दोस्त की दादी माँ की गांड मारी Hindi Sex Stories
दोस्त की दादी माँ की गांड मारी Hindi Sex Stories
दोस्त की दादी माँ की गांड मारी Hindi Sex Stories : हैल्लो दोस्तों, में विशाल एक बार फिर से आप सभी कामुकता डॉट कॉम antarvasna Kamukta hindi sex stories indian sex chudai Kahania के चाहने वालों के लिए अपनी एक और सच्ची घटना लेकर आया हूँ। दोस्तों उस दिन मेरे एक दोस्त की बड़ी बहन की शादी थी और मुझे मेरे दोस्त ने जयपुर से फोन किया और फिर उसने मुझसे कहा कि तू यहाँ पर आ जा, मेरी दीदी की शादी 15 तारीख को है और यहाँ पर बहुत काम है और यह सब मुझसे अकेले नहीं हो पाएगा। फिर मैंने उससे कहा कि भाई तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो, में कल सुबह तुम्हारे पास आ रहा हूँ। उसके बाद मैंने अपने घर पर कहा कि में शादी में जा रहा हूँ और उसके बाद में सुबह की फ्लाईट से जयपुर चला गया। मैंने दोस्त के वहां पर पहुंचकर देखा तो करीब 10 से 15 लोग थे। में चला गया अपने दोस्त से मिला और वो मुझे अपने साथ लेकर गया और उसने अपनी दादी के रूम में मेरा सामान रखवा दिया और फिर उसने कहा कि चल बाहर और फिर हम बाहर आ गये में वहां पर और सभी से मिला। फिर दोपहर के करीब तीन बजे मैंने एक औरत को छत की सीड़ियों से नीचे उतरते हुए देखा और फिर मैंने अपने दोस्त से पूछा कि यह कौन है?
फिर उसने कहा कि अरे यार यह मेरी दादी है। मैंने कहा क्या? वो बोला कि हाँ यह मेरी दादी है, उसकी दादी की उम्र 55 साल की होगी और वो क्या मस्त सेक्सी दादी थी? एकदम गोरी जिसको देखते ही मेरा लंड गरम हो गया। फिर मेरे दोस्त ने मुझे उनसे मिलवाया और कहा कि दादी यह मेरा दोस्त है। फिर मैंने उनके पैर छुए तो दादी मेरे सर पर अपना हाथ रखते हुए बोली कि बेटा खुश रहो और में उठकर खड़ा हो गया। फिर थोड़ी देर बाद में और मेरा दोस्त आकाश बाहर आ गये और हम बाजार चले गये सजावट का सामान लेने।
उसके बाद हम घर पर करीब 7 बजे लौटे और सब सामान रखा। तब मैंने उससे कहा कि चल ना भाई अब हम पीते है और वो मेरी बात मान गया। फिर हम पीने के लिए पास ही के एक अच्छे बार में चले गये। हम बहुत देर तक पीते रहे और करीब 9 बजे आकाश के घर से उसके पास फोन आ गया कि घर आओ तब तक 12 बज गए थे और हम घर चले गये। फिर घर पहुंचे अंदर गये तो दोस्त की माँ ने कहा कि अरे तुम दोनों अब तक कहाँ थे, चलो खाना खा लो। तब मेरे दोस्त ने कहा कि बस ऐसे ही हम लोग बाहर घूमने गये थे। उसके बाद आंटी ने हमारे लिए खाना निकाला और हमने साथ में बैठकर खाना खाया और फिर सोने चले गये। दोस्तों मुझे बिल्कुल भी नहीं पता था कि जिसको पहली बार देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था, वो भी उस कमरे में सो रही होगी। हम लोग रूम के अंदर गये। फिर मेरे दोस्त ने बोला कि भाई सभी कमरों में मेहमान सोए हुए है, इसलिए हमें अब दादी के रूम में ही सोना होगा।
फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं है यार हम यहीं पर सो जाएगें तो मैंने देखा कि दादी बेड पर सो रही थी, इसलिए अब में और आकाश नीचे जमीन पर अपना बिस्तर लगाकर सो रहे थे और उस समय करीब 12.45 का समय हो रहा था। आकाश मुझसे थोड़ी देर बात करके कहने लगा कि यार चल अब सोते है, मुझे अब बहुत ज़ोर की नींद आ रही है और कल सुबह हमे काम भी बहुत करना है। फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और कुछ ही देर बाद मेरा दोस्त सो गया। रूम में एक छोटा सा बल्ब चालू था। मैंने देखा कि दादी करवट बदलकर सो रही थी, जिसकी वजह से उनकी गांड मेरे सामने थी, जिसको देखते ही मेरा लंड दोबारा गरम हो गया।
फिर मैंने सोचा कि में उनकी गांड को थोड़ा सा छू लूँ। में धीरे से उठा और मैंने उस बल्ब को बंद कर दिया। रूम में अब थोड़ा अंधेरे तो था, लेकिन फिर भी थोड़ा सा समझ में भी आ रहा था कि बेड पर कोई सोया है, मतलब मुझे हल्का सा नजर आ रहा था। फिर में बेड के पास गया और बैठ गया और मैंने दादी की साड़ी को थोड़ी ऊपर उठा दिया और फिर मैंने उनकी गांड पर अपना एक हाथ रख दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड एकदम गरम हो रहा था, में अब उनकी गांड के नीचे हाथ ले गया तो मेरी उंगली अचानक से उनकी चूत से जा टकराई, उफ़फ्फ़ वाह क्या मस्त चूत थी बालो से भरी बड़ी चूत में उंगली करके सूंघने लगा, वाह क्या महक थी सूंघते सूंघते में वहीं पर लेट गया और अब में दादी की चूत में अपना लंड रगड़ने लगा, मुझे धीरे धीरे वाह क्या मज़ा आ रहा था चूत में बहुत सारे बाल थे, में अब अपने दोनों हाथ को पीछे करके चूत को सहला रहा था, अफ आहा वाह मुझे क्या मज़ा आ रहा था। तभी दादी ने फट से मेरा लंड पकड़ लिया और मैंने पच पच करके उनकी गीली चूत पर अपना वीर्य गिरा दिया।
अब वो पलटी और अंधेरे होने की वजह से वो बिना देखे मुझसे बोली कि आकाश तू ऐसे क्यों कर रहा है? तो में उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम चकित हो गया और में अब मन ही मन में सोचने लगा कि क्या आकाश भी अपनी दादी को चोदता है। मैंने उनके होंठ को चूमना शुरू कर दिया और करीब पांच मिनट में वो गरम हो गयी और पूरी सीधी हो गयी और फिर वो मुझसे बोली कि आकाश अब लगाओ, मुझे बहुत खुजली हो रही है। फिर में उठा मैंने उनके ब्लाउज के हुक खोलकर दोनों बूब्स को बाहर निकाल लिया और अब में उनके बूब्स को चूसने लगा। दादी अब तक पूरी तरह जोश में आकर सेक्स करने के लिए गरम हो गयी। अब वो धीरे धीरे आकाश आकाश बोलने लगी और मेरा लंड टाईट हो गया। मैंने दादी की साड़ी को ऊपर उठाई और में उनकी चूत में अपनी दो उँगलियाँ डालकर अंदर बाहर करने लगा, जिसकी वजह से दादी बहुत मस्त हो गयी और उनकी पूरी गीली चूत वाह क्या महक रही थी। अब मुझसे ज्यादा देर रहा नहीं गया और मैंने उनकी चूत में पीछे से अपना लंड डालकर अंदर कर दिया गया। उसके बाद थोड़ा सा ज़ोर से धक्का दे दिया और मेरा पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
अब मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चुदाई करना शुरू किया और अब फच फच की आवाज़ आने लगी और अब दादी के बच्चेदानी तक मेरा लंड जा रहा था और में ज़ोर ज़ोर से उनके बूब्स को दबाकर चूसकर धक्के दे रहा था, गॅप गॅप आ हह हहाहा दादी अहह हहाहा दादी मैंने आवाज़ निकाली और फिर में चुप हो गया कि कहीं दादी समझ ना जाए और में चोदता रहा और दादी मुझे ज़ोर से पकड़कर अपनी गांड को ऊपर करके चुदवा रही थी। करीब पांच मिनट के बाद मैंने महसूस किया कि दादी झड़ गयी। फिर मैंने भी अपनी धक्को की रफ़्तार बड़ाई हम्म एम्म अहहहहा ऊह्ह्ह ऑश करके मैंने दादी की चूत के अंदर अपना पूरा माल डाल दिया और फिर में वहीं पर अपनी पेंट को पहनकर पस्त हो गया और दादी भी अपने कपड़े ठीक करके सो गयी और में भी दादी के पास में सो गया।
सुबह हुई दादी पहले उठी और अब वो मुझे घूर घूरकर देख रही थी कि आकाश नीचे सोया था और में ऊपर दादी फ़ौरन उठकर चली गयी। फिर में भी उठा और बाथरूम गया और फ्रेश होकर बाहर आया और देखा कि दादी बेड पर बैठकर चाय पी रही थी, आकाश को उठाया और वो भी बाथरूम में फ्रेश होने चला गया। फिर दादी ने मुझसे पूछा क्यों रात को तुम बेड पर थे? में हंसा और मैंने कहा कि हाँ दादी। अब दादी मुझसे बोली कि तू यह बात किसी को मत बोलना। मैंने कहा कि हाँ ठीक है में नहीं बोलूँगा, लेकिन में यहाँ पर जितने भी दिन हूँ, अपने साथ में उतने दिन मज़े मस्ती करूँगा तो उन्होंने कुछ ना कहा। उसके बाद मैंने अपने दोस्त के पास करीब एक सप्ताह तक रुकने का प्लान बनाया और फिर आकाश फ्रेश होकर आया और वो मुझसे बोला कि चल हम बाजार चलते है। मैंने उससे कहा कि नहीं तू चला जा, में आज यहीं पर रुककर थोड़ा सा आराम करूँगा। फिर उसने कहा कि हाँ ठीक है, उसके बाद वो चला गया।
उसके चले जाने के बाद मैंने नाश्ता किया और फिर में दादी के रूम में जाकर टी.वी. देखने लगा। तभी कुछ देर बाद दादी अंदर आई और उन्होंने रूम को बंद किया और कहा कि रात में जैसे चोदा था, वैसे ही करो और इतना कहकर उन्होंने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और वो बेड पर पूरी नंगी होकर लेट गयी। उन्हें नंगा देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने जल्दी से अपने सभी कपड़े उतार दिए और फिर मैंने दादी के मुहं में अपना तनकर खड़ा लंड डाल दिया तो वो बोली कि नहीं छी, यह सब मुझे नहीं करना।
फिर मैंने उनसे बोला कि पहले आप शुरू तो करो, आपको धीरे धीरे अच्छा लगने लगेगा तो मेरे समझाने पर दादी मेरी बात मान गयी और वो मेरा लंड चूसने लगी। करीब पांच मिनट तक उन्होंने मेरा चूसा और उसके बाद मैंने उनके दोनों पैरों को फैला दिया और उनकी बालों से भरी हुई चूत को मैंने चाटना शुरू किया, वाह क्या मस्त नमकीन स्वाद था, उफफफफ्फ़ मैंने करीब दस मिनट तक उनकी चूत को चाटा, जिसकी वजह से दादी को मस्ती छा गयी थी। फिर दादी बोली कि अब तू जल्दी से अपना लंड अंदर डाल दे, मेरी चूत में अब बहुत मचल रही है। फिर मैंने उनके दोनों पैर फैलाए और अपना लंड उनकी चूत में एक ज़ोर का धक्का देकर डाल दिया, दादी अहहहह आईईईई उफफ्फ्फ्फ़ धीरे कर दर्द होता है कहने लगी। अब मैंने उनसे कहा कि रंडी साली धीरे कर बोलती है, में अब और भी ज्यादा ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोद रहा था, वो मुझे पकड़कर बोल रही थी, चोद मुझे आह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से चोद मुझे आह्ह्ह्हह मुझे अब बहुत मज़ा आ रहा है, मुझे आकाश तो कभी भी ऐसा मज़ा नहीं देता।
फिर मैंने कहा कई हाँ ले मेरी रंडी मेरा लंड और अंदर तक ले, में ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था, गप गप आहहहह। फिर करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मेरा वीर्य अब बाहर आने वाला था, तो मैंने उनसे कहा कि दादी में अब काम से गया, में झड़ने वाला हूँ बताओ कहाँ निकालूं? दादी बोली कि तुम मेरी चूत के बाहर अपना वीर्य निकाल दे तो मैंने कहा कि हाँ ठीक है। में अब भी ज़ोर से धक्के देता गया, लेकिन तीन मिनट के बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनकी चूत में अपना वीर्य निकाल दिया।
अब दादी थोड़ा ठंडा हुई और उसके बाद उन्होंने मुझे कहा कि तूने अंदर क्यों निकाला? तो मैंने उनसे कहा कि में आपको अपना बच्चा देना चाहता हूँ, तो मेरी बात को सुनकर दादी हंसने लगी और बोली कि चुपकर चल अब तू मेरे ऊपर से नीचे उतर। फिर में उतर गया और उसके बाद दादी अपनी साड़ी को ठीक करने लगी। तभी मैंने उनकी गांड को देखा, जिसको देखकर मेरा मन मचल गया। मैंने उनसे कहा कि अभी रुको मुझे एक बार और करना है और वो मेरे कहने पर एक बार फिर से लेट गई और में उनके बूब्स को चूस रहा था और दबा रहा था और वो मोनिंग कर रही थी। करीब 15 से 20 मिनट के बाद मेरा लंड दोबारा खड़ा होने लगा, तो मैंने उनसे कहा कि दादी अब आप पीछे घूम जाओ।
फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्यों? तब मैंने कहा कि में अब आपकी गांड में अपना लंड डालकर आपकी चुदाई करूंगा तो उन्होंने कहा कि नहीं वहां पर बहुत दर्द होगा। फिर मैंने कहा कि नहीं होगा आप बस पीछे घूम जाओ तो मेरे कहने समझाने के थोड़ी देर बाद वो मान गई और वो जैसे ही पीछे घूमी तो मेरा मन बहुत खुश हो गया, वाह क्या बिरयानी के हांडे जैसी उनकी गांड थी, बहुत बड़ी गोरी गोरी मैंने दादी की गांड को चाटना शुरू किया तो दादी बोली कि तूने यह सब कहाँ से सीखा? तो मैंने कहा कि ब्लूफिल्म देखकर, दादी को अब बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड खड़ा हो गया था। फिर मैंने दादी के गांड को फैला दिया और लंड को डाला, लेकिन लंड अंदर नहीं जा रहा था तो में उठा और देखा कि पास में तेल रखा हुआ है, में उसको लेकर आ गया और मैंने बहुत सारा तेल दादी की गांड के छेद पर लगाया और अपने लंड पर भी। फिर मैंने एक बार फिर से दादी की गांड में दबाव बनाते हुए लंड को अंदर घुसाया और तेल की चिकनाई की वजह से थोड़ा सा अंदर गया और दादी की चीख निकल पड़ी, आहहहहह उफ्फ्फ्फ़ माँ मर गई, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज अब इसको तुम बाहर निकाल दो।
फिर मैंने कहा कि बस हो गया, आप थोड़ा सा रूको और मैंने एक ज़ोर का धक्का मार दिया, जिसकी वजह से लंड अब फिसलता हुआ पूरा गांड के अंदर चला गया और दादी दर्द से चीखती रही, आहहहहाहा ऊईईईइ प्लीज अब जल्दी से इसको बाहर निकाल दे, मुझे बहुत दर्द हो रहा है। अब मैंने अपनी रफ़्तार बड़ाई तो दादी रोने लगी, लेकिन मैंने कुछ नहीं सुना और गपा गॅप गपा गॅप लंड को अंदर बाहर करता रहा, वाह दादी क्या मस्त गांड है, आआहहाअ ऊद्ददडिईइ करीब दस मिनट के बाद मेरा वीर्य बाहर आ गया और मैंने अपना लंड बाहर निकालकर दादी की गांड के छेद पर अपना पूरा गरम गरम वीर्य निकाल दिया, वाह क्या आराम आ रहा था और अब में उनके पास में लेट गया। फिर कुछ देर बाद दादी उठ गई और वो बोली कि इसमें कितना दर्द हो रहा है। फिर मैंने कहा कि सब अभी थोड़ी देर बाद ठीक हो जाएगा। उसके बाद दादी अपने कपड़े ठीक करके कमरे से बाहर चली गयी और में वहीं पर सो गया, लेकिन दोस्तों उसके बाद भी मैंने दादी को जब भी मुझे सही मौका मिलता, में उनकी चुदाई जरुर करता और वो मेरी चुदाई से बहुत खुश थी, क्योंकि मैंने उनको हमेशा पूरी तरह से संतुष्ट किया और चुदाई के पूरे पूरे मज़े दिए। उसके बाद में अपने घर पर आ गया, लेकिन मैंने उनके साथ बहुत मज़े किए ।।
धन्यवाद …