सेक्स संतुष्टि में जी स्पॉट – चोद कर कैसे संतुष्टि प्रदान करे
सेक्स संतुष्टि में ‘जी स्पॉट’ की भूमिका – चोद कर कैसे संतुष्टि प्रदान करे
सेक्स संतुष्टि में ‘जी स्पॉट’ की भूमिका – चोद कर कैसे संतुष्टि प्रदान करे : महिलाओं की सेक्स संतुष्टि में ‘जी स्पॉट’ की भूमिका पर वर्षों से बहस चलती रही है, लेकिन इतालवी वैज्ञानिकों का दावा है कि अल्ट्रासाउंड से इसका पता लगाया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने ‘न्यू साइंटिस्ट’ पत्रिका को बताया कि स्त्रियों के जननांग में कुछ खास कोशिकाएँ होती हैं, जिसके जरिये उन्हें सेक्स के दौरान चरम संतुष्टि प्राप्त होती है।
सेक्स के बाद कई महिलाओं का अनुभव है कि जननांग के एक खास हिस्से को उकसाने पर उन्हें सेक्स का सुखद अनुभव हुआ। जी स्पॉट’ पर रिसर्च कर रहे डॉक्टरों ने ‘न्यू साइंटिस्ट’ पत्रिका में दावा किया है कि कुछ महिलाओं के जननांग में ये खास कोशिकाएँ होती हैं जो सामान्य कोशिकाओं से ज्यादा मोटी होती हैं। इसी ‘जी स्पॉट’ या इन ‘खास कोशिकाओं’ से ही ये महिलाएँ सेक्स के परम सुख का अनुभव कर पाती हैं।
क्या है परेशानी? : दरअसल, सेक्स को लेकर अलग-अलग महिलाओं के अलग-अलग अनुभव हैं। कई महिलाओं का अनुभव है कि वो सेक्स के बाद भी उस चरम आनंद तक नहीं पहुँच सकीं, जबकि कई महिलाओं का कहना है कि उन्हें सेक्स की चरम संतुष्टि हासिल हो गई।
हालाँकि, इस ‘जी स्पॉट’ ने कई महिलाओं में झुंझलाहट और चिड़चिड़ापन ही पैदा किया है, क्योंकि वो मानती हैं कि उनके पास ‘जी स्पॉट’ नहीं है, इसलिए वो सेक्स का परम सुख नहीं हासिल कर पा रही हैं।
इसी कारण वैज्ञानिक 1980 से ही इस खोज में लगे हुए थे और तब ही से ‘जी स्पॉट’ का वजूद विवादास्पद रहा है।
हालाँकि, कई डॉक्टर अभी भी इस खोज से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि सेक्स सुख हासिल होने की कई दूसरी वजह भी हो सकती हैं।
‘जी स्पॉट’ की खोज : एक्यूला विश्वविद्यालय के डॉक्टर इमैनुएल जेनिनि ने ‘जी स्पॉट’ की खोज के लिए 20 महिलाओं को चुना। अल्ट्रासाउंड के जरिये इन सभी महिलाओं के जननांग में ‘जी स्पॉट’ या खास कोशिकाओं के आकार और उसके प्रकार को समझने की कोशिश की गई।
इस परीक्षण के दौरान सेक्स सुख के चरम तक पहुँचने का दावा करने वाली नौ महिलाओं का ‘जी स्पॉट’ जननांग और मूत्रमार्ग के बीच पाया गया। इन सभी नौ महिलाओं के जननांग के इस हिस्से की कोशिकाएँ बाकी ग्यारह महिलाओं की कोशिकाओं से कुछ ज्यादा मोटी थीं।
वैज्ञानिकों की राय : डॉक्टर जेनिनि का कहना है, “ये पहली बार है जब किसी साधारण और कम खर्च वाले तरीके से इस बात का पता लगाया जा सका है कि किसी महिला में ‘जी स्पॉट’ है या नहीं।”
लंदन के सेंट थॉमस अस्पताल के डॉक्टर टिम स्पेक्टर का कहना है कि “ये मोटी कोशिकाएँ स्त्री जननांग के ‘क्लाइटोरियस’ का हिस्सा हैं।” क्लाइटोरियस भी जननांग का अति संवेदनशील हिस्सा होता है।
हालाँकि, कई वैज्ञानिकों की राय इससे कुछ अलग है। लंदन के ही यूनिवर्सिटी कॉलेज की सेक्स साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर पेट्रा बोयनटन कहती हैं कि ‘जी स्पॉट’ ने महिलाओं में नाराजगी ही पैदा की है।
डॉक्टर पेट्रा का कहना है- इस ‘जी स्पॉट’ से कई महिलाएँ इस बात को लेकर चिंतित हैं कि ‘जी स्पॉट’ नहीं होने की वजह से ही वो सेक्स सुख न तो हासिल कर पा रही हैं और न ही अपने सहयोगी को ये सुख दे पा रही हैं।
डॉक्टर पेट्रा कहती हैं, “सभी महिलाओं की बनावट अलग होती है, किसी का ‘जी स्पॉट’ उसके जननांग के अंदर हो सकता है जबकि कुछ का नहीं।”
उनकी सलाह है, “महिलाओं को इस बात की फिक्र नहीं करनी चाहिए कि उसके जिस्म में ‘जी स्पॉट’ है या नहीं, क्योंकि इससे वो सिर्फ ‘जी स्पॉट’ के बारे में ही फिक्रमंद रहेंगी और बाकी चीजों के बारे में सोच ही नहीं सकेंगी।”
वैसे, कई वैज्ञानिक इस ‘जी स्पॉट’ के बारे में ही एकमत नहीं हैं। उनका कहना है कि इस तरह के दावे से लोग सेक्स के लिए सिर्फ एक ही तरीका अपनाएँगे और सेक्स सुख हासिल करने के बाकी तरीकों को दरकिनार कर देंगे।