कई मर्द अपने सामान का आकार समझने में ग़लती कर बैठते है
कई मर्द अपने सामान का आकार समझने में ग़लती कर बैठते है
कई मर्द अपने सामान का आकार समझने में ग़लती कर बैठते है। हक़ीक़त ये है कि छोटा सा लिंग भी अपना आकार कई गुना बढ़ा सकता है और ऐसे लिंग, जो बहुत बड़े लगते हैं, वो ऐसे मौक़े पर थोड़ा सा ही आकार बढ़ा पाएँ। तीन हफ़्तों में सम्भोग जीवन में सुधार ये मत भूलिए कि लिंग का औसत आकार १२ सेंटीमीटर है। लिंग कई आकार और लंबाई के होते हैं। और वे सभी अलग-अलग दिखते हैं: सीधा, टेढ़ा, लंबा, मोटा, पतला, खतना किया हुआ, बिना खतना के। इनमें से कोई किसी अन्य से बेहतर नहीं होता है। लिंग किसी भी एक तरफ़ झुका या तिरछा हो सकता है और आपको ये बात ध्यान में रखनी चाहिए। हो सकता है कि क्रीम लगाने के बाद लिंग के आम आकार में कोई परिवर्तन न आए और क्रीम का प्रभाव लिंग खड़े होने के समय मालूम पड़े। तीन हफ़्तों में सम्भोग जीवन में सुधार सकते है बिना तनी हुई अवस्था में अक्सर लिंग की लंबाई 6 से लेकर 13 से.मी. तक हो सकती है। तना हुआ लिंग लगभग 12 से 21 से.मी. तक लंबा हो सकता है। बड़े लिंगों की तुलना में छोटे लिंग तनाव में आने पर अधिक बढ़ते हैं।
एक प्रसिद्ध ब्रिटिश वैज्ञानिक रिचर्ड लिन ने मानव (पुरुष) के लिंग के आकार पर एक शोधपत्र प्रकाशित किया। इस शोध में 113 देशों के पुरुषों के प्राइवेट पार्ट के साइज का विश्लेषण किया गया है। इस आधार पर देशों की एक लिस्ट भी बनाई गई है। इस लिस्ट में भारत 110वें स्थान पर है। लिस्ट में 7.1 इंच के औसत ‘साइज’ के साथ कांगो सबसे ऊपर है। कोरिया और कंबोडिया (3.9 इंच) सबसे नीचे हैं। भारत इन्हीं दो देशों से ऊपर है। भारतीय पुरुषों का ‘औसत साइज’ 4 इंच बताया गया है। लेकिन इस पर सवाल उठ रहे हैं।
साल 2006 में भारत में कंडोम का साइज तय करने के लिए किए गए ‘साइज सर्वे’ की रिपोर्ट आई थी। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा कराए गए सर्वे ‘स्डटी ऑन प्रापर लेंथ एंड ब्रेड्थ स्पेसिफिकेसंस फॉर कंडोम बेस्ड एंथ्रोपोमेट्रिक मेजरमेंट’ के बाद यह नतीजा निकला था कि भारतीय बाजार में मिलने वाले कंडोम पुरुषों के लिंग के साइज के अनुपात में बड़े होते हैं। आईसीएमआर के लिए सर्वे करने वाले डॉ॰ शर्मा ने अपनी शोध रिपोर्ट साल 2006 में भारत सरकार को सौंप दी थी।
हालांकि इसके बाद कंडोम बनाने वालों के लिए कोई भी दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए थे। ड्रग्स एंड कास्मेटिक एक्ट 1940 के अनुच्छेद ‘आर’ के मुताबिक भारत में कंडोम का साइज कम से कम 6.7 इंच रखना अनिवार्य है। बहरहाल, सर्वे में 1400 पुरुषों का डाटा लिया गया था जिसमें 18-50 आयुवर्ग के पुरुष शामिल थे। इससे पहले साल 2001 तक मुंबई में इकट्ठा किए गए (200 लोगों के) डाटा के मुताबिक 60 प्रतिशत भारतीय पुरुषों के प्राइवेट पार्ट की औसत लंबाई 4.4 से 4.9 इंच के बीच और 30 प्रतिशत की लंबाई 4 से 4.9 इंच बताई गई थी।
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