पड़ोसी के लौड़े से चूत की सिल तुडवाई – सिल तोड़ सेक्स हिंदी में

पड़ोसी के लौड़े से चूत की सिल तुडवाई – सिल तोड़ सेक्स हिंदी में

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पड़ोसी के लौड़े से चूत की सिल तुडवाई – सिल तोड़ सेक्स हिंदी में : हेल्लो दोस्तों मेरा नाम दीपाली है और मैं इंडिया की सब जवान लड़कियों के जैसी ही हूँ. मैं एक आईटी कम्पनी में काम करती हूँ. और आज की ये कहानी एकदम रियल यानि की सच्ची है. मेरा पे बहुत अच्छा हैं क्यूंकि मैं एक मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करती हूँ. और इसलिए मैं अपने गाँव को छोड़ के यहाँ बंगलौर में रहना अफोर्ड कर सकती हूँ. मैं 23 साल की हूँ और ऐसे समझे की गाँव की बंदिशों से पहली बार मुझे आजादी मिली थी बंगलौर आ के.

यहाँ मुझे पहले से ही अच्छा लगा क्यूंकि ना ही कोई जानता था इसलिए टोकने रोकने वाला भी कोई नहीं था. और इसलिए मुझे अपनेआप को अड्वेंचर करने की प्रेरणा भी मिलती थी. मैं तब तक वर्जिन ही थी. और मुझे लगा की यहाँ पर ही मैं अपना पहला सेक्स भी करुँगी.

और उसके लिए मैंने अपने कलिग के साथ फ़्लर्ट करना भी चालू कर दिया था. ऑफिस में मेरे जैसा ही एक जवान फ्रेशर था और मैं चाहती थी उसके करीब होना. लेकिन नसीब में तो कुछ और ही लिखा था. ( जवान वर्जिन लडकियों लडको को पहली बार सेक्स करते पढ़े हिंदी कहानियों में. Pahli baar sex karte hue virgin ladke ladkiyo ki Hindi sex stories. पड़ोसी के लौड़े से चूत की सिल तुडवाई – सिल तोड़ सेक्स हिंदी में )

मैं एक 2bhk फ्लेट में रहती थी एक बड़े से अपार्टमेंट में जहाँ पर और भी बहुत सब फ्लेट थे. वो जगह सही थी क्यूंकि वहां पर सब मेरे जैसे ही लोग थे जो दुसरो की लाइफ में झाँकने के आदि नहीं थे. वैसे भी बंगलौर के लोग ओपन माइंडेड ही है. मेरे फ्लेट के मालिक वैसे थोड़े तंग दिमाग के थे और उसने मुझे कहा था की अपने पुरुष दोस्तों को ज्यादा फ्लेट पर ले के मत आना.

मुझे गुस्सा तो आया उसकी बात से. लेकिन वो अब्रोड में रहता था और थोड़ी उसे कुछ पता चलना था. और मुझे तब पता नहीं था की मुझे बहार से किसी को लाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी, मेरे अपार्टमेंट में ही बहुत सारे थे.

मैं एक और लड़की के साथ रहता था जिसका नाम नम्रता था. वो एक बड़ी अच्छी पर्सन थी साथ में रहने के लिए. वो मेरे से बड़ी थी, करीब 25 साल की और दिखने में भी बड़ी सुंदर थी. उसका बॉयफ्रेंड अक्सर हमारे घर पर आता था और मैं भी माइंड नहीं करती थी. और कभी कभी मैं उन लोगों को सेक्स करते हुए सुनती भी थी. नम्रता की चीखें निकल जाती थी चुदवा चुदवा के. लेकिन वो लोगों ने अपनी सेक्स लाइफ बहार शो ऑफ़ नहीं की. अक्सर उसका बॉयफ्रेंड उसे बहार घुमाने भी ले के जाता था.

मेरे फ्लेट की एकदम बगल वाले फ्लेट में एक कपल रहता था. उनके मास्टर बेडरूम की विंडो मेरे बेडरूम के सामने ही खुलती थी. वो दोनों उम्र वाले थे लेकिन थे दोनों सेक्सी. उनके नाम राकेश और मालिनी वर्मा थे. मालिनी करीब 32 साल की थी और उसका फिगर एकदम मस्त था.

वो लम्बी, कर्वी और सेक्सी आँखों वाले थी. मैं अन्दर से ही उस से जलती थी क्यूंकि वो एक मॉडल के जैसे ही लगती थी. राकेश भी एकदम स्मार्ट था और उसकी बॉडी एकदम हट्टीकट्टी थी. मुझे पता था की वो जिम करता था जब भी वो शहर में होता था. वो मालिनी से भी बड़ा था करीब 36 साल का. उसके बालों में से कुछ अब सफ़ेद भी होने लगे थे. ( जवान वर्जिन लडकियों लडको को पहली बार सेक्स करते पढ़े हिंदी कहानियों में. Pahli baar sex karte hue virgin ladke ladkiyo ki Hindi sex stories. पड़ोसी के लौड़े से चूत की सिल तुडवाई – सिल तोड़ सेक्स हिंदी में )

मेरी भेट अक्सर उन लोगों से हो जाती थी. मोस्टली राकेश ही मुझे कोरिडोर और लिफ्ट में मिल जाता था और वो दिन भी अलग नहीं था. उस दिन बारिश हो रही थी. मैं स्कूटर से अपने घर पर आई ऑफिस से. मैंने रेनकोट नहीं पहना था इसलिए पूरी के पूरी भीग चुकी थी. मेरे बूब्स के बिच की गली पानी बहता हुआ महसूस हो रहा था मुझे. और वो मेरी ब्रा के पास से हो के निचे चूत की तरफ जा रा था. मैं एकदम सेक्सी हो गई थी और मेरे निपल्स अकड चुके थे.

मैंने एक सिम्पल सा कोटन का कुर्ता पहना हुआ ता और किसी को भी मेरी ब्रा दिख जाए ऐसी हालत हो गई थी भीग भीग के. और मेरे निपल्स ने भी ब्रा की आउटलाइन पर जो शेप बनाया था वो बड़ा ही सेक्सी था. पहल तो बिल्डिंग के वाचमेन ने ही मुझे ऊपर से निचे देख लिया. गुड इवनिंग मेडम कहा तो सही उसने लेकिन आज उसकी आवाज में फिलिंग थी जैसे उसने सिर्फ कहने के लिए नहीं कहा था.

जब मैं लिफ्ट में घुसी भाग के तो वहां पर राकेश और मालिनी भी थे. मैंने कहा, हाई भैया, हेलो भाभी और उन दोनों को एक प्लिजिंग स्माइल दे दी. वो दोनों ने भी स्माइल किया और मैंने देखा की मालिनी के पास में के सूटकेस पड़ा हुआ था.

भाभी कही जा के आई क्या?

अरे नहीं, मैं कही जा रही थी लेकिन लेपटोप का चार्जर भूल गई इसलिए लेने के लिए वापस जा रहे है.

अच्छा, कहा जा रही हो आप?

मैं एक विक के लिए दिल्ली जा रही हूँ, अगले शुक्रवार को वापस आउंगी.

मैंने कहा, गुड एन्जॉय!

मैं जल रही थी की उसकी कपंनी वाले भी उसे इधर उधर भेजते हैं मीटिंग के लिए. और तभी लाईट के जाने की वजह से लिफ्ट ने झटका खाया और रुक गई. राकेश ने कहा, शिट लिफ्ट इस गोन नाऊ, सेक्रेटरी बता रहा था की लिफ्ट की बेकअप पावर सप्लाय भी बंद है!

मालिनी बोली, राकेश जल्दी से मेंटेनन्स वाले को कॉल करो वरना मेरी फ्लाईट मिस हो जायेगी.

मालिनी अपसेट लग रही थी, राकेश ने जल्दी से लिफ्ट के फोन से ही मेंटेनन्स वाले को कॉल किया. और उसने बोला की करीब पांच मिनिट में वो लिफ्ट ठीक कर देंगे. फोन भी काम नहीं कर रहे थे क्यूंकि मोबाइल कवरेज नहीं था. हम तीनो एकदम अँधेरे में खड़े हुए थे और किसी ने भी मोबाइल की फ्लेशलाईट ओन नहीं की.

मेरी बात करूँ तो मेरे दिमाग में उस वक्त गंदे गंदे ख्याल आ रहे थे इसलिए मैंने अपना लाईट ओं नहीं किया. मैं राकेश के पास में खड़ी थी और उसकी बगल में उसकी वाइफ थी. मैंने सोचा की यही मौका है और अपने हाथ को उसकी पेंट पर रख दिया.

उसके बदन को एक झटका लगा लेकिन उसने आवाज नहीं की. मेरे स्पर्श ने उसके अन्दर के हेवान जगा दिया था. और उसका लोडा मेरे टच से खड़ा हो गया. मैंने देखा की वो काफी बड़ा और मोटा था. मैं तो पहले से ही भीगी हुई थी और अब मेरी चूत भी भीगने लगी थी लंड को टच करने से.

मैंने मालिनी को उलझाने के लिए उसके साथ उसकी जॉब वगेरह की बातें चालु कर दी. और उस वक्त मैं धीरे से अपने हाथ को राकेश के कडक लंड पर घिस रही थी. उसने अपनी मोअन को खांसी से दबा दिया. और फिर उसका लेफ्ट हेंड मेरी गांड पर आ गया जिसे वो फिल कर रहा था और चूतडों को दबा रहा था. उसका हाथ मजबूत था और वो उसे गांड के ऊपर फेरता रहा. ( जवान वर्जिन लडकियों लडको को पहली बार सेक्स करते पढ़े हिंदी कहानियों में. Pahli baar sex karte hue virgin ladke ladkiyo ki Hindi sex stories. पड़ोसी के लौड़े से चूत की सिल तुडवाई – सिल तोड़ सेक्स हिंदी में )

मैं चाहती थी की वो मजबूत हाथ मेरे पुरे बदन को टच करे. और मैंने जैसे ही उसकी पेंट से हाथ को हटाया तो लाईट आ गई. लिफ्ट भी चलने लगी. हम हमारे फ्लोर पर आ गए और एक दुसरे को गुड बाय कहा.

राकेश ने कहा चलो मिलते है फिर कभी. और वो लोग अपने फ्लेट में चले गए. मैं भी अपने फ्लेट में आ गई लेकिन मेरा दिमाग तो रराकेश के अन्दर ही था और मैं अपनेआप को हल्का करना चाहती थी. इसलिए मैंने बेडरूम में जा के कुर्ता उतारा, अन्दर मैंने ब्लेक लेस ब्रा पहनी हुई थी.

मेरी गोरी चमड़ी उस ब्लेक ब्रा से काफी कंट्रास्ट में थी. बूब्स बड़े है इसलिए ब्रा में क्लीवेज अच्छा लग रहा था. मेरा ब्रा का साइज़ 36C है जो मेरे पतले बदन के हिसाब से काफी बड़ा है. मैंने अब अपनी लेगिंग भी निकाली तो ब्लेक पेंटी दिखी. मैं आयने के सामने खड़े हो के सोच में पड़ गई की राकेश मुझे चोदता तो कैसे मैं उसका लंड लेती! और अब मुझे लग रहा था की वो जल्दी ही मुझे चोदने वाला था.

मैंने अब विंडो के परदे को हटा दिया, सामने ही राकेश का बेडरूम था वो चाहता तो मुझे देख सकता था. लेकिन मैंने देखा तो उस वक्त उसके कमरे में कोई भी नहीं था. लेकिन मैंने परदे को ऐसे ही रखा और अपने बेड पर जा के बैठ गई. मैंने अपनी ब्रा और पेंटी को भी निकाल दिया और नंगी बेड पर लम्बी हो गई. मुझे तलाश थी किसी को जो मुझे रिलीज करवा सके.

मैं अब अपने बदन को ऊपर से निचे तक सब जगह टच कर रही थी. मेरे सॉफ्ट बूब्स को मैंने अपने दोनों हाथ से दबाये. मैं एक मर्द की तलाश में थी जो दोनों को अपने मजबूत हाथों से मसल दे. और फिर मैंने धीरे से अपनी ऊँगली को चूत पर रख दिया और उसकी गर्मी फिल करने लगी. फिर चूत के दाने को हिला के मैं छेद की तरफ बढ़ गई. मैं कितनी गीली हो चुकी थी!!! मेरी उंगलियाँ अन्दर घुसने से पिचपिचा साउंड आ रहा था.

और तभी मैंने देखा की राकेश अपने बेडरूम में आया. और उसने मुझे खुद को खुश करते हुए देख लिया. वो एक मिनिट तक पथ्थर की तरह खड़ा हुआ देखता रहा. शायद वो खुद भी मुझे इस रूप में अचंबित था. लेकीन मैं उसे ये सब दिखाना ही चाहती थी. मैंने उसे अपने हाथ का इशारा कर के मेरे पास आने के लिए कहा.

मैंने जल्दी से एक खुला गाउन पहना और दरवाजा के पास जा के खोला तो वो मेरी ही वेट कर रहा था. उसने मुझे कस के हग किया और फिर मेरे पीछे मेरे कमरे में आ गया. मैंने दरवाजे को लॉक कर दिया और वो मेरे ऊपर टूट पड़ा. उसने मुझे कमर से पकड लिया और मुझे अपनी तरफ कर के जोर जोर से किस करने लगा. उसने मेरी नेक पर किस किया और फिर मेरे गाउन को खोल के मेरी नंगी बॉडी को देखने लगा.

दीपाली, मैं काफी समय से तुम्हे प्यार देना चाहता था और आज देखो मौका मिल ही गया मुझे, वो अपनी उंगलियाँ मेरे ऊपर घुमाते हुए बोला.

मैंने उसके बालों में हाथ फेर के कहा, सच में? घर में इतनी सेक्सी वाईफ है फिर भी?

उसने मेरे निपल को हलके से चूमा और बोला, मुझे अच्छी जवान लड़कियों के साथ मजे करने की हमेशा आदत रही है. मालिनी मुझे सब कुछ देती है लेकिन वो अब उम्र वाली हो चली है. तुम्हारे बूब्स, तुम्हारे होंठ देख देख के मेरा कब से मन करता था.

मैंने उसके शर्ट को खोल दिया जिसमे उसकी मस्त बॉडी छिपी हुई थी. मैंने उसकी कडक छाती के ऊपर हाथ फेरा और फिर उसके बेल्ट को पकड़ लिया. फिर मैंने उसके बेल्ट को, पेंट की ज़िप और बटन को खोल दिया. उसकी पेंट जमीन पर जा गिरी. उसका मोटा लोडा अंडरवियर में साफ़ आकार बनाए हुए था.

मैंने अंडरवियर को भी खिंच ली तो उसका 6 इंच का सेक्सी लोडा अंदर बैठा हुआ था. मैंने राकेश को दिवार की साइड धक्का दे के उसके लंड को अपने मुहं में ले लिया.

मैंने ये सब पोर्न मूवीज में देखा हुआ था और मैंने वैसा ही कुछ अनुभव अभी राकेश को करवा दिया. मुझे ऐसा था की लंड का सवाद एकदम अजीब सा ही होगा लेकिन मैं गलत थी. राकेश का लोडा टेस्टी था. ( जवान वर्जिन लडकियों लडको को पहली बार सेक्स करते पढ़े हिंदी कहानियों में. Pahli baar sex karte hue virgin ladke ladkiyo ki Hindi sex stories. पड़ोसी के लौड़े से चूत की सिल तुडवाई – सिल तोड़ सेक्स हिंदी में ) मैं उसका और भी मजे से टेस्ट लेना चाहती थी इसलिए और डीप लेती गई उसको. अब तक मेरी चूत भी गीली हो के पानी देने लगी थी. राकेश ने अब मुझे उठा के बिस्तर के ऊपर फेंक दिया.

वो बोला, दीपाली क्या चूत है तुम्हारी यार, आज तो मैं इसे खूब चोदुंगा, क्या तुम वार्जिब हो?

मैंने कहा, हाँ राकेश मैं वर्जिन हूँ लेकिन अब लंड लेने के लिए मरी जा रही हूँ, जल्दी से चोदो मुझे!

पहले तो उसने झुक के अपनी जबांस इ मेरी चूत को थोडा सा चाट लिया. दोस्तों वो फिलिंग एकदम ही अलग और हसीन थी मेरे लिए. अब तक मेरी चूत ने ऊँगली का ही मजा लिया था इसलिए आज जबान का टच होने से एकदम ही अजीब लगा. उसने मेरे होल में जबान को और अन्दर तक डाल दिया. लेकिन अब मैंने उसके लंड को देख लिया था इसलिए मुझे चूत में सॉफ्ट नहीं लेकिन कुछ हार्ड चाहिए था.

मैंने उसे कहा, प्लीज राकेश अपना लंड दे दो मेरी चूत में, अब मैं और वेट नहीं कर सकती हूँ.

मैं कितनी उतावली थी लंड लेने के लिए!

वो बोला, अरे मेरी जान इतना भी मत भागो, पहली बार करवा रही हो इसलिए पहले एक मर्द का एक्शन तो देखो.

और फिर उसने मेरी चूत में एक ऊँगली डाल दी. मैं जोर जोर से मोअन करने लगी. वो ऊँगली को अन्दर बहार कर के मुझे मस्ती से फिंगर फक करने लगा. और फिर एक की जगह दो ऊँगली हो गई!

मैं कराह उठी, अह्ह्ह राकेश और जोर से अंदर तक घुस दो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह! अब अपना लंड डाल दो मैं उसे लेना चाहती हु प्लीज़!

राकेश ने अपनी पेंट से कंडोम का पेकेट निकाला. उसने अपने खड़े लंड के ऊपर छतरी पहन ली. और अपने कडक लौड़े को वो मेरी इंतजार करती हुई चूत के पास ले आया. पहले उसने थोड़ा सा ही अंदर घुसाया. मेरी चूत एकदम कसी हुई थी. और फिर उसने धीरे से अंदर ठोकना चालू कर दिया. उसको पता था की एक वर्जिन चूत को कैसे ट्रीट करनी है.

मै फिल कर सकती थी की उसका लंड मेरी चूत के होल को खोल रहा था. मेरी चूत अब तक छोटी ऊँगली से ही अनुभव पाई हुई थी औत आज इतना मोटा और लम्बा लंड पहली बार उसके अंदर गया था.

अह्ह्ह्ह मेरे मुहं से निकल गया! वो फिलिंग भी कितनी अजीब होती है जब आप को पेन और प्लीजर एक साथ में मिलता है. हम दोनों मिशनरी पोज में थे, मैं अपनी कमर पर और राकेश मेरे ऊपर. फिर उसकी स्पीड बढ़ने लगी और वो अंदर तक लांद को घुसा के जोर जोर चोदने लगा था. और अपने अंगूठे से वो मेरी चूत के दाने को हिला रहा था. उसके ऐसा करने से मुझे एकदम मजा आ रहा था. गर्म गर्म लंड चूत में और दाने को हिलवाना, वाह मुझे अभी भी चूत में पानी आ गया ये लिखते हुए!

तभी राकेश ने खुद को रोक लिया. शायद उसका लंड मेरी चूत में झड़ने की कगार पर था उसे डिले करने के लिए ही वो रुका था. मुझे निचे हो के उसने होंठो के ऊपर किस किया और फिर मेरे बूब्स को चूसने लगा.

एक मिनिट की ब्रेक के बाद वो फिर से टूट पड़ा मेरी चूत के ऊपर. उसका लंड एकदम अंदर था और मैं गांड हिला हिला के चुदवा रही थी. और फिर एक आखरी झटका दे दिया उसने मुझे. और वीर्य से भरा हुआ कंडोम उसने एक मिनिट के बाद मेरी चूत में से बहार निकाला.

कंडोम को लंड के ऊपर से निकाल के उसने लौड़ा मेरे मुहं में दे दिया. मैंने उसे चूसा तो उसके ऊपर से वीर्य की महक आ रही थी. लंड चूस के मैंने साफ़ किया. फिर राकेश ने वैसे ही मेरी चूत को चाट के साफ़ कर दी मैं बड़ा खुश हुई उसके इस स्टेप से!

उसने खड़े होते हुए अपनी पेंट को पहनते हुए मुझे पूछा तो कैसा लगा अपनी चूत का सिल तुडवा के मेरी जान!

बहुत मजा आया राकेश, तुमने सच में बड़ा ही यादगार बना दिया मेरे इस पहले सेक्स के अनुभव को. मैं सच में तुम्हारी आभारी हूँ इसके लिए!

फिर उसने मेरे पास आ के मुझे गले से लगाया और बोला, मेरी वाइफ कभी दिल्ली तो कभी लोनावाला होती है. और रात को मैं अकेला ही रहता हूँ उन दिनों में. अगर तुम चाहों तो उन दिनों को मैं तुम्हारी यादो को और रंगीन कर सकता हूँ.

दोस्तों आप को पता ही है की मैंने उसे क्या कहा होगा! आज भी जब मालिनी घर पर ना हो तो मैं राकेश की वाइफ बन के उसके बेड पर नंगी पड़ी होती हूँ!!!

( जवान वर्जिन लडकियों लडको को पहली बार सेक्स करते पढ़े हिंदी कहानियों में. Pahli baar sex karte hue virgin ladke ladkiyo ki Hindi sex stories. पड़ोसी के लौड़े से चूत की सिल तुडवाई – सिल तोड़ सेक्स हिंदी में )