ताप्ती को चोद डाला

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मेरा नाम सुधांशु है मैं गाजियाबाद का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 30 वर्ष है। मैं प्रॉपर्टी का काम करता हूं, मुझे प्रॉपर्टी का काम करते हुए 5 वर्ष हो चुके हैं लेकिन मेरा काम इतना बड़ा नहीं है इसीलिए मैंने ऑफिस नहीं लिया, लेकिन अब धीरे-धीरे मेरा काम चलने लगा तो मैंने सोचा कि मुझे एक ऑफिस लेना ही पड़ेगा, इसी के सिलसिले में मैं एक ऑफिस लेने की सोचने लगा। मैंने सोचा कि मैं अब एक ऑफिस ले लेता हूं क्योंकि मुझे ऑफिस की आवश्यकता पड़ रही थी। पहले मेरा काम छोटा था इस वजह से मुझे ऑफिस के जरूरत नहीं पर रही थी। मेरे एक परिचित के घर पर ही ऑफिस के लिए जगह थी, मैंने उनसे बात की और कहा कि मुझे यहां पर ऑफिस खोलना है। वह कहने लगे ठीक है आप यहां पर ऑफिस खोल लीजिए क्योंकि वह मेरे बहुत पुराने परिचित हैं और मैंने उन्हें कुछ समय पहले ही एक प्रॉपर्टी भी दिलवाई थी इसलिए उन्होंने मुझे ऑफिस के लिए मना नहीं किया। मैंने फिर ऑफिस खोल लिया।

जब मैंने ऑफिस खोला तो वहां पर मुझे कुछ काम करवाना पड़ा क्योंकि वह काफी समय से बंद पड़ा हुआ था इसलिए मुझे वहां साफ सफाई करवानी पड़ी, उसके बाद कुछ दिनों तक वहां पर काम करवाने के बाद जब ऑफिस का काम पूरा हो गया तो मैं अब अपने ऑफिस से ही काम देखने लगा परंतु मैं ऑफिस में ज्यादा समय तक बैठ नहीं पाता था। यदि मेरे पास कोई प्रॉपर्टी की जानकारी लेने आता तो मैं उसके साथ ही चला जाया करता था इसलिए मैंने सोचा मुझे किसी व्यक्ति की आवश्यकता है जो कि ऑफिस में बैठ सकें। मैंने अपने परिचितों को कह दिया कि यदि आपकी जानकारी में कोई व्यक्ति काम के लिए इच्छुक हो तो आप मुझे बता दीजिए। मैं सोचने लगा कि मैं अपने ऑफिस में रेलवे टिकट और फ्लाइट टिकट का भी काम खोल लेता हूं इसीलिए मैंने आप इस्तेहार भी दे दिया था और अपने जान-पहचान वालों से भी मैंने कह कर रखा था कि यदि उनकी नजर में कोई व्यक्ति हो तो मुझे बता दीजिए। मेरे पास कई लोग आए परंतु मुझे कोई ऐसा नहीं लगा कि जो मेरा काम संभाल सके, मुझे ऐसा व्यक्ति चाहिए था जो मेरे साथ भी काम कर सके और ऑफिस का भी काम देख सके। मुझे उस दौरान एक लड़की मिली और वह भी जॉब की तलाश में थी। मैंने उसे अपने बारे में बताया कि मैं प्रॉपर्टी का काम करता हूं और मुझे भी एक व्यक्ति की तलाश है जो मेरे साथ काम कर सके।

मैंने जब उस लड़की का नाम पूछा तो उसका नाम ताप्ती है। मैंने उससे पूछा कि आपने कितनी पढ़ाई की है, वह कहने लगी कि मेरा कॉलेज कुछ समय पहले ही पूरा हुआ है और उसके बाद मैं नौकरी देख रही हूं। मैंने उसे अपने काम की सारी जानकारी समझा दी और वह भी काम करने के लिए तैयार हो गई। अब वह काम करने के लिए तैयार हो गई थी फिर मैंने उसे कहा कि आप कल से ऑफिस में आ जाइए। वह अगले दिन से ऑफिस में आने लगी और ऑफिस का काम अच्छे से संभालने लगी। मैं भी अपने काम के सिलसिले में बाहर चला जाता था तो मुझे कोई दिक्कत नहीं होती थी। मेरा काम भी अच्छे से चलने लगा था और मेरे ऑफिस में ताप्ती सारा काम संभाल लेती थी यदि कभी मैं कहीं बाहर होता तो जितने भी कस्टमर दुकान में आते हैं उनसे वह अच्छे से सेटिंग कर लेती है। मैं उसे समय पर तनख्वाह दे देता हूं इस वजह से वह भी खुश रहती है। ताप्ती बहुत अच्छी लड़की है और वह अपने काम में पूरा मन लगाकर काम करती है। अब तक ताप्ती मेरे साथ काम सीखने लगी थी और मैं भी उसके बारे में थोड़ा बहुत चाहने लगा था क्योंकि हम दोनों को ही साथ में काम करते हुए काफी समय हो चुका है इसीलिए हम दोनों एक दूसरे से अच्छे से परिचित हो गए थे। मुझे जब पता चला कि ताप्ती के पिता नहीं है तो मुझे बहुत बुरा लगा, उसने ही मुझे एक दिन बताया कि मेरे पिताजी का देहांत काफी समय पहले हो गया था और मेरी मां ने ही हमें कॉलेज में पढ़ाया लिखाया है। ताप्ती हमेशा अपनी मां की बहुत तारीफ करती है और कहती है मेरी मां ने हमें बहुत ही अच्छे से शिक्षा दी है इसी वजह से हम लोग पढ़ पाए, नहीं तो हम लोग शायद अपनी पढ़ाई आधे में ही छोड़ देते क्योंकि हम पर बहुत ज्यादा आर्थिक संकट आ गया था लेकिन मेरी मां ने हिम्मत रखी और उन्होंने बहुत अच्छे से काम किया।

ताप्ती की दो बहने हैं, एक बहन की शादी हो चुकी है और एक बहन ताप्ती से छोटी है। ताप्ती हमेशा ही अच्छे से काम किया करती थी इसलिए मैं उसे कभी भी कुछ नहीं कहता था। एक दिन वह मुझे कहने लगी कि आप मेरे घर चलिए, वह भी चाहती थी कि मैं उसके घर वालों से मुलाकात करु क्योंकि हम लोग उसके ही घर की तरफ से जा रहे थे इसलिए उसने कहा कि जब आप मेरे घर की तरफ जा रहे हैं तो मेरे घर पर भी मेरी मां से मिल लीजिए। मैंने उसे कहा कि किसी और दिन तुम्हारी मां से मुलाकात कर लूंगा लेकिन वह मुझे कहने लगी कि जब आप आ ही रहे हैं तो मेरी मां से मिलते हुए चलिए। मैं उस दिन ताप्ती के घर चला गया और जब मैं उसके घर गया तो उसकी मां से मेरी मुलाकात हुई। उसकी मां का व्यवहार बहुत ही अच्छा था और वह मुझसे कह रही थी कि ताप्ती ने भी अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया है, ताप्ती पहले से ही पढ़ने में अच्छी थी और इसी वजह से वह अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी पूरी कर पाई। मैंने ताप्ती की मम्मी से कहा कि ताप्ती आपकी बहुत ही तारीफ करती है और आप की बहुत रिस्पेक्ट करती है। मैं ताप्ती के घर पर काफी समय तक रुका और उसके बाद मैं अपने काम पर चला गया। मैंने उस दिन ताप्ती को उसके घर ही छोड़ दिया था और कहा था कि आज ऑफिस में ज्यादा काम नहीं है इसलिए तुम घर पर ही रुक जाना और उस दिन वह घर पर ही रुक गयी।

मैं अपने काम पर निकल गया, अपना काम खत्म करने के बाद मैं अपने घर चला गया। मैं जब उस दिन घर आया तो मैं ताप्ती के बारे में काफी कुछ सोच रहा था, मैं जब उसकी मां से मिला तो मुझे पता चला कि ताप्ती ने भी अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया है वह भी अपने कॉलेज के समय में पार्ट टाइम जॉब करती थी और अपने कॉलेज की फीस खुद ही भरती थी इसलिए मुझे ताप्ती की ओर लगाव होने लगा और मैं अब ताप्ती को बहुत अच्छा मानने लगा था,  उसकी इज्जत मेरी नजरों में और भी बढ़ गई थी। जब अगले दिन मैं ऑफिस गया तो उस दिन ताप्ती ऑफिस आ चुकी थी और वह ऑफिस में ही बैठी हुई थी। हम दोनों आपस में बात कर रहे थे और मैं उसे कहने लगा कि कल तुम्हारी मां से मुलाकात करके मुझे बहुत अच्छा लगा और उन्होंने मुझे तुम्हारे बारे में भी बताया, तुमने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया है। वह मुझे कहने लगी कि यह सब तो मुझे करना ही था क्योंकि मुझे बहुत बुरा लगता था जब मेरी मां काम करती थी। मेरी मां दिन-रात काम करती रहती थी, इस वजह से मुझे भी लगता था कि मुझे कुछ कर लेना चाहिए इसीलिए मैंने भी पार्ट टाइम नौकरी करने का सोचा था और मैं अपने कॉलेज की फीस खुद ही भरा करती थी। मैंने ताप्ती से कहा कि तुमने वाकई में बहुत ही संघर्ष किया है, मैं उसे कहने लगा कि मैंने अभी शुरुआत में बहुत दिक्कते देखी है, उसके बाद ही मैंने यह ऑफिस खोला है। हम दोनों ही उस दिन साथ में बैठे हुए थे। लंच का समय भी हो गया तो ताप्ती मुझे कहने लगी कि सर आप मेरे साथ ही लंच कर लीजिए क्योंकि वह हमेशा ही घर से टिफिन लाती थी। मैंने उस दिन उसी के साथ लंच किया और हम दोनों लंच करने के बाद साथ में ही बैठे हुए थे और बात कर रहे थे।  मैं अपने कंप्यूटर पर कोई फाइल देख रहा था लेकिन मुझे समझ नहीं आया कि वह मने कहा सेव की है। मैंने ताप्ती को अपने पास बुलाया और वह मेरे पास आई और कहने लगी कि आप क्या देख रहे हैं।

मैंने उसे कहा कि मैं इसमें अपनी कोई पुरानी फाइल देख रहा था लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैंने वह कहां सेव की है। जब वह मेरे पास आई तो वह खड़े खड़े ही मुझे बता रही थी और उसके स्तन मेरे कंधे पर लग रहे थे। वह थोड़ा सा झुकी हुई थी तो उसके स्तन उसके सूट से बाहर दिखाई दे रहे थे। मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और उसे अपनी बाहों में ले लिया। जब वह मेरी गोद में बैठी तो मेरा लंड उसकी गांड से रगड़ रहा था मैंने अब उसे किस करना शुरू कर दिया पहले वह शर्मा  रही थी लेकिन जब उसे भी मजा आने लगा तो वह भी मेरा पूरा साथ देने लगी। मैंने उसके होठों को बहुत अच्छे से किस किया उसके बाद मैंने उसे नंगा लेटा दिया। मैंने उसके बदन को बहुत अच्छे से चाटा उसके बाद मैंने उसकी योनि में जैसे ही अपने लंड को डाला तो वह चिल्लाने लगी। उसकी योनि से बहुत तेज खून आ रहा था मैंने उसको दोनों पैरों को कसकर पकड़ा हुआ था और मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के देते जाता। अब उसकी योनि से पानी बाहर की तरफ आने लगा था और उसकी योनि पूरी गीली हो चुकी थी। उसे बहुत मजा आ रहा था और वह मेरा साथ दे रही थी जब मैं उसे झटके मरता तो वह अपने मुंह से सिसकियां ले रही थी और उसके मुंह से गरम सासे निकल रही थी। मैंने उसके स्तनों को चूसना शुरू किया तो उसे बहुत अच्छा लगा रहा था। वह कहने लगी कि आप मुझे ऐसे ही धक्के मारते रहो लेकिन कुछ देर बाद वह झड गई उसने अपने दोनों पैरों से मुझे जकड़ लिया। मैं उसे ज्यादा समय तक झटके नहीं मार पाया और जब मेरा माल ताप्ती की योनि में गया तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया। जब वो खड़ी हुई तो उसकी योनि से मेरा वीर्य बाहर निकल रहा था और उसने अपनी योनि को साफ करते हुए अपने कपड़े पहन लिए। मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए उसके बाद से मैं उसे हमेशा ही चोदता हूं और उसे भी बहुत अच्छा लगता है जब मैं उसे साथ सेक्स करता हूं।