया। इतनी सेक्सी और सुन्दर लड़की की तो उसने कल्पना भी नहीं की थी वो उस रंडी दुल्हन के मोटे मोटे बूब्स देख कर पागल होता जा रहा था।
लेकिन सेक्सी कंचन में लाज शर्म जैसी कोई बात नज़र नहीं आई; वो रंडी चोद गिरीश की तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी। उसकी ये मुस्कराहट उसके सुन्दर रूप पर और चार चाँद लगा रही थी। रंडी चोद गिरीश से रहा नहीं गया और उसने उन मुस्कुराते हुए होंठों को चूम लिया। सेक्सी कंचन ने भी को शर्म किये बिना उसका पूरा साथ दिया।
लेकिन अचानक रंडी चोद गिरीश को विचार आया कि ये सेक्सी दुल्हन लड़की इतनी बेशर्मी से चुम्बन कर रही है ज़रूर लोगों की बात सही होगी। इस विचार ने एक बार फिर उसके अन्दर बैचेनी पैदा कर दी। अब वो जल्दी से जल्दी पता करना चाहता था कि इस रंडी दुल्हन लड़की की सच्चाई क्या है।
उसने सेक्सी दुल्हन के सारे कपड़े निकाल फेंके और उस रंडी दुल्हन को नंगा कर डाला, सेक्सी कंचन ने भी उसका पूरा साथ दिया। जैसे ही वो पूरी नंगी हुई तो एक बार फिर उस संग-ए-मरमर की तरह तराशे हुए बदन को देख कर रंडी चोद गिरीश मंत्रमुग्ध हो गया।
जिस ज़माने की से बात है तब लड़कियां बहुत शर्मीली हुआ करती थीं और जो नहीं भी होतीं थीं वो भी कम से कम ऐसा अभिनय ही कर लेतीं थीं क्योंकि ऐसा कहते थे कि लाज-शरम औरत का गहना होती है।
पर यहाँ तो सेक्सी कंचन ज़रा भी नहीं शरमा रही थी। कपड़े निकालने में ना-नुकर करना तो दूर वो तो खुद मदद कर रही थी। रंडी चोद गिरीश काफी भ्रमित था कि वो इसका क्या मतलब निकाले लेकिन जब सामने ईश्वर की इतनी खूबसूरत रचना अपने प्राकृतिक रूप में मुस्कुराते हुए आपके सामने हो तो दिमाग कम ही काम करता है।
रंडी चोद गिरीश से एक बार फिर रहा नहीं गया और वो सेक्सी कंचन के होंठ चूमने के लिए झुका। इस बार निशाना वो होंठ थे जो बोला नहीं करते।
दरअसल रंडी चोद गिरीश को चूत की चुम्मी लेने की जल्दी इसलिए भी थी कि वो यह जानना चाहता था कि सेक्सी कंचन कुंवारी है या नहीं। इसीलिए उसने कमरे में ज्यादा रोशनी की थी।
जैसे ही वो सेक्सी कंचन की जाँघों के बीच पहुंचा, उसे एक गंध ने मदहोश कर दिया। ये कुछ ऐसी गंध थी जो अक्सर नदी या झील के आसपास के पौधों में आती है, एक ताजेपन का अहसास था उसमें।
एक और वजह जिसने रंडी चोद गिरीश को अपनी ओर खींचा था वो ये थी कि सेक्सी कंचन की चूत पर एक भी बाल नहीं था। छूने से साफ़ पता लगता था कि ये बाल शेव करके नहीं निकाले गए हैं, क्योंकि शेव करने के बाद त्वचा इतनी मुलायम और चिकनी नहीं रह जाती।
उत्तेजना में रंडी चोद गिरीश ने अपनी दुल्हन की पूरी चूत को चाट डाला। सेक्सी कंचन भी सिसकारियां लेने लगी और रंडी चोद गिरीश के सर को अपनी चूत पर दबाने लगी। रंडी चोद गिरीश ने अपनी एक उंगली गीली करके उसकी चूत में डाल दी और उसे अंदर बहार करते हुए उसकी चूत का दाना चूसने लगा।
अब तक रंडी चोद गिरीश को सेक्सी कंचन की वर्जिन चूत पर खरोंच का एक निशान तक नहीं मिला था और लंड तो दूर की बात है उसकी चूत उसे अपनी एक उंगली पर भी कसी हुई महसूस हो रही थी। अब उसे पूरा भरोसा हो गया था कि वो सब बातें झूठ थीं और उसकी दुल्हन एक दम पाक है और उसकी चूत वर्जिन है।
हाँ … वो दूसरी लड़कियों के मुकाबले थोड़ी ज़्यादा ही बिंदास थी लेकिन इतना तो पक्का था कि उसने अब तक किसी से चुदवाया तो नहीं था। लेकिन उसकी हरकतों से तो वो काफी अनुभवी लग रही थी।
खैर ये तो वक्त ही बताएगा कि असलियत क्या थी।
बहरहाल रंडी चोद गिरीश का सारा गुस्सा उस रंडी दुल्हन को नंगी देख कर हवा हो चुका था बल्कि उसे ख़ुशी हो रही थी कि उसे इतनी सुन्दर और बिंदास बीवी मिली थी। वो ऊपर की ओर सरका और अपना एक से हाथ सेक्सी कंचन के सर को पीछे से अपनी ओर दबाते हुए उसके रसीले होंठों को चूसने लगा।
सेक्सी कंचन भी एक कदम आगे निकली और उसने अपनी जीभ से रंडी चोद गिरीश के होंठों के भीतरी हिस्से को गुदगुदाना शुरू कर दिया। रंडी चोद गिरीश का दूसरा हाथ सेक्सी कंचन के बाएँ स्तन को हल्के हल्के मसलते हुए उसके चूचुक के साथ छेड़खानी कर रहा था।
काफी देर तक अलग अलग तरह से चुम्बन और नग्न शरीरों के आलिंगन के बाद जब रंडी चोद गिरीश से अपने लिंग की अकड़न और सेक्सी कंचन से अपनी योनि का गीलापन बर्दाश्त नहीं हुआ हुआ तो रंडी चोद गिरीश ने अपना लंड सेक्सी कंचन की चूत में डालने की कोशिश की। लेकिन उसकी चूत का छेद इतना कसा हुआ था कि काफी कोशिश करने पर भी केवल लंड का सर अन्दर जा सका। अब ना केवल सेक्सी कंचन बल्कि रंडी चोद गिरीश को भी दर्द होने लगा था।
सेक्सी कंचन- सुनो जी! आप ज्यादा परेशान मत हो। अभी इतना चला गया है तो इतने को ही अन्दर बाहर कर लो। बाकी ऐसे ही कोशिश करते रहोगे तो कुछ दिन में पूरा चला जाएगा।
रंडी चोद गिरीश- मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे तुम्हारे जैसी बिंदास बीवी मिलेगी।
इतना कहकर रंडी चोद गिरीश ने कुछ देर छोटे छोटे धक्के मार कर चुदाई की लेकिन वो पहले ही थक चुका था और इसलिए वो इस चुदाई का उतना आनन्द नहीं ले पा रहा था जितना उम्मीद थी।
सेक्सी कंचन को ये बात जल्दी ही समझ आ गई, वो बोली- एक काम करो …ये अंदर बाहर रहने दो… लाओ मैं आपका लंड चूस के झड़ा देती हूँ।
रंडी चोद गिरीश- ठीक है, तुम लंड चूस लो, मैं तुम्हारी चूत चाट देता हूँ।
रंडी चोद गिरीश वैसे ही करवट ले कर लेट गया जैसे वो प्रमोद का लंड चूसते समय लेटता था। सेक्सी कंचन ने भी करवट ली और अपना नीचे वाला पैर सीधा रखा लेकिन ऊपर वाला सिकोड़ कर घुटना ऊपर खड़ा कर लिया जिससे उसकी चूत खुल गई। फिर लंड और चूत की चुसाई-चटाई जोर शोर से शुरू हो गई।
सेक्सी कंचन एक अनुभवी की तरह रंडी चोद गिरीश का लंड चूस रही थी। यहाँ तक कि वो उसके लंड का लगभग दो-तिहाई अपने गले तक अन्दर ले रही थी। इतनी अच्छी लंड चुसाई तो प्रमोद भी नहीं कर पाता था जबकि वो काफी समय से रंडी चोद गिरीश का लंड चूस रहा था। आखिर जब रंडी चोद गिरीश झड़ने वाला था तो जैसे वो प्रमोद के मुंह से निकाल लिया करता था वैसे ही सेक्सी कंचन के मुंह से भी निकालने की कोशिश की लेकिन सेक्सी कंचन ने निकालने नहीं दिया।
रंडी चोद गिरीश- मैं झड़ने वाला हूँऽऽऽ…
रंडी चोद गिरीश की बात पूरी तो हुई लेकिन सेक्सी कंचन ने अपना दूसरा पैर उसके सर के ऊपर से घुमाते हुए रंडी चोद गिरीश के सर को अपनी जाँघों के बीच दबा लिया और जोर जोर से अपनी कमर हिलाने लगी। अब तो रंडी चोद गिरीश को अपनी जीभ हिलाना भी नहीं पड़ रहा था, सेक्सी कंचन की चूत खुद ही उसके मुंह पर रगड़ रही थी। सेक्सी कंचन रंडी चोद गिरीश के साथ ही झड़ना चाहती थी और वही हुआ। दोनों साथ में झड़ने लगे लेकिन सेक्सी कंचन ने रंडी चोद गिरीश का लंड अपने मुंह से निकलने नहीं दिया। थोड़ी देर तक यूँ ही हाँफते हुए दोनों पड़े रहे।
जब रंडी चोद गिरीश का लंड ढीला पड़ा तो सेक्सी कंचन ने उसे किसी स्ट्रॉ की तरह चूसते हुए पूरा निचोड़ लिया। रंडी चोद गिरीश जब उठा तो सेक्सी कंचन ने उसे अपना मुँह खोल कर दिखाया और फिर सारा वीर्य एक घूँट में पी गई और एक बार फिर अपनी खूबसूरत मुस्कराहट बिखेर दी।
रंडी चोद गिरीश- एक बात पूछूँ?
सेक्सी कंचन- पूछो!
रंडी चोद गिरीश- शादी के पहले तुम्हारे बारे में बहुत खुसुर-फुसुर सुनने को मिली थी। अभी तो साफ़ समझ आ रहा है कि तुम्हारी चूत बिलकुल कुँवारी है लेकिन फिर बाक़ी सब काम तुम ऐसे कर रही हो जैसे बड़ा अनुभव हो। ये चक्कर क्या है?
सेक्सी कंचन- देखिये मैं आपसे झूठ नहीं बोलना चाहती लेकिन आप वादा करो कि आप गुस्सा नहीं करोगे?
रंडी चोद गिरीश- अब यार गुस्सा तो मैं पहले ही था सब लोगों के ताने सुन सुन के लेकिन तुम्हारी खूबसूरती देख के आधा गुस्सा ख़त्म हो गया और बाकी यह देख कर कि तुम कुँवारी ही हो। बाकी जो भी किया हो तुमने वो खुल के बता दो मैं गुस्सा नहीं करूँगा।
सेक्सी कंचन- देखिये, हमारे बाबा बहुत शौकीन किस्म के हैं। जब हम जवान होना शुरू हुए तभी से हमको समझ आने लगा था कि उनके कई औरतों के साथ सम्बन्ध थे। कई बार हम खुद उन्हें घर में काम करने वाली औरतों के साथ छेड़खानी करते हुए देख चुके थे।
रंडी चोद गिरीश- हाँ ये तो सही है। उनके भी कई किस्से सुने हैं मैंने, लेकिन फर्क ये है कि समाज में जब लोग उनके किस्से सुनाते हैं तो ऐसे सुनाते हैं जैसे उन्होंने कोई बड़ा तीर मारा हो।
सेक्सी कंचन- हाँ, वो मर्द हैं ना, ऐसा तो होगा ही। फिर एक दिन हमको उनके कमरे में एक छिपी हुई अलमारी मिली उसमें वैसी वाली किताबों का खज़ाना था। हमने छिप छिप कर पढ़ना शुरू किया और हमको बड़ी गुदगुदी होती थी ये सब सोच कर। हमारा भी मन करता था कि हम ये सब करके देखें। फिर हमें लगा कि जैसे बाबा घर में काम करने वाली औरतों के साथ चोरी छिपे मज़े करते है ऐसे ही क्यों ना हम भी किसी काम वाले को अपना रौब दिखा के वो सब करने को कहें जो उन किताबों में लिखा था और जिसके फोटो भी छपे थे।
रंडी चोद गिरीश- फिर?
सेक्सी कंचन- फिर हमने वही किया। एक हमारी ही उम्र का कामदार था, हट्टा-कट्टा गठीले बदन वाला। हमने उसको अकेले में बुलाया और डरा धमका के उसको नंगा होने के लिए कहा। उस दिन पहली बार हमने लंड छू कर देखा था। फिर अक्सर हम मौका देख कर उसको घर के किसी कोने में बुलाते और उसका लंड चूसते थे। हमको जैसे फोटो में दिखाया था वैसे उसका पूरा लंड अपने मुंह में लेना था।
रंडी चोद गिरीश- ओह्ह तभी इतना मस्त लंड चूस लेती हो… लेकिन अपवाह तो कुछ और सुनी थी। तुम्हारा भाई…
सेक्सी कंचन- वही बता रही हूँ। एक दिन घर के सब लोग दूसरे गाँव शादी में गए थे। मेरा जाने का मन नहीं था इसलिए मुझे भैया के साथ घर छोड़ गए थे। दोपहर को भैया जब खले की तरफ गए तो मैंने वो कामदार को बुलाया। उस दिन मैं सब कुछ कर लेना चाहती थी। हम दोनों कपड़े उतार के नंगे हुए ही थे कि भैया वापस आ गए।
वो खले की चाभी घर पर ही भूल गए थे। जैसे ही उन्होंने हमको इस हालत में देखा, उन्होंने उस कामदार को बहुत पीटा और लात मार के बहार निकाल दिया। फिर बाद में भैया ने समझाया कि ऐसे लोगों के साथ ये सब करने से बदनामी हो सकती है और वो तो बाहर जा कर लोगों को शान से बताएगा कि उसने तुम्हारे साथ क्या किया। नाम तो हमारा ही ख़राब होगा ना। मुझे उनकी बात समझ आ गई इसीलिए मेरी चूत अब तक अनछुई है। बाद में उसी कामदार ने ये सब बातें मेरे बारे में फैलाई थी।
रंडी चोद गिरीश- खैर अब इतना तो मैं भी कर चुका हूँ। मुझे ये सुन कर बुरा ज़रूर लगा कि तुमने एक काम वाले का लंड चूसा लेकिन ठीक है ये सोच कर तसल्ली कर लूँगा कि इसी बहाने तुम इतना अच्छा लंड चूसना सीख गईं। वैसे मैं और मेरा लंगोटिया यार प्रमोद भी एक दूसरे का लंड चूसते हैं।
सेक्सी कंचन- हाय राम! आप वैसे तो नहीं हो ना जिनको लड़के पसंद होते हैं?
रंडी चोद गिरीश- हा हा हा… अरे नहीं! वो तो बचपन में हमने एक दूसरे की लंड पकड़ कर मुठ मारना साथ ही सीखा था। अभी शाम को उसके साथ यही बात हो रही थी। मैंने कहा साथ लंड पकड़ कर मुठ मारते थे तो चल साथ चूत भी चोदेंगे तो वो बोला अगर दोनों की बीवियों को मंज़ूर होगा तो ही करेंगे नहीं तो नहीं। बोलो क्या बोलती हो?
सेक्सी कंचन- मैंने तो अपने आप को आपके नाम कर दिया है। आप बोलोगे कि कुएँ में कूद जाओ तो मैं कूद जाउंगी। लेकिन उनकी पत्नी ने हाँ कर दी है क्या?
रंडी चोद गिरीश- नहीं बाबा! उसकी तो अभी शादी भी नहीं हुई।
सेक्सी कंचन- देखिये, मैं तो आपको किसी भी बात के लिए मना नहीं करुँगी; लेकिन आप मुझे ऐसे किसी से भी चुदवाओगे क्या आप मेरी चूत में किसी को भी लंड डालने दोगे क्या …?
रंडी चोद गिरीश- नहीं यार, वो तो मैंने गुस्से में कह दिया था। वैसे भी प्रमोद के साथ मेरा सब सांझा है इसलिए बोल दिया था। नहीं तो कोई और तुमहारी चूत मारना तो दूर आँख उठा के देख भी लेगा तो आँख फोड़ दूंगा साले की।
सेक्सी कंचन- अरे, मेरे भाई की आँख क्यों फोड़ोगे। अब वही तो तुम्हारा साला है ना!
सेक्सी कंचन के इस गंदे मजाक पर दोनों खिलखिला कर हंस पड़े। यूँ ही बातों बातों में आधी रात गुज़र गई और आखिर दोनों चैन की नींद सो गए।
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