जीजा के मामा का काला लंड
Jija ke mama ka kala lund:
incest intercourse kahani, antarvasna
मेरा नाम पारुल है मैं दिल्ली की रहने वाली हूं, मैं बड़ी ही मस्त और बिंदास लड़की हूं। मेरी उम्र 22 वर्ष है और मैं अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर चुकी हूं, मैंने ग्रेजुएशन के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ दी और मैं अब घर पर ही हूं। मेरी बहन की शादी को 5 वर्ष हो चुके हैं और मैं काफी समय से अपनी बहन से भी नहीं मिली थी इसीलिए मैं एक दिन सोचने लगी कि क्यों ना अपनी बहन से मिल आती हूं। मैंने अपनी बहन शांति को फोन किया और उसे कहा कि मैं तुमसे मिलने आने वाली हूं, वह मुझे कहने लगी तुम कुछ दिनों बाद घर पर आना क्योंकि तब तक तुम्हारे जीजा भी आ जाएंगे और हम लोग साथ में कहीं घूमने का प्लान बनाएंगे।
मैंने अपनी बहन से कहा ठीक है मैं कुछ दिन रुक कर आती हूं क्योंकि मैं काफी समय से उससे मिली भी नहीं थी इसलिए मैंने अपने मिलने का पूरा मन बनाया हुआ था। मैं जब कुछ दिनों बाद अपनी बहन से मिलने गई तो मेरे जीजाजी भी घर पर आ गए थे, वह रोहतक में स्कूल में पढ़ाते हैं और वह रोहतक में ही रहते हैं इसीलिए वह दिल्ली कम आते हैं लेकिन जब वह दिल्ली आए तो मैं उनसे मिलकर बहुत खुश हुई क्योंकि मैं भी अपने जीजा से काफी समय से नहीं मिली थी, उनकी और मेरे बीच में बहुत जमती है, वह भी बिल्कुल मेरी तरह ही बिंदास व मस्त हैं, वह इतने ज्यादा अच्छे हैं कि मुझे जब भी कोई जरूरत होती है तो मैं अपने जीजा को बेझिझक कह देती हूं और वह हमेशा ही मेरी हर चीज को पूरा कर देते हैं। एक दिन मेरे कॉलेज में मैं अपने एक फ्रेंड की कार चला रही थी, मुझे कहीं जाना था इसलिए मैंने उस दिन उससे कार मांग ली, जब मैं उसकी कार लेकर जा रही थी तो रास्ते में ही मेरा एक्सीडेंट हो गया और उसकी गाड़ी भी काफी बुरी तरीके से डैमेज हो गई थी, मैं यदि घर में यह बात बताती तो पापा मुझे बहुत डांटते इसलिए मैंने उस वक्त अपने जीजा को फोन किया, मेरे जीजा जी ने कहा कि तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारे दोस्त के अकाउंट में पैसे भिजवा दूंगा। उन्होंने उसके अकाउंट में पैसे भिजवाए और उसके बाद वह अपनी कार को ठीक करवा पाया। यह बात मेरे जीजा ने किसी को भी नहीं बताई, यह बात सिर्फ हम दोनों के बीच में ही थी, यह बात ना तो मेरी बहन को पता है और ना ही मेरे परिवार के किसी भी सदस्य को यह बात मालूम है। उस दिन तो हम लोगों ने खूब बातें की और खूब इंजॉय भी किया, मैंने डोमिनो से पिजा भी मंगा लिया था क्योंकि मुझे पिज्जा बहुत पसंद है।
अगले दिन सुबह जब मैं उठी तो मुझे बाहर हॉल से बड़ी तेज आवाज आ रही थी, मुझे लगा यह पता नहीं कौन चिल्ला रहा है और मेरी उनकी वजह से नींद भी खुल गई, जब मैं नींद से उठ कर बाहर हॉल में गई तो मैंने देखा मेरे जीजाजी के मामा बाहर हॉल में बैठे हैं और वही काफी तेज आवाज में बात कर रहे थे। मैंने भी अपना मुँह हाथ धोया और उन लोगों के साथ बैठ गई, उनके साथ ही मैं बात करने लगी। जब मैं उनसे बात कर रही थी तो मेरे जीजा कहने लगे महारानी साहिबा तुम उठ गई, वह मुझे बहुत ही छेड़ते हैं इसलिए मैं भी उन्हें काफी परेशान करती हूं, मैंने उन्हें कहा हां जीजा जी मैं उठ गई। हम लोग बैठ कर बात कर रहे थे और मेरे जीजा कहने लगे मुझे अभी कहीं काम से जाना है आप लोग बात कीजिए, मैं अभी चलता हूं। वह अपने काम पर चले गए और मैं उनके मामा के साथ में बैठी रही, उनका नाम राकेश है और वह मेरे जीजाजी को बहुत पसंद करते हैं, उन्हें वह काफी समझाते हैं। मेरे जीजा जी के मामा का बहुत अच्छा कारोबार है, वह एक अच्छे व्यापारी हैं। मेरी दीदी नाश्ता बना रही थी, वह मुझे कहने लगी क्या तुम अभी नाश्ता करोगी या थोड़ा रूक कर करोगी, मैंने दीदी से कहा आप थोड़ा रुक जाइए मैं फ्रेश होती हूं उसके बाद ही नाश्ता करुंगी। राकेश जी नाश्ता करने लगे और वह मुझसे नाश्ता करते हुए बात कर रहे थे। मैंने उन्हें कहा कि मैं फ्रेश हो जाती हूं उसके बाद मैं भी नाश्ता करती हूं, मैं फ्रेश होने चली गई, मैं काफी दिनों से नहाई नहीं थी इसलिए मैंने सोचा आज नहा लिया जाए। मैं उसके बाद नहाने लगी, मैं काफी देर तक बाथरूम में ही थी, जब मैं बाहर आई तो मैंने अपनी दीदी के ड्रेसिंग टेबल से उनका मेकअप का सामान निकाल लिया, उनकी मेकअप किट के अंदर बहुत सारा सामान पड़ा था, मैं उसे यूज़ करने लगी और जब मैं तैयार हो गई तो मैं बाहर हॉल में चली गई। मामा जी भी नाश्ता कर रहे थे और ना जाने वह कितना ज्यादा खाना खाते हैं, मैं काफी देर उनके साथ बैठी रही। वह मुझे कहने लगे तुम्हारा आज क्या प्रोग्राम है, मैंने उन्हें कहा मैं तो आज घर पर ही हूं और आज अपनी दीदी के साथ ही रहूंगी।
मुझे वह कहने लगे मै आज तुम्हें कहीं घुमा कर लाता हूं। मैंने पहले सोचा उनके साथ जाना मेरे लिए बोरिंग होगा लेकिन उन्होंने मुझसे जीद की, मेरी बहन ने भी मुझे कहा तुम मामा के साथ चले जाओ। मैं उनके साथ घूमने के लिए चली गई, जब मैं उनकी कार में बैठी थी तो मैंने उनके डैशबोर्ड पर एक सेक्सी सी लड़की की फोटो देखी। उन्होंने मेरी जांघ पर हाथ रखा तो मैं मचलने लगी, मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया मुझे नहीं पता था कि वह इतने ज्यादा ठरकी किस्म के व्यक्ति हैं लेकिन उनके ठरक मुझे अच्छी लग रही थी। उन्होंने मेरी जांघ पर ऐसे हाथ फेरा की मे उत्तेजित हो गई थी, वह मुझे अपने एक दोस्त के घर ले गए वहां पर कोई भी नहीं था। जब उन्होंने अपने काले लंड को अपनी पेंट से बाहर निकाला तो मैंने उनके लंड को अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी। मै उनके लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे कोई लॉलीपॉप चूस रही हूं, उनका लंड बड़ा ही काला सा था। जब उन्होंने मुझे नंगा किया तो उन्होंने मेरे होठों का जाम काफी देर तक पिया, उन्होंने मेरे स्तनों का रसपान किया तो उनका लंड में अपने हाथ से हिला रही थी। उन्होंने मुझे लेटाते हुए मेरे दोनों पैर चौड़े कर दिए, मैंने उनसे कहा मामा जी आज आपके काले लंड को मैं अपनी चूत में लूंगी तो मुझे अच्छा लगेगा।
उन्होंने मेरी चूत से अपने लंड को सटाते हुए धीरे धीरे अंदर डालने की कोशिश की और जैसे ही उनका लंड मेरी चूत के अंदर चला गया तो मैं पूरी उत्तेजित हो गई। उन्होंने मुझे तेजी से झटके देने शुरू कर दिया, उन्होंने मेरी दोनों पैरों को इतना चौडा कर लिया कि मैं भी ज्यादा समय तक उनके लंड की गर्मी को बर्दाश्त नही कर पाई, जब मैं झड़ने वाली थी तो उस वक्त मैंने अपने दोनों पैर चौडे कर रखे थे, जब मैं झड़ गई उसके बाद उन्होंने मेरे दोनों पैरों को कसकर पकड़ लिया। मेरी योनि से पानी बाहर निकल रहा था लेकिन मेरी योनि से खून भी बाहर की तरफ को निकलने लगा था जिससे कि मुझे बहुत दर्द महसूस हो रहा था। मामा जी का वीर्य झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था यह मेरा किसी उम्रदराज व्यक्ति के साथ पहला ही अनुभव था, उन्होंने मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया जब उनका वीर्य मेरी योनि के अंदर गिरा तो मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने पिचकारी से मेरी चूत के अंदर कोई गर्म पानी गिरा दिया हो। मैंने जब उनके लंड को देखा तो वह वैसा ही खड़ा था और मुझे एक बार और चोद सकता था। मैंने मामा से कहा आप एक बार और मुझे चोदो। वह लेट गए, उन्होने मुझे अपने ऊपर लेटाया तो मैंने उनके लंड को अपनी चूत के अंदर ले लिया, जैसे ही उनका काला लंड मेरी चूत में गया तो मुझे बड़ा तेज दर्द हुआ लेकिन मुझे अच्छा भी महसूस हो रहा था, मेरा खून निकलने पर लगा हुआ था। वह मुझे इतनी तेज गति से धक्के मारते की मेरी चूतडे बड़ी तेजी से हिलती, मै अपनी चूतड़ों को बड़ी तेजी से हिला रही थी और जिस प्रकार से मैं अपनी चूतड़ों को हिला रही थी, उसे ना तो मैं ज्यादा देर तक बर्दाश्त कर पाई और ना ही मामा जी ज्यादा देर तक बर्दाश्त कर पाए जब उनका गाढ़ा वीर्य दोबारा मेरी योनि के अंदर गिरा तो हम दोनों एक दूसरे को पकड़ कर लेट गए। मैं जब शाम को घर गई तो मुझे बहुत तेज बुखार हो गया।
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