बड़ी बहन की चुदाई की लीला देखा
नमस्कार दोस्तों मेरी बहन का नाम सुरभी है और हमारी फेमिली में मेरी माँ और मेरी बहन है। मेरे पापा की कुछ समय पहले एक बीमारी की वजह से म्रत्यु हो गयी थी। मेरी उम्र 20 साल है और में एक कॉलेज में पड़ता हूँ.. मेरी बहन की उम्र 23 साल है और वो एक स्कूल में पढाती है। मेरी बहन सुरभी बहुत ही सेक्सी है। उसका फिगर 34डी-32-37 है.. रंग गोरा नहीं है.. लेकिन काली भी नहीं है.. वो थोड़ा साफ कलर की लड़की है जिसको देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाता होगा.. उसके बाल बहुत काले है और लंबे भी है।
सुरभी का स्कूल 12.30 को खत्म हो जाता है। एक दिन में उसके स्कूल के पास से गुजर रहा था तो मैंने देखा कि वो किसी लड़के के साथ खड़ी थी और कुछ बातें कर रही थी। तभी थोड़ी ही देर में एक मेडम आई और सुरभी को साथ लेकर चली गयी और मैंने देखा कि वो लड़का और एक दूसरा आदमी उसके पीछे चले गये.. वो दोनों लड़के शायद उसके स्कूल के टीचर थे। फिर रास्ते में उन्होंने अपनी बाईक रोकी और एक पान की दुकान पर खड़े हो गये और एक दूसरे से बातें करने लगे। में भी उसके पास में रुक गया और उनकी बातें सुनने लगा.. वो आपस में बातें कर रहे थे कि यार शिव तूने तो सुरभी मेडम को चोदा है ना?
शिव : हाँ प्रताप कई बार चोदा है.. सुरभी बड़े मज़े करती है.. लेकिन तू क्यों पूछ रहा है? क्यों तूने भी तो सपना मेडम को चोदा है ना?
प्रताप : हाँ यार.. लेकिन वो तो बड़ी औरत है। उसमे मज़े नहीं है वो 36 साल की है और सुरभी मेडम तो शायद 24-25 साल की होगी।
शिव : हाँ यार सुरभी की तो बात ही कुछ और है उसके मुम्मे बड़े ही मस्त है और उसकी गांड तो जैसे कयामत है यार।
प्रताप : और उसकी चूत?
शिव : अरे यार तुझे चोदना है क्या सुरभी को? साफ साफ क्यों नहीं रहा है?
प्रताप : तू कुछ करवा सकता है क्या? तो प्लीज़ तू सपना को चोद सकता है।
शिव : चल पहले सपना मेडम के घर देखते है कि कुछ होता है कि नहीं?
फिर वो दोनों लोग सपना मेडम के घर पर चले गये और मैंने देखा कि मेरी बहन सुरभी की स्कूटी वहां पर खड़ी थी और वो लोग अंदर चले गये.. में बाहर से देखना चाहता था कि अंदर क्या होता है? तो मैंने एक खिड़की से अंदर देखा कि क्या हो रहा है? और जैसे ही वो लोग अंदर गये।
सपना मेडम : आइए शिव.. सर आप तो पहली बार हमारे घर पर आए है ना।
शिव : सुरभी मुझे लेकर ही नहीं आती और मैंने तो उसे कई बार बोला है।
सुरभी वहां पर एक तरफ खड़ी थी और दोनों के लिए पानी लेकर आई और उन्हें पानी दिया और बाद में हॉल में सब लोग बैठ गये और बातें करने लगे। तभी शिव बोला कि चलो कुछ करते है। बातें करते करते तो बोर हो गये है। तो सुरभी यह बात सुनकर हल्की सी मुस्कुरा उठी तो सपना मेडम ने उससे बोला कि सुरभी क्या तुझे भी जल्दी है शिव की तरह? तो सुरभी शरमा गयी और कुछ नहीं बोली सिर्फ़ एक स्माईल दे दी।
शिव : मुझे जल्दी नहीं है.. सपना मेडम में तो कुछ और ही कहना चाहता था कि कुछ टीवी और खेल खेलते है.. वैसे सपना मेडम आपका बाथरूम कहाँ पर है?
सपना मेडम : चलो में दिखाती हूँ और यह कहकर वो और शिव सर अंदर चले गये और सुरभी और प्रताप बाहर बैठे थे और इधर उधर की बातें कर रहे थे।
प्रताप : सुरभी मेडम आप तो बहुत ही सुंदर हो शिव का तो नसीब ही खुल गया है जो आप जैसे।
सुरभी : आप जैसे क्या?
प्रताप : मेरा मतलब है कि आप जैसे सेक्सी लड़की के साथ उसकी तो ऐश है।
सुरभी : में इतनी सुंदर हूँ क्या?
प्रताप : मैंने आपसे अच्छी किसी लड़की को नहीं देखा.. क्या सेक्सी फिगर है आपका ?
इतने में ही सपना मेडम और शिव सर बाहर आते है और वो लोग बातें करना बंद कर देते है और शिव सर आते ही कहते है कि मैंने कल रात को एक इंग्लीश फिल्म देखी थी। उसमे आपस में एक बहुत ही मस्त खेल खेलते है।
सपना मेडम : तो फिर क्यों ना हम भी खेलें? क्यों सुरभी क्या ख्याल है तेरा?
सुरभी : हाँ हाँ क्यों नहीं.. पहले बताओ तो सही क्या खेल है? और रूल्स क्या है?
शिव : में रूल्स और खेल खेलने के बाद ही बताऊंगा बोलो क्या तुम्हे मंजूर है? तो सब खेलो वरना कोई बात नहीं। फिर सब कहते है कि ठीक है खेलते है और फिर शिव सपना मेडम को कार्ड लाने को कहता है। सब सोफे पर बैठे थे है और खेल शुरू करते है और 30 मिनट खेलने के बाद स्कोर होता है। सपना मेडम 5 बार जीती और सुरभी Four बार हारी.. प्रताप Three बार हरा और शिव सर 2 बार जीते। अब शिव सब को बताता है कि रूल्स क्या है उस फिल्म में जिसका सबसे ज्यादा स्कोर होता है वो किसी को भी पूरी रात अपने कमरे में ले जा सकता है और हम यहाँ पर 6 बजे तक का टाईम फिक्स करेंगे क्यों ठीक है?
सपना मेडम : यानी किसी भी पार्ट्नर के साथ मजा और कोई भी पार्ट्नर.. यही ना।
शिव : हाँ ठीक है.. लेकिन बड़े स्कोर वाला पहले चुन कर सकता है।
फिर सब एक दूसरे के सामने देख रहे थे। तभी सपना मेडम ने सबसे पूछा कि क्यों किसी को कोई समस्या नहीं है ना? अगर है तो वो बता दे हम यह खेल बंद कर सकते है। तभी प्रताप बोला कि कोई समस्या नहीं है.. सुरभी ने भी धीरे से अपना सर हाँ में झुका दिया।
सपना मेडम : आप सब तो जानते ही है कि मैंने और प्रताप सर ने तो कई बार मजा किया है तो में प्रताप सर का तो नहीं चुनाव करूँगी। सुरभी के साथ में एंजाय कर नहीं सकती.. सुरभी मुझे माफ़ करना.. लेकिन मुझे शिव को ही चुनना करना पड़ेगा.. तुम्हे कोई विरोध तो नहीं है ना?
सुरभी : सब की मर्ज़ी है तो में कोई विरोध नहीं करूँगी।
फिर इतना कहकर सपना मेडम शिव सर का हाथ पकड़कर कमरे में चलने लगी और सुरभी को बोली कि अपना ख्याल रखना और तुम अपने कमरे में चले जाना.. वहां है तुम्हारा कमरा और वो लोग कमरे में चले गये। मेरी बहन और प्रताप सर बाहर ही थे.. तो प्रताप सर ने सुरभी को बोला कि क्यों चलना है कमरे में या फिर यहीं पर बैठते है? तो सुरभी थोड़ी देर बाद बोली कि जैसी आपकी मर्ज़ी.. आप कमरे में जाइए में अभी आती हूँ।
फिर प्रताप सर कमरे में चले गये और सुरभी किचन से पानी की बोतल लेकर अंदर कमरे में गयी। तो मैंने भी अब अपनी खिड़की बदल दी थी और दूसरी खिड़की से अंदर की तरफ देख रहा था। सुरभी ने काली कलर की स्कर्ट और काले कलर का टॉप पहना हुआ था.. फिर वो कमरे में अंदर आ गयी। तो प्रताप सर ने बोला कि सुरभी ज़रा दरवाजा बंद कर देना। तो उसने दरवाजा बंद कर दिया और दरवाजे के पास ही खड़ी रह गयी।
प्रताप : शरमाओ मत आ जाओ सुरभी.. में तुम्हे बहुत मज़े दूंगा जो शिव नहीं देता होगा।
सुरभी : में आपको इतनी अच्छी लगती हूँ क्या? तो यह सुनकर प्रताप बेड से खड़ा हुआ और सुरभी के पास जाकर उसको अपनी बाहों में उठा लिया।
सुरभी : छोड़िए ना क्या करते हो? क्या में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.. मुझे नीचे उतारिए ना।
प्रताप सुरभी को बेड के ऊपर उतार देता है और उसके हाथ पकड़ कर चूमता है और बोलता है.. सुरभी मेरी रानी आज मुझे करने दो.. दिल खोलकर अपने हुस्न के जलवे दिखा दो मुझे.. तुम खुश तो हो ना मेरे साथ.. तुम्हे कोई समस्या हो तो में चला जाता हूँ।
सुरभी : नहीं नहीं मुझे इसमें कोई समस्या नहीं है जानू और में तो बहुत खुश हूँ कि मुझे आज एक नया आनंद मिलने वाला है।
प्रताप : वाह मेरी रानी आजा अपने यार की बाहों में आ जा।
फिर यह कहकर प्रताप सर ने सुरभी को अपनी बाहों में भर लिया और उसको चूमने लगे.. सुरभी भी प्रताप सर को सहलाने लगी थी और वो दोनों एक दूसरे को लिप किस करने लगे.. सुरभी बोल रही थी कि आअहह प्रताप क्या चूमते हो तुम.. बहुत मज़ा आ रहा है और चूमो मुझे आआहह मेरे राजा आहह क्या बाहें है तुम्हारी में तो पूरी की पूरी समा गयी इसमे अह्ह्ह। तो प्रताप बोल रहा था.. सुरभी क्या रसीले होंठ है तुम्हारे जी करता है खा जाऊँ इनको.. क्या गुलाबी होंठ है रानी तुम तो सच में सेक्स की टीचर हो.. मुझे बाकी के अंगो का भी तो दर्शन करवाओ ना मेरी जान।
सुरभी : थोड़ा सब्र करो मेरे राजा.. सब कुछ दिखा दूँगी यह बदन अब तुम्हारा ही है.. लेकिन पहले यह बताओ तुम्हे रंग कौन सा पसंद है मेरे राजा?
प्रताप : क्यों रंग का क्या करना है? वैसे मुझे काला कलर पसंद है क्यों?
सुरभी : नहीं ऐसे ही शिव को लाल पसंद है तो में उसके लिए.. लेकिन तुम्हारी पसंद का इंतजाम हो जाएगा मेरे राजा। अब तुम मुझे चोदो और तुम भी कपड़े चेंज कर लो में अभी आती हूँ।
तो यह कहकर सुरभी बाहर चली गयी और बेग लेकर वापस आ गयी और बाथरूम में चली गयी। फिर थोड़ी देर बाद जब वो वापस आई तो पूछो ही मत.. मेरा लंड भी खड़ा हो गया। क्या कयामत लग रही थी? वो खुले बाल, एक छोटी सी पारदर्शी मेक्सी उसके घुटनों के ऊपर तक.. क्या पैर थे उसके? जाँघ भी साफ साफ दिख रही थी.. एकदम चिकनी कसी हुई थी। प्रताप सिर्फ़ अंडरवियर में था और उसका लंड साफ दिख रहा था।
सुरभी बेड के पास खड़ी हो गयी तो प्रताप ने उसे अपने ऊपर खींच लिया और उसके होंठ पर अपने होंठ पर रख दिए और चूमने लगा और साथ ही साथ उसने सुरभी के मुम्मे को भी दबाना शुरू कर दिया था। तो सुरभी भी उसके ऊपर अपना बदन रगड़ रही थी और फिर प्रताप ने सुरभी के पैरों के पास जाकर उसको चूमना शुरू कर दिया और मेक्सी को ऊपर उठाता गया। फिर प्रताप ने अब सुरभी की मेक्सी को निकाल दिया.. तो सुरभी अब सिर्फ़ ब्रा, पेंटी में थी और वो काले कलर की पेंटी क्या सेक्सी लग रही थी।
प्रताप : सुरभी मेरी रानी मेरे लिए तूने अपनी यह ब्रा और पेंटी बदल दी ना? मज़ा आ गया क्या लग रही हो जानेमन?
सुरभी : तुम भी तो मुझे अपना दिखाओ ना प्रताप और फिर यह कहकर सुरभी ने प्रताप की अंडरवियर पर हाथ रख दिया और ऊपर से ही सहलाने लगी और लंड को बाहर निकाल दिया।
प्रताप : सुरभी कैसा है? क्यों शिव से बड़ा है या नहीं?
सुरभी : हाँ थोड़ा बड़ा होगा.. लेकिन प्यारा भी है और यह कहकर उसने उसे अपने हाथों में भर लिया और सहलाने लगी। तो प्रताप बोला कि अरे अपने इन गुलाबी होंठो से उसे थोड़ा प्यार तो करो.. यह कहकर उसने अपना लंड सुरभी के मुहं के पास रख दिया और उससे कहा कि सुरभी लंड चूसो मेरी रानी.. यह लंड आज तुम्हारा ही है।
सुरभी : बस आज ही मेरा है दोबारा इसको नहीं दोगे मुझे.. यह कहकर उसने उसे अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी।
फिर मेरी बहन एक रांड की तरह बड़े अच्छे से लंड को चूस रही थी और अपने गले तक लंड को भर लेती थी। प्रताप ने अब सुरभी की ब्रा को खोल दिया और उसके बड़े-बड़े मुम्मे आज़ाद हो गये.. प्रताप उसे दबाने लगा और लंड सुरभी को चुसवा रहा था और बोल रहा था कि क्या लंड चूसती है तू और ज़ोर से चूस रंडी.. क्यों अब तक कितने लंड चूस चुकी हो सुरभी रानी?
सुरभी : तुझे उससे क्या है कि कितने लंड चूस चुकी हूँ में? हाँ तुझे बता दूँ कि तेरा लंड चूसकर मुझे बहुत मज़ा आ रहा है राजा।
फिर प्रताप ने अब सुरभी को बेड पर लेटा दिया और उसके एक मुम्मे को चाट रहा था और एक को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और बोल रहा था कि सुरभी आज से तू मेरी रंडी है में जैसे चाहूँ तुझे चोद सकता हूँ और तेरे मुम्मे को दबा सकता हूँ समझी मेरी रंडी। तो सुरभी बोली कि हाँ रे मेरे भडवे में तेरी रंडी हूँ और ज़ोर से दबा भोसड़ी के। फिर प्रताप ने सुरभी की पेंटी उतार फेंकी और उसकी चूत को देखकर पागल हो गया। क्या चूत है सुरभी तेरी? मैंने ऐसी चूत कभी नहीं देखी है एकदम चिकनी है रूई की तरह.. मेरा तो जी करता है खा जाऊँ इसको और उसकी चूत को चाटने लगा।
सुरभी : खा जाना तेरी ही है यह चूत मेरे राजा खा जा या फिर फाड़ दे इस चूत को आज और थोड़ी देर तक चूत चूसने के बाद प्रताप अब खड़ा हो गया और बोला कि मेरी सुरभी रानी तैयार हो ना अपनी चूत में मेरा लंड लेने के लिए और लंड का सुपाड़ा सुरभी की चूत पर रगड़ने लगा तो सुरभी बोली कि मेरे राजा अब डाल दे लंड को मेरी चूत में.. आज इसकी आग बुझा दे। आज एक नया लंड लेने के लिए मेरी चूत बहुत बेकरार हो रही है डाल दे जल्दी मेरे राजा।
यह बात सुनते ही प्रताप ने एक झटका मारा और आधा लंड सुरभी की चूत में डाल दिया और सुरभी ने भी नीचे से अपनी गांड को उठाकर लंड का स्वागत किया। फिर एक झटके के साथ पूरा का पूरा लंड सुरभी की चूत की गहराईयों में समा गया और प्रताप उसे चोदने लगा।
सुरभी भी बड़ी मस्ती के साथ उसके हर एक धक्को का साथ देती हुई उससे चुदवा रही थी और बोल रही थी आआअहह ऊईईईईई माँ क्या लंड है तुम्हारा? प्रताप चोदो मुझे और ज़ोर से चोदो ना प्रताप.. आह्ह्ह्ह्ह्ह् मेरी चूत धन्य हो गयी तुम्हारे लंड से चुदवाकर.. फाड़ दो अपनी सुरभी की चूत को प्रताप आहह मज़ा आ गया। बड़ा मस्त चोदते हो तुम.. सच में मुझे मज़ा आ गया। फिर प्रताप भी सुरभी को ज़ोर ज़ोर से धक्के मारते हुए उसके मुम्मे को दबाते हुए बोल रहा था.. हाँ सुरभी अब तक तू कहाँ थी मेरी रानी पहले क्यों नहीं चुदवाया तूने मुझसे। में तो कब से तुम्हे चोदना चाहता था.. जब भी में स्कूल में तुम्हारी गांड को मटकता हुआ देखता था तो जी करता था कि अभी तुम्हारी गांड मार दूँ। मेरी जान क्या चूत है तुम्हारी और क्या मुम्मे है आज मज़ा ही आ गया रानी तुझे चोदने में और अब तू तैयार हो जा.. में तेरी गांड में भी लंड डालना चाहता हूँ.. मेरा लंड भी तो देखे कि तेरी गांड में कितना दम है।
सुरभी : हाँ में गांड भी मरवा लूँगी पहले अच्छे से चोद तो सही और यह गांड भी तुम्हारी है और यह चूत भी तुम्हारी है और हाँ अब तू मुझे जब चाहे चोद सकता है मेरे राजा.. तू जब भी चोदना चाहे में यह चूत लेकर आ जाउंगी तेरा लंड लेने के लिए और चोद ज़ोर से और ज़ोर से चोद मेरे राजा।
प्रताप ने अब अपना लंड सुरभी की चूत में से निकाल लिया और बोला कि चल खड़ी हो जा में तुझे कुतिया की तरह चोदना चाहता हूँ.. तो सुरभी भी जल्दी से कुतिया की तरह अपने दोनों पैरों पर खड़ी हो गयी और बोली कि चल आ जा मेरे राजा में तैयार हूँ लंड लेने के लिए। तो प्रताप ने अपना लंड सुरभी की चूत में डाल दिया और उसको पीछे से पकड़कर चोदने लगा और उसके मुम्मे भी दबा रहा था और गांड भी सहला रहा था।
सुरभी अपनी गांड पीछे धकेलती हुई लंड अपनी चूत में डलवा रही थी और आआऊऊऊईईईई माँ और चोद और ज़ोर ज़ोर से चोद.. अपनी सुरभी की चूत फाड़ दे आज मेरे राजा.. मार और ज़ोर से धक्के मार.. तेरा लंड मेरी चूत के अंदर तक ठोकर मार रहा है। प्रताप अब थक गया था तो उसने सुरभी की चूत में से लंड निकाल दिया और बेड पर लेट गया और सुरभी को बोला कि आ जा मेरे ऊपर और ऐसे चुदवा अपनी इस रसीली चूत को।
तो सुरभी ने अपने दोनों पैर फैलाए और प्रताप सर का लंड अपने हाथ में लेकर उसको अपनी चूत पर रखकर अपनी चूत में डाल लिया और ऊपर बैठकर उचकने लगी और प्रताप नीचे से उसके मुम्मे को पकड़कर दबाता हुआ नीचे से लंड को सुरभी की चूत में डालने लगा और वो दोनों बड़ी मस्ती से चुदाई का खेल खेल रहे थे।
तभी थोड़ी देर में सुरभी की सांसे तेज होने लगी और वो बोल रही थी हाँ और ज़ोर से चोदो प्रताप और ज़ोर से चोदो में अब झड़ने वाली हूँ.. अहह और ज़ोर से आअहह माँ में गईईईईईइ में झड़ गई प्रताप.. फिर सुरभी की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया.. लेकिन प्रताप अब भी धक्के लगाता जा रहा था और थोड़ी देर में प्रताप भी तेज़ी से चोदने लगा और बोल रहा था कि सुरभी मेरी रानी कहाँ लेगी मेरा पानी.. बोल ना जल्दी मेरी रंडी.. कहाँ लेगी बोल।
सुरभी : मेरी चूत में ही निकाल दो.. में पहली चुदाई में पानी चूत में ही लेती हूँ.. भर दो मेरी चूत को अपने पानी से और थोड़ी ही देर में प्रताप के लंड से वीर्य का फव्वारा निकला और सुरभी की चूत में भर गया और दोनों एक दूसरे के ऊपर थोड़ी देर पड़े रहे। तभी थोड़ी देर बाद सुरभी उठी और बाथरूम में चली गयी और वापस नंगी ही बाहर चली आई। फिर प्रताप ने अपनी बाहें फैलाई और वो उसके पास में लेट गयी और दोनों एक दूसरे को किस करने लगे।
तभी प्रताप बोला कि सुरभी मेरी रानी अगली बार चुदवाओगी ना मुझसे? सुरभी बोली कि हाँ ज़रूर चुदवाऊँगी तुझसे मेरे राजा.. तू तो बहुत अच्छा चोदता है। जब भी तेरा लंड मेरी चूत को बुलाएगा तो मेरी चूत पानी छोड़ते हुई आ जायेगी तेरे लंड से चुदवाने के लिये और हाँ अगली बार में तुम्हारा पानी अपने मुहं में लूँगी.. समझे मेरे गांडू राजा।
फिर थोड़ी देर के बाद वो दोनों हॉल में वापस आए। सुरभी मेक्सी में और प्रताप सर सिर्फ़ अंडरवियर में और वहां पर पहले से ही शिव सर और सपना मेडम बैठे थे.. वो दोनों भी यानी शिव सर अंडरवियर में और सपना मेडम सिर्फ़ ब्रा, पेंटी में थी।
फिर सुरभी को बाहर निकलते देख शिव सर ने उसे एक स्माईल दी और इशारा किया उनके पास आने का तो सुरभी उनके पास चली गयी। सुरभी थोड़ा शरमा रही थी और उनसे नज़रे नहीं मिला रही थी तो शिव सर ने सुरभी का हाथ पड़ाकर उसे अपनी गोद में बैठा लिया और एक किस देकर पूछा कि सुरभी मज़ा नहीं आया क्या? तेरी चूत ठंडी हो गयी ना.. बोल ना कैसा था प्रताप का लंड?
सुरभी : हाँ मेरे राजा मुझे तो प्रताप सर के लंड से चुदवाने में मज़ा आया.. लेकिन क्या तुझे सपना मेडम की चूत में लंड डालकर एक नयी चूत चोदने में मज़ा आया कि नहीं?
शिव : हाँ.. सपना तो बहुत चुदक्कड़ है साली.. पूरी की पूरी रंडी की तरह टाँगे उठा उठाकर चुदवाती है।
प्रताप : अरे यारो मुझे तो सुरभी की चूत चोदने में बहुत ही मज़ा आया.. क्या चुदवाती है रंडी? क्या मुम्मे है रे साली के?
सपना मेडम : मुझे भी शिव के नये लंड में बहुत मज़ा आया।
दोस्तों इस तरह उन सभी की बातें चलती रही और वो थोड़ी देर बाद एक दूसरे को सहलाने लगे। करीब एक घंटे के बाद वो सभी अपने अपने कपड़े पहनने लगे और में भी मौका देखकर वहां से निकल गया.. लेकिन उसके बाद मेरी बहन ने उनसे चुदाई का सिलसिला जारी रखा और वो चुदवाती रही।