प्लीज दीदी जीजाजी को लंड मेरी वर्जिन चूत के अंदर भी डालने दो ना

प्लीज दीदी जीजाजी को लंड मेरी वर्जिन चूत के अंदर भी डालने दो ना

जीजाजी से साली की गांड और चूत की मस्त हिंदी सेक्स स्टोरी “प्लीज दीदी जीजाजी को लंड मेरी चूत के अंदर भी डालने दो ना” मेरा नाम गुंजन गौर है और में आप सभी को मेरी और मेरे जीजाजी की दीदी के सामने होने वाली चुदाई की सेक्स स्टोरी हिंदी में बताने जा रही हु में ये आशा करती हु की मेरी जीजाजी से चुदाई की यह सेक्स स्टोरी पड़कर आप सभी लडकिया भी अपने अपने जीजाजी के लंड से मस्त होकर चूत मरवा कर सेक्स का असली मजा लूटेंगी. यहाँ भी देखे >> दीदी ने मेरी चूत जीजाजी से चुदवाई रिश्तों में चुदाई अन्तर्वासना सेक्स कहानियाँ

दोस्तों मेरी चुदाई होने से पहले मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरी चुदाई कौन करेगा? मेरी गांड और चूत मेरे ही सगे जीजाजी ने पहली बार चोद कर खोली थी. जिसने मेरे पूरे जीवन को बिल्कुल बदलकर रख दीए,  और फिर मेरी पहली चुदाई खत्म होने के बाद में सारी बातें सोचने लगी कि मैंने यह सब क्या किया?

दोस्तों मेरे बूब्स बहुत मोटे मोटे है और मेरी गांड गोल गोल है और थोड़ी फूली हुई भी. में जवानी की दहलीज पर आते आते  सेक्स के बारे में बहुत सारी बातें समझ गई थी लेकिन कभी कोई लंड नहीं डलवाया था अपनी गांड और चूत में.

प्लीज दीदी जीजाजी को लंड मेरी वर्जिन चूत के अंदर भी डालने दो ना

प्लीज दीदी जीजाजी को लंड मेरी वर्जिन चूत के अंदर भी डालने दो ना इंडियन हिंदी सेक्स स्टोरी

मैं उस समय सिर्फ 20 साल की थी जब मेरे जीजाजी ने पहली बार मुझे रंडी की तरह चोद कर अपना लंड चुसाया था. में तो बचपन से ही अपनी चुदाई करवाना चाहती थी किन्तु मुझे यहाँ मोका बीस बरस की उम्र में मीला, मेरी वर्जिन चूत के अंदर चुदाई करवाने की इच्छा और कुछ अजीब सा महसूस होने लगा था, लेकिन मुझे ऐसा कोई मिला नहीं मिला जिसका फायदा उठाकर में अपनी वर्जिन चूत की चुदाई करवाकर उसको शांत करूं और वो मज़े लूँ. यहाँ भी देखे >> प्रेग्नेंट बहन को जीजाजी के सामने चोदा प्रेग्नेंट दीदी की गांड और चुत को चोदा

अभी कुछ दिन पहले मेरे साथ एक ऐसी घटना हुई जिससे मेरी पूरी जिंदगी बदल गई और अब आप सभी का ज़्यादा समय ना लेते हुए में सीधा उस कहानी पर आती हूँ और बताती हूँ कि मेरी चुदाई का वो सपना कैसे सच हुआ, मुझे कैसे लंड और किसका लंड मिला?

दोस्तों वो मेरी दीदी की शादी का दिन था और में भी बहुत खुश थी के अब मेरी बहन के नसीब में लंड होगा और अब मेरी बहन रोज रात को रंडी की तरह अपनी गांड और चूत चुदवाया करेगी और फिर वो पल आ ही गया, मेरी दीदी की उस दिन शादी हो गई और विदाई के समय मेरी दीदी बहुत ज़ोर ज़ोर से रो रही थी.

वैसे तो घर के सभी सदस्य दुखी थे और उनके साथ साथ में भी रो रही थी, तभी कुछ देर बाद मुझसे मेरी मम्मी ने कहा कि तुम भी अपनी दीदी के साथ चली जाओ कुछ दिन रुकने के बाद हम लोग तुम दोनों के लेने आ जाएगें और तुम्हारे साथ रहने से इसका भी मन लगा रहेगा और फिर मैंने अपनी मम्मी को वो बात सुनकर बहुत खुश होकर जाने के लिए तुरंत हाँ कह दीए और जब में दीदी के ससुराल आई तो मुझे वहां पर बहुत मज़ा आया,

वहां पर सभी का व्यहवार बहुत अच्छा था और वो लोग बहुत प्यार से हंस हंसकर मुझसे बातें कर रहे थे, दोस्तों वो दिन तो ऐसे ही मज़े मस्ती में गुजर गया और उस रात को मेरी दीदी की सुहागरात थी, वैसे मुझे तो पहले से ही पता था कि आज दीदी की जमकर चुदाई होगी और उनकी वर्जिन चूत की सील भी जरुर टूटेगी और आज मेरी दीदी को ठीक तरह से पता चलेगा कि लंड क्या होता है और लोलीपॉप किसे कहते है?

उस रात को में अपनी दीदी की सुहागरात की चुदाई के बारे में सोचकर बहुत ज्यादा जोश में आकर में खुद अपनी वर्जिन चूत में उंगली करके अपनी वर्जिन चूत को शांत करके थककर ना जाने कब सो गई और जब में दूसरे दिन सुबह उठी तो में सीधी बाथरूम में जाने के बाद सीधी दीदी के रूम में चली गई, मुझे पता चल गया कि कल रात की चुदाई से मेरी दीदी की वर्जिन चूत की सील टूट चुकी थी.

उस समय मेरे लंड के रजा जीजाजी कमरे में नहीं थे इसलिए में अपनी दीदी से पूछने लगी कि कल रात को उनके साथ क्या क्या हुआ? तो उन्होंने थोड़ा सा शरमाकर मुझसे बोला कि तेरे  जीजाजी का बहुत मोटा लंड है और उन्होंने मुझे बहुत बुरी तरह से जमकर चोदा और अपनी तरफ से चुदाई में कोई भी कमी नहीं आने दी, वैसे उनको यह काम करना बहुत अच्छे से आता है और मुझे उनका हर एक तरीका बड़ा अच्छा लगा, उनमे बहुत जोश भी है, दोस्तों अपनी दीदी की बातें सुनकर मुझे तो अब वो सभी चूत और गांड की चुदाई की बातें पूरी विस्तार से जानने की इच्छा हो रही थी क्योंकि में अब तक वर्जिन थी और मैंने किसी लंड का मज़ा नहीं लिया था,

मेरा जब भी सेक्स करने का मन होता में अपनी ऊँगली को मेरी चूत में डालकर वर्जिन चूत को शांत कर लिया करती,  एक दिन में अपनी चूत में उंगली कर रही थी के अचानक से मेरे जीजाजी भी कमरे में आ गये और वो अब मुझसे पूछने लगे कि क्या हो रहा है तुम कैसी हो और तुम्हे रात को नींद तो ठीक तरह से आई? तो मैंने उनको कहा कि सब कुछ ठीक है और में यहाँ पर बहुत खुश हूँ और आपके रहते हुए मुझे कैसी परेशानी मेरे साथ आप हो ना और में उनकी तरफ मुस्कुराने लगी.

अब मेरी दीदी हम दोनों से कहकर उठकर बाथरूम में जाने लगी और तभी मेरे लंड के रजा जीजाजी ने तुरंत उनका हाथ पकड़कर लिया और उठकर उनको किस किया और वो मेरे ही सामने दीदी के बूब्स को ज़ोर से दबाने सहलाने लगे, लेकिन दीदी उनसे कुछ नहीं बोली, फिर जीजाजी अपना लंड खुजलाते हुए दीदी से पूछने लगे कि साली तो बहुत सेक्सी हैक्या में तुम्हारी बहन से किस ले लूँ? दीदी बोली कि में इसमें क्या कहूँ आप और आपकी साली जानो..

 

जीजाजी मेरे मोटे मोटे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे …

दीदी हंसती हुई सीधी बाथरूम में चली गई और लंड के रजा जीजाजी उनके कमरे से बाहर जाते ही तुरंत मुझे अपनी बाहों जकड़कर किस लेने लगे और वो मेरे मोटे मोटे बूब्स को भी ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे, दोस्तों मुझे उनके ऊपर उनकी ऐसी हरकत की वजह से बहुत गुस्सा आ रहा था, लेकिन में क्या कर सकती थी, क्योंकि उनको मेरी दीदी ने जो हाँ कर दीए था और में भी उस समय पूरी तरह से जवान थी और मेरे अंदर भी सेक्स भड़क रहा था, इसलिए में उनका ज्यादा विरोध नहीं कर रही थी,

अब जीजाजी ने मेरी तरफ से कोई भी विरोध ना देखकर उनकी हिम्मत ज्यादा बढ़ गई और उस बात का उन्होंने फायदा उठाते हुए मेरी टी-शर्ट को उतारना चाहा, लेकिन मैंने मना कर दीए और उनसे कहा कि क्या आपका दिमाग खराब हो गया है, अगर कोई आ गया तो क्या होगा? प्लीज अब आप मुझे छोड़ दो, लेकिन तभी जबरदस्ती उन्होंने मेरी कोई भी बात को ना सुनकर एक ज़ोर का झटका देकर मेरी टी-शर्ट को उतारने की जगह खींचकर फाड़ दीए और ब्रा को भी ज़ोर से पकड़कर खींचकर उसके हुक को तोड़ दीए.

 

मेरे जीजाजी जबरदस्ती करते हुए मेरे गोरे गोरे बूब्स को अब कुत्ते की तरह चूसने लगे …

मैं पर से उनके सामने पूरी नंगी थी और अपने बूब्स को अपने हाथों से छुपाने की कोशिश करने लगी, अब मेरे जीजाजी जबरदस्ती करते हुए मेरे गोरे गोरे बूब्स को अब कुत्ते की तरह चूसने लगे, वो उन पर टूट पड़े और बिल्कुल पागल हो चुके थे, लेकिन दोस्तों मुझे तो कैसे भी करके अब उनका लंड देखना था, इसलिए मैंने अपनी तरफ से बिल्कुल विरोध को बंद करके उनकी टेंट बनी हुई पेंट को पकड़ लिया और मैंने उनके लंड को बिना देर किए जल्दी से बाहर निकाल लिया, अब जीजाजी और में हम दोनों पूरे नंगे होकर खड़े थे.

मेरे हाथ में उनका तनकर खड़ा हुआ लंड था और उनके मुहं में मेरे एक बूब्स की बुब्बूस तो दूसरी बुब्बूस को वो अपने एक हाथ से कसकर निचोड़ रहे थे, हम दोनों उस समय पूरे जोश में थे और हमें बड़े मज़े आ रहे थे, लेकिन तभी अचानक से हमारा मज़ा खराब करने के लिए मेरी दीदी ना जाने कहाँ से आ गई, वो हम दोनों को उस हालत में देखकर बिल्कुल चकित रह गई, फिर उन्होंने मुझे कसकर एक थप्पड़ मार दीए, जिसकी वजह से मेरा सारा सेक्स का नशा उस एक ही थप्पड़ में झट से टूट गया..

 

जीजाजी ने गुस्से में आकर बहुत बेरहमी से अपने खड़े लंड को वर्जिन चूत में जोरदार धक्का देकर अंदर डाल दिया …

मैं अपने पूरे होश में आ चुकी थी कि में क्या कर रही थी, मुझे वो सब कुछ अच्छी तरह से समझ में आ गया, फिर जीजाजी ने गुस्से में आकर मेरी दीदी को भी एक थप्पड़ मार दीए और वो बोले कि साली रंडी तुझे नहीं पसंद तो तू इसको भी क्यों मना कर रही है? इसको तो मेरे साथ मज़ा लेने दे और इतना कहने के बाद लंड के रजा जीजाजी ने मेरी दीदी के कपड़े जबरदस्ती उतारकर अपने खड़े लंड को उन्होंने दीदी की वर्जिन चूत में बहुत बेरहमी से एक जोरदार धक्का देकर अंदर डाल दिया, लेकिन उनका आधा ही लंड दीदी की वर्जिन चूत के अंदर गया था और दीदी दर्द की वजह से बहुत ज़ोर से चिल्ला रही थी, वो दर्द से तड़प रही थी,

फिर यह सब कुछ अपनी आखों के सामने देखकर मेरी वर्जिन चूत से पानी बाहर आ गया, एक तो में पहले से ही बहुत गरम थी और दूसरा मेरी दीदी की चुदाई मेरे सामने होने लगी, जिसकी वजह से में बिल्कुल पागल हो चुकी थी, सब कुछ मेरी समझ से बाहर था कि में क्या करूं? तभी मेरी बैचेनी को मेरे जीजाजी झट से समझ गए और वो मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरी वर्जिन चूत में ज़ोर ज़ोर से अपनी दो उँगलियों को डालकर मेरी भी चुदाई करने लगे, जिसकी वजह से मेरी वर्जिन चूत अब कुछ ज्यादा ही व्याकुल हो उठी..

में वो सब किसी भी शब्दों में लिखकर आप लोगों को नहीं बता सकती कि में उस समय कैसा और क्या महसूस कर रही थी, अब मैंने समय को देखते हुए तुरंत अपनी दीदी से आग्रह किया कि प्लीज दीदी जीजाजी को लंड मेरी चूत के अंदर भी डालने दो ना और दीदी उस समय अपनी चुदाई होने के साथ साथ रो रही थी…

 

मेरे बेरहम जीजा ने कुछ भी ना सुनते हुए अपना लंड मेरी वर्जिन चूत के अंदर पूरा डाल ही  दिया …

फिर मेरे रंडी बाज जीजाजी  ने मुझे पकड़ा और वो मुझे नीचे लेटाकर मेरे दोनों पैरों को ऊपर उठाकर उन्होंने दीदी की वर्जिन चूत से खींचकर अपना लंड बाहर किया और अब वो धीरे से अपने लंड को मेरी वर्जिन चूत में डालने लगे, में बिना हलचल किए उनके सामने पड़ी रही और वो मेरी वर्जिन चूत पर अपने लंड का हल्का हल्का दबाव बनाते हुए लंड को अंदर करने लगे….

दोस्तों सिर्फ़ उनके लंड का टोपा ही मेरी वर्जिन चूत के अंदर गया था, लेकिन उसकी वजह से ही मुझे बहुत दर्द हो रहा था, में उस असहनीए दर्द से तड़पने लगी और सिसकियाँ ले रही थी आईईईईइ ,,,माँ में मर गई उफ्फ्फ्फफ्फ ,,प्लीज थोड़ा धीरे करो ,,मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मेरे बेरहम जीजा ने कुछ भी ना सुनते हुए अपना लंड मेरी वर्जिन चूत के अंदर पूरा डाल ही  दिया, वो अब जमकर धक्के देकर मेरी चुदाई करने लगे और तब जीजाजी, में और दीदी सब नंगे पूरी रात तक बारी बारी से मज़े ले रहे थे और अब तो दीदी की बारी थी…

 

में हर रात को अपनी दीदी की वर्जिन चूत को चुदते हुए देखती थी और उनकी वर्जिन चूत में अपनी उंगली को भी डाल देती थी …

तब मैंने उनको बहुत किस किए और उसके बूब्स को भी मैंने बहुत देर तक चूसा दबाया, जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आया, उस समय लंड के रजा जीजाजी मेरी वर्जिन चूत को कुत्ते की रह अपनी गरम जीभ से चाटने लगे, मुझे तो उस दिन जैसे जन्नत मिल गई और 6 इंच के लंड से मेरी चुदाई भी हो गई और फिर में जब तक वहां पर रही और तब तक में हर रात को अपनी दीदी की वर्जिन चूत को चुदते हुए देखती थी और उनकी वर्जिन चूत में अपनी उंगली को भी डाल देती थी जिससे मुझे उनकी वर्जिन चूत अंदर तक गुलाबी के दर्शन हो जाते थे, लेकिन अब मुझे अपने घर भी जाना था, क्योंकि में अपनी दीदी के ससुराल में दो दिन तक रुक गई थी, इसलिए में वापस अपने घर आ गई…

फिर उसके बाद में अब कॉलेज में अपनी चुदाई करवाने के लिए दमदार लड़को की तलाश करने लगी और में बहुत से लड़को को ऐसे ही किस दे देती और उनके लंड को भी कपड़ो के ऊपर से किस कर लेती, तो लगातार कॉलेज जाने के बाद भी मुझे अपनी चुदाई का कोई भी जुगाड़ नहीं मिला, मुझे हर रात को अपनी उँगलियों से ही अपनी वर्जिन चूत को शांत करना पड़ा और एक दिन जब में अपने कॉलेज से घर आई, तो मैंने देखा कि आज मेरे घर पर मेरे सामने मेरे जीजाजी और दीदी बैठी हुई थी…

 

मैंने उनकी सलवार को ज़बरदस्ती उतार दी और उन्हें पूरा नंगा कर डाला और उनके बूब्स को बहुत जमकर दबाया और चूसा …

दोस्तों पहले तो मुझे उनको देखकर विश्वास नहीं हुआ, फिर उनसे बात करने और अपनी दीदी से गले लगने के बाद में समझ गई और में उन दोनों को देखकर बहुत खुश हो गई, क्योंकि एक बार फिर से मुझे आज रात को उनके साथ अपनी वर्जिन चूत को चुदवाने का असली मज़ा आएगा और वो सुख मिलेगा जिसके लिए में तरस रही थी, फिर जब शाम हुई तब जीजाजी और में छत पर आ गए और जीजाजी कुछ देर बाद वहीं पर शुरू हो गए और में भी शुरू हो गई, हम दोनों ने एक दूसरे को किस करना शुरू कर दिए और में साथ में उनका लंड दबा रही थी और वो मेरे बूब्स को दबा रहे थे, लेकिन तभी दीदी भी छत पर आ गई और वो बोली कि तू कभी भी नहीं सुधरेगी…

अब मैंने दीदी को लपककर पकड़ लिया और मैंने उनकी सलवार को ज़बरदस्ती उतार दी और उन्हें पूरा नंगा कर डाला और उनके बूब्स को बहुत जमकर दबाया और चूसा, फिर जीजाजी ने इतनी देर में मेरे कपड़े उतार दिए और उन्होंने अपने लंड को मेरे मुहं में डाल दीए और उन्होंने हल्के हल्के धक्के देकर मेरे मुहं की चुदाई करना शुरू कर दीए, फिर तभी कुछ देर बाद मुझे उल्टी आ गई, क्योंकि मैंने उससे पहले कभी भी किसी के लंड का पानी नहीं पिया था,  अब तो यह रोज ही होता है में मेरे जीजाजी और मेरी बहन हम तीनो ग्रुप में ही सेक्स करते है.

प्लीज दीदी जीजाजी को लंड मेरी चूत के अंदर भी डालने दो ना